राहुल गांधी ने अपनी सजा को चुनौती देते हुए सूरत सत्र न्यायालय में अपील दायर की, 13 अप्रैल तक जमानत मिली
अदालत ने गांधी की याचिका को स्वीकार कर लिया और 13 अप्रैल को सुनवाई के लिए निर्धारित किया। हालांकि, उन्हें 22 अप्रैल तक नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास को खाली करने की एक और समय सीमा का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी को आधिकारिक आवास एक सांसद के रूप में आवंटित किया गया था। राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के उपनाम पर टिप्पणी की थी कि “सभी चोरों का नाम मोदी है। जैसे- ललित मोदी और नीरव मोदी आदि।”
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट चंडीगढ़/ सूरत :
सूरत सेशन कोर्ट ने ‘सभी चोर मोदी सरनेम वाले क्यों होते हैं’ टिप्पणी के मानहानि मामले में राहुल गांधी को जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। गांधी की दोषसिद्धि पर आज कोर्ट ने रोक नहीं लगाई। हालांकि, दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग वाली राहुल गांधी की याचिका पर शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया गया है। शिकायतकर्ता को 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। इससे पहले आज, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी सजा को चुनौती देते हुए सूरत सत्र न्यायालय में अपील दायर की। अपील दो आवेदनों के साथ की गई- पहला सजा के निलंबन के लिए आवेदन, जो अनिवार्य रूप से नियमित जमानत के लिए एक आवेदन है, और दूसरा, सजा के निलंबन के लिए एक आवेदन है।
इससे पहले सूरत के चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने राहुल गांधी को 23 मार्च के दिन ‘मोदी सरनेम’ मामले में 2 साल की सज़ा का ऐलान किया था। साथ ही कुछ देर बाद अदालत की तरफ से उन्हें जमानत भी दे दी गई थी और उनकी सजा पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वो इस मामले को ऊपरी अदालत में ले जा सकें। हालांकि इस सज़ा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता को भी खत्म कर दिया गया था।
अदालत की तरफ से राहुल गांधी का 23 अप्रैल को सज़ा सुनाई गई थी, वहीं अगले ही दिन यानी 24 अप्रैल को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया और उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया। बड़ी बात यह है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगले 8 वर्षों तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। अगर उनकी किसी भी उच्च अदालत की तरफ से निर्दोष ठहरा दिया जाता है तो फिर राहुल गांधी की सदस्यता भी वापस मिलेगी और वो चुनाव भी लड़ पाएंगे।
क्या कहा था राहुल गांधी ने:
मामला साल 2019 का है जब राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भगोड़े कारोबारियों के साथ जोड़ा था। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के उपनाम को दो भगोड़े कारोबारियों ललित मोदी, नीरव मोदे के साथ जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि ‘चोरों’ का उपनाम यही कैसे होता है।