गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रकाशोत्सव को समर्पित नगर कीर्तन

आज गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश दिवस को समर्पित भव्य नगर कीर्तन गुरूद्वारा श्री मंजी साहिब पिजौंर से प्रारंभ हो कर सैणी मुहल्ला चौणा चौक से होता हुए बिटना रोड रथपुर से निकल कर पुनः शाम सवा तीन बजे गुरूद्वारा मंजी साहिब में नगर कीर्तन की समाप्ति हुई।

इस अवसर गतका पार्टी ने अपना जौहर दिखा कर लोगों का मन मोह लिया।फौजी बैड व ढोल पालकी साहिब के स्वागत में मधुर धुन बजा रहे थे। नगर कीर्तन में पालकी साहिब के साथ साथ स्त्री सत्संग सभा का जत्था शब्द कीर्तन करते हुए चल रहा था।नगर कीर्तन में पंज प्यारे साहिबों ने बहुत ही सुदंर पोशाक पहने हुए साथ साथ चल रहे थे। इस नगर कीर्तन में रायतन और दून से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ साथ चार पहिया वाहनों व मोटर साइकिलों के जत्थे भी शामिल हुए। स्थानीय संगत बड़ी संख्या में पालकी साहिब के पिछे पिछे शब्द श्रवण करते हुए चल रही थी।

इस अवसर पर जगह जगह स्थानीय सगंत के द्वारा चाय पानी पकौड़े बिस्कुट फलों के लंगर लगाये गये। इस अवसर पर मुख्य रूप से शिरोमणि अकाली दल जिला पंचकूला के अध्यक्ष स मलविंदर सिंह बेदी, वरिष्ट उपाध्यक्ष स दलजीत सिंह मरड़, रायतन अध्यक्ष स इंदर पाल सिंह, हेड ग्रंथी सुखविंदर सिंह जी व एस जी पी सी की टीम, शिअद के वरिष्ट नेता स भूपिंदर सिंह, स जगजीत सिंह बारा, स सुखदेव सिंह सूदन आदि शामिल हुए।

छत्रपति मर्डर केस में चारों आरोपी दोषी करार दिये गए, यह है सुनवाई अपडेट जानें “पूरा सच”

ख़बर फोटो और वीडियो: सारिका तिवारी, कमल कलसी और राज कुमार

3:14 PM, उसके बाद arrest कर लिया जायेगा 3:13 PM, चारों आरोपियों का Medical चल रहा है
3:13 Sentence to be pronounced on 17th
3:12 Conviction बाद
3:11 चारों दोषी करार

2:49 pm पंचकूला की सीबीआई कोर्ट से फैसला दोपहर बाद आएगा

फिलहाल कोर्ट में बाबा गुरमीत राम रहीम वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए जबकि बाकी तीनो आरोपी प्रत्यक्ष तौर र हाजरी के लिए  पेश हुए है

कोर्ट लंच के बाद सुनवाई करते हुए आरोपियों को दोषी करार कर  दे सकती

एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर मोहम्मद अकील ने दी जानकारी

कोर्ट से दोपहर बाद मामले में फैसला आने की उम्मीद है

सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम पुख्ता है– अकील

1:16 pm police briefing
1:16 pm, Police briefing

1:24 pm : पिछली गलतियों से सबक लेते हुए पंचकुला प्रशासन को कोई भी कोताही न बरतते हुए शहर और इसके नागरिकों की सुरक्षा के सारे इंतेजाम चाक चौबन्द रखने चाहिये ताकि पिछले हादसों की पुनरावृति न हो। याद दिला दें कि पिछली बार जो शहर का हाल डेरा दंगाइयों ने किया था उसे याद कर आज भी शहर वासी सिहर उठते हैं।

12: 24 pm: फतेहाबाद, राम रहीम के लिये सीबीआई के गवाह फतेहाबाद निवासी पत्रकार आर.के. सेठी ने कोर्ट से मांगी फांसी की सजा, कहा-16 साल की लड़ाई और हर पल मौत को सामने देखने के बाद आया है इंसाफ का दिन, बोले- रामचन्द्र छत्रपति ने जब डेरा सच्चा-सौदा की करतूतों को छापा तो हमने भी अपने सांध्य दैनिक में डेरा की करतूतों की न्यूज़ आइटम छापीं, हमारा ऑफिस तहस-नहस किया गया, मेरे घर व परिवार को जिंदा जलाने के प्रयास किया गया, लेकिन रामचन्द्र छत्रपति की हत्या होने के बाद 21 साल की उम्र में रामचन्द्र छत्रपति जी के बेटे अंशुल छत्रपति के हौंसले से सच की लड़ाई लड़ने में आगे बढ़े, गवाह सेठी बोले- सीबीआई कोर्ट में गवाही के दौरान राम-रहीम के सामने मैं गया तो राम-रहीम ऐसे खड़ा था जैसे सच सामने देख कर कोई शख्स डर जाता है, अब गुंडे राम रहीम को फांसी हो, यही कोर्ट से उम्मीद है।

10: 11 am: छत्रपति मर्डर मामले में सी॰बी॰आई कोर्ट के स्पेशल जज जगदीप सिंह और आरोपी कोर्ट पहुंचे।पुलिस किसी को भी बिना जांच के परिसर में प्रवेश नहीं करने दे रही

घटनाक्रम जो छत्रपति की हत्या का कारण बना

समाचार पत्रों के संपादकों के पास पहुँचने के बाद डेरा सच्चा सौदा को अनाम चिट्ठी की चर्चा अभी कुछ खास लोगों तक ही सीमित थी की 30 मई 2002 को रोड़ी बाज़ार में घटित एक घटना के बाद ‘पूरा सच’ में छपी एक ख़बर से यह चर्चा आम जनता की ज़ुबान पर आ गई। पूरा सच ने डेरे की परतें उधेड़नी प्रारम्भ कर दीं। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख व प्रबंध समिति वास्तविकता सामने आने से बौखला गई ओर छात्रपाती को समाप्त करने के लिए डेरा प्रमुख के हुक्म पर प्रबन्धक किशन लाल ने दो कटीलों को भेज दिया, जिनहोने छत्रपती पर अंधाधुंध गोलीय चला कर अपने काम को अंजाम दिया।

सिलसिलेवार जानकारी:

      30 मई, 2002 को रोड़ी बाज़ार में डेरा सच्चा सौदा के कार चालक की एक पुलिस अधिकारी से कहासुनी के बाद उक्त अधिकारी ने साध्वी की चिट्ठी का राज़ आम लोगों के बीच खोल दिया। ‘पूरा सच’ ने इस ख़बर को ‘कार चालक के हाथ ने खोल दिया धार्मिक डेरे का कच्चा चिट्ठा’ के शीर्षक से छापा।

      30 मई को ही ‘पूरा सच’ ने ‘धर्म के नाम पर किए जा रहे साध्वियों के जीवन बर्बाद’ शीर्षक से बॉक्स कलाम में समाचार छाप कर अनाम साध्वी की चिट्ठी में लिखी बातों का उल्लेख किया।

      ‘पूरा सच’ को अगले ही दिन से फोन पर धमकियाँ मिलनी शुरू हो गईं।

      रोड़ी बाज़ार में किन्हीं लोगों ने साधवी के पत्र की फोटो प्रतियाँ बाँटीं। शक के आधार पर डेरा के अनुयायीओन ने चाय काफी की दुकान करने वाले प्यारे लाल सेठी को घेरा। उसकी पिटाई करने और प्र्टादित करने के बाद सेठी क छोड़ दिया गया।

      साध्वी की चिट्ठी की चर्चा रतिया में पहुंची तो डेरा अनुयायियों ने 3 जून को फोटोस्टेट का कारोबार करने वाले दो दूकानदारों को घेर लिया। बाला जी फ़ोटोस्टेट के मालिक सरमेश लाली और सेठी फ़ोटोस्टेट के मालिक सुरेन्द्र सेठी पर आरोप था की इनहोने चर्चित चिट्ठी को फ़ोटोस्टेट करके बेचा है। फलस्वरूप लठियाँ चलीं और पत्थरबाजी हुई। दोनों तरफ से लोग गिरफ्तार हुए। बाद में राजीनामा ही गया।

      फतेहाबाद के सांध्य दैनिक ‘लेखा जोखा’ के कार्यकारी संपादक आर॰के॰सेठी ने जून 6 को अपने समाचारपत्र में एक लेख लिख कर चिट्ठी में लिखी बातों की जांच किए जाने का प्रश्न उठाया तो बौखलाए डेरा प्रेमियों ने उसी रात ‘लेखा जोखा’ कार्यालय में तोड़ फोड़ कर दी। चार डेरा प्रेमियों की गिरफ्तारी के बाद हजारों डेरा प्रेमियों ने दबाव बनाने के लिए 7 जून को ठाणे का घेराव किया। पुलिस को दबाव में आ कर संपादक को गिरफ्तार करना पड़ा, नतीजा माफीनामा।

      पूरा सच में ‘लेखा जोखा’ प्रकरण को को 7 जून को विस्तार से छापा और ‘ कलाम के खिलाफ जुनूनी गुस्सा’ के शीर्षक से उक्त घटना का ब्योरा दिया।

      27 जून को डेरा प्रेमियों ने साध्वी की चिट्ठी को लेकर डबवाली में एक वकील के साथ दुरावयवहार किया गया और उसके चैंबर कर ताला तोड़ने का प्रयास किया गया। ‘पूरा सच’ ने इस घटना का भी पूरा ब्योरा अपने अखबार में दिया।

      14 जुलाई को डबवाली के डेरा प्रेमियों ने वहाँ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बैठक कर रहे तर्कशीलों को घेरा  और स्कूल के गेट बंद कर उन पर हमला किया। मामला ठाणे तक पहुंचा। बाद में राजीनामा हुआ। तर्कशीलों पर आरोप था की वह ‘साध्वी की चिट्ठी को ले कर सच्चा सौदा के खिलाफ कोई योजना तैयार करने के लिए बैठक कर रहे थे।

      ‘पूरा सच’ ने डेरा प्रेमियों और तर्कशीलों के संघर्ष को पूरे तथ्यों के अनुसार छापा।

      ‘पूरा सच’ मे डेरे के खिलाफ छापने वाली खबरों पर प्रतिबंध की मांग को लेकर डेरा सच्चा सौदा का प्रतिनिधि मण्डल उपायुक्त से मिला।

      ‘साध्वियों की चिट्ठी की जांच सी॰बी॰आई॰ को 6 मास में करनी होगी’ ‘डेरा सच्चा सौदा की स्कूली बस की टक्कर से दो घायल’, प्रशासन ‘पूरा सच’ में खबरें छापने पर पाबंदी नहीं लगा सकते।

      ‘टीम को स्क्रेच से बचाने हेतु सेमीफिनल में हरवाया। जाँच में शाह सत्नाम स्कूल के दो खिलाड़ी ओवर एज पाये गए।‘

      ‘डेरा सच्चा सौदा के सत्संगों में सी॰बी॰आई॰ जाँच की छाया देखी गयी

      ‘डेरा कैंटर और जीप की टक्कर में वकील की मौत, चार घायल। घायल जीप मेंपड़े कराहते रहे, डेरा प्रेमी भजन गाते रहे।

      डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं की सूमों ने टक्कर मार कर बच्चे को घायल किया।

      सच्चा सौदा वाले कर रहे हैं उच्च नयायालय की अवमानना।

      डेरा सच्चा सौदा के आरोप सच पाये जाने पर सांसद बराड़ दे देंगे इस्तीफा, डेरा प्रेयोन द्वारा पत्रकारों से मार पीट और हमलों को झूठा बताया। बराड़ का साक्षात्कार: देहधारी को गुरु मानना क्या यह गुरुमत की अवमानना नहीं?

      डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने छत्रपति को जान से मरने के लिए गोलियां चलाईं, छत्रपति गंभीर रूप से घायल। मौके से पकड़े गए हमलावरों ने डेरा प्रबन्धक किशन लाल द्वारा हथियार दिये जाने व छत्रपति को शोध देने की बात स्वीकार करते हुए षड्यंत्र से पर्दा उठाया।

स्थापना से लेकर विवादों तक देर सच्चा सौदा

      1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना शाह मस्तान ने की

      1990 में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह ने  गद्दी संभाली।

      1998 में गाँव बेगु का एक बच्चा डेरे की जीप तले कुचला गया। गाँव वालों के साथ डेरे का विवाद हो गया। इस घटना का समाचार प्रकाशित करने वाले समाचार पत्रों के नुमाइंदों को धमकाया गया। डेरा पप्रेमी गाडियाँ भर सिरसा के दैनिक सांध्य रामा टाइम्स के कार्यालय में आ धमके और पत्रकार विश्वजीत शर्मा को धम्की दी। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति और मीडिया कर्मियों की पंचायत हुई जिसमें डेरा सच्चा सौदा की ओर से लिखित माफी मांगी गई और विवाद का पटाक्षेप हुआ।

      मई 2002 में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए डेरे की एक साध्वी द्वारा गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा गया। जिसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्ययायलय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गयी।

      20 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का कत्ल हुआ। आरोप डेरा प्रमुख पर लगे। पुलिस जाँच से असनातुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सी॰बी॰आई॰ जाँच की की मांग की।

      24 सितंबर 2002 को उच्च न्यायालय ने साध्वियों के पत्र का संगयान लेते हुए डेरा सचका सौदा की सी॰बी॰आई। की जाँच के आदेश दिए। सी॰बी॰आई ने मामला दर्ज़ कर जाँच शुरू कर दी।

      24 अक्तूबर 2002 को सिरसा सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक पर डेरे के गुर्गों द्वारा कातिलाना हमला किया गया। छत्रपति को घर से बाहर बुला कर पाँच गोलियां मारीं गईं।

      25 अक्टोबर को छत्रपति पर हमले के विरोध स्वरूप शहर बंद। उत्तर भारत में पत्रकार पर हमले को ले कर डेरे का विरोध मुखर हुआ। मीडिया कर्मियों ने जगह जगह धरणे प्रदर्शन किए।

      16 एनवीएमबीआर को सिरसा में मीडिया की महापंचायत बुलाई और डेरा सच्चा सौदा का बाईकॉट करने का पीआरएन लिया गया।

      21 नवंबर, 2002 को सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो हस्पताल में मौत हुई।

      दिसंबर 2002 को छत्रपति परिवार ने पुलिस जाँच से असन्तुष्ट हो कर मुख्य मंत्री से मामले की जाँच सी॰बी॰आई से करवाए जाने की मांग की। परिवार का आरोप था की पुलिस हत्या के मुख्यारोपी एवं सजीशकर्ता को बचा रही है।

      जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर छत्रपति प्रकरण में सी॰बी॰आई जाँच करवाए जाने की मांग की। याचिका में डेरा प्रमुख पर छत्रपति की हत्या का आरोप था।

      10 नवंबर, 2003 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत मर्डर केस में सी॰बी॰आई को एफ़॰ई॰आर॰ दर्ज़ कर जाँच के आदेश जारी किए।

      दिसंबर 2003 में सी॰बी॰आई ने छत्रपति और रंजीत हत्याकांड में जाँच शुरू कर दी।

      दिसंबर 2003 में डेरा प्रेमियों ने सर्वोच्च न्यायालय में में याचिका दायर कर सी॰बी॰आई जाँच पर रोक लगाने की मांग की। सर्वोच्च न्यायालय ने जाँच पर स्टे दे दिया।

      एनवीएमबीआर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद डेरा की याचिका को खारिज कर दिया और सी॰बी॰आई जाँच जारी रखने के आदेश दिये।

      सी॰बी॰आई ने पुन: मामले की जाँच शुरू करते हुए डेरा प्रमुख सहित कई आँय को आरोपी बनाया। बौखलाए डेरा प्रेमियों ने सी॰बी॰आई के खिलाफ हजारों की संख्या में आकार चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया।

      मई 2007 में डेरा प्रमुख ने डेरा सलवातपुरा (भटिंडा पंजाब) में सीख गुरु गोबिन्द सिंह जैसी वेषभूषा धारण कर फटो खिंचवाए और उन्हे अखबारों में प्रदर्शित करवाया।

      13 मई, 2007 क सिखों ने गुरु गोबिन्द सिंह जी की नकल किए जाने के विरोध में डेरा प्रमुख का पतला फूंका। प्रदर्शनकारियों पर डेरा प्रेमियों ने हमला बोल दिया। जिसके फलस्वरूप 14 मई, 2007 को पूरे उत्तर भारत में हिंसक घटनाएँ हुईं। सिखों व डेरा प्रेमियों के बीच जगह जगह टकराव हुए।

      17 मई को प्रदर्शन कर रहे सिखों पर सुनाम में डेरा प्रेमी ने गोली चलाई, जिसमें सीख युवक कोमल सिंह की मौत हो गयी। इसके बाद सीख जत्थे बंदियों ने डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी को ले कर आंदोलन किया। पंजाब में डेरा प्रमुख के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी, डेरा प्रेमी झुकने को तैयार नहीं थे। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा मे सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया।

      18 जून, 2007 को भटिंडा की अदालत ने राजेन्द्र सिंह संधु की याचिका पर डेरा प्रमुख के गैर ज़मानती वारंट जारी कर दिये। इससे डेरा सच्चा सौदा मीन बौखलाहट बढ़ गयी और डेरा प्रेमियों ने पंजाब की बादल सरकार के खिलाफ जगह जगह हिंसक प्रदर्शन किया

      16 जुलाई, 2007 को सिरसा के गाँव घुक्कांवाली में प्रशासनिक पाबंदी के बावजूद नामचारचा राखी गयी, नाम चर्चा में डेरा प्रमुख काफिले सहित शामिल होने पहुंचा। सिखों ने काफिले को काले झंडे दिखाए, इस बात से दोनों पक्षों में टकराव शुरू हो गया। देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धरण कर लिया और हिंसक हो उठे। डेरा प्रमुख को नाम चर्च बीच ही में छोड़ कर भागना पड़ा।

      24 जुलाई, 2007 को गाँव मल्लेवाल में नामचारचा के दौरान एक डेरा प्रेमी ने अपनी बंदूक से फायर कर दिया जिससे तीन पुलिसकर्मियों सहित 8 सिख  घायल हो गए। माहौल फिर से तनावपूर्ण हो गया। सिखों ने डेरप्रेमियों पर लगाम कसने को ले कर जगह जगह प्रदर्शन किए। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने घायलों का हाल चाल जाना और हरियाणा सरकार से सिक्खों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जताई।

      31 जुलाई, 2007 को सी॰बी॰आई ने हत्या और साध्वी यों शोषण मामले में जाँच पूरी कर न्यायालय में चालान पेश कर दिया। सी॰बी॰आई ने तीनों मामलों मीन डेरा प्रमुख को ही मुख्यारोपी बनाया। न्यायालय ने डेरा प्रमुख को 31 अगस्त 2007 तक अदालत में एष होने का आदेश जारी कर दिया। डेरे ने सी॰बी॰आई विशेष जज को भी धमकी भरा पत्र भेजा जिसके चलते जज को सुरक्षा मांगनी पड़ी। मामला अभी तक न्यायालय में विचारधीन है।

      वर्ष 2010 में डेरे के ही एक साधू फकीर चंद की र्हसायमाई गुमशुडगी को लेकर उच्च न्यायालय ने सी॰बी॰आई जाँच के आदेश दिये, बौखलाए डेरा प्रेमियों ने हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में एक साथ सरकारी संपाती को नुकसान पहुंचाया और बसों में आगजनी की

दिसंबर 2012 में सिरसा में नाम चर्च को लेकर डेरा प्रेमियों और सिख आमने सामने हुए। यहाँ डेरा प्रेमियों ने गुंडई दिखाई और गुरुद्वारे पर हमला बोला। इसके अलावा चुन चुन कर सिक्खों के वाहनों को आग के हवाले किया गया और उन पर पत्थर बाज़ी भी की गयी। सिरसा में स्थिति को काबू करने के लिए कर्फ़्यू लगन पड़ा।

      2010 में डेरा के ही पूर्व साधु राम कुमार बिश्नोई ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर डेरा के पूर्व मैनेजर फ़कीर चंद की गुमशुदगी की सीबीआई जांच की मांग की. बिश्नोई का आरोप था कि डेरा प्रमुख के आदेश पर फ़कीरचंद की हत्या कर दी गई.

      इस मामले में भी उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. हालांकि सीबीआई जांच के दौरान मामले में सुबूत नहीं जुटा पाई और क्लोज़र रिपोर्ट फाइल कर दी. बिश्नोई ने उच्च न्यायालय में क्लोज़र को चुनौती दे रखी है.

      फ़तेहाबाद ज़िले के कस्बा टोहाना के रहने वाले हंसराज चौहान (पूर्व डेरा साधू) ने जुलाई 2012 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने का आरोप लगाया था.

      अदालत के सामने 166 साधुओं का नाम सहित विवरण प्रस्तुत किया गया. यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है.

      26 अगस्त, 2017 को फैसला सुनाने का दिन तय किया गया। 24 अगस्त, 2017 से ही पंचकुला में डेरा प्रेमियों की आमद शुरू हो गयी। शहर के पार्क सड़कें और पार्किंग स्थल डेरा प्रेमियों द्वारा पाट दिये गए।

      26 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख को पंचकुला की विशेष सी॰बी॰आई॰ अदालत ने राम रहीम को दोषी करार दिया और 28 अगस्त को फैसला सुनाने की बात कही। 

      फैसला सुनाए जाने का तुरंत बाद देश भर में डेरा प्रेमियों का उत्पात शुरू हो गया। पंचकुला में तो स्थिति बहुत ही भयावह थी। डेरा प्रेमियों ने इतनी मार काट मचाई कि शहरवासियों कि सुरक्षा के लिए फौज कि सहायता लेनी पड़ी।

आज का पांचांग

पंचांग 11 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः2075, 

शक संवत्ः1940,

मासः पौष़,

पक्षः शुक्ल पक्ष,

तिथिः पंचमी रात्रि 07.55 तक, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रःपूर्वाभाद्रपद (की वृद्धि है जो प्रातः 08.43 तक है),

योगः वरीयान प्रातः 07.12 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिःकुम्भ, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः07.20, 

सूर्यास्तः05.38 बजे।

हु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः07.20, 

सूर्यास्तः05.38 बजे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

आज का राशिफल

Aries

11 जनवरी 2019: आज आप अपने पढ़ाई-लिखाई को और वरियता देगे। क्योंकि आप अपने आगामी तैयारियों को और तेज करने के लिए सोचेंगे। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन बढ़िया होगा। यदि आप व्यवसायी हैं। तो आज आपको अधिक लाभ प्राप्त होने की स्थिति और मज़बूत होगी। किन्तु इसके लिए आपको पूरे मन से प्रयास करना होगा।

Taurus

11 जनवरी 2019: आज आप अपने प्रयासों को जैसे-जैसे सफल होते देखेंगे। वैसे-वैसे आपके हौसले बुलंद होगे। क्योंकि आज आपके ग्रह अधिक अनुकूल है। आप देखेंगे कि आज का दिन भौतिक सुख के साधनों को जुटाने के लिहाज से अच्छा है। स्वास्थ्य पूरा सुखद हो उठा है। किन्तु समाजिक जीवन में प्रभावी भूमिका बनाने की चिंताएं होगी।

Gemini

11 जनवरी 2019: आज आप अपने बल को बढ़ाने के लिए अपनी फिटनेश पर अधिक ध्यान देना चाहेंगे। किन्तु बढ़ता हुए काम का दवाब आपको बड़ी मुश्किल से इस ओर जाने की अनुमति देगा। आप कुछ धर्म लाभ के कामों को करने हेतु तैयार होगे। आज आपको भाई का साथ प्राप्त होगा। किन्तु नौकरी के मामलों में चिंताएं होगी।

Cancer

11 जनवरी 2019: आज आपको कई घंटो तक लगातार काम के दवाबों से गुजरना होगा। यद्यपि आप के ग्रह सबल होने से आप ऐसी चुनौतियों से भली प्रकार निपट लेंगे। आप देखेंगे कि स्वास्थ्य कुछ प्रतिकूल हुआ जा रहा है। जिसके लिए आपको दवाई खानी पड़ रही है। आज आपकी आय से अधिकांश धन के व्यय होने की स्थिति होगी।

Leo

11 जनवरी 2019: आप आज पिछड़ रहे कार्यो को वरीयता के क्रम में करना चाहेंगे। भले ही आपको अतिरिक्त मेहनत करनी हो। आज आप किसी भाषा के ज्ञान को और बढ़ाने के लिए तैयार होगे। किन्तु उसमें सफलता के सोपान को हासिल करने के लिए कशमकश करनी होगी। स्वास्थ्य सुखद व सुन्दर होगा। जिससे आप प्रसन्न होगे।

Virgo

11 जनवरी 2019: आज आप अपने धन लाभ के स्तर को उच्च करने की कोशिश में लगे होगे। किन्तु आज उस हिसाब की सफलता नहीं होगी। बल्कि आज आपका अधिक धन व्यय होगा। जिसे आप रोकना चाहेंगे। किन्तु सम्भव नहीं होगा। प्रेम संबंधों में आज मधुरता की स्थिति होगी। स्वास्थ्य कुछ कमजोर व पीड़ाओ से युक्त होगा। 

11 जनवरी 2019: आज आप अपने तकनीक ज्ञान के साथ बातों को ध्यान से सुनने की क्षमताओं को बढ़ाना चाहेंगे। जिसमें आप सफल भी होगे। प्रेम संबंधों में आज सुखद स्थिति बनाने के लिए आप साथी को उपहारों को देंगे भी और प्राप्त भी कर लेंगे। आज आपको अधिक धन लाभ प्राप्त होगा। किसी सगे रिश्तेदार को लेकर चिंताएं होगी।

Scorpio

11 जनवरी 2019: आज आप अपने घरेलू उपकरणों को जुटाने में उत्साहित होगे। जिससे घर को साधन सम्पन्न बनाया जा सके। आज आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा। जिससे आप अपने काम-काज को पहले की ही तरह करते होगे। यदि आप नौकरी करते हैं, तो संस्था की तरफ से आपको सम्मान प्राप्त होगा। किन्तु इसके लिए आपको सजग रहना होगा।

Sagittarius

11 जनवरी 2019: आज आप देव दर्शन व पूजन के लिए उत्साहित होगे। आपको किसी अनुभवी व्यक्ति का साथ प्राप्त होगा। आप अपने परिवार के साथ मिल-जुलकर चलने की कला अर्जित कर लेंगे। आप देखेंगे कि आज प्रेम संबंधों में कुछ साख प्रगति नहीं हो रही हैं। जिससे आपके मन में कुछ चिंताएं उभर रही हैं। काम के मामलों में भी तनाव होगा

Capricorn

11 जनवरी 2019: आज आप अपने सगे नाते-रिश्तेदारी में घूमने जाने की तैयारी कर लेंगे। आप देखेंगे कि वहाँ जाना जरूरी सा हो गया है। धन निवेश के लिए आज अनुकूल अवसर हो गए है। किन्तु स्वास्थ्य के मामलों में चर्म रोग, गुप्तांगों के रोग परेशान कर रहे है। जिसके लिए आपको किसी चिकित्सक की सलाह लेना पड़ सकता है।

Aquarius

11 जनवरी 2019: आज आप अपने वैवाहिक जीवन को अधिक सुखद व सुन्दर बनाने के लिए तैयार होगे। आप देखेंगे कि घर में कुछ उपकरणों को लगाना जरूरी सा हो गया है। जिन्हें आप अंतिम रूप देंगे। स्वास्थ्य मध्यम किस्म का बना होगा। जिससे आप अपने कामों को पहले की ही तरह करते होगे। प्रोफेशनल डिग्री को प्राप्त करने की तैयारी होगी।

Pisces

11 जनवरी 2019: आज आप अपने नौकरी पेशा के जीवन में वृद्धि की अभिलाषा से किसी आकर्षक कम्पनी के साथ अपना प्रस्ताव रख सकते हैं। जिसे प्राप्त करने के लिए आपको और समय देना होगा। प्रेम संबंधों में घनिष्ठता की स्थिति आज कुछ कमजोरी होगी। आप पहले की बातों को सोचकर हैरान हो सकते हैं। पूजी जुटाने की चिंताएँ होगी।

टीएमसी से खान क अलावा 6 सांसद बीजेपी में शामिल होंगे

रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी सांदस मुकुल रॉय के करीबी माने जाते हैं जिन्होंने पिछले साल ही बीजेपी जॉइन की थी

तृणमूल कांग्रेस सांसद सौमित्र खान के बीजेपी में जॉइन होने के बाद अब पार्टी के एक और सांसद अनुपम हाजरा बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अनुपम हाजरा बोलपुर से टीएमसी सांसद हैं.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का दावा है कि टीएमसी से खान क अलावा 6 सांसद बीजेपी में शामिल होंगे. हालांकि बीजेपी ने इन सांसदों का नाम बताने से मना कर दिया है लेकिन माना जा रहा है कि इन सांसदों में अर्पिता घोष और सताब्दी रॉय जैसे नाम शामिल हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी सांदस मुकुल रॉय के करीबी माने जाते हैं जिन्होंने पिछले साल ही  बीजेपी जॉइन की थी और अब पश्चिम बंगाल से बीजेपी प्रमुख के पद पर हैं. इससे पहले बुधवारप को सौमित्र खान के बीजेपी में शामिल होने के दौरान भी मुकुल रॉय वहां मौजूद थे.

एक तरफ जहां सांसदों का इस तरह बीजेपी में शामिल होना, टीएमसी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में राजनीतिक भूमि तलाश रही बीजेपी की यह एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है.

सौमित्र खान ने साधा ममता बनर्जी पर निशाना

सौमित्र खान ने पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि टीएमसी पार्टी की बजाय ममता और उनके भतीजे अभिशेक की ‘प्राइवेट कंपनी’ बन गई है.

बाकुड़ा से परिवेक्षक अभिषेक का कहना है कि सौमित्र 2011 में तृणमूल और कांग्रेस के उम्मीदवार थे, जो बाद तृणमूल में शामिल हो गए और 2014 में सांसद बन गए.

रिपोर्ट के मुताबिक सौमित्र खान ने टीएमसी पार्टी का दामन उस वक्त छोड़ा जब बाकुड़ा के SDPO सुकोमल दास ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया. सौमित्र खान पर प्राइवेट टीचर्स की भर्ती को लेकर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया था. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने सौमित्र खान को लोकसभा चुनाव टिकट देने का वादा किया है. वहीं इससे पहले  मुकुल रॉय ने खुलासा करते हुए कहा था कि वह अभी भी टीएमसी के कई नेताओं के संपर्क में हैं, जो जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं

चयन समिति की बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया

Alok Verma

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की मैराथन बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया. सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव उनके स्थान पर कामकाज संभालेंगे. राव जब तक नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति नहीं हो जाती या अगले आदेश तक सीबीआई के अंतरिम निदेशक होंगे. 

अधिकारियों ने बताया कि 1979 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोप में पद से हटाया गया. इसके साथ ही एजेंसी के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले वह सीबीआई के पहले प्रमुख बन गए हैं. सीबीआई निदेशक पद से हटाए गए आलोक वर्मा को दमकल, असैन्य रक्षा एवं होम गार्ड महानिदेशक बनाया गया है.

सीवीसी की रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ आठ आरोप लगाए गए थे. यह रिपोर्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष रखी गई. समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रूप में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि वर्मा को पद से हटाने का फैसला बहुमत से किया गया. खड़गे ने इस कदम का विरोध किया. 

वर्मा को विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ उनके झगड़े के मद्देनजर 23 अक्टूबर 2018 की देर रात विवादास्पद सरकारी आदेश के जरिये छुट्टी पर भेज दिया गया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के आदेश को चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सरकारी आदेश को निरस्त कर दिया था. शीर्ष अदालत ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने वाले आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीवीसी जांच पूरी होने तक उनके कोई भी बड़ा नीतिगत फैसला करने पर रोक लगा दी थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि वर्मा के खिलाफ कोई भी आगे का फैसला उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति करेगी जो सीबीआई निदेशक का चयन करती है और उनकी नियुक्ति करती है.

उच्चतम न्यायालय ने विनीत नारायण मामले में सीबीआई निदेशक का न्यूनतम दो साल का कार्यकाल निर्धारित किया था ताकि किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से उन्हें बचाया जा सके. लोकपाल अधिनियम के जरिये बाद में सीबीआई निदेशक के चयन की जिम्मेदारी चयन समिति को सौंप दी गई थी.

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने शिवराज, रमन सिंह और वसुंधरा राजे

बीजेपी ने तीन राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी है

बीजेपी में संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव सामने आया है. 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले इस बदलाव को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बीजेपी ने तीन राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी है.

मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बीजेपी ने पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है.

तीन राज्यों की बागडोर संभालने वाले इन तीनों नेताओं को संगठन में इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना बीजेपी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है क्योंकि तीनों ही नेता बहुत अनुभवी हैं और राज्य में सरकार चलाने के हर दांव पेंच से वाकिफ हैं.

शिवराज सिंह चौहान हालही में हुए एमपी चुनावों से पहले तीन बार लगातार सीएम रह चुके हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह भी लगातार तीन बार से राज्य के सीएम थे. वसुंधरा राजे भी राजस्थान की दो बार सीएम रही हैं.

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने भी इन नियुक्तियों पर खुशी जताई है और तीनों ही नेताओं को बधाई दी है.

गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी तैयारियों को जोर देना शुरू कर दिया है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि बीजेपी गठबंधन करने के लिए तैयार है और वह अपने पुराने मित्रों के साथ दोस्ती निभाते हुए चलती है. इसी के साथ उन्होंने इस बात के संकेत दे दिए कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तमिलनाडु में एनडीए को मजबूत करना चाहती है.


उरी या एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर या फिर दोनों?

रिलीज से पहले जानें कि 11 जनवरी को रिलीज होने फिल्मों की कहानी और कैसा रहना वाला है बॉक्स ऑफिस पर इन जलवा.

नई दिल्ली : साल 2019 की शुरुआत में ही बॉक्स ऑफिस पर दो ऐसी फिल्मों की भिड़त होने जा रही है जिसमें देशभक्ति और राजनीति टकराने वाली हैं. एक तरफ जहां साल 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म उरी पहले ही दर्शकों के बीच छाई हुई है तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री पर बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर विवाद गर्माता जा रहा है. दोनों ही फिल्में 11 जनवरी को रिलीज होने के लिए रेडी हैं. इन फिल्मों की रिलीज से पहले जानें कि कहानी और कैसा रहना वाला है बॉक्स ऑफिस पर इन जलवा. 

‘उरी’ में दिखेगा ‘देशभक्ति का दम’
18 सितंबर, 2016 को कश्‍मीर के उरी बेस कैंप पर हमला कर आतंकियों ने हमारे 19 जवानों को शहीद किया था. लेकिन यह शायद पहला ही मौका था कि पूरा देश अपने जवानों को खोने पर पूरी तरह आग-बबूला हो गया था जिसके बाद सेना ने सर्जिकल स्‍ट्राइक जैसा कदम उठा कर अपने जवानों की शहादत का बदला लिया था. देश के इस ऐतिहासिक फैसले पर बनी फिल्‍म ‘उरी’ का ट्रेलर पहले ही लोगों का दिल जीत चुका है. इस फिल्म में विक्की कौशल के अलावा परेश रावल, यामी गौतम के साथ टीवी अभिनेता मोहित रैना भी नजर आएंगे. फिल्म का निर्देशन आदित्य धर ने किया है और फिल्म को रॉनी स्क्रूवाला ने प्रोड्यूस किया है. 

BO पर चलेगा ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पावर 
भारतीय नीति विश्लेषक संजय बारू ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन पर आधारित के बुक ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, द मेकिंग एंड एनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह’ लिखी है. संजय बारू उनके मीडिया सलाहकार भी रहे हैं. हंसल मेहता ने इस किताब पर फिल्म बनाई है और डायरेक्शन विजय रत्नाकर गुट्टे ने किया है. इस फिल्म में अनुपम खेर ने पूर्व प्रधानमंत्री का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म में दिव्या सेठ शाह ने पीएम मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर का किरदार निभाया है. अर्जुन माथुर राहुल गांधी बने हैं और अहाना कुमरा प्रियंका गांधी के रूप में नजर आएंगी. सोनिया गांधी का किरदार निभाने के लिए जर्मनी की कलाकार सुजैन बर्नर्ट को चुना गया है. फिल्म रिलीज से पहले ही कोर्ट-कचहरी में पहुंच गई है. लेकिन कांग्रेस सरकार पर बनी इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिल सकती है. 

पहले दिन की कमाई करेगी साबित 
‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को वर्ल्डवाइड 1440 स्क्रीन्स पर रिलीज किया जा रहा है. हिंदी और इंग्लिश के अलावा ये फिल्म तमिल और तेलुगु में भी रिलीज की जाएगी. विक्की कौशल की दमदार एक्टिंग से तैयार फिल्म ‘उरी’ के बारे में ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने रिव्यू देते हुए इसे एक शानदार फिल्म बताया है. अब देखना ये है कि साल की इस सबसे बड़े क्लैश में बॉक्स ऑफिस पर किसे सफलता मिलती है. 

Randeep Singh Surjewala to contest Jind bye-election

Congress has fielded its national spokesperson Randeep Singh Surjewala for Jind Assembly Constituency bye-election in Haryana.

“Congress President, Rahul Gandhi has approved the candidature of Randeep Singh Surjewala as Congress candidate for the ensuing by-election to the Legislative Assembly of Haryana from the 36-Jind constituency,” read a press release shared by All India Congress Committee (AICC) to announce the candidature of Randeep Surjewala.

Surjewala is in-charge of Communications at Indian National Congress (INC).

Late Hari Chand Middha

Jind assembly constituency was represented by Hari Chand Middha, a candidate from Indian National Lok Dal (INLD) party. The seat went vacant after Middha passed away due to illness on August 26.

Bye-elections for the constituency are scheduled for January 28th. The counting of votes is scheduled for January 31.