19 मार्च, 2023 को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी। लेकिन 23 मार्च, 2023 को इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया। एनआईए की टीम अपने दौरे के दौरान भारतीय उच्चायोग पहुंचेगी। वहां 19 मार्च को हुई घटना का ब्यौरा, सीसीटीवी फुटेज आदि जैसी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके अलावा घटनास्थल का दौरा भी किया जाएगा और उच्चायोग के कर्मचारियों के अलावा घायल हुए दो कर्मचारियों के बयान भी लिए जाएंगे।
- 19 मार्च को खालिस्तानियों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग में दाखिल होने की कोशिशें कीं
- बताया जा रहा है कि इस पूरी घटना के पीछे अवतार सिंह खांडा का हाथ है
- जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक लंदन की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, सारिका तिवारी, चंडीगढ़/नई दिल्ली :
लंदन में भारतीय उच्चायोग में राष्ट्रीय ध्वज को खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा एक विरोध प्रदर्शन के दौरान नीचे खींचे जाने के लगभग एक महीने बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।
यह मामला कुछ दिन पहले गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) डिवीजन द्वारा एनआईए को सौंपा गया था। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
सूत्रों की मानें तो खांडा ही अमृतपाल का हैंडलर है और उसने ही अमृतपाल को ‘मिशन खालिस्तान’ के लिए ट्रेनिंग दी है। रविवार का जो वीडियो आया है, वह काफी डराने वाला है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि कैसे ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए कुछ लोग उच्चायोग की पहली मंजिल पर पहुंच जाते हैं। इनमें से ही एक शख्स तिरंगे को उतारकर नीचे फेंक देता है।
दिल्ली पुलिस की FIR में अवतार सिंह खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह को प्रमुख संदिग्धों के रूप में नामांकित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को NIA को सौंप दिया है। NIA व विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि खांडा ही अमृतपाल के पीछे का दिमाग व हैंडलर है। विभिन्न देशों में सक्रिय खालिस्तान समर्थक संगठनों के साथ उसके संबंध हैं।
खांडा कथित तौर पर ब्रिटेन में शरण मांगने वाला है और वर्षों से उसने खालिस्तानी आतंकवादियों जगतार सिंह तारा और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के परमजीत सिंह पम्मा के साथ संबंध बनाए हैं। वह मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों को उठाने की आड़ ले रहा है, लेकिन वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें अमृतपाल की तरह आगे बढ़ाने में सहायक रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों की सुने तो UK में घटनाएं एक अलग घटना नहीं हैं, बल्कि अमृतपाल सिंह के समर्थन में खालिस्तान समर्थक नेटवर्क के सक्रिय होने का परिणाम है, जिसे वर्तमान में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया है। उसके राष्ट्र-विरोधी होने के बारे में पूछताछ की जा रही है और पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश।
UK में कट्टरपंथियों द्वारा की गई बर्बरता और हिंसा देश के भीतर अमृतपाल जैसे खालिस्तान समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई के कारण हुई। ट्रांस-नेशनल लिंक बहुत गहरे हैं और आगे की जांच से उन नेटवर्कों का पता चलेगा जो पाकिस्तान ISI के गुप्त समर्थन से पंजाब से UK तक संचालित हो रहे हैं। NIA अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई और UK की घटना को सीधे तौर पर तो नहीं जोड़ रहे, लेकिन इनके संबंधों से इनकार भी नहीं कर रहे।
NIA की जांच जिस तरफ आगे बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में अमृतपाल सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अमृतपाल सिंह UK पहुंच आतंकी खांडा की आतंकी संगठनों के साथ जांच भी करेगी। अगर उसमें कहीं भी अमृतपाल सिंह के संबंध साफ हो जाते हैं तो अमृतपाल सिंह पर लगा NSA कभी भी अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) में बदल सकता है।