पंचांग, 24 अप्रैल 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 24 अप्रैल 2024
नोटः आज से वैशाख कृष्ण पक्ष प्रारम्भ हो रहा है। तथा शुक्र पूर्व में अस्त हो रहा है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः वैशाख
पक्षः कृष्ण,
तिथिः प्रतिपदा तिथि की वृद्धि है जो कि गुरूवार को 06.46 प्रातः काल तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः स्वाती रात्रि काल 12.41 तक हैं,
योगः सिद्धि प्रातः काल 05.05 तक,
करणः बालव,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः तुला,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.50, सूर्यास्तः 06.48 बजे।