नॉर्थ मुंबई से उर्मिला दिखाएंगी भाजपा को हाथ

मासूम से फिल्मों में आने वाली उर्मिला मतोंदकर रंगीला के साथ सिने जगत पर छा गईं थीं फिर एक हसीन थी के बाद उन्हे ॐ शांति ॐ के एक गीत में एक से दो सीन में अतिथि भूमिका में दिखाईं पड़ीं। फिर लंबी अनुपस्थिति के बाद उनकी शादी की खबर आई काश्मीर के मोहसिन अख्तर मीर के साथ। मोहसीन काश्मीरी व्यापारी हैं लेकिन उनके बारे में अधिक कोई नहीं जानता

अब अचानक ही उर्मिला के कांग्रेसी प्रतियाशी होने की बात सामने आई है, मुस्लिम से निकाह कर उन्होने यह योग्यता हासिल की है(उदारवादी हिन्दू ओर सेक्युलर छवि)। कांग्रेस गोविंदा वाला फार्मूला फिर से दोहराना चाहती है।गोपाल शेट्टी ने जिस सीट से संजय निरूपम बुरी तरह सेहराया था उसी सीट से अब उर्मिला शेट्टी के खिलाफ मैदान में उतरेगी। इसी सीट पर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ कर गोविंदा ने भाजपा के राम नाईक को बहुत करारी शिकस्त दी थी।

मुंबई: अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि वह अगले दो-तीन दिनों में कांग्रेस ज्वाइन कर सकती हैं. बताया जा रहा है कि उर्मिला को कांग्रेस नॉर्थ मुंबई लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना सकती है. इस सीट पर बीजेपी ने गोपाल शेट्टी को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस की रणनीति है कि वह गोपाल के खिलाफ ग्लैमरस चेहरा मैदान में उतारे. इसी वजह से उर्मिला को चुनाव में उतारने की तैयारी हो रही है. 

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) में नॉर्थ मुंबई सें मराठी अभिनेत्री आसावरी जोशी और शिल्पा शिंदे ने भी कांग्रेस से टिकट की मांग की है, लेकिन अब तक इस पर फैसला नहीं हो पाया है. 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नॉर्थ मुंबई सीट से कांग्रेस की ओर से संजय निरुपम ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे बीजेपी के गोपाल शेट्टी से हार गए थे. जीत और हार का फासला भी बड़ा था, जिसके चलते संजय निरुपम इस बार नॉर्थ वेस्ट मुंबई से लड़ना चाहते हैं. 

साल 2004 में नॉर्थ मुंबई सीट पर कांग्रेस ने बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा को मैदान में उतारा था. यह रणनीति काम आई थी और गोविंदा ने बीजेपी के कद्दावर नेता राम नाईक को करारी शिकस्त दी थी. उर्मिला के बहाने कांग्रेस 2004 का इतिहास साल 2009 में दोहराना चाहती है.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के सामने बीजेपी अभिनेत्री जया प्रदा को उतारने की तैयारी कर रही है. इससे पहले सपना चौधरी के कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने की चर्चा थी. हालांकि सपना चौधरी ने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

कमल नाथ और सिंधिया के षड्यंत्र का शिकार हुए दिग्विजय: विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय को जानने वालों की मानें तो कैलाश विजयवर्गीय सटीक बोलते हैं, निर्भीक वक्तव्य उनकी पहचान है और उनकी बात का कोई दूसरा मतलब नहीं होता। आज जब कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय को षड्यंत्र का शिकार बताया तो जानना सरल हो गया कि 2003 से 2018 तक अपने लिए पूरे मध्यप्रदेश में कोई सुरक्शित सीट नहीं मिली अत: वह राज्यसभा के रास्ते संसद भवन कि सीढ़ियाँ चढ़ते रहे। परन्तु कमाल नाथ और सिंधियाके द्वारा उन्हे विश्वास दिला दिया गया है कि लोग भाजपा से नाराज़ हैं जिनहोने कांग्रेस को विधान सभा में जीत दिलाई है तो अब लोक सभा में समीकरण और भी पक्ष में हैं। अत: दिग्विजय चुनावी रन में कूद पड़ें हैं। वैसे भी बिना चुनाव लड़े राजनीति में डेढ़ दशक तक सत्ता शीर्ष में रहना भी एक कला है जो दिग्विजय सिंह को ही आती है। अब उन्हे चुनाव लड़ने ही पड़ेगा।

भोपालः भाजपा की गढ़ कही जाने वाली भोपाल लोकसभा सीट पर दिग्विजय पर दाब लगाकर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया है. वहीं भाजपा को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर वह कौन है जो दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़कर भाजपा को जीत दिला सकता है. ऐसे में जहां पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर पहले ही दिग्विजय सिंह को चुनौती दे चुके हैं और भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं तो वहीं भाजपा के ही एक अन्य नेता ने दिग्गी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है.

इंदौर में दहाड़ लागते हुए आज कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करके भाजपा की राह आसान कर दी है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि ”पार्टी कहेगी तो भोपाल से लड़ने को तैयार हूं. दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने में मजा आएगा. बता दें इंदौर में कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने खुले शब्दों में कहा है कि मुझसे पूछा गया तो मैं भोपाल से लडूंगा और दिग्विजय के खिलाफ लड़ने में मजा आएगा.”

उन्होंने आगे कहा कि ”दिग्विजय तो भोपाल से चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे, वह तो सुरक्षित सीट ढूंढ रहे थे, जो हमेशा दुसरों को फंसाता रहा, वह खुद कमलनाथ और सिंधिया के षड्यंत्र में फंस गया है. दिग्विजय को भोपाल से हराना ही है.” वहीं कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी के चुनाव लड़ने पर भी कैलाश ने बोला हमला बोला है और कहा कि ”एमपी की सरकार जाने वाली है इसलिए उनके सरकार के मंत्री सासंद बनना चाहते हैं. सरकार जाने के बाद मंत्री पद तो रहेगा नहीं इसलिए सांसद बनना चाहते हैं” वहीं इंदौर से सुमित्रा महाजन का नाम होल्ड करने के सवाल पर कहा, 25 तक मध्यप्रदेश की सारी सीटें तय हो जाएगी.

भाजपा के गढ़ ‘भोपाल’ से चुनाव लड़ेंगे दिग्गी राजा

2018 के विधानसभा चुनावों के पश्चात हाशिये पर सिमट चुकी कांग्रेस ने सपा बसपा इत्यादि के साथ मिल कर मध्यप्रदेश में सरकार बनाई है। बसपा ने अपना समर्थन वापिस लेने की बात कर दी है, और भाजपा ने भी कह दिया है की लोकसभा चुनावों के पश्चात इस नव निर्मित सरकार कुछ ही दिनों की मेहमान होगी। परंतु अपनी पुरानी चुनावी जीत से अभिभूत और नए सिरे से आत्मविश्वास से लबरेज कमाल नाथ और दिग्विजय सिंह भाजपा को सीधे सीधे टक्कर देने की जुगत में हैं। 2003 के बाद से हार के दर से कोई भी चुनाव न लड़ कर राज्य सभा में सुरक्शित सीट पाने वाले दिग्विजय सिंह भी कमलनाथ के सहारे भाजपा का गढ़ काही जाने वाली भोपाल सीट से चुनाव के प्रत्याशी होंगे। सांड रहे कि भाजपा भोपाल लोकसभा सीट पिछले 30 सालों से जीतती आ रही है। अत: भाजपा को इस सीट पर बेखबर मानना एक भूल भी हो सकती है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को यहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की. कमलनाथ ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति ने तय कर लिया है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे. इस नाम की मैं घोषणा कर सकता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को इंदौर, जबलपुर अथवा भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था. अंत में तय हुआ है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे. कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि दिग्विजय सिंह को कठिन सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, लिहाजा कमलनाथ द्वारा कही गई बात पर केंद्रीय चुनाव समिति ने भी मुहर लगा दी है. भोपाल वह संसदीय क्षेत्र है, जहां लंबे अरसे से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है.

कमलनाथ बोले- इस फैसले मैं बहुत खुश
कमलनाथ से जब पूछा गया कि भोपाल से चुनाव लड़ाए जाने के फैसले से दिग्विजय सिंह खुश हैं या नहीं? कमलनाथ ने कहा, “यह तो उन्हीं से पूछिए, मगर मैं तो खुश हूं.” दिग्विजय ने राज्य विधानसभा का अंतिम चुनाव 2003 में लड़ा था. उस चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्होंने 10 साल तक कोई चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. इसी के चलते उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. दिग्विजय वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. कांग्रेस की डेढ़ दशक बाद राज्य में सत्ता वापसी हुई है और अब दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं.

1989 के बाद सभी चुनावाें में बीजेपी जीती
भोपाल संसदीय क्षेत्र के अब तक के चुनाव परिणामों पर नजर डालने पर पता चलता है कि यह सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है. भोपाल में वर्ष 1989 के बाद से हुए सभी आठ चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली है. यहां से सुशील चंद्र वर्मा, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी और आलोक संजर चुने जा चुके हैं. वहीं इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के छह सांसद चुने गए हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा प्रमुख रहे हैं. इसी तरह वर्ष 1967 में जनसंघ और वर्ष 1977 के चुनाव में लोकदल से आरिफ बेग यहां से निर्वाचित हुए थे.

राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिनमें से 26 पर भाजपा का कब्जा है. तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं. छिंदवाड़ा से कमलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और रतलाम से कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के सांसद हैं.

आसानी से नहीं खोना चाहेगी बीजेपी इस सीट को
इस सीट पर लंबे समय से बीजेपी का कब्‍जा रहा है. ऐसे में वह इस सीट को कांग्रेस के पास नहीं जाने देगी. लेकिन उसे ये भी ध्‍यान रखना होगा कि सामने दिग्‍व‍िजय सि‍ंह हैं. ऐसे में उसे भी अपना हेवीवेट उम्‍मीदवार ही मैदान में उतारना होगा.

2019 में सुरक्षित सीट की तालाश में राहुल

अमेठी लोकसभा चुनाव क्षेत्र 1967 से कांग्रेस की सीट रही है संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात राजीव गांधी यहाँ से निर्वाचित हुए तभी से यह कांग्रेस की पारंपरिक सीट से बदल कर पारिवारिक सीट हो गयी। 2004 के बाद से कोई भी राहुल गांधी को चुनौती नहीं दे पाया था, लेकिन 2014 के चुनावों में भाजपा की दिग्गज नेता, टीवी अभिनेत्री से नेत्री बनी समृति ईरानी के आने से महौल बदला और राहुल को एक चुनौती का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी द्वारा कुमार विश्वास को मैदान में उतारने से चुनावी समीकरण राहुल गांधी की ओर बैठ गए अन्यथा विश्वास द्वारा काटेगए वोट भी स्मृति के पक्ष में जाते और राहुल की जीत का अंतर कुछ 100 ही में सिमट जाता।

अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है राहुल गांधी ने अमेठी से सांसद होते हुए भी अकर्मण्यता का परिचय दिया और अमेठी के बारे में यह कहा जाता है कि राजीव गांधी ने 1981 में जिस झोंपड़ी से चुनाव प्रचार किया था 2019 के क्ंग्रेस चुनाव प्रचार भी उसी झोंपड़ी से किए जाएँगे (यह सिर्फ 1967 से आज तक कांग्रेस सांसदों के रहते अमेठी के हालात बयान करती प्रतीकात्मक बात है) भाजपा का मानना है कि 2004 से आज तक राहुल ने उतने वादे अमेठी से नहीं किए जीतने काम स्मृति ईरानी ने हारने के बाद भी अमेठी में करवा दिये। लोगों के मन में स्मृति इरानि को लेकर था कि हारने के बाद स्मृति पुन: अमेठी नहीं आएंगीन, परंतु स्मृति ने न केवल वहाँ अपना दफ्तर बनाया अपितु वह बारंबार अमेठी आती रहीं और स्थानीय लोगों की समस्याओं का निदान करतीं रहीं।

2010 में जिला घोषित होने के बाद से 2017 तक यहाँ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का दफ्तर भी नहीं था। अमेठी ने गांधी परिवार को चुनाव दर चुनाव जितया परंतु अमेठी को गांधी परिवार से सिर्फ राजनैतिक अकर्मण्यता के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। आज जब 2019 के चुनाव सामने हैं, स्मृति के किये काम दिखने लगे हैं ऐसे में लोगों को स्मृति से काफी उम्मीदें हैं। चुनावी समीकरण अब स्मृति की ओर झुके हुए हैं। बसपा सुप्रीमो ने हालांकि अमेठी सीट पर उम्मीदवार न उतारने की बात कही थी पर अब वह राहुल गांधी से नाराज़ चल रहीं हैं, विश्वास भी इस बार मैदान में नहीं हैं, चुनावी दंगल कर्मठ स्मृति तथा राहुल के बीच हैं जिसमे राहुल की जीत मुश्किल होती जान पड़ती है इसी लिए अब कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाइयां उन्हे (राहुल को) अपने राज्यों की सुरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने की प्रार्थना कर रहीं हैं। भीतर ही भीतर स्मृति से डरे हुए रहल अप्रत्यक्ष रूप से यही चाहते हैं परन्तु परोक्ष रूप से इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

पत्तनमतिट्टा/कोट्टायम (केरल) : प्रदेश कांग्रेस ने वयनाड लोकसभा सीट के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया है. यह सीट राज्य में पार्टी का गढ़ मानी जाती है. वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को बताया कि राहुल गांधी ने इस अनुरोध पर फिलहाल प्रतक्रिया नहीं दी है.

एआईसीसी महासचिव ओमन चांडी ने पत्तनमतिट्टा जिले में संवाददाताओं से कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने गांधी से वयनाड से लड़ने का आग्रह किया है लेकिन उन्होंने प्रस्ताव पर टिप्पणी नहीं की है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नेता मांग कर रहे हैं कि गांधी को किसी दक्षिण भारतीय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए और “हमने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया है.” चांडी ने कहा, “उन्होंने अब तक इस अनुरोध पर टिप्पणी नहीं की है. लेकिन हमें उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी.”

पार्टी केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 16 पर चुनाव लड़ रही है और उसने 14 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है लेकिन वयनाड एवं वडाकरा से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. वहीं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने कोट्टायम में कहा कि उन्होंने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया था जब वह हाल ही में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने केरल आए थे.

भारत विश्व की 3सरी बड़ी अर्थव्यवस्था : स्वामी

कोलकाता: 

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को दावा किया कि न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ना ही वित्त मंत्री अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था की जानकारी है क्योंकि वे भारत को पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बताते हैं जबकि भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है. स्वामी ने परोक्ष रूप से प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री ऐसा क्यों कहते हैं कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) गणना की वैज्ञानिक रूप से स्वीकार्य प्रक्रियाओं के अनुसार, भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

अपनी टिप्पणियों को लेकर अक्सर विवाद पैदा करने वाले स्वामी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि हमारे प्रधानमंत्री यह क्यों कहते रहते हैं कि पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था. क्योंकि उन्हें अर्थशास्त्र की जानकारी नहीं है और वित्त मंत्री भी अर्थशास्त्र नहीं जानते.’’ हार्वर्ड से अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी करने वाले और वहां यह विषय पढ़ाने वाले स्वामी अक्सर जेटली की आलोचना करते रहे हैं. स्वामी ने कहा कि विनिमय दरों पर आधारित गणना के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है. 

उन्होंने कहा कि विनिमय दरें बदलती रहती हैं और रुपये में गिरावट होने के कारण, भारत इस तरह की गणना के आधार पर फिलहाल सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. स्वामी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आकार की गणना का सही तरीका क्रय शक्ति क्षमता है और इसके आधार पर भारत फिलहाल तीसरे स्थान पर है. उन्होंने ‘‘एंगेजिंग पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’’ विषय पर कोलकाता में लोगों के समूह को संबोधित करते हुए कहा कि औपनिवेशिक बलों के आक्रमण से पहले तक भारत और चीन विश्व में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान के सबसे समृद्ध देश हुआ करते थे.

स्वामी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने 1950 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने ‘‘सर्वोदय मूड’’ में कहा था कि यह (स्थायी सदस्यता) चीन को जानी चाहिए.

राहुल बताएं की 55 लाख 9 करोड़ कैसे बने: रवि शंकर प्रसाद

नई दिल्‍ली: 

चुनाव की तारीखें जैसे जैसे करीब आ रही हैं, राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्‍यारोप और तीखे होते जा रहे हैं. पहले कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्‍पा के सहारे बीजेपी आलाकमान पर निशाना साधा. अब बीजेपी ने कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. अब केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से बीजेपी उम्‍मीदवार रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए उनकी आय का स्रोत पूछ लिया है. उन्‍होंने कहा, राहुल गांधी बताएं कि उनकी संपत्‍त‍ि जो 2004 में 55 लाख थी, वह 2014 में बढ़कर 9 करोड़ कैसे हो गई.

रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में पूछा, राहुल गांधी जब से राजनीति में आए हैं, उनकी आय का स्रोत सिर्फ सांसद का वेतन है. इसके अलावा कोई दूसरा आय का स्रोत नहीं है. उनके 2004 के एफिडेविट में उनकी अाय 55 लाख 38 हजार रुपए बताई गई थी. 2009 तक आते आते ये इनकम 2 करोड़ हो गई. वहीं जब उन्‍होंने 2014 का चुनाव लड़ा तो उनकी आय बढ़कर 9 करोड़ हो गई. रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा कि हम सब ये जानना चाहते हैं कि 55 लाख से आपकी इन्‍कम बढ़कर 9 करोड़ कैसे हो गई.

येदियुरप्पा डायरीपर स्पष्टीकरण दें प्रधानमंत्री : वेणुगोपाल
बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि येदियुरप्‍पा ने सीएम रहते हुए बीजेपी आलाकमान को करोड़ों रुपए दिए थे. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा भाजपा के नेताओं को कथित तौर पर धन दिए जाने से जुड़ी डायरी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि इस मामले पर मोदी को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘येदियुरप्पा डायरी से 1800 करोड़ रुपये के बड़े भ्रष्टाचार का संकेत मिलता है. इसकी जांच की जरूरत है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के मोदी सरकार के दावे को भंडाफोड़ होता है.’

उन्होंने कहा, ‘इन डायरी से सामने आई बातों पर प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए. प्रधानमंत्री इसका खुलासा करें कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने पैस लिए थे या नहीं.’ कांग्रेस महासचिव ने येदियुरप्पा से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मामले की जांच लोकपाल से होनी चाहिए.

‘द ताशकंद फाइल्स’ के पोस्टर्स रिलीज

फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के मेकर्स ने फिल्म की पूरी कास्ट के फर्स्ट लुक पोस्टर्स को शुक्रवार को रिलीज कर दिया है. इस फिल्म में कई सारे नेशनल अवॉर्ड विनर स्टार्स एक साथ नजर आने वाले हैं. उनमें मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी, श्वेता बसु प्रसाद और नसीरुद्दीन शाह जैसे सितारे हैं.

कई पोस्टर्स हुए रिलीज

फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के कईसारे पोस्टर्स एक साथ ही शुक्रवार को रिलीज कर दिए गए हैं. फिल्म के तकरीबन सभी स्टार्स ऐसे हैं जो अपनी किसी न किसी परफॉर्मेंस के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं. इस फिल्म को विवेक अग्निहोत्री डायरेक्ट कर रहे हैं. फिल्म के पोस्टर्स को ट्वीट करते हुए विवेक ने कैप्शन में लिखा कि, ‘सभी नेशनल अवॉर्ड विनर्स हैं. बाकी नेशनल अवॉर्ड विनर्स को कल अनवील किया जाएगा.’

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Vivek Ranjan Agnihotri@vivekagnihotri

All national award winners.

More award winners to reveal tommorrow

Trailer out on Monday 25th March at 2 PM. #TheTashkentFiles #WhoKilledShastri1,7109:48 PM – Mar 22, 2019571 people are talking about thisTwitter Ads info and privacyView image on Twitter

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Vivek Ranjan Agnihotri@vivekagnihotri

Friends, the film you’ve been waiting for:

The man you know… The mystery you don’t! #TheTashkentFiles
Releasing on 12th April 2019. #WhoKilledShastri#MithunChakraborty #NaseeruddinShah @shweta_official @TripathiiPankaj @pathakvinay @mandybedi #PallaviJoshi #LalBahadurShastri4,14210:10 AM – Mar 19, 20192,362 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

लाल बहादुर शास्त्री पर आधारित है फिल्म

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ये फिल्म भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में उनके मौत की पहेली को सुलझाने की कोशिश की जाएगी. लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. कई साल बाद बी ये खुलासा नहीं हो पाया कि उन्हें हर्ट अटैक आया था या फिर जहर दिया गया था. फिल्म का ट्रेलर 25 मार्च को रिलीज होने वाला है. ये फिल्म 12 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

Cleanliness Drive & Beautification of Shooting Range Area Marked The 4th Day Of PU Nss Camp

            The day four started with physical activity session. In the second session of the day, the volunteers participated in the cleanliness and beautification drive at Shooting Range Area of Panjab University. 

            During the lecture sessions NSS programme officer Dr. Amrinderpal Singh remembered Shaheed Bhagat Singh on his martyrdom day and enlightened the youth about his visions of a free India. After this session, the volunteers conducted an interactive session that included fun games and talent showcase among themselves to improve their  interpersonal communication skills.              The day  concluded with a lecture on the “State Legal Services Authority and its role in resolving legal disputes outside the court ” by advocate Gautam Bhardwaj, recipient of Best Para Lawyer by Chief Justice of India. Mr. Shiv of State Legal Services Authority made the students aware about the legal aid that the underprivileged people can get from SLSA and the schemes for legal issues regarding juveniles especially. Para Legal Volunteers from PU, Gurdeep and Nihal also shared their experiences of their association with SLSA.

जेकेएलएफ़ के प्रतिबंध पर महबूबा की रूदाली

अपनी बहिन रोबिया मुफ़्ती को अगुआ करने वाले और घाटी में अमन केसबसे बड़े दुश्मन यासीन मालिक जिसके सर पर हजारों बेगुनाहों के कत्ल की साजिश रचने के अरूप हैं, जिसने 4 वायु सेना के अधिकारियों को सर-ए-आम मारा था और घाटी में हिन्दू पलायन के मुख्य कारक यासीन के आतंकवादी संगठन पर जब केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया तब महबूबा मुफ़्ती बिलबिला गईं उनकी भाषा देख लगता है कि जब उनके पिता भारत के गृह मंत्री थे तब उनकी बहिन का अपहरण मात्र एक ढकोसला था नाटक था, वह घाटी के हुक्मरानों का भारत के खिलाफ खूनी षड्यंत्र आरंभ करने का खेल मात्र था।

श्रीनगर: 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर प्रतिबंध एक “हानिकारक कदम” है जो कश्मीर को एक खुली जेल में बदल देगा. अधिकारियों ने नई दिल्ली में बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है. महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा, “ऐसे हानिकारक कदमों से कश्मीर सिर्फ खुली जेल में तब्दील होगा.”

उन्होंने बताया कि सुरक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है और केंद्र की राय है कि जेकेएलए‍फ “आतंकी संगठनों के संपर्क में है” तथा जम्मू-कश्मीर व अन्य जगहों पर उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.

मुफ्ती ने कहा, “जम्मू कश्मीर मुद्दे के हल के लिये यासीन मलिक ने काफी समय पहले हिंसा की आलोचना की थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की वार्ता पहल में उन्हें एक पक्षकार के तौर पर देखा गया था. उनके संगठन पर प्रतिबंध से क्या हासिल होगा?”

जेकेएलएफ पर आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगाया गया
बता दें कि केंद्र सरकार ने यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को शुक्रवार को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया है. अधिकारियों ने बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है.

उन्होंने बताया कि संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है. इसके प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं. यह जम्मू-कश्मीर में दूसरा संगठन है जिसे इस महीने प्रतिबंधित किया गया है. इससे पहले, केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध लगा दिया था.

अलगाववादी संगठनों पर कसा शिकंजा

नई दिल्‍ली: 

आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया. केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन JKLF (जम्‍मू कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट) पर प्रतिबंध लगा दिया है. कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में ये फैसला किया गया. सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत ये कार्रवाई की है.

यासीन मलिक पर आरोप है कि 1994 से भारत विरोधी गति‍विधियां चलाते थे. वह देश के पासपोर्ट पर पाकिस्‍तान जाते और वहां पर देश विरोधी गतिविधि‍यों में लिप्‍त रहते थे.  इससे पहले मोदी सरकार ने जमाते इस्‍लामी पर भी प्रति‍बंध लगाया था. बैन लगाने के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में गृह सचिव ने कहा, जेकेएलएफ देश की सुरक्षा के लिए खतरा है.  उन्होंने बताया कि संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसके प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं.

1988 से हिंसा में शामिल
सरकार ने इस पर बैन लगाते हुए कहा है कि ये संगठन घाटी में 1988 से हिंसा में शामिल है. गृह सचिव के अनुसार, कश्‍मीरी पंडितों को घाटी से भगाने का मास्‍टर माइंड यासीन मलिक ही है. उसका संगठन कश्‍मीर में पत्‍थरबाजों को पैसे देता है. वह इसके लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग करता है.

पूरी घाटी में तिरंगे का विरोध करते थे
यासीन मलिक की गिनती उन अलगाववादी नेताओं में होती है, जो घाटी में भारत विरोधी गत‍िव‍िधियों को हवा देते हैं. वह घाटी में त‍िरंगा के खि‍लाफ अभियान चलाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यासीन मलिक जैसे नेताओं पर बहुत पहले बैन लगाया जाना चाहिए था. लेकिन ये बहुत देर में हुआ है. यासीन मल‍िक को सरकार ने करोड़ों रुपए देकर पाला है.

जमात ए इस्‍लामी को कि‍या था बैन
28 फरवरी को केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (JIA) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि जम्‍मू कश्‍मीर के राजनीतिक दल इस पर बैन हटाने की मांग लगातार कर रहे हैं. गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. केंद्र के निर्देश पर अलगाववादी संगठनों और उनके नेताओं पर कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियां भी जब्त कर लीं या सील कर दीं.

हुरियत नेता गिलानी पर कसा शिकंजा, फेमा के तहत मामला दर्ज
हुरियत कान्फ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है. ईडी ने शुक्रवार को बताया कि गिलानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरोपित किया गया है. ईडी निदेशक संजय मिश्रा ने कहा कि गिलानी के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से बिना हिसाब-किताब की विदेशी मुद्रा जब्त करने के बाद उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.