मोदी के आवाहन पर भारत ने दिखाई एकता, की दीपावली

कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की अपील के बाद देशवासी आज रात 9 बजे 9 मिनट दीया, कैंडल, मोबाइल फ्लैश और टार्च जलाकर एकजुटता का परिचय देंगे. लोग दीया जलाने की तैयारी कर लिए हैं.

नई दिल्ली: 

कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश ने एकजुट होकर प्रकाश पर्व मनाया. पीएम मोदी की अपील पर एकजुट होकर देश ने साबित कर दिया कि कोरोना के खिलाफ हिंदुस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा. देश के इस संकल्प से हमारी सेवा में 24 घंटे, सातों दिन जुटे कोरोना फाइटर्स का भी हौसला लाखों गुना बढ़ गया. गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में हैं. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश कोरोना के आगे बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं लेकिन भारत के संकल्प की वजह से देश में कोरोना संक्रमण विकसित देशों के मुकाबले कई गुना कम है.

Live Updates- 

  • कोरोना के खिलाफ एकजुट हुआ भारत, प्रकाश से जगमगाया पूरा देश
  • पीएम मोदी की अपील पर हिंदुस्तान ने किया कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान
  • कोरोना के खिलाफ जापान में जला पहला दीया,
  • कुछ देर बाद 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेंगे एकजुटता का संकल्प

अमित शाह ने जलाए दीये

दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर सभी लाइट बंद करने के बाद मिट्टी के दीपक जलाए. 

योगी आदित्यनाथ ने जलाया दीया

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीया जलाकर एकता की पेश की मिसाल. दीए की रोशनी से बनाया ऊं.

अनुपम खेर ने जलायी मोमबत्ती

अनुप खेर ने दीया जलाकर दिया एकता का संदेश

बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपील की थी कि पूरे देश के लोग रविवार रात 9 बजे घर की बत्तियां बुझाकर अपने कमरे में या बालकनी में आएं और दीया, कैंडिल, मोबाइल और टॉर्च जलाकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी एकजुटा प्रदर्शित करें.

एडमिन अपने ग्रुप पर डाली गयी पोस्ट के लिए होंगे जिम्मेदार

कोरोना को लेकर कम्युनल पोस्ट शेयर किए जाने पर चंडीगढ़ में पहली एफआईआर दर्ज
-पहला मामला सारंगपुर थाने में दूसरा सेक्टर 3 थाने में साइबर सेल की जांच के बाद किया गया दर्ज
-चंडीगढ़ पुलिस को ट्विटर अकाउंट पर मिली थी शिकायत
-फेसबुक ग्रुप में कम्युनल पोस्ट को लेकर दी गई थी शिकायत
-पुलिस ने ग्रुप के एडमिन पर दर्ज की एफआईआर

चंडीगढ:


कोरोना को लेकर फैलाई जाने वाली अफवाहों और धर्म विशेष पर की जाने वाली टिप्पणी अब आपको काफी महंगी पड़ सकती हैं। शनिवार देर शाम चंडीगढ़ पुलिस की साइबर सेल ने फेसबुक पर एक धर्म विशेष के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर आई शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की है।

पहली शिकायत सारंगपुर थाने मैं दर्ज की गई।
जिसमें फेसबुक ग्रुप के ही एक सदस्य द्वारा चंडीगढ़ पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर की गई। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ग्रुप के एक सदस्य ने धर्म विशेष को लेकर वीडियो पोस्ट करने के साथ ही आपत्तिजनक टिप्पणी की। जिसे समर्थन देते हुए फेसबुक ग्रुप के एडमिन ने भी इसे बकायदा शेयर करते हुए गलत टिप्पणियां की है। वही दूसरा मामला सेक्टर 3 थाने में दर्ज किया गया। यहां भी एक व्यक्ति ने पुलिस को फेसबुक पर धर्म विशेष के खिलाफ गलत टिप्पणी करने की शिकायत दर्ज कराई है। दोनों ही मामलों में साइबर सेल की ओर से की गई प्रारंभिक जांच के बाद संबंधित थाना पुलिस ले केस दर्ज कर लिया है।

जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ पुलिस ट्विटर अकाउंट पर एक फेसबुक अकाउंट पर कम्युनल पोस्ट शेयर किए जाने की शिकायत मिली थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शिकायतकर्ता ने बताया कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक ग्रुप बना हुआ है। वह खुद भी उस ग्रुप का मेंबर है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि फेसबुक ग्रुप में कोरोना को एक धर्म विशेष से जोड़ते हुए गलत टिप्पणी की गई है। ग्रुप में वीडियो के साथ फोटो अपलोड हुए हैं और बकायदा पोस्ट के ऊपर धर्म विशेष के बारे में लिखा गया है। आरोपों के मुताबिक पहले मेंबर ने यह हरकत की। जिसके बाद फेसबुक ग्रुप के एडमिन ने भी इसे शेयर करते हुए टिप्पणी की। मामले की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस की साइबर सेल टीम ने प्रारंभिक जांच के बाद उक्त फेसबुक ग्रुप के एडमिन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।

केस- 2
कोरोना को लेकर धर्म विशेष पर फेसबुक अकाउंट पर की गई टिप्पणी को लेकर दूसरा केस सेक्टर 3 थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए एक धर्म विशेष के खिलाफ पोस्ट डाल लोगों को भड़काने का काम किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल की ओर से की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद सेक्टर-3 थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।

चीनी वॉर का तीसरा चरण “अब कोरोना नहीं वामपंथी स्लीपर सेल सक्रिय हो चुका है”

अब कोरोना नहीं वामपंथी स्लीपर सेल सक्रिय हो चुका है।
इन्होंने ही अफवाह फैलाई कि लोकडाउन 3 से 6 माह चल सकता है। मजदूरों का पलायन और उस पर टीवी चैनल्स के समाचार, गरीबों की चिंता, भूख का व्यापार…
केजरीवाल ने दिल्ली दंगों की ही तरह लम्बी ओढ़ ली है। पर्दे के पीछे टुकड़े गैंग सक्रिय हैं।
बसों में भरकर मजदूर यूपी बॉर्डर पर छोड़े जा रहे हैं।
मित्र पुष्पेंद्र सिंह लिखते हैं।
,,,6 हफ्ते गुजर गए,,,
800 के आस-पास कोरोना संक्रमित,,, लगभग 20 की मौत उसमें भी 80% की मुख्य वजह कोरोना नहीं,,,ऊपर से 135 करोड़ की आबादी का देश,,,
ये तो चीन निर्मित “बायलोजिकल हथियार” की घोर बेइज्जती थी देवभूमि भारत में,,
जहाँ एक तरफ कुछ दिनों तक चीनी वायरस चीनी वायरस चिल्लाने वाला सुपर पावर अमेरिका सरेंडर कर शैतान जिंगपिंग की तारीफ़ पर उतर आया तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना के कहर के कराह रहा पूरा यूरोप भारी खरीददारी कर रहा था चीन से,,,
परंतु ये क्या,,,
दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट घांस नहीं डाल रही थी,,, शैतान चीन के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखने लगीं,,, उसे लगा कि उसका मिशन सिंहासन (((कोरोना))) तो फेल ही हो जायेगा यदि भारत उसकी शरण में नहीं आया तो,,,
वहीं दूसरे ही स्टेज में एक दिन का जनता कर्फ्यू फिर 21 दिनों का लाकडाऊन कर पूरा देश अपने नायक के पीछे चल रहा था,,,
अतंत: चालाक चीन ने अपना आखिरी पासा फेंका,,, और भारत की सबसे कमजोर नस को दबा दिया,,,
जी हां,,,
उसने खोला अपने खजाने का मुंह और खरीद लिया देश के कुछ बड़े देशद्रोही पत्तलकारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ चैनलों को,,,
जगा दिया वामपंथ के स्लीपर सेल्स को,,,पहले 21 दिनों तक गरीब दिहाड़ी मजदूर कैसे रहेंगे,,,का रोना रोया जाना शुरू किया गया फिर एक-दो परिवारों की पैदल यात्रा का 24 घंटे एैसे कवरेज किया जाने लगा कि जैसे पूरा देश ही पैदल चल पड़ा,,,
फिर धर्म के नाम पर एक संप्रदाय विशेष को मोर्चे पर लगा दिया गया,,, अब ये चाल सफल होती दिख रही है,,, कुछ झूठे नक्सली नेता आम मजदूरों को भड़का कर की 6 महीने का कर्फ्यू लगने वाला है ,,,बसों से दूसरे प्रदेश की सीमाओं तक लाखों मजदूरों को छोड़ने लगे,,,और सफल कर दिया शैतान की चालों को,,,
देश को बैठा दिया जाग्रित ज्वालामुखी के मुहाने पर,,,
वहीं पैदल मार्च करने वालों के लिए कुछ लोगों की छाती में दूध उतर आया जो सोशल मीडिया पर सिर्फ विरोध के नाम पर विरोध करते रहते हैं,,,
जब देश युद्ध या किसी बड़े संकट में फंसता है तो हर नागरिक युद्ध का हिस्सा होता है,,, हर नागरिक को परेशानी उठानी पड़ती है,,, हर नागरिक को त्याग करना पड़ता है,,, युद्ध सिर्फ सेनायें ही नहीं लड़ती हैं,,,
परंतु गद्दारों और बिकाऊ लोगों की प्रचुर उत्पादकता से गमगीन ये देश एैसी परिस्थिति का हर समय से ही सामना करता आया है,,,
सुनों हम फिर भी जीत जायेंगे,,,हमने विश्व विजेता सिकंदर को उल्टे पांव वापस किया है,,,हम शैतान चीन की हर चाल का जबाब देंगे वो भी भरपूर,,,
परंतु देश के अंदर ही कुछ लोग और संस्थायें एक बार फिर सड़कों पर नंगी हो रही हैं जिन्हें देखना और सुनना बहुत कष्टदायक है,,,!!!

हे_राम

प्रवासी मजदूरों के दिल्ली से पलायन पर सीसोदिया ने भाजपा पर किया हमला

नई दिल्ली:

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर कोरोना वायरस महामारी को लेकर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया।

सिसोदिया की यह तीखी प्रतिक्रिया उन खबरों के बाद आई है जिनमें कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या अपने गृहराज्यों की बसों में सवार होने के लिए आनंद विहार पहुंची है।

सिसोदिया ने ट्वीट किया,
‘मुझे बहुत दुःख है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भाजपा नेता ओछी राजनीति पर उतर आए हैं। योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल जी ने बिजली-पानी का कनेक्शन काट दिया इसलिए लोग दिल्ली से जा रहे हैं। यह गम्भीरता से एक होकर देश को बचाने का समय है, घटिया राजनीति का नहीं।‘

उन्होंने कहा, ‘आज दिल्ली की सीमा पर जो लोग हैं वो केवल दिल्ली से नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तक से आए लोग हैं। जो भी इस वक्त दिल्ली में है, उसे छत देने और खाना देने की ज़िम्मेदारी हमारी है ताकि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री मोदी जी का बंद सफल हो सके।‘

प्रवासी मजदूरों की मूवमेंट के दृष्टिगत रिलीफ़ कैंप स्थापित करके उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाए : खट्टर

चंडीगढ़, 29 मार्च:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों की मूवमेंट के दृष्टिगत सभी अंतर्राज्यीय और अंतर-जिला सीमाएं सील करने के निर्देश देते हुए कहा कि जो जहां है, उसे वहीं रोक कर रखा जाए और जाने की अनुमति हरगिज न दी जाए।
        मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बंधित जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि ऐसे लोगों के लिए वहीं पर रिलीफ़ कैंप स्थापित करके उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाए और यदि फिर भी कोई जबरदस्ती करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
        मुख्यमंत्री ने कहा कि इन रिलीफ कैंपों के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएं जो इनके खाने-पीने और स्वास्थ्य इत्यादि का ध्यान रखेंगे। इन कैंपों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मुख्य मार्गों के साथ-साथ ऐसे रिलीफ कैंप स्थापित किए जाएं और लोगों को रास्तों पर रहने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाए। इसके अलावा, जिला स्तर पर कॉल सेंटर भी स्थापित किए जाएं।
        श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के इस समय के दौरान  सहायता के लिए विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। उनके लोगों को जिम्मेदारी देकर उन्हें कार्य करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि राधा स्वामी सत्संग समेत अनेक सामाजिक संस्थाओं ने हर तरह की मदद की पेशकश की है, ऐसे में लोगों को रखने के लिए इनके भवनों का उपयोग किया जा सकता है। हर ऐसे आश्रय स्थल पर एक अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए जो लोगों के खाने-पीने समेत विभिन्न जरूरतों का ध्यान रख सके। हर आश्रय पर सरकार की और से स्वास्थ्य तथा सफ़ाई सुविधा का प्रबंध सरकार की और से होना चाहिए। गर्म भोजन की व्यवस्था जहां तक सम्भव हो किसी स्थानीय गैर-सरकारी संस्था को देनी चाहिये।
        इसके अलावा, जो बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति अकेले रह रहे हैं, उनका ध्यान रखने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।

क्या यह एक नयी जिहाद की तैयारी है?

जिहाद किसी भी प्रकार की हो सकती है। आप उसे खड्ग से लड़ने वाली अथवा लव जिहाद का नाम दे सकते हैं। अब जिहाद का एक नया स्वरूप सामने आ रहा है, वह है बीमारी फैलाने वाला वुहान वाइरसमक्का से आए कुछ लोग जिनहोने अपने quarantine stamps मिटा दिये थे या वह भी इसी का हिस्सा नहीं हैं? ऐसे लोगों पर क्या राष्ट्र द्रोह का मामला नहीं चलना चाहिए? वुहान वायरस से लड़ने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और अधिकांश राज्य सरकारों ने कमर कस ली है। पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जानबूझकर इस काम में भी बाधा डाल रहे हैं। अभी पुलिस की कार्रवाई में कुछ ऐसे विदेशी प्रचारक पकड़े गए हैं, जो इस्लामिक प्रचार के नाम पर अपने कर्मों से वुहान वायरस फैलाने पर तुले हुए हैं। सूत्रों की मानें तो बंगाल में जहां रोहङियाओं को सरकारी पराश्रय मिलता है वहाँ इन लोगों की तादाद चिंताजनक ढंग से अधिक हो सकती है।

अभी हाल ही में बिहार में एक मस्जिद से एक दर्जन से भी ज़्यादा मुसलमान पकड़े गए हैं, जिन पर वुहान वायरस से संक्रमित होने का खतरा बताया जा रहा था। इसके पश्चात तो ऐसे संदिग्धों को पकड़ने के लिए देशभर में छापेमारी की जाने लगी।

रांची में भी 11 मौलवियों को धरा गया

इसी तरह रांची में भी इस्लामिक प्रचारकों की वजह से लोगों को कोरोना के खौफ का सामना करना पड़ा। दरअसल, कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देश चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के 11 नागरिकों के रांची के तमाड़ के रडग़ांव स्थित एक मस्जिद में ठहरे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई। पुलिस-प्रशासन मेडिकल टीम के साथ वहां पहुंची और सभी मौलवियों की स्वास्थ्य जांच की। सभी को रेस्क्यू करते हुए क्वारंटाइन के लिए मुसाबनी स्थित कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया गया।

परन्तु प्रशासन को ऐसा क्यों करना पड़ा? ऐसी क्या आवश्यकता आ पड़ी? चलिए हम आपको बताते हैं… ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस्लामिक प्रचारक मजहब के नाम पर विशाल भीड़ इकट्ठा कर लोगों में वुहान वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं, जिसका प्रतिकूल असर दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ इस्लाम बहुल देशों में भी देखने को मिला है।

इस कारण से तमिलनाडु में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक कुल 6 मामले आ चुके हैं। जिनमें से तीन विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। एक थाई नागरिक है जबकि दूसरा इटली का रहने वाला बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाईलैंड के दोनों ही नागरिक तबलीगी जमात के इस्लामिक धर्मगुरु हैं।

जब इन तीनों विदेशी नागरिकों का मेडिकल टेस्ट हुआ तो कोरोना पॉजिटिव आया। अधिकारियों के अनुसार ये दोनों इस्लामिक धर्मगुरु 6 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरे इसके बाद ये दोनों किसी होटल में ठहरे। फिर 10 मार्च को मिलेनियम एक्सप्रेस से इरोड के लिए यात्रा की थी। अब इससे समझा जा सकता है कि इन दोनों ही इस्लामिक धर्मगुरुओं ने कितने लोगों की जान खतरे में डाली होगी।

अब बता दें कि दोनों थाई प्रचारक जिस तब्लीगी जमात से आते हैं, ये संगठन दुनिया के 213 मुल्कों में फैली हुई है। जमात से दुनियाभर के 15 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। जमात कोई सरकारी मदद नहीं लेती है। जमात की कोई बेवसाइट, अखबार या चैनल नहीं है। भारत में जमात का हेड ऑफिस दिल्ली में हज़रत निजामुउद्दीन दरगाह के पास है। जमात की एक खास बात ये है कि ये अपना एक अमीर (अध्यक्ष) चुनते हैं और उसी की बात मानते हैं।

अब बात करते हैं कोरोना वायरस फैलाने में मुस्लिम प्रचारकों के सहभागिता की। इस महामारी को फैलाने में विशेषकर तब्लीगी जमात ने मिडल ईस्ट में कई सभाएं की। इनमें से एक कुआलालंपुर में पेटलिंग मस्जिद में चार दिवसीय मुस्लिम जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें 1500 विदेशियों सहित 16 हजार स्थानीय लोग शामिल हुए थे। इस खबर के लिखे जाने तक मलेशिया में 1500 से ज़्यादा वुहान वायरस के केस कंफर्म हो चुके हैं।

बताया जाता है कि लगभग दो तिहाई मामलों को इस जनसभा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जो 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच आयोजित की गई थी। यही वजह था कि दक्षिण पूर्व एशिया में कोरोना का प्रकोप एकाएक बढ़ा।

परन्तु यह खतरा केवल तमिलनाडु या तेलंगाना तक ही सीमित नहीं है। इस खतरे की चपेट में दिल्ली जैसे राज्य भी हैं। धर्म के नाम पर जिस तरह इन लोगों ने शाहीन बाग में उपद्रव मचा रखा था, वह प्रदर्शन स्थल के उखाड़ कर फेंके जाने के बाद भी नहीं बदला है। ऐसे में धर्म के नाम पर जिस तरह से वुहान वायरस के कैरियर बनने में इस्लामिक प्रचारकों ने सहभागिता निभाई है, वह भारत सहित कई देशों के लिए काफी घातक सिद्ध हो सकता है।

रांची के तमाड़ इलाके में पुलिस ने 11 विदेशी मौलवियों को धर दबोचा

‘कितने अफ़ज़ल मारोगे, घर-घर से अफ़ज़ल निकलेगा’ ये नारा एक ज़माने में देशविरोधी जिहादियों को बहुत प्रिय हुआ करता था, लेकिन फिर जवाब आया ‘हर घर में घुसकर मारेंगे, जिस घर से अफ़ज़ल निकलेगा।’ इसके बाद से अफ़ज़ल प्रेमी गैंग के हौसले पस्त हैं। लेकिन लगता नहीं कि वो सुधरने वाले हैं। लगता है अब उनका नारा है “कितने विदेशी मौलवी पकड़ोगे, हर मस्जिद से विदेशी मौलवी निकलेगा”। कुछ दिन पहले पटना की एक मस्जिद से एक दर्जन विदेशी मौलवी पकड़े गए थे, उसके बाद से देशभर की मस्जिदों से विदेशी मौलवियों के पकड़े जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ताज़ा मामला झारखंड की राजधानी राँची की एक मस्जिद का है, जहां से 11 विदेशी मौलवी दबोचे गए। इसी तरह तमिलनाडु के अंबूर में भी 12 इंडोनेशियाई और 8 रोहिंग्या मौलवी पकड़े जाने की ख़बर है। ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़ देश की कई मस्जिदों में ऐसे विदेशी मौलवी अवैध रूप से रह रहे हैं।

राँची की मस्जिद में हुई छापेमारी

रांची के तमाड़ इलाके में पुलिस ने 11 विदेशी मौलवियों (Foreign Clerics) को धर दबोचा। ये सभी चीन (China), किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) और कजाकिस्तान (Kazakhstan) के रहने वाले हैं। ये सभी तमाड़ के रड़गांव के पास एक मस्जिद में रह रहे थे। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को कब्जे में लेकर क्वारंटाइन के लिए कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल, मुसाबनी भेज दिया। शक जताया जा रहा है कि ये भारत में कोरोना वायरस फैलाने की किसी अंतरराष्ट्रीय साजिश का भी हिस्सा हो सकते हैं। फिलहाल इनके कागजातों की जांच की जा रही है और पूछताछ चल रही है। इनको शरण देने वाली मस्जिद के भारतीय मौलवियों से भी पूछताछ हो रही है। राँची पुलिस के डीएसपी (बुंडू) अजय कुमार ने बताया कि जांच पड़ताल के बाद सभी को कब्जे में ले लिया गया है। यह पता चला है कि ये सभी चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के रहने वाले हैं। सभी के वीजा और पासपोर्ट को जब्त कर लिया गया है।

देशभर में फैले होने का है संदेह

दो दिन पहले ही तमिलनाडु के अंबूर में एक मस्जिद से कुल 20 विदेशी मौलवी गिरफ्तार किए गए। इनमें से 12 इंडोनेशिया के रहने वाले हैं, जबकि 8 रोहिंग्या मुसलमान हैं। इन सभी की मेडिकल जाँच कराई जा रही है ताकि पता चल सके कि उनमें से कोई कोरोना वायरस का वाहक तो नहीं है। पटना के ही सदिसोपुर में भी कुछ विदेशी मौलवियों के पकड़े जाने की ख़बर भी है। इन घटनाओं ने ख़ुफ़िया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। यह पता चला है कि टूरिस्ट वीज़ा या धार्मिक पर्यटन के नाम पर ऐसे हज़ारों मौलवी भारत में आते हैं और इन्हें दूरदराज़ की मस्जिदों में शरण दी जाती है। ज़्यादातर को 10 से 20 के जत्थे में रखा जाता है ताकि प्रशासन को शक न हो। यह बात सामने आ रही है कि हैदराबाद, जयपुर, भोपाल और यूपी की कई मस्जिदों में भी अवैध विदेशी मौलवी ऐसे छिपकर रह रहे हैं। जिस बड़े पैमाने पर ये चल रहा है उससे इसके पीछे किसी बड़ी साज़िश का शक जताया जा रहा है। 

सामाजिक कार्यकर्ता और जाने-माने वकील प्रशांत पटेल ने इसके पीछे कोरोना जिहाद का शक जताया है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वो कहीं भी ऐसे मौलवियों को देखें तो फ़ौरन पुलिस को सूचना दें।

नीचे के ट्वीट में आप तमिलनाडु के अंबूर में पकड़े गए विदेशी मौलवियों की तस्वीर देख सकते हैं। इन सभी का कहना है कि वो इस्लाम के प्रचार के लिए भारत आए थे।

पटना से हुई थी शुरुआत

इस हफ़्ते की शुरुआत में पटना कुर्जी इलाके में दीघा मस्जिद से 12 विदेशी मौलवी पकड़े जाने से इस सिलसिले की शुरुआत हुई थी। उन सभी को भी फ़िलहाल क्वारंटाइन में रखा गया है। सोमवार को इन्हें हिरासत में लेने के बाद जाँच के लिए पटना एम्स भेजा गया था। पूछताछ में पता चला है कि ये सभी ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के रहने वाले हैं। पिछले चार महीने से ये देश की अलग-अलग मस्जिदों में रखे जा रहे थे। ख़ास बात यह है कि सभी को इस्लाम के प्रचार के नाम पर बुलाया जाता है, ताकि क़ानून इन पर शिकंजा न कस पाए। क्योंकि अगर मक़सद इस्लाम का प्रचार करना है तो वो काम ये विदेशी मौलवी कैसे कर सकते हैं, क्योंकि इनमें से ज़्यादातर को हिंदी, उर्दू या अंग्रेज़ी नहीं आती। माँग की जा रही है कि इस पूरे मामले की जाँच एनआईए से कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

कोरोना से घबरा कर होली फीकी न करें

होली जरूर मनाएं, लेकिन घर पर ही मनाएं। मोहल्लों और गांवों में एकत्रित होकर समूह में न मनाएं। रंगों के इस त्योहार के समय कोरोना अब महामारी बन चुका है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ वाले जगहों पर न जाएं। क्योंकि किसी एक को संक्रमण होने पर कई दूसरे लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। बेहतर होगा कि होली भी समूह में मनाने से बचें। हैप्पी होली।

चंडीगढ़:

आज होली है। फागुन के इस महीने में रंगों के इस त्योहार में हर कोई सराबोर होने को आतुर है, लेकिन एहतियात भी जरूरी है। चीन से पैदा हुआ कोरोना अंटार्कटिका को छोड़ सारे महाद्वीपों को अपने जद में ले चुका है। इंसानों से इंसानों में इसके वायरस का तेजी से संक्रमण हो रहा है। तभी तो विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत तमाम स्वास्थ्य संस्थाएं सामूहिक जुटान न करने की सलाह दे रहे हैं। उनकी इसी सलाह पर प्रधानमंत्री मोदी के बाद एक-एक करके कई मशहूर हस्तियों ने होली न खेलने का निर्णय लिया। जनमानस के लिए तो साल भर का यह त्योहार है। वे भला होली से दूर क्यों रहें। विशेषज्ञ भी कहते हैं कि होली जमकर खेलिए, लेकिन एहतियात बरतना न भूलिए।

यह बात सही है कि विशेष परिस्थितियों में कोरोना सामान्य फ्लू की तुलना में दस गुना घातक है, लेकिन अगर व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो इसका वायरस लाचार हो जाता है। स्वस्थ जीवनशैली और खानपान से कोई भी अपने शरीर की प्रतिरक्षा इकाई को इस वायरस की कवच बना सकता है। बुजुर्गो और किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्ति को खास एहतियात की दरकार होगी। होली की मस्ती में यह न भूलें कि कोरोना अब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित की जा चुकी है। लिहाजा जमकर गुलाल उड़ाएं, रंगों की फुहारें छोड़ें, लेकिन अत्यधिक भीड़ में जाने से परहेज करें। कोरोना का वायरस हवा में तैरते अति सूक्ष्म कणों के साथ आंखों यहां तक कि फेस मास्क को भी भेदने की साम‌र्थ्य रखता है। सिर्फ खांसी या छींक के साथ निकलने वाले बड़े कणों को ही मास्क रोकने में सक्षम है। इसलिए सावधान रहिए, लेकिन होली के उल्लास को कम मत होने दीजिए।

विशेषज्ञ बोल

होली जरूर मनाएं, लेकिन घर पर ही मनाएं। मोहल्लों और गांवों में एकत्रित होकर समूह में न मनाएं। रंगों के इस त्योहार के समय कोरोना अब महामारी बन चुका है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ वाले जगहों पर न जाएं। क्योंकि किसी एक को संक्रमण होने पर कई दूसरे लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। बेहतर होगा कि होली भी समूह में मनाने से बचें। हैप्पी होली।

दंगा आरोपी ताहिर हुसैन को कहीं दिल्ली पुलिस ही तो नहीं बचा रही ?

नई दिल्ली: 

दिल्ली की हिंसा में बेमौत मारे गए खुफिया एजेंसी के सुरक्षा सहायक अंकित शर्मा के कत्ल के आरोप में जिस ताहिर हुसैन की तलाश में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा खाक छान रही है, उसे कत्ल होने से भी दिल्ली पुलिस ने ही बचाया था. यह बात मंगलवार को खुद दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डॉ. अजित कुमार सिंगला ने मीडिया से कही. पुलिस ने फरार ताहिर हुसैन की अब तक जो कुंडली बनाई है, वो भी कम चौंकाने वाली नहीं है. विशेष पड़ताल में ताहिर की निजी और व्यावसायिक जिंदगी से जुड़ी तमाम सनसनीखेज जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं.

पता चला है कि ताहिर हुसैन मूलत: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गांव पौरारा का रहने वाला है. पौरारा गांव थाना आदमपुर की पुलिस चौकी रैरा के इलाके में स्थित है. मंगलवार रात को आईएएनएस ने आदमपुर थाने के प्रभारी से बात की. आईएएनएस जानना चाहती थी कि आखिर ताहिर की तलाश की दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अफसर जो बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, आखिर उनमें सत्यता कितनी है? आदमपुर थाना प्रभारी ने फोन पर बताया, “दिल्ली पुलिस ने अभी तक हमसे ताहिर के बारे में कोई संपर्क नहीं साधा है. मेरे संज्ञान में दिल्ली पुलिस की टीम अभी तक हमारे इलाके में पहुंची भी नहीं है, क्योंकि अगर दिल्ली पुलिस की टीम ताहिर के पैतृक गांव पौरारा जाती, तो कानूनी रुप से वो स्थानीय थाने (आदमपुर) में आमद (लिखित इंट्री) और फिर गांव की रवानगी जरूर कराती.”

थाना आदमपुर प्रभारी से बातचीत के बाद यह साबित हो गया है कि ताहिर हुसैन की तलाश में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी ने अभी तक उसके गांव को नहीं छुआ है. इसके पीछे वजह तमाम हो सकती है. संभव है कि ताहिर हुसैन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से दिल्ली पुलिस के लगातार संपर्क में हो. घर के आसपास के विपरीत हालात के चलते उसने खुद की जिंदगी महफूज रखने के लिए अपने गायब होने की अफवाह फैला दी हो, ताकि कहीं एक संप्रदाय विशेष उसके खिलाफ कोई खतरनाक कदम न उठा बैठे.

हालांकि दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अधिकारी मंगलवार को भी ताहिर हुसैन तक न पहुंच पाने के ही दावे हवा में फेंकते नजर आए. आईएएनएस की पड़ताल के मुताबिक, “ताहिर हुसैन का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा. बदकिस्मती से बाकी बची-खुची दुश्वारियां सौतेली मां के अत्याचारों ने पूरी कर दी. लिहाजा, ताहिर के पास पैतृक गांव से भागने के सिवाय कुछ नहीं बचा था. कक्षा 8 तक पढ़ा ताहिर करीब 20 साल पहले गांव छोड़कर दिल्ली भाग आया. दिल्ली में सिर छिपाने के लिए उसने वो सब कुछ जलालत झेली जो किसी भी इंसान को शर्मसार करने के लिए काफी है.”

दिल्ली में पांव रखने की जगह मिली तो उसने मौके देखकर फर्नीचर बनाने का हुनर सीख लिया. पांव रखने की जगह बनी तो छत भी बना ली. वक्त और मेहनत रंग लाई तो उसकी अपनी फर्नीचर फैक्टरी भी दिल्ली में लग गई. चूंकि खुद का बचपन बेहद दुश्वारियों में गुजरा था, इसलिए उसे गांव के कम पढ़े-लिखों का दर्द पता था. लिहाजा, उसने कसम खाई कि वो अपनी फर्नीचर फैक्टरी में सिर्फ-और-सिर्फ अपने गांव या फिर अन्य गांवों के गरीब और अशिक्षित या फिर कम शिक्षित युवाओं को ही रोजी-रोटी देगा.

जो चांद बाग 24-25 फरवरी को हिंसा की आग में तबाह हुआ, उसी का इलाके में ताहिर का चार मंजिला मकान है. रुपया जेब में आया तो रुतबे की ललक भी जेहन में आनी लाजिमी थी. सो साल 2017 में वह दिल्ली में हुए निगम पार्षद का चुनाव लड़ा आम आदमी पार्टी से. किस्मत चूंकि संग थी सो चुनाव जीत गया.

चुनाव से पूर्व आवेदन करते समय 20 साल पहले गांव से दिल्ली नंगे पांव पहुंचे ताहिर हुसैन ने अपनी दौलत कानूनी रूप से कागजों में दर्ज करवाई 17 करोड़. जमाने वालों की नजरों में वो पहला दिन रहा होगा, जब उन्हें पता चला कि गांव से दुश्वारियों में भूखे-फटे हाल 20 साल पहले दिल्ली पहुंचा ताहिर हुसैन तो करोड़पति है.

दंगों की साजिश काँग्रेस ने रची: आर॰ के॰ सिन्हा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साढ़े पांच साल का कार्यकाल पूरी तरह दंगा मुक्त रहा और एक भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुआ यही बात कांग्रेस को पच नहीं रहा थी तो, इन लोगों ने सुनियोजित ढंग से दंगे की साजिश रची.

दिल्ली/ पटना: 

संसद में विपक्ष ने दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर जोरदार हंगामा किया. इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के इस्तीफे की भी मांग की. इस दौरान लोकसभा में हंगामा बढ़ते देख स्पीकर ओम बिड़ला भी थोड़ा नाराज दिखे. वहीं, विपक्ष के हंगामे पर बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने जमकर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष पर दो कहावत चरितार्थ होती है. पहली खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे और उल्टा चोर कोतवाल को डाटें. बीजेपी सासंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साढ़े पांच साल का कार्यकाल पूरी तरह दंगा मुक्त रहा और एक भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए. ये बात कांग्रेस को पच नहीं रहा था तो, इन लोगों ने सुनियोजित ढंग से दंगे की साजिश रची.

आरके सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने जनता को भड़काया और झूठी अफवाहें फैलाई है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि सोनिया गांधी ने कहा कि घर के बाहर निकलना पड़ेगा, आर-पार की लड़ाई लड़नी पड़ेगी।