बुआ-बबुआ का गठबंधन कांग्रेस की परंपरागत 2 सीटों पर नहीं लड़ेंगे चुनाव

सूत्रों के अनुसार सपा और बसपा के बीच गठबंधन का फॉर्मूला पिछले साल नवंबर में तैयार हो गया था.

नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव 2019 के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच शनिवार को सामने आया सीट बंटवारे का फॉर्मूला पहले ही तैयार कर लिया गया था. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि पहले भी नहीं की गई थी, और अब भी दोनों पार्टियां इसकी घोषणा करने से अभी बच रही हैं. सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को दिल्‍ली में हुई मायावती और अखिलेश यादव के बीच बैठक में उत्‍तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर नया फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है. सूत्रों के अनुसार सपा और बसपा यूपी की 37-37 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. अन्‍य सीटों को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और अन्य छोटी पार्टियों के लिए छोड़ा जाएगा.

साथ ही दोनों के बीच इस बात पर भी सहमति बनी है कि कांग्रेस को इस गठबंधन से दूर रखा जाएगा. लेकिन दोनों दलों ने इस पर भी सहमति जताई है कि कांग्रेस को दो लोकसभा सीटों पर राहत दी जाएगी. यानी कि कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली दो सीटों अमेठी और रायबरेली में सपा-बसपा अपने-अपने प्रत्‍याशी नहीं उतारेगी. वहीं सपा-बसपा ने राष्‍ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को करीब 2 सीटें देने का फैसला लिया है.

बता दें कि इससे पहले पिछले साल नवंबर में पांच राज्‍यों विधानसभा चुनाव के समय भी ऐसी ही खबरें सूत्रों के अनुसार आई थीं. इन चुनावों के नतीजे आने से पहले ही लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश में गठबंधन की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी थी. तब भी कहा जा रहा था कि सपा और बसपा के बीच सबकुछ फाइनल हो चुका है. सीटों को लेकर बात फाइनल हो चुकी थी. रिपोर्ट की मानें तो सपा-बसपा ने उस समय ही अपने गठबंधन फॉर्मूले से कांग्रेस को अलग कर दिया था.

इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को भी शामिल किया गया था. हालांकि ऐसी भी चर्चा थी कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर बीजेपी का दामन छोड़कर इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. मौजूदा समय में राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन वे लगातार अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं.  नवंबर में सामने आई रिपोर्ट में यह बात साफ हो चुकी थी कि गठबंधन में बसपा को तवज्जो दी जा रही है. यह भी उम्मीद जताई गई थी कि बसपा को 35 से 40 सीटें मिल सकती हैं. साथ ही RLD को भी 3 से 4 सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. अगर, राजभर भी गठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो उनके खाते में 2-3 सीटें आ सकती हैं. अन्‍य सभी सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में आएंगी.

सूत्रों के हवाले से पिछले साल नवंबर में ही यह साफ हो गया था कि भले ही कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है, लेकिन अमेठी और रायबरेली से गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा करेगा. ये दोनों सीटें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की परंपरागत सीटें हैं.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सपा में गठबंधन नहीं होने को लेकर पिछले दिनों अखिलेश यादव ने खुलकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि इस गठबंधन में बसपा शामिल हो, इसलिए गठबंधन कोई रूप नहीं ले पाया. सपा किसी भी सूरत में मायावती को नाराज नहीं करना चाहती है. इसलिए, सपा और कांग्रेस का भी गठबंधन नहीं हो पाया. 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर यह भी कहा था कि यूपी में हमारा गठबंधन बीजेपी के खिलाफ है. बीजेपी को अगर सत्ता से हटाना है तो हमें एकजुट होने की जरूरत है. इसी दौरान उन्होंने कहा था कि, कांग्रेस गैर बीजेपी दलों को एकजुट करने में नाकामयाब रही है क्योंकि वह बहुत ज्यादा एरोगेंट है. अखिलेश यादव ने परोक्ष रूप से कहा था कि हम तो गठबंधन के लिए तैयार थे, लेकिन कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए तैयार नहीं थी.

कांग्रेस के राज्यों में पेट्रोल की कीमतें बढ़ीं


इंटरनेशनल मार्केट में चल रही गिरावट के बीच डब्ल्यूटीआई क्रूड गिरकर 47.96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही कटौती के बावजूद राज्य की कांग्रेस सरकार का यह फैसला चौंकाने वाला है

दिल्ली/ बेंगलुरू : दिल्ली समेत देश के अलग-अलग शहरों में भले ही पेट्रोल और डीजल के रेट में लगातार कटौती हो रही हो. लेकिन देश के एक राज्य में पेट्रोल और डीजल 2 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया. दरअसल कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) के गठबंधन वाली कर्नाटक सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सेल्स टैक्स बढ़ाकर क्रमश: 32 और 21 प्रतिशत कर दिया है. कर्नाटक सरकार ने मोटर फ्यूल प्रोडक्ट्स पर करीब 2 रुपये प्रति लीटर का सेल्स टैक्स बढ़ा दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार गिरती कीमतों से राज्य के राजस्व पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.

पेट्रोल पर सेल्स टैक्स बढ़कर 32 प्रतिशत
राज्य में पेट्रोल और डीजल पर कर की दर क्रमश: 28.75 और 17.73 प्रतिशत थी, जिसे बढ़ाकर आदेश के बाद 32 और 21 प्रतिशत कर दिया गया है. इस बढ़ोतरी के बाद राज्य में पेट्रोल की कीमत 70.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल की 64.66 रुपये प्रति लीटर हो गई है. हालांकि, इस बढ़ोत्तरी के बावजूद कर्नाटक में ईंधन की खुदरा कीमत पड़ोसी राज्यों से कम ही हैं. 1 जनवरी 2019 को इन ईंधनों के आधार मूल्य को देखते हुए दाम पड़ोसी राज्यों से कम रहे हैं.

कांग्रेस सरकार का चौंकाने वाला फैसला
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही कटौती के बावजूद राज्य की कांग्रेस सरकार का यह फैसला चौंकाने वाला है. पिछले काफी दिनों से पार्टी की तरफ से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी करने की मांग की जा रही है. जबकि उसके शासन वाले राज्य में कीमतों का बढ़ना काफी चौंकाने वाला है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कीमतों में इजाफे पर कहा कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल को भी देखना चाहिए. इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमत अब भी कर्नाटक से ज्यादा है.

एक साल में सबसे कम रेट
आपको बता दें 18 अक्टूबर के बाद से एक दिन को छोड़ दें तो पेट्रोल और डीजल में लगातार गिरावट जारी है. पिछले एक साल से भी ज्यादा के पेट्रोल के रेट पर गौर करें तो मौजूदा समय में पेट्रोल जनवरी 2018 से भी नीचे के स्तर पर आ गया है. वहीं डीजल के मौजूदा रेट पिछले साल मार्च में देखे गए थे. शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल 68.29 रुपये लीटर और डीजल 62.26 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. इंटरनेशनल मार्केट में चल रही गिरावट के बीच डब्ल्यूटीआई क्रूड गिरकर 47.96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है.

आरएसएस के दफ्तर ओर एमएलए के घर हमला

राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 1,700 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

कन्नूर (केरल) : सबरीमाला मंदिर में 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश को लेकर हिंसा अब भी जारी है जिसमें कुछ अज्ञात लोगों ने भाजपा सांसद के पैतृक मकान पर शनिवार को एक देशी बम फेंका और यहां स्थित आरएसएस कार्यालय को आग लगा दी. इस पर बीजेपी ने केरल सरकार और मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्‍य सरकार वोटबैंक की राजनीति करती है. बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्‍हा राव ने कन्‍नूर में हुई हिंसा को पिनाराई सरकार की साजिश बताया. उन्‍होंने कहा कि केरल सरकार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया है. केरल सरकार सबरीमाला के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति करती है.

पुलिस ने बताया कि हिंसा की इन घटनाओं से कुछ ही घंटे पहले अज्ञात लोगों ने माकपा विधायक एएन शमशीर और पार्टी के कन्नूर जिला के पूर्व सचिव पी शशि के घरों पर देशी बम फेंके थे.

उन्होंने बताया कि भाजपा से राज्यसभा सदस्य वी मुरलीधरण के पैतृक मकान पर शनिवार तड़के यह हमला हुआ हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है. मुरलीधरण ने बताया कि तलासरी के पास वदियिल पीड़िकिया स्थित उनके पैतृक मकान पर हमला हुआ हालांकि कोई घायल नहीं हुआ.

आंध्रप्रदेश में मौजूद सांसद ने बताया, “हमले के वक्त मेरी बहन, जीजा और उनकी बेटी घर में मौजूद थे.” पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना में अज्ञात लोगों ने शनिवार सुबह परियारम इलाके में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालय को आग लगा दी. पिछले साल सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद से पहली बार बुधवार को मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश को लेकर केरल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं.

मुरलीधरण ने माओवादियों से संपर्क रखने वाली दो महिलाओं को पुलिस सुरक्षा में सबरीमला मंदिर पहुंचाए जाने के ‘षड्यंत्र’ की एनआईए से जांच कराने की मांग की है.

राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 1,700 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मीडिया से बातचीत करते हुए शनिवार सुबह शशि ने कहा कि उनके मकान पर फेंके गए “शक्तिशाली” बम से इमारत को नुकसान पहुंचा है.

आज का पांचांग

पंचांग 06 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा (तिथि की वृद्धि है जो कि सोमवार को प्रातः 09.19 तक है), 

वारः रविवार, 

नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा सायं 05.43 तक, 

योगः व्यातिपात रात्रि 02.49 तक, 

करणःकिस्तुघ्न, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः धनु, 

राहु कालः सायं 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19, 

सूर्यास्तः 05.34 बजे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

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आज का राशिफल

06 जनवरी 2019: आज आप किसी भूमि को खरीदने के लिए लोगों के साथ इधर-उधर चर्चाए करते हुए दिखेंगे। जिसमें कुछ हद तक आपको सफलता भी प्राप्त होगी। स्वास्थ्य में सिर दर्द व दांत के दर्द आपको परेशान कर सकते है। जिसके लिए आपको दवा खानी पड़ सकती है। प्रेम संबंधों में आज नाराजगी होगी। अप्रिय न कहे। 

06 जनवरी 2019: आज आप तन से स्वास्थ्य व मन में काम करने के हौसलों से युक्त होगे। आज आपका व्यवसाय अधिक समृद्धि होने के संकेत देगा। यह आप पर ही है, आप इस दिन को किस प्रकार से लेते हैं। वैवाहिक जीवन में खुशियों के पल होगे। पत्नी व बच्चों के साथ आज कुछ नई खरीद को अंजाम देगे।

06 जनवरी 2019: आज का दिन आपको आर्थिक रूप से उतना सहयोग देने वाला नहीं होगा। बल्कि आगामी योजनाओं व विक्रय लक्ष्य को भेदने के लिए ठीक होगा। जिससे आपको किसी स्थानीय बाज़ार तक जाना पड़ सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन कुछ प्रतिकूल होगा। जिससे आपको किसी अस्पताल तक जाना होगा।

06 जनवरी 2019: आज आप अपने ज्ञान को निखारने के लिए किसी किताब की खरीद को उत्सुक होगे। जिससे आगामी समय में अच्छे प्रर्दशनों का रिकार्ड बनाया जा सके। आप देखेंगे कि आज का दिन अधिक शुभ व सकारात्मक है। अर्थ लाभ भी कुछ मात्रा में होगा। प्रेम संबंधों में सकारात्मक स्थिति आपको प्राप्त होगी। किसी अधीन कर्मी से तनाव होगे।

06 जनवरी 2019: आप आज अपने कार्यों में सुधारों की राह को अपनाएंगे। जिससे अधिक अच्छे तरीके से कार्यों को अंजाम दिया जा सके। आज इन्हे लागू करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय होगे। घर परिवार में खुशी का माहौल होगा। राजनीति व समाजिक जीवन में कामयाबी होगी। संतान पक्ष को लेकर आपको चिंता होगी। 

06 जनवरी 2019: आज आप अध्ययन व प्रतियोगिता के कार्यों को पहले से अधिक तेज कर देंगे। इन प्रयासों को सफलता में तब्दील करने की पूरी कोशिश होगी। आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों को और बढ़िया करने के अवसर आ चुके है। वहीं परिवार के साथ भी तालमेल की स्थिति अच्छी हो रही है। किन्तु वाहन के मामलों में परेशानी होगी।

06 जनवरी 2019: आज आप धन निवेश की दिशा में और तीव्रता से बढ़ना चाहेंगे। जिसमें कुछ सफलता की स्थिति होगी। आप देखेंगे कि नौकरी के मामलों में आज अधिक भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। जिससे स्वास्थ्य कुछ थका हुआ पीड़ा दायक होगा। आपको उपचार हेतु अस्पताल तक जाना पड़ सकता है। प्रेम मामलों में गिरावट होगी।

06 जनवरी 2019: आज आप अपने घर को और अधिक संवारने के लिए कुछ जरूरी निर्णय लेना चाहेंगे। आप देखेंगे कि आज जहाँ व्यवसाय को आगे ले जाने में सफलता मिल रही है। वही पारिवारिक जीवन भी सामान्य रूप से चल रहा है। किन्तु भूमि व अदालत के मामलों मे न चाहते हुए भी धन व समय बर्बाद हो रहा है।

06 जनवरी 2019: आप आज के दिन को एक अवसर के रूप में परिवर्तित करने की पूरी कोशिश में होगे। आपके यह प्रयास आगामी समय में सफलता के रूप में आपके सामने होगे। आप देखेंगे कि यह काम कुछ चुनौती भरा है। जिसके लिए धन व साधन दोनों ही लगाने होगे। सेहत के लिहाज से आज का दिन प्रतिकूल होगा।

06 जनवरी 2019: आज आप अपने बेटे व बेटी को पढ़ाने तथा उन्हें रोजगार से लगाने के लिए तत्पर होगे। आप उन्हें कुछ अपने अनुभव बताना चाहेंगे। जिसे वह सुन तो लेंगे, लेकिन अमल में लाने में आना-कानी होगी। आज आपके लाभ मे कुछ वृद्धि होने के आसार है। निजी संबंधो में मधुरता होगी। यात्रा में विवादों से बचें। 

06 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काजी जीवन को और सुखद व सुन्दर बनाने के अवसर प्राप्त कर लेगे। किन्तु यह आप पर ही है। कि आप उन्हें किस प्रकार से लेते हैं। भौतिक सुखों की कमी को आज आप पूरा करने के लिए अधिक तत्पर होगे। स्वास्थ्य सामन्य होगा। प्रेम संबंधों में उपहारों को लेने-देने का क्रम होगा।

06 जनवरी 2019: आज रोजी-रोटी के मामलों में नई उम्मीदें होगी। आज आपके पराक्रम में वृद्धि की स्थिति और मज़बूत होगी। आप माता-पिता को धर्म लाभ की यात्राओं के लिए सहयोग देने को कहेंगे। यदि नौकरी करते हैं, तो आज अधिक परिश्रम करना होगा। स्वास्थ्य कुछ खास नहीं होगा। जिससे आपको परेशानी होगी। 

कांग्रेस अब मुसलमानों का नहीं बल्कि सेकंड लरजेस्ट मेजोरिटी का तुष्टीकरण करेगी

कांग्रेस का 2019 का घोषणापत्र तैयार हो रहा है. इस बार कांग्रेस जनता से रूबरू है. कांग्रेस के नेता शहर और कस्बों में जाकर लोगों से राय मशविरा कर रहे हैं. इस संवाद की महत्वपूर्ण बातें कांग्रेस के मेनिफेस्टो में नजर आ सकती हैं. कांग्रेस में ये प्रक्रिया पहली बार अपनाई गई है.

इस सिलसिले में अल्पसंख्यक वर्ग से बातचीत का दायरा बढ़ाया गया है, जिसमें राहुल गांधी के करीबी सचिन राव और सलमान खुर्शीद इस वर्ग से बातचीत कर रहे हैं, जिसमें कई प्रमुख बातें निकलकर आ रही हैं. मुस्लिम वर्ग की तरफ से कांग्रेस को कई सुझाव दिए जा रहे हैं. इस वार्ता में मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग को बुलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के सूत्रधार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट फुज़ैल अहमद अय्यूबी का कहना है कि डॉयलाग और डिस्कशन से ही रिजल्ट निकल सकता है. पहली बार कांग्रेस ड्राइंग रूम से निकलकर लोगों की राय जानने की कोशिश कर रही है.

ये अच्छी पहल है, जिसके नतीजे सकारात्मक हो सकते हैं. वहीं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस को समर्थन करने की अपील की है.

ना ले मुसलमान का नाम

दिल्ली में हुई इस बैठक में कई लोगों ने सुझाव दिया कि इन चुनाव में मुसलमान का नाम ही ना लिया जाए तो बेहतर है बल्कि सेकेंड लार्जेस्ट मेजॉरिटी कहा जाए तो ज्यादा अच्छा है. ऐसे लोगों का डर है कि जैसे कांग्रेस मुसलमान का नाम लेती है, वैसे बीजेपी ध्रुवीकरण का खेल शुरू कर लेती है. कई लोगों की राय थी कि कांग्रेस सिर्फ देश के संविधान की बात करे, जिसमें सभी लोगों को समान अधिकार दिया गया है. संविधान में जो अल्पसंख्यक को अधिकार दिया गया है वही काफी है. ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा थी, जो मुसलमान के हक की बात कर रहे है.

कांग्रेस उचित दूरी ना बनाए

इस बैठक में शामिल कई लोग ये कह रहे हैं कि कांग्रेस डर गई है. बीजेपी के हिंदुत्व के जवाब में सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन पर चल रही है. कांग्रेस को बीजेपी के हिंदुत्व का जवाब अपनी पार्टी की विचारधारा के आधार पर देना चाहिए, ना कि सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन पर चलना चाहिए.

पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि कांग्रेस मुसलमान से उचित दूरी ना बनाए क्योंकि फिर मुसलमान क्या करेगा? कांग्रेस को इस माहौल में डटकर खड़ा होना चाहिए कि कांग्रेस सिर्फ सुरक्षा का वायदा करे क्योंकि मुल्क के हालात बदल गए हैं. मुसलमान को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए रोजाना कहा जा रहा है इसलिए कांग्रेस को बीजेपी के विरोध की राजनीति करनी चाहिए ऐसा नहीं दिखना चाहिए कि कांग्रेस बीजेपी की बी टीम बनती जा रही है.

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदर कमाल फारूकी ने सवाल किया कि यहां सभी तबके के लोगों को क्यों नहीं बुलाया गया है? जिससे ये पता चल सके कि मुस्लिम क्या सोचता है उसकी राय क्या है? जिससे इस डायलॉग का बेहतर नतीजा निकल सकता है. हालांकि इसकी सफाई में कहा गया कि पंजाब और कश्मीर में भी इस तरह का कार्यक्रम किया जा रहा है.

मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून

मॉब लिंचिंग की वजह से लोग दहशत में है. इसलिए ऐसा कानून बनना चाहिए कि इस तरह के लोगों पर काबू किया जा सकता है. लिंचिंग पर कानून इस तरह बनना चाहिए कि हर समुदाय पर लागू हो सकता है. भीड़ तंत्र का इंसाफ भयावह होता जा रहा है. इसलिए ये सुझाव दिया गया कि लिंचिंग की वारदात के बाद फौरन एनएसए और मकोका को फौरन लगाया जाए, ये अमल जिला प्रशासन पर ना छोड़ा जाए. जो राजनीतिक दबाव में आ सकता है. ज़ाहिर है कि जैसे ही इस तरह की घटना हो वैसे ही सभी मुल्जिमों को इस कानून के दायरे में कार्रवाई होनी चाहिए.

सच्चर कमेटी पर विरोधाभासी राय

मुसलमानों की हालात पर बनी सच्चर कमेटी पर लोगों की राय अलग थी. कुछ लोगों का कहना था कि सच्चर कमेटी का नाम लेते ही बीजेपी का राग शुरू हो जाता है. ऐसे में सच्चर का नाम न ही लेना बेहतर है बल्कि सच्चर कमेटी की सिफारिश में से कई बात निकालकर मेनिफेस्टो में डाला जा सकता है. जैसे आवासीय विद्यालय, कई लोगों का कहना था कि नवोदय की तर्ज पर बने आवासीय विद्यालय से पढ़े बच्चे कौम की जाहलियत को दूर करने में मदद कर सकते हैं. हालांकि रिजर्वेशन की बात भी उठाई गई है लेकिन इसका स्वरूप स्पष्ट नहीं है.

राजनीतिक हिस्सेदारी की कमी

कांग्रेस पार्टी से सीधे सवाल पूछा गया कि आखिर राजनीति में हिस्सेदारी क्यों कम है? कांग्रेस ज्यादा लोगों को टिकट क्यों नहीं दे रही है. ये सवाल भी उठाया गया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सिर्फ तीन टिकट दिए, जिसमें दो जीतकर आए, वहीं राजस्थान में सात लोग जीते. टिकट देने में बीजेपी से थोड़ा बेहतर ही कांग्रेस है. कांग्रेस ज्यादा मुस्लिम को टिकट देगी तो ज्यादा लोग संसद में जा सकते है.

क्या करेगी कांग्रेस?

कांग्रेस अभी सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है. बीजेपी के हिंदुत्व और राष्ट्रवाद से मुकाबला है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सॉफ्ट हिंदुत्व पर अपनी लाइन खींच रहे हैं लेकिन बीजेपी से मुकाबला करना मुश्किल है. प्रधानमंत्री के हालिया बयान में राम मंदिर/अयोध्या विवाद पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस मसले पर देरी कांग्रेस की वजह से हो रही है, जिससे कांग्रेस को जवाब देना मुश्किल है. कांग्रेस के लिए इस माहौल में इस तरह के इमोटिव मुद्दों पर बीच का स्टैंड ही सूट करता है. यही कांग्रेस की मुश्किल है. इस तरह के मसले पर कांग्रेस न इधर दिखाई दे सकती है ना ही उधर दिखाई दे सकती है. बीजेपी कांग्रेस की इस मुश्किल का फायदा उठाती है.

2019 की लड़ाई

आम चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. सभी दल अपने हिसाब से भूमिका बांध रहे हैं. राजनीतिक खेमेबंदी भी शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री के इंटरव्यू से साफ हो गया है कि बीजेपी अपने कोर वोट के साथ को साधना चाहती है. इसके साथ बीजेपी के विरोध में मुखर हो रहे तबकों को भी साथ लेकर चलने की तैयारी कर रही है. बीजेपी इस वर्ग की तरफ हाथ बढ़ा रही है, जिससे कांग्रेस फिक्रमंद हो रही है. कांग्रेस की विडंबना है कि रीजनल पार्टियों ने अल्पसंख्यक वोट में सेंध लगा रखी है. ये सेंध भी 1992 के बाद लगी है. ये वोट कांग्रेस के पास वापिस नहीं आ पा रहा है. ये मेनिफेस्टो मीट इस आबादी को विश्वास में लेने की कवायद है, जिसकी कामयाबी पर कांग्रेस का भविष्य टिका है.

In Kerala, Congress is the protector of a Hindu tradition, elsewhere in India, the party is the champion of women’s rights. This affliction has a name: ‘intellectual bankruptcy’.

What Congress wants to do is this: It wants to defeat BJP as well as CPM in Kerala by taking the stand that menstruating women must not enter Sabarimala temple. It wants to defeat BJP in the rest of India with the position that all women can enter Swami Ayyappa’s shrine that bars entry to the women between age of 10 and 50 years.

You can’t dance at two weddings.

That’s what a popular German saying means in English. But that’s what Congress matriarch Sonia Gandhi wants to do — or wants her party to do — on the Sabarimala fracas.

Sonia Gandhi is no longer the Congress president but only the chairperson of UPA. But this apparently didn’t stop her from issuing a diktat to Congress MPs telling them not to wear black arm bands to protest against entry of women into Sabarimala temple on Wednesday. Doesn’t Congress stand for gender equality, she chided them. The genuflecting loyalty and unquestioning obedience that are part of the Congress culture ensured that the attempt to support the Sabarimala protestors in Parliament was quickly abandoned.

But at the same time, Sonia had no problem letting the party continue its protests in Kerala against the temple entry of women to suit the state’s “local politics”. So Congress dances to the tune of Hindus who are angry with the violation of a tradition in Kerala, and also to the tune of those singing the song of gender justice in the rest of India.

Sonia Gandhi

Ideology? Take this new definition: For Congress, ideology is region-specific and vote-sensitive and, like cuisine and ingredients, it can change from place to place, perhaps even from time to time. But never mind if Congress ends up not having an opinion on gender justice. The only opinion Congress has is that it must defeat BJP in the upcoming Lok Sabha election, even if the party has no clue as to how it must go about achieving it.

What Congress wants to do is this: It wants to defeat BJP as well as CPM in Kerala by taking the stand that menstruating women must not enter Sabarimala temple. It wants to defeat BJP in the rest of India with the position that all women can enter Swami Ayyappa’s shrine that bars entry to the women between age of 10 and 50 years. In Kerala, Congress is the protector of a Hindu tradition. Elsewhere in India, the party is the champion of women’s rights.

Ideological perversion

What kind of women’s rights Congress is fighting for is another thing. In all of India minus Kerala, Congress supports those who suffer from an ideological perversion, which equates a Hindu tradition confined to one single temple among a million across the country with gender discrimination, which means fighting for a right that women devotees do not want, and which only ends up ensuring that Leftist and supposedly atheist women get the chance to visit a god they do not believe in.

Besides this ideological distortion, the Janus-faced and double-tongued strategy of Congress suffers from two fundamental flaws. The first one is that in the age of internet and rambunctious television which live-telecasts even the sneezing of a politician in Pathanamthitta to helpless audiences in Guwahati, what Congress does elsewhere is not a secret in Kerala. Hindu voters in Kerala whom Congress is trying to woo can’t be unaware of the party’s contradictory stand on the issue outside the state.

This strategy, if it’s one, has a second shortcoming, which is that the party may politically end up achieving in Kerala the opposite of what it’s trying to do. Fighting for the same Hindu votes that BJP is eyeing, Congress can only lose the race to the benefit of CPM, its primary enemy in Kerala.

This trend was confirmed during November’s local body by-elections in Kerala.

In other words, if BJP and Congress scramble for Kerala’s Hindu votes, this is what could happen in the ensuing division of votes: BJP will gain, but not substantially enough to get seats for itself. Congress will lose, significantly enough to help CPM.

The “tough” stand that the CPM-led Left Democratic Front (LDF) government has taken on Sabarimala may have more to do with a diabolical electoral strategy aimed at indirectly marginalising Congress than any great zeal to fight for women. For CPM, self-preservation comes gift-wrapped in ideology.

Sonia’s directive to partymen on Sabarimala is in tune with Rahul’s own view, expressed earlier, that all women should be able to enter the Kerala shrine. Rahul, however, had said it was his “personal view”, while Sonia’s order amounted to an official action.

But what Sonia did runs contrary to Rahul’s attempts to style himself as a born-again Hindu. In one stroke, she undermined what Rahul had been trying to do by hopping from temple to temple during Assembly elections in various states beginning with Gujarat in December 2017, by undertaking a “religious and spiritual” trek to Kailash Mansarovar last year and by resorting to other ‘soft-Hindutva’ tactics.

After appeasing minorities for long for electoral profit but actually doing nothing for their welfare, Congress is now molly-coddling Hindus, with the preposterous belief that two wrongs will make a right. But after the random victories it scored in last month’s state Assembly elections, the party is evidently too euphoric to even think of possible consequences of its ham-handed electoral strategies that reek of fake secularism and copy-cat Hindutva.

The head-nodding and tail-wagging in Congress that follow every word uttered by Sonia and Rahul is not surprising. But what is surprising is the knee-jerk manner in which Left-leaning and dynasty-loving intellectuals turn their hostility to Narendra Modi, however justified it may be on some counts, into an unquestioning acceptance of whatever Congress does or says. This affliction has a name: intellectual bankruptcy.

Are you a Victim of NPD

Sarika Tiwari

Rashi is a manager with a HR company. Having superiority complex and considers her to above the rules sometimes.Her coworkers who once admired and respected her have come to realize that she isn’t the person they believed her to be. The drastic change in her personality has left many of them wondering, “What happened to the old Rashi?” Where’s the charming, fun loving, charismatic, and intelligent person they first met? She has been replaced with an egotistical, controlling, uncompassionate, and haughty person.

Rashi didn’t realize that she had a mental disorder until she experienced severe depression. While attending talk therapy, her psychiatrist diagnosed her with narcissistic personality disorder (NPD).

What’s NPD?

narcissistic personality disorder (NPD)

More prevalent in men and affecting up to 6.2% of the population, NPD is a personality disorder in which an individual literally believes the world revolves around them. A person with NPD has an inflated sense of their own importance, demonstrates a lack of ability to empathize with others, and a strong desire to keep the focus solely on themself at all times. They appear to be extremely confident in front of others, but in reality possess very low self-esteem.

A person with NPD comes across as conceited, boastful, and pretentious. This person usually monopolizes most conversations and acts in a condescending manner toward others who they perceive to be inferior. They can’t handle or accept any type of criticism. If they’re criticized, they retaliate by acting out with rage or contempt. This person is obsessed with having “the best” of all things, such as clothes, cars, houses, office space, and medical care. They’re very easily hurt and refuse to take responsibility for their flaws or failures.

The person with NPD wants others to believe that they possess natural leadership qualities that far exceed anyone else’s and they’re needed for others’ success. Due to an overwhelming sense of insecurity, the person is often threatened by others’ achievements. When in conversation, this person constantly interrupts, interjecting their own opinions and refusing to listen to or accept anyone else’s.

NPD causes the affected person to behave in socially distressing ways; therefore, they find it difficult to maintain long-lasting relationships with others. Relationships are often short-lived and rocky; the person with NPD doesn’t desire friendship or derive enjoyment from being with other people who may perceive them as aloof, odd, or strange. This makes it difficult for people to form positive relationships with an individual with NPD. Because they may have never experienced positive interaction with others, the person with NPD lacks important social skills that are needed to form comfortable, normal relationships with others. For this reason, attempting to form friendships becomes uncomfortable and awkward, resulting in isolation. Any time they feel the least bit ignored by a friend or coworker, they’ll sever ties with that person and cut him or her out of their life entirely.

Although the exact cause of NPD is unknown, many psychologists believe that it’s caused by a combination of genetic and social factors. Most research points to how children are raised affecting their chances of developing NPD. For example, if parents shower their child with endless praise and ego inflating, the child will have an increased risk of developing NPD. Interestingly enough, the opposite can also be true. Children who are abused or disregarded may develop NPD because they feel that no one else cares and they must look out for themselves.

NPD may also be linked to genetics or psychobiology. This involves the connection between the brain and behavior/thinking. Biologically, individuals with NPD are believed to have a smaller right supramarginal gyrus—the area of the brain responsible for empathy. Psychologically, they lack the ability to exhibit a self-image other than one of exaggerated positive qualities (idealization) and are unable to cope with negative qualities in themselves (devaluation). Individuals with NPD are often excessively emotionally sensitive.

insists on special favors and unquestioning compliance with their expectations

thinks about themself most of the time and talks about themself excessively

insists on being provided with constant attention

sense of entitlement

achievements and talents are exaggerated

lets others believe they’re special

lets their feelings of jealously toward others consume them and believes others envy them

arrogant personality

being preoccupied with fantasies about success, power, brilliance, or beauty

other people’s feelings and needs are ignored and go unrecognized

unrealistic goals

takes advantage of others to get what they want

manner is haughty in nature

exaggerated sense of self-importance.

In addition, the mnemonic RED FLAGS can be used to identify the warning signs of NPD:

relaxing around them is impossible

exaggerates personal achievements while minimizing others’

frequently complains that whatever others do, it isn’t “good enough”

lies and excuses abound

always assumes they’re more knowledgeable than others

goes into a rage or sulks when they don’t get their way

sees themselves as “perfect” and wants others to see them that way, too.

If you recognize these red flags, you may be in contact with someone with NPD. Working or living with a person with NPD can leave you feeling exhausted and drained, especially when you try to explain your feelings or points of view to them and they tell you to “shut up” or walk away and refuse to listen to you. You may even be shocked when you try to challenge their points of view, lies, or distortions and they respond with vitriolic theatrics and threats. Those who regularly interact with a person with NPD will exhaust themselves looking for a reason behind it all, when in reality the fault isn’t theirs.

Most individuals with NPD remain undiagnosed because they don’t feel that anything is “wrong” with them; therefore, they rarely seek psychiatric help. Often, the person with NPD seeks treatment for a coexisting psychiatric disorder such as depression.

The diagnosis of NPD is often made by performing a thorough psychological exam, evaluating the signs and symptoms, and performing a physical exam to ensure that the issue isn’t stemming from a physical cause such as traumatic brain injury. The psychological exam focuses on standardized questions pertaining to childhood, relationships, and goals to identify long-term patterns of thinking, feelings, and other behaviors demonstrating how the person with NPD interacts with other people.

Psychiatrists will utilize the Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders (DSM) to help construct the diagnosis. According to the DSM-V, a diagnosis of NPD is determined by the presence of the following criteria:

Impairments in self-functioning (must include one or both):

—excessive reference to others for self-definition and self-esteem regulation; exaggerated self-appraisal may be inflated or deflated, or waver between extremes; emotional control mirrors fluctuations in self-esteem

—goal-setting is centered on gaining approval from others; personal standards are unreasonably high in order to see oneself as exceptional, or too low based on a sense of entitlement; often unaware of own motivations.

Impairments in interpersonal functioning (must include one or both):

—impaired ability to recognize or identify with the feelings and needs of others; excessively attuned to reactions of others, but only if perceived as relevant to self; over- or underestimate of own effect on others

—relationships mainly superficial and exist to serve self-esteem regulation; mutuality constrained by little genuine interest in others’ experiences and predominance of a need for personal gain.

Pathologic personality traits:

—grandiosity

—attention seeking.

In addition to the DSM-V, many professionals use the Narcissistic Personality Inventory to help diagnosis NPD. This 40-question test measures traits that may be indicative of NPD, such as how much attention and power someone craves. Statements include, “I like to be the center of attention,” “If I ruled the world, it would be a better place,” and “I will never be satisfied until I get all that I deserve.” The patient responds to these statements and the results are tallied. A score of above 20 is suggestive of NPD.

Tricky treatment

Treatment for NPD is centered on psychotherapy, also known as talk therapy. Psychotherapy helps the patient understand the cause of the disorder and focuses on learning how to establish healthy, meaningful relationships with others. It’s important to note that personality traits are extremely difficult to change; therefore, therapy may take several years.

Psychotherapy seeks to help the person with NPD in several ways, including:

understanding the causes of their emotions and what it is that drives them to compete in such a ruthless way

understanding why they distrust others so vehemently

accepting responsibility for their actions and learning to release their desire for unattainable goals and accept what’s attainable

recognizing and accepting their actual competency and potential so that they can tolerate criticisms and failures

maintaining real personal relationships, friendships, and collaboration with coworkers.

There are no medications specifically for the treatment of NPD. However, individuals with NPD often benefit from the use of psychiatric medications to help alleviate depression, anxiety, mood lability, and poor impulse control. Medications that may be prescribed include antidepressants (citalopram), antipsychotics (risperidone), and mood stabilizers (lamotrigine).

The person with NPD typically only seeks treatment when they become completely desperate. If there’s an event (a trigger) that threatens their status, such as a major defeat or rejection, they may be motivated to seek therapy. However, after they start feeling better or the threat is gone, they may forego therapy and resume their behaviour.

What can you do?

As a nurse, you’ll most likely come into contact with patients with NPD. These are often difficult patients who aren’t likely to be socially cooperative. You must use your therapeutic communication and self-awareness skills when interacting with patients with NPD. Understanding that the patient truly doesn’t see themself at fault may help you sympathize with their behavior.

Set goals for yourself to help you care for the patient. These goals should include:

  • developing a relationship with the patient based on empathy and trust while also maintaining appropriate boundaries
  • ensuring care responsibilities are appropriately addressed
  • encouraging effective and functional coping and problem-solving skills in a way that’s empowering to the patient
  • promoting the patient’s development of and engagement with their support network
  • ensuring collaboration and communication with other members of the interprofessional team for consistency in treatment and approach
  • supporting and promoting self-care activities for the patient’s family and caregivers.increase the ability to understand and regulate their feelings
  • learn to relate better to others
  • omit feelings of superiority and arrogance
  • vacate feelings of distrust and envy
  • elevate the ability to establish long-lasting relationships
  • understand the causes of the disorder and its impact on their self-esteem.

If the patient is unable to attain these goals or doesn’t adhere to the treatment plan, focus on the rewards of treatment. Teach the patient relaxation and stress management techniques, such as meditation. It’s important to keep an open mind and not give up.

Much needed help

Because the cause of NPD is unknown, there’s no proven way to prevent this condition. Unfortunately, individuals with NPD have a higher rate of substance abuse (alcohol/drugs), depression, and difficulty dealing with people in all life aspects. They may also express suicidal thoughts or behaviors at some point during their lifetime. Because the person with NPD believes “I’m okay and everybody else isn’t okay,” seeking treatment is rare. Some wait until things are so bad they need to be hospitalized. Although there’s no cure for NPD, psychotherapy can help. However, the patient must be willing to seek treatment and learn how to relate to others in a more positive way. This depends largely on their acceptance of constructive criticism and how much they’re willing to change.

Insists on special favors and unquestioning compliance with their expectations

Thinks about themself most of the time and talks about themself excessively

Insists on being provided with constant attention

Sense of entitlement

Achievements and talents are exaggerated

Lets others believe they’re special

Lets their feelings of jealously toward others consume them and believes others envy them

Arrogant personality

Being preoccupied with fantasies about success, power, brilliance, or beauty

Other people’s feelings and needs are ignored and go unrecognized

Unrealistic goals

Takes advantage of others to get what they want

Manner is haughty in nature

Exaggerated sense of self-importance

Relaxing around them is impossible

Exaggerates personal achievements while minimizing others’

Frequently complains that whatever others do, it isn’t “good enough”

Lies and excuses abound

Always assumes they’re more knowledgeable than others

Goes into a rage or sulks when they don’t get their way

Sees themself as “perfect” and wants others to see them that way, too

NPD derives its name from a Greek myth in which a handsome young man named Narcissus sees his own reflection in a pool of water and falls in love with it.

To remember the goals of treatment, think I LOVE U.

Increase the ability to understand and regulate their feelings

Learn to relate better to others

Omit feelings of superiority and arrogance

Vacate feelings of distrust and envy

Elevate the ability to establish long-lasting relationships

Understand the causes of the disorder and its impact on their self-esteem

आज का पांचांग

पंचांग 05 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष, 

तिथिः अमावस प्रातः 06.58 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः मूल अपराहन्ः 03.08 तक, 

योगः ध्रुव रात्रि 02.12 तक, 

करणः चतुष्पद, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः धनु, 

राहु कालःप्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 07.19, 

सूर्यास्तः05.34 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दान देकर यात्रा करें।

आज का राशिफल

05 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काज को पुनः पटरी पर लाने के लिए तत्पर दिखेंगे। आप अपने परिवार के लोगों से समांजस्य स्थापित करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय होगे। आप देखेंगे कि आज धन निवेश में फायदा हो रहा है। किन्तु निजी संबंध कुछ बिगड़ रहे है। जिससे आप दुःखी हो रहे है। स्वास्थ्य कुछ कमजोर होगा।

05 जनवरी 2019: आज का दिन आपको जहाँ कारोबारी जीवन मे बेहतरी देने वाला होगा। वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी बढ़िया होगा। आप देखेंगे कि आज काम-काजी जीवन में बढ़त की स्थिति उभर रही है। जिससे आप प्रसन्न हो रहे हैं। प्रेम संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए आप कुछ उपहारों को देना चाहेंगे। भूमि मे विवाद होगे।

05 जनवरी 2019: आज के दिन को आप उपयोगी बनाने के लिए पूरे मन से काम करने में लगे होगे। आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों को जुटाने के अवसर तो है। किन्तु बढ़ते हुए काम के दवाब के कारण आप कुछ परेशान से होगे। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन उतना अच्छा नहीं होगा। जिससे आपको अस्पताल तक जाना पड़ सकता है।

05 जनवरी 2019: आज आप अपने मित्रों के साथ संपर्क बढ़ाते हुए किसी मामलों में गहन चर्चा कर सकते हैं। आज आपकी आमदनी पहले के मुकाबले अधिक अच्छी होगी। जिससे आप प्रसन्न होगे। आपकी मेहनत दिन-प्रतिदिन सफलता में बदलती जाएंगी। जिससे प्रसन्न होगे। किन्तु सगे रिश्तेदार को लेकर आपको चिंता हो सकती है।

05 जनवरी 2019: आप अपने व्यवसाय को और बढ़ाने के लिए तैयार होगे। स्वास्थ्य जहाँ अच्छा होगा। वहीं मन में आत्मविश्वास और बढ़ जाएंगा। जिससे आप अपने कामों को बेहतर ढंग से करते होगे। आप देखेंगे कि आज योजनाओं को पूरा करने के अच्छे माहौल हैं। प्रेम संबंधों में आज मधुरता की स्थिति बनी होगी। बेटी/बेटा को शिक्षित करने की चुनौती होगी।

05 जनवरी 2019: आज आप अपने कार्य व शिक्षा की समीक्षा करने के लिए तैयार होगे। आप अपनी क्षमताओं को आंकते हुए उन्हें बढ़ाने के लिए कुछ करना चाहेंगे। जिसमें आप कुछ हद तक सफल भी होगे। आज आपके ग्रह सकारात्मक है। जिससे धर्म लाभ के कामों को भी आप करते होगे। किन्तु वाहन को लेकर आप कुछ चिंतित होगे।

05 जनवरी 2019: आज आप अपने आजीविका के प्रयासों को ओर तेजी देना चाहेंगे। जिससे कुछ धन व समय दोनों ही लगेंगे। किन्तु सफलता के बढ़िया अवसर होगे। जिससे आपके मन में सकारात्मक स्थिति और मज़बूत होगी। आज विरोधी पक्ष आपको किसी झगड़े में उलझाने की कोशिश कर सकते है। स्वास्थ्य कुछ कमजोर होगा।

05 जनवरी 2019: आज आप अपने व्यवसाय को और तेज करने के लिए कुछ कारगर योजनाओं को विस्तार देने के लिए तैयार होगे। यदि आप अविवाहित हैं, तो वैवाहिक जीवन में बंधने के बेहतर अवसर होगे। आप अपने परिजनों के साथ मिलजुल कर चलने के लिए तैयार होगे। प्रेम संबंधों में मधुरता की स्थिति होगी। भूमि के विवाद होगे।

05 जनवरी 2019: आप आज अपने आजीविका के मामलों में पहले से अधिक तेजी लाना चाहेंगे। जिसके लिए आपको धन व समय दोनों ही लगाना होगा। कुछ साधनों को जुटाने के लिए आज आपको निकटवर्ती व्यक्ति से सहयोग लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य व प्रेम संबंधों में कोई खास प्रगति नहीं होने से आप परेशान होगे।

05 जनवरी 2019: आज आप अपने अध्ययन के क्षेत्रों में प्रगति हासिल करने के लिए पहले से अधिक तेजी लाना चाहेंगे। भले ही आपको कुछ अधिक मेहनत करनी होगी। आज आप अपनी आय को पहले से अधिक बेहतर बनाने के लिए उत्सुक होगे। प्रेम संबंधों में आज खुशी के पल होगे। किसी लेन-देन में विवाद होगे।

05 जनवरी 2019: आज आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए उत्साहित होगे। बढ़ती हुई चुनौती को देखते हुए आप अपने व्यवसाय में किसी अनुभवी व्यक्ति की नियुक्ति करना चाहेंगे। वैसे आज आप कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कामयाब होगे। प्रेम संबंधों की खुशहाली को बढ़ाने के लिए आप कुछ उत्सुक होगे। धन की कमी होगी।

05 जनवरी 2019: आज आप सगे संबंधियों से समांजस्य बिठाने में लगे होगे। समाजिक जीवन की प्रतिष्ठा और उच्च हो, इसके लिए आप कुछ नए तरह के उपायों को अमल में लेना चाहेंगे। नौकरी के क्षेत्रों मे  आप दखेंगे। कि आज कुछ ज्यादा भाग-दौड़ व तनाव बढ़ रहे है। जिससे आप परेशान से हो रहे। प्रेम संबंधों में सामान्य स्थिति होगी।