“हमारा काम लक्ष्य भेदने का था लाशें गिनने का नहीं”: धनोंआ

माया, ममता, केजरीवाल, सिद्धू और कुछ पार्टियों के प्रवक्ताओं द्वारा सरकार और सेना को घेरने और फिर उन्हीं नेताओं के बयानों को पाकिस्तान का सहारा आबंटे देख पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद पहली बार एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मीडिया को ब्रिफिंग दी. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर नापाक हरकत का जवाब देने की ताकत रखती है. एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए? इस सवाल पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमारा काम लक्ष्य भेदना था. लाशें गिनना नहीं.

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Air Chief Marshal BS Dhanoa: We hit our target. The air force doesn’t calculate casualty numbers, the government does that.1,68612:34 PM – Mar 4, 2019811 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘पाकिस्तान के बालाकोट में अपने टार्गेट को भेदा, जो हमारा काम था. एयरफोर्स का काम यह बताना नहीं है कि जमीन पर कितने लोग थे. हमारे पास कितने लोग मारे गए इसकी कोई जानकारी नहीं है. भारत सरकार इसपर ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकती है.

एयर चीफ मार्शल ने कहा, एगर हम किसी टारगेट को हिट करने का प्लान बनाते हैं तो हम उसे हिट करते हैं. अगर हमने जंगल में बम गिराए होते तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एयर स्ट्राइक पर प्रतिक्रिया क्यों देते?

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Air Chief Marshal BS Dhanoa on air strikes: The target has been clearly amplified by FS in his statement. If we plan to hit the target, we hit the target, otherwise why would he (Pak PM) have responded, if we dropped bombs in the jungles why would he respond.4,83012:32 PM – Mar 4, 20192,663 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

उन्होंने कहा, ‘F-16 से डॉग फाइट के लिए मिग-21 का इस्तेमाल किया गया. हमें इसके सबूत मिले हैं, जिसे अधिकारियों को सौंपा गया है.’ एयर चीफ मार्शल ने कहा, पाकिस्तान ने f-16 इस्तेमाल करके नियम तोड़ हैं. पाकिस्तान पर कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है.

एयर स्ट्राइक में मिग-21 का इस्तेमाल क्यों हुआ? इस सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘मिग-21 हमारा एक कामगार विमान है, जिसे अपग्रेड कर दिया गया है. इस विमान के पास बेहतर रडार है.’ उन्होंने बताया, ‘जो भी विमान हमारे बेड़े में है, हम उसे अपनी लड़ाई में इस्तेमाल करते हैं

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#WATCH Air Chief Marshal BS Dhanoa says, “The Mig-21 Bison is a capable aircraft, it has been upgraded, it has better radar, air-to air missiles and better weapons system.”2,41612:44 PM – Mar 4, 2019763 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

इसके अलावा धनोआ ने ये भी कहा, ‘जब आप कोई ऑपरेशन प्लान करते हैं तो आप ये भी प्लान करते हैं कि इस ऑपरेशन में कौनसा एयरक्राफ्ट इस्तेमाल होगा. लेकिन जब दुश्मन की तरफ से स्ट्राइक होती है तो उस वक्त जो एयर क्राफ्ट उपलबध होता है, उसका ही इस्तेमाल स्ट्राइक का जवाब देने के लिए किया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि सभी एयरक्राफ्ट में दुश्मन से लड़ने की क्षमता है.’

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#WATCH Air Chief Marshal BS Dhanoa on Mig-21 Bison, says, “One is a planned operation in which you plan & carry out.But when an adversary does a strike on you, every available aircraft goes in, irrespective of which aircraft it is. All aircraft are capable of fighting the enemy”

पटना : भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. इस कार्रवाई को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसे राजनीतिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पुलवामा हमले को लेकर नहीं है. यह कार्रवाई चुनाव के मद्देनजर हो रही है.

शिवानंद तिवारी ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान तब तक नहीं हो सकता, जब तक कश्मीरियों का साथ नहीं लेते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण ही हुआ है भारत के विरोध से. इस जहर को इस स्ट्राइक से खत्म नहीं कर सकते हैं.

आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को इस्चेमाल कर रहा है. कश्मीर को जब तक ठीक नहीं कीजिएगा, कश्मीरियों का विश्वास हासिल नहीं कीजिएगा तब तक शांति स्थापित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पुलवामा जैसे हमले होते रहेंगे.

Indian Air Force has put on high alert all air defence systems along the international border and LoC to respond to any possible action by Pakistan Air Force. pic.twitter.com/9GER7eqGPf2,8609:52 AM – Feb 26, 2019Twitter Ads info and privacy1,128 people are talking about this

सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 विमानों ने अंजाम दिया. वायुसेना के मिराज 2000 ने पीओके में घुसकर जैश ए मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर 1000 किलों से ज्यादा के बम गिराए. इस हमले में जैश के कई आतंकी ठिकाने और लॉन्च पैड तबाह हुए है.

खबर है कि 3 जगहों पर भारतीय वायुसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जैश के 12 ठिकानों को तबाह किया है. ऐसा बताया जा रहा है कि पीओके में बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में आतंकी कैंप तबाह किए गए है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोवाल ने पीएम मोदी को इस हमले की पूरी जानकारी दी है. पीएमओ में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और एनएसए के साथ बैठक जारी है.

Delhi: Meeting of Cabinet Committee on Security underway at 7, LKM2,19110:01 AM – Feb 26, 2019591 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

भारतीय वायुसेना ने ये सर्जिकल स्ट्राइक आज सुबह 03.30 बजे की. भारतीय वायुसेना ने जैश ए मोहम्मद के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है. बता दें कि पीएम मोदी ने पुलवामा हमले के 24 घंटे के अंदर बड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया था. पुलवामा हमले के बाद हुई इस कार्रवाई को पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है.

पाकिस्तानी सेना ने माना है कि भारतीय वायुसेना पीओके में दाखिल हुई है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल का उल्लंघन किया है. पाक सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया. हमने तुरंत जवाब दिया, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के विमान वापस अपनी सीमा में लौट गए.’

मैं और मेरा परिवार 1999 तक बूथ लूट कर ही चुने जाते रहे: किर्ति आज़ाद

भाजपा सांप्रदायिक पार्टी,
सनद रहे भागवत झा आज़ाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे और बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे हैं जीके लिए किर्ति ने मान की बूथ लूटे जाते रहे हैं
दरभ्ंगा से सीट न मिलने पर भाजपा छोड़ी और अब अलाकमान ही चुनाव लड़ने न लड़ने का निर्णय लेंगे

मुकेश कुमार, दरभंगा : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर पहली बार दरभंगा पहुंचे सांसद कीर्ति आजाद का कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. स्वागत कार्यक्रम के दौरान अफरातफरी की स्थिति भी उत्पन्न हो गई. सभा स्थल पर बनाया गया मंच टूट गया. इस दौरान बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा भी मौजूद थे. मंच टूटने से सभी नेता और कार्यकर्ता जमीन पर गिर गए. राहत की बात यह रही की इसमें किसी भी नेता को ज्यादा चोटें नहीं आई.

स्वागत कार्यक्रम के दौरान अपनी नई नवेली पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कीर्ति आजाद ने कुछ ऐसा कहा कि लोग कुछ देर के लिए सोचने को मजबूर हो गए.

उन्होंने अपनी पत्नी पूनम आजाद को कांग्रेसी परिवार की बेटी बताते हुए कहा, ‘उस दौर में नागेंद्र बाबा (नागेंद्र झा) और डॉ साहब (जगन्नाथ मिश्र) के लिए बूथ लूटा करते थे. उस समय तो लूटा जाता था, लेकिन आज के समय में कोई गड़बड़ी नहीं है. मेरे पिता भागवत झा आजाद के लिए भी बूथ लूटा जाता था. 1999 में मेरे लिए भी लूटा गया था बूथ. उस समय इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) नहीं आयी थी. 

इससे पहले दरभंगा पहुंचने पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कीर्ति आजाद जमकर स्वागत किया. रोड शो के दौरान उनके साथ मदन मोहन झा भी साथ रहे. रोड शो के बाद वह दरभंगा स्थित कांग्रेस दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह हमारी यह वापसी है. उन्होंने खुद को जन्म से कांग्रेसी बताया. साथ ही उन्होंने बीजेपी को सबसे बड़ा साम्प्रदायिक पार्टी करार दिया.
लगातार दरभंगा से अपनी दावेदारी पेश करने वाले कीर्ति आजाद यूं तो कल तक किसी भी सूरत में दरभंगा से चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे, लेकिन कांग्रेस ज्वाइन करते हीउनके सुर थोड़े बदले जरूर हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने की इच्छा हमने पार्टी के आलाकमान को बता दिया हैं, लेकिन पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे जरूर पूरा करेंगे. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि कीर्ति आजाद के कांग्रेस में आने से बहुत फायदा होगा.

छतीसगढ़ की तरह बिहार में भी महागठबंधन में पीछे छूटते वामदल

  • लोकसभा चुनाव में वामदलों को सीट देने में लालू यादव की कोई रुचि नहीं है.
  • कमलाकांत मिश्र ‘मधुकर’ की बेटी ने भी मोतिहारी सीट को लेकर भेंट करने की कोशिश की थी लालू नहीं मिले
  • कन्हैया कुमार का राजनाइटिक भविष्य तो यहीं तय हो गया की बेगूसराय सीट पर उन्हे अपने दम पर ही लड़ना होगा क्योंकि राज्य परिषद की उनकी उम्मीदवारी पर भी ग्रहण लगता दीख पड़ता है।
  • बिहार की भूमि पर राजनीतिक रूप से सक्रिय तीनों वाम दल क्रमशः सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन अगले महाभारत में अकेले(अपने दम खम पर) चुनाव लड़ेंगे

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की लोकप्रियता के सहारे बिहार में खुद को पुर्नजीवित करने की वामदलों, खासकर सीपीआई और सीपीएम, की रणनीति दम तोड़ती नजर आ रही है. भरोसेमंद सूत्र का कहना है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि महाभारत 2019 में सीपीआई और सीपीएम की भागीदारी की उन्हें कोई जरूरत नहीं है.

सीपीआई के एक कद्दावर नेता ने भी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘लोकसभा चुनाव में हमलोगों को सीट देने में लालू यादव की कोई रुचि नहीं है. वो नहीं चाहते हैं कि वामदल फिर से बिहार में जिंदा होकर अपने पैरों पर चल सकें.’

पिछले दो सप्ताह से बिहार के वामदलों के कई शीर्ष नेता लालू यादव से मिलने का अथक प्रयास कर रहे हैं. यहां तक कि सीपीआई के मूर्धन्य नेता रहे कमलाकांत मिश्र ‘मधुकर’ की बेटी ने भी मोतिहारी सीट को लेकर भेंट करने की कोशिश की थी. लेकिन आरजेडी सुप्रीमो ने उन सभी से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

सीपीआई के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने बातचीत में स्वीकार किया, ‘लालू यादव से मिलने के लिए बीते दो शनिवार को हमलोगों ने अर्जी लगाई थी लेकिन सफलता नहीं मिली’.

इसी बीच सीपीआई की बेगूसराय जिला कार्यकारिणी ने 16 फरवरी को सर्वसम्मति से कन्हैया कुमार का नाम चुनाव लड़ने के लिए फाइनल करके राज्य परिषद को भेज दिया है. समझा जाता है कि इस सप्ताह कन्हैया कुमार के अलावा और 4 सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम राज्य परिषद अनुमोदन करके नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी को अंतिम मुहर लगाने के लिए भेज देगी.

स्टेट सेक्रेटरी सत्यनारायण सिंह तथा सीपीआई राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राम नरेश पांडेय ने बतौर पर्ववेक्षक बेगूसराय जिला परिषद की बैठक में शिरकत की थी. सत्यनाराण सिंह का कहना है कि किसी सूरत में बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई लड़ेगी. कन्हैया कुमार ही उम्मीदवार होंगे. वैसे कुछ दिन पहले बयान जारी कर जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे.

कन्हैया कुमार को बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बनाए जाने और वामदलों को महागठबंधन में उचित स्थान देने के सवाल पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी तथा सीपीआई नेता डी राजा भी क्रमशः जनवरी 12 और 19 को रांची जेल में लालू यादव से मुलाकात कर चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि डी राजा ने आरजेडी सुप्रीमो से रिक्वेस्ट की कि बेगूसराय को जोड़कर कम से कम तीन सीट सीपीआई के लिए छोड़ दें. उसी तरह सीताराम येचुरी ने बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर आईसीयू में सांस ले रही अपनी पार्टी के लिए दो लोकसभा सीटों की मांग की है.

महागंठबधन से जुड़े एक नेता का कहना है, ‘हमारे कुनबे में चुनावी जंग में भागीदारी के लिए उसी पार्टी और नेता को तरजीह दी जाती है जिसके घर में या तो ‘लक्ष्मी’ का वास हो या फिर पॉकेट में वोट का जखीरा हो. जगजाहिर है कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में बिहार में वाम दलों के पास इन दोनों संसाधनों में से कोई पर्याप्त मात्रा में मौजूद नहीं है.

हां, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन यानी माले के पीछे अच्छा खासा जन समर्थन है. इसीलिए हमारे नेता लालू यादव के दिल में इनके प्रति स्नेह का भाव है. हो सकता है कि आरा की लोकसभा सीट माले के खाते में चली जाए. 1989 चुनाव में माले के रामेश्वर प्रसाद ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. माले का अपना मजबूत आधार वोट है.’

चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव प्रत्येक शनिवार को तीन लोगों से मुलाकात करते हैं. 16 फरवरी को आरजेडी चीफ अपने छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मिले. काफी देर तक बातचीत हुई. लेकिन अर्जी लगने के बाद भी वामदलों के नेताओं से मिलने से मना कर दिया.

tejaswi yadav

कयास लग रहा है कि आरजेडी सुप्रीमो ने तेजस्वी यादव को आरजेडी कोटे से किस सीट पर कौन व्यक्ति चुनाव लड़ेगा इसकी सूची दे दी है. यह भी चर्चा में है कि जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने उत्तराधिकारी पुत्र को यह भी बता दिया है कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी, बीएसपी और हम सेकुलर पार्टियों को कौन सीटें दी जाएंगी.

बहरहाल, महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों की बटवारे की घोषणा इस महीने के अंतिम सप्ताह में की जानी की पूरी संभावना है. वैसे आरजेडी के एक नेता ने बताया कि एनडीए की सूची आने तक हमलोगों द्वारा इंतजार किया जा सकता है. जो भी हो, लेकिन एक बात तो लगभग क्लियर हो गई है कि वामदलों के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है.

ऐसी परिस्थति में बिहार की भूमि पर राजनीतिक रूप से सक्रिय तीनों वाम दल क्रमशः सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन अगले महाभारत में एकला तलवार भाजेंगे. कुछ सीटों पर आपसी तालमेल कर सकते हैं. वैसे जानकारी के लिए पड़ोसी राज्य झारखंड में भी महागठबंधन ने वामदलों को लोकसभा की कुल 14 सीटों में से एक सीट भी नहीं दी है, जिसे लेकर वामदलों में नाराजगी है.

वामदल की नाराजगी को दूर करने के लिए झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ने 16 फरवरी को कहा, ‘विधानसभा चुनाव में हमलोग लेफ्ट पार्टियों को उचित जगह और सम्मान देंगे.’

अखिलेश के सचिव को आयोजन में शामिल न होने की बात बता दी गयी थी: विश्वविद्यालय कुलसचिव

अखिलेश यादव का इलाहाबाद जाने का निर्णय पूर्णतया राजनीति से प्रेरित जान पड़ता है। अखिलेश के सचिव गंगा राम को लिखे गए पत्र के अनुसार विषविद्यालय अपने पूर्व के कटु अनुभवों के आधार पर यह निर्णय ले रहा है। इसके उपरांत भी अखिलेश उस कार्यक्र्म में जाने की जिद करते हैं और साथ ही साथ माया, ममता और नायडू के बयान का समय भी इसको प्रायोजित ही लगता है।

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को उन्हें इलाहाबाद जाने से रोकने को लेकर केंद्र तथा प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मिली-भगत के कारण ही लखनऊ हवाईअड्डे पर पुलिस और खुफिया विभाग के अफसरों ने उन्हें विमान पर चढ़ने से रोक दिया.

अखिलेश ने इस घटना के बाद आरोप लगाया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सपा समर्थित प्रत्याशी के हाथों अपने उम्मीदवार की हार से तिलमिलायी प्रदेश की बीजेपी सरकार ने मुझे छात्रसंघ कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया. प्रदेश सरकार मुझे हवाई अड्डे पर नहीं रोक सकती थी, यह काम केंद्र सरकार का है. मुझे लगता है कि दिल्ली (केंद्र) की सरकार भी इसमें मिली हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि रात में स्थानीय अभिसूचना इकाई और पुलिस के कुछ अफसरों ने उनके घर की रेकी (टोह) की. मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे तीन अधिकारी उनके घर के पास बैठा दिये गये.

वहीं, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने इस मामले पर कहा कि अखिलेश यादव के निजी सचिव को सोमवार को ही पत्र लिखकर सूचना दे दी गई थी. सामने आए पत्र के अनुसार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने वार्षिक समारोह आदि कार्यक्रमों में नेताओं को आमंत्रित नहीं करने की बात कही है.

अखिलेश ने कहा कि स्थानीय पुलिस हवाई अड्डा परिसर में नहीं जा सकती क्योंकि उसकी सुरक्षा और प्रबंध किसी दूसरे बल के पास है. इसके बावजूद अफसर वहां पहुंचे और मुझे हवाई जहाज में चढ़ने से रोक दिया. मुझे रोकने वाले अफसर के पास कोई लिखित आदेश भी नहीं था. सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि मैं अराजकता और हिंसा फैलाने जा रहा था. मैं सन्यासी योगी से पूछना चाहता हूं कि अगर मेरे राजनीतिक जीवन में मेरे ऊपर एक भी धारा लगी हो तो बताएं.’ 

मीर रिजवान बने राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव, पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल

सहरसा :- राष्ट्रीय जनता दल के नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह समस्तीपुर विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने राजनपुर निवासी मीर रिजवान को उनके कार्य, कुशलता, कर्मठता, संघर्षशीलता और ईमानदारी को देखते हुए बिहार प्रदेश महासचिव (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ)के पद पर मनोनीत किया है। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मीर रिजवान के प्रदेश कमिटी मे आने से राष्ट्रीय जनता दल और मजबूत होगा। नव मनोनीत प्रदेश महासचिव मीर रिजवान ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता प्रति सह पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इस्लाम शाहीन को पार्टी के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेवारी देने पर उनका आभार प्रकट करते हुए कहा कि पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूती और राजद के विचारधारा को विस्तार करने के साथ साथ समाज के अंतिम व्यक्ति के हक और हकुक की कराई लरना मेरी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने इस नई जिम्मेवारी के लिए अभिभावक तुल्य पूर्व मंत्री सह महिषी विधायक डॉ० प्रो० अब्दुल गफूर, पूर्व मंत्री सह प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, सहरसा विधायक अरुण कुमार यादव को धन्यवाद देते हुए आभार जताया। इधर मीर रिजवान के मनोनयन पर पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। मौके पर राजद जिलाध्यक्ष मो० जफर आलम, युवा राजद जिलाध्यक्ष गोविंद दास ताँती, छत्री यादव, भारत यादव, अजय सिंह, शिवशंकर विक्रांत, सुमन सिंह, मुकेश यादव, बजरंग गुप्ता, ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानु, दिलीप यादव, जग्गा यादव, जाकिर अली, मोज्ज्मिल आलम, दीपक राज सहित अन्य दर्जनों लोगों ने खुशी व्यक्त किया।

राहुल की रैली में नहीं मिला सम्मान, कांग्रेस के नाराज विधायक बना रहे नई रणनीत‍ि

ब‍िहार में नाराज विधायकों ने सदानंद सिंह के आवास पर बैठक की.  अब व‍िधायक आगे की योजना पर सोच विचार कर रहे हैं.

पटना: राहुल गांधी यूपी में रोड शो के जरिये जनाधार पाने की भले कोशि‍श कर रहे हों, लेकिन बि‍हार में उनकी पार्टी के नेता उनसे ही खुश नहीं हैं. पटना में हुई उनकी रैली ने कांग्रेस के कई विधायकों को नाराज कर दिया है. राहुल गांधी की रैली में सम्मान नहीं मिल पाने से कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं और भविष्य की रणनीति को लेकर फैसला करने में जुट गये हैं.

कांग्रेस 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में हुई जनआकांक्षा रैली को सफल बता रही है. राहुल भले ही बिहार की रैली में लोगों का दिल जीत लेने का दंभ भर रहे हों, लेकिन हकीकत ये है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस रैली के कारण अपने विधायकों का विश्वास खो दिया है. आलम ये है कि रैली की व्यवस्था से नाराज पार्टी के तीन सीनियर विधायकों ने सोमवार को गुप्त बैठक की और आगे की रणनीति तय की. कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता  सदानंद सिंह के आवास पर विधायकों की बैठक हुई. बैठक में विधायक अवधेश सिंह, विधायक अजित शर्मा भी मौजूद थे.

बैठक को लेकर सदानंद सिंह ने कहा कि पास देने में गडबडी हुई है. यहां तक की प्रोटोकॉल का भी ख्याल नहीं रखा गया. प्रोटोकॉल के मुताबिक कांग्रेस विधायकों को राहुल गांधी के आते और जाते उनसे मिलवाया जाना चाहिए था. लेकिन ये व्यवस्था नहीं हो पाई. संगठन स्तर कहीं न कहीं चूक हुई है. बैठक में शामिल पार्टी के सीनियर लीडर विधायक अवधेश सिंह ने कहा कि रैली सफल रही. लोग बड़ी तादाद में राहुल गांधी को सुनने गांधी मैदान पहुंचे थे. लेकिन जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह नहीं हो सकी.

विधायक भी राहुल गांधी से नहीं मिल सके. व्यवस्था में कहीं न कहीं कमी रही. वहीं विधायक अजित शर्मा ने कहा कि रैली में ऐसे लोगो को पास और मंच दिया गया, जिसके पास 1 वोट नही था. एमएलए एमएलसी राहुल गांधी से मिल तक नहीं सके. सारे विधायक रैली को सफल बनाने में जुटे थे, यही वजह रही कि उस वक्त इन मुद्दों को तरजीह नहीं दी गई,  लेकिन मामला बेहद गंभीर है कि आखिर पार्टी के विधायक और एमएलसी को क्यों नजरअंदाज किया गया.

राजीव कुमार से पूछताछ जारी अब कुनाल घोष की बारी

केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष से भी रविवार को शिलॉन्ग में पूछताछ करेगी

शारदा चिटफंड घोटाले मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ की. उनसे यह पूछताछ पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में की गई. हजारों करोड़ रुपए के शारदा चिटफंड स्कैम में सबूतों को नष्ट करने में भूमिका को लेकर राजीव कुमार सीबीआई के निशाने पर हैं.

इसके अलावा अब सीबीआई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व सांसद कुणाल घोष से भी पूछताछ करने वाली है. सीबीआई उनसे रविवार को शिलॉन्ग में ही सवाल-जवाब करेगी.
मेघालय में सीबीआई के जरिए तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष से पूछताछ की जाएगी. यह पूछताछ शिलॉन्ग के सीबीआई ऑफिस में 10 फरवरी को की जाएगी. इसके अलावा राजीव कुमार से एक बार फिर शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई के जरिए 10 फरवरी को पूछताछ की जाएगी. यह पूछताछ भी शिलॉन्ग में ही होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर ‘शारदा चिटफंड घोटाले’ से जुड़े मामलों की जांच में सीबीआई के साथ ‘विश्वसनीय रूप से’ सहयोग करें. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.

राजीव कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीबी हैं

रिपोर्ट्स में बताया गया था कि कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्टेट क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट के साथ मिलकर 80-100 सवालों की एक लिस्ट तैयार की थी. जो सीबीआई के अधिकारी राजीव कुमार से पूछे जाने हैं.

ममता के साथ धरने पर बैठे अधिकारियों के खिलाफ होगी प्रशासनिक कार्यवाही


इसके अलावा चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मेडल उतारने के बारे में भी चर्चा की जा रही है.

4 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जरिए धरना बुलाया गया. जिसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार भी मौजूद थे. राजीव कुमार की मौजूदगी पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने कार्रवाई का आदेश दिया. वहीं कोलकाता में विरोध प्रदर्शन स्थल पर पांच अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी भी शामिल थे.

गृह मंत्रालय के जरिए पश्चिम बंगाल सरकार से राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने को कहा था. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को संबोधित एक पत्र में कहा गया था कि कुमार ने ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) नियम, 1968 /AIS (अनुशासन और अपील) नियम 1969 का उल्लंघन किया था.

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मौजूदा अधिकारियों के जरिए धरने पर खास ध्यान देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से अधिकारियों से एक्शन लेने के लिए कहा है. केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया सर्विस रूल के तहत धरना देने के लिए राज्य सरकार से कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर सभी पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की ठानी है.

चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मेडल उतारने के बारे में भी चर्चा की जा रही है. केंद्र सरकार सूची में शामिल अफसरों के नाम भी हटा सकती है और उन्हें केंद्र सरकार में सेवा देने से एक निश्चित अवधि के लिए रोक सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का दौरा करेंगे

एक हफ्ते में राज्य में मोदी की तीसरी रैली होगी. हालांकि उनकी रैली स्थल के लिए मंजूरी को लेकर भी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं

नई दिल्ली/चुराभंडार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का दौरा करेंगे जहां वह राष्ट्रीय राजमार्ग-31 डी के फलाकाता-सलसलाबाड़ी खंड को चार लेन किये जाने की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग का यह 41.7 किलोमीटर लंबा खंड पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में आता है और इसे करीब 1938 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. बयान में कहा गया कि मोदी जलपाईगुड़ी में हाई कोर्ट की नयी सर्किट बेंच का भी उद्घाटन करेंगे.

वहीं जलपाईगुड़ी के चुराभंडार से आई खबर के मुताबिक मोदी शुक्रवार को यहां एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे. यह एक हफ्ते में राज्य में मोदी की तीसरी रैली होगी. हालांकि उनकी रैली स्थल के लिए मंजूरी को लेकर भी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.

यह ममता बनर्जी के सारदा चिट फंड घोटाले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से सीबीआई की “राजनीति से प्रेरित” पूछताछ के विरोध में धरना खत्म करने के तीन दिन बाद हो रही है. यहां भाजपा सूत्रों के मुताबिक मोदी जिले में इस मंच का इस्तेमाल बनर्जी के आरोपों का “माकूल” जवाब देने के लिये कर सकते हैं और चुनावों से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भी भरेंगे.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देने के अलावा हमें उम्मीद है कि मोदी जी तृणमूल कांग्रेस के असंवैधानिक धरने का भी समुचित जवाब देंगे.” भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनावों में राज्य की 42 सीटों में से सिर्फ दो सीटें जीती थीं, लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इस बार यहां से 23 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. भाजपा के दूसरे नेताओं के मामलों की तरह ही पार्टी को जलपाईगुड़ी में प्रधानमंत्री की सभा के लिये स्थल तलाशने में दिक्कत हुई.

जलपाईगुड़ी के सरकारी कॉलेज और उससे सटे स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के मैदान के लिए मंजूरी नहीं मिलने के बाद पार्टी को जलपाईगुड़ी शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर खेती की जमीन को किराये पर लेकर सभा के आयोजन के लिये बाध्य होना पड़ा. भाजपा की राज्य इकाई के महासचिव राजू बनर्जी ने आरोप लगाया कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता बस संचालकों को चेतावनी दे रहे हैं कि भगवा पार्टी के समर्थकों को अपनी गाड़ियों में रैली स्थल पर न ले जाए. तृणमूल कांग्रेस के विधायक सौरव चक्रबर्ती ने हालांकि इन आरोपों को “निराधार” करार दिया.