यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर घोषित कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर मंगलवार को शिमला जा रही ‘हिमालयन क्वीन’ टॉय ट्रेन में आग लग गई. यह घटना हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर और कोटी रेलवे स्टेशनों के बीच हुई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शिमला जा रही हिमालयन क्वीन के ट्रेन के इंजन में सोलन जिले के कुम्हारहट्टी के समीप आग लग गई. अंबाला संभागीय रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि गनीमत यह रही कि घटना में कोई घायल नहीं हुआ.
जानकारी के अनुसार. हिमालयन क्वीन ट्रेन नंबर 52455 के इंजन में दोपहर करीब दो बजकर 15 मिनट पर कुम्हारहट्टी के पास आग लग गई. सात डिब्बों वाली इस ट्रेन में हादसे के दौरान 200 के करीब यात्री सवार थे. आग पर इंजन के पायलेट ने ही काबू पा लिया था. इसके बाद ट्रेन का इंजन बदला गया और इसे शिमला के लिए रवाना किया गया है
इस वजह से लगी आग नार्दन रेलवे के अनुसार, सोलन में हिमालयन क्वीन ट्रेन में तकनीकी खामी पेश आई. रेलवे का कहना है कि इंजन में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी. 20 मिनट के अंदर आग पर काबू पा लिया गया. घटना में किसी शख्स के हताहत होने की खबर नहीं है.
103 सुरंगों से होकर गुजरती हैं यह ट्रेन कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें हैं, जो सफर को रोमांचक बनाती हैं. बडोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है. रेलमार्ग पर 869 छोटे बड़े पुल हैं जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है. 2008 में यूनेस्को ने इस रेल लाइन को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Untitled-1.jpg506749Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 14:41:502019-01-08 14:48:53कालका शिमला रेल में कुमारहट्टी के पास इंजन में लगी आग सभी सुरक्षित
इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को ‘ट्यूशन’ का ऑफर भी दे दिया
राफेल डील का मामला खींचता जा रहा है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने राफेल फाइटर जेट डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर सोमवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रमुख को अपने तथ्यों को सही करने के लिए ‘ट्यूटर’ की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने ‘ट्यूशन’ का ऑफर भी दिया.
पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमन ने सवाल उठाया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार क्यों लड़ाकू जेट विमान के सौदे को अंतिम रूप देने में असमर्थ रही है? राहुल गांधी से यह सवाल करना चाहिए.
सीतारमन ने कहा, ‘यूपीए सरकार हर साल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल को 10,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर देती थी. हम उसे 20,000 करोड़ रुपए का ऑर्डर देते हैं. राहुल गांधी से यह नहीं पूछा जा रहा है कि उन्होंने सौदे को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया?’
कांग्रेस द्वारा संसद में उठाए गए ऑडियो रिकॉर्डिंग के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सीतारमन ने कहा, ‘उनके (राहुल गांधी) पास मंत्रालय की सभी फाइलें हैं. क्या उनके पास सारी फाइलें पड़ी हैं या उनके किसी सूत्र ने सूचना लीक की है.
सरकार जवाब देने को तैयार,लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं संसद में हंगामे को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीतारमन ने कहा कि सरकार सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘संसद में बहस के दौरान जब सवाल पर संबंधित मंत्री जवाब देने के लिए खड़े होते हैं तो आप कहते हैं कि ‘प्रधानमंत्री को बुलाओ’.’
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीतारमन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राफेल मुद्दे पर झूठ बोला है. उन्होंने सीतारमन के इस्तीफे की मांग की थी. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उसे छिपाने के लिए एक के बाद एक कई झूठ आपको बोलने पड़ते हैं. राफेल मामले में पीएम मोदी को बचाने की हड़बड़ी में रक्षामंत्री ने संसद में झूठ बोला. कल रक्षा मंत्री या तो HAL को एक लाख करोड़ के ऑर्डर का सबूत लेकर आएं या फिर इस्तीफा दे दें.’
वित्तीय संकट से जूझ रही है सरकारी कंपनी एचएएल
दरअसल, राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना तब साधा, जब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल वित्तीय संकट से जूझ रही है और अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे उधार लेने को मजबूर है. एक लाख करोड़ रुपए में से एचएएल को एक पैसा भी नहीं मिला क्योंकि किसी आदेश पर हस्ताक्षर ही नहीं किए गए. कंपनी को सीतारमन के औपचारिक आदेश का इंतजार है.
वहीं राहुल गांधी की इस चुनौती के बाद निर्मला सीतारमन ने अपने जवाबी ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी को वह रिपोर्ट पूरी पढ़नी चाहिए, जिसका वह जिक्र कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट के उस हिस्से का भी जिक्र किया, जिसमें लिखा है ‘हालांकि, लोकसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि सीतारमन ने यह दावा नहीं किया कि ऑर्डरों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. उन्होंने यह कहा कि उन पर काम चल रहा है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/rahul-gandhi.jpg5641002Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 14:19:202019-01-08 14:19:22तथ्यों को समझने के लिए आपको(राहुल गांधी) को ट्यूटर की आवश्यकता पड़ेगी: निर्मला सितारमण
सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा
केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं, पीएम मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है
सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट
के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर
निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम
कोर्ट ने खारिज किया है. कांग्रेस के साथ दूसरे राजनीतिक दलों ने भी सुप्रीम कोर्ट
के आदेश को सरकार के लिए बड़ा झटका करार दिया.
कांग्रेस
के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने
के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए
हैं. इससे पहले भी उन्होंने इसी तरह केंद्रीय सतर्कता आयोग की विश्वसनीयता
(सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश की सलाह की जरूरत) को दरकिनार कर उसे तबाह कर
दिया था. पीएम मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम
कोर्ट ने रद्द कर दिया है.’
उन्होंने पीएम मोदी को यह याद रखने के लिए कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी, लेकिन संस्थानों की अखंडता हमेशा
कायम रहती है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘यह आपके लिए हमारे लोकतंत्र और
संविधान की मजबूती के बारे में एक सबक है. इससे पता चलता है कि आप कितने भी
स्वेच्छाचारी हों, अंत में
कानून आपको पकड़ ही लेता है.’ सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री को ‘लोकतांत्रिक संस्थानों को कुचलने
वाला’ करार दिया.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अदालत के फैसले का
स्वागत किया है. उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि आज आप लोगों पर दबाव
बनाने के लिये इन एजेंसियों का इस्तेमाल करेंगे, कल कोई और ऐसा करेगा. ऐसे में
लोकतंत्र का क्या होगा? वहीं माकपा
महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अदालत के फैसले से साबित होता है कि
प्रधानमंत्री और उनकी सरकार इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे.
किसने क्या
कहा
संसद के
बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने इस फैसले को
सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने
कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है. आम आदमी
पार्टी प्रमुख ने ट्वीटर पर लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई प्रमुख को बहाल करना प्रधानमंत्री को
सीधे तौर पर दोषी ठहराता है. मोदी सरकार ने देश के संस्थानों और लोकतंत्र को तबाह
कर दिया. क्या सीबीआई निदेशक को आधी रात को अवैध रूप से हटाना राफेल घोटाले की
जांच रोकने की कोशिश नहीं थी, जिससे सीधे प्रधानमंत्री जुड़े हुए हैं?’
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा
कि केंद्र सरकार को अब अपने राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई और एनआईए जैसी जांच
एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने
कहा कि यह आदेश वर्मा के लिये अधूरी जीत है. उन्होंने कहा, उन्हें (वर्मा को) बहाल तो कर
दिया गया है लेकिन उन्हें कोई भी नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया गया है.
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि वर्मा के बारे में कोई भी फैसला सीबीआई निदेशक का चुनाव और नियुक्त करने वाली उच्च शक्ति प्राप्त समिति करेगी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने सुनाया है. सीबीआई के निदेशक के रूप में वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है.
कमाल है की मोदी पकड़े गए, दोषी ठहराए गए हैं, इस पर सवाल उठता है की सूप्रीम कोर्ट मात्र पकड़ता है या दोषी ठहराता है ओर सज़ा के लिए किसी और को ढूँढना होगा क्या नेता सर्वोच्च नयायालय को सज़ा सुनाने के लिए अक्षम मानते हैं या फिर मोदी दोषी और पकड़ा गया यह मात्र खीज भरा जुमला है
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.png00Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 13:59:572019-01-08 13:59:59सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रधानमंत्री मोदी का दोष साबित हुआ- विपक्ष
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अवैध खनन घोटाले के मामले में यूपी की तत्कालीन अखिलेश सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी कांग्रेस के समय मायावती पर NRHM और स्मारकों के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था और उनसे पूछताछ भी हुई थी। आज अखिलेश और माया गठबंधन में है और कांग्रेस उनका समर्थन कर रही है इसीलिए खनन घोटाले (मायावती ने जिनका मुद्दा उठा कर सीबीआई जांच की मांग की थी) राजनीति से प्रेरित हैं और भाजपा राजनैतिक विद्वेष से सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है।
दरअसल, सीबीआई की कार्रवाई के पूर्व के इतिहास के चलते इस बार अखिलेश यादव भी सीबीआई को राजनीतिक हथियार बना कर मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि आज जो राजनीतिक दल उनके साथ इसी मुद्दे पर समर्थन में खड़े हैं वही दल खुद पूर्व में सीबीआई जांच की मांग कर चुके थे. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अवैध खनन घोटाले के मामले में यूपी की तत्कालीन अखिलेश सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी. आज जो आरोप बीएसपी केंद्र सरकार पर लगा रही है ठीक वैसे ही आरोप मायावती भी पूर्व में कांग्रेस पर लगा चुकी हैं.
यूपी में साल 2007 से 2012 के समय मायावती सरकार पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और स्मारकों के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था. उस वक्त केंद्र में यूपीए की कांग्रेस नीत सरकार थी. NRHM घोटाले के मामले में सीबीआई ने मायावती से पूछताछ भी की थी.
क्या भ्रष्टाचार के दाग सिर्फ राजनीतिक कारणों से लगते हैं?
अब जब अखिलेश से सीबीआई पूछताछ की संभावना दिखाई दे रही है तो कांग्रेस भी अखिलेश के समर्थन में साथ खड़ी है. इसकी सियासी वजह ये भी हो सकती है कि यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर एसपी-बीएसपी गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए सम्मान में छोड़ दीं.
बहरहाल, सीबीआई या ईडी या फिर दूसरी जांच एजेंसियों के घेरे में जब भी राजनीतिक चेहरे आए तो सरकारों पर राजनीति हित साधने के आरोप लगते रहे हैं. जिस वजह से सत्ता में राजनीतिक दलों की आवाजाही के दरम्यान मुकदमों की फाइलों की आंख-मिचौली होती रहती है. ऐसे में सिर्फ लोकसभा चुनाव के गठबंधन का हवाला देकर अखिलेश सीबीआई की पूछताछ पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो ये नई बात नहीं है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/09/maya_akhilesh.jpg5641002Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 13:43:112019-01-08 13:43:13अखिलेश से सीबीआई पूछताछ की संभावना दिखाई दे रही है तो कांग्रेस भी अखिलेश के समर्थन में साथ खड़ी है.
जब संजय बारू की पुस्तक छपती है तब किसी प्रकार की मान हानी नहीं होती और न ही देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। अब यही पुस्तक चलचित्र में परिवर्तित हो जाती है तो अचानक ही राष्ट्र सुरक्षा खतरे में पड़ती है साथ ही साथ पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान को ठेस लग जाती है।
पहले भी कई फिल्मों पर रोक लगाने की मांग की गयी है, हाल ही में पद्मावत में क्षत्रिय समाज ने अपनी पूजनीय रानी पद्मावती के किरदार के साथ कुछ छेड़ छाड़ की शिकायत को लेकर रोक की मांग राखी थी, खारिज हो गयी। अब मनमोहन सिंह की विवशताओं पर बनी फिल्म से क्या मनमोहन सिंह के चरित्र हनन की बात सामने आ रही है या फिर एक परिवार विशेष की मानसिकता को चोट पहुँच रही है? इस बार कलाकारों पर दर्ज़ हुए मुक़द्दमे की समझ नहीं आ रही।
मुजफ्फरपुर: द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर रिलीज के ठीक पहले मुश्किलों में फंसती नजर आ रही है. बिहार के मुजफ्फरपुर कोर्ट ने फिल्म के अभिनेता अनुपम खेर सहित 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है.
सभी के खिलाफ केस कांटी थाने में दर्ज किया जाएगा. दरअसल अधिवक्ता सुधीर ओझा ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था और आरोप लगाया था कि फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित अन्य नेताओं को अपमानित किया गया है. एसडीजेएम के कोर्ट में सुनवाई के बाद एफआईआर का आदेश दिया गया है.
इस परिवाद में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी. साथ ही ये भी कहा गया था कि फिल्म में देश की सुरक्षा व्यवस्था से भी खिलवाड़ किया गया है. फिल्म में अनुपम खेर पूर्व प्रधानमंत्री का किरदार निभा रहे हैं.
फिल्म दरअसल संजय बारू की किताब द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर बनी है और यह किताब पिछले लोकसभा चुनाव के समय आई थी और 2019 लोकसभा चुनाव के समय फिल्म रिलीज की जा रही है. फिल्म को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है तो वहीं फिल्म से बीजेपी को जरूर चुनाव के वक्त फायदा हो सकता है.
देखने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है. साथ ही हर किसी को फिल्म के रिलीज का इंतजार है कि आखिर फिल्म में क्या दिखाया गया है और किस तरह से किस नेता का किरदार दिखाया गया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/ak11_1532329295.jpg548730Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 12:52:402019-01-08 12:56:07द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के कलाकारों पर मुजजफरपुर में मुक़द्दमा दर्ज़।
नई दिल्ली : सवर्णों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया है. इस पर शाम 5 बजे से बहस होगी. इस पर बहस में सरकार को कई छोटे और अहम दलों ने समर्थन दिया है. इनमें एनसीपी, एसपी, एनसीपी, बीएसपी जैसे दल शामिल हैं. हालांकि कांग्रेस और एआईएमआईएम जैसे दलों का रुख साफ नहीं है. इस मुद्दे पर होने वाली बहस में सरकार की ओर से अरुण जेटली, निशिकांत दुबे और नंद किशोर चौहान हिस्सा लेंगे.
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को सवर्ण जातियों के गरीबों के लिए शिक्षा और रोजगार में 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला किया है. लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा क्योंकि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो जाएगा.
इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/335941-arun-jaitley.jpg545970Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 11:49:412019-01-08 11:49:43अरुण जेटली, निशिकांत दुबे और नंद किशोर चौहान लोकसभा में रखेंगे सरकार का पक्ष
काश्मीर में पाकिस्तान
द्वारा भेजे गए आतंकियों ने वहाँ के युवाओं को गुमराह कर सेना पर पत्थरबाजी
कारवाई। हमें नाज़ है हमारे जवानों पर जिनहोने संयम से काम लेते हुए पत्थर बाजों पर
गोलियां नहीं चलाईं बल्कि खुद घायल होते रहे। ऐसी सहनशीलता की मिसाल दुनिया में
कहीं नहीं मिलेगी। अभी हाल ही में केरल से ख़बरें आ रहीं हैं की वहाँ भी पत्थरबाजी
ने अपने “अदरक के पंजे” फैलाने शुरू कर दिये हैं
हमारे देश में हिन्दू आस्था
के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों व इसे तहस नहस करने वालों की संख्या दिन-ओ-दिन बढ़ती
ही जा रही है। साजिशे रचीं जा रहीं हैं। अब तो केरल सरकार और प्रशासन इसका हिस्सा
बनते हुए नज़र आ रहे हैं। हिन्दू आस्था को बदनाम और तार तार करने के लिए नए नए
तरीके अपनाए जा रहे हैं। मदिर में प्रवेश
करने के लिए केरल की वामपंथी सरकार साजिश रचती है। 2 महिलाओं को धोखे से मंदिर के
अंदर प्रवेश करवाया जाता है। इन महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने के लिए किसी भी
परंपरागत नियम का पालन नहीं किया है। (आप सबको याद दिला दें कि सबरी माला
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर कोई निषेध नहीं है, बस एक खास उम्र कि महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर पाबंदी है वही
महिला जब उस आयु को पार कर लेती है तो वह उस मंदिर में प्रवेश पा सकती है।) करीब रात एक(1:00am) बजे पुलिस महिलाओं के साथ
एंबुलेंस के जरिए मंदिर में प्रवेश करती है। पुलिस कहती है कि यह महिलाएं नहीं
किन्नर हैं। मंदिर प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश होती है। जबर्दस्ती उन्हे अंदर
भेजा जाता है और पूजा कारवाई जाती है। मंदिर प्रशासन इस पर सख्त एतराज करता है,
बाद में प्रशासन मंदिर के द्वार बंद कर देता है। इसके बाद मंदिर और देवता का शुद्धिकरण
किया जाता है और कपाट पुन: खोल दिये जाते हैं। लेकिन फर्जी महिलाओं के मंदिर
प्रवेश पर भक्तों का गुस्सा अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है।
प्रो॰ संदीप कुमार जो कि
“साउथ इंडिया स्टडीज़” के जानकार माने जाते हैं का कहना है कि हिन्दू धर्म को तोड़ने
व इसका सत्यानाश करने के लिए यह कमयूनिस्ट सरकार कि सोची समझी साजिश है। केरल के
सांसद और वरिष्ठ नेता श्री वी मुरलीधरन जी का कहना है:
“केरल कि वामपंथी सरकार जिसकी धर्म (हिन्दू) और मंदिर
(सबरीमाला) में कोई आस्था नहीं है, वह सबरीमाला मंदिर कि परम्पराओं एवं आस्था को
तोड़ने का प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर और इसके आधार पर बहाना बना कर 2 महिलाओं को
मंदिर में प्रवेश करवाया और पूजा पाठ करवाया, इसका पता चलते ही भारतीय जन मानस में आक्रोश की
लहर दौड़ गयी। इससे बचने के लिए वामपंथियों द्वारा भाजपा और आरएसएस के दफ्तरों में
बमों से हमले किए गये, भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के घरों में आगजनी के
साथ साथ बंब भी फेंके गये।“
इन सब घटनाओं के मद्देनजर कुछ सवाल उठते हैं जैसे:
क्या केरल की वामपंथी सरकार को हिंदुओं की धार्मिक आस्था एवं आज़ादी से कोई लेना देना नहीं?
क्या केरल में हिंदुओं की आस्था सुरक्षित नहीं?
क्या केरल वामपंथी पत्थरबाज़ों का अड्डा बन गया है?
क्या केरल में भी काश्मीर की तर्ज़ पर पत्थरबाज़ों का जन्म हो गया है?
क्या वामपंथी सरकार के चलते केरल इस्लामिक स्टेट बनने को अग्रसर है?
क्या काशमीर की ही तरह हिंदुओं को केरल से भी पालायन करना होगा?
केरल में अत्याचार हो रहे
हैं और सरकार दमन के लिए नए हथकंडे अपना रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सभी आयु
वर्ग की महिलाएं मंदिर जा सकतीं हैं, यह तो नहीं कहा कि हिन्दू धर्म में आस्था ण रखने वाली
मुस्लिम महिलाओं को जबर्दस्ती मंदिर में भेजो? बाहर सड़कों पर हिन्दू
धर्म की महिलाएँ अपनी आस्था को लेकर प्रदर्शन कर रहीं हैं,
उनका मानना है की उन्हे मंदिर में प्रवेश नहीं चाहिए,
वह भगवान अय्याप्पा स्वामी की भक्ति ही में खुश हैं, वह दर्शनभिलाषी नहीं,
उनकी स्नेह भाजन हैं। उन्हे भगवान अय्याप्पा की मर्ज़ी के खिलाफ उनके दर्शन नहीं
चाहिए। लाखों की संख्या में महिलाए हाथों में पूजा की थाली ले कर दीप प्रज्ज्वलित कर
कन्याकुमारी तक पांकती बद्ध हो कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहीं हैं,
लेकिन जबर्दस्ती अनास्थावान स्त्रियॉं को लेकर उन्हें मंदिर पहुंचाने की ज़िद!
केरल सरकार की शह पर वहाँ हिंसा में उतारू लोगों का उद्दंडता से भर नंगा नाच हो
रहा है।
केरल राज्य से हिंसा की
वारदातों की खबरें आ रहीं हैं। मंदिर परिसर में पत्थर बाज़ी से 55 वर्ष के मंदिर
कमेटी के भक्त की मौत हो जाती है, केरल सरकार उसे हृदयाघात (Cardiac Arrest/ Attack) बता रही है। जबकि डॉ। की रिपोर्ट बता रही है की
मौत गंभीर चोट लगने से हुई है। पूरे केरल में वामपंथी काश्मीरी पत्थरबाज़ों की तरह
भगवान अय्यापा के भक्तों पर पर पत्थरबाजी कर रहे हैं। करीब 1400 भक्त गंभीर रूप से
घायल हो चुके हैं। केरल में पीएफ़आई पहिले से ही सक्रिय है। अगर पीएफ़आई इसमें शामिल
है तो केरल को काश्मीर बनने से कोई नहीं रोक सकता। अगर सरकार ही षड्यंत्र करवाने पर
उतारू हो जाये तो कौन बचाएगा? सरकार हिंदुओं को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर
कर रही है। पुलिस गुंडों की तरह व्यवहार कर रही है। एक विडियो में दिख रहा है की कैसे
पुलिस एक बाइक सवार को बाइक से उतार कर पीट रही है। बाइक सवार कसूर इत्न था की उसके
हाथ में भगवा झण्डा था। यदि यह अधिकार भी किसी
व्यक्ति को नहीं है, तो क्या यह राज्य भारतवर्ष का हिस्सा हो सकता है?
यह अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न है।
तमिलनाडू में जल्लीकुट्टू पर
केंद्र सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा तो सबरीमाल पर भी केंद्र सरकार को चाहिए कि जल्दी
ही अध्यादेश लाये।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/scan945.jpg525415Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 08:24:452019-01-08 08:24:48पत्थरबाजी : काश्मीर से चल कर पहुंची केरल
नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सोमवार को इजाफा होने के बाद मंगलवार को राजधानी समेत चारों महानगरों में तेल के दामों में राहत मिली. सोमवार को पेट्रोल के रेट में 21 पैसे की तेजी आई थी लेकिन मंगलवार को दाम पुराने स्तर पर ही बने रहे. वहीं डीजल के रेट भी 62.24 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर कायम रहे. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की
पेट्रोल
देहली
68.50
कोलकतता
70.64
मुंबई
74.16
चेन्नई
71.70
कीमतों में तेजी आने से भविष्य में पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ सकते हैं. मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के रेट पुराने स्तर क्रमश: 68.50 रुपये, 70.64 रुपये, 74.16 रुपये और 71.07 रुपये प्रति लीटर पर कायम रहे.
7 जनवरी को पहली बार बढ़ी कीमत
वहीं दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल के रेट क्रमश: 62.24 रुपये, 64.01 रुपये, 65.12 रुपये और 65.70 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर ही बने रहे. आपको बता दें नए साल में 1 जनवरी को पेट्रोल के रेट में 19 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई थी.
डीज़ल
देहली
62.24
कोलकतता
64.01
मुंबई
65.12
चेन्नई
65.70
2 और 3 जनवरी को कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन 4 जनवरी को 21 पैसे और फिर 5 जनवरी को 15 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल सस्ता
हुआ. इसके बाद 6 जनवरी को कीमत स्थिर रहीं, जबकि सोमवार 7 जनवरी को कीमतें पहली बार बढ़ी.
इसके बाद 8 जनवरी को
पेट्रोल और डीजल के रेट पुराने स्तर पर ही कायम रहे.
आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं कीमत
पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमत में एक बार फिर तेजी से इजाफा हुआ है. 25 दिसंबर 2018 को 50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने वाला ब्रेंट क्रूड इस समय 57.56 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल सकती है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/06/Petrol-Pump_2016.jpg400700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 04:11:242019-01-08 04:12:24पेट्रोल के दामों में राहत स्थायी नहीं
2018 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर मीणा ने बीजेपी के हेमंत मीणा को 16680 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी.
कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में विवादस्पद बयान दिया है. राजस्थान के कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ की गई टिप्पणी के दौरान अमार्यादित भाषा के इस्तेमाल वाले एक वीडियो के वायरल होने से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. राज्य की प्रतापगढ़ विधानसभा सीट से पहली बार कांग्रेस विधायक बने रामलाल मीणा ने बीते रविवार को वीरावली में जनसमस्या की सुनवाई के दौरान कथित रूप से कहा था कि वसुंधरा राजे शराब की बोतले खोलने में व्यस्त रहीं जबकि विकास कार्य बाधित रहा.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मीणा ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए तालियां बजाई जानी चाहिए. उन्होंने (गहलोत ने) सत्ता संभालते ही सही दिशा में काम करना शुरू कर दिया. वसुंधरा राजे शराब की बोतल खोलने में व्यस्त रहीं और काम नहीं किया. उधर मीणा के बयान पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने कहा कि विधायक को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मीणा को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर मीणा ने बीजेपी के हेमंत मीणा को 16680 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/ramlal_meena_750_1544603144_618x347.jpeg347618Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 01:46:062019-01-08 01:53:56वसुंधरा राजे शराब की बोतल खोलने में व्यस्त रहीं और काम नहीं किया: रामलाल मीणा
सीरीज में तीन शतकों सहित कुल 521 रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा मैन ऑफ द सीरीज रहे प्रधान मंत्री मोदी ने ट्वीट कर दिया बधाई संदेश
A historic cricketing accomplishment in Australia! Congratulations to the Indian Cricket Team for the hard-fought and richly deserved series victory. The series witnessed some memorable performances and solid teamwork. Best wishes for the various games ahead.52.6K12:01 PM – Jan 7, 2019
लगातार दो दिन तक सिडनी का खराब मौसम भी उस स्याही को धो नहीं पाया, जिससे सोमवार को भारत के लिए इतिहास लिखा गया. बारिश के कारण मजबूत स्थिति होने के बावजूद भले ही भारत को सिडनी टेस्ट में ड्रॉ से संतोष करना पड़ा हो, लेकिन टीम के लिए सोमवार का दिन जश्न मनाने वाला रहा. ठीक 71 साल एक माह और 10 दिन साल कोई एशियन टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत पाई. विराट कोहली की अगुआई में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की.
सीरीज में तीन शतकों सहित कुल 521 रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा मैन ऑफ द सीरीज रहे और इसके साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया में मैन ऑस्ट्रेलिया द सीरीज बनने वाले भारत के पांचवें खिलाड़ी बन गए हैं.
‘विराट सीरीज’ जीत से चूकी टीम
चार टेस्ट मैचों की सीरीज भारत ने 2-1 से जीती. सिडनी टेस्ट में जीत के करीब होने के बावजूद टीम बड़ी जीत से चूक गई. 622 रन पर पहली पारी घोषित करने के बाद भारत ने मेजबान की पहली पारी को 300 रन पर ही रोक दिया और फॉलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया था. टीम के पास सीरीज जीत के अंतर को 31 करने का मौका था, लेकिन पांचवें दिन के खेल में बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी और मैच को ड्रॉ घोषित कर दिय गया. सिडनी टेस्ट का चौथा दिन भी बारिश से प्रभावित रहा था और सिर्फ 25.2 ओवर का ही खेल हो सका था.
टीम इंडिया के लिए खास हैै सिडनी
वैसे सिडनी क्रिकेट ग्राउंड को सचिन क्रिकेट ग्राउंड भी कहा जाता है.सचिन की 2004 में यहां खेली गई नाबाद 241 रन की पारी तो सबको याद ही होगी. भारत के लिए सिडनी का यह ग्राउंड उनके किसी घरेलू मैदान से कतई कम नहीं है. सिडनी ने टीम ने अपने बेहतरीन बल्लेबाजी और आक्रामक गेंदबाजी से यह एक बार तो यह बता दिया था कि सिडनी में वह मेहमान नहीं हैं. एससीजी पर बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है. भारतीय टीम ने इससे पहले 2004 में इसी मैदान पर सात विकेट पर 705 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की थी. 622 रन भारत का ऑस्ट्रेलिया में ओवरऑल दूसरा सबसे बड़ा स्कोर भी है.
पुजारा चूके तो पंत ने लय हासिल की
चेतेश्वर पुजारा यहां विदेशी जमीं पर अपने दोहरे शतक के काफी करीब थे, लेकिन 193 रन ही बना सके. हालांकि विदेश में पुजारा का यह सर्वोच्च स्कोर बना.ससे पहले पुजारा का सर्वोच्च स्कोर 153 रन का था, जो उन्होंने 2013 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ और 2017 में श्रीलंका के खिलाफ बनाए थे. यही नहीं पुजारा इस श्रृंखला में 1200 से अधिक गेंदें खेल चुके हैं. राहुल द्रविड़ ने 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1203 गेंदें खेली थी, लेकिन अब यह रिकॉर्ड पुजारा के नाम पर है. सिडनी में खेली गई शतकीय पारी ना सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय़ विकेटकीपर की पहली शतकीय पारी है बल्कि वह पहले ऐसे एशियाई विकेटकीपर बन गए जिनके बल्ले से इस धरती पर शतक निकला है. हालांकि कुमार संगकारा ने ऑस्ट्रेलिया में शतक जरूर जड़ा है लेकिन उस मैच में वह बतौर विकेटकीपर नहीं खेले थे.
पहले ही मैच में शामिल हो गए 5 विकेट क्लब में
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय अटैक ने काफी प्रभावित किया. मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में जसप्रीत बुमराह ने 33 रन पर 6 विकेट लिए तो सिडनी में चाइनामैन कुलदीप यादव छाए रह. ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर अपने पहले टेस्ट मैच में ही कुलदीप ने 5 विकेट झटक लिए. कुलदीप पिछले छह सालों में ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट लेने वाले पहले मेजबान स्पिन गेंदबाज भी हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/india-australia-cover-759.jpg422759Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 01:38:072019-01-08 01:38:09ऐतिहासिक जीत पर टीम इंडिया को प्र्धंमंत्रिमोदी ने दी बधाई
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