लाल किले के प्राचीर से प्रधान मंत्री का राष्ट्र को सम्बोधन

 

देश बुधवार को 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर पांचवीं बार तिरंगा फहराया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने फैसले लेने का साहस किया. भारत दुनिया छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना. संकल्प के साथ ही सपने पूरे होंगे. अगले साल जलियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल पूरे हो जाएंगे. मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी. इससे पहले वे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी.

मोदी स्पीच अपडेट…

– 82 मिनट के भाषण से प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया.

– मैं बेसब्र हूं क्योंकि कई देश हमसे आगे निकल चुके हैं, मैं बेसब्र हूं उन देशों से अपने देश को आगे ले जाने के लिए

– जम्मू कश्मीर के लोग स्थानीय निकाय के चुनाव की मांग कर रहे थे, मुझे खुशी है कि आने वाले कुछ महीनों में उन्हें अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा. यहां के चुने हुए पंचायत विकास को नई रफ्तार देंगे. जल्द यहां पंचायत के चुनाव हों, उसकी दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं.

– हम गोली और गाली से नहीं, हम कश्मीरियों को गले लगाकर आगे बढ़ना चाहते हैं.

– माओवाद आए दिन हिंसा की वारदात को अंजाम देता है, लेकिन विकास की नई-नई योजनाओं की वजह से माओवाद 126 जिलों से कम होकर 90 जिलों तक सिमट गया है.

– आज मुझे खुशी है कि सुरक्षाबलों के प्रयास, राज्य और केंद्र सरकार के प्रयास की वजह से त्रिपुरा और मेघालय पूरी तरह से अफ्पसा से मुक्त हो गए हैं.

– मुस्लिम बहनों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, तीन तलाक की कुरीती ने महिलाओं को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है. संसद में अभी भी कुछ लोग हैं जो इस विधेयक को पास नहीं होने देना चाहता हूं, लेकिन मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशा अकांक्षाओं को पूरा करने की पूरी कोशिश करुंगा और इसमे कोई कमी नहीं छोड़ुुंगा.

– भारतीय सशस्त्र सेना में एसएससी के माध्यम से महिलाओं को पुरुष की तरह पारदर्शी व्यवस्था का ऐलान करता हूं. देश की महिलाएं नए व शक्तिशाली भारत के निर्माण में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.

– हमारे लिए गर्व का दिन है, भारत की सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला न्यायाधीश हैं. आजादी के बाद यह पहली कैबिनेट है, जिसमे सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज हैं.

– आज पर्यावरण की मंजूरी भ्रष्टाचार का पहाड़ पार करने जैसा है, लेकिन हमने इसे ऑनलाइन कर दिया है. हमने भाई भतीजावाद को खत्म कर दिया है. रिश्वत लेने वालों पर कार्रवाई बहुत कठोर हो रही है. 3 लाख संदिग्ध कंपनियों पर ताला लगा दिया गया है.

– 2013 के बाद यह संख्या पौने सात करोड़ हो गई है. ये ईमानदारी का जीता जागता उदाहरण है। देश ईमानदारी की ओर चल पड़ा है. इनडायरेक्ट टैक्स, 70 साल में सिर्फ 70 लाख का आंकड़ा पहुंचा था, लेकिन जीएसटी आने के बाद पिछले एक वर्ष में यह 70 लाख का आंकड़ा 1.16 करोड़ पहुंच गया है.

– आज देश ईमानदारी का उत्सव लेकर आगे बढ़ रहा है. देश में 2013 तक डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या 4 करोड़ थी. ये पिछले 70 साल की गतिविधि का परिणाम था.

– मैं देश के ईमानदार करदाताओं से कहता हूं कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, आपके कर से ये योजनाएं चलती है, जब आप खाना खाने बैठते हैं तो आपके कर देने की ईमानदार प्रक्रिया का परिणाम है, आपके खाना खाने के समय में 3 गरीबों का पेट भरता है.

– बिचौलिए राशन को बाजार से खरीदकर उसकी ब्लैकमेलिंग करते थे, जबकि सरकार बाजार से 20-25 रुपए किलो गेंहू, चावल खरीदकर उसे गरीबों में 2-3 रुपए में बेचती है. लेकिन यहां अनाज को दुकानो को बेच दिया जाता था, लेकिन हमने इसे रोका है.

– आप जानकर हैरान होंगे, जबसे हम सफाई अभियान में लगे हैं, भ्रष्टाचार को रोकने में लगे हैं, 6 करोड़ ऐसे लाभार्थी जोकि राशन कार्ड, पेंशन, एलपीजी के लाभार्थी थे वह ऐसे थे जो कभी पैदा ही नहीं हुए, उनके नाम से पैसे जा रहे थे. यह कितना कठिन काम था, इस सरकार ने इसे रोका है। भ्रष्टाचार और कालाधन को रोकने की दिशा में हमने कदम उठाए हैं. इसका परिणाम यह है कि 90 हजार करोड़ रुपए जो गलत तरीके से गलत लोगों के हाथ में चले जाते थे, वह अब देश के सामान्य नागरिकों के काम आ रहा है.

– 25 सितंबर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मदिन पर यह प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान लॉच कर दिया जाएगा.

– आयुष्मान भारत के तहत इस देश के 10 करोड़ परिवार शामिल हैं. 10 करोड़ परिवार यानि करीब-करीब 50 करोड़ परिवार, हर परिवार को 5 लाख रुपए देने की योजना है, इसे हम देने वाले हैं.

– WHO की रिपोर्ट के मुताबिक 3 लाख बच्चे स्वच्छता के कारण मरने से बचे हैं.

– बाजार से बाजार तक के अप्रोच से हम कृषि के क्षेत्र में कई रिफॉर्म ला रहें है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना हमारा लक्ष्य है.

– आज हमारे देश की 65 फीसदी आबादी 35 से कम उम्र की है, इसलिए सारे विश्व की नजर हम पर बनी हुई है.

– हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं, क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरि है. जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है.

– भारत की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत तेजी से विकास कर रही है. पूर्वोत्‍तर भारत भी देश के विकास के साथ जुड़ रहा है. चार साल में नार्थ ईस्‍ट को भारत के साथ लाकर खड़ा कर दिया है.

– भारत की पहचान अब रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के तौर पर है. हमने रिकॉर्ड आ​र्थिक ग्रोथ दर्ज की.

– देश के जवान के लिए कई सालों से पेंडिग वन रैंक वन पेंशन को हमने लागू किया.

– आज भारत की बात हर जगह सुनी जाती है. पूरा विश्व कहता है कि सोया हुआ हाथी जाग गया है.

– पहले विश्व के अन्य देश हमारे साथ जुड़ने से हिचकिचाते थे, कहते थे, भारत की अर्थव्यवस्था में रिस्क है लेकिन आज वही देश हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं और उन्हें भारत में अवसर नजर आते हैं.

– आज लाल किले की प्राचीर से मैं देशवासियों को खुशखबरी सुनाना चाहता हूं. हमने सपना देखा है कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर या उससे पहले मां भारत की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, वह अंतरिक्ष में जाएगा. हाथ में तिरंगा लेकर जाएगा. भारत के वैज्ञानिकों ने मंगलयान से लेकर अब तक ताकत का जो परिचय कराया है. जब हमारा यान हिंदुस्तानी लेकर जाएगा, तब अंतरिक्ष में मानव को पहुंचाने वाले विश्व के चौथे देश बन जाएंगे.

– आज भारत की हर चीज पर पूरा विश्व नजर रखता है। 2014 के बाद ये स्थिति बदली है.

– देश के छोटे व्यापारियों की वजह से, उनके दिमाग के खुलेपन की वजह से देश में जीएसटी लागू हुआ है.

– देश में आग छोटे शहरों में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहा है.

– 2014 से अबतक मैं अनुभव कर रहा हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं, वो देश बनाने में भी जुटे हुए हैं.

– देश आज रेकॉर्ड अनाज पैदा कर रहा है तो देश आज मोबाइल फैक्ट्री बनाने का काम भी कर रहा है. बाबा सहाब के बनाए गए संविधान में सबके लिए न्याय की बात की गई है. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी को न्याय मिले और एक ऐसे भारत का निर्माण हो जिसमें तेजी से विकास हो.

– अगर शौचालय बनाने में 2013 की रफ्तार से चलते तो शायद तो कितने दशक बीत जाते. अगर हम गांव में बिजली पहुंचाने की बात करें, तो 2013 के आधार के आधार पर सोचें, तो एक दो दशक और लग जाते. 2013 को सोचें तो एलपीजी कनेक्शन… अगर 2013 की रफ्तार से ऑप्टिकल फाइबर लगाने का काम करते तो गांवों में पहुंचाने में पीढ़ियां निकल जातीं.

– आजादी का ये पर्व हम तब मना रहे हैं, जब उत्तराखंड, मणिपुर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश हमारी की बेटियों ने सात समुंदर पार किया और देश वापस लौट आईं. हमारे दूरसुदूर जंगलों में रहने वाले बच्चों ने एवरेस्ट पर झंडा फहराकर तिरंगे की शान बढ़ा दी.

– पीएम मोदी ने पढ़ी सुब्रमण्यम भारती की कविता

– अगले साल जलियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल पूरे हो जाएंगे. मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने अपने प्राणों की आहूती दी.

– भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना. हमने ओबीसी को संवैधानिक दर्जा दिया.

– मोदी ने इससे पहले चार बार के अपने भाषण में किसी न किसी बड़ी योजना का ऐलान किया.

Live update of PM speech from the Red Fort

Prime Minister Narendra Modi delivered his fifth Independence Day speech as Prime Minister, from the ramparts of Red Fort.

He announced the launch of the Pradhan Mantri Jan Arogya Abhiyaan, a national healthcare scheme that will “impact 50 crore Indians.” He also announced ‘Gaganyaan’, a space programme to be launched by 2022.

Here are the updates:
8: 45 AM
PM on triple talaq
Speaking on triple talaq, the PM says, “The practice of triple talaq has caused great injustice among Muslim women. We are trying to end this practice but there are some people who are not wanting it to end. I ensure the Muslim women that I will work to ensure justice is done to them.

8: 35 AM
Justice for women
PM Modi says, “We have to free our country from this mentality of rape. In Madhya Pradesh, rapists were given death penalty within 5 days. We should make people more aware.”

8: 25 AM
PM announces Jan Arogya Abhiyaan
“Pradhan Mantri Jan Arogya Abhiyaan will be launched on 25th September this year. It is high time we ensure that the poor of India get access to good quality and affordable healthcare

“The healthcare initiatives of the Government of India will have a positive impact on 50 crore Indians. It is essential to ensure that we free the poor of India from the clutches of poverty due to which they cannot afford healthcare,” he says.

8; 20 AM
PM announces Gaganyaan space programme
An Indian astronaut, be it a man or a woman, will go on a space odyssey by 2022 on board ‘Gaganyaan’, Prime Minister Narendra Modi says.

“When India celebrates 75th year of Independence in 2022 and if possible even before, an Indian son or daughter will undertake a manned space mission on board ‘Gaganyaan’ carrying the national flag.”

8: 15 AM
Will bring modernity to agricultural sector: PM Modi
“Out of the 13 million who have taken the Mudra loan, 4 million people have taken it for the first time. This presents a new India.

“Today our full focus is to bring modernity to change in the agricultural sector. With a ‘Beej Se Bazar Tak’ approach, we are bringing remarkable changes in the agriculture sector. The aim is to double farmer incomes by 2022.

“Due to Swachh Bharat mission, lakhs of children can lead healthier lives. Even the World Health Organisation has lauded the movement,” he says.

8: 10 AM
Talent from North East
North East is nowadays coming up with news that is giving inspiration to the country, PM Modi says. “There was a time when it felt like it was too far from Delhi. Now we have brought it to the doorstep of Delhi.”

8: 07 AM
PM Modi presents NDA report card
Speaking about the achievements of the BJP government in the last four years, PM Modi says,

“The demand for higher MSP was pending for years. From farmers to political parties to agriculture experts, everybody was asking about it but nothing happened. With the blessings of the farmers, the decision on MSP was taken by our Government.

“Who did not want the passage of the GST? Yet it was pending for years? Last year GST became a reality.

“The OROP demand was pending for decades. The people of India, our brave army personnel had faith in us and we were able to take a decision on OROP.

“From being seen as among the fragile five, India is now the land of reform, perform and transform. We are poised for record economic growth. India’s voice is being heard effectively at the world stage. We are integral parts of forums whose doors were earlier closed for us.

8: 05 AM
Modi takes a dig at UPA govt
In a veiled dig at the UPA government, PM Modi says. “If we had continued at the same pace at which toilets were being built in 2013, the pace at which electrification was happening in 2013, then it would have taken us decades to complete them

“We are very proud of what we have achieved but at the same time, we also have to look at where we have come from. That is when we will realize the unbelievable strides the nation has taken.”

7: 55 AM
‘Social justice for all’
PM Modi says, “The Constitution of India, given to us by Dr. Babasaheb Ambedkar has spoken about justice for all. We have to ensure social justice for all and create an India that is progressing rapidly.

“The poor get justice, everyone has the opportunity to move forward according to his will and aspirations.”

7:45 AM
Modi invokes Bharathiyar
The Prime Minister in his I-Day speech invoked Tamil poet Subramanya Bharathiyar. Speaking in Tamil, he says, “Bharathiyar wrote that India would not only emerge as a great nation but also inspire others. He said India will show the whole world the way to get rid of all kinds of shackles.”

7: 35 AM
Modi kicks off Independence Day speech
After unfurling the tricolour at Red Fort, PM Modi kicks off his last Independence Day address before the Lok Sabha election in 2019.

He says,

My beloved Indians, I wish you a Happy 72nd Independence Day.

I salute the women of India. Our daughters have crossed all seven seas and have coloured the world in tricolour.

I salute the children of tribals who unfurled the national flag on Mount Everest and made India proud.

PM Modi speaks about the Monsoon Session of Parliament

He says,

The recently concluded Parliament session was one devoted to social justice. The Parliament session witnessed the passage of the Bill to create an OBC Commission.

Mr. Modi speaks on the monsoon floods that have ravaged many states across the country. “Many parts of the nation witnessed a good monsoon but at the same time parts of India have been affected by flooding. My thoughts are with the families of those who lost their lives due to floods in various parts of India,” he says.

7:30 AM
PM Modi arrives at Red Fort
Prime Minister Narendra Modi reaches Red Fort, accompanied by Defence Minister Nirmala Sitharaman.

Earlier, he paid tributes to Mahatma Gandhi at Rajghat.

7:20 AM
Health scheme to be announced
Mr. Modi is expected to announce the pilot launch of the Ayushman Bharat-National Health Protection Scheme in his last Independence Day address before the Lok Sabha election in 2019.

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7: 00 AM
Shaurya Chakra for Major Aditya, Aurangzeb
Major Aditya Kumar who fired on a stone-throwing mob, and rifleman Aurangzeb who was abducted and killed by terrorists, both in Jammu and Kashmir, were selected for the Shaurya Chakra on the eve of Independence Day.

Ayushmaan Bharat on cards today

 

New Delhi:

With the nation gearing up to celebrate its 72nd independence on August 15, 2018, Prime Minister Narendra Modi is likely to launch Ayushman Bharat-National Health Protection Scheme (AB-NHPS) on Wednesday. The full roll-out of the world’s largest government-funded public health insurance scheme is expected to be announced from September 25 onwards.

The announcement is expected to come during PM Modi’s Independence Day speech at Delhi’s Red Fort.

Ayushman Bharat, also referred to as ‘Modicare’, is the national healthcare policy launched by the Government of India in February this year. The ambitious healthcare policy promises to cover over 10 crore poor and vulnerable families (approximately 50 crore beneficiaries) providing coverage up to Rs 5 lakh per family per year for secondary and tertiary care hospitalisation.

Benefits of the scheme are portable across the country and a beneficiary covered under the scheme will be allowed to take cashless benefits from any public/private empanelled hospitals across the country.

The scheme is entitlement based, with the entitlement decided on the basis of deprivation criteria in the Socio-Economic and Caste Census (SECC) database. The beneficiaries can avail the facilities in both public as well as empanelled private healthcare centres.

राष्ट्र आराधना का सर्वोत्तम समय

Glorious Independence Day

Let’s pray together for our Matribhumi

 

वन नेशन, वन इलेक्शन: भाजपा अपना दांव चल चुकी


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लॉ कमीशन को चिट्ठी लिखकर देश भर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का समर्थन किया.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लॉ कमीशन को चिट्ठी लिखकर देश भर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का समर्थन किया. अमित शाह ने तर्क दिया कि एक साथ चुनाव कराए जाने पर बेतहाशा खर्च पर रोक लगेगी. इससे यह भी साफ हो सकेगा कि एक साथ पूरा देश इलेक्शन मोड में नहीं रहे.

बीजेपी अध्यक्ष के तर्क को देखा जाए तो इसमें काफी हद तक हकीकत दिखती है. लगभग सभी इस बात को मानते भी हैं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग वक्त पर होने के चलते चुनाव खर्च भी ज्यादा लगता है और सरकार खुलकर बड़े पैमाने पर कोई पॉलिसी डिसिजन नहीं ले पाती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी इस तरह की वकालत कर चुके हैं. लेकिन, अब लॉ कमीशन को अमित शाह की तरफ से दिया गया सुझाव फिर से चर्चा में है. चर्चा इस बात की शुरू हो गई है कि क्या बीजेपी एक साथ लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव चाह रही है. या फिर अगले साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 के साथ कम-से-कम 11 राज्यों में विधानसभा का चुनाव कराने पर विचार हो रहा है.

इस तरह की खबरें आई कि 11 राज्यों में लोकसभा चुनाव के साथ चुनाव कराने पर विचार हो रहा है. अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडीशा में विधानसभा का चुनाव होना है. 2019 में ही लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा का चुनाव होना है. इन तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है. लिहाजा, बीजेपी अगर चाहे तो इन तीनों ही राज्यों में विधानसभा का चुनाव पहले ही लोकसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है. इसके अलावा 2020 जनवरी में दिल्ली में विधानसभा का चुनाव होना है. अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव भी पहले कराया जाए तो फिर सात राज्यों में लोकसभा के साथ चुनाव हो सकता है.

लेकिन, चर्चा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में इस साल अक्टूबर और नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को आगे बढ़ाने को लेकर है. सूत्रों के मुताबिक, इस दिशा में भी सहमति बनाने की कोशिश हो सकती है. इस परिस्थिति में चारों ही राज्यों में या तो विधानसभा का कार्यकाल संविधान संशोधन के जरिए बढा  दिया जाए या फिर चारों ही राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू कर अगले साल लोकसभा के साथ ही चुनाव करा लिए जाएं. इन दोनों ही विकल्पों के लिए संविधान संशोधन करना होगा और इसके लिए कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों की भी सहमति लेनी होगी.

लेकिन , ऐसा होना आसान नहीं लग रहा है क्योंकि सभी पार्टियां बीजेपी के साथ इस मुद्दे पर आने से कतरा रही हैं. उन्हें ऐसा लग रहा है कि एक साथ विधानसभा का चुनाव होने की सूरत में बीजेपी को फायदा ज्यादा होगा. कई क्षेत्रीय पार्टियों को भी इस मुद्दे पर अपना वजूद खत्म होने का खतरा लग रहा है.

दूसरी तरफ, बीजेपी को लगता है कि एक साथ चुनाव होने की सूरत में राष्ट्रीय मुद्दे और बड़े चेहरे के दम पर चुनाव जीतना आसान होगा. अगर 2019 की बात करें तो फिर, एक साथ 11 राज्यों में विधानसभा का चुनाव होने की सूरत में बीजेपी को मोदी के नाम और चेहरे का फायदा होगा. इसीलिए इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी अगले साल 11 राज्यों में चुनाव चाहती है. लेकिन, बीजेपी ने फिलहाल इस तरह की अटकलों को ही खारिज कर दिया है.

उधर,चुनाव आयोग की तरफ से मिल रहे संकेतों से नहीं लगता कि इस दिशा में बात जल्दी बनने वाली है. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने न्यूज 18 से बातचीत में एक साथ चुनाव करने पर फिलहाल असमर्थता जताई है.

उन्होंने कहा, ‘2019 में लोकसभा चुनाव के साथ ही 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने के लिए हमारे पास पर्याप्त वीवीपैट मशीनें नहीं हैं. अगर ऐसी कोशिश की जाती है, तो इसके लिए नई वीवीपैट मशीनों का ऑर्डर देना होगा और इस बारे में एक या दो महीने में फैसला लेना होगा.’

वहीं चुनाव आयोग के कानूनी सलाहकार एसके मेंदीरत्ता ने एक इंटरव्यू में वीवीपैट मशीनों की इसी किल्लत की तरफ इशारा किया था. मेंदीरत्ता ने कहा, ‘ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की मौजूदा संख्या को देखा जाए तो फिलहाल देश भर में एक साथ चुनाव नहीं कराए जा सकते. इसके लिए जरूरी मशीनों की खरीद के लिए आयोग को कम से कम तीन साल का वक्त लगेगा.’

खैर, इन सभी चर्चाओं के बीच लॉ कमीशन जल्द ही इस बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, लॉ कमीशन के मौजूदा चेयरमैन बी.एस. चौहान अगस्त महीने के ही आखिर में रिटायर हो रहे हैं. इसके पहले आयोग की तरफ से रिपोर्ट सौंपे जाने की संभावना है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने के लिए लॉ कमीशन ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है. इसके तहत दो चरणों में चुनाव कराने का सुझाव था. पहले चरण में 2019 में जबकि दूसरे चरण में 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव का सुझाव था.

सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में उन विधानसभाओं को शामिल किया गया, जिनका कार्यकाल 2021 में पूरा हो रहा है. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार महाराष्ट्र शामिल हैं. वहीं, दूसरे और आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब हैं.

फिलहाल, लॉ कमीशन की तरफ से सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इस पर व्यापक बहस होगी. लेकिन, 2019 में इस तरह की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है. हो सकता है कि बीजेपी 2019 में आंध्र, तेलंगाना और ओडीशा के साथ अपने तीन राज्य महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी कर ले.

‘एक देश-एक चुनाव’ भाजपा घबरा गयी: गहलोत


अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरी तरह से घबराए हुए हैं, अगर संविधान संशोधन कर वह एकसाथ चुनाव करवाना चाहते हैं तो करवाए, कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से लॉ कमीशन के समक्ष देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने की पैरवी किए जाने पर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि अगर वह ऐसा चाहते हैं तो लोकसभा को समयपूर्व भंग करें और फिर आगामी विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव भी कराएं.

लॉ कमीशन को लिखे शाह के पत्र को ‘नाटक’ करार देते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘शाह का पत्र कुछ नहीं, बल्कि राजनीतिक फ़ायदा हासिल करने का स्टंट है. बीजेपी हार के डर से यह नाटक कर रही है.’ गहलोत ने चुनौती देते हुए कहा, ‘बीजेपी और प्रधानमंत्री चाहें तो राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है उनके साथ लोकसभा चुनाव करवाएं. इसके लिए लोकसभा को समयपूर्व भंग किया जाए.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह से घबराए हुए हैं. अगर संविधान संशोधन कर वह एकसाथ चुनाव करवाना चाहते हैं तो करवाए, कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है.’

कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेक तन्खा ने कहा कि अगर सरकार मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को टालने का प्रयास करती है तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.

बीजेपी अध्यक्ष शाह ने लॉ कमीशन के प्रमुख को पत्र लिख कर कहा है कि ‘एक देश-एक चुनाव’ से खर्चों पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी.

नींबू-मिर्ची के सहारे लड़ रहे हैं सिंधिया


कांग्रेस को लग रहा है कि बीजेपी ने कुछ तांत्रिकों को अपने पाले में कर लिया है और अपने काले जादू से कांग्रेस के नेताओं को खत्म करने के लिए निकल चुके हैं


एक खबर ये निकली है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेता और पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री मान लिए गए ज्योतिरादित्य सिंधिया सूबे में नींबू और मिर्ची की माला पहनकर घूम रहे हैं.

जिन लोगों ने रामसे बंधुओं की बनाई भूतिया फिल्में 90 के दशक में सिनेमाघरों में देखने का दुर्भाग्य झेला है या फिर बाद के वक्त में बॉलीवुड की फैक्ट्री से निकली ‘फूंक’ या ‘भूत’ मार्का फिल्में देखी हैं, उन्हे पता है कि नींबू और मिर्च का मतलब होता है- जादू-टोना और शैतानी आत्माओं के खुराफात को अपने से दूर भगाना.

तो फिर आखिर, सिंधिया खुद को किस बुरी बला से बचाने की कोशिश कर रहे हैं?

नारियल फेंककर किया घोर अधर्म!

कुछ दिनों पहले सिंधिया ने एक नारियल अपनी कार के विंडो से बाहर फेंका था. यह नारियल उन्हें पन्ना में दिया गया था. बीजेपी ने कहा कि नारियल फेंक कर सिंधिया ने ‘घोर अधर्म’ किया है. जी हां, चौंकिए मत, सूबे में प्रचार अभियान ऐसी ही बेसिर-पैर की बातों के सहारे चल रहा है. बीजेपी के इस आरोप के जवाब में सिंधिया की टीम ने जवाब दिया कि नारियल में जादू-टोना करके दिया गया था, इससे सिंधिया और पार्टी को खतरा था. सो, नारियल को फेंकना ही पड़ा.

अब आपको बात समझ में आ जानी चाहिए. सिंधिया को जादू-टोने से डर लग रहा है. कांग्रेस को लग रहा है कि बीजेपी ने कुछ तांत्रिकों को अपने पाले में कर लिया है और वे तांत्रिक ‘श्रूमन द ह्वाईट’ की तरह अपने काले जादू से कांग्रेस के नेताओं को खत्म करने के लिए निकल चुके हैं जबकि ये नेता अभी चुनावी अखाड़े में भी नहीं उतरे. लेकिन जैसा कि उस मशहूर शेर में कहा गया है कि ‘हुए तुम दोस्त जिसके, दुश्मन उसका आस्मां क्यों हो’ उसी तर्ज पर यहां कहा जा सकता है कि जब दोस्त ही कांग्रेस को बर्बाद करने की काबिलियत रखते हैं तो फिर इस काम के लिए कांग्रेस को काला जादू जैसा दुश्मन तलाशने की क्या जरूरत है ?

दो दशक में पहली बार ऐसा वक्त आया है जब कांग्रेस के पास बीजेपी को हराने का अच्छा मौका है. लगातार तीन दफे सत्ता की बागडोर संभालने वाले मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए लोगों में कोई खास उत्साह का भाव नहीं है. मंदसौर में किसानों पर गोली चली, बेरोजगारी बढ़ी है, व्यापार-व्यवसाय ठहराव के शिकार हैं और बीएसपी के साथ गठबंधन होने के आसार मजबूत नजर आ रहे हैं. इन सारी बातों के कारण माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनता दिख रहा है. लेकिन लगता है, पार्टी टेरेन्टिनो के रिजर्वॉयर डॉग्स की स्क्रिप्ट के हिसाब से काम कर रही है: आपसी विश्वास एक सिरे से गायब है और अंदरूनी तौर पर उठा-पटक करने वाले प्रतिद्वन्द्वियों को एकदम से खत्म कर देने की छुपी हुई हसरत जोर मार रही है.

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का अलग तमाशा

सूबे के कांग्रेस महासचिव दीपक बवारिया पर जुलाई में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था. बवारिया ने कहा था कि केवल कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. पार्टी के एक कद्दावर नेता अजय सिंह के समर्थक बवारिया की इस बात से भड़क उठे. दरअसल बवारिया ने अपनी बात रीवा में कही थी जहां अजय सिंह की स्थिति मजबूत है. कांग्रेस महासचिव का बयान उन्हीं पर भारी पड़ा, लोगों को एक भद्दा सा तमाशा देखना पड़ा कि महासचिव का कुर्ता फटा हुआ है और वे उसी दशा में बदहवास बाहर निकल रहे हैं.

इसके कुछ ही दिन बाद बवारिया के सामने कांग्रेस कार्यकर्ता एकबार फिर से आपस में भिड़ गए और बावरिया से कुछ करते ना बना. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के शोर-शराबे और सिरफुटौव्वल से परेशान बवारिया ने उन्हें सलाह दी कि वे आरएसएस के अनुशासित कार्यकर्ताओं से सीख लें. उनके ऐसा कहने से कांग्रेस का मुंह मलिन हुआ और बीजेपी के चेहरे पर चमक आई.

बीजेपी के खेमे में जैसा जोश है उससे जमीनी स्तर पर निबट पाना कांग्रेस के लिए बहुत कठिन पड़ रहा है. जन आशीर्वाद यात्रा शुरू हो चुकी है और शिवराज सिंह चौहान की सभा में बड़ी संख्या में भीड़ जुट रही है. शिवराज सिंह चौहान आत्मविश्वास से लबरेज हैं और कांग्रेस पर पुरजोर ताकत से हमला बोल रहे हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस समय काटने में लगी है, संसाधनों की कमी के कारण वह लंबे समय तक खर्चीला चुनाव-अभियान जारी रख पाने के काबिल नहीं. उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगस्त के आखिर में मशहूर ओंकारेश्वर मंदिर से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे. इसके पहले कांग्रेस के खेमे से बस यही संदेश निकलकर सामने आ रहा है कि धींगामुश्ती आपस में ही मची है और महत्वाकांक्षाओं के जोर में कांग्रेस के नेता एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं. ऐसे में लोग-बाग एक-दूसरे से पूछने लगे हैं कि ये लोग आपस ही में लड़ने में लगे हैं तो फिर बीजेपी को पटखनी देने की कोई योजना कैसे बनाएंगे.

भैंस के आगे बीन बजाने गए, भैंस ने खदेड़ दिया

दरअसल कांग्रेस के कार्यकर्ता जब आपस में लड़ नहीं रहे होते तो ऐसे-ऐसे करतब कर दिखाते हैं कि वह मजाक का विषय बन जाए और लोगों की बरबस ही हंसी छूट निकले. एक मुहावरा है भैंस के आगे बीन बजाय-भैंस बैठी पगुराय. तो इसी मुहावरे से प्रेरित होकर रविवार के रोज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यह जताने के लिए कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सूबे की समस्या से मुंह फेर रखा है, एक विरोध प्रदर्शन करने की ठानी और देवास (इंदौर और भोपाल के बीच की जगह) में वे सचमुच ही भैंस ले आए, बांसुरी भी आई ताकि मतदाताओं के गुस्से का इजहार किया जा सके. अब बदकिस्मत कहिए कि विरोध-प्रदर्शन के तमाशे को कामयाब बनाने का दारोमदार जिस नायिका यानी की भैंस पर था वह ऐन वक्त पर भड़क उठी और उसने कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खदेड़ दौड़ाया और इस तरह नवंबर-दिसंबर में होने जा रहे चुनावी मुकाबले में उतरने से पहले ही कांग्रेस के कार्यकर्ता मैदान से बिदके घोड़े बनते नजर आए.

कांग्रेस के भितरखाने बतकही ये चल रही है कि बीएसपी, शरद यादव की अगुवाई वाले जेडी(यू), एसपी और एनसीपी के साथ महागठबंधन बनाकर बीजेपी को पटखनी दी जाए. इन दलों के नेताओं को यकीन है कि चुनाव की घोषणा होने के पहले महागठबंधन बन जाएगा. लेकिन महागठबंधन बनाने का मंसूबा अभी दूर की कौड़ी लग रहा है क्योंकि पार्टी के अलग-अलग गुट अभी आपस में ही लड़ने-भिड़ने में लगे हैं.

जादू-टोना भगाने के लिए सिंधिया भले ही नींबू और मिर्च की माला पहनकर घूमते नजर आए लेकिन चुनाव जीतने के लिए दरअसल उन्हें दबंग फिल्म के लोकप्रिय ‘आइटम सॉन्ग’ का वीडियो देखना चाहिए ताकि याद रहे कि पार्टी को आपस में जोड़ने की जरूरत है. जी हां, गीत की तर्ज पर कहें तो- फेविकोल से.

EC ने कानून ओर संविधान का हवाला दे कर एक साथ दोनों चुनावों में अपनी असमर्थता जताई


मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने एक साथ चुनाव नहीं करवाने के लिए वीवीपैट मशीनों की कमी का हवाला दिया. साथ ही कहा कि इस फैसले को काफी मजबूती से इसे लागू करना होगा


देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अभी एक साथ नहीं कराए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कानूनी और संवैधानिक बदलाव करने जरुरी हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए जनप्रतिनिधि कानून को बदलना होगा. इन बदलावों के बाद ही देश में एक साथ चुनाव संभव हैं.

उन्होंने एक साथ चुनाव नहीं करवाने के लिए पर्याप्त संख्या में वीवीपैट मशीनों की कमी का भी हवाला दिया. उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले (एक साथ चुनाव करवाने) को काफी मजबूती से इसे लागू करना होगा.

सोमवार को सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि केंद्र सरकार अगले साल होने वाले आम चुनाव के साथ-साथ देश के 11 राज्यों में भी विधानसभा चुनाव करवा सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात पर जोर देते रहे हैं. उनके मुताबिक इससे न सिर्फ ऊर्जा और समय की बचत होगी बल्कि देश हमेशा रहने वाले चुनावी मूड से भी बाहर निकलेगा.


बस यूँ ही पूछ लिया,

भाई, साहब को यह तो नहीं लग रहा की मोदी राज़ के दिन गए?

EC, बहाने भी बनाता है नहीं मालूम था। 

3 राज्यों में विधान सभा चुनाव जीत सकती है कांग्रेस पर लोक सभा चुनाव भाजपा के पक्ष में


एबीपी न्‍यूज और सी-वोटर के ओपिनियन पोल में हालांकि यह बात भी निकल कर सामने आई है कि अगले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते बीजेपी इन तीनों राज्‍यों में कामयाबी पा सकती है

हरियाणा इस सूची में अगला राजी साबित होगा


इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्‍थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बाजी मार सकती है. वर्तमान में तीनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पिछले 15 वर्षों से बीजेपी की ही सरकार है. इस बार तीनों सूबों में बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है.

हालांकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी लहर के चलते बीजेपी इन तीनों राज्‍यों में कामयाबी पा सकती है. एबीपी न्‍यूज और सी-वोटर के ओपिनियन पोल में यह बात सामने आई है.

इस सर्वे में कहा गया है कि राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा. एमपी में उसे 230 में से 117 सीटें, राजस्‍थान में 200 में से 130 सीटें और छत्‍तीसगढ़ में 90 में से 54 सीटें मिलेंगी. वहीं बीजेपी 106 (एमपी), 33 (छत्‍तीसगढ़) और 57 (राजस्‍थान) सीटों पर सिमट जाएगी.

इन राज्‍यों में जीत कांग्रेस के बड़ी कामयाबी होगी और लोकसभा से पहले उसके हौसले बुलंद हो सकते हैं. देश की यह सबसे पुरानी पार्टी अभी केवल 4 राज्‍यों में सत्‍ता में हैं. अगले साल के आम चुनाव से पहले इन राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इन तीनों राज्‍यों में कुल मिलाकर 65 लोकसभा सीटें हैं.

एबीपी न्‍यूज और सी-वोटर के इस सर्वे में 28 हजार लोगों ने हिस्‍सा लिया.

इन्‍होंने राज्‍य और केंद्र के लिए अलग-अलग पार्टियों को वोट देने की बात कही. राज्‍य में जहां सत्‍ता बदलने की बात कही तो केंद्र में वर्तमान सरकार को ही दोहराने पर सहमति दी. प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी पहली पसंद रहे. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी दूसरे नंबर पर रहे लेकिन उन्‍हें काफी कम वोट मिले.

राजस्‍थान

एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में यहां कांग्रेस को सबसे ज्‍यादा फायदा होते दिखाया गया है. पार्टी को 51 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है जबकि बीजेपी को 37 प्रतिशत वोट मिलने की बात कही गई है. अगर ऐसा हुआ तो यह नतीजा 2013 के चुनावों से एकदम उलट होगा जब बीजेपी को 163 सीटें मिली थी. मुख्‍यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के अशोक गहलोत सबसे लोकप्रिय चेहरे के तौर पर उभरे हैं. उन्‍हें 41 प्रतिशत लोगों ने वोट किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को 18 प्रतिशत लोगों ने ही पसंद किया. वहीं लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी को 47 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. कांग्रेस 43 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती है.

मध्‍य प्रदेश

चुनाव में यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 15 साल के सत्‍ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है. सर्वे में कांग्रेस को 42 और बीजेपी को 40 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जताई गई है. लोकसभा की बात करें तो बीजेपी को 46 और कांग्रेस को 39 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी को 54 और राहुल को 25 प्रतिशत लोगों ने यहां पसंद किया है.

छत्‍तीसगढ़

साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर बने इस राज्‍य में वोट शेयर के लिहाज से दोनों दलों में कड़ा मुकाबला रहेगा. कांग्रेस को 40 तो बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है. इस लिहाज से राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 54 कांग्रेस जीत सकती है जबकि बीजेपी के खाते में महज 33 सीटें आ सकती हैं.