पटनाः रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी में टूट हो गई है. पार्टी के बागी नेताओं ने मिलकर एलजेपी से अलग पार्टी एलजेपी सेक्युलर का गठन किया है. इस नई पार्टी में एलजेपी के पूर्व सांसद समेत राष्ट्रीय महासचिव तक शामिल हैं. इसमें सबसे मुख्य राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा शामिल है, जिन्होंने अलग मोर्चे का ऐलान किया है.
एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान को बड़ा झटका लगा है. एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा ने एलजेपी सेक्युलर पार्टी के गठन का ऐलान किया है. सत्यानंद शर्मा समेत एलजेप के 116 पदाधिकरारियों ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है. इन लोगों ने मिलकर अलग मोर्चे का ऐलान किया है.
सत्यानंद शर्मा ने अलग पार्टी का गठन करते हुए रामविलास पासवान पर गंभीर आरोप लगाए है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एलजेपी में परिवारवाद और भ्रष्टाचार दोनों हावी हो गई है. उन्होंने पार्टी पर पैसा लेकर टिकट बांटने का भी आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि एलजेपी में ऐसे लोगों को टिकट दिया जा रहा है जो पार्टी में शामिल हुए एक दिन हुआ और उन्हें टिकट दे दिया गया. साथ ही केवल अपने परिवार के लोगों को पार्टी प्रमुख टिकट दे रही है.
शर्मा ने आरोप लगाया कि पार्टी संगठन से जुड़े लोगों से लगातार अनदेखी कर रही है. यह केवल परिवार को ही अहमियत दे रही है.
आपको बता दें, कि एलजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 में छह सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और सभी सीटों पर जीत हासिल की. इसमें रामविलास पासवान के परिवार के लोग ही चुनाव लड़ रहे थे. रामविलास पासवान ने अपने परंपरागत सीट हाजीपुर से भी अपने भाई को टिकट दिया था. जबकि जमुई सीट पर बेटे चिराग पासवान को टिकट दिया गया.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/2019_6largeimg13_Jun_2019_133656304.jpg400650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-13 16:22:142019-06-13 16:23:02पासवान चुनाव जीते पर पार्टी हारे
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा दशहरा का पर्व 12 जून 2019 यानी बुधवार के दिन मनाया जाएगा। गंगा दशहरा के दिन ही ईक्षवाकू वंश के राजा भागीरथ के प्रयास से मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थी। मां गंगा की इस दिन विधिवत पूजा का विधान है। ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि के दिन यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन दान और स्नान को अधिक महत्व दिया जाता है। अगर आप भी गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करना चाहते हैं और आपको गंगा की पृथ्वी पर उत्पत्ति, गंगा जल के फायदे और गंगा दशहरा पर स्नान के महत्व के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं गंगा जल के फायदे और गंगा दशहरा पर स्नान के महत्व के बारे में…
गंगा का भूलोक पर उतरना
राजा दशरथ के पूर्वजों में राजा सगर हुए थे। सगर के पिता का नाम असित था। वे अत्यंत पराक्रमी थे। हैहय, तालजंघ, शूर और शशबिन्दु नामक राजा उनके शत्रु थे। उनसे युद्ध करते-करते राज्य त्यागकर उन्हें अपनी दो पत्नियों के साथ हिमालय भाग जाना पड़ा। वहां कुछ काल बाद उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी दोनों पत्नियां गर्भवती थीं। उनमें से एक का नाम कालिंदी था। कालिंदी की संतान नष्ट करने के लिए उसकी सौत ने उसको विष दे दिया। कालिंदी अपनी संतान की रक्षा के निमित्त भृगुवंशी महर्षि च्यवन के पास गयी। महर्षि ने उसे आश्वासन दिया कि उसकी कोख से एक प्रतापी बालक विष के साथ (स+गर) जन्म लेगा। अत: उसके पुत्र का नाम सगर पड़ा।
सगर अयोध्या नगरी के राजा हुए। वे संतान प्राप्त करने के इच्छुक थे। उनकी सबसे बड़ी रानी विदर्भ नरेश की पुत्री केशिनी थी। दूसरी रानी का नाम सुमति था। दोनों रानियों के साथ राजा सगर ने हिमवान के प्रस्त्रवण गिरि पर तप किया। प्रसन्न होकर भृगु मुनि ने उन्हें वरदान दिया कि एक रानी को वंश चलाने वाले एक पुत्र की प्राप्ति होगी और दूसरी के साठ हज़ार वीर उत्साही पुत्र होंगे। बड़ी रानी के एक पुत्र और छोटी ने साठ हज़ार पुत्रों की कामना की। केशिनी का असमंजस नामक एक पुत्र हुआ और सुमति के गर्भ से एक तूंबा निकला जिसके फटने पर साठ हज़ार पुत्रों का जन्म हुआ। असमंजस बहुत दुष्ट प्रकृति का था। अयोध्या के बच्चों को सताकर प्रसन्न होता था। सगर ने उसे अपने देश से निकाल दिया। कालांतर में उसका पुत्र हुआ, जिसका नाम अंशुमान था। वह वीर, मधुरभाषी और पराक्रमी था।
राजा सगर ने विंध्य और हिमालय के मध्य यज्ञ किया। सगर के पौत्र अंशुमान यज्ञ के घोड़े की रक्षा कर रहे थे। जब अश्ववध का समय आया तो इन्द्र राक्षस का रूप धारण कर घोड़ा चुरा ले गये। सगर ने अपने साठ हज़ार पुत्रों को आज्ञा दी कि वे पृथ्वी खोद-खोदकर घोड़े को ढूंढ़ लायें। जब तक वे नहीं लौटेंगे, सगर और अंशुमान दीक्षा लिये यज्ञशाला में ही रहेंगे। सगर-पुत्रों ने पृथ्वी को बुरी तरह खोद डाला तथा जंतुओं का भी नाश किया। देवतागण ब्रह्मा के पास पहुंचे और बताया कि पृथ्वी और जीव-जंतु कैसे चिल्ला रहे हैं। ब्रह्मा ने कहा कि पृथ्वी विष्णु भगवान की स्त्री हैं वे ही कपिल मुनि का रूप धारण कर पृथ्वी की रक्षा करेंगे। सगर-पुत्र निराश होकर पिता के पास पहुंचे। पिता ने रुष्ट होकर उन्हें फिर से अश्व खोजने के लिए भेजा। हज़ार योजन खोदकर उन्होंने पृथ्वी धारण करने वाले विरूपाक्ष नामक दिग्गज को देखा। उसका सम्मान कर फिर वे आगे बढ़े। दक्षिण में महापद्म, उत्तर में श्वेतवर्ण भद्र दिग्गज तथा पश्चिम में सोमनस नामक दिग्गज को देखा। तदुपरांत उन्होंने कपिल मुनि को देखा तथा थोड़ी दूरी पर अश्व को चरते हुए पाया। उन्होंने कपिल मुनि का निरादर किया, फलस्वरूप मुनि के शाप से वे सब भस्म हो गये। बहुत दिनों तक पुत्रों को लौटता न देख राजा सगर ने अंशुमान को अश्व ढूंढ़ने के लिए भेजा। वे ढूंढ़ने-ढूंढ़ते अश्व के पास पहुंचे जहां सब चाचाओं की भस्म का स्तूप पड़ा था। जलदान के लिए आसपास कोई जलाशय भी नहीं मिला। तभी पक्षीराज गरुड़ उड़ते हुए वहां पहुंचे और कहा कि ‘ये सब कपिल मुनि के शाप से हुआ है, अत: साधारण जलदान से कुछ न होगा। गंगा का तर्पण करना होगा। इस समय तुम अश्व लेकर जाओ और पिता का यज्ञ पूर्ण करो।’ उन्होंने ऐसा ही किया।
सगर के बाद उनके पौत्र अंशुमान राजा हुए थे। अंशुमान अपने पुत्र दिलीप को राज्य-भार सौंप कर गंगा को पृथ्वी पर लाने की चिंता में ग्रस्त थे। उन्होंने घोर तपस्या करते हुए शरीर त्याग किया। राजा दिलीप गंगा को पृथ्वी पर लाने का कोई मार्ग नहीं सोच पाये और बीमार होकर स्वर्ग सिधार गये।
भगीरथ पुत्रहीन थे। उन्होंने राज्यभार अपने मन्त्रियों को सौंपा और स्वयं गोकर्ण तीर्थ में जाकर घोर तपस्या करने लगे। ब्रह्मा के प्रसन्न होने पर उन्होंने दो वर माँगे—एक तो यह कि गंगा जल चढ़ाकर भस्मीभूत पितरों को स्वर्ग प्राप्त करवा पायें और दूसरा यह कि उनको कुल की सुरक्षा करने वाला पुत्र प्राप्त हो। ब्रह्मा ने उन्हें दोनों वर दिये, साथ ही यह भी कहा कि गंगा का वेग इतना अधिक है कि पृथ्वी उसे संभाल नहीं सकती। शंकर भगवान की सहायता लेनी होगी। ब्रह्मा के देवताओं सहित चले जाने के उपरान्त भगीरथ ने पैर के अंगूठों पर खड़े होकर एक वर्ष तक तपस्या की। शंकर ने प्रसन्न होकर गंगा को अपने मस्तक पर धारण किया। गंगा को अपने वेग पर अभिमान था। उन्होंने सोचा था कि उनके वेग से शिव पाताल में पहुँच जायेंगे। शिव ने यह जानकर उन्हें अपनी जटाओं में ऐसे समा लिया कि उन्हें वर्षों तक शिव-जटाओं से निकलने का मार्ग नहीं मिला।
भगीरथ ने फिर से तपस्या की। शिव ने प्रसन्न होकर उसे बिंदुसर की ओर छोड़ा। वे सात धाराओं के रूप में प्रवाहित हुईं। ह्लादिनी, पावनी और नलिनी पूर्व दिशा की ओर; सुचक्षु, सीता और महानदी सिंधु पश्चिम की ओर बढ़ी। सातवीं धारा राजा भगीरथ की अनुगामिनी हुई। राजा भगीरथ गंगा में स्नान करके पवित्र हुए और अपने दिव्य रथ पर चढ़कर चल दिये। गंगा उनके पीछे-पीछे चलीं। मार्ग में अभिमानिनी गंगा के जल से जह्नुमुनि की यज्ञशाला बह गयी। क्रुद्ध होकर मुनि ने सम्पूर्ण गंगा जल पी लिया। इस पर चिंतित समस्त देवताओं ने जह्नुमुनि का पूजन किया तथा गंगा को उनकी पुत्री कहकर क्षमा-याचना की। जह्नु ने कानों के मार्ग से गंगा को बाहर निकाला। तभी से गंगा जह्नुसुता जान्हवी भी कहलाने लगीं। भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर गंगा समुद्र तक पहुँच गयीं। भगीरथ उन्हें रसातल ले गये तथा पितरों की भस्म को गंगा से सिंचित कर उन्हें पाप-मुक्त कर दिया। ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर कहा—“हे भगीरथ, जब तक समुद्र रहेगा, तुम्हारे पितर देववत माने जायेंगे तथा गंगा तुम्हारी पुत्री कहलाकर भागीरथी नाम से विख्यात होगी। साथ ही वह तीन धाराओं में प्रवाहित होगी, इसलिए त्रिपथगा कहलायेगी।’’
गंगा जल के फायदे
1.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा जल के स्पर्श मात्र से ही किसी भी चीज का शुद्धिकरण हो जाता है। 2.गंगा जल कई प्रकार की औषोधियों में भी प्रयोग होता है। 3.शास्त्रों के अनुसार अगर किसी मरते हुए व्यक्ति के गंगा की बूंदे डालने से उसके सभी पाप धूल जाते हैं। 4. गंगा जल का विशेष गुण है। उसका कभी न खराब होना । गंगा जल सालों तक खराब नहीं होता 5.शास्त्रों के अनुसार पूजा में गंगा जल का विशेष प्रयोग किया जाता है।
गंगा दशहरा पर स्नान महत्व
गंगा दशहरा पर स्नान को विशेष महत्व दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पवित्र गंगा जी में डुबकी लगाने से मनुष्य अपने जीवन के सभी पाप और कष्ट से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा गंगा दशहरा अगर आपको कोई ऐसा रोग है जो ठीक न हो और वह गंगा दशहरा के दिन कोई रोगी गंगा नदी में स्नान कर लेता है तो उसे उस रोग से मुक्ति मिल जाती है।
गंगा दशहरा पर किया गया स्नान मनुष्य के जन्म – जन्मांतर के पाप को धो देता है। माना जाता है अगर आप गंगा दशहरा के दिन किसी तीर्थ पर जाते हैं तो आपको इस दिन भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होगी।शास्त्रों में एक और चीज वर्णित है कि अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते तो अपने नहाने के पानी में इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।
इस दिन किया गया स्नान मनुष्य के जन्मों के पाप को धो देता है। इस दिन अगर आप किसी तीर्थ पर भी जाते हैं तो आपको इसका लाभ अवश्य मिलेगा और अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते तो अपने नहाने के पानी में इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/ganga2.jpg506749Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-12 11:59:212019-06-12 11:59:23गंगा दशहरा 2019
एक पुरानी कहावत है की शादीशुदा लोगों की हर तकलीफ का इलाज कुंवारों के पास है। ठीक उसी तरह राजनैतिक शुचिता, गठबंधन धर्म, राजनैतिक सत्यनिष्ठा इत्यादि सभी के उपाय आम आदमी पार्टी के पास हैं। लोक सभा में बड़े बड़े दावे करने के बावजूद बुरी तरह हारने के बाद अब उनका दावा है कि वह विधान सभा में भाजपा काँग्रेस को हरा देंगे.
पटना: आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग जोर न पकड़ सके इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में ‘सम्मानजनक’ प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया.
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए करते हुए आम आदमी पार्टी के बिहार प्रभारी संजय सिंह ने आरोप लगाया कि ऐसा हो सकता है राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग गति प्राप्त करने से रोकने के लिए जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया.
‘आप’ के राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा ‘‘मेरी पार्टी का नीतीश कुमार के साथ वैचारिक मतभेद है, फिर भी जदयू को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए था.’’
उन्होंने आरोप लगाया, “हम मानते हैं कि भाजपा राष्ट्रवाद के बारे में बोलती है लेकिन गुजरातवाद का अभ्यास करती है. प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) उस राज्य से हैं और इसलिए अंबानी और अडानी उनके पसंदीदा उद्योगपति हैं.’’
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली ‘आप’ अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सत्ता में लौटेगी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/sanjay-singh1-1493390344-1518801458.jpg390660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-12 10:39:012019-06-12 12:54:24बिहार को एनडीए ने नहीं दिया उसका हक़ : संजय सिंह
धारा 370 भारतीय संवधान पर एक ऐसा दाग है जिसे सीधे सीधे राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश से लागू किया गया। आज यही भारतीय अखंडता पर कुठाराघात करता है और हम चुप छाप टुकड़े टुकड़े गैंग को देखते सुनते पालते पोसते हैं। और समग्र सच जान कर भी चुनिन्दा भारतीय राजनेता राष्ट्र की कीमत पर इसे ज़िंदा रहना चाहते हैं। NDA गठबंधन में भी कुछ ऐसे नेता हैं। भाजपा धारा 370 को हटाने की कोशिश करती है, तो जेडीयू गठबंधन में रहकर अपना विरोध दर्ज करायेगी.dh
पटनाः जेडीयू धारा 370, राम मंदिर और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर पुराने रुख पर कायम है. लेकिन भाजपा धारा 370 को हटाने की कोशिश करती है, तो पार्टी गठबंधन खत्म नहीं करेगी, बल्कि साथ में रहकर अपना विरोध दर्ज करायेगी. यह कहना है पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी का है. जो जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि धारा 370 पर करार तभी हुआ था, जब राजा हरि सिंह ने भारत सरकार के साथ पैक्ट किया था, इसको नरम करने की कोशिश भाजपा से ज्यादा कांग्रेस की ओर से की गयी है. हम इसके लिए कांग्रेस को ज्यादा कसूरवार मानते हैं, जब कांग्रेस की ओर से इसकी कोशिश की गयी थी, तो लोक नायक जय प्रकाश नारायण ने इसका विरोध किया था. हम उनके वंशज हैं और समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे ही राम मंदिर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कोर्ट के फैसले की बात कही है, ऐसे में गुंजाइश कहां बचती है. जेडीयू महासचिव ने राम मंदिर मुद्दे को लटकाने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया और कहा कि जब प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नेतृत्व में सरकार चल रही थी, तो पूरा मसौदा तैयार हो गया था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पास चंद्रशेखर जी ने पूरे मसौदे को भेजा था, तो उसे लागू करने के लिए तीन-चार दिन रुक जाने की बात राजीव गांधी ने कही थी, लेकिन उसके बाद दो-तीन में चंद्रशेखर की सरकार ही गिर गयी.
केसी त्यागी ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि हम अपने रुख पर कायम हैं. उससे किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए के बीच सब कुछ ठीक नहीं होने का प्रचार किया जा रहा है, इसके पीछे कथित महागठबंधन के नेता है, लेकिन हम पूरी तरह के कहना चाहते हैं कि जेडीयू एनडीए के साथ है और 2020 में बिहार में होनेवाले विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृ्त्व में चुनाव लड़ेगा. इसमें किसी तरह का कंफ्यूजन नहीं है. इसके साथ ही ये भी तय है कि पार्टी अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी, क्योंकि हमारा दल संख्या के आधार पर ही भागीदारी चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इसलिए पार्टी ने सरकार से बाहर रहने का फैसला लिया है.
जेडीयू महासचिव ने कहा कि हम सरकार में शामिल हुये बिना पहले भी एनडीए में रहे हैं. 2017 में जब जेडीयू महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में आयी थी, तो उसके केंद्र में कोई पद नहीं लिया था, जबकि इसके इतर बिहार में संख्या के आधार पर जेडीयू ने सहयोगियों को सरकार में भागीदार बनाया था. लोजपा का कोई विधायक नहीं था, इसलिए उनके प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को एमएलसी बना कर मंत्री बनाया गया था. जेडीयू इसी तरह से गठबंधन धर्म का पालन करती है. जेडीयू महासचिव ने कहा कि नागालैंड में भले ही हमारा एक विधायक है, लेकिन उसके सहयोग से वहां पर भाजपा की सरकार चल रही है. जेडीयू से समर्थन के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन किया था, तब हमारे दल ने समर्थन देने के फैसला लिया था, जो अब भी जारी है.
जेडीयू महासचिव ने कहा कि पार्टी 2020 तक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता चाहती है, इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए हमारा दल आनेवाले चार राज्यों दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी. अगर चुनाव के समय किसी दल से ऑफर मिलता है, तो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष गठबंधन का फैसला लेंगे, लेकिन पार्टी पूरी मजबूती के साथ इन राज्यों में चुनाव लड़ेगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के संबंधित राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से राय ली गयी है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/sardar_patel_and_hari_singh-1.jpeg433770Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-09 17:03:512019-06-09 17:03:55धारा 370 पर गठबंधन में रह कर विरोध करेंगे : जेडीयू
भाजपा ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को एक और झटका दिया है। लोगों का मानना है कि भाजपा एक प्र्भवी विकल्प कि तरह उभर रही है। 32 सदस्यीय दार्जीलिंग नगर निगम में भाजपा अब बहुमत में है। निगम की दो सीटें खाली हैं. तृणमूल यहां पहली बार सत्ता में आई थी.
नई दिल्ली: बीजेपी पश्चिम बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को हर कदम पर नुकसान पहुंचाती दिख रही है. लोकसभा में तृणमूल से 16 सीटें छीनने के बाद अब बीजेपी नगर पालिका और नगर निगम पर अपनी निगाहें जमा दी हैं. शनिवार को दार्जिलिंग नगर निगम में तृणमूल के 17 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. इसके साथ ही इस नगर निगम में बीजेपी का कब्जा हो गया है. इससे पहले भाटपारा में नगर पालिका में भी बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
दार्जीलिंग नगर निगम के 17 पार्षद शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए जिससे स्थानीय निकाय में भाजपा को बहुमत मिल गया है. बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने पार्षदों को औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल कराने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जनप्रतिनिधियों और उनके समर्थकों का उत्पीड़न करने के लिए पुलिस के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में लोकतंत्र बचाने की हमारी लड़ाई जारी है. लोकसभा चुनाव में जनादेश मुख्यमंत्री के खिलाफ था, लेकिन अब वह बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को परेशान करने के लिए पुलिस राज का इस्तेमाल कर रही हैं.’ रॉय ने कहा कि 32 सदस्यीय दार्जीलिंग नगर निगम में भाजपा अब बहुमत में है. निगम की दो सीटें खाली हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा आने वाले दिनों में यहां बड़ा प्रदर्शन करेगी. राज्य के पार्टी मामलों के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन पर अनेक संस्थाओं पर हमले का आरोप लगाया. दार्जीलिंग से सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि राज्य में खासकर उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को हुए नुकसान के लिए पुलिस क्षेत्र में बीजेपी के लोगों को परेशान कर रही है.
एक साल पहले हुए निकाय चुनावों में पहली बार ममता बनर्जी की पार्टी को हिल्स यानी दार्जिलिंग नगर निगम में कामयाबी मिली थी. इस क्षेत्र में बिमल गुरुंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का दबदबा रहता है. ये संगठन लंबे समय से अलग प्रदेश गोरखालैंड की मांग पर अड़ा है. बीजेपी इसी के सहयोग से दार्जिलिंग की लोकसभा सीट जीतती आ रही है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/e66ef52277458f8b1bf87ca494293bd4.jpg252448Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-08 17:15:122019-06-08 17:15:14दार्जिलिंग में ममता को मिला एक बड़ा झटका
जब ममता जय श्री राम बोलने वालों पर लाठीयां भांजवाती है, उन्हे गुंडागर्दी अथवा देशद्रोह जैसे मामलों में फंसवाने की बात करती है और तब भी जब जय श्रीराम बोलने वालों की खाल में भूसा भरवा देने की बात कहती है तब सब कुछ ठीक रहता है और तब भी जब हम सुनते हैं की जय श्री राम असंवैधानी है। बस विवाद तब उत्पन्न होता है जब साक्षी महाराज कहते हैं कि “जय श्रीराम कहने वालों को यातनाएं दी जा रही है. उन्हें जेल में भेजा जा रहा है. क्या ममता हरिण्याक्ष के परिवार से है?” तब यह बयान विवादास्पद हो जाता है।
हरिद्वार : हरिद्वार पहुंचे उन्नाव के बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बंगाल की जब बात आती है तो त्रेता युग याद आता है. एक राक्षसराज था हिरण्यकश्यप. उसके बेटे ने कह दिया था ”जय श्रीराम” तो बाप ने बेटे को जेल में बंद कर दिया था. बहुत सारी यातनाएं दी थीं और अब वही दोहराया जा रहा है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में तो ऐसा लगता है कि कहीं हिरण्यकश्यप के ही खानदान की तो नहीं हैं ममता बनर्जी.
साक्षी महाराज ने कहा कि जय श्रीराम कहने वालों को यातनाएं दी जा रही है. उन्हें जेल में भेजा जा रहा है. परिणाम यह हो गया कि यह स्थिति हो गई है कि जय श्रीराम कहने से वो खिसियाने लगी हैं. वह गालियां देने लगी हैं. सड़कों पर उतरने लगी हैं. उसके विरोध में न जाने क्या क्या योजना बनाने लगी है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में इस चुनाव में तमाम विरोधों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को 41 परसेंट वोट मिला है, 18 सीटें हम लेकर आए हैं तो मैं पूरे विश्वास के साथ मां गंगा के तट पर यह कह सकता हूं कि विधानसभा के चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/07/muslim-mamta.jpg11252000Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-02 18:06:312019-06-02 18:06:33साक्षी महाराज का प्रश्न विवादास्पद कैसे और ममता के कृत्य संवैधानिक कैसे???
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आज महागठबंधन की राबड़ी देवी के आवास पर समीक्षा बैठक हुई लेकिन बैठक से कांग्रेस नेताओं ने दूरी बना ली. राबड़ी आवास पर महागठबंधन के नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि का इंतजार करते रह गए लेकिन बैठक में न तो अध्यक्ष आए और न कोई दूसरा नेता. आखिरकार बिना कांग्रेस के हीं बैठक शुरू हुई बैठक में तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, शरद यादव, उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी मौजूद थे. जीतनराम मांझी भी इस बैठक से दूर रहे. उनके तरफ से उनके बेटे विधान पार्षद संतोष सुमन और प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैसंत्री शामिल हुए.
इस बैठक में आरजेडी के 80 विधायक में से 20 विधायक नदारद रहे. तेजप्रताप भी इस बैठक से दूर रहे. बैठक में सर्वसहमति से तेजस्वी यादव को नेता चुना गया और तय किया गया कि 2020 का विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
लोकसभा चुनाव में आरजेडी का सूपड़ा साफ होने के बाद अपनी हार की समीक्षा कर रही है. आज पार्टी द्वारा दो सत्रों में बैठक बुलाई गई. पहले सत्र में जहां महागठबंधन में शामिल दलों की बैठक हुई तो दूसरे सत्र में आरजेडी विधायक दल की बैठक हुई. इसमें शामिल विधायकों से राय ली गई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत अन्य विधायक पहुंचे लेकिन जिसकी उम्मीद थी तो वही हुआ. बैठक से तेज प्रताप यादव नदारद रहे. साथ ही 20 विधायक भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे.
राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इस बैठक में तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव के भी पहुंचने की उम्मीद थी. इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि लंबे अंतराल के बाद राबड़ी आवास पर तेज प्रताप पहुंचेंगे लेकिन एक बार फिर वे बैठक में नहीं पहुंचे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो टाल गए.
वहीं, बैठक में आरजेडी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आस्था जताई. समीक्षा बैठक में कहा गया कि तेजस्वी बिहार के भविष्य हैं. 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. आरजेडी के अंदर खाने से खबर यह भी है कि आने वाले दिनों में पार्टी में नीचे स्तर से लेकर ऊपर स्तर तक बड़े बदलाव किए जा सकते है लेकिन सवाल यह है कि 2019 में तेजस्वी के नेतृत्व में खता नहीं खोलने वाली आरजेडी 2020 में कितना सफल हो पाएगी, यह आने वाला वक्त बताएगा.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/26_11_2018-rjd_legislature_party_meet_18685151_045340.jpg540650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-30 03:08:362019-05-30 03:08:38तेज प्रताप और काँग्रेस ने महागठबंधन की बैठक से बनाई दूरी
राजनैतिक गलियारों में उठा पता तो चलती रहती है, लें सिद्ध दंपति जहां हों वहाँ सब कुछ ठीक हो ऐसा भी नहीं है। सिद्धू इमरान के कासीदे पढ़ कर ओर जन॰ बाजवा ए गले लग आर स्वयं को इंटरनेशनल खिलाड़ी मान बैठे और कैप्टन की सर-ए-आम बेइज्जती करते फिरते रहे। उनकी च्नावी सभाओं में पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे तक लगे जिनकी उन्होने कभी भर्त्स्ना नहीं की। फिर चुनावों में अप्रत्यक्ष रूप से कैप्टन का बाहिशार किया। पंजाब में गले की बीमारी का बहन बनाया ओर पटना में “खामोश” की रैली को अपनी आवाज़ दी। ओर तो ओर डॉ॰ सिद्धू ने भी कैप्टन पर आरोपों की बौछार की। वैसे सिद्धू अपने कार्याल ए पहले दिन ही से विवादों में हैं चाहे वह न्के दफ्तर की renovation का मामला हो या फिर च्नावोन में बड़बोले पन का।
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके मुखर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी गतिरोध का मुद्दा इस सप्ताह नई दिल्ली में राहुल गांधी के समक्ष उठाया जा सकता है. मुख्यमंत्री अमरिंदर लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी की आत्ममंथन बैठक के लिए फिलहाल दिल्ली में हैं और वह सोमवार शाम तक वापस लौट रहे हैं और वह गांधी से मिलने वापस दिल्ली जाएंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री इस सप्ताह के अंत तक राहुल गांधी से मिलने वाले हैं.”
मुख्यमंत्री और उनके स्थानीय निकाय मंत्री के बीच जुबानी जंग उस समय से शुरू है, जब अमरिंदर सिंह ने राज्य के शहरी इलाकों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि संसदीय चुनाव के दौरान उनके कदमों से न केवल उन्हें नुकसान हुआ है, बल्कि गांधी को भी.
दोनों के बीच ताजा विवाद की वजह अपवित्रीकरण के मुद्दे पर सिद्धू के विवादित बयान और उनकी पत्नी को चंडीगढ़ से टिकट न दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराना है. बठिंडा में अपवित्रीकरण के मामलों की जांच पर सिद्धू की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि मंत्री महोदय इस बात को स्पष्ट तौर पर नहीं समझ पाए कि एसआईटी का गठन विधानसभा ने किया है.
कांग्रेस बठिंडा सीट अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर से 21,772 मतों के मामूली अंतर से हार गई.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/732956-navjot-singh-sidhu1.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-26 18:40:002019-05-26 18:40:43कैप्टन सिद्धू द्वि के साथ आर पार के मूड में
कुशवाहा इत्यादि नेताओं की धमकियाँ असर लाने लगीं हैं उत्तर प्रदेश में यूपी के अमेठी में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात को जामो पुलिस थानाक्षेत्र के अंतर्गत बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह स्मृति ईरानी के करीबी थे. एक तरह से मानें तो यह तो शुरुआत है आने वाले समय में हत्याओं का सिलसिला ज़ोर पकड़ सकता है। भाजपा के स्थिर होते पाँव गाँव – गाँव में पैर पसारती भाजपा आज अमेठी जैसे कांग्रेस के गढ़ में समृति ईरानी की दिन दिहाड़े सेंधमारी से विपक्ष बुरी तरह बौखला गया है। सबको लगने लगा है कि याद गांधी परिवार पीढ़ियों पूरानी अमेठी हार सकता है तो बाकी लोगों कि पारंपरिक या पारिवारिक सीटों कि तो बिसात ही क्या है।
मुख्य मंत्र योगी इस अति दु:साहसिक हत्याकांड के पीछे कि सच्चाई जानना चाहते हैं, परिवार का मानना है कि यह हत्या राजनैतिक प्रतिशोध की वजह से हुई है जिसकी संभावना अधिक है। सुरिंदर सिंह के बेटे ने कांग्रेस पार्टी पर शक जताया है क्योंकि उसके पिता समृति ईरानी के साथ प्रदर्शन किया करते थे। मुख्य मंत्री योगी ने पीड़ित परिवार को शोक वयक्त करते हुए उन्हें दिलासा दिलाया कि उन्हें इंसाफ़ मिलेगा, पुलिस को कड़ी से कड़ी जाँच करने को कही है व 12 घण्टों के भीतर हत्यारों का पता लगाने का आदेश दिया है साथ ही IG को भी जांच करने के लिए लखनऊ भेज दिया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस हत्या को पारिवारिक विवाद दे कर घर के ही किसी को फाँसने की तैयारी में जुटी है।
नई दिल्ली : अमेठी में शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात बीजेपी कार्यकर्ता और सांसद स्मृति ईरानी के करीबी पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई है. बदमाशों ने सुरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या की है. अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी वहां के बरौलिया गांव जाकर सुरेंद्र सिंह के परिवार से से मिलीं. वह सुरेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा में भी शामिल हुईं. उन्होंने इस दौरान अर्थी को कंधा भी दिया.
अमेठी में स्मृति ईरानी के करीबी पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह के शव का पोस्टमार्टम लखनऊ मेडिकल कॉलेज में हुआ. 3 डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया है. इस दौरान पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई. पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर अमेठी रवाना हो गए. यूपी के अमेठी में शनिवार रात दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया गया है. यहां के जामो पुलिस थानाक्षेत्र के अंतर्गत बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
सुरेंद्र सिंह घर के बाहर सो रहे थे तभी अज्ञात बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद बदमाश फरार हो गए. घायल सुरेंद्र सिंह को लखनऊ के ट्रामा सेंटर इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह अमेठी ने नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी के करीबी थे.
अमेठी के पुलिस अधीक्षक के अनुसार सुरेंद्र सिंह को देर रात करीब 3 बजे गोली मारी गई है. मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ हो रही है. जांच जारी है. उनके अनुसार उनके अनुसार पुरानी या राजनीतिक रंजिश के चलते सुरेंद्र की हत्या होने की आशंका है.
सुरेंद्र सिंह के चचेरे भाई ने बताया कि हम लोग तो गांव में रहते थे. रात में मेरे लड़के के पास फोन गया कि प्रधान बाबू को किसी ने मार दी है. फिर हम लोग वहां से आए जब यहां आए तो दो चार लोग यहां मौके पर थे. एक ट्राली यहां पर बन रही थी और जब हम लोग आए तो उसके बाद इस चौराहे के लोग आए. हम लोग यहां पहुंचे तो यहां पर लोग इन को लेकर जा चुके थे फिर एक बोलेरो से पीछे पीछे कुछ लोग घर गए. गोली किसने मारी यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता लेकिन निश्चित रूप से यह चुनावी रंजिश के कारण गोली मारी गई है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/smriti_irani_in_amethi_photo_hindustan__1558866767.jpg360640Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-26 17:12:442019-05-26 17:16:45राजनैतिक हत्या को पारिवारिक कलेश बताने में जुटी यूपी पुलिस
09:29, 5/23/2019: सिरसा दुग्गल 13235 अशोक तंवर 12646 रोड़ी 1249 मलड़ी 2134 09:29, 5/23/2019: सुनीता दुग्गल आगे
दुग्गल 9796 तंवर 8768 09:29, 5/23/2019: सोनीपत तीसरे में भाजपा 8263 से आगे 09:29, 5/23/2019: हिसार
बीजेपी -10018
कांग्रेस – 4506
जेजेपी – 8061
मार्जिन – 1957 (बीजेपी)
[09:29, 5/23/2019] Mom: सोनीपत ब्रेकिंग
सोनीपत में पहले राउंड की मतगणना में बीजेपी आगे
रमेश कौशिक को 8026 वोट
भूपेंद्र हुड्डा को 6911 वोट
1105 वोट से रमेश कौशिक आगे
दिपिंदर हूड़ा 1000 से पीछे
09:27, 5/23/2019: कटारिया 240 से आगे 09:28, 5/23/2019: 5500 से रमेश कौशिक आगे सोनीपत से
09:25, 5/23/2019: जुलाना–Bjp–4390 –कांग्रेस 2484– jjp-687– inld 65 09:26, 5/23/2019: 34000 से कटारिया आगे
बीजेपी-20 कांग्रेस-03 गठबंधन-0 अन्य-6 09:24, 5/23/2019: किरण खेर 69642 वोट्स से आगे 09:24, 5/23/2019: भिवानी महेंद्रगढ़ से भाजपा 13248 वोटों से आगे
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/BJP01.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-23 04:02:432019-05-23 04:02:4517th Lok Sabha Results Update
We may request cookies to be set on your device. We use cookies to let us know when you visit our websites, how you interact with us, to enrich your user experience, and to customize your relationship with our website.
Click on the different category headings to find out more. You can also change some of your preferences. Note that blocking some types of cookies may impact your experience on our websites and the services we are able to offer.
Essential Website Cookies
These cookies are strictly necessary to provide you with services available through our website and to use some of its features.
Because these cookies are strictly necessary to deliver the website, you cannot refuse them without impacting how our site functions. You can block or delete them by changing your browser settings and force blocking all cookies on this website.
Google Analytics Cookies
These cookies collect information that is used either in aggregate form to help us understand how our website is being used or how effective our marketing campaigns are, or to help us customize our website and application for you in order to enhance your experience.
If you do not want that we track your visist to our site you can disable tracking in your browser here:
Other external services
We also use different external services like Google Webfonts, Google Maps and external Video providers. Since these providers may collect personal data like your IP address we allow you to block them here. Please be aware that this might heavily reduce the functionality and appearance of our site. Changes will take effect once you reload the page.
Google Webfont Settings:
Google Map Settings:
Vimeo and Youtube video embeds:
Google ReCaptcha cookies:
Privacy Policy
You can read about our cookies and privacy settings in detail on our Privacy Policy Page.