नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की हार के बाद नाराज चल रहीं बीएसपी सुप्रीम मायावती ने आज समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मायावती ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही कहा कि अखिलेश यादव ने उनका बहुत सम्मान किया है. मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव के पूरे परिवार का हम भी बहुत सम्मान करते हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का बेस वोट हमारी पार्टी की तरह मजबूत नहीं रहा. मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के बड़े प्रत्याशी यादव बाहुल्य सीटों पर हार गए. मायावती ने कहा कि डिंपल यादव कन्नौज में हार गईं. फिरोजाबाद में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव हार गए और बदायूं में धर्मेंद्र यादव हार गए. इससे साबित होता है कि यादवों का वोट भी सपा को नहीं मिला.
मायावती ने अखिलेश यादव को कहा कि यदि वह राजनीतिक कार्यों के साथ साथ अपने कार्यकर्ताओं को बीएसपी की तरह मिशनरी मोड पर लाते हुए एकजुट करते हैं तो हम आगे उनके साथ हो सकते हैं. ॉ
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– जब से सपा के साथ बीएसपी का गठबंधन हुआ तब से अखिलेश जी ने मुझे बड़ा सम्मान दिया है. हमारे साथ उनके रिश्ते लंबे समय तक बने रहेंगे – समाजवादी पार्टी के साथ यादव समाज नहीं टिका रह सका, यादव बाहुल्य सीटों पर भी सपा के मजबूत उम्मीदवार हार गए है. सपा को उनका बेस वोट नहीं मिला – बदायूं, कन्नोज और फिरोजाबाद सीट पर सपा प्रत्याशियों का हार जाना हमें बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है. – चुनाव परिणाम में ईवीएम की भूमिका खराब रही है. सपा बसपा का बेस वोट जुड़ने पर हमें नहीं हारना चाहिए था. – ऐसी स्थिति में यह आंकलन किया जा सकता है कि जब सपा का बेस वोट खुद सपा को नहीं मिला , तो बीएसपी को कैसे मिला होगा. – इसी संदर्भ में कल 3 जून को दिल्ली केंद्रीय कार्यालय में चुनाव परिणामों की समीक्षा की गई थी. यदि मुझे लगेगा कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों के साथ साथ अपने लोगों को मिशनरी बनाकर जोड़े रखेंगे तो हम फिर साथ आएंगे – फिलहाल आने वाले उपचुनावों में हमारे लिए अकेले चुनाव लड़ना ही ठीक रहेगा. – मीडिया में गलत तरीके से हमारी बात को रखा गया, जबकि हमारी पार्टी की तरफ से या मेरी तरफ से कोई रिपोर्ट मीडियो को नहीं दी गई. – इसीलिए मैंने अपनी बात आज मीडिया के सामने रख दी है.
सोमवार को बीएसपी की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर क्षेाभ व्यक्त करते हुये पार्टी के पदाधिकारियों से ‘गठबंधनों’ पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत करने का निर्देश दिया था. मायावती ने आगामी उपचुनाव भी बसपा द्वारा अपने बलबूते लड़ने की बात कह कर भविष्य में गठबंधन नहीं करने का संकेत दिया थे.
मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने अपने ट्विटर अकाउंट से मंगलवार को जानकारी दी कि बीएसपी प्रमुख मायावती प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. आकाश ने अपने एक अन्य ट्वीट के जरिए यह भी बताया कि सपा-बसपा गठबंधन टूट नहीं रहा है केवल उपचुनाव अकेले लड़ने की बात है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिये मायावती ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में कहा था कि बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा. सूत्रों के अनुसार बसपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद बसपा के पक्ष में यादव वोट स्थानांतरित नहीं होने की भी बात कही है
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/2016-11-10_mayawati-ani-Press-Varta.jpg440660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-05 04:14:332019-06-05 04:14:36माया ने गठबंधन तोड़ा
दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार का सबसे ज़्यादा Focus देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा पर है. नए गृहमंत्री अमित शाह पिछले 4 दिनों में जम्मू और कश्मीर पर तीन बैठकें कर चुके हैं. आज भी अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर एक बैठक की और सूत्रों से हमें ये जानकारी मिल रही है कि सरकार, जम्मू और कश्मीर में परिसीमन किए जाने पर विचार कर रही है.
परिसीमन क्या होता है? ये हम आपको आगे विस्तार से बताएंगे. लेकिन आसान भाषा में आप ये समझ लीजिए कि अगर जम्मू-कश्मीर में परिसीमन हुआ तो राज्य के तीन क्षेत्रों… जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में विधानसभा सीटों की संख्या में बदलाव होगा. अगर परिसीमन हुआ तो जम्मू और कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा. जम्मू और कश्मीर की राजनीति में आज तक कश्मीर का ही पलड़ा भारी रहा है, क्योंकि विधानसभा में कश्मीर की विधानसभा सीटें, जम्मू के मुकाबले ज्यादा हैं. अगर परिसीमन होता है और जम्मू की विधानसभा सीटें बढ़ती है, तो अलगाववादी मानसिकता के नेताओँ की स्थिति कमज़ोर होगी और राष्ट्रवादी शक्तियां मजबूत होंगी.
आज हम कश्मीर पर मोदी सरकार की इस नई योजना का DNA टेस्ट करेंगे. हम कश्मीर पर इस नए Action Plan के सामने आने वाली चुनौतियों और रुकावटों का भी विश्लेषण करेंगे. परिसीमन का मतलब होता है… किसी राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा का निर्धारण करने की प्रक्रिया. संविधान में हर 10 वर्ष में परिसीमन करने का प्रावधान है. लेकिन सरकारें ज़रूरत के हिसाब से परिसीमन करती हैं. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में कुल 87 सीटों पर चुनाव होता है. 87 सीटों में से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं. परिसीमन में सीटों में बदलाव में आबादी और वोटरों की संख्या का भी ध्यान रखा जाता है.
ऐसा माना जा रहा है कि अगर परिसीमन किया जाता है तो जम्मू की सीटें बढ़ जाएंगी और कश्मीर की सीटें कम हो जाएंगी, क्योंकि 2002 के विधानसभा चुनाव में जम्मू के मतदाताओं की संख्या कश्मीर के मतदाताओं की संख्या से करीब 2 लाख ज्यादा थी. जम्मू 31 लाख रजिस्टर्ड वोटर थे. कश्मीर और लद्दाख को मिलाकर सिर्फ 29 लाख वोटर थे.
कश्मीर के हिस्से में ज्यादा विधानसभा सीटें क्यों हैं? ये समझने के लिए आपको जम्मू और कश्मीर के इतिहास को समझना होगा. वर्ष 1947 में जम्मू और कश्मीर की रियासत का भारत में विलय हुआ. तब जम्मू और कश्मीर में महाराज हरि सिंह का शासन था. वर्ष 1947 तक शेख अब्दुल्ला कश्मीरियों के सार्वमान्य नेता के तौर पर लोकप्रिय हो चुके थे.
जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह, शेख अब्दुल्ला को पसंद नहीं करते थे. लेकिन शेख अब्दुल्ला को पंडित नेहरू का आशीर्वाद प्राप्त था. पंडित नेहरू की सलाह पर ही महाराजा हरि सिंह ने शेख अब्दुल्ला को जम्मू और कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. वर्ष 1948 में शेख अब्दुल्ला के प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद महाराजा हरि सिंह की शक्तियां तकरीबन खत्म हो गई थीं.
इसके बाद शेख अब्दुल्ला ने राज्य में अपनी मनमानी शुरू कर दी. वर्ष 1951 में जब जम्मू कश्मीर के विधानसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई. तब शेख अब्दुल्ला ने जम्मू को 30 विधानसभा सीटें, कश्मीर को 43 विधानसभा सीटें और लद्दाख को 2 विधानसभा सीटें आवंटित कर दीं.
वर्ष 1995 तक जम्मू और कश्मीर में यही स्थिति रही. वर्ष 1993 में जम्मू और कश्मीर में परिसीमन के लिए एक आयोग बनाया गया था. 1995 में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया गया. पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा में कुल 75 सीटें थीं. लेकिन परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर की विधानसभा में 12 सीटें बढ़ा दी गईं. अब विधानसभा में कुल 87 सीटें थीं. इनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी जम्मू और लद्दाख से हुए इस अन्याय को ख़त्म करने की कोशिश नहीं हुई.
यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में हमेशा नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP जैसी कश्मीर केंद्रित पार्टियों का वर्चस्व रहता है. ये पार्टियां, संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को हटाने का विरोध करती हैं. यही वजह है कि कश्मीर से अलगाववादी मानसिकता खत्म नहीं हो रही है.
जम्मू कश्मीर की विधानसभा का राजनीतिक गणित इस तरह का है कि हर परिस्थिति में कश्मीर केंद्रित पार्टियों का ही वर्चस्व रहता है. अगर जम्मू और लद्दाख की 37 और 4 सीटों को जोड़ दिया जाए, तब भी सिर्फ 41 सीटें होती हैं. ये कश्मीर की 46 विधानसभा सीटों से 5 कम है. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में हमेशा मुख्यमंत्री कश्मीर से ही चुनकर आता है.
जम्मू कश्मीर में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 44 सीटों की ज़रूरत होती है. कश्मीर में मुसलमानों की आबादी करीब 98 प्रतिशत है. सांप्रदायिक राजनीति करने में माहिर जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रीय दल बहुत आसानी से कश्मीर की 46 सीटों को जीत कर बहुमत के आंकड़े को हासिल कर लेते हैं.
बीते 30 वर्षों से जम्मू और कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस या PDP के बग़ैर किसी भी दल की सरकार नहीं बन पायी. इन दोनों पार्टियों में कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं है. नेशनल कॉन्फ्रेंस पर अब्दुल्ला परिवार का राज है और PDP मुफ्ती परिवार की सियासी संपत्ति की तरह हैं. ये दोनों ही परिवार कश्मीर से आते हैं. आज से कुछ साल पहले जम्मू कश्मीर की राजनीतिक स्थिति ये थी कि वहां या तो मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बनते थे या फिर फारुख अब्दुल्ला और मौजूदा राजनीतिक स्थिति ये है कि जम्मू कश्मीर में या तो महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनेंगी या फिर उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनेंगे.
इन राजनीतिक परिस्थितियों में सबसे ज़्यादा अन्याय जम्मू और लद्दाख के साथ हो रहा है. कश्मीर केंद्रित पार्टियों की सरकार में जम्मू और लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा है. मोदी सरकार ने इस समस्या को जड़ से ख़त्म करने का फ़ैसला किया है. लेकिन ये इतना आसान नहीं है, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP इसका विरोधी करेंगी. महबूबा मुफ्ती ने एक Tweet करके इसका विरोध किया है. उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार की परिसीमन की योजना के बारे में सुनकर वो परेशान हैं. ज़बरदस्ती परिसीमन सांप्रदायिक आधार पर राज्य के भावनात्मक बंटवारे की कोशिश है.
फारुक अब्दुल्ला ने भी हमेशा परिसीमन को टालने की कोशिश की है. नए सिरे से परिसीमन में सबसे बड़ी रूकावट उन्होंने ही पैदा की थी. वर्ष 2002 में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार ने परिसीमन को 2026 तक रोक दिया था. इसके लिए अब्दुल्ला सरकार ने Jammu and Kashmir Representation of the People Act 1957 और जम्मू कश्मीर के संविधान के Section 47(3) में बदलाव किया था.
Section 47(3) में हुए बदलाव के मुताबिक वर्ष 2026 के बाद जब तक जनसंख्या के सही आंकड़े सामने नहीं आते हैं तब तक विधानसभा की सीटों में बदलाव करना ज़रूरी नहीं है. वर्ष 2026 के बाद जनगणना के आंकड़े वर्ष 2031 में आएंगे. इसलिए अगर देखा जाए तो अब जम्मू कश्मीर में परिसीमन 2031 तक टल चुका है. फारुख अब्दुल्ला सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी. लेकिन 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. यानी सरकार के सामने राजनीतिक चुनौती के साथ साथ कानूनी चुनौती भी है.
अगर देखा जाए तो परिसीमन की सबसे बड़ी रुकावट फारुख अब्दुल्ला की सरकार का फैसला है. उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने आज फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर अपने पिता के फैसले का बचाव किया है. उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि वर्ष 2001 में भारत के संविधान के आर्टिकल 82 और 170 में संशोधन किया गया था. जिसके मुताबिक लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर परिसीमन को 2026 के बाद पहली जनगणना तक टाल दिया गया.
उमर अब्दुल्ला ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि इसी संविधान संधोशन के आधार पर जम्मू और कश्मीर में भी परिसीमन को 2026 के बाद तक टाल दिया गया. उमर अब्दुल्ला, भारतीय संविधान के मुताबिक फैसले लेने का दावा कर रहे हैं. लेकिन, असलियत ये है कि कश्मीर समस्या की एक बड़ी वजह अब्दुल्ला परिवार की राजनीति है. ये परिवार राज्य में अपनी मनमानी करता रहा और उस समय की केंद्र की सरकारों ने उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की. आज हमने इस पर एक रिपोर्ट बनाई है. ये रिपोर्ट कश्मीर समस्या के बारे में आपकी जानकारी को बढ़ाएगी.
अलगाववाद और आतंकवाद के ख़िलाफ़ मोदी सरकार की नीति Zero Tolerance की है. इसीलिए एक तरफ़ तो सरकार ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए आक्रामक रवैया अपनाया है और दूसरी तरफ National Investigation Agency भी लगातार अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कस रही है. Terror Funding Case में आरोपी अलगाववादी नेता.. आसिया आंद्राबी, शब्बीर शाह और मसरत आलम को आज दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. अदालत ने इन अलगाववादी नेताओं को 10 दिन के लिए NIA की हिरासत में भेज दिया है.
NIA ने 2018 में आतंकवादी हाफिज सईद, सैयद सलाउद्दीन और कई कश्मीरी अलगाववादियों पर फंड मुहैया कराने के मामले में FIR दर्ज की थी. जम्मू-कश्मीर को नक़्शे को देखा जाये तो यहां का 61 प्रतिशत भूभाग लद्दाख़ है. जहां आतंकवाद का कोई असर नहीं है. वहीं 22 प्रतिशत जम्मू में आतंकवाद ख़त्म हुए लंबा वक़्त बीत चुका है. लेकिन कश्मीर घाटी…जो राज्य का क़रीब 17 प्रतिशत हिस्सा है…वहीं पर अलगाववादी और आतंकवादी सक्रिय हैं. कश्मीर घाटी में 10 ज़िले हैं…जहां आतंकवादी घटनाएं होती हैं। इनमें से भी दक्षिण कश्मीर के 4 ज़िले शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग ही आतंकवाद के गढ़ माने जाते हैं.
Curtsy ‘DNA’ Sudhir Choudhry
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/j_k.jpg434575Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-05 03:55:412019-06-05 03:55:44लद्दाख, जम्मू और कश्मीर का परिसीमन कब और क्यों?
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले अब्दुल सत्तार के दावों पर यकीन करें तो पार्टी की मुश्किलें महाराष्ट्र और भी बढ़ने वाली हैं. उनका दावा है कि कांग्रेस के 8-10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जो कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
मुंबई:
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से हिचकोले खा रही महाराष्ट्र कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ ही पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. अब्दुल सत्तार के दावों पर यकीन करें तो कांग्रेस की मुश्किलें यहां और भी बढ़ने वाली हैं. उनका दावा है कि कांग्रेस के 8-10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जो कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
राधाकृष्ण पाटिल ने बेटे को अहमदनगर सीट से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने के बाद ही पार्टी छोड़ने के बारे में संकेत दे दिए थे. उन्होंने 25 अप्रैल को ही विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ दिया था. लोकसभा चुनाव प्रचार में भी राधाकृष्ण विखे पाटिल ने हिस्सा नहीं लिया. उनके बेटे सुजोय पाटिल पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, क्योंकि उन्हें अहमदनगर से कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था.
दरअसल अहमदनगर की सीट एनसीपी के कोटे में जा रही थी और एनसीपी किसी कीमत पर ये सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुई. इससे मायूस होकर सुजोय विखे पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने के बाद बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सुजोय को अहमदनगर से अपना उम्मीदवार बनाया और उन्हें जीत भी मिली. तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि राधाकृष्ण विखे पाटिल कभी भी कांग्रेस का हाथ झटक सकते हैं. आखिरकार मंगलवार को राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपना इस्तीफा विधासनभा के स्पीकर को सौंप दिया.
हालांकि राधाकृष्ण विखे पाटील ने अपने अगले कदम के बारे में बताया नहीं है, लेकिन जिस तरह इस्तीफा देने के बाद वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले उससे साफ है कि उनके इरादे क्या हैं. सूत्रों की मानें तो राधाकृष्ण विखे पाटिल ना सिर्फ बीजेपी ज्वाइन करेंगे बल्कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार में भी उन्हें जगह मिल सकती है.
इधर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. हालांकि उनके इस्तीफे पर कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. महाराष्ट्र में कुछ महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं. कुछ ही महीने पहले दिग्गज नेताओं के छोड़ने से पार्टी की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. इसका सीधा असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/bjp_2017042617081579_650x.jpg438650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-05 02:40:162019-06-05 02:40:18विखे पाटिल ने हाथ छोड़ कमल थामा
लोकसभा 2019 के चुनावों के रिज़ल्ट आने से पहले ही शिवराज सिंह चौहान ने अपने बयानों से आंग्रेस नींदें डा रखीं थीं, अब नतीजे आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में खुलेआम उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार को कोसने का काम किया था कि कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी उनकी सरकार में नहीं चल रही है. एक बार फिर हरदीप सिंह डंग ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के आंदोलन को समर्थन देकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है.
नई दिल्लीः मंदसौर के सुवासरा से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं, हरदीप सिंह डंग ने भाजपा के किसान मोर्चा विंग के किसानों के समर्थन में चल रहे धरना आंदोलन को समर्थन दिया है और कहा है कि उनकी मांग जायज है. मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी ओला पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. हरदीप सिंह डंग पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ फोटो वायरल होने को लेकर चर्चा में आ चुके हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में खुलेआम उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार को कोसने का काम किया था कि कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी उनकी सरकार में नहीं चल रही है. एक बार फिर हरदीप सिंह डंग ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के आंदोलन को समर्थन देकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है.
मंदसौर जिले के सीतामऊ विकासखंड के गांव सुरखेड़ा और कोचरिया खेड़ी के किसानों की पिछली बार ओलावृष्टि होने के कारण फसलें बर्बाद हो गई थी और उन्हें मुआवजा भी नहीं मिला था. लोकसभा चुनाव के समय तक किसानों को मुआवजा न मिलने के कारण किसानों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था. मतदान के दिन मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे और किसानों को आश्वासन दिया था कि चुनाव के बाद उन्हें मुआवजा दे दिया जाएगा. पता चला था कि कस्बा पटवारी ने रिपोर्ट ही नहीं दी कि इन दोनों गांव में ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है .
प्रशासन ने कस्बा पटवारी पिंकी अहीर को उस समय निलंबित कर दिया था, लेकिन किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया. किसानों को आज दिन तक ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिला किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा ने सीतामऊ में किसानों को लेकर धरना आंदोलन रखा. प्रशासन हरकत में आया मौके पर तहसीलदार प्रीति बीसे पहुंची और किसानों को समझाइश दी. पटवारी की गलती के कारण किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया था उसकी जांच की जा रही है और यह बात आपकी शासन तक पहुंचा दी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने 2 गांव के किसानों के साथ भेदभाव किया है किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.
यहां तक तो ठीक था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के किसानों के इस आंदोलन को सुवासरा से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने भी समर्थन दे दिया हरदीप सिंह डंग ने कहा कि उनकी मांग जायज है और मैं उसका समर्थन करता हूं. मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मांग की है किसानों को ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा दिया जाए, लेकिन आज तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला.
सुवासरा के कांग्रेसी विधायक हरदीप सिंह डंग अपने कार्यकर्ताओं के बीच सरकार के खिलाफ बयान बाजी को लेकर तथा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वायरल फोटो को लेकर पहले भी चर्चित हो चुके हैं हालांकि उन्होंने बाद में स्पष्टीकरण दे दिया था कि वे कांग्रेसमें है और कांग्रेसमें ही रहेंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के आंदोलन को समर्थन देकर उन्होंने एक बार फिर भाजपा के नजदीकी होने का इशारा कर दिया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/download-3.jpg225225Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-04 05:33:372019-06-04 05:35:08मध्यप्रदेश कांग्रेसी नेता ने किया भाजपा किसान मोर्चा का समर्थन।
नई दिल्ली: लगातार छठे दिन पेट्रोल-डीजल सस्ता हुआ है. पेट्रोल 7 पैसा और डीजल 20 पैसा सस्ता हुआ है. पिछले छह दिनों में पेट्रोल 70 पैसा और डीजल 1 रुपये तक सस्ता हुआ है. मंगलवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 71.23 प्रति लीटर और डीजल 65.56 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं, आर्थिक राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां पेट्रोल 76.91 रुपये प्रति लीटर और डीजल 65.56 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
क्या है आपके शहर में आज पेट्रोल का दाम
क्या है आपके शहर में आज डीजल का दाम
व्यापारिक तनाव की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते सत्र में कच्चे तेल का भाव पांच फीसदी से ज्यादा टूटा है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह लगातार चार सत्रों में गिरावट दर्ज की गई है
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/petrol-price-increase-e1517821797700.jpg598900Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-04 03:34:482019-06-04 03:36:11लगातार 7वें दिन पेट्रोल डीजल के दाम घटे
5 जून को पंचकूला में होगा कार्यकर्ता अभिनंदन समारोह
पंचकूला 03 जून :
प्रदेश भाजपा महामंत्री एडवोकेट वेदपाल ने बताया कि पार्टी लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत दिलाने वाले कर्मठ कार्यकर्ताओं का सम्मान करेगी। एडवोकेट वेदपाल ने पंचकूला के सेक्टर 6 हुडा फील्ड हॉस्टल में जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 5 जून को पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित शालीमार मॉल के साथ लगते ग्राउंड में कार्यकर्ता अभिनंदन समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में सांसद, विधायकों के साथ प्रदेश स्तर के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में जिला पंचकूला के पन्ना प्रमुख तक के सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान करने के लिए मुख्यमंत्री खुद कार्यकर्ताओं के बीच आ रहे है।
प्रदेश महामंत्री वेद पाल ने कहा देश में हमें 303 सीटें मिली है और एनडीए को मिलाकर 353 सीटें। भारतवर्ष की जनता ने जो विश्वास नरेंद्र मोदी व प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर जताया है उस विश्वाश तथा भाजपा के जुझारू कार्यकर्ताओं की अनथक मेहनत की बदौलत हरियाणा में 10 की 10 सीटें भाजपा की झोली में आई है। देश एवं प्रदेश में हुए चहुमुखी विकास तथा पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे इस पर किए गए कार्यों को देखते हुए ही जनता ने मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाया तथा जनता से छल करने वाले प्रदेश में दो बार के मुख्यमंत्री रहे तथा अपने आप को भावी मुख्यमंत्री समझने वालों को भी आइना दिखाया है।
एडवोकेट वेदपाल ने जानकारी देते हुए कहा की आगामी एक महीने में प्रदेश के हर जिले में ऐसे ही कार्यकर्ता अभिनंदन समारोह किए जाएंगे। इन समारोह में उन बुथ कार्यकर्ताओं का भी सम्मान होगा जिनके बूथों पर सबसे ज्यादा वोट पड़े है। वेदपाल ने बताया की प्रदेशभर में इस कार्यक्रम के लिए 5 लोगों को जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिनके हिस्से में 4 से 5 जिले दिए गए है। जिनमें प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल हरियाणा सरकार में मंत्री कृष्ण बेदी विधायक महिपाल ढांडा, मुकेश गोड़ एवं प्रदेश सचिव जोहार सैनी शामिल है.
आज इस मौके पर पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी रणदीप घनघस, जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, जिला महामंत्री हरेंद्र मलिक के साथ जिला मीडिया प्रभारी नवीन गर्ग भी उपस्थित रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/IMG_1933.jpg240320Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-04 02:49:182019-06-04 02:49:20प्रचंड जीत के महानायक कार्यकर्ताओं का सम्मान करेंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल
गुरुद्वारा सिंह सभा सेक्टर7 की प्रबन्धन समिति का विवाद आज एक बार फिर पुलिस के पास पहुंचा ,लेकिन इस बार पुलिस कर्मी पर भी आरोप है कि वह अपनी ड्यूटी न करके एक तरफा हो कर दूसरे पक्ष और गुरुद्वारे के सेवादारों और उनके परिवारों को धमका रहा है और अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
पिछले काफी समय से प्रबन्धन समिती की कार्यकारिणी का प्रबंधन को लेकर आपस में विवाद चल रहा है और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यऱोपन करते रहे हैं।
कल शाम एक कमरे का ताला तोड़ने को लेकर विवाद हुआ। समिति के प्रधान कुलजीत सिंह और महा सचिव जसबीर सिंह ने बताया कि कोर्ट आर्डर के अनुसार दोनो पक्षों को मिलकर काम करने के आदेश हैं परंतु प्रिंसीपल पी एस सांघा और उनके साथी इसे मानने को तैयार नहीं और समिति के संचालन में न सिर्फ असहयोग कर रहे हैं बल्कि गुरुद्वारा परिसर पर कब्जा करना चाहते हैं। दूसरी ओर प्रिंसिपल पी एस सांघा ने मौजूदा कार्यकारिणी को अवैध बताया और उनके द्वारा प्रबन्ध और वित्तिय मामलों पर जानबूझकर कर कोताही के आरोप लगाए और कहा कि वह गुरुघर पर कब्ज़ा करना चाहते हैं।
गुरुद्वारा परिसर में पढा रही रविन्द्रजीत कौर ने पुलिस कर्मी सब इंस्पेक्टर मोहन पर आरोप लगाया कि उन्होंने रविन्द्रजीत के साथ बदसलूकी की और उन्हें धमकाया। गुरुद्वारा परिसर में मौजूद सेवादारों ने भी सब इंस्पेक्टर पर धमकाने के आरोप लगाए ।
आज दोनो पक्ष डी सी पी कमलदीप गोयल से भी मिलेंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/guruudwara-sector-7.png6431231Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-04 02:36:492019-06-04 02:36:51गुरुद्वारा सिंह सभा सेक्टर 7 में हुआ फिर से विवाद
आज पंचकूला स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश पदाधिकारियों, जिला प्रभारियों एवं जिला अध्यक्षों की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने सीरकत की l भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, राष्ट्रीय महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष और महिला मोर्चा हरियाणा प्रदेश की प्रभारी आशा जैशवाल, राष्ट्रीय महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष एवं कालका विधायक श्रीमती लतिका शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष निर्मला बैरागी,भाजपा प्रदेश महामंत्री वेदपाल, प्रदेश उपाध्यक्ष बन्तो कटारिया और भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष कविता चौधरी ने दीपप्रज्वलन कर बैठक की शुरुआत की।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी और प्रदेश में मनोहर लाल के नेतृत्व का कोई जबाव नहीं है।सांगठनिक रुप से भी भारतीय जनता पार्टी से मजबूत संगठन पूरे देश में दूसरा नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के इस मजबूत ढाचे की नींव इसके कार्यकर्त्ता है l भारतीय जनता पार्टी संगठन में महिला कार्यकर्त्ता भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी को निष्ठा से निभा रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हाल ही में लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी हरियाणा ने दस की दस लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत है l जिसके लिए भाजपा महिला मोर्चा बधाई का पात्र है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा आज देश, प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ता की छवि दूसरों दलों के कार्यकर्ता के मुकाबले समाज में अच्छी छवि है। आम समाज भाजपा के कार्यकर्त्ता पर भरोसा करता है l भाजपा का नेतृत्व और आकार तेजी से बढ़ रहा है,ऐसे में विधानसभा चुनाव में कोई चुनौती हमारे सामने टिक नहीं पाएगी। बीजेपी में बड़े पैमाने पर लोग शामिल हो रहे हैं। बीजेपी सरकार के पांचवें वर्ष में जिस तरह से नए लोग पार्टी जॉइन कर रहे हैं, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की नीतियों से बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ी है। आशा वर्करों से लेकर महिला खिलाडियों तक जितना मनोहर लाल जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में महिलाओं के कल्याण के लिए जो कदम उठाए है वो आज तक पिछली किसी भी सरकार ने नहीं उठाए।
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष निर्मला बैरागी ने भी कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा महिला मोर्चा ने लोकसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में ऐसी महिलाओ से संपर्क अभियान चलाया था जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में महारत हासिल की है चाहे वह खिलाडी हो, अभिनेत्री हो या कोई सामजिक कार्यकर्त्ता भाजपा महिला मोर्चा ने उनसे संपर्क करके पार्टी के विचार को सबसे साँझा किया हैl जिससे की समाज के प्रतिष्ठित लोगों में पार्टी और मजबूत हो l आज का समय पार्टी के लिए बहुत ही अनुकूल समय है।
भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्षा ने महिला कार्यकर्ताओ को कहा की भाजपा महिला मोर्चा आज अपने साथ समाज के हर वर्ग हर समुदाय की महिलाओ की राजनितिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य कर रही है l महिलाओ से जुड़े स्वयं सहायता समूह और महिलाओ से जुड़े अन्य सामाजिक संगठनो को भी महिला मोर्चा अपने साथ लेकर चलने और महिलाओ को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है l भाजपा महिला मोर्चा आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से भी प्रदेश में अलग अलग कार्यकर्मो का आयोजन करेगा जुलाई में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी और जुलाई में ही प्रत्येक विधानसभा स्तर पर महिला कार्यकर्त्ता सम्मेलनों का आयोजन पूरे हरियाणा प्रदेश में किया जायेगा। आगामी विधानसभा चुनाव में भी महिला मोर्चा अपनी निर्णायक भागीदारी के लिए तैयार है
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश पदाधिकारियों, जिला प्रभारियों एवं जिला अध्यक्षों की बैठक में मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश महामंत्री वेदपाल, प्रदेश उपाध्यक्ष बन्तो कटारिया, कालका की विधायिका लतिका शर्मा और भाजपा महिला मोर्चा के पूरे प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्त्ता मौजूद थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/IMG_1931.jpg254320Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-04 02:07:032019-06-04 02:07:05देश में नरेन्द्र मोदी प्रदेश में मनोहर लाल के नेतृत्व का नहीं कोई जबाव- सुभाष बराला
A case U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh against one person who was arrested while consuming liquor at public place on 02.06.2019.
This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.
MV Theft
Sandeep Kumar R/o # 75/32, Subhash Nagar, Manimajra, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Hero Honda Splendor PRO M/Cycle No. CH01AT-8610 parked near SCO-62, Sec 26, Chandigarh on 31.05.2019. A case FIR No. 120, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Theft
Natwar Lal R/o Jhuggi near Kabadi Market, Makhan Majra, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Nokia Mobile from table near Kabadi shop, Makhhan Majra, Chandigarh on 02-06-2019. A case FIR No. 92, U/S 379 IPC has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Accident
A case FIR No. 161, U/S 279, 304A IPC has been registered in PS-31, Chandigarh on the statement of Sikandar R/o # 142, Hallo Majra, Chandigarh against driver of unknown white colour car sped away after hitting to girl namely Sakshi (pedestrian) age about 10 years near Hallo Majra Chowk on 02-06-2019. She got injured and declared brought dead at GMCH-32, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
A case FIR No. 113, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh on the statement of Priyanka Soni R/o # 282 Ph-2 Mohali, (PB) against driver of Car No. CH01AF-4446 who sped away after hitting to complainant’s Activa Scooter No. CH01AS-9455 near Palm Garden, Sec-42, Chandigarh on 31-05-2019. Complainant and her friend Davinder Kaur both got injuries and admitted in GH-16, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Snatching
A lady resident of Sector 47C, Chandigarh reported that unknown person occupant of Motor Cycle sped away after snatched her purse containing mobile phone, cash Rs. 1500, Debit cards and documents near her house on 02.06.2019. A case FIR No. 162, U/S 356, 379 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
A lady resident of Sector 32, Chandigarh reported that unknown person occupant of Activa Scooter sped away after snatched her gold chain near her house on 02.06.2019. A case FIR No. 123, U/S 356, 379, 34 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Chandigarh-Police-Coaching-in-Chandigarh.jpg319889Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-03 17:02:482019-06-03 17:02:51Police File Chandigarh
नई दिल्ली। शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या पर 3 जून सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूरे दिन और रात में सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। साथ ही वटसावित्री व्रत, भावुका अमावस्या और सोमवती अमावस्या का संयोग भी है। इस दिन बुध, मंगल और राहु का त्रिग्रही योग भी बन रहा है। साथ ही केतु के साथ शनि की उपस्थिति होने के कारण इसका व्यापक असर प्रत्येक जातक पर पड़ने वाला है। खासकर उन लोगों के लिए यह खास दिन होगा जो शनि की साढ़ेसाती, शनि के ढैया या जन्मकुंडली में शनि की महादशा, अंतर्दशा या शनि की खराब स्थिति के कारण परेशान चल रहे हैं। वे लोग इस खास योग में आ रही शनि जयंती पर शनि की पीड़ा शांत करने का मौका अपने हाथ से ना जाने दें।
शनि जयंती पर सर्वार्थसिद्धि योग अमावस्या सोमवार के दिन रोहिणी नक्षत्र तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है। इस दिन सूर्यादय के समय से सर्वार्थसिद्धि योग भी प्रारंभ हो जाएगा। जिसका प्रभाव संपूर्ण दिन और रात में भी रहेगा। इस दिव्य योग की साक्षी में शनिदेव की आराधना जातक को विशिष्ट शुभफल प्रदान करेगी।
संकटों से रक्षा करेगा शनि वज्रपिंजर कवच शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन शनि के वैदिक तथा बीज मंत्र ऊं खां खीं खूं सः मंदाय स्वाहाः के 21 माला जाप करें। शनि स्तवराज, महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ तथा मंदिर में शनिदेव का तेलाभिषेक करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। जिन जातकों को निरंतर शारीरिक पीड़ा रहती है, वे शनि जयंती पर शनिवज्रपिंजर कवच के 11 पाठ करें और उसके बाद हर दिन एक पाठ नियमित करते जाएं। इससे समस्त प्रकार के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
स्टील के बर्तन करें दान शनि की शांति के लिए शनि जयंती के दिन काला उड़द, काला तिल, स्टील-लोहे के बर्तन, श्रीफल, काले वस्त्र, लकड़ी की वस्तुएं, औषधि आदि का दान करना चाहिए। भिक्षुकों को भोजन कराने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। जो गरीब लोग अपनी दवाई का खर्चा उठाने में असमर्थ हों उनके इलाज का इंतजाम करवाएं और उन्हें दवाई भेंट करें, इससे शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं।
मंगल-बुध-राहु का त्रिग्रही योग ग्रह गोचर की गणना के अनुसार अमावस्या पर इस बार बुध, मंगल और राहु मिथुन राशि में त्रिग्रही युति बना रहे हैं। अमावस्या के दिन सात्विक ग्रह बुध के साथ मंगल और राहु की उपस्थिति होने के कारण लोगों में आपसी मतभेद, दुष्ट प्रवृत्तियों के लोगों का प्रभाव बढ़ने जैसी घटनाएं होंगी। योग के प्रभाव से भीषण गर्मी, बारिश, आंधी-तूफान की आशंका भी रहेगी। राजनेताओं के लिए यह समय कष्टप्रद रहेगा। प्रत्येक राशि वाले जातकों पर किसी न किसी प्रकार का कष्ट आ सकता है। इस दिन शनिदेव के साथ हनुमानजी की आराधना श्रेष्ठ फल प्रदान करेगी। जो लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं उन्हें इस दिन हनुमान जी को बेसन के लड्डू या हलवे का भोग अवश्य लगाना चाहिए इससे आर्थिक सम्पन्नता आती है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/10-1558093779-1558201090.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-03 02:37:532019-06-03 02:42:33शनि जयंती का 100 साल बाद बना ऐसा दुर्लभ संयोग, सोमवती अमावस और वट सावित्री सहित 6 योग
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