बीजेपी नेता सुशील मोदी ने रघुवंश प्रसाद सिंह को एनडीए में शामिल होने का न्योता दिया है.
पटनाः आरजेडी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने सवर्ण आरक्षण को लेकर कहा था कि पार्टी से संसद में बड़ी भूल हुई है. उन्होंने कहा था कि आरजेडी ने सवर्ण आरक्षण को लेकर कभी विरोध नहीं किया है. जिसके बाद सियासत तेज हो गई. वहीं, आरजेडी में ही सवर्ण आरक्षण पर दो अलग-अलग बयान दी जा रही है. इससे पहले भी रघुवंश के बयानों को लेकर कहा गया था कि उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है. जिसपर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए उन्हें एनडीए में शामिल होने का आमंत्रण दिया है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद की प्रशंसा करते हुए उन्हें एनडीए में शामिल होने का न्योता दिया है. सुशील ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि रघुवंश जैसे नेता को आरजेडी में उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है और न ही उनकी बातें सुनी जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि रघुवंश को आरजेडी छोड़कर एनडीए के साथ आना चाहिए. आएं, हम उन्हें पूरा सम्मान देंगे. उल्लेखनीय है कि रघुवंश ने बुधवार को कहा था कि उनकी पार्टी द्वारा सवर्ण आरक्षण को लेकर संसद में जो रुख अपनाया गया था, उस पर पार्टी के भीतर विचार हो रहा है. उन्होंने कहा था कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी सवर्णों के समर्थन में बोलते रहे हैं. पूर्व में पार्टी के घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र किया गया था. लोगों (पार्टी के नेताओं) ने जाना नहीं और देखा नहीं। सभी पार्टियों ने इस आरक्षण का समर्थन कर दिया और इन लोगों को ठग लिया. रसातल पर नहीं जाना चाहिए.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/RAGHUVANSH-AND-SUSHIL-MODI.jpg314700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-18 01:16:572019-01-18 01:16:59रघुवंश को आरजेडी छोड़कर एनडीए के साथ आना चाहिए,आएं, हम उन्हें पूरा सम्मान देंगे:सुशील मोदी
महाधरना के बाद WJI ने देश की मीडियाकर्मियों की 28
मांगों का ज्ञापन PMO को सौंपा
WJI ने अपने सदस्यों को 3 लाख का दुर्घटना बीमा देने की घोषणा की
नई
दिल्ली / वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने 16 जनवरी अपने स्थापना दिवस के अवसर
पर मीडिया महा धरना का आयोजन किया।
पिछले
कुछ समय से पत्रकारों की मांगो को लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट आफ इंडिया सम्बद्ध
भारतीय मजदूर संघ काफी सक्रिय रहा है।
देश
में पत्रकारों का शीर्ष संगठन है। यह
संगठन पत्रकारों के कल्याणार्थ समय समय पर रचनात्मक और प्ररेणादायक
कार्यक्रम और आंदोलन चलाता रहा है।इसको देश के विभिन्न राज्यों से आये पत्रकार
संगठन समर्थन दे रहे है।
वर्किंग
जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव
नरेंद्र भंडारी ने
आज
के महाधरना में पत्रकार एकजुटता का दृश्य देखने को मिला।देश के 12 राज्यों के पत्रकार और कई पत्रकार
संगठन धरना में आकर सरकारों के प्रति आक्रोश व्यक्ति किया।पत्रकारों का खाना था
केंद्र सरकार तो नया मीडिया आयोग बना रही है और न ही ऑनलाइन मीडिया को मंदिर का दे
रही है जबकि पूरे देश में मीडिया कर्मी देश को मजबूत बनाने का काम करते हैं। महा
धरना के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी के नेतृत्व में WJI
प्रतिनिधिमंडल
pmo पहुंचा और वहां पर पत्रकारों की 28 मांगो का ज्ञापन सौंपा गया।
आज WJI ने
अपने स्थापना दिवस पर अपने सदस्य पत्रकारों के हित में 3 लाख दुर्घटना बीमा की घोषणा की।
माहौल
उस समय बहुत ही उत्साहवर्धक हो गया जब भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री
पवन कुमार, संगठन महामंत्री अनीश मिश्रा और संगठन मंत्री ब्रजेश कुमार धरना स्थल
पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों की मांगों का समर्थन दिया।
वर्किंग
जर्नलिस्ट आफ India WJI प्रवक्ता उदय मन्ना ने बताया कि पत्रकारों में
जो आक्रोश भरा वो कोई भी दिशा ले सकता है। मीडियाकर्मी RJS स्टार सुरेंद्र आनंद के गीत ने माहौल
में जोश भर दिया।
वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों
द्वारा तैयार मांग पत्र जिसमे सरकार से मांग हैः-
वर्तमान
समय की मांगों पर ध्यान में रखते हुए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में संशोधन किया
जाये।
कार्यकारी
पत्रकार अधिनियम में इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब
मीडिया, ई-मीडिया और अन्य सभी मीड़िया को
अपने
अधिकार क्षेत्र में लाया जाये।
भारत
की प्रेस काउंसिल के स्थान पर मीडिया काउंसिल बनाई जाये। जिससे पीसीआई के दायरे और
क्षेत्राधिकार
को बढ़ाया जाये।
भारत
के सभी पत्रकारों को भारत सरकार के साथ पंजीकृत किया जाये और वास्तविक मीड़िया
पहचान
पत्र जारी किया जायें।
जिन
अखबारों ने वेज कार्ड की सिफारिशों को लागू नहीं किया उन पर सरकारी विज्ञापन देने
पर
कोई
अनुशासत्मक प्रतिबंध हो।
केन्द्र
सरकार लघु व मध्यम समाचार पत्रों को ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन जारी करने के अपने
नियमों
को जल्द से जल्द परिवर्तित करे।
देश
में पत्रकार सुरक्षा कानून तैयार किया जाये।
तहसील
और जिला स्तर के संवाददाताओं एवं मीडिया व्यक्तियों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाईन
सेवायें
उपलब्ध कराई जायें।
भारत
में सभी मीड़िया संस्थानों को वेज बोर्ड की सिफारिशों को सख्ती से लागू करवाने के
नियम बनाये जाये।
ड्यूटी
के दौरान अथवा किसी मिशन पर काम करते हुये पत्रकार एवं मीडियाकर्मी की मृत्यु होने
पर उसके परिजन को 15 लाख का मुआवजा और परिजनों को नौकरी दी
जाये।
सभी
पत्रकारों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा ओर सेवानिवृति की उम्र 64 वर्ष की जाये।
सभी
पत्रकारों को राज्य एवं केन्द्र सरकारों की तरफ से चिकित्सा सुविधा और बीमा सुविधा
दी जाये।
पत्रकारिता
नौकरियों में अनुबंध प्रणाली का उन्मूलन किया जाये।
कैमरामैन
समेत सभी पत्रकारों को सरकारी कार्यक्रमों को कवर करने के लिए कोई पांबदी नहीं
होनी चाहिए।
बेहतर
पारस्परिक सहयोग के लिए जिला स्तर पुलिस-पत्रकार समितियां गठित की जाये।
शुरूआती चरणों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा
पत्रकारों से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा की जाये
और
पत्रकारों से जुड़े मामलों को जल्द से जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई
जाये।
मीड़िया
व्यक्तियों को देश भर में उनकी संस्थान के पहचान पत्र के आधार पर सड़क टोल पर
भुगतान
करने
से मुक्त किया जाये।
पत्रकारों
को बस और रेल किराये में कुछ रियायत प्रदान की जाये।
केन्द्रों
और राज्य सरकारें PIB-DIP
पत्रकारों की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया को एकरूपता व सरल बनायें।
समाचार
पत्रों से GST खत्म की जाए।
विदेशी
मीडिया के लिए भारतीय मीडिया संस्थानों में विनिवेश की अनुमति ना दी जाये।
आनलाईन
मीडिया को मान्यता दी जाये उन्हें सरकारी विज्ञापन दिये जायें व उनका सरकारी
एक्रीडेशन किया जाये।
केन्द्र
सरकार अविलम्ब नये मीडिया आयोग का गठन करें।
संविधान
में मीडिया को चौथे स्तम्भ के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया जाये।
महिला
पत्रकारों के लिए होस्टल बनाये जायें।
पत्रकारों
की रिहायश के लिए सस्ती दरों पर भूखंड आबंटित किये जायें। अलग-अलग राज्यों से
पत्रकार और WJI पदाधिकारी भी उपस्थित रहे और संबोधन
दिया।
हरियाणा
भूपिंदर
सिंह
धर्मेंद्र
यादव
अमित
चौधरी
राजिंदर
सिंह
मोहन
सिंह
राज
कुमार भाटिया
उत्तर
खंड
सुनील
गुप्ता महा सचिव उत्तरखंड व कार्यकारिणी सदस्य
लखनऊ
पवन
श्रीवास्तव अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व कार्यकारिणी
विशेष
Mr अशोक मालिक – राष्ट्रीय अध्यक्ष
नेशनल
यूनियन ऑफ जॉर्नलिस्ट
मनोहर
सिंह अध्यक्ष
दिल्ली
पत्रकार संघ
संजय
राठी अध्यक्ष
हरियाणा
यूनियन ऑफ जॉर्नलिस्ट
चंडीगढ़
से नेशनल मीडिया कन्फेडरेशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा,
राष्ट्रीय
मीडिया फाउंडेशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष आशीष पाण्डेय,
दिल्ली
एनसीआर की टीम आरजेएस मीडिया
इसके
अलावा WJI की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के
उपाध्यक्ष संजय उपाध्याय,संजय सक्सेना
कोषाध्यक्ष
अंजलि भाटिया,
सचिव
अर्जुन जैन,विपिन चौहान आदि ने महाधरना को सफल
बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आशा
है पत्रकारों के संगठनों की एकजुटता का प्रयास सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/f4aef9d8-0beb-4bd0-8144-100e574a25bf.jpg5201040Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-17 06:02:402019-01-17 06:02:43WJI ने दिल्ली में अपना मांग पत्र PMO को सौंपा
आरजेडी की तरफ से नेताओं के बयान के साथ-साथ आरजेडी की तरफ से आ रहे ट्वीट में भी गरीब सवर्णों को आरक्षण के मुद्दे पर तल्खी दिख रही है.
देर रात तक चली बहस और वोटिंग के बाद गरीब सवर्णों को दस फीसदी
आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा से पारित हो गया. कई पार्टियों ने इस बिल के खिलाफ
आवाज भी उठाई लेकिन इसके विरोध में सबसे ज्यादा खुलकर आई लालू यादव की पार्टी
आरजेडी, जिसने
लोकसभा में बिल का विरोध किया.
गरीब
सवर्णों के लिए सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में दस फीसदी आरक्षण के मुद्दे
पर आरजेडी का स्टैंड पहले ही ऐसा दिख रहा था, जब बिहार विधानसभा में नेता
प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर अपने त्वरित बयान में कहा, ‘जब 15 फीसदी आबादी वालों को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात की जा रही
है तो 85 फीसदी
आबादी वालों को 90 फीसदी
आरक्षण दिया जाए.’
राज्यसभा में बिल पेश होने से पहले अपने नेता की उसी बात को आगे बढ़ाते हुए
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, ‘यह मध्य रात्रि की डकैती है और यह संविधान की मूल ढांचे के साथ
छेड़छाड़ हो रही है.’
आरजेडी का
खुला विरोध!
आरजेडी की
तरफ से नेताओं के बयान के साथ-साथ आरजेडी की तरफ से आ रहे ट्वीट में भी गरीब
सवर्णों को आरक्षण के मुद्दे पर तल्खी दिख रही है. आरजेडी की तरफ से ट्वीट के
माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया. ट्वीट में लिखा गया कि ‘सवर्ण पैदा हुए मोदी ने पहले
गुजरात में अपनी जाति को पिछड़ा बनाया फिर 2014 में खुद की जाति के नाम पर
दलित-पिछड़ों को मूर्ख बना कर खूब वोट लूटा!’
इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अब असली मनुवादी
रंग दिखाने का आरोप लगाया गया है. आरजेडी की तरफ से यह दिखाने की कोशिश की गई है
कि सवर्ण तबके में महज 5 फीसदी ही
गरीब हैं, लिहाजा, उन्हें 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देकर बहुजन
समाज के लोगों के साथ नाइंसाफी हुई है.
आरजेडी के
दूसरे ट्वीट में केंद्र सरकार से जातीय जनगणना की रिपोर्ट को जल्द से जल्द
सार्वजनिक करने की मांग की गई है जिसके बाद उनकी संख्या के हिसाब से आरक्षण में
हिस्सेदारी तय की जा सके.
बिल का विरोध कर मिलेगा सियासी
फायदा?
सवाल है कि
आखिरकार आरजेडी इस तरह बिल का विरोध क्यों कर रही है. दरअसल, आरजेडी को लग रहा है कि इस बिल का
विरोध करने पर उसे दलित और पिछड़े समुदाय के उन सभी लोगों की सहानुभूति मिल जाएगी, जो अबतक आरक्षण का लाभ उठा रहे
हैं. आरजेडी की रणनीति एक बार फिर से मंडल के दौर को याद कर उस पर आगे बढ़ने की
है.
मंडल कमीशन
की रिपोर्ट लागू होने के बाद जब पिछड़ी जातियों को भी आरक्षण के दायरे में लाया
गया तो इसका जमकर विरोध हुआ था. उस वक्त दलित-पिछड़े और आरक्षण का लाभ मिलने वाली
जातियों और सवर्ण जातियों के बीच जातीय गोलबंदी चरम पर थी. इसी गोलबंदी का फायदा
उठाकर लालू यादव औऱ मुलायम सिंह यादव जैसे पिछड़े समुदाय से आने वाले नेताओं ने
अपनी राजनीतिक जमीन काफी मजबूत कर ली, जिसकी फसल आजतक काट रहे हैं.
पुराने चश्मे
से आज की सियासत देखना पड़ सकता है भारी!
नब्बे के
दशक में बिहार में लालू यादव और उनकी पार्टी का जनाधार इतना मजबूत था कि उस वक्त
लालू यादव की सरकार को हटाना काफी दूर की कौडी लग रहा था, लेकिन, अब गंगा में काफी पानी बह चुका
है.
अपने पिता
के जेल जाने के बाद पार्टी की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव को शायद इस बात का
एहसास नहीं है कि उस वक्त भी जब आरजेडी का मजबूत जनाधार था, तो भी उनकी पार्टी में जगदानंद
सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे सवर्ण राजपूत समुदाय के नेता उनके साथ साए की तरह
खड़े रहे. शिवानंद तिवारी भी उस वक्त पार्टी के साथ थे, एक बार फिर, तिवारी नीतीश कुमार का साथ छोड़
लालू के पाले में आ खड़े हैं.
जगदानंद सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं की पार्टी में
मौजूदगी से लालू यादव के साथ कई क्षेत्रों में राजपूत समुदाय के वोटर भी जुड़े
रहे. रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से लोकसभा सांसद रहे हैं, जबकि, जगदानंद सिंह बक्सर से सांसद रहे
हैं. इसके अलावा बिहार की महाराजगंज सीट से राजपूत जाति से आने वाले प्रभुनाथ सिंह
भी लालू यादव के साथ कुछ साल पहले आ गए हैं. उस वक्त 85 बनाम 15 का नारा देकर अगड़े-पिछड़े के नाम
पर वोट लेने वाले नेताओं की टोली में इन बड़े राजपूत नेताओं की मौजूदगी सियासी
कुनबे में उस खालीपन को खत्म कर रही थी.
यहां तक कि
सवर्ण समुदाय से आने वाले भूमिहार जाति के अखिलेश प्रसाद सिंह पहले विधायक बनने के
बाद आरजेडी सरकार में मंत्री रहे और बाद में बिहार के मोतिहारी से लोकसभा चुनाव
जीतकर यूपीए-1 सरकार में
मंत्री बनाए गए. आज अखिलेश प्रसाद सिंह आरजेडी से बाहर होकर कांग्रेस के साथ खड़े
हैं. फिर भी, लालू यादव
की पार्टी में एक वक्त अखिलेश प्रसाद सिंह सवर्ण चेहरे के तौर पर सामने थे.
लेकिन, अब आरजेडी का गरीब सवर्णों के
आरक्षण का विरोध करना यह दिखा रहा है कि वो फिर से नब्बे के दशक के हिसाब से
पुराने ढर्रे पर ही राजनीति करना चाहती है. लेकिन, आरजेडी आलाकमान को यह समझन होगा
कि उस वक्त और आज के वक्त में जमीन-आसमान का फर्क है.
हालांकि
फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं, ‘हम इस बिल का समर्थन करते हैं
लेकिन, हमारी मांग
है कि जब 50 फीसदी की
सीमा को बढ़ा रहे हैं तो फिर सबकी हिस्सेदारी उनकी आबादी के हिसाब से तय की जाए.’ उनकी मांग है कि ‘पहले जातीय जनगणना के आंकड़े को
प्रकाशित किया जाए, फिर, उसके आधार पर आरक्षण लागू किया
जाए. जब 15 फीसदी
आबादी वालों को 10 फीसदी
आरक्षण दिया जा रहा है तो 85 फीसदी
वालों को 90 फीसदी कर
देना चाहिए.’
आरजेडी के
जनाधार में भी हुआ है बिखराव
85
बनाम 15 की उस वक्त बात करने वाले नेताओं
में से आज बहुत सारे ऐसे हैं जिनका जनाधार उसी 85 फीसदी वोट बैंक से ही निकला है.
नीतीश कुमार ने आरजेडी के पिछड़े वोट बैंक में सेंधमारी कर अपनी अलग राजनीतिक जमीन
तैयार कर ली है, जबकि, रामविलास पासवान दलित वोट बैंक के
सबसे बड़े दावेदार बन गए हैं. लिहाजा, लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी
यादव की रणनीति उनकी अपनी संभावनाओं पर पलीता लगा सकती है.
कांग्रेस
गरीब सवर्णो के आरक्षण के मुद्दे पर विरोध नहीं कर पा रही है. मजबूर कांग्रेस ने
इस मुद्दे पर सरकार का साथ दे दिया है. दूसरी तरफ, आरजेडी की सहयोगी आरएलएसपी की तरफ
से भी बिल का समर्थन कर दिया गया है. भले ही आरएलएसपी न्यायपालिका और प्राइवेट
सेक्टर में आरक्षण की मांग ही क्यों न कर रही हो.
मुसीबत में
आरजेडी के सहयोगी
आरजेडी का
खुलकर विरोध में उतर आना बिहार में महागठबंधन के उसके सहयोगियों पर भारी पड़ सकता
है. कांग्रेस का वोट बैंक सवर्ण तबका ही रहा है. ऐसे में उसे परेशानी हो सकती है.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव 2015 में कांग्रेस के 27 विधायक चुनकर आए थे, जिसमें 12 सवर्ण समुदाय के ही थे. ऐसे में
मुश्किल कांग्रेस को हो सकती है.
हालांकि
बिहार कांग्रेस के नेता आरजेडी के रुख से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. फ़र्स्टपोस्ट से
बातचीत में बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह का कहना है, ‘जनता इस बात को समझती है, लिहाजा कोई परेशानी कांग्रेस को
नहीं होगी.’ उनका कहना
है, ‘जनता जानती
है कि आरजेडी-कांग्रेस दोनों का चरित्र और संस्कार अलग है. केवल सेक्युलरिज्म के
नाम पर हम एक हो जाते हैं. गरीब सवर्णों के आरक्षण का मुद्दा तो कांग्रेस ने ही
सबसे पहले उठाया था, जिसकी
बीजपी नकल कर रही है.’
2015 की कहानी दोहरा पाएगी आरजेडी?
आरजेडी की
रणनीति को समझने के लिए पिछले विधानसभा चुनाव के गणित और समीकरण को समझना होगा.
पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू और कांग्रेस की तरफ से सवर्ण तबके के उम्मीदवारों
को तरजीह दी गई थी. लेकिन, आरजेडी की
तरफ से उनको कम सीटें दी गई थी.
आरजेडी ने
एक ब्राह्मण, एक कायस्थ
और तीन राजपूत जाति के उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. जिनमें ब्राह्मण और दो
राजपूत उम्मीदवारों की जीत हुई. लेकिन, एक खास रणनीति के तहत आरजेडी ने
भूमिहार समुदाय के किसी भी व्यक्ति को उम्मीदवार नहीं बनाया था. चुनाव से ठीक पहले
भूमिहार जाति से आने वाले बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी को आरजेडी की तरफ से एक
संकेत और संदेश के तौर पर प्रसारित किया गया. एक भी भूमिहार को टिकट न देकर लालू
यादव ने फिर से पुराने दौर की याद दिलाकर अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति को ही धार
देने की कोशिश की.
विधानसभा
चुनाव में उस वक्त जेडीयू, आरजेडी और
कांग्रेस के महागठबंधन में नीतीश कुमार का चेहरा सामने किया गया जिसका सीधा फायदा
महागठबंधन को हुआ, महागठंबधन
में नीतीश कुमार के साथ मिलकर लालू यादव ने जो सामाजिक समीकरण तैयार किया उसमें
पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों के अलावा दलित-महादलित भी काफी हद तक उनके साथ आ गए.
विधानसभा चुनाव में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तरफ से सवर्ण तबके के
बजाए सभी पिछड़ों-दलितों की बात जोर-शोर से उठाई गई.
चुनाव के ठीक पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण पर दिया
गया बयान और उसको प्रचारित करने की लालू यादव की कोशिश का ही कमाल रहा कि उस वक्त
आरजेडी फिर से बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर गई. अब एक बार फिर कुछ उसी तरह
की कोशिश आरजेडी कर रही है.
उसे यह
कोशिश भारी पड़ सकती है, क्योंकि, इससे न केवल उसको वोट करने वाले
सवर्ण वोटर नाराज होंगे बल्कि, सामान्य वर्ग के गरीब तबकों को मिलने वाले आरक्षण के दायरे में
आने वाले मुस्लिम समुदाय के भी वोटर भी खफा हो सकते हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/lalu_555_1515313585_618x347.jpeg347618Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-09 18:57:582019-01-09 18:58:0110% कोटा बिल पर लालू के विरोध के क्या मायने
Lok
Sabha discusses Bill to provide reservation to economically backward people
The Lok Sabha takes up discussion on the Constitutional Amendment to provide reservation to the economically backward.
On the last day of the Winter Session of
the Parliament, the Lok Sabha passed the DNA Technology (Use and
Application) Regulation Bill, 2018; and Citizenship Act (Amendment) Bill, 2016.
The Rajya Sabha was adjourned without taking up any business. The Upper House to work tomorrow.
Here are the latest updates:
LOK SABHA | 10:00
P.M.
Speaker Sumitra Mahajan makes concluding
remarks. She lists out the Bills passed by the lower House.
LOK SABHA | 10:00
P.M.
And the Constitutional Amendment 124th Bill, 2019, is
passed with 323 votes in favour and three against.
LOK SABHA | 9:55
P.M.
Clause 2
and 3 stand part of the quota Bill.
Voting for
Clause 2 and 3. They are voted in favour. It stays part of the Bill.
Clause 1 as
amended stays part of the Bill.
The enacting
formula and long titles are part of the Bill.
The Bill goes
to voting.
LOK SABHA | 9:44
P.M.
Mr. Thambi
Durai seeks clarification. He seeks to know when the government will give
constitutional status for 69 per cent reservation being followed in Tamill
Nadu. He reiterates that his party opposes the Bill and walks out.
The Bill goes
for voting. The voting will be held by division. Since it is a constitutional
amendment, the Bill must be passed with two-third majority.
Most members
of the AIADMK have been suspended and they won’t be able to participate in the
voting. As many as 323 members are present in the House.
The
voting system in Lok Sabha.
LOK SABHA | 9:28
P.M.
Minister of
Social Justice Thawar Chand Gehlot responds. He says the Prime Minister said
his government was for the poor and today, we are fulfilling our promise.
The Bill
proposes to amend Article 15 with a subsection Article 15 (6) to include the
economically backward under the ambit of reservation. This Bill will stand the
test of Supreme Court because we are amending the Constitution to provide
reservation, he says.
There was a
delay in bringing this Bill. We have brought it with good intent. He also says
he discussed with the stakeholders before bringing the Bill.
He says the
Bill will bridge the gap between the rich and the poor. On the definition of
poor, Mr. Gehlot says it will be reviewed periodically and changed.
Mr. Gehlot
says the Pradhan Mantri Mudra Yojana has generated over four crore employment.
LOK SABHA | 9:22
P.M.
Shashi Tharoor raises a Point of Order.
He asks if the government can bring any Bill at any point of time?
Minister of
Social Justice Thawar Chand Gehlot responds. His speech is paused to allow
Ballari member Ugrappa to make his maiden speech.
Mr. Ugrappa
says the government was sleeping like a Kumbakarna and has brought this Bill in
the last minute. He points out there is no provision for economically backward
in the Constitution. He also points out that the existing laws doesn’t mention
about unaided institution. There is no adequate representation for women, he
adds.
LOK SABHA | 9:15
P.M.
Hukmdev
Narayan Yadav (BJP) says his long-pending dream will be fulfilled. A veteran
socialist, Mr. Yadav recalls his interaction with socialist leaders who
belonged to the Forward Classes but fought for the rights of the backward. He
says these leaders would say, one day you must take care of the poor people in
the savarnas.
Mr. Yadav
targets Congress, says the party was against the backwards and downtrodden.
Congress members object to it.
LOK SABHA | 9:05
P.M.
Kaushaendra
Kumar (JD-U) says his party supports the Bill.
Prem Das Rai
(SDF) say his party supports the Bill. He says social justice has been meted
out to all people in Sikkim and that is why Pawan Kumar Chamling was won five
constitutive times. He takes the opportunity to remind the government that
Sikkim can become a tribal State and the right enjoyed by it prior to 1965 must
be restored.
Rajesh Ranjan,
the rebel RJD member, wonders what is the definition of poverty line. The
beneficiary of this proposed Bill is anyone who earns less than Rs. eight lakh.
LOK SABHA | 9:00
P.M.
Asaduddin
Owaisi (AIMIM) opposes the Bill for eight reasons: This is a fraud on
Constitution and insult to Babasaheb Amedkar. Our Constitution doesn’t
recognise economically-backward.
Have the
savarnas ever faced untouchability, he asks. There is no empirical data to show
the savarna people are backward. This is a burden to the States, he adds.
What will
happen to the recently passed reservation in Telangana and Maharashtra, he
asks.
This will be
struck down by the court, he asserts.
LOK SABHA | 8:50
P.M.
Anupriya Patel
wants to know if the there is a cap on the reservation, so that the law is not
misused. Ms. Patel, a minister in the Narendra Modi government, speaks about
rising unemployment.
Dushyant
Chautala (INLD) says reservations are a lollipop, when the youth are searching
for jobs. He asks the government to make the caste census data public.
Ramdas
Athawale recites a poetry praising the Bill and Narendra Modi.
LOK SABHA | 8:40
P.M.
N.K.
Premachandran (RSP) says he supports the Bill. He however claims the Bill is
brought for electoral purposes. Why the House is not taken into confidence
before bringing in such an historic Bill, he asks. He points out that every
Constitutional Amendment Bill was passed after thorough scrutiny.
After the
neo-liberal economic policy, the job opportunities has been coming down. What
is the point of reservation when there is no jobs, he asks.
LOK SABHA | 8:35
P.M.
E.T. Mohammad
Basheer (IUML) says the real objective of the Bill to fish in the troubled
waters. The purpose of reservation is to bridge the gap between upper and lower
castes. Poverty alleviation is the work of the government. You are reducing the
merit quota with this Bill. He seeks the Ministry to withdraw the Bill.
LOK SABHA | 8:29 P.M.
Nand Kumar
Singh Chauhan (BJP) says the children of poor parents would ask their parents
if it was their mistake for being born in a savarna caste.
In response to Mr. Hooda, Mr. Chauhan says you may have the idea but didn’t
have the intent to help the poor.
LOK SABHA | 8:20 P.M.
Deepender
Hooda (Congress) questions the way the Bill was brought in the House. He doubts
if there will be any beneficiary of the scheme as there will be little time in
implement it. He says the Congress government in Haryana brought a similar Bill
in the state in 2013. It was BJP who opposed it, he claims.
Imitation is
the sincerest form of flattery, Mr. Hooda says and adds BJP has only copied
their idea.
LOK SABHA | 8:10 P.M.
Upendra
Kushwaha (RLSP) says it is his maiden speech. Mr. Kushwaha was a former
Minister of State. He quit the NDA recently and gave up his ministership. He
says the poor farm labourers would blame me for supporting reservation. He says
now those poor farmers wouldn’t blame him now. He also adds now the unemployed
will blame the government for not providing jobs.
He also seeks
an all India Judicial Services and reservation in judiciary too. He suggests the
Winter Session be extended for two more days, so that amendments can be moved
in the Bill.
LOK SABHA | 8 P.M.
Bhagwant Mann
of the AAP says that if the BJP is serious about the poor, they would have
brought this Bill in the first day of the first session, and not in the last
day of the last session. He also says that the Prime Minister will, in a rally
very soon, say that he got the Bill passed.
Mr. Mann warns
the Bill will dilute the existing reservation norms.
LOK SABHA | 7.35 P.M.
Dharmendra
Yadav of the SP says that there existing vacancies which need to be filled, and
urges the government to fill those first. He also wants the reservation to
extend to 100%.
Mahendra Nath
Pandey of the BJP supports the Bill. Jay Prakash Narayan Yadav of the RJD also
raises the issues of people under already reserved categories not getting jobs.
Slogans become
louder in the House as Nishikant Dubey of the BJP rises to speak. He says our
culture is above caste.
LOK SABHA | 7.25 P.M.
Supriya Sule
(NCP) says she welcomes the Bill, but asks why it has been hurried through the
House. She says the Bill supports the poor. She expresses surprise at Ram Vilas
Paswan’s remark.
She also seeks
clarification from Mr. Jaitley too. He had said that approval of States are not
needed for Articles related to fundamental rights.
She says she
hopes this is not a political gimmick to bring the Prime Minister back to
power. She asks about the existing reservation present in States. She also asks
where jobs will be created.
LOK SABHA | 7.15
P.M.
Jitendra
Choudhury (CPI-M) says the Left is in-principle not opposing the Bill, but
opposes the way the Bill was introduced in the last minute.
In the past,
if these kind of Bills are taken up, the party in power discusses with all
stakeholders. But this has been done hastily, he says.
Mr. Choudhury
poses some questions. Where are the jobs? He cites the demographics of Tripura,
stating that OBCs could not get reservation because of the 50% cap as given by
the Supreme Court. He says the Bill needs to be made more comprehensive. He
says it needs to be deferred to the JPC.
LOK SABHA | 7.00
P.M.
BJD
supports the Bill
Bhartruhari
Mahtab (BJD) says this House is bereft of moving any amendments to the Bill, by
the manner in which the Bill was introduced today. He says this shouldn’t be
the practice. Here is something to be done in posterity. Similar efforts were
being considered since the seventies, he says.
Reservation is
not new in this country. Since 1932, four main instances of having affirmative
action happened. The Poona Pact was the first of it. He points out that the
Brahmin members constituted 45 per cent in the Constituent Assembly, while the
SC were only four per cent. Mr Mahtab takes the House through the various steps
taken for reservation.
Mr. Mahtab
says the Bill must be supported in full measure. The poor people are in need of
education, services and employment, irrespective of their caste. He recalls how
the Congress tried to introduce such a reservation, but couldn’t pass the test
of law.
The economic
criteria will not be the same as it is today. A family may progress or come
down in the economic strata. How will you identify the person, the Bill doesn’t
mention these. Does the poor have a caste, Mr. Mahtab says quoting Biju
Patnaik’s famous retort.
LOK SABHA | 6.40
P.M.
Union Minister
Ram Vilas Paswan (LJP) welcomes the Bill. He lauds the government for bringing
amendments to the SC/ST Act to safeguard the rights of the community. He lists
out the initiatives of the government on social justice, and claims the
opposition is unnecessarily terming the government is anti-Dalit.
Mr. Paswan
says the Bill will help the “upper caste” people who are economically
backward. He says the country is more important than caste. V.P. Singh was a
Rajput, but he brought social justice by implementing the Mandal Commission
report. Similarly everyone must support the economically downtrodden, he adds.
He says it is
possible that people who were rich during the British Rule are poor now and
they must not be left behind in development.
People who
were opposing reservation are now part of this 10 per cent reservation. So now,
they won’t oppose reservation, he adds. Sabka Saath, Sabka
Vikas is complete now, he declares.
He also
suggests the reservation must be brought under Ninth Schedule. He also suggests
there must be reservation in private sector and Indian Judicial Services too.
He says he is confident that when Narendra Modi becomes PM again, his demands
will be fulfilled.
LOK SABHA | 6.30
P.M.
TRS member
Jithender Reddy says his party supports the Bill. This Bill proves that
caste-based and economic exploitations are different and not linked. He blames
the present and erstwhile governments for the economic backwardness. He says
the Congress and BJP were only thinking about settling scores between them and
not about the people.
Taking the
example of Telangana, whose demography changed after bifurcation, Mr. Reddy
says the TRS government wanted to bring reservation for economically backward
Muslims. The union government is opposing it, he says. Rights of reservation
must be be given to the State, he adds.
He suggests
some amendments.
LOK SABHA | 6.20
P.M.
Anandrao Adsul
(Shiv Sena) says his party supports the Bill. He says a large number of people
(excluding the SC, ST and OBC) are backward educationally, socially and
economically. This Bill is just a beginning. Many caste groups are demanding
reservation. The rationale behind these demands was that reservation will bring
development to their community.
Mr. Adsul
wonders why the Bill was brought at the fag end of the term. Better late than
never, he adds. He lauds Mr. Jaitley’s response on the Bill. He also agrees
with K.V. Thomas on demonetisation. He says many people lost their jobs due to
demonetisation. Those who were employed also lost employment due to
government’s policies, he adds.
LOK SABHA | 6.10 P.M.
How will
you bring reservation when there are no jobs, asks Sudip Bandyopadhyay
Sudip
Bandyopadhyay (TMC) says the Bill was not discussed during the Business
Advisory Committee meet.
Will the Bill
actually solve the problem of unemployment or this is just a political gimmick,
he wonders. There over 85,000 vacancies in the Railways. Over 25 millions have
applied for these jobs, Mr. Bandyopadhyay says to highlight the unemployment
scenario.
He also
wonders why the Women’s Reservation Bill was not taken up in the same priority.
He demands a White Paper on unemployment. We are hesitantly supporting the Bill
with an expectation that the government will take care of the unemployed youth,
he says ending his speech.
LOK SABHA | 6.00 P.M.
Reservation
can be only based on caste and not on economy, says Thambi Durai in Lok Sabha
Thambi Durai,
Deputy Speaker, speaks. He says he is the lone person to speak on behalf of
AIADMK. (Most AIADMK members have been suspended for unruly behaviour)
“Why do
we need reservation? Our party believes in social justice. I am a Shudra. As a
Shudra, we suffered a lot and this is why the Dravidian movement fought for
reservation.”
The
economically weaker section are already getting the benefits of several
programmes. He lists out several schemes available for the economically
deprived. Why do need a separate reservation? Does this mean your existing
programmes are not properly implemented, he says.
He takes the
example of B.R. Ambedkar. Ambedkar was highly-educated. Still he was still
humiliated based on his caste. That is why the forefathers of our Constitution
took social justice as a criteria and not economy as a criteria, he says.
You enhance
reservation to 70 per cent, if you want. He cites the Tamil Nadu example where
69 per cent reservation is being implemented.
Untouchability
is still practiced here. Two-tumbler policy is still practiced in villages.
Reservation should continue till castiesm exists.
The PM
promised Rs. 15 lakh in each account. Had he implemented it, there would be no
need for this Bill, Mr. Thambi Durai says.
A person who
is poor today, may earn money and become rich. How will you implement this.
This is only going to increase corruption. People may pay bribe and get a
certificate that he/she is poor, he says.
LOK SABHA | 5.35 P.M.
Finance
Minister Arun Jaitley says most political parties in their election manifesto
mentioned about giving reservation to unreserved poor. But they are hiding
behind the law, he says.
Mr. Jaitley
says the approval of States are not needed for Articles related to fundamental
rights. He also says the phraseology is the same as caste-based reservation. He
says we must think above politics in this issue.
“Just as
equals cannot be treated unequally, unequals cannot be treated equally,”
Mr. Jaitley says. The reservation or affirmative action was brought in to
uplift those who were denied equality on the basis of birth, Mr. Jaitley says.
He also points out the same way people who are economically deprived are also
lagging behind and the government wants to uplift them.
Quoting the
Supreme Court judgment, Mr. Jaitley says caste is the best determinant of
backwardness. Similarly the 50 per cent cap on reservation was also based on
Article 16(4). We want to amend Articles 15 and 16 so that the legal hurdles in
providing economic-based reservation is taken care of.
“If you
are supporting the Bill, don’t be grudging about it,” he says. He reads
the election manifesto of Congress promising reservation for the poor. Some
members object to it.
LOK SABHA | 5.20 P.M.
K.V. Thomas (Congress)
says the Cabinet approved the Bill only yesterday and today, the Bill is being
discussed. It is an important decision and I think the government is hasty in
bringing the Bill. Quoting media reports, Mr. Thomas says this appears to be a
pre-poll jumla. It shouldn’t be a tamasha, he says.
In 1991, when
the Narasimha Rao government tried to bring a similar legislation, it was
legally curtailed by the Supreme Court. Mr. Thomas points out the parliamentary
process to pass a Constitutional Amendment and says it cannot be passed in a
hurry.
The government
is making one mistakes after another, he says pointing out the demonetisation
and GST amendments.
When the
social reservations are limited to aided institution, this one includes unaided
ones too. The Bill comes at a time when the unemployment rate is at 27-month
high, he says.
Do you call
those earning Rs. 63,000 per month as poor? he asks. The food security Bill has
a different criteria to define the poor, he points out.
You are
butchering Indian democracy, he says and adds there is no time even to read the
Bill in full. I am not against the Bill, but the way you are doing it, your
sincerity is being questioned, he says and suggests the Bill must be sent to
JPC.
LOK SABHA | 5.10 P.M.
The House
takes up The Constitution (One Hundred and Twenty-Fourth Amendment) Bill, 2019
for discussion. This amendment is to bring in 10% reservation for economically
weaker sections of people in educational institutions and jobs.
Minister Thaawarchand Gehlot says the
move is historic. Elaborating the need for this Bill, the minister points out
that Private Members’ Bills were brought 21 times seeking such a reservation.
He says former Prime Minister P.V. Narasimha Rao also was in favour of such a
reservation.
While the
Ministry tries to help the economically deprived through several schemes and
scholarship, they are not adequate. He says Brahmins, Thakurs, Baniyas,
Patels… and others who donot come under the benefits of existing
reservation will be benifitted. Members mention other castes, the Minister says,
“Yes, all are included.”
Some members
object to the introduction of the Bill, since it was not part of the Business
Advisory Council meet. Speaker says she gave the permission to include it.
LOK SABHA | 5 P.M.
Rajnath Singh also quotes
Dr. Manmohan Singh, who in his speech as Prime Minister in the Rajya Sabha on
the persecution of religious minorities in the subcontinent, said that India
should be more liberal in granting citizenship to those that seek refuge in
India.
He ensures the
people of Assam that the country will share in the State’s burden in the
citizenship process. He says the Centre is open to talks with the State. He
reiterates that Assam’s culture and liguistic identity will be protected.
He asks that
the Bill be taken into consideration and passed.
The motion for
consideration of the Bill is adopted. Clause-by-clause consideration is up now.
The Citizenship (Amendment) Bill, 2016,
is passed by the Lok Sabha.
LOK SABHA | 4.40 P.M.
Meenakshi Lekhi of the BJP says the
demographics of eastern India is changing because of illegal immigrants.
Sunil Kumar Singh, a Jharkhand BJP MP, asks what
Communist origins are in India. He mentions the Nehru-Liaquat pact and asks the
Opposition if they do not wish to protect it. He says India should protect
religious minorities in Pakistan, Afghanistan and Bangladesh.
Home Minister Rajnath Singh rises to
reply to Members’ comments. He appeals to the people of Assam and says that the
customs, traditions, linguistics and culture will be protected by the Centre.
He says that the burden of the Citizenship Bill will not fall only on Assam,
but the entire country. The politicians of any country do not want religious
persecution, he says. He also cites the Nehru-Liaquat pact, and the agreement
between Indira Gandhi and Sheikh Mujibur Rehman.
Mr. Singh
answers Saugata Roy’s question about majorities who have fled to India from
persecution. He says India grants long-term visas to those belonging to
religious majorities. He quotes Nehru: “We think also of our brothers and
sisters who have been cut off from us by political boundaries and who unhappily
cannot share at present in the freedom that has come. They are of us and will
remain of us whatever may happen, and we shall be sharers in their good and ill
fortune alike.”
He then answers
Bhatruhari Mahtab’s question about why Bangladesh is included in this Bill. Mr.
Singh says religious minorities are percuted in Bangladesh too. He says those
who get citizenship can live and work anywhere in India, not just Assam.
He also
answers Badruddin Ajmal, who said that this bill discriminates based on
religion. Mr. Singh replies that this is in keeping with the fundamental right
to practise religion as given in the Constitution. Mr. Singh says that
Christians living in Afghanistan, Pakistan and Bangladesh will also be granted
citizenship.
LOK SABHA | 4.25 PM
Jay Prakash Narayan Yadav (RJD) opposes
the Bill, saying people cannot be discriminated in the name of religion. On one
hand you claim those not mentioned in the NRC are migrants and want them to
leave the country, but now you are granting them citizenship, he says. He uses
the opportunity to insist on an JPC probe into the Rafale deal.
Asaduddin Owaisi (AIMIM) says
that the govt’s ideology and dog whistle politics has led them to bring the
Bill. “You are giving citizenship on the basis of the religion. You can’t
run India like Israel. This Govt is making a mistake and will have to pay for
it.”
Pappu Yadav (RJD) says the
Bill sends very dangerous signals. “Are Muslims citizens of India?”
LOK SABHA | 4.15 PM
Bijoya Chakravarty (BJP) says
Assam witnessed large scale migration. Even today, we are not able to find out
who these illegal migrants are. Ms. Bijoya claims the indigenous people are
worst affected due to migration and infiltration. She claims the demography of
Assam has changed over the years due to infiltration. She claims the immigrants
have money and are able to buy land, but poor indigenous population is
losing out. At this rate it will be difficult to find Assamese in Assam, she
says.
She also
claims the population control is dwindling the Hindu population in Assam. But
the illegal migrants bear many children, she adds. When a member objects to it,
she says she can even take names.
This Bill is a
must for Assamese people. Congress never did anything in 34 years to implement
the Assam Accord, she says. She accuses the Congress of indulging in vote bank
politics.
LOK SABHA | 4.10 PM
P.K. Kunhalikutty (IUML) says
while the Home Ministry is saying people are persecuted in neighbouring
countries in the name of religion, the Ministry is doing the same in India
through this Bill. Any opportunity to divide the people, you are bringing it,
Mr. Kunhalikutty accuses the government.
He also take
potshots over the recently introduced Bill to give reservation to
economically-backward people.
The Bill will
not pass legal scrutiny, he opines. The Assam Accord mentions that people of
undivided India, won’t be granted citizenship after Partition. This is clearly
a violation, he says.
Your jumlas
won’t work, he tells BJP.
LOK SABHA | 4.00 PM
Badruddin Ajmal (AIDUF) says he
rejects the Bill. He demands the government to withdraw the Bill. The AIDUF is
an Assam-based political party. The Bill has evoked strong protests in Assam.
The AGP, another Assam party is also opposing the Bill.
He says the
Bill is unconstitutional since we don’t discriminate on the basis of religion.
You should
feel the pain of the Assamese People. Assam is in turmoil. Both Assamese and
Bengalis are my brothers. Their sentiments have to be respected, Mr. Ajmal
says.
You may have
the majority to pass the Bill. Have you delivered the basic facilities to all
Indians that you want to grant citizenship to foreign nationals, Mr. Ajmal
asks.
The NRC
exercise was the Supreme Court’s decision, not the BJP. The NRC has in fact,
made it clear that claims of Bangladeshi Muslim infiltration were all false. We
are grateful to the Supreme Court for the NRC, Mr. Ajmal says.
This Bill is
against the Constitution and the Assam accord, and hence we are opposing it, he
says.
LOK SABHA | 3.55 PM
Mulayam Singh
Yadav (SP) is the next Speaker. He says we should learn how to develop the
nation from the United States. He talks about how to develop the nation and
rein in unemployment.
LOK SABHA | 3.45 PM
CPI member
Mohammed Salim speaks about the contribution of Bengal community in India’s
freedom struggle, how Bengalis are living in several parts of the country and
not just in West Bengal. He comes down heavily on comments that Bengalis in
Assam could be Bangladeshis. He claims the RSS and the BJP were not part of the
freedom struggle. Treasury Bench oppose to it.
Mr. Salim
continues to speak in Bengali. He says the BJP’s manifesto doesn’t speak about
other minorities in the neighbouring countries, but is concerned only on
Hindus. He says if the country is being divided on the basis of language and
religion, it will only tear the country apart.
He claims the
government is continuing the RSS’ unfinished agenda of Partition. You want to
victimise the Bengali Muslim, says Mr. Salim.
Don’t create
another Israel, warns Mr. Salim.
LOK SABHA | 3.10 PM
Bhartruhari
Mahtab, BJD, Cuttack, speaks, “According to our law, citizenship is got by
birth, by application. I am of the opinion that minorities of other countries.
Where would they go other than India? There are no options for
minorities.”
LOK SABHA | 2:10 PM
Rajnath Singh
discusses Citizenship Amendment Bill, 2019, as reported by the Joint
Committee, says, “A lot of misconception is being created regarding the
Bill in Assam and in other parts of north-east region. We all know about the
problems Assam has been facing due to illegal migrants and the Bill addresses
that.” He ensures that no one will face discrimination under the Bill.
LOK SABHA | 2:05 PM
The Lok Sabha
passes The DNA Technology (Use and Application) Regulations Bill, 2018 as
amended.
The Speaker
congratulates everyone for letting the House function without disruption.
RAJYA SABHA | 2:00 PM
Rajya Sabha resumes ,however uproar
continues;. House is adjourned till 2:21 pm.
LOK SABHA | 1:50 PM
Harsh Vardhan
clarifies his stands on the privacy issue raised by the Opposition regarding
the Bill.
He says:
“For 10 years your government was in power and various ministers in
charge, no one ever thought of addressing these issues. It’s the not the responsibility
of the Bill to set up laboratory. The money mentioned in the Bill is meant for
isn’t for infrastructure.
“We
ensure to take care of the issues even missed in the Bill, he adds. I thank all
members who paid attention and discussed the Bill but I assure you the
government’s attention is pure and the idea is to regulate the procedure as
anyway DNA has been tested.”
The Bill is
being considered.
LOK SABHA | 1:15 PM
Kalyan
Banerjee of AITC speaks:
For a long
time unsecured system has been in function to collect DNA. People have been
insecure and this Bill should have been introduced long ago.
LOK SABHA | 12:50 PM
Dr. Shashi
Tharoor discusses the DNA Bill, raises 13 objections.
“In the
name of helping people, the devil lies in details. I have 13 objections. It’s
against right to privacy. We need a robust Data Protection Law to begin with,
so that we have a foundation. This government is going on passing one bill
after another with the basic and main law in place.
“There
are serious concern, the government has not thought it through. They have
already pushed people to connect Aadhhar to phone and private banks, until
Supreme Court stops them. Now they have created another Bill of the similar
kind which will invoke surveillance. The Bill fails to provide effective
consent; the consent is not even defined in the Bill. It doesn’t provide
details on how can DNA sample be stored in the bank for lifetime.
There is no
regulation of how DNA laboratory will collect and store the data. The money
allotted is irresponsible, needs revision. The Minister should reconsider the
objections raised by us and should send it to a standing committee. Now you are
in power tomorrow someone else will be, who might misuse the data stored.”
LOK SABHA | 12:35 PM
Harsh Vardhan,
Science and Technology Minister, speaks about the DNA Technology Regulation
Bill :
This has been
long awaited Bill. The inception of it took place in 2003, during the time of
Murli Manohar Joshi. Even when the Opposition was in power, this has been
discussed and importance of it has been recognised by everyone.
“For many
agencies and departments this Bill will ensure easy and smooth work. We have
ensured data privacy and security because it deals with DNA and data bank. The
information stored in the bank will not reveal any facial feature, racial
data.”
The minister
mentions different other countries who already have a law in process mentions
how even Bangladesh has a law in place. Concludes saying, “let’s discuss
if you want to. It’s been 15 years and country awaits it.”
LOK SABHA | 12:25 PM
Shashi Tharoor,
opposes the Bill says it’s “undemocratic act”.
“Member
of Parliament should be given a Bill way ahead but with this (Bill) it has been
surreptitiously introduced here, as pointed out by other members. Where is the
two-day notice and where is the special reason for such act? 10 Central Union
Trade Unions have written to the ministry , can we please send the Bill to
standing committee.”
The Minister
inroduces the Bill and says “six unions are in favour of the Bill and the
on-going strike mentioned by the Opposition I believe has no affect.”
LOK SABHA | 12:15 PM
The Trade
Union (Amendment) Bill is being introduced.
Premachandran
of RSP opposes the Bill, asks the government how can the trade union be
recognised. The criteria and rules are mentioned in the Parliament. He further
mentions how the trade unions has called for the on-going strike.
A Sampath of
CPI-M says “you are killing the public sector. The government has
introduced the Bill only on the last day of session. What is your
responsibility towards the working class?” N.B. Rajesh of CPI-M also
opposes the Bill.
Thawarchand
Gehlot introduces the 124th Constitution Amendment to provide 10 per cent
reservation for economically weaker sections.
LOK SABHA | 12: 05 PM
“There
have been complaints against members of DDA and there have been chargesheet
against people associated with such complaints,” says Hardeep Singh of
Housing and Urban Affairs. “The DDA needs digitisation to know the number
of acres of land under control.”
The question
hour gets over. Now members to lay down papers.
LOK SABHA | 11:55 AM
BJP’s Kiron
Anupam Kher raises the issue of deployment of excess armed forces in the area.
MoS Kiren
Rijiju replies: “The deployment is done according to the demand sought by
the State government.”
What is the
number of suicide taken place in armed force becuase of lack of leave?, asks
Farooq Abdullah.
“There
are number of cases have different reasons. However teh basic needs have been
taken care of by the government. I would like to point out that the satisfaction
level of the jawans have increased over the years,” Mr. Rijiju replies.
LOK SABHA | 11:45 AM
“Food
precessing sector needs further development,” says Harsimrat Kaur Badal.
Mention open ended scheme created by the government which helps farmers to set
up storage also.
“Special
500 crore has been allocated for processing to vegetables that includes –
tomatto, onion and potato. We want to focus the farmers to concentrate on
further processing rotten begetablesto enusre minimal wastage,: she adds.
How many of
these (40) food processing units are functioning right now? Asks a member.
15 units are
operational and three more going to operational in a month, she replies. These
parks will create 5 lakh jobs and lakh of
We are having
problem with West Bengal. The Jangipur unit is pretty much dead because there
is no support of teh government. Please do help your farmers avail the
benefits, she asks the State government.
LOK SABHA | 11:15 AM
Five national
sports centre have been created for handicapped children.
Aparupa Poddar
of AITC asks the sports minister if the government has plan to create better
facilities for handicaped sports enthusiasts in Bengal.
The minister
of Social Justice and Empowerment says “we have been doing many important
things, you should praise us, given nothing has been done for them
before.”
Lok Sabha
begins with question hours.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/LS-Board.jpg387617Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 17:13:252019-01-08 17:13:59And the Constitutional Amendment 124th Bill, 2019, is passed with 323 votes in favour and three against. India celebrates
नई दिल्ली :सवर्णों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लोकसभा की लड़ाई जीत ली है. लोकसभा में मंगलवार को संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया है. इस मुद्दे पर बहस के बाद रात 9.55 बजे वोटिंग हुई. वोटिंग में 326 सांसदों ने हिस्सा लिया. इसमें संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में 323 वोट पड़े. 3 सांसदों ने इसका विरोध किया. बिल लोकसभा में पास हो गया. शाम 5 बजे से शुरू हुई बहस के बाद रात 9.55 बजे इस विधेयक पर वोटिंग हुई. अब सरकार की नजरें राज्यसभा पर होंगी. जहां इस पर बुधवार को चर्चा होगी.
इस विधेयक
पर शाम 5 बजे से
बहस शुरू हो गई. बहस शुरू करते हुए केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने कहा, निजी शिक्षण संस्थानों में भी
ये आरक्षण लागू होगा. इसके साथ ही उन्होंने इस पर सभी दलों का समर्थन मांगा. उन्होंने
कहा, जो आरक्षण
है, उसमें कोई
छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. इसके बाद कांग्रेस के नेता केवी थॉमस ने चर्चा में हिस्सा
लिया. उन्होंने कहा, हम इस बिल
के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन इससे पहले इस बिल को जेपीसी में भेजो. कांग्रेस के
सवालों का जवाब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया. उन्होंने इसे जुमला
कहने वालों पर हमला बोलते हुए कहा, सवर्णों को आरक्षण देने के जुमले को सभी
दलों ने अपने अपने घोषणा पत्र में रखा. उन्होंने कहा, आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना
चाहिए.
अरुण जेटली ने कहा, ये सही है कि इससे पहले जो भी कोशिशें हुईं वह सुप्रीम कोर्ट में नहीं ठहर पाईं. सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी की सीमा लगाई, ये सीमा 16 ए के संबंध में थी. कांग्रेस को जवाब देते हुए जेटली ने कहा, आपने आरोप लगाया कि ये बिल आप अभी क्यों लाए. तो आपको पटेलों के लिए आरक्षण गुजरात चुनाव से पहले क्यों याद नहीं आया. अरुण जेटली ने कांग्रेस को घोषणा पत्र के वादे को याद दिलाते हुए इस संशोधन का समर्थन करने की अपील की.
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी
सरकार पर हमला बोला. उन्होंने इस मुद्दे पर कहा सरकार सत्र के आखिरी दिन इस बिल
को लेकर आई है. इसलिए इनकी नीयत में खोट है. ये भारतीय जुमला पार्टी है. इनकी
नीयत इस बिल को लागू करने की नहीं है. सरकार इस आड़ में एससी एसटी का भी आरक्षण
खत्म करना चाहती है.
इस बिल पर
चर्चा करते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं इस बिल का विरोध करता हूं. क्योंकि
ये बिल एक धोखा है. इस बिल के माध्यम से बाबा साहब आंबेडकर का अपमान किया गया है.
आप इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में पास नहीं करा सकते. ये वहां गिर जाएगा.
चर्चा में
हिस्सा लेते हुए एम थंबीदुरई ने कहा, गरीबों के लिए चलाई जा रहीं कई स्कीम
पहले से ही फेल हो चुकी हैं. आप जो ये बिल ला रहे हैं, वह सुप्रीम कोर्ट में फंस जाएगा.
टीएमसी के
सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, सरकार इसी तरह महिलाओं के आरक्षण का बिल लेकर क्यों नहीं आती.
सरकार का ये बिल लोगों को धोखा देने के समान है.
बता दें कि
केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को सवर्ण जातियों के गरीबों के लिए शिक्षा और रोजगार
में 10 प्रतिशत का
आरक्षण देने का फैसला किया है. लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार को
संविधान में संशोधन करना होगा क्योंकि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और
अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने
पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो
जाएगा.
इस
प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत
पड़ेगी, क्योंकि
संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए संविधान के
अनुच्छेद 15 और
अनुच्छेद 16 में जरूरी
संशोधन करने होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी 50 फीसदी की सीमा…
विधेयक एक
बार पारित हो जाने पर संविधान में संशोधन हो जाएगा और फिर सामान्य वर्गों के
गरीबों को शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण मिल सकेगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने
इंदिरा साहनी मामले में अपने फैसले में आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा तय कर दी थी. सरकारी
सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित संविधान संशोधन से अतिरिक्त कोटा का रास्ता साफ हो
जाएगा. सरकार का कहना है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को दिया
जाएगा जो अभी आरक्षण का कोई लाभ नहीं ले रहे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/LS-Board.jpg387617Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 16:59:252019-01-08 17:00:24गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बिल लोक सभा में 323/326 से पास : देश में ख़ुशी का माहौल
मुसलमानों का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज साठ करोड़ मुसलमानों की आवाज कौन दबा सकता था दशरथ के महल में दस हजार कमरे थे और ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि श्रीराम का जन्म किस कमरे में हुआ? उन्होंने ये भी कहा कि यह समझ से परे है कि राम मंदिर वहीं बनाने की जिद क्यों की जा रही है सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर श्रीराम को काल्पनिक अवतार बताने वाली कांग्रेस अब ये मानने लगी है कि अयोध्या में राजा दशरथ का महल था.
राम जन्मभूमि विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले की अगली सुनवाई में ये तय होगा कि कौन सी बेंच और कौन से जज किन-किन मामलों को देखेंगे. लेकिन उस सुनवाई से पहले सियासत राम जन्मभूमि विवाद पर अपनी अलग नजर गड़ाए हुए है.
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने राम मंदिर को लेकर अबतक का सबसे विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने अयोध्या में भगवान राम के जन्म लेने के दावों पर ही सवाल उठा दिया है. मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि अयोध्या नरेश दशरथ के महल में दस हजार कमरे थे और ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि श्रीराम का जन्म किस कमरे में हुआ? उन्होंने ये भी कहा कि यह समझ से परे है कि राम मंदिर वहीं बनाने की जिद क्यों की जा रही है?
जहां एक
तरफ कांग्रेस लगातार बीजेपी पर ये आरोप लगाती रही है कि वो ऐन लोकसभा चुनाव से
पहले राम मंदिर निर्माण का मुद्दा विहिप, आरएसएस और बजरंग दल के जरिए जानबूझकर
उछाल रही है तो वहीं दूसरी तरफ मणिशंकर अय्यर हिंदू आस्था पर सवाल उठा कर मामले को
और गरमाने का काम कर दिया.
मणिशंकर अय्यर ने ये भी कहा कि मुसलमानों का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज साठ
करोड़ मुसलमानों की आवाज कौन दबा सकता था. आखिर इस बयान से मणिशंकर अय्यर
तुष्टीकरण की राजनीति के जरिए कौन सा संदेश और किस दिशा में संदेश देना चाहते हैं? क्या ये बयान सांप्रदायिक माहौल
खराब करने और उकसाने के लिए नहीं माना जा सकता?
मणिशंकर
अय्यर के बयान पर बीजेपी ने कहा कि कम से कम अय्यर ने ये तो माना अयोध्या में बाबरी
ढांचा का गिरना कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी गलती थी और इसके लिए कोई माफी नहीं
है. साथ ही बीजेपी के लिए ये भी मुद्दे की बात है कि कल तक सुप्रीम कोर्ट में
हलफनामा दाखिल कर श्रीराम को काल्पनिक अवतार बताने वाली कांग्रेस अब ये मानने लगी
है कि अयोध्या में राजा दशरथ का महल था.
लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर मणिशंकर अय्यर आखिर अपनी
राजनीति से किसका भला करना चाहते हैं?
3
राज्यों
में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस जोश में है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
मंदिरों की परिक्रमाएं कर रहे हैं. इस बार कांग्रेस के नारों में ये शोर नहीं है
कि सत्ता में सांप्रदायिक ताकतों को आने से रोकना है क्योंकि मोदी सरकार सबका
साथ-सबका विकास के नारे के साथ विकास के नाम पर वोट मांग रही है. राम मंदिर के
मुद्दे पर बीजेपी सत्ता में आने के बाद बेताबी की जगह सतर्कता ज्यादा दिखा रही है. लेकिन इन चार साल में बीजेपी के
स्वभाविक हिंदू कार्ड की तोड़ निकालने के लिए कांग्रेस ने खुद की मुस्लिम परस्त
छवि को बदलने की कोशिश की है. कांग्रेस का हिंदुत्व राहुल गांधी के जनेऊ और गोत्र
के जरिए उसकी नई ताकत बन चुका है. खुद राहुल गांधी राम मंदिर के मुद्दे पर कोई भी
बयान नहीं दे रहे हैं. लेकिन मणिशंकर अय्यर अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष से कुछ
सीखना नहीं चाहते. जबकि राहुल गांधी कई दफे ये कह चुके हैं कि पार्टी के नेताओं को
विवादास्पद मुद्दों पर बयान देने से बचना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए.
अब मणिशंकर
अय्यर ने श्रीराम को लेकर नई बहस छेड़ दी है. जाहिर तौर पर ये सवाल अब कांग्रेस
अध्यक्ष से भी पूछा जाएगा. राहुल से भी पूछा जाएगा कि वो क्या मानते हैं कि
श्रीराम का जन्म कहां हुआ? राहुल से
ये भी पूछा जाएगा कि मणिशंकर अय्यर के बयान पर उनकी क्या राय है? जिस तरह राफेल डील पर राहुल गांधी
सवालों की फेहरिस्त ट्वीट के जरिए सामने रख रहे हैं उसी तरह हिंदूवादी संगठन भी
उनसे राम मंदिर मुद्दे पर खुली राय मांग सकते हैं.
बहुत
मुमकिन है कि मणिशंकर अय्यर के पहले के विवादास्पद बयानों की तरह इस बार भी
कांग्रेस उनके बयान से पल्ला झाड़ ले. लेकिन सवाल उठता है कि मणिशंकर अय्यर खुद
ऐसे बयानों से कब किनारा करेंगे?पिछले पांच साल में मणिशंकर अय्यर के विवादास्पद बयानों का
सिलसिला सा दिखाई और सुनाई देता है जिसका सीधे तौर पर फायदा बीजेपी को ही मिलता
आया है तो नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा है. चाहे साल 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर गुजरात
विधानसभा का चुनाव.
‘चायवाला’ से शुरु हुआ बयानों का दौर ‘नीच’ जैसे शब्दों पर जा कर ठहरा. ऐसे
आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल अय्यर ने पहले पीएम उम्मीदवार तो बाद में पीएम के
लिए किए. तभी उन्हें पार्टी से निलंबन भी झेलना पड़ा है. लेकिन अब निलंबन के बाद
वापसी करते हुए अय्यर के तेवरों में वहीं तल्खी बरकरार है. बहरहाल, दिल्ली में ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ मुशायरा कार्यक्रम में मणिशंकर
अय्यर ने देश के सबसे विवादास्पद मुद्दे पर विवादित बयान देकर विवाद की आग में घी
उड़ेलने का काम किया है जिसकी आंच एक बार फिर उस कांग्रेस को लग सकती है जिस पर
हिंदू विरोधी होने का आरोप लगता आया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/408926b76b696a2360e59366dc63df48.jpg400666Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-08 16:18:422019-01-08 16:18:44मणि शंकर ऐय्यर ने कांग्रेस में वापिस आते ही राम मंदिर के बनाने के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाया
याचिका में अयोध्या मामले की सुनवाई एक तय समय में किए जाने की मांग की है और अगर तय समय में सुनवाई नहीं होती है तो कोर्ट अपने आदेश में कारण बताए कि एक तय समय में सुनवाई आख़िरकार क्यों नहीं हो सकती. आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जनवरी माह तक टाल दी थी.
नई दिल्ली : अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अहम सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ सुबह 11 बजे के आसपास मामले की सुनवाई करेगी. माना जा रहा है कि आज होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट नई पीठ का गठन कर सकता है. साथ ही जल्द और रोजाना सुनवाई की मांग वाली अर्जी पर भी सुनवाई हो सकती है. इसके अलावा कोर्ट एक नई जनहित याचिका पर भी सुनवाई करेगा. यह जनहित याचिका हरीनाथ राम ने दायर की है.
याचिका में अयोध्या मामले की सुनवाई एक तय समय में किए जाने की मांग की है और अगर तय समय में सुनवाई नहीं होती है तो कोर्ट अपने आदेश में कारण बताए कि एक तय समय में सुनवाई आख़िरकार क्यों नहीं हो सकती. आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जनवरी माह तक टाल दी थी.
इससे पहले तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर मामले को सुन रहे थे. सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्षों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. कोर्ट ने 1994 के इस्माइल फारुकी के फैसले में पुनर्विचार के लिए मामले को संविधान पीठभेजने से इंकार कर दिया था. मुस्लिम पक्षों ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी.
गौरतलब है कि राम मंदिर के लिए होने वाले आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. इस मामले में आपराधिक केस के साथ-साथ दीवानी मुकदमा भी चला था. टाइटल विवाद से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या टाइटल विवाद में फैसला दिया था. फैसले में कहा गया था कि विवादित लैंड को 3 बराबर हिस्सों में बांटा जाए. जिस जगह रामलला की मूर्ति है, उसे रामलला विराजमान को दिया जाए. सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए, जबकि बाकी का एक तिहाई लैंड सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाए. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं, दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अर्जी दाखिल कर दी थी. इसके बाद इस मामले में कई और पक्षकारों ने याचिकाएं लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई करने की बात कही थी. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे. उसके बाद से ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/Ram-Mandir-Model-Replica.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-04 02:58:322019-01-04 02:58:35राम मंदिर की याचिका पर सुनवाई आज
अशोक गहलोत के कैबिनेट ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाई जाए
राजस्थान में सरकार बदलते ही पुरानी सरकार के फैसलों को बदलने का दौर भी शुरू हो गया है. राज्य के सीएम अशोक गहलोत के कैबिनेट ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाई जाए. राज्य सरकार ने ये निर्देश सभी विभागों के लिए जारी किया है.
दीन दयाल उपाध्याय RSS विचारक हैं. इससे पहले वसुंधरा राजे की सरकार ने यह फैसला किया था कि सभी सरकारी लेटरपैड और दस्तावेजों पर उपाध्याय की फोटो लगाई जाएगी.
राजस्थान की सरकार ने बुजुर्गों के लिए मंथली पेंशन बढ़ाने का भी ऐलान किया है. बुजुर्गों को अब 500 रुपए की जगह 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेंगे. जिन्हें पहले ही 750 रुपए मासिक मिल रहे थे अब उन्हें इसके बदले 1,000 रुपए मिलेंगे.
मध्यप्रदेश में भी नया फरमान
इसके दूसरी तरफ मध्यप्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर मीसाबंदियो को दी जाने वाली पेंशन इस महीने से अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है और बैंकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गए हैं. मीसाबंदी पेंशन को लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के नाम से भी जाना जाता है. इस संबंध में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गत 29 दिसंबर को सर्कुलर जारी कर मीसाबंदी पेंशन योजना की जांच के आदेश दिए. सरकार ने बैंकों को भी मीसाबंदी के तहत दी जाने वाली पेंशन जनवरी 2019 से रोकने के निर्देश जारी किए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान साल 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल में जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत मध्य प्रदेश में करीब 4000 लोगों को 25,000 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/pddupadhyay.jpg4501058Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-02 18:10:452019-01-02 18:12:08गहलोत ने दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरें सरकारी संस्थानों और फाइलों में नहीं दिखेंगी
मांझी ने कुछ महीने पहले यह दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में 20 लोकसभा सीटों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने की स्थिति में है, राज्य में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं
बिहार में विपक्ष के महागठबंधन के साथी दल हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) ने बुधवार को धमकी दी है कि यदि उसे पर्याप्त सीटें नहीं मिली, तो वह अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले ‘हम’ के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल ने महागठबंधन में सीट बंटवारा समझौते के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह कहा.
पूर्व मंत्री पटेल ने कहा कि हर पार्टी को अपने लिए सर्वश्रेष्ठ सौदेबाजी करने का अधिकार है और जहां तक हमारी बात है हम सड़क पर खड़े हैं. जो लोग मुकम्मल मकानों में रह रहे हैं उन्हें एक उचित आकलन करना चाहिए. नहीं तो वे भी सड़क पर आ जाएंगे. मांझी की पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि यदि उसे पर्याप्त संख्या में सीटें नहीं मिली तो वह चुनावों में भाग नहीं लेगी. दरअसल, उनसे (पटेल से) यह पूछा गया था कि पार्टी कितनी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.
पार्टी का दावा 20 सीटों पर है मजबूत स्थिति में
खास बात यह है कि मांझी ने कुछ महीने पहले यह दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में 20 लोकसभा सीटों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने की स्थिति में है. राज्य में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि वह इतनी सीटों के लिए जोर नहीं दे रहे हैं और इसके बजाय जिन स्थानों पर पार्टी की अच्छी मौजूदगी है वह गठबंधन सहयोगियों को जीत हासिल करने में मदद करेगी.
गौरतलब है कि मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और जेडीयू छोड़ने के बाद हम का गठन किया था. मांझी ने इस साल फरवरी में एनडीए छोड़ दिया और महागठबंधन में शामिल हो गए.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/manjhi-bhullar-1_647_061515090257.jpg404647Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-26 18:01:002018-12-26 18:01:03पर्याप्त सीटों के न मिलने पर गठबंधन का बहिष्कार कर सकती है ‘हम’
Appeals are listed before a Bench of CJI Ranjan Gogoi and Justice S.K. Kaul
The volatile Ayodhya dispute appeals have been listed before a Bench led by Chief Justice of India on January 4, 2019.
The Supreme Court’s main cause list for January 4 shows that an application for early hearing and the appeals are listed before a Bench of Chief Justice Ranjan Gogoi and Justice S.K. Kaul. On October 29, a three-judge Bench led by Justice Gogoi had ordered the appeals to be listed in January 2019 before an appropriate Bench to fix a date for hearing.
The October order had come when the parties had sought an early hearing. At the time, Justice Gogoi had orally told them that the decision when to start hearing the appeals would be in the realm of discretion of the “appropriate Bench” before which the matter would come up in January.
“We have our own priorities… whether hearing would take place in January, March or April would be decided by an appropriate Bench,” the Chief Justice had remarked.
Majority opinion
On September 27, the apex court, in a majority opinion, had declined the plea made by Islamic bodies and individuals to refer the question as to whether prayer in a mosque is an essential part of Islam to a seven-judge Constitution Bench.
The majority verdict, in its last paragraph, had further directed the Supreme Court to start hearing the pending cases from October 29. This direction had triggered questions whether the court intended to deliver a judgment in the appeals before the May 2019 elections.
In 2017, when the court had started to hear the appeals after a hiatus of over seven years, senior advocate Kapil Sibal had suggested it to adjourn the hearings to after the general elections in May 2019.
HC verdict
The Ayodhya appeals are against the September 30, 2010 decision of the Allahabad High Court to divide the disputed 2.77 acre area among Sunni Waqf Board, Nirmohi Akhara and the Ram Lalla. The High Court had concluded that Lord Ram, son of King Dashrath, was born within the 1,482.5 square yards of the disputed Ramjanmabhoomi-Babri Masjid premises over 9,00,000 years ago during the Treta Yuga.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/65799122.jpg282400Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-24 17:08:192018-12-24 17:08:21SC to hear Ram Mandir title dispute on January 4
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