2019 तुला राशि का वार्षिक भविष्यफल
इस राशि के जातकों को नववर्ष आजीविका के संबंधित क्षेत्रों में लाभ दिलाने वाला साबित होगा। यद्यपि राशि स्वामी के मित्र शनि के प्रभाव वश जातकों को भू-भवन के संदर्भों में लाभ होगा। दलाली, उत्पादन, कानूनी कार्यों में जातकों को वर्ष पर्यन्त लाभ प्राप्त होगा। परन्तु मंगल का संचरण फरवरी माह में चिंताएं दे सकता है। वर्ष के मध्य भाग में स्वजनों के मध्य तालमेल का आभाव झलक सकता है, अचानक ही कहीं लंबी यात्रा में जाना पड़ सकता है। कार्य में छोटी-छोटी रूकावटे हो सकती हैं व सेहत मे सुस्ती व्याप्त हो सकती है। वर्ष के अंतिम भाग में जातकों को पद व प्रतिष्ठा का लाभ प्राप्त होगा। धनार्जन की स्थिति में सुधार संभव हैं।
उपायः– इस राशि के जातकों को संबंधित अनिष्ट हटाने हेतु हनुमान प्रभु व परमेश्वर शिव की पूजा अर्चना शास्त्रीय विधि के अनुसार करने से लाभ होगा। गौ सेवा भी अपेक्षित है।
2019 में तुला राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी
तुला राशि
सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से चतुर्थ भाव में, 13 फरवरी को पंचम भाव में, 14 मार्च को षष्ठ भाव में, 14 अप्रैल को सप्तम भाव में, 15 मई अष्टम भाव, 15 जून को धर्म भाव में, 16 जुलाई को कर्म भाव में, 17 अगस्त को आय भाव में, 17 सितम्बर को व्यय भाव में, 17 अक्टूबर को प्रथम भाव में, 16 नवम्बर को द्वितीय भाव में, 16 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेगा।
चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।
मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को दारा भाव में, 22 मार्च को अष्टम भाव में, 07 मई को धर्म भाव में, 22 जून को कर्म भाव में, 08 अगस्त को आय भाव में, 25 सितम्बर को व्यय भाव में, 10 नवम्बर को प्रथम भाव में, 25 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।
बुधः 01 जनवरी को तृतीय भाव में, 20 जनवरी को चतुर्थ भाव में, 07 फरवरी को पंचम भाव में, 25 फरवरी को षष्ठ भाव, 03 मई को दारा भाव में, 18 मई को अष्टम भाव में, 01 जून को धर्म भाव में, 20 जून को कर्म भाव में, 26 अगस्त को आय भाव में, 10 सितम्बर को व्यय भाव में 29 सितम्बर को प्रथम भाव में, 23 अक्टूबर को द्वितीय भाव 25 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।
गुरूः इस वर्ष गुरू द्वितीय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को तृतीय भाव 22 अप्रैल को द्वितीय भाव में 04 नवम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।
शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को द्वितीय भाव में, 29 जनवरी तृतीय भाव में, 24 फरवरी को चतुर्थ भाव में 21 मार्च को पंचम भाव में, 15 अप्रैल को षष्ठ भाव में, 10 मई को दारा भाव में, 04 जून को अष्टम भाव में, 28 जून को धर्म भाव में, 23 जुलाई को कर्म भाव में, 16 अगस्त आय भाव में, 09 सितम्बर को व्यय भाव में, 03 अक्टूबर को प्रथम भाव में, 28 अक्टूबर को द्वितीय भाव में 21 नवम्बर को तृतीय भाव में 15 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।
शनिः शनि वर्ष पर्यन्त तृतीय भाव में गोचर करेंगे।
राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक कर्म भाव इसके पश्चात् धर्म भाव में संचरण करेगा।
केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक चतुर्थ भाव में इसके पश्चात् तृतीय भाव में संचरण करेगा।