भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ‘चैंपियन ऑफ अनर्थ’: रणदीप सुरजेवाला


अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत कि उभरती तस्वीर कांग्रेस को हजम नहीं हो रही. पहले तो कांग्रेसी प्रवक्ता भारतीय मतदाताओं कि बुद्धि पर ही कटाक्ष करते थे अब वह अन्तराष्ट्रीय मंच संचालकों कि बुद्धि पर भी तंज़ कसने लग पड़े हैं,

रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ऐसा लगता है कि मोदी ‘चैंपियन ऑफ अनर्थ’ साबित हुए हैं.


कांग्रेस ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर किसानों पर बल प्रयोग को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने मोदी को ‘चैंपियन ऑफ अर्थ’ का पुरस्कार दिया है, लेकिन किसानों पर लाठी चलवाकर वह ‘चैंपियन ऑफ अनर्थ’ साबित हुए हैं.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि देश की मोदी सरकार किसान मुक्त भारत का निर्माण करने में जुटी है. मोदी जी चैंपियन ऑफ अनर्थ साबित हुए हैं, जो धरती पुत्र को मारे वह धरती का चैंपियन नहीं नहीं हो सकता.’ दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र ने अपना सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ प्रदान किया है.

उन्होंने कहा, ‘मोदी जी, भगोड़ों को देते हैं नोट और किसानों को देते हैं लाठी की चोट. अब तो देश के हर कोने से यही स्वर सुनाई देता है-नरेंद्र मोदी, किसान विरोधी.’ सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार में कई बार किसानों पर लाठियां और गोलियां चलाईं गई हैं. अब तो यह रोजाना की बात हो गई है.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘किसानों को एक बार फिर झूठे वादों को टोकरी पकड़ा दी गई. यह सरकार कब तक किसानों को ठगेगी? प्रधानमंत्री जी जवाब दें.’ उन्होंने सवाल किया, ‘एमएसपी का वादा जुमला क्यों बन गया? जब चार साल में बड़े उद्योगपतियों के 3.17 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया तो 62 करोड़ लोगों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया जा सकता?’

कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘यूरिया और खाद की कीमतें बढ़ाकर किसानों पर अत्याचार क्यों? डीजल की कीमत लगातार बढ़कर किसान की कमर क्यों तोड़ रहे हैं?’

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन यहां उन्होंने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया : दिग्विजय सिंह


दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी और आरएसएस का सबसे बड़ा आलोचक हूं. राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, हम सभी उनका कहा मानते हैं’


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती के उनपर लगाए आरोपों को खारिज किया है.

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि मैं मायावती का सम्मान करता हूं. मैं कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन का समर्थक हूं. छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर बात हो रही थी लेकिन वो (मायावती) इसके लिए तैयार नहीं हुईं. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन यहां उन्होंने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया.’

I’ve already made it clear that I respect Mayawati ji&has been in favour of Congress-BSP alliance from beginning. In Chhattisgarh, there were talks for alliance but she didn’t go for it. In MP too there were talks of alliance, she declared 22 candidates: Digvijaya Singh, Congress

बीजेपी का एजेंट होने के आरोपों पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी और आरएसएस का सबसे बड़ा आलोचक हूं. राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, हम सभी उनके आदेशों का पालन करेंगे.’

Please ask her, as far as I am concerned, I had been one of the bitterest critics of Modi ji, Amit Shah ji, BJP & RSS. Rahul Gandhi is our Congress chief, we follow his directions: Digvijaya Singh, Congress on BSP chief Mayawati’s statement on him

इससे पहले बुधवार को ही मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ‘कांग्रेस घमंडी हो गई है और उसे गलतफहमी है कि वो बीजेपी को अकेले अपने दम पर हरा देगी. लेकिन सच्चाई यह है कि लोग कांग्रेस को उसकी गलतियों और भ्रष्टाचार के लिए भूले नहीं हैं.’

बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह जो बीजेपी के एजेंट हैं. उन्होंने बयान  दिया है कि मायावती को केंद्र की तरफ से प्रेशर है इसलिए वो गठबंधन करना नहीं चाहतीं. यह निराधार है. दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी का गठबंधन हो. वो सीबीआई, ईडी की तरह डरे हुए हैं.’

दिग्विजय भाजपा के एजेंट , राजस्थान और मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेंगी : मायावती


मायावती ने कहा ‘कांग्रेस घमंडी हो गई है और उसे गलतफहमी है कि वह बीजेपी को अकेली हरा देगी लेकिन सच्चाई यह है कि लोग कांग्रेस को उसकी गलती और भ्रष्टाचार के लिए नहीं भूले हैं.’


बीएसपी चीफ मायावती ने बुधवार को कहा कि बीएसपी राजस्थान और मध्य प्रदेश चुनाव अकेली लड़ेगी. इन चुनावों में बीएसपी कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी.

“They (Congress) are getting arrogant & are under misconception that they can defeat BJP on their own but the ground reality is that people haven’t forgiven Congress party for their mistakes&corruption…They don’t seem to be ready to rectify themselves”: BSP chief Mayawati 

मायावती ने कहा ‘कांग्रेस घमंडी हो गई है और उसे गलतफहमी है कि वह बीजेपी को अकेली हरा देगी लेकिन सच्चाई यह है कि लोग कांग्रेस को उसकी गलती और भ्रष्टाचार के लिए नहीं भूले हैं.’

“I feel that Sonia Gandhi & Rahul Gandhi’s intentions for Congress-BSP alliance are honest. However some Congress leaders are sabotaging this” : BSP Chief Mayawati

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा ‘मुझे महसूस होता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इरादे गठबंधन को लेकर ठीक हैं. जबकि कुछ कांग्रेस नेता इसमें गड़बड़ कर रहे हैं.’

“Digvijaya Singh who is also a BJP agent is giving statements that Mayawati ji has a lot of pressure from Centre so she doesn’t want this alliance. This is baseless”: BSP Chief Mayawati

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा ‘दिग्विजय सिंह जो बीजेपी के एजेंट हैं. उन्होंने स्टेटमेंट दिया है कि मायावती को केंद्र की तरफ से प्रेशर है इसलिए वह गठबंधन करना नहीं चाहतीं. यह निराधार है. दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी का गठबंधन हो. वह सीबीआई, ईडी की तरह डरे हुए हैं.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी आज चुनाव में मुसलमानों को उम्मीदवार बनाने से डर सकती है, लेकिन बसपा ऐसा नहीं करती.

Justice Ranjan Gogoi is 46th CJ India.


President Ram Nath Kovind administered the oath to Justice Gogoi at a ceremony which took place in Rashtrapati Bhavan’s Darbar Hall.

Justice Gogoi’s father Sh. Keshab Chandra Gogoi was a Chief minister under the Indian National Congress regime in the state of Assam in the year 1982.


Justice Ranjan Gogoi took oath as the as the 46th Chief Justice of India on Wednesday as he succeeded Justice Dipak Misra.

President Ram Nath Kovind administered the oath to the 63-year-old Justice Gogoi at a ceremony which took place in Rashtrapati Bhavan’s Darbar Hall.

Justice Gogoi’s father Sh. Keshab Chandra Gogoi was a Chief minister under the Indian National Congress regime in the state of Assam in the year 1982.

Justice Gogoi will have a tenure of a little over 13 months and would retire on November 17, 2019.

He was appointed as a judge of the Supreme Court on April 23, 2012.

Born on November 18, 1954, Justice Gogoi was enrolled as an advocate in 1978. He practised in the Gauhati High Court on constitutional, taxation and company matters.

He was appointed as a permanent judge of the Gauhati High Court on February 28, 2001. On September 9, 2010, he was transferred to the Punjab and Haryana High Court.

He was appointed as Chief Justice of Punjab and Haryana High Court on February 12, 2011.

Justice Gogoi was one of the four Supreme Court judges who had revolted against CJI Misra earlier this year. The other three were Justice J. Chelameswar, Justice Madan B. Lokur and Justice Kurian Joseph.

In an unprecedented move, the four senior-most judges of the apex court had held a press conference in January this year raising, among other things, questions over assigning cases to different judges by the CJI.

Earlier in September, CJI Misra had recommended Justice Gogoi as his successor as per the established practice of naming for the post the senior-most judge after the CJI.

The appointment of members of the higher judiciary is governed by the Memorandum of Procedure, which says “appointment to the office of the Chief Justice of India should be of the senior-most judge of the Supreme Court considered fit to hold the office”.

The protocol stipulates that the law minister will, at an appropriate time, seek recommendation of the outgoing CJI for the appointment of a successor. Once the CJI makes the recommendation, the law minister puts it before the Prime Minister who then advises the President on the matter.

After President Ramnath Kovind signed warrants of Justice Gogoi’s appointment , a notification was issued announcing his appointment.

protesting farmers faced water cannons at the Delhi-Uttar Pradesh border

Police fire water cannons upon protesting farmers at the Delhi-Uttar Pradesh border on Tuesday, October 2, 2018.


The farmers were marching to Delhi from Haridwar.


Delhi police on Tuesday fired water cannons and teargas shells at protesting farmers as they tried to break barricades put up to stop them at the Delhi-Uttar Pradesh border.

The Delhi police had issued week-long prohibitory orders under section 144 on Monday, in anticipation of the Kisan Kranti Padyatra organised by the Bharatiya Kisan Union, arriving from Haridwar.

The rally was expected to make its way to Kisan Ghat in the city this afternoon. But organisers said that the police were not letting the march enter the city because of the large number of tractors they were bringing along with them.

Farmers marching towards Delhi as part of the Kisan Kranti Padyatra organised by the Bharatiya Kisan Union on Tuesday, October 2, 2018.

In East Delhi, the prohibitory orders issued by Deputy Commissioner of Police (East) Pankaj Singh under section 144 of the Criminal Procedure Code, will be in force until October 8.

It covers Preet Vihar, Jagatpuri, Shakarpur, Madhu Vihar, Ghazipur, Mayur Vihar, Mandawli, Pandav Nagar, Kalyanpuri and New Ashok Nagar police station limits.

In northeast Delhi, the prohibitory orders were issued by Deputy Commissioner of Police (Northeast) Atul Kumar Thakur and will be in force till October 4.

Leaders will have to pay for damage by cadre: SC

 

Leaders of outfits who instigate a mob to an act of vandalism, which results in death or loss of public and private property, will personally face criminal action and are liable to compensate the victims of the violence, the Supreme Court ruled on Monday.

A Bench of Chief Justice of India Dipak Misra and Justices A.M. Khanwilkar and D.Y. Chandrachud pinned the criminal liability squarely on leaders of outfits who “initiate, promote and instigate” mobs to destroy public and private property in the name of demonstrations, especially against cultural programmes, films and expressions of artistic freedom.”

The taxpayer is not responsible to cough up money to pay for the destruction caused by mobs, the Bench held.

Each and every person, who was part of the violence, would be booked under Sections 153A (promoting enmity), 295A (deliberate and malicious acts to outrage religious feelings), 298 (intent to wound religious feelings) and, lastly, 495 (mischief) of the Indian Penal Code. The offences would come alive if the call for violence was made through a spokesperson or through social media of a group or by any individual.

The Supreme Court ordered persons caught red-handed by the police to be arrested on the spot.

If any leader fails to appear in the police station concerned, he shall be proceeded against as a suspect and be even declared an “absconding offender”.

State governments should set up Rapid Response Teams, preferably district-wise, to respond to mob violence, install websites which report instances of mob violence and destruction of public and private properties, special helplines, employ non-lethal crowd-control devices, like water cannons to deter the mob

स्टेट क्राईम ब्रांच मानव तस्करी निरोधक सैल की टीम ने गुमशुदा बच्चे को उसके भाई बहिन से मिलवाया

क्राईम ब्रांच मानव तस्करी निरोधक सैल की टीम बच्चे को सैक्टर-2 बाल स्थित निकेतन में डाक्टर मधु शर्मा को सुपुर्द करते हुए।

पंचकूला 1 अक्तूबर:
स्टेट क्राईम ब्रांच मानव तस्करी निरोधक सैल की टीम ने, जिसमें एस आई मुकेश रानी, एएसआई राजेश कुमार व एचसी कर्मचंद है, गांव रामगढ़ पंहुचकर, एक लडक़ा, जिसकी उम्र करीब 9 वर्ष है, उससे पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उस लडके ने बताया कि मेरे माता पिता की मृत्यु हो चुकी है और हम पंाच भाई बहन हैं। लडक़े ने  अपना नाम अर्जुन पुत्र धानेस गांव मनसा देवी बताया।
गौर तलब है कि इसी टीम ने पिछले दिनों दो अनाथ बच्चों को बाल स्नेहालय पंहुचाया था. आज मिला बच्चा इन्हीं 5 भाई बहिनों में तीसरा है. बाकी 2 कि भी तलाश जारी है.
टीम नेे बच्चे को अपने साथ लेकर डीडीआर चौकी में करवाई व मैडिकल करवाकर सीडब्लूसी को पेश करके सैक्टर-2 बाल स्थित निकेतन में डाक्टर मधु शर्मा को सुपुर्द किया। इससे पूर्व  भी टीम द्वारा 28 सितंबर को दो बच्चे इसी बाल निकेतन में पहुंचाए गए थे। यह तीनों सगे बहन भाई है। इनके माता पिता का साया इनके ऊपर से उठ गया है। टीम ने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि कोई भी लावारिश बच्चा यदि किसी को मिलता है तो पुलिस विभाग के मुकेश रानी के मोबाईल नम्बर म्8728922676 तथा राजेश के मोबाईल नम्बर 9417567221 पर सूचित करें।

देश का टॉप स्वच्छ राज्य (ग्रामीण) बना हरियाणा


  • हरियाणा के पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की मेहनत रंग लाई

  • हरियाणा को मिलेगा पहला ग्रामीण स्वच्छता पुरस्कार

  • देश का टॉप स्वच्छ राज्य (ग्रामीण) बना हरियाणा

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ग्रहण करेंगे पुरुस्कार


चंडीगढ़।

हरियाणा के पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की मेहनत एक बार फिर रंग लाई है। हरियाणा को ग्रामीण क्षेत्र में देश का सबसे स्वच्छ राज्य चुना गया है। खास बात यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को ये पुरस्कार देंगे। मुख्यंमत्री मनोहर लाल हरियाणा के लिए यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे। हरियाणा के लिए प्रसन्नता का विषय यह भी है प्रदेश के रेवाड़ी, करनाल और गुरुग्राम जिलों में अग्रणी रहे हैं।

आपको याद दिला दें कि पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने निरन्तर प्रयास से हरियाणा को खुले में शौच मुक्त बनाया। हरियाणा के गांवों की सूरत बदलनी शुरू की । गावो को 7 स्टार की योजना आरंभ की। इस योजना में स्वच्छता का भी एक स्टार था। हरियाणा के करीब 15 सौ गांवों को स्टार विलेज का दर्जा मिला। इसी प्रकार गर्वित की स्वयंसेवको की टीमें भी प्रदेश में सक्रिय हैं। गर्वित ने जून में एक लाख टूटी लगाकर पानी बचाने की अनूठी पहल की। जबकि स्वच्छता का अभियान भी गर्वित के स्वयं सेवक निरन्तर चलाये रखते है। प्रदेश के नागरिक भी स्वच्छता के प्रति बहुत जागरक हुए हैं । सभी प्रयासों के चलते स्वच्छता के मामले में हरियाणा की तस्वीर बदली है।

इसी के चलते ग्रामीण क्षेत्र के सर्वेक्षण के बाद केंद्र के सम्बंधित मंत्रालय की ओर से अब 2 अक्टूबर को राज्यो को पुरस्कार दिए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री उमा भारती की ओर से जारी पत्र में हरियाणा के टॉप रहने की सूचना के साथ पुरुस्कार के बारे में जानकारी दी है। पत्र में कहा गया है कि ssg 2018 के तहत हरियाणा को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। कल 2 अक्टूबर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ हरियाणा के लिए और प्रदेश व टॉप रहे तीन जिलों के लिए पुरस्कार ग्रहण करेंगे।

पंचायत मंत्री ने दी जनता को बधाई

हरियाणा के पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने हरियाणा को स्वच्छयता में टॉप रहने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी है।
उन्होंने इस पर प्रसन्नता जताते हुए की प्रदेश की पंचायतों, पंचायत समितियों ओर जिला परिषदों के प्रतिनिधियों ने अपनी समर्थता से बढ़कर सहयोग किया है । इस काम मे प्रदेश की जनता ने भी बढ़चढ़ कर साथ दिया है, इसलिए प्रदेश का हर नागरिक इसके लिए बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि ये पुरुस्कार हरियाणा के हर नागरिक के लिए सम्मान की बात है।

हरियाणा के कालेजों व यूनिवर्सिटी में 15 अक्तूबर से पहले होंगे चुनाव- राम बिलास शर्मा


तत्कालीन सीएम चौधरी बंसीलाल ने 1996 में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी


 प्रदेश के काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में 22 साल बाद छात्रसंघ के चुनाव सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकते हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा। यह आश्वासन सीएम मनोहर लाल ने मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रतिनिधिमंडल को दिया है। एबीवीपी सीएम से मांग की है कि छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली के आधार पर कराए जाने चाहिए। इसके बाद सीएम ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर सभी जिलों के डीसी व एसपी को आदेश दिए कि वे चुनावों को लेकर पूरी तैयारी रखें, ताकि छात्रसंघ चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराए जा सकें।

कॉलेजों में 20% सीटें भी बढ़ें- एबीवीपी: एबीवीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र धीमान ने कहा कि प्रदेश में काफी संख्या में बेटियों को कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल रहा है। ऐसे में 20 फीसदी तक सीटें बढ़ाए जाने की जरूरत है। सीएम ने आश्वासन दिया है कि सीटें बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।

5 तक तारीख घोषित करे सरकार- इनसो: इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) के अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा, ‘5 अगस्त तक चुनाव की घोषणा न होने पर इनसो ने आंदोलन की चेतावनी दे रखी है। सरकार ने एबीवीपी के प्रतिनिधियों को बुलाकर पुरानी बात दोहरा दी। हम 5 अगस्त तक चुनाव की तारीख चाहते हैं। चुनाव डायरेक्ट होने चाहिए। सरकार ने छात्रसंघ चुनाव के लिए न बजट जारी किया, न यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में शामिल किया है।’

सरकार के फैसले का स्वागत- एनएसयूआई: एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा, ‘सरकार छात्रसंघ चुनाव कराती है तो हम इसका स्वागत करते हैं। सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करे। यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में इसे शामिल कराए। चुनाव डायरेक्टर ही कराए जाएं।’

1996 में बंसीलाल ने लगाई थी रोक: हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा की गठबंधन सरकार में तत्कालीन सीएम चौधरी बंसीलाल ने 1996 में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी। इसके बाद से स्टूडेंट्स की ओर से चुनाव की मांग की जाती रही। 22 साल में भाजपा-इनेलो गठबंधन के बाद 10 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, पर चुनाव बहाल नहीं हो सके। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने छात्रसंघ चुनाव का वादा किया था।

22 साल बाद हरियाणा में छार संघ चुनाव

शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा और मुख्य मंत्री मनोहरलाल खट्टर की फाइल फोटो

अजय कुमार , पंचकुला Big Breaking….


हरियाणा के कालेजों व यूनिवर्सिटी में 15 अक्तूबर से पहले होंगे चुनाव- राम बिलास शर्मा
22 साल बाद हो रहें है हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव- शर्मा
2016-17 से पहले खोले गए कालेजों में ही होंगे चुनाव- शिक्षा मंत्री
अप्रत्यक्ष रूप से होगी छात्र संघ के प्रधान का चुनाव-शर्मा
प्रोफेसर टंकेश्वर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर होंगे चुनाव -शर्मा


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल के मुलाकात करने के तुरंत बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में 22 साल से बंद छात्र संघ के चुनाव बहाल करने का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में विद्यार्थियों से यह वादा किया था। सत्ता में आने के चार साल बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐलान किया है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सितंबर के आखिर अथवा अक्टूबर के शुरू में छात्र संघ के चुनाव कराए जाएंगे

भाजपा ने सत्ता में आने के चार साल बाद किया चुनावी वादा पूरा

राज्‍य की छात्र राजनीति के कई सुखद पहलू हैैं तो दागदार पहलू भी कम नहींं। विश्वविद्यालयों और कालेजों के कैंपस युवाओं के खून से रंगे हैैं। करीब 12 छात्र नेताओं की हत्या और हर जिले में मुकदमेबाजी से आजिज तत्कालीन हविपा-भाजपा सरकार के मुखिया चौ. बंसीलाल ने १९९६ में छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगा दी थी। तभी से छात्र राजनीति हाशिए पर है।

चुनाव का तरीका अभी तय नहीं, सीएम ने डीसी-एसपी को दिए निर्देश

इन 22सालों में कांग्रेस और इनेलो की सरकारें रहीं। दोनों पार्टियों के छात्र संगठन लगातार छात्र संघ चुनाव कराने की मांग करते रहे, लेकिन कोई पार्टी आज तक साहस नहीं जुटा पाई। भाजपा ने भी हालांकि हिम्मत कर अपना बड़ा चुनावी वादा पूरा किया है। अभी तक यह साफ नहीं किया गया कि चुनाव डायरेक्ट प्रणाली से होंगे अथवा मतदान के जरिये। सरकार के पास हिंसा से बचने के लिए ऑनलाइन सिस्टम के जरिये भी चुनाव कराने का विकल्प है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में छात्र संघ के चुनाव की तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैैं। उन्होंने डीसी-एसपी से कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव सरकार का पहला टारगेट है। सीएम ने डीसी व एसपी को संकेत दिया कि चुनाव सितंबर अथवा अक्टूबर में होंगे।

तीन कुलपति और एक रजिस्ट्रार की कमेटी ने सरकार  के समक्ष सिफारिश की है कि कुछ विश्वविद्यालयों व कालेजों में आॅनलाइन चुनाव करा लिए जाएं। प्रयोग सफल रहा तो अगले सत्र से सभी कालेजों व विश्वविद्यालयों में आॅनलाइन ही चुनाव होंगे। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला और एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा इसके हक में नहीं हैैं। दूसरी ओर, एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजेंद्र धीमान ने डायरेक्ट चुनाव की पेशकश की है।