पंचांग, 22 अक्टूबर 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 22 अक्टूबर 2024
नोटः आज स्कंद षष्ठी व्रत है। एवं हेमन्त ऋतु प्रारमभ है।
स्कंद षष्ठी व्रत :प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस तिथि पर मुख्य रूप से भगवान स्कंद अर्थात भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि स्कंद षष्ठी की पूजा से ग्रह दोष शांत हो सकते हैं।
पंचांग के मुताबिक, हेमंत ऋतु 23 अक्टूबर से शुरू होती है। यह ऋतु दक्षिणायन की आखिरी ऋतु है. हेमंत ऋतु में मार्गशीर्ष और पौष महीने आते हैं। इस ऋतु में ठंड की शुरुआत होती है और ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। हेमंत ऋतु में कई शुभ तिथियां और त्योहार आते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः कार्तिक़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः षष्ठी रात्रिः काल 01.30 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आर्द्रा प्रातः काल 05.39 तक है, योग परिघ प्रातः काल 08.46 तक है,
करणः गर,
सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.30, सूर्यास्तः 05.40 बजे।