JNUSU election 2018: Counting stopped after attempt of ballot capture


The counting has been stopped indefinitely and a meeting of Grievance Redressal Committee has been called fot further action.


Counting of votes for the Jawaharlal Nehru University Students’ Union (JNUSU) polls was stopped on Saturday when two principal contenders of an unnamed political group along with their supporters barged into a counting centre and tried to snatch ballot boxes, the varsity election committee said.

The counting of votes for the annual students’ elections began on Friday night at 10 p.m. after the polling concluded at 5.30 p.m.

“JNUSU EC 2018-19 hereby brings to the immediate notice that the counting process has been suspended due to forcible entry into the counting venue and attempting to snatch sealed ballot boxes as well as ballot papers.

“This was in addition to intimidation and violence on our Election Committee, including on our female members led by a presidential and a joint secretary candidate,” the committee said in a statement.

At around 4 a.m., vandals broke the window panes of the counting centre and injured a few students who tried to resist the attempt.

The counting has been stopped indefinitely and a meeting of Grievance Redressal Committee has been called for further action.

Motivational Seminar organized on “Career as an Officer in Indian Air Force”


Chandigarh, 14th September 2018: 

Under the guidance of Chandigarh Administration, the Regional Employment Exchange in association with Director Higher Education organized a Motivational Seminar on “Career as an Officer in Indian Air Force”.  The event was hosted by DAV College Sector-10, Chandigarh. Group Captain Manish Sabharwal, an Ex-NDA Officer and an alumnus of Defence Services Staff College and College of Air Welfare from DISHA CELL, Air Headquarter (New Delhi) was the motivational speaker of the event.

The event was inaugurated by Sh. Rubinderjit Singh Brar, PCS, Director, Higher Education. Dr. B.C.Josan, Principal, DAV College appreciated the event and motivated students. More than 500 students from different colleges actively participated in the event and came to know about various opportunities in Indian Air Force.  Major General(Retd) Sh. I.P.Singh, Director, Mai Bhago Armed Forces Preparatory Institute was also present on the occasion along with students of the institute.

Sh. Bikram Rana (SLO), Ms. Sanjeeda Beri (REO), Ms. Meenaksh Goyal (SREO) were also present.  Event was well organized by Dr. Puneet Raini (Placement Co-ordinator), Mr Bibek Bhuyan (NCC Air Wing Incharge) and Ms. Indu (Training and Placement Officer) and other staff members. Such efforts/events will continue in future also.

गुपचुप तरिके से मोदी सरकार द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार को सही करार देना सिख कौम के साथ विश्वासघात —

सिख एडवाइजरी कमेटी राजस्थान के कन्वीनर तेजिंदर पाल सिंह टिम्मा ने मोदी सरकार के उस फैसले की कड़ी निंदा की। जिसमे भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान ग्रिफ्तार किये गए जोधपुर जेल के नजरबन्दों के हक़ में व ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत करार देने के सैशन कोर्ट अमृतसर के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट चंडीगढ़ में अपील की है । उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भारत सरकार द्वारा 365 सिक्खों को ग्रिफ्तार करके जोधपुर जेल में बंद कर दिया था। पांच साल बाद जेल से रिहा हुए नजरबन्दों ने सरकार के खिलाफ केस कर दिया। 27 साल की लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने एतिहासिक फैसला देते हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत करार देते हुए जोधपुर जेल के नज़रबन्दों को मुआवज़े के तौर पर पांच पांच लाख रुपये मय ब्याज देने के आदेश जारी कर दिए। जो कि फैसले की तारीख तक तकरीबन 11-11 लाख रुपये बनता था। कोर्ट का फैसला आते ही सरकारी ख़ुफ़िया एजंसियां बौखला गई। क्योंकि कोर्ट के इस फैसले ने कानूनी तौर पर ऑपरेशन ब्लू स्टार को नाजायज कारवाई करार दे दिया। जो केंद्र सरकार के मुंह पर बहुत बड़ी चपेड़ थी। सार्वजनिक तौर पर चाहे हर सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की निंदा की। पर अंदरूनी तौर पर बुरी तरह खिसियाये हुए थे। आज कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा हाई कोर्ट में रिट पटीशन दायर करना इस बात का प्रत्य्क्ष सबूत है कि सरकार चाहे कांग्रेस की हो चाहे भाजपा की सिख कौम के प्रति सोच एक ही है।

टिम्मा ने राजस्थान सरकार में मंत्री सुरेंदर पाल सिंह टीटी,विधायक गुरजंट सिंह बराड़ व अल्प संख्यक आयोग के चैयरमैन जसबीर सिंह से अपील की कि वो तुरंत प्रभाव से सिख कौम की तर्जमानी करते हुए कौम की भावनाओं से सरकार को अवगत कराएं। कौम की भावनाओं से खिलवाड़ सिख कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकारों को अपनी नीति स्पष्ट करनी पड़ेगी। मुंह में राम बगल में छुरी वाली चालें खुद मोदी सरकार के लिए घातक होंगी। सिख विरोधी सोच है तो स्पष्ट बोलो। दोगली बातें त्यागनी पड़ेंगी। तभी देश उन्नति व प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।

 

किंगफिशर एयरलाइन्स विजय माल्या का था या राहुल गांधी और सोनिया गांधी का था: संबित पात्रा


माल्या के बयान के बाद भले ही उसमें भी कोई तथ्य नहीं हो, लेकिन, कांग्रेस की तरफ से राफेल की तरह इस मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाने की कोशिश तेज होगी


देश छोड़ कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के लंदन में दिए बयान के बाद सियासी बवाल मच गया है. विजय माल्या ने कहा कि ‘देश छोड़ने से पहले सेटलमेंट के लिए उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी.’ माल्या ने दावा किया कि ‘संसद भवन में उनसे मिलकर मैंने बैंकों के सेटलमेंट का ऑफर रखा.’

माल्या के इस बयान के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से सफाई भी आ गई. उन्होंने कहा कि ‘माल्या का दावा गलत है. 2014 से अब तक मैंने माल्या को कोई अप्वाइंटमेंट ही नहीं दिया. वह राज्यसभा सदस्य थे. कभी-कभी सदन में भी आते थे. मैं जब एक बार सदन से निकलकर अपने कमरे में जा रहा था तो वो साथ हो लिए.’ जेटली के मुताबिक, ‘माल्या ने चलते-चलते ही कहा कि वो सेटलमेंट की पेशकश कर रहे हैं, लेकिन, मैंने कहा कि मेरे साथ बात करने का कोई मतलब नहीं है. यह पेशकश बैंकों के सामने करे.’

विजय माल्या का बयान और उस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की सफाई आ गई. लेकिन, माल्या के बयान को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सीधा हमला बोल दिया. कांग्रस ने विजय माल्या के बयान के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरुण जेटली और माल्या के रिश्ते के मुद्दे को उठाया.

राहुल गांधी ने कहा कि ‘आमतौर पर जेटली लंबा ब्लॉग लिखते हैं लेकिन ऐसा क्या हुआ कि कल उन्होंने छोटा सा ब्लॉग लिखकर यह बताया कि विजय माल्या ने उन्हें जबरदस्ती पकड़ा.’ राहुल गांधी, विजय माल्या और अरुण जेटली के बीच रिश्ते को साबित करने के लिए अपने नेता पीएल पुनिया को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में आए थे.  पीएल पुनिया का दावा है कि उन्होंने खुद अरुण जेटली और विजय माल्या को बातचीत करते हुए देखा था.

पुनिया ने दावा किया कि ‘2016 के बजट सत्र के पहले दिन मैंने अरुण जेटली और विजय माल्या को एकसाथ खड़े होकर बात करते देखा. वो अंतरंग तरीके से बात कर रहे थे. सेंट्रल हॉल में करीब 5-7 मिनट तक उनकी बातचीत चलती रही. 1 मार्च 2016 को विजय माल्या वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करते हैं. उसके बाद 3 मार्च को यह खबर आती है कि 2 मार्च को माल्या देश छोड़कर भाग चुके हैं.’

पुनिया ने बताया कि यह खबर पढ़कर मैंने हैरानी से कहा, ‘अरे दो दिन पहले तो यह अरुण जेटली से मिले थे.’ उन्होंने आगे यह कहा कि तब से लेकर अब तक मेरे किसी भी मीडिया बाइट को देख लीजिए, मैं लगातार यह कह रहा हूं कि विजय माल्या अरुण जेटली से मिले थे.

कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर पीएल पुनिया ने मोर्चा संभालते हुए दावा किया कि ‘मेरी चुनौती है कि वह सीसीटीवी फुटेज चेक करें. अगर मेरी बात सच साबित होती है तो वो राजनीति छोड़ दें, अगर मेरी बात सच नहीं साबित होती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.’

पुनिया ने दोहराया कि वह पहली मार्च को आए. रजिस्टर में साइन किया कि वह जेटली से मिलना चाहते हैं. उनसे मिलकर लंदन भाग गए. पुनिया ने कहा, ‘मेरा मानना है और मेरा आरोप है कि जेटली ने माल्या से कहा कि आप लंदन चले जाइए.’

कांग्रेस इस मुद्दे पर सियासी हमले तेज करेगी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सवाल किया कि ‘ऐसा करने के लिए क्या अरुण जेटली के ऊपर कोई दबाव था.’ साफ है कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस की आक्रामकता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए सीधे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सामने आ गए. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने और विजय माल्या के साथ जेटली की मुलाकात को साबित करने के लिहाज से एक गवाह के तौर पर अपने नेता पीएल पुनिया को भी सामने कर दिया.

दरअसल, विपक्ष की तरफ से सरकार पर माल्या का बचाव करने और देश से भगाने के लिए सेफ पैसेज देने का आरोप पहले से ही लगाया जाता रहा है. विजय माल्या पर बैंकों का बकाया है. लेकिन, उनके विदेश भागने के बाद कांग्रेस की तरफ से लगातार यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सख्ती दिखाने की बात कहने वाली सरकार किस तरह भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम रही है.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की रणनीति है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और फिर आगे लोकसभा चुनाव तक इस मुद्दे को गरमाया जाए. हालांकि नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और ललित मोदी के मामले को लेकर भी पहले से ही कांग्रेस सरकार पर निशाना साधती रही है. लेकिन, विजय माल्या के हाल के बयान ने उसे चुनावों से पहले पूरे मुद्दे को नए सिरे से उठाने का मौका दे दिया है.

हालाकि कांग्रेस इस मुद्दे का कितना सियासी फायदा उठा पाएगी ये कहना कठिन है. क्योंकि कांग्रेस के इन दावों की पोल खोलने के लिए बीजेपी की तरफ से भी पूरी तैयारी की जा रही है. बीजेपी ने विजय माल्या के साथ राहुल गांधी-सोनिया गांधी के रिश्तों को उजागर कर उसके आरोपों की हवा निकालने की कोशिश की जा रही है.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ‘एक बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि किंगफिशर को मुश्किलों से निकालना होगा.’ पात्रा ने सवाल उठाया कि मनमोहन सिंह के इस बयान का क्या मतलब है. उन्होंने सवाल उठाया है कि यह रिश्ता क्या कहलाता है?

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना था कि ‘उस वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ चाय पर मीटिंग के बाद माल्या लोन दिलाने में मदद के लिए धन्यवाद पत्र लिखते हैं.’ बीजेपी ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी पर भी सवाल खड़ा किया है. बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल पूछा है कि ‘राहुल गांधी आप बताएं कि विजय माल्या के गुड टाइम्स में आपकी कितनी हिस्सेदारी है. किंगफ़िशर एयरलाइन्स विजय माल्या का था या राहुल गांधी और सोनिया गांधी का था.

बीजेपी की हमले का जवाब दूसरे बड़े हमले से देने की तैयारी

बीजेपी की तरफ से इस पूरे मामले में कांग्रेस पर पलटवार किया जा रहा है. बीजेपी यह दिखाना चाह रही है कि कांग्रेस और नेहरु-गांधी परिवार के साथ विजय माल्या के रिश्ते रहे हैं. ऐसा कर बीजेपी वित्त मंत्री अरुण जेटली पर लगे आरोपों की हवा निकालने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी और जेटली की बातों को देखें तो यह बात साफ है कि जब विजय माल्या को जेटली से कोई अप्वांइटमेंट नहीं मिला तो फिर उनकी मुलाकात कैसे हुई. बतौर सांसद माल्या की संसद भवन में एंट्री थी और उस वक्त एक सांसद के नाते अगर चलते-चलते उन्होंने कुछ कहा भी तो उसका कितना मतलब होगा और इसका क्या असर होगा.

लेकिन,कांग्रेस की तरफ से कोशिश यही हो रही है कि इस मुद्दे को जोर-शोर से उछाला जाए. कांग्रेस राफेल डील के मुद्दे को भी उठा रही है, लेकिन, उस मुद्दे पर भी फ्रांस सरकार की तरफ से सफाई आने के बाद अब कांग्रेस के पास कोई ठोस तथ्य नहीं है. लेकिन, कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार हमले कर रही है. भ्रष्टाचार का आरोप लगातार लगा रही है. सरकार पर राफेल डील में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है.

अब माल्या के बयान के बाद भले ही उसमें भी कोई तथ्य नहीं हो, लेकिन, कांग्रेस की तरफ से राफेल की तरह इस मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाने की कोशिश तेज होगी. लेकिन, तथ्य विहीन मुद्दे पर सियासी फायदा मिलने की उम्मीद करना कांग्रेस के लिए बेमानी होगी.

‘लोकतंत्र में प्रधानमंत्री भगवान नहीं होता.’,मोदी जैसे अनपढ़-गंवार व्यक्ति पर बनी फिल्म देखकर बच्चे क्या सीखेंगे? संजय निरुपम


‘सत्ताधारी पार्टी को हर शब्द पर आपत्ति करने की कोई जरूरत नहीं है और ‘लोकतंत्र में प्रधानमंत्री भगवान नहीं होता.’


मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरुपम ने बुधवार को विवादित बयान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निरक्षर बताया है. उनके इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है.

महाराष्ट्र के स्कूलों में पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी शॉर्ट फिल्में दिखाने के राज्य सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने मोदी को ‘अनपढ़ और गंवार’ बता दिया.

उन्होंने कहा कि ‘जबरन फिल्म दिखाने का फैसला गलत है. बच्चों को राजनीति से दूर रखना चाहिए. मोदी जैसे अनपढ़-गंवार व्यक्ति पर बनी फिल्म देखकर बच्चे क्या सीखेंगे? बच्चों और लोगों को तो यह भी नहीं पता कि प्रधानमंत्री के पास कितनी डिग्रियां हैं.’

निरुपम के ये बयान देने के बाद से बीजेपी नेताओं ने उनपर हमला करना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र बीजेपी की प्रवक्ता शाइना एनसी ने निरुपम को ‘मानसिक तौर पर विक्षिप्त’ करार दिया.

शाइन एनसी ने ट्वीट किया, ‘मानसिक रूप से विक्षिप्त संजय निरुपम की एक और अप्रिय टिप्पणी. शायद वो भूल गए हैं कि नरेंद्र मोदी को 125 करोड़ भारतीयों ने चुने गए हैं, जो ‘अनपढ़ या गवार’ नहीं हैं.’

वहीं, बीजेपी सांसद अनिल शिरोले ने कहा, ‘प्रधानमंत्री एक पार्टी के प्रतिनिधि नहीं हैं, वह देश और इसके लोगों के प्रधानमंत्री हैं. संजय निरुपम ने हमारे प्रधानमंत्री का अपमान करके उनके कार्यालय, देश का अपमान किया है.’

संजय निरुपम ने बाद में अपने बयान पर सवाल उठाए जाने पर कहा, ‘अगर बच्चे प्रधानमंत्री की शिक्षा पर सवाल पूछेंगे तो आप क्या जवाब देंगे? लोगों को उनकी शिक्षा के बारे में कुछ नहीं पता है. अगर पीएम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है तो ऐसी कौन सी ताकत है जो उनकी डिग्री रिलीज किए जाने से रोक रही है?’

संजय निरुपम ने बीजेपी की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर कहा, ‘सत्ताधारी पार्टी को हर शब्द पर आपत्ति करने की कोई जरूरत नहीं है और ‘लोकतंत्र में प्रधानमंत्री भगवान नहीं होता.’
उन्होंने कहा कि लोग उन्हें संबोधित करते हुए सम्मान का ख्याल रखते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए वो अशोभनीय नहीं हैं.

डुसू चुनाव: किसे कितने वोट मिले

डुसू चुनाव: किसे कितने वोट मिले-

प्रेसिडेंट

अंकिव बसोया ABVP- 20,467

सन्नी NSUI- 18,723

वाइस प्रेसिडेंट

शक्ति सिंह ABVP- 23,046

लीना NSUI- 15,000

सेक्रेटरी

आकाश चौधरी NSUI- 20,198

सुधीर ABVP- 14,109

जॉइंट सेक्रेटरी

ज्योति चौधरी ABVP- 19,353 

सौरभ NSUI- 14,381

इवीएम् मशीनों के चलते हारी आआपा कि स्टूडेंट इकाई: राय


डुसू चुनाव हरने के बाद गोपाल राय का फूटा गुस्सा, गुरुवार को कहा ‘एक तरफ सरकार और चुनाव आयोग द्वारा भरोसा दिया जा रहा है कि ईवीएम हर तरह से सुरक्षित है और इससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराया जा सकता है.’


नयी दिल्ली, 13 सितम्बर 2018:

आआपा ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के देश भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आम चुनाव कराने के दावों पर सवाल खड़े किए हैं.

आआपाआप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने गुरुवार को कहा ‘एक तरफ सरकार और चुनाव आयोग द्वारा भरोसा दिया जा रहा है कि ईवीएम हर तरह से सुरक्षित है और इससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराया जा सकता है. मगर बीजेपी की केंद्र सरकार डूसू चुनाव सुचारु और पारदर्शी रूप से नहीं करा सकती है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का नारा वास्तव में लागू करने के लिए है या देश को धोखा देने के लिए है.’

राय ने कहा कि डूसू चुनाव में सचिव के पद पर आठ उम्मीदवारों के अलावा ईवीएम में नौवां बटन नोटा का था. बुधवार को मतदान के दौरान ईवीएम में दसवें बटन पर भी 40 वोट पड़ गए. इतना ही नहीं मतदान के एक दिन बाद गुरुवार को हुई मतगणना के दौरान चार मशीनें खराब हो गईं. उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी के पहले भी उठते रहे सवालों का जिक्र करते हुए कहा कि यह बीजेपी का अगले आम चुनाव में गड़बड़ी कर किसी तरह सत्ता हासिल करने का अभियान है.

राय ने बीजेपी की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि डूसू चुनाव की मतगणना में मशीनें उस समय खराब होने लगीं जिस रांउड से बीजेपी समर्थित एबीवीपी के उम्मीदवार पिछड़ने लगे. उन्होंने आआपा की छात्र इकाई सीवाईएसएस और AISA के संयुक्त उम्मीदवारों की तरफ से मशीनों की गड़बड़ियों को दूर कर तत्काल मतगणना शुरु करने की प्रशासन और सरकार से मांग की.

उन्होंने गुरुवार को ही मतगणना पूरी करने का निवेदन करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह संदेह होना लाजमी है कि सरकार एबीवीपी को जिताने की साजिश रच रही है क्योंकि बीजेपी यह नहीं चाहती कि लोकसभा चुनाव से पहले डूसू चुनाव में एबीवीपी की हार हो.

प्रधान मंत्री अपना 68वां जन्म दिन नौनिहालों के साथ वाराणसी में मनाएंगे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्म दिन 17 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे तथा हजारों स्कूली बच्चों के साथ खुशियां बांटने के अलावा अरबों रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को देंगे।


वाराणसी, 13 सितम्बर, 2018: 

भारतीय जनता पार्टी की काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि मोदी के दौरे की सूचना मिलने के बाद तैयारियां शुरु कर दी गईं हैं। 17 सितंबर को उनका 68वां जन्म दिन है और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री वाराणसी वासियों को फिर अरबों रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगातें देंगे।

उन्होंने बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि वह किन परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे से पहले भाजपा कार्यकर्ता विशेष सफाई अभियान चलाएंगे। शहर को साफ-सुथरा बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं विशेष अपील की गई है।

अधिकारिक सूत्रों ने मोदी के प्रस्तावित दौरे की पुष्टि करते हुए बताया कि इसके बारे में बुधवार रात प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रारंभिक जानकारी मिलने के बाद आवश्यक तैयारियां शुरु कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम स्थल का चयन अभी नहीं हुआ। गुरुवार को इसके बारे में कोई फैसला लिया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि मोदी अपने जन्म दिन पर काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना एवं करीब पांच हजार बच्चों के साथ अपने जन्म दिन की खुशियां बांटने के अलावा अपने जीवन पर आधारित चलो हम जीते हैं फिल्म भी देख सकते हैं।

यह कार्यक्रम बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित किए जाने की संभावना है। वह किसी एक दलित बस्ती में जाकर श्रमदान एवं लोगों से खुशियां साझा कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि 68 दलित बस्तियों में विशेष सफाई अभियान के अलावा एवं स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किए जाने की योजना है। प्रधानमंत्री अगले दिन 18 सितंबर को एक सभा को संबोधित कर सकते हैं। सभा स्थल का चयन किया जा रहा है।

मोदी गोइठहां स्थित सिवरेज ट्रिटमेंट प्लांट, लहरतारा स्थित कैंसर अस्पताल और रिंग रोड फेज-एक का उद्घाटन सहित अनेक विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर सकते हैं।

Mahagathbandhan’ is an alliance of some opportunistic parties to hide their weakness:Modi


Modi attributed the party’s success to its workers and their grip over their respective polling booths


New Delhi, 13 September,2018:

Prime Minister Narendra Modi on Thursday said the Congress was in the Intensive Care Unit (ICU) and using other parties as support system to survive, observing it is getting desperate to join hands with any party to forge a grand opposition alliance for the 2019 Lok Sabha polls,

Mr. Modi also said the wind is blowing in the BJP’s favour and that opportunist opposition parties are clutching each other’s hands to withstand its force.

He exhorted party workers to follow the mantra of ‘Mera Booth Sabse Mazboot’ to ensure BJP’s victory in the next general elections.

Addressing party workers of five Lok Sabha constituencies via the NaMo app, Mr. Modi said the BJP’s biggest strength is its workers. Their hard work has ensured the party’s historic success and progress in a short span of four years, he added.

He attributed the party’s success to its workers and their grip over their respective polling booths.

Only mantra

‘Mera Booth Sabse Mazboot’ (my polling booth, the strongest)…this is the only mantra and this is our strength,” Mr. Modi said in a video interaction.

Replying to a question on opposition parties trying to stitch an alliance for the 2019 polls, Modi assured the party workers that the BJP will win again.

“… the wind is blowing in favour of BJP, even stronger than 2014. That’s why opposition parties are clutching each other’s hands to save themselves from being blown away,” he said.

Mahagathbandhan, an alliance of opportunistic parties

Describing the proposed ‘Mahagathbandhan’(grand alliance) as an alliance of some opportunistic parties to hide their weakness, Mr. Modi said,”they are trying to stich an alliance of parties while we are trying to unite the hearts of the people.”

He further said there is confusion on policy and leadership in the proposed grand alliance and its intent is corrupt and Congress is using other parties as support system to save itself in the ICU and survive.

“The Congress is now desperate to join hands with any party to survive. The Congress is trying to save itself in the ICU. For it, all these allies(in the alliance) are support system to survive,” he said.

The Prime Minister also urged party workers to continuously interact with voters of their respective constituencies and ensure that at least 20 families and youth are working with the party in every polling booth.

He was addressing workers from five constituencies — Jaipur (Rural), Nawada, Ghaziabad, Hazaribagh, Arunachal West — in Rajasthan, Uttar Pradesh, Jharkhand and Arunachal Pradesh respectively.

Lashes out at Congress

Mr. Modi, who was nominated the BJP’s prime ministerial candidate this day in 2013 for the 2014 Lok Sabha polls, said only in the BJP can an ordinary party worker become its leader. He also asserted that someone else can also take his place.

Talking about the work carried out by his government, Mr. Modi said ‘Sabka Sath Sabka Vikas’ is not just a slogan but it’s our inspirational Mantra. He said the country will not be a developed one unless everyone in it is developed and asserted his government do not discriminate on the basis of caste and religion.

Lashing out at the Congress, the Prime Minister said it is, unlike the BJP, a one family party. He said he felt pity for dedicated workers of the opposition party.

“Many capable and committed workers of the Congress were sacrificed for interests of the family,” he said.

The opposition is resorting to lies in its campaign but today people in the country are awake while opposition is not ready to come out of its slumber, the prime minister said.

“The more you work hard better you will perform” Sardar Singh


Sarika Tiwari

Chandigarh, 13 September, 2018:

“The more you work hard better you will perform”, advised the former Indian Captain Sardar Singh to the upcoming Indian Hockey teams, the day after he announced his retirement from International Hockey.

During ‘Meet the Press’ event organised by Chandigarh Press Club, Sardar Singh was fascilitated by Club President Virender S. Rawat and Vice President Jaswant Rana.

While talking to scribes in the Press Club Chandigarh he admitted that team could not meet the expectations of the nation. He made this decision after disappointing Asian Games, where India could not defend their title and had to settle with the Bronze Medal.

He told that he had taken this decision after consultation with his family and team India, as it is time for future generation to take over.

Arjun Awardee Sardar Singh played for 12 years and retired at 32. He was also decorated with Rajiv Gandhi Khel Ratan last year. He represented national team for 8 years. He was awarded Padma Shri in 2015, he also represented India in 2 Olympics.

Hailing from Sirsa, Haryana Sardar’s career was not devoid of controversies either. He was accused of rape of an Indian origin British Woman, later was given clean chit by the police.