Punjab on high alert

 

Sources said that all the four accused had hired the taxi from Jammu to Amritsar in Punjab and had dinner at a restaurant near Samba in Jammu where they picked up a quarrel with the owner.

 

CHANDIGARH-JAMMU, Nov 14:

Alert has been sounded in Pathankot-Kathua regions on Punjab-J&K border after four persons hijacked a taxi on gun point in Madhopur.
“As per initial reports, four persons hijacked a taxi having J&K registration (JK02AW-0922) Silver Colour, Innova from Madhopur between Punjab-Kathua,” police sources here said.
They said that as per driver namely Raj Kumar, son of Babu Ram, resident of Saza, district Doda, four persons hired the taxi from Jammu for Pathankot on Tuesday night and on reaching Madhopur, they pointed revolver at him and fled away with the vehicle leaving him injured.
“Alert has been sounded and manhunt launched in Pathankot and other adjoining areas to track them with the vehicle,” they said.
Meanwhile, a senior officer of J&K Police said that initially nothing can be said whether the hijackers were terrorists or it is a foul play by some mischief persons.
“We are in regular touch with the Punjab Police,” they added. Vice President of Railways Taxi Union, Rajvinder Singh said that on seeing CCTV footage, four men were seen boarding the taxi.
“They were asked to hire a small car as they were four in number but they did agree and after paying an amount of Rs 3550, they booked Innova in the name of Major Sarabjeet,” said the Taxi Union leader.
He said that as per the driver, who called them after an incident, said that the occupants were communicating in “pure” Punjabi language, which is often spoken in Pakistan and they stopped once at Kathua for meals.
“At Madhopur where token is deposited, the driver was about to step out but the travellers, beat him and fled away with vehicle,” said the Union leader. He added that they are in regular touch with the Punjab Police.
“If the occupants claimed that they were Army men at Lakhanpur Toll, the duty men should have checked their identity cards to prevent this incidence,” he added and said that prompt action is required so that major incident can be foiled. However, security has been tightened on Jammu-Pathankot national highway while check points are also raised

Haryana Governor Gives Sanction To Prosecute Former CM Bhupinder Singh Hooda In AJL Case


  • In a massive development, top sources have told Media that the Haryana governor has given its sanction to prosecute former chief minister Bhupinder Singh Hooda in the Associated Journals Limited (AJL) case

  • It was in May 2016 that the Haryana vigilance bureau had registered cheating and corruption cases against Hooda, who was Haryana CM from 2005 till 2014

  • In July 2017, the Enforcement Directorate (ED) had told the Punjab and Haryana High Court that former Haryana chief minister Bhupinder Singh Hooda allegedly misused his official position and illegally re-allotted a plot in 2005 to the Associated Journals Limited (AJL) in Panchkula


In a massive development, top sources have told media that the Haryana Governor has given its sanction to prosecute former chief minister Bhupinder Singh Hooda in the Associated Journals Limited (AJL) case.

It was in May 2016 that the Haryana vigilance bureau had registered cheating and corruption cases against Hooda, who was Haryana CM from 2005 till 2014. The reason behind Hooda and other officials, all a part of the erstwhile Haryana Urban Development Authority (HUDA), being booked was for allegedly reallocating a plot in Panchkula to ALJ, the publisher of the National Herald newspaper, in 2005. In 2011, AJL’s ownership was transferred to Young India Limited, in which Rahul and Sonia Gandhi are shareholders and directors.

In July 2017, the Enforcement Directorate (ED) had told the Punjab and Haryana High Court that former Haryana chief minister Bhupinder Singh Hooda allegedly misused his official position and illegally re-allotted a plot in 2005 to the Associated Journals Limited (AJL) in Panchkula.

The ED had told the court that an affidavit that Hooda allegedly misused his official position to re-allot the plot to AJL and caused “wrongful gain” to it and corresponding loss to the state exchequer.

In response to the sanction for his prosecution, Bhupinder Singh Hooda, who is also under the scanner in the Skylight hospitality case, claimed that the entire matter was one of political vendetta and agenda politics. He denied that there was any wrongdoing in the case and put forth that he had full faith in the judiciary.

Simultaneously, the Delhi High Court was hearing the petition by AJL seeking a stay on the Centre’s eviction order for the Herald House in New Delhi.

कलाग्राम में बिखरते भारत के सांस्कृतिक रंग

आर्ट एंड क्राफ्ट मेला., फोटो फीचर : पुरनूर, चंडीगढ़

 

 

कलाग्राम में 18 नवम्बर तक चलने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट मेले में खूब रौनक है. और इसकी वजह है भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्र से आये कलाकार, कारीगर, व्यापारी व् खिलाड़ी. यहाँ पर आये सभी कलाकारों ने अपने नृत्य,अपने संगीत व् अपने आत्मविश्वास के साथ मेले का आकर्षण बने हुए हैं.

 

भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों में शामिल हैं राजस्थान के ‘ब्न्वालाल जाट’ का कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप जिसमें ब्न्वालाल जी के साथ साथ 7 और लोग भी हैं . कच्ची घोड़ी ग्रुप में संगीत के   लिए ढोलकी, करताल व् अल्गोज़ा जैसे संगीत वादयन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ब्न्वालाल कहतें हैं कि ग्रुप उनके लिए उनका परिवार है. इस ग्रुप में हर एक सदस्य के पास अपना एक हुनर है जैसे ढोलक वादक विनोद, अल्होजा वादक शिवजी राव व् झांज पर इनका साथ देते हुए शिवजी राव, राम दयाल जाट और जगदीश जाट यहाँ पर इनके साथ गंगाधरी जो कि इस ग्रुप के नृतक हैं व् साथ ही कच्ची घोड़ी नृतक सीता राम भी हैं.

कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप के अलावा यहाँ मध्य परदेश से रामसहाय पांडे अपने बधाई डांस ग्रुप के साथ आये हुए हैं. उनके ग्रुप ने यहाँ पुरे उत्साह के साथ बधाई नृत्य पेश किया.

सिक्किम से घातु डांस ग्रुप व् बठिंडा से आये वकील सिंह की नटों कि टोली जो कि हवा में ऊँची छलांग लगाने के साथ साथ अपने गले से दम लगाकर लोहे का सख्त से सख्त सरिया भी मोड़ देती है, वकील सिंह का कहना है कि वह यह काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं व यह उनकी बरसों कि मेहनत है जो कि आज उन्हें और उनके पूरे ग्रुप को बिना किसी डर के यह खतरनाक करतब करने में मदद करती है.

 

 

 

“जन आवाज़” 2019 के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे अशोक तंवर


अशोक तंवर अपनी पार्टी के “वचन पत्र” को ले कर खासी मशक्कत कर रहे हैं. उनके साथ अनेकों सरकारी विभागों के अध्यक्ष भी देखे जा सकते हैं. हरियाणा में राजनैतिक बयार बह रही है जहां सभी अपनी अपनी पत्रिका कि तैयारी में जुटे हैं वहीँ कुछ बातें समझ से बाहर हैं. आम आदमी से कांग्रेस का गठबंधन समझ से बाहर है.

क्या माकन के कद को छोटा करने की कवायद की जा रही है? और क्या इसी लिए माकन कुछ सप्ताह पहले पार्टी से विमुख हो गये थे?   (कांग्रेस कभी किसी को अपनी मर्ज़ी से नहीं जाने देती, खुद निकालती है और कैसे सभी जानते हैं)

क्या दिल्ली में सीटों का 5 – 2 का सौदा हो चुका है? क्या इसी लिए माकन को केजरीवाल पर नरम रहने के लिए कहा गया है? (आम आदमी 5 – कांग्रेस  2)

क्या आम आदमी के साथ हरियाणा में भी कोई सांठ गाँठ कर अशोक तंवर को भी किनारे तो नहीं किया जाएगा?

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा बहुत कारसाज मुख्यमंत्री रहे हैं, पर ठक्कर भी अब टक्कर देने में सक्षम हैं. जहां लोग अभी तक हुड्डा की कार्य शैली को नहीं भुला पाए हैं वहीँ अब ठक्कर भी जनता और मिडिया की पसंद बनते जा रहे हैं.

कुल मिला कर क्या यह समय तंवर और माकन के लिए ठीक है?


पंचकुला :

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा अपने चुनाव घोषणा-पत्र को ‘जन-आवाज़’ बनाने के उद्देश्य से आम लोगों के विचार जानने के लिए खाद्य सुरक्षा और पोष्टिकता, स्वास्थ संभाल, अनुसूचित जातियों व जनजातियों और पिछड़े वर्गों सम्बद्ध कार्यकारी ग्रुप की एक बैठक मंगलवार को पंचकुला स्थित किसान भवन में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में हुई।

बैठक की अध्यक्षता राज्य सभा सदस्य और चुनाव घोषण पत्र समिति के संयोजक राजीव गौवड़ा ने की। इसमें चुनाव घोषण पत्र समिति के कोआर्डीनेटर डॉ. अमुल देशमुख, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमेन डॉ. नितिन राऊत, पंजाब के प्रतिनिधि डॉ. राजदीप सिंह संधु और भारी संख्या में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता ऑपिनियन बिल्डरस आदि ने भाग लिया। यह बैठक दो चरणों में हुई। पहले चरण में डॉक्टरों, निती निर्धरितकर्ताओं, मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञों, एन.जी.ओ. के प्रतिनिधियों, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों आदि ने भाग लिया जिनकी संख्या 90 के करीब थी। बैठक में किन्नरों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी समस्यायें रखीं जिनमें उनके सामाजिक तौर पर पुर्नवास की समस्या विशेष थी। दूसरे चरण में अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों, समाजसेवियों आदि वर्गों के 100 से अधिक नेताओं ने भाग लिया।

बैठक के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए राजीव गौवड़ा ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने पार्टी के चुनाव घोषणा-पत्र को ‘जन-आवाज़’ बनाने के उद्देश्य से देशभर में भ्रमण करके लोगों के विचार जानने के लिए 19 विषयों पर कार्यकारी ग्रुपों का गठन किया है। इन ग्रुपों द्वारा लोगों के विचार जानने के बाद मध्य जनवरी तक अपनी रिपोर्ट दे दी जायेगी जिस पर कांग्रेस कार्यकारिणी समिति द्वारा विचार करने के बाद सभी महत्वपूर्ण विषयों को कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया जायेगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की चुनाव घोषणा पत्र समिति के कोऑर्डीनेटर डॉ. अमुल देशमुख ने बताया कि जन-आवाज़ के बारे में जानकारी लेने के लिए 20-30 विषय निर्धारित किए गए हैं जिनके बारे में देशभर में कार्यकारी ग्रुप बैठकें कर रहे हैं और आज की यह बैठक इसी कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि बैठकों के दो चरणों के बाद हरियाणा में एक बैठक और की जायेगी जिसका विषय खेल-कूद होगा क्योंकि हरियाणा राजय खेल-कूद में विषय महत्व रखता है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने बैठक में भाग लेने वालों का धन्यवाद दिया और कहा कि बैठक में बहुत ही बहुमुल्य सुझाव प्राप्त हुए हैं जो कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को जन-आवाज बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पानी, स्वास्थ्य, कृषि संबंधी और पर्यावरण की विशेष समस्यायें हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्गों के हितों का कोई ध्यान नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि ये वर्ग रोजगार, सामाजिक विकास व सुरक्षा, शिक्षा आदि में काफी पिछड़ गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषण पत्र में इन विषयों को भी शामिल करने के लिए विशेष ध्यान दिया जायेगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने सदैव ही कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया है और भविष्य में भी इन्हें महत्व दिया जायेगा। उन्होंने पूर्व आईएएस श्री दलबीर भारती द्वारा मंच संचालन करने के लिए धन्यवाद किया।


सरकारी अधिकारी कांग्रेस के साथ अपनी तथा कथित समबन्धों को दर्शाने में नहीं चूक रहे, कहीं राहुल उन्हें भी व्यापम वाले डॉ. आनंद राय कि भांति धोखा न दे दें (बकौल डॉ.आनंद राय  राहुल ने उन्हें टिकेट देने का वायदा किया था इसीलिए उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी, और अब उन्हें मिलते भी नहीं)

राहुल के बचाव में उतरे मनीष


स्मिता प्रकाश द्वारा राफेल के सीईओ के स्क्षातकार के बाद कांग्रेस की सुर ताल बिगड़ गयी है, जब से एरिक ने राहुल के बयानों को खारिज किया है ओर एक – एक कर कांग्रेस द्वारा लगाये आरोपों का सिलसिले वार जवाब दिया है तभी से राहुल के बचाव में कांग्रेस के सभी दिग्गज उतर गए हैं। पहले सुरजेवाला ने स्मिता प्रकाश के साक्षात्कार को प्रायोजित करार दे दिया वहीं अब मनीष भी ज़ुबानी जंग में कूद पड़े हैं। de


नई दिल्ली:

कांग्रेस ने आज कहा कि राफेल सौदे के बारे में सरकार द्वारा सुप्रीमकोर्ट में दायर हलफनामे में तथ्यों की जानकारी देने के बजाय छिपाने की कोशिश की गई है और सरकार को यह बताना चाहिए कि आफॅसेट साझीदार बनाने के बारे में रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 में पूर्व प्रभाव से संशोधन क्यों किया गया।

कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस सौदे को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को मिली सरकार के हलफनामे की प्रति को पढने से ऐसा लगता है कि इसमें जानकारी देने के बजाय तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई है। इससे कई सवाल उठते हैं लेकिन देश सरकार से पांच बुनियादी सवालों का जवाब चाहता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 5 अगस्त 2015 को रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 में पूर्व प्रभाव से संशोधन कर रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर से पहले विक्रेता द्वारा ऑफसेट साझीदार की सूची रक्षा मंत्रालय को देने की बाध्यता खत्म कर दी। पहले की नीति के अनुसार रक्षा मंत्रालय ऑफसेट कंपनी का मूल्यांकन कर सौदे पर हस्ताक्षर से पहले इस सूची को मंजूरी देता था।

लेकिन संशोधन के बाद विक्रेता रक्षा मंत्रालय को अपने ऑफसेट साझीदार की जानकारी सौदे पर हस्ताक्षर के बाद देगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि यह संशोधन पूर्व प्रभाव से क्यों किया गया? इसके पीछे क्या उद्देश्य था?

प्रवक्ता ने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि 126 बहुउद्देशीय राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का सौदा और मोदी सरकार का 36 राफेल विमान की खरीद का सौदा अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह सही है तो सरकार ने पहले सौदे को रद्द करने से तीन महीने पूर्व दूसरे सौदे की घोषणा कैसे कर दी। क्या दूसरे सौदे के लिए सभी नियम प्रक्रियाओं को अपनाया गया।

तिवारी ने कहा कि विमानों की संख्या 126 से 36 करने के बारे में क्या वायु सेना से बात की गयी थी। क्या नये सौदे के तहत विमानों की मानक गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए ‘एस क्यू आर’ की प्रक्रिया पूरी की गई थी। क्या वायु सेना ने इनके बारे में ‘स्टेटमेंट ऑफ केस’ दी थी। किसी भी सौदे को मंजूरी के लिए रक्षा खरीद परिषद में भेजने से पहले दो महत्वपूर्ण समिति इसकी जांच करती हैं उनकी बैठक कब हुई। उन्होंने दावा किया कि इस सौदे के बारे में सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा खरीद परिषद ने 13 मई 2015 में वायु सेना के लिए 36 राफेल विमान की खरीद को जरूरत के आधार पर मंजूरी दी। लेकिन सरकार यह बताए कि इस मंजूरी से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अप्रेल 2015 को पेरिस में इस सौदे का ऐलान कैसे कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि निर्णय पहले ले लिया गया और उसे प्रक्रियागत अमली जामा बाद में पहनाया गया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री बार बार यह कह रहे हैं कि विमानों में भारतीय जरूरत के हिसाब से अस्त्र शस्त्र लगाए गए हैं इसीलिए इसकी कीमत 526 करोड रूपए से बढकर 1670 करोड रूपए हो गई। उन्होंने कहा कि लेकिन हलफनामे में सरकार ने कहा है कि इन 36 विमानों में लगाए जाने वाली हथियार प्रणाली वही है जो 126 विमानों के सौदे के तहत उडने की हालत में खरीदे जाने वाले 18 विमानों में लगाई जाने वाली थी। उन्होंने पूछा कि यदि यह सही है तो 1100 करोड रूपए कहां गए।

उन्होंने कहा कि देश सरकार से यह भी जानना चाहता है कि रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड को इस सौदे से बाहर क्यों किया गया। फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर के एक साक्षात्कार में किए गए दावे कि मोदी सरकार को ये विमान 9 प्रतिशत कम कीमत पर बेचे गए हैं के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि वह सरकार के वकील की तरह बात कर रहे हैं। क्या ट्रेपियर यह बताएंगे कि संप्रग सरकार का सौदा जब अंतिम पड़ाव पर था तो एक विमान की कीमत क्या था। यदि वह सही हैं तो कीमत का खुलासा करें।

सर्वोच्च न्यायालय में आयकार संबंधी नोटिस के खिलाफ सोनिया राहुल की सुनवाई 4 दिसंबर को


सर्वोच्च न्यायालय को करोड़ों लोगों की आस्था समबद्धि मामले अनिवार्य नहीं लगते वहीं आयकर समबधित आयकार नोटिस को खारिज करने संबन्धित मामले त्वरित निपटाने की जल्दी दिखती है क्योंकि यह एक परिवार विशेष से जुड़े हुए हैं। 

हमें विश्वास है न्यायपालिका निष्पक्ष है।


 

नयी दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ‘आयकर आकलन’ मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य की अपील पर चार दिसम्बर को सुनवाई करेगा।

श्रीमती गांधी, उनके पुत्र और पार्टी के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडीस ने उन्हें जारी आयकर विभाग के नोटिस की वैधता को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की खंडपीठ ने कहा कि उसे इस बात की कानूनी समीक्षा करनी है कि आयकर विभाग का नोटिस वैध है या नहीं।

न्यायालय ने हालांकि इस मामले में आयकर विभाग को नोटिस जारी नहीं किया क्योंकि अदालत कक्ष में उसके वकील मौजूद थे। गौरतलब है कि कांग्रेस के तीनों नेताओं ने वित्त वर्ष 2011-2012 के लिए टैक्स के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जारी किये गये आयकर नोटिस को चुनौती दी है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने जिरह की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत नौ सितंबर को आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ श्रीमती गांधी एवं उनके पुत्र राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी।

“If they think so then definitely it must be true”.Rajnikanth


The actor clarified on Tuesday after confusion erupted over his comments on Rajiv case convicts release and about the anti-BJP front.


A day after seemingly endorsing that BJP is a “dangerous party”, actor Rajinikanth on Tuesday hints that Prime Minister Narendra Modi is powerful than the opposition.

On Monday, a journalist had cited the opposition’s alliance against the BJP and asked if the party was such a dangerous political entity. To this, Mr Rajinikanth, who is nurturing political ambitions, said, “If they think so then definitely it must be true”.

However, addressing journalists outside his Poes Garden bungalow in Chennai on Tuesday, the actor clarified his stand thus: “The question (put to me) was about opposition parties considering the BJP as a dangerous party. When opposition parties think that BJP is a dangerous party, then BJP is a dangerous party for them only no? Whether BJP is a dangerous party or not will be decided by the people.”

Going beyond, he posed: “If 10 people join to fight one person (Modi), then who is more powerful…is it those 10 persons or that one person? You decide for yourself.”

Asked whether he considered Prime Minister Narendra Modi to be powerful, he said “I cannot say this more clearly,” and reiterated his point on the analogy of the 10 versus one.

Asked about his stand on the BJP, he said he cannot reveal it now, as he has not come into “full time politics” as of now.

‘Release on humanitarian grounds’

The actor also clarified that his response to a question on the proposal for premature release of the seven convicts in the former Prime Minister Rajiv Gandhi assassination case was being misconstrued. Some people were trying to create an impression that he did not know anything on the issue.

Mr Rajinikanth said the question posed to him on Monday was “about the seven people” without identifying them. “So I asked which seven people? The question was not clear,” he said adding that he was not such a fool to be ignorant of the seven life convicts.

“They (the seven convicts) have undergone punishment for the past 28 years. Enough. It is my opinion that they should be released on humanitarian grounds,” he said.

Mr. Rajinikanth said that he had spoken to one of the convicts Perarivalan over the phone for 10 minutes when he was out on parole. “See…If I know something, I will say ‘I know’. When I don’t know, I will say ‘I don’t know’. There’s nothing to be ashamed about (not knowing something),” the actor said.

Rahul lied about Eric Trappier

Eric Trappier, Dassault Aviation CEO, Claims Rahul’s false statements made him sad.


Eric Trappier, Dassault Aviation CEO has earned his position by his intelligence and hard work. He is not a crown prince born as chief of a party


Dassault Aviation chief Executive officer(CEO) Eric Trappier in an exclusive interview to ANI rubbished allegations made by Congress Party president Rahul Gandhi that the former lied about the details of the  Dassault – Reliane Joint Venture(JV) for offset contracts in the Rafael Jet Deal

“I don’t lie. The truth I declared before and the statements I made are true. I don’t have a reputation of lying. In my position as CEO, you don’t lie,” said Trappier when asked to respond to rahul Gandhi’s charge that Dassault was covering up for Possible cronyism in awarding the offset deal to Anil Ambani led Reliance Group.

Rahul Gandhi, in a press conference on November 2, alleged that Dassault invested Rs 284 Crore in a loss making company promoted by Anil Ambani which was used to procure land in Nagpur. “ It is clear the Dassault  CEO is lying. If an inquiry starts in this Modi is not going to survive it, Guaranteed,” added Gandhi.

Trappier said that they had prior experience dealing with the Congress party and the comments made by the congress president made him sad

curtsy ANI

 

छठ पूजा से बच्चे देशभक्त और ईमानदार पैदा होते हैं


मनोज तिवारी के हालिया बयान ने राहुल गांधी को एक चुनावी मुद्दा दे दिया है जिसे वह बीजेपी के खिलाफ हथियार बनाकर भुनाने की पूरी कोशिश कर सकते हैं


छठ पूजा बिहार और पूर्वांचल के लोगों लिए बेहद आस्था का विषय है. लोगों की आस्था इस लोकपर्व में कुछ इस तरीके की है कि इस पूजा को लेकर हंसी-मजाक भी नहीं किया जाता. इस छठ के व्रत में पवित्रता को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है. लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीति ऐसी है कि बिना धर्म का सहारा लिए इसका काम नहीं चलता है. छठ जैसे पवित्र पर्व को इस बार राजनीतिक हथियार के रूप में भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तेमाल किया है. मनोज तिवारी ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छठ की आड़ लेकर कटाक्ष किया है. मनोज तिवारी ने कहा है कि अगर सोनिया गांधी ने छठ का व्रत किया होता तो उनका बच्चा भी बुद्धिमान होता!

मनोज तिवारी ने अंबिकापुर में बीजेपी एक सभा में एक बयान में कहा कि देशभक्त और बुद्धिमान होने के लिए छठ की पूजा जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने कभी छठ नहीं किया, अगर सोनियाजी ने छठ पूजा की होती तो बड़ा बुद्धिमान …. आता। छठ पूजा की बड़ी महिमा है।
उन्होंने कहा कि छठ की पूजा किया कीजिए आप लोग, न हो सके तो इसमें शामिल होइए। उन्होने आगे यह भी कहा कि “मेरे बयान को विवादित मत बनाइये मैंने तो बस सीएचएचटीएच महिमा कही है, माता के आशीर्वाद से बच्चे ईमानदार ओर देशभक्त होते हैं।” मनोज तिवारी के बयान से साफ है कि वे सोनिया गांधी के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा करने से देशभक्त पैदा होते हैं।

मनोज तिवारी का बयान ऐसे समय में आया है जब सभी सियासी पार्टियां आने वाले चुनावों के लिए जनता को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं. ऐसे में मनोज तिवारी छठ पूजा के नाम पर सियासी जुमला तैयार करने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी के पास पहले ही जुमलों की कोई कमी नहीं है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई मौकों पर ऐसा कहते हुए सुने गए हैं.

मनोज तिवारी के हालिया बयान ने राहुल गांधी को एक चुनावी मुद्दा दे दिया है जिसे वह बीजेपी के खिलाफ हथियार बनाकर भुनाने की पूरी कोशिश कर सकते हैं. यह पहली बार नहीं है जब राहुल की मां और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष को लेकर सियासी बयानबाजी हुई हो. इससे पहले भी सोनिया गांधी को लेकर सियासी बयानबाजी होती रही है जिसका खूब मुद्दा भी बना है. साल 2004 में जब सोनिया गांधी के पीएम बनने की बात आई थी तो उस समय बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का अजीबोगरीब बयान आज भी लोगों की याद में तारी है. सुषमा स्वराज ने तब कहा था कि अगर सोनिया गांधी भारत की पीएम बन जाएंगी तो मैं अपने बाल कटवा लूंगी और सन्यासी का जीवन व्यतीत करूंगी.

हालांकि इस बार यह मुद्दा इसलिए ज्यादा गरमा गया है क्योंकि छठ बिहार समेत कई राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाने वाला पर्व है. क्या ये बयान देते समय मनोज तिवारी के जेहन में इस बात का खयाल आया होगा कि भारत के ही जिन इलाकों में छठ व्रत नहीं मनाया जाता क्या वहां के लोग बुद्धिमान नहीं होते! आस्था और बुद्धिमत्तता का ये कैसा बेमेल संबंध स्थापित किया गया है!

मनोज तिवारी जिस पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष हैं उसी पार्टी में ऐसे नेता बड़ी संख्या में भरे हैं जिनका ताल्लुक ऐसे इलाकों से है जहां छठ पर्व नहीं मनाया जाता. तो क्या देश के उन इलाकों से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी के नेता बुद्धिमान नहीं होते. ऐसे नेताओं में हमारे देश के प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता शामिल हैं. ये नेता कम से कम मनोज तिवारी की नजर में तो बुद्धिमान होंगे ही. तो क्या इन नेताओं के बारे में भी मनोज तिवारी ऐसी ही कोई बात कहेंगे? बिल्कुल नहीं.

“Perfect professional and a tough task-master with the entire staff” : Joyeeta Basu


Joyeeta Basu who worked with The Asian Age till 2008, said Akbar had been “perfectly professional in his dealing with her”.


A senior woman journalist on Monday came out in support of former Union minister MJ Akbar who has been accused of sexual harassment by several women writers.

Appearing before the Patiala House court in Delhi as a complainant witness in the defamation case filed by Akbar against Priya Ramani, Sunday Guardian Editor Joyeeta Basu said that “during the two decades that she had worked with him he had been a perfect gentleman and his behaviour had been exemplary”.

She went on to say that Akbar was a “perfect professional and a tough task-master with the entire staff” of The Asian Age.

“I have known him for twenty years and I have not heard anything untoward from the staff of the organisation in which we have worked together,” Basu told Additional Chief Metropolitan Magistrate Samar Vishal.

He was a public figure who was held in high esteem in society, she added.

She said she always considered Akbar to be a brilliant journalist, a professional, a scholarly writer in her eyes and thorough gentlemen with an impeccable reputation.

She further said that it was from him that she had learnt how to launch a magazine and then a newspaper from scratch.

The court will take up the case again on December 7.

Ramani was the first in a long list of female journalists to accuse Akbar of sexual harassment.

“He has always been a tough taskmaster, a thorough professional and a brilliant teacher, who taught me all aspects of newspaper journalism right from production to story selection to intricacies of layout,” she asserted.

Joyeeta Basu who worked with The Asian Age till 2008, said that Akbar had been “perfectly professional in his dealing with her”.

On being questioned on the intention behind Priya Ramani’s accusation, Basu said, “I believe that this vilification was conducted and these tweets were published intentionally by Ms Priya Ramani with a purpose to harm Akbar’s reputation and goodwill in the eyes of the society”.

Basu said the defamatory tweets by Ramani had irreparably damaged Akbar’s reputation.

The court was hearing the defamation case against Ramani filed by the former Minister of State for External Affairs, a journalist-turned-politician who is now with the Bharatiya Janata Party.

The court will take up the case again on December 7.

Ramani was the first in a long list of female journalists to accuse Akbar of sexual harassment.

As the #MeToo movement gained ground, 20 women journalists who have worked with ‘The Asian Age’ newspaper, came out in support of their colleague Priya Ramani who had accused Akbar of sexual harassment.

Earlier this month, former Asian Age journalist Pallavi Gogoi, in a column in the Washington Post, has accused the minister of rape.

In a strong write-up, former Asian Age journalist Pallavi Gogoi alleged that she had to “pay a very big price” for being editor of the op-ed page at the Asian Age at the age of 23