पंचांग, 03 जून 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 जून 2024
जून माह की शुरुआत ही पंचक के साथ हुई। पहला पंचक 29 मई,2024, बुधवार को रात 08.06 बजे शुरू हुआ, जो 3 जून, 2024, सोमवार को मध्य रात्रि 01.41 बजे तक रहेगा। वहीं जून माह में दूसरा पंचक 26 जून 2024 सोमवार को मध्य रात्रि 01.50 बजे लगेगा, जो 30 जून, 2024, रविवार को सुबह 07.34 बजे तक रहेगा।
नोटः आज अपरा एकादशी व्रत है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा मिलती है।
(वैष्णव) तथा गण्डमूल रात्रि 12.05 तक है। गण्डमूल नक्षत्र में जन्म लेने पर भी अगर लड़के का जन्म रात में और लड़की का जन्म दिन में हो तब मूल नक्षत्र का प्रभाव समाप्त हो जाता है। गण्डमूल नक्षत्र मघा के चौथे चरण में जन्म लेने वाला बच्चा धनवान और भाग्यशाली होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः ज्येष्ठ पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वादशी रात्रि काल 12.19 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अश्विनी रात्रिः काल 12.05तक है,
योगः सौभाग्य प्रातः काल 09.11 है,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः मेष
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.28, सूर्यास्तः 07.11 बजे।