भारत से अन्तरिक्ष में शांति की आशा रखता है चीन

भारत की बात करें तो यहाँ हिंदोस्तानी बोली जाती है। इसे भाषा कहें या ज़ुबान, इसमें बात करनी या समझानी बहुत आसान होती है। चीन को भी शायद हिंदुस्तानी समझ आने लग पड़ी है। हिंदुस्तानी कहावत है कि,‘ कमजोर कभी माफ नहीं कर सकता’ बस यही कहावत शायद मौजूदा हिंदुस्तानी हुक्मरानों को समझ आ गयी तभी अपने शासन काल में चुनावों और नतीजों के ठीक 2 महीने पहले अपने इस कार्यकाल के समाप्त होने से ठीक पहले “मिशन शक्ति” को सरंजाम दिया गया। एक “balance of power (terror, चीन के संदर्भ में)” वाली बात चीन के समझ आ गयी।

बीजिंग: 

चीन ने भारत के उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण पर बुधवार को चीन ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और आशा जताई कि नई दिल्ली गंभीरतापूर्वक बाह्य अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेगी. चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम प्रस्तुत रिपोर्ट से अवगत हैं और हमें आशा है कि सभी देश गंभीरतापूर्वक बाह्य अंतरिक्ष में स्थायी शांति की रक्षा करेंगे.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत ‘एक अंतरिक्ष महाशक्ति’ बन गया है, क्योंकि उसकी उपग्रह-भेदी मिसाइल ने मात्र तीन मिनटों में पृथ्वी की निचली कक्षा में एक उपग्रह को सफलतापूर्वक भेदा है. इसके साथ ही भारत, अमेरिका, रूस और चीन के क्लब में शामिल हो गया है. 

इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता थी. चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत द्वारा उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर पीटीआई के एक सवाल पर लिखित जवाब में कहा, ‘‘हमने खबरें देखी हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाये रखेंगे. ’’

चीन ने ऐसा एक परीक्षण जनवरी 2007 में किया था जब उसके उपग्रह रोधी मिसाइल ने एक निष्क्रिय मौसम उपग्रह को नष्ट कर दिया था. मोदी ने कहा कि हमने जो नई क्षमता हासिल की है, यह किसी के विरूद्ध नहीं था.  उपग्रह 300 किमी की ऊंचाई पर एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था.

मोदी ने कहा कि मिशन शक्ति का उद्देश्य भारत की समग्र सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना था और इस मिशन का नेतृत्व डीआरडीओ ने किया. विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में जारी एक बयान में कहा कि भारत का बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की किसी होड़ में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है

भारत के “मिशन शक्ति” ने अन्तरिक्ष किया सुरक्षित

नई दिल्‍ली :

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कुछ समय पूर्व भारत ने अभूतपूर्व सिद्धि हासिल कर ली है. स्‍पेस पावर के रूप में भारत ने अपना नाम दर्ज करा लिया है. अब तक दुनिया के तीन देश अमेरिका, रूस और चीन को यह उपलब्धि हासिल थी अब भारत चौथा देश है, जिसने आज यह सिद्धि प्राप्‍त की है. यह हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है. हमारे वैज्ञानिकों ने स्‍पेस में 300 किमी दूर एलईओ ऑरबिट को मार गिराया है. यह एक पूर्व निर्धारित लक्ष्‍य था. इसे ए सेट मिसाइल द्वारा तीन मिनट में मार गिराया गया. मिशन शक्ति अत्‍यंत कठिन ऑपरेशन था. पीएम ने साफ किया कि भारत हमेशा अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के खिलाफ रहा है. 

उन्‍होंने कहा कि भारत ने मिशन शक्ति को तीन मिनट में पूरा किया. एंटी सैटेलाइट ए सेट मिसाइल भारत की विकास यात्रा की दृष्टि से देश को नई दिशा देगा. यह किसी देश के विरुद्ध नहीं था. यह किसी भी अंतरराष्‍ट्रीय कानून या संधि समझौतों का उल्‍लंघन नहीं करता है. हम आधुनिक तकनीक का उपयोग देश के 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया है. एक मजबूत भारत का होना बेहद जरूरी है. हमारा मकसद युद्ध का माहौल बनाना नहीं है. 

उन्‍होंने कहा कि हमारा उद्देश्‍य शांति बनाए रखना है. हम निसंदेह एकजुट होकर एक शक्तिशाली और सुरक्षित भारत का निर्माण करेंगे. मैं ऐसे भारत की परिकल्‍पना करता हूं जो अपने समय से दो कदम आगे की सोच सके और चलने की हिम्‍मत भी जुटा सके. सभी देशवासियों को आज की इस महान उपलब्धि के बहुत बधाई. इस पराक्रम को करने वाले मेरे साथियों को बहुत धन्‍यवाद.

हालांकि तय समय में पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन सामने न आने के बाद न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने दोपहर 12.16 बजे ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी अगले 8 मिनट के भीतर राष्‍ट्र को संबोधित करेंगे.

इससे पहले सुबह 11.23 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कहा था, मेरे प्यारे देशवासियों, आज सवेरे लगभग 11.45 – 12.00 बजे मैं राष्‍ट्र के नाम एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आप के बीच आऊंगा. टेलीविजन, रेडियो या सोशल मीडिया पर मेरा संदेश सुनें.

मेरे प्यारे देशवासियों,

आज सवेरे लगभग 11.45 – 12.00 बजे मैं एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आप के बीच आऊँगा।

I would be addressing the nation at around 11:45 AM – 12.00 noon with an important message.

Do watch the address on television, radio or social media.99.2K11:23 AM – Mar 27, 2019Twitter Ads info and privacy47.6K people are talking about this

अश्वनी गुप्ता मेमोरियल एजुकेशनल स्पोर्ट्स एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से तीसरा विशाल रक्तदान शिविर

अश्वनी गुप्ता मेमोरियल एजुकेशनल स्पोर्ट्स एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से तीसरा विशाल रक्तदान शिविर दिनांक 28 मार्च 2019 की प्रातः 9:00 बजे से 3:00 बजे तक अग्रवाल भवन सेक्टर 16 पंचकूला में आयोजित किया जा रहा है। यह रक्तदान शिविर ट्रस्ट के द्वारा स्वर्गीय अश्वनी गुप्ता की स्मृति में हर वर्ष आयोजित किया जाता है और लगभग 200 से अधिक  रक्तदाता इस विशाल रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हैं । इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन डॉक्टर राजीव बिंदल माननीय अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश विधानसभा करेंगे । इस अवसर पर माननीय श्री प्रेमचंद चंद जी गोयल , वरिष्ठ प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्नेह आशीष प्राप्त होगा। इसके साथ-साथ स्वेच्छा से अंगदान करने वाले लोगों के फार्म भी इस शिविर में भरे जाएंगे।

28 साल के तेजस्वी सूर्या होंगे बेंगलुरू दक्षिण से भाजपा के उम्मीदवार

बेंगलुरू: दिवंगत केंद्रीय मंत्री एचएन. अनंत कुमार 1996 के बाद से बेंगलुरू दक्षिण से लगातार छह बार सांसद चुने गए. उनके निधन के बाद पत्नी की यहां से लोकसभा चुनाव(lok sabha elections 2019) लड़ने की उम्मीदों को झटका लगा है. लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपने कर्नाटक युवा मोर्चा के महासचिव तेजस्वी सूर्या को इस प्रतिष्ठित बेंगलुरू दक्षिण सीट से उम्मीदवार बनाया है. यहां 18 अप्रैल को चुनाव होना है.

भाजपा के एक अधिकारी ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत कर रहे 28 वर्षीय सूर्या को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने कहा, “सूर्या हमारी राष्ट्रीय सोशल मीडिया टीम के भी सदस्य हैं.”

OMG OMG!!! I can’t believe this.
PM of world’s largest democracy & President of largest political party have reposed faith in a 28 yr old guy to represent them in a constituency as prestigious as B’lore South. This can happen only in my BJP. Only in #NewIndia of @narendramodi25.2K2:48 AM – Mar 26, 2019Twitter Ads info and privacy10.6K people are talking about this

पार्टी द्वारा चुने जाने के बाद ‘युवा तुर्क’ सूर्या ने ट्वीट किया, “हे भगवान…हे भगवान. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने बेंगलुरू दक्षिण जैसी प्रतिष्ठित सीट के लिए 28 वर्षीय युवक पर अपना विश्वास जताया है.” उन्होंने कहा, “यह सिर्फ भाजपा में हो सकता है. सिर्फ नरेंद्र मोदी के ‘न्यू इंडिया’ में.”
कांग्रेस की तरफ से बीके हरिप्रसाद होंगे प्रत्‍याशी
कांग्रेस ने सोमवार को राज्यसभा सदस्य बी.के. हरिप्रसाद को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित किया था. भाजपा ने बेंगलुरू ग्रामीण लोकसभा सीट से अश्वत नारायण को अपना प्रत्याशी बनाया है जो यहां से कांग्रेस के सांसद डी.के. सुरेश को टक्कर देंगे. सुरेश यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ेंगे.

72 हज़ार चाहिए तो बीवियों को खुश रखें: सुरजेवाला

स्त्रियॉं के प्रति श्रद्धा भाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं खास कर युवा गृहणियों में खासे लोकप्रिय हैं। उनकी लोकप्रियता का आलम यह है की उनकी सारी योजनाएँ माताओं बहिनो के अर्थात महिला केन्द्रित हैं।यही डर है की सुरजेवाला नयी योजना के लाभार्थियों से चिरौरी कर रहे पाये गए की अपनी पत्नियों को नाराज़ मत कर देना, कहीं आधी आबादी की वोट फिर से मोदी को मिल जाये और उनकी यह चाल फुस्स हो जाये। कांग्रेस ने हालांकि अपना सबसे बड़ा कार्ड खेल दिया है, 3 लाख 40 हज़ार करोड़ का जिसके अनुसार वह गरीबों को हर माह 12 हज़ार देगी और सालाना 72 हज़ार। देखें तो 12 हज़ार 12 माह में 1लाख 44हज़ार होते हैं पर मिलेंगे आधे, 72 हज़ार(बाकी 72 हज़ार किस खाते में जाएँगे??)। मतलब आपके परिवार की पेंशन लग गयी। यह 3 लाख 40 हज़ार करोड़ आएंगे कहाँ से इस आर कांग्रेस के सभी दिग्गज मौन हैं। ज़हीर सी बात है की 5 करोड़ परिवारों के लिए माध्यम वर्गीय के 10 करोड़ कर धारकों पर बोझ डाला जाएगा। सालाना 3लाख 60हज़ार करोड़ का।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha elections 2019) प्रचार में कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आए तो ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) लागू करेंगे. इसके तहत गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये दिया जाएगा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि 72000 हजार रुपये परिवार की गृहणी के खाते में डाले जाएंगे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह योजना महिला केंद्रित होगी. इसके तहत पैसा घर की गृहणी के खाते में जमा कराया जाएगा.’ सुरजेवाला ने कहा कि इस योजना से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को बराबर न्याय मिलेगा.

चुनावी वादे के लेकर बीजेपी के हमले पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह गरीबी पर वार करने वाले इस प्रस्तावित कदम के पक्षधर हैं या विरोधी हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के तहत सबसे गरीब, पांच करोड़ परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये मिलेंगे. उन्होंने कहा, ‘मोदी जी बताइए, आप न्याय के पक्षधर हैं या विरोधी? क्योंकि आपके मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं.’ 

सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘पाखण्ड का सहारा लेने वाले मोदी जी कुछ पूंजीपतियों को 3.17 लाख करोड़ रुपये दे सकते हैं, लेकिन गरीबों को 72 हजार रुपये देने में विरोध क्यों है?’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी जी और बीजेपी हमेशा गरीबों के खिलाफ खड़े रहे हैं. नरेंद्र मोदी, गरीब विरोधी.’

प्रस्तावित योजना की वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘उनके बोगस ब्लॉग मंत्री जी मिथ्या प्रचार कर रहे हैं. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम न्याय को लागू करने के साथ ही मनरेगा और दूसरी सभी कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखेंगे.’ 

कांग्रेस के ‘Nyay’ के वादे की नीति आयोग द्वारा आलोचना किये जाने पर सुरजेवाला ने दावा किया कि नीति आयोग अब ‘राजनीति आयोग’ बन गया है. दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश के हर गरीब परिवार को सालाना 72 हजार रुपये दिए जायंगे.

जेएनयू: यूजीसी के नियमों के विरोध में कुलपति की पत्नी को बंधक बनाया

अभी कांग्रेस वांदल सत्ता में नहीं है तो इन लोगों का हौसला इतना खुला है यदि वामपंथी कांग्रेस सत्ता में आ जाते हैं तो शिक्षण संस्थाओं का क्या होगा? नाम ना छापने की शर्त पर जेएनयू के एक कर्मचारी का। भारत तेरे टुकड़े होंगे इनशालाह इनशालाह के नारे देने वाले जेएनयू के वामपंथी छात्र संगठन ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखाया। यूजीसी के नियमों को लागू करने के विरोध में इस वारदात को अंजाम दिया गया।

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार को वामपंथी विचार धारा से जुड़े हुए छात्रों की भीड़ ने कुलपति एम. जगदीश कुमार के आवास का घेराव किया. साथ ही छात्रों ने उनके आवास में जबरन घुसने का प्रयास किया और वामपंथी जमकर उत्पात मचाया. जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने आरोप लगाया है कि छात्रों ने उनके आवास में जबरन घुसने की कोशिश की और उनके द्वारा तोड़फोड़ की गई. उन्होंने कहा कि छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों से धक्का-मुक्की की और  पत्नी को बंधक बना लिया.

बताया जा रहा है कि करीब 500 छात्र-छात्राओं ने कुलपति के घर मे घुसने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने जब छात्रों को रोका तो उन्होंने सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई भी की. दरअसल, ये छात्र पिछले 5-6 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे. इनकी मांग थी कि कुलपति जिन यूजीसी के नियमों को जेएनयू में लागू करने की कोशिश कर रहे है उसे लागू ना किया जाए. लिहाजा, काफी संख्या में छात्र पहले वीसी के ऑफिस गए वहां उनके न होने की वजह से सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई की.

उसके बाद सारे छात्र कुलपति के घर पहुंच गए. यह बताने पर कि वीसी घर पर नहीं हैं, बावजूद इसके भी छात्र मानने को तैयार नही थे. घर मे वीसी की पत्नी अकेली थी जिन्हें छात्रों ने घंटों तक घर मे बंधक बनाए रखा. काफी मशक्कत के बाद जेएनयू प्रशासन के लोगों ने उन्हें बाहर निकाला और हॉस्पिटल में भर्ती कराया. घटना की जानकारी पुलिस मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया. जिसके बाद छात्र अपने-अपने हॉस्टल चले गए. फिलहाल पुलिस को अभी तक कोई शिकायत नहीं दी गई है. जेएनयू से बाहर गए हुए वीसी वापस अपने घर पहुंच रहे हैं.

वहीं, कुलपति ने ट्वीट कर लिखा कि आज शाम कुछ सौ छात्रों ने जबरन मेरे जेएनयू आवास में तोड़फोड़ की और पत्नी को कई घंटों तक घर के अंदर कैद रखा. मैं एक बैठक में था. घर में अकेली महिला को डराना, क्या यह विरोध का तरीका है.

जीतने पर राहुल बांटेंगे 3 लाख 40हज़ार करोड़ सालाना

राहुल गांधी ने आज पत्रकार वार्ता में एक धमाके की घोषणा का वादा किया और धमाका किया भी। राहुल ने चुनाव जीतने के पश्चात सत्ता में आने पर 5 करोड़ परिवारों को 72000 रुपए सालाना देने का वायदा किया, यानि सत्ता में आने पर अगले चुनावों तक प्रति वर्ष 72000 रुपए। जब इस रकम की भव्यता देखी जाये तो यह सकल घरेलू उत्पाद का 17.64% होती है। हमारा सकल घरेलू उत्पाद 17लाख 71 हज़ार करोड़ के लगभग बैठता है। और कांग्रेस प्रमुख द्वारा बांटी जाने वाली रकम 3लाख 40हज़ार करोड़ बनती है। यदि मौजूदा वित्तीय हालात देखें तो यह रकम जुटाना नामुमकिन है। यदि हम इस ओर अग्रसर होते भी हैं तो यह वित्तीय बोझ किस पर पड़ेगा? हमें कौन कौन से रक्षा सौदों से हाथ खींचना होगा? हम किस किस मोर्चे पर भारत की सीमाओं पर सम्झौता करेंगे? पहले तो राहुल गंदी इस फार्मूले के अनुसार कांग्रेस शासित प्रदेशों में इसे लागू कर के देखें। इसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की क्या आवश्यकता है? कांग्रेस का भारत के एक बड़े भू भाग पर शासन है। जहां हो सकता है की कुछ लाख परिवार ही हों? और वैसे भी सरकारी पैसा ही तो बांटना है फिर वह राज्य सरकार का हो या देश की।

कांग्रेस 1971 से गरीबी हटाओ के नारे पर है, 1972 में इन्दिरा लहर के चलते कर्नाटक में हुए विधान सभा चुनावों में जीत कर एक गरीब परिवार से आए खडगे आज अनुमानित 50हज़ार करोड़ के मालिक हैं। उनके चुनावी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय कितनी है इसका तो उन्हे भी अनुमान नहीं होगा परंतु इनकी कमाई तो लगभग 1000 करोड़ प्रति वर्ष की है। कांग्रेस ने इसी तरह अपनों की गरीबी हटाई है।

राहुल स्वयं को अर्थशास्त्र का स्नातक कहते हैं और यह भी कहा जाता है की उन्होने एम फिल भी अर्थशास्त्र ही में की है। मोदी के 15 लाख के बदले राहुल का नापा तुला 72 हज़ार कहीं जुमलों की खेती ही न रह जाये। राहुल को समझाना होगा की अः किस मद से पैसा लाएँगे और देश के माध्यम वर्ग पर इस राशि का कितना बोझ पड़ेगा।?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) की जंग में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा ऐलान कर दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो गरीब परिवारों के खाते में सालाना 72 हजार रुपए भेजेगी. राहुल गांधी ने कहा कि ये पैसे न्यूनतम बुनियादी आय गारंटी योजना के तहत गरीब परिवारों के खाते में जमा किए जाएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पिछले पांच साल में गरीबों को बहुत मुश्किलें सहनी पड़ी. हम उनको न्याय देना चाहते हैं. इसलिए हम उनको न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना का लाभ देना चाहते हैं. इस योजना के तहत देश में हरेक की न्यूनतम कमाई 12 हजार रुपए होगी. हम भारत के सबसे गरीब परिवारों को साल में 72 हजार रुपए उनके बैंक खातों में सीधा भेज देंगे. 

राहुल ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के सबसे अमीर लोगों का कर्ज माफ कर सकते हैं तो कांग्रेस देश की 20 फीसदी गरीब परिवार को 72 हजार रुपए साल का दे सकती है. पांच करोड़ परिवारों यानी 25 करोड़ लोगों को सीधा इसका फायदा मिलेगा. 

उन्होंने कहा कि इस योजना का सीधा लाभ देश के 5 करोड़ परिवारों यानी करीब 25 करोड़ लोगों को होगा. हमने योजना से संबंधित पूरा हिसाब लगा लिया है. दुनिया के किसी भी देश में ऐसी योजना नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि न्यूनतम आमदनी की लाइन क्या होगी. मैं मानता हूं कि यह लाइन 12 हजार रुपए होगी.

पार्टी की कार्य समिति की बैठक के बाद गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘ पिछले पांच वर्षों में देश की जनता को बहुत मुश्किलें सहनी पड़ी हैं. हमने निर्णय लिया और हम हिंदुस्तान के लोगों को न्याय देने जा रहे हैं. यह न्याय न्यूनतम आय गारंटी है. ऐसी योजना दुनिया में कहीं नहीं है.’ 

राहुल की योजना देश को आर्थिक अस्थिरता की तरफ ले जा सकती है

उन्होंने कहा, ‘हम 12000 रुपये महीने की आय वाले परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी देंगे. कांग्रेस गारंटी देती है कि वह देश में 20 फीसदी सबसे गरीब परिवारों में से प्रत्येक को हर साल 72000 रुपये देगी. यह पैसा उनके बैंक खाते में सीधा डाल दिया जाएगा.’ राहुल ने कहा, ‘अगर मोदी जी सबसे अमीर लोगों को पैसा दे सकते हैं तो कांग्रेस भी सबसे गरीब लोगों को पैसा देगी.’ 

इसे दुनिया की सबसे बड़ी न्यूनतम आय योजना करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह गरीबी पर आखिरी हमला है. यह योजना चरणबद्ध तरीके से चलाई जाएगी. ‘यह बहुत ही प्रभावशाली और सोची समझी योजना है. हमने योजना पर कई अर्थशास्त्रियों से विचार विमर्श किया है.’

गांधी ने कहा कि पूरा आकलन कर लिया गया. सब कुछ तय कर लिया गया. उन्होंने कहा कि इससे पांच करोड़ परिवार यानी 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा.

गौरतलब है कि राहुल गांधी मौजूदा चुनाव अभियान में शुरू से ही यूनिवर्सल इनकम की बात कह रहे थे, लेकिन अब तक उन्होंने यह नहीं बताया था कि न्यूनतम आमदनी किन लोगों को और कितनी मिलेगी. पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद से देश में जिस तरह से राष्ट्रवाद का माहौल गरमाया है और बाकी सारे मुद्दे हाशिए पर चले गए हैं, ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि 72 हजार रुपए सालाना की घोषणा कांग्रेस की किस्मत पलट सकती है.

इससे पहले 2009 में कांग्रेस मनरेगा के जरिए इस तरह का प्रयोग कर चुकी है. देश के हर ग्रामीण परिवार को 100 दिन रोजगार की गारंटी देकर कांग्रेस ने ग्रामीण भारत में न सिर्फ अच्छी पकड़ बनाई थी, बल्कि दोबारा सत्ता में भी आ गई थी. साल 2007 में यूपीए-1 ने किसानों का करीब 70 हजार करोड़ का कर्ज भी माफ किया था. 

साल 2018 के अंत में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में तीन प्रमुख राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पहले ही किसान कर्जमाफी के वादे के जरिए चुनाव जीत चुकी है.

सत्ता सुख के लिए शीला हो सकतीं हैं नज़रअंदाज़, केजरीवाल से गठबंधन की सुगबुगाहट तेज़

राहुल गांधी और उनके क्षत्रप आत्मसम्मान और अहंकार के बीच की पतली/ महीन रेखा को नहीं भेद पाते। सत्ता सुख उनकी इस अनदेखी की मुख्य वजह है। इन क्षत्रपों का काम जी हजूरी कर अपना काम निकलवाना और सत्ता के केंद्र बिन्दु के आस पास बने रहना है। यथा राजा तथा प्रजा वाली कहावत को चिरितार्थ करते यह क्षत्रप स्वयं कोई कार्य नहीं करते। इनके मुलायम जुमलों द्वारा पोषित सत्ता शीर्ष भी दूसरे के आत्मसम्मान को अहंकार ही मानता है।

बात दिल्ली की हो रही है। दिल्ली की पूर्व मुख्य मंत्री को भ्रष्टाचारी, घोटालेबाज इत्यादि इत्यादि उयाधियों से सम्मानित कर दिल्ली की सत्ता से यूं बाहर किया मानो मक्खन से बाल। ऐसा करने वाले थे दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो शीला दीक्षित के खिलाफ करीब 360 पन्नों के दस्तावेज़ (फ़ाइल) लेकर घूमते थे मानों एक भी पन्ना कहीं छूट गया तो शीला बरी हो जाएगी। बाद में वही फ़ेल गुम हो गयी और केजरीवाल पूछने वालों ही से सबूत मांगने लगे। शीला है तो राजनीतिज्ञा परंतु स्वाभिमानी भी हैं। आज राहुल भी चाहते हैं की पुरानी बातें भूल कर केजरीवाल से गलबहियाँ डाल लिन जाएँ। राजनीति भी यही कहती है, केजरीवाल गिड़गिड़ा रहे हैं, पर शीला के गुस्से को भांपते हुए राहुल फिलहाल टाल रहे हैं और उनके क्षत्रप शीला को ही नज़रअंदाज़ कर देना चाहते हैं।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन करने के लिए सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई. बैठक में दिल्ली कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के बीच जमकर बहस हुई. शीला दीक्षित ने बेहद तल्ख अंदाज में अजय माकन से पूछा कि 4 साल अध्यक्ष रहते हुए आपने दिल्ली में क्या किया कि आज AAP से गठबंधन की वकालत कर रहे हो.

सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान अजय माकन आप से गठबंधन करने के पक्ष में अपनी बात रख रहे थे. इसी बात पर शीला दीक्षित गुस्सा हो गईं और उन्होंने तल्ख भरे अंदाज में उनसे सवाल कर बैठीं. आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी दो गुटों में बंट गई है. प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित, योगानंद शास्त्री और तीनों वर्किंग प्रेसिडेंट दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. 

वहीं दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको, अजय माकन और सुभाष चोपड़ा चाहते हैं कि आप के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा जाए. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच काफी गरमा-गरम बहस के बाद गठबंधन का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया.

सूत्रों का कहना है कि इस बैठक से पहले राहुल गांधी ने एनसीपी समेत कई दूसरे दलों से भी बात की थी. वहीं एक अलग बैठक में कांग्रेस की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी पार्टी की प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्षों देवेंद्र यादव, हारुन यूसुफ एवं राजेश लिलोठिया से अपने आवास पर चर्चा की.

दीक्षित ने कहा कि वह आप के साथ किसी तरह के गठबंधन के खिलाफ हैं, लेकिन वह इस संबंध में पार्टी की ओर से लिए गए फैसले को मानेंगी. सूत्रों ने बताया कि आप ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा में भी कांग्रेस के साथ नये सिरे से गठबंधन की कोशिश की है.

Solo Art Exhibition at PU by Sureel Kumar

Chandigarh March 25, 2019
Department of Art History & Visual Arts, Punjab University Chandigarh, in 
collaboration with Social Substance organized Solo Art Exhibition by Sureel Kumar  titled “The Whispering Wood”, at Fine Arts’ Museum, Punjab University, Chandigarh from 25 March – 29 March 2019 which was Inaugurated, here today by Sh. Diwan Manna, Artist & President, Punjab Lalit Kala Akademi, Chandigarh.

PU Hindi Deptt. to organize an event on Birth Anniversary of Mahadevi Verma

Chandigarh March 25, 2019

Department of Hindi, PU will be organizing a special event on 26th March 2019, to commemorate the birth anniversary of celebrated poet and author, Mahadevi Verma. Dr. Gurmeet Singh, Chairperson, Dept. of Hindi, said that, “Research scholars and students from the Dept are organizing this event to pay a tribute to life and work of Mahadevi Verma. These events help students learn more about literary figures and their works.”

The program will begin at 11 am with a screening of short film on life and literary works of Mahadevi Verma. This will be followed by student presentations on various aspects of her works. Ritu (research scholar), Indu, Rajvinder, Kanchog Paldan (students) will be the presenters. Usha (research scholar) will conduct the program. 
Certificates will be distributed to students and research scholars during the event.