Turn over of The Corporation Bank as on 31.03.2018 was Rs.3, 03,184.79 crore: Jai Kumar Garg

Shri Jai Kumar Garg, Managing Director and CEO

Panchkula, 24 August, 2018:

Today, Corporation Bank, Zonal Office, Chandigarh organized a business conference of Branches of its Chandigarh Zone on 24th August, 2018 at Panchkula. Shri Jai Kumar Garg, Managing Director and CEO of the Bank headed the conference of around 95 branches under the Zone. Shri D.V.S Varma, Circle General Manager, Delhi and Shri Nagendra H S, Zonal Head, Chandigarh of the Bank was present during the review meeting.

Corporation Bank is among the top performers in the Banking industry and having its headquarter at Mangaluru, Karnataka. The total business of the Bank as on 31.03.2018 was around Rs.3, 03,184.79 crore. The Bank is having total 9955 functional units including 2440 Branches, 3122 ATMs and 4393 Branchless banking units across the country.

During the Business Conference, Shri Garg, accentuated the need for quality business and stable growth. He said curtailing NPAs and recovery of bad debts are the priorities for the Bank.

Addressing the media, Shri Garg said the Bank’s “Halla Bol” recovery campaign which was launched in 2016-17 against the Non-performing assets, has started giving results and Bank is making good recoveries in NPA accounts, including from written off accounts during the first quarter of 2018-19. Stating that “Hallabol” is being done in peaceful manner, Shri Garg said this effort has yielded dividends on the recovery front.

Shri Jai Kumar Garg, Managing Director and CEO

Touching upon the turnaround profit of Rs.85.00 Crore made by the Bank for the quarter ended June 2018, Shri Garg applauded the staff for their commitment in bringing around the change.

Corporation Bank has an array of products and services to meet the needs of customers. In the digital arena, the Bank has recently launched two new products. Corp Ease a multi-utility mobile based application offering various bank services at the comfort of home. The Corp e-Passbook is another novel product by the Bank providing access to bank statements on the mobile phone.

In the savings bank fold Bank offers Corp Elite and Corp Delite variants which are tailor made for Government employees and host a lot of benefits and advantages.

 

हरियाणा में राखी पर बहिनों को निशुल्क यात्रा लाभ

पंचकूला, 24 अगस्त:

हरियाणा सरकार द्वारा रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में सभी महिलाओं एवं 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गई है। यह सुविधा 25 अगस्त दोपहर 12 बजे से 26 अगस्त रात्रि 12 बजे तक उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कि यह सुविधा केवल हरियाणा राज्य परिवहन की साधारण बसों में हरियाणा में स्थित किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक उपलब्ध होगी, जिसमें दिल्ली व चण्डीगढ को भी शामिल किया गया है।

अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया की नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है: विज

 

चंडीगढ़, 24 अगस्त- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि वैक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए राज्य में 25 सेंटिनल सर्विलांस अस्पतालों को सजग किया गया है, इन अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया की नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

श्री विज ने कहा कि यह सुविधा प्रत्येक जिले के न्यूनतम एक अस्पताल में दी जा रही है ताकि रोगियों के उपचार में किसी प्रकार की दिक्कत न हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य के अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल तथा कैथल जिलों में जापानी बुखार की जांच भी की जा रही है। इसके अलावा, मलेरिया की नि:शुल्क जांच एवं चिकित्सा की सुविधा राज्य के गांव स्तर पर उपलब्ध करवाई जा रही है तथा डेंगू के मरीजों के लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड की बनाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को फ्री जांच एवं चिकित्सा उपलब्ध करवाई जाती है परन्तु यह भी ध्यान रखा गया है कि लैब  एवं निजी अस्पताल मरीजों की जेब न काट सके। इसके लिए निजी अस्पतालों एवं लैब के लिए डेंगू एवं चिकनगुनिया प्रत्येक की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट एलिसा की फीस 600 रुपये निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी अस्पताल इससे अधिक फीस लेता पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी गई है।

श्री विज ने बताया कि सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप इस वर्ष हरियाणा में अभी तक जापानी बुखार एवं चिकनगुनिया का कोई मामला सामने नही आया है। इसके साथ ही डेंगू के मात्र 35 मामले सामने आये हैं, जोकि गत वर्ष 4550 थे। इसी प्रकार अभी तक मलेरिया के 1677 मामले दर्ज किए गये हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या 5696 तथा वर्ष 2016 में 7866 थी। परन्तु हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब में अभी तक डेंगू के 148 तथा दिल्ली मेंंं 69 मामले सामने आए हैं।

नवजात की हत्या/मृत्यु प्रथिमिकी दर्ज, जांच चालू , दोषी कौन……


नवजात की हत्या हुई या मृत्यु, क्या यह नूरा कुश्ती का मामला बन कर रह जाएगा जो कभी नहीं सुलझेगा?

सोनीपत पुलिस ने एफ़आईआर किसके खिलाफ लिखी?

क्या वाकई जांच होगी?


चंडीगढ़, 24 अगस्त:

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज को आज स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल ने सोनीपत में हुई नवजात की मौत की जांच रिपोर्ट सौंप दी। इसमें पाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की साइकिल रैली के कारण मरीज की एंबुलेंस अस्पताल में 30 मिनट की देरी से पहुंची।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस संबंध में गठित की गई कमेटी के सदस्य उप-सिविल सर्जन तथा एसएमओ ने पूरे मामले की जांच की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि उन्होंने इस बारे में सभी उपलब्ध दस्तावेजों, एंबुलेंस चालक, फलीट मैनेजर तथा शिशु रोग विशेषज्ञ के ब्यान दर्ज किए है। इसके आधार पर नवजात की मौत का प्रमुख कारण अस्पताल में देर से पहुंचना है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सुबह 11.21 बजे दिव्य निजी अस्पताल मनियारी प्याऊ से नेशनल एंबुलेंस सेवा सोनीपत कार्यालय में एंबुलेस बुलाने की कॉल प्राप्त हुई, जिसमें एक नवजात बच्चे को नागरिक अस्पताल सोनीपत में रैफर करने की अपील की गई थी। इस पर तुरन्त कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबन्धन ने सीएचसी बडखालसा से 11.22 मिनट पर एंबुलेंस को रवाना कर दिया, जोकि दिव्य अस्पताल में मात्र 10 मिनट में पहुंच गई।

रिपोर्ट के अनुसार एंबुलेंस को दिव्य अस्पताल से नागरिक अस्पताल तक पहुंचने में मात्र 15 मिनट लगते है परन्तु उस दिन जीटी रोड़ पर आयोजित की जा रही साइकिल रैली के कारण एंबुलेंस लगभग 30 मिनट देरी से अस्पताल पहुंची। इसके तुरन्त बाद बच्चे को एसएनसीयू में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने पाया कि बच्चे का रंग नीला पड़ा हुआ था तथा दिल की धडक़न बहुत कम थी। चिकित्सकों ने बच्चे की स्थिति को काबू करने के लिए सभी प्रयास किये और परन्तु स्थिति में सुधार नही होने पर बच्चे को पीजीआईएमएस रोहतक रैफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

श्री विज ने बताया कि इस बारे में सोनीपत पुलिस को मामला दर्ज करने की हिदायत दी थी, जिसकी एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सरकार अपने वादे पूरे करे : बजरंग गर्ग

अगरोहा में रेल सुविधा को लेकर हरीयाना व्यपार मण्डल के प्रधान बजरंग गर्ग ने बताया की उन्होने सरकार से इस बारे में चर्चा भी की, के अगरोहा में रेल सुविधा उपलब्ध कारवाई जाए,भले ही सरकार काँग्रेस की हो या भाजपा की सबने सिर्फ वादे ही किए किन्तु इस विषय पर किसी भी प्रकार की कोई प्रक्रिया शुरू नही की गयी है यह परियोजना पिछले 15 या 20 वर्ष से अटकी हुई है और सभी सरकारों द्वारा यह बात अगरोहा ट्रस्ट के प्रधान बजरंग गर्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए कही।टाली भी जा रही

इस बैठक में अग्रवाल समाज व व्यपारिक समाज से जुड़े विषय पर चर्चा हुई, जिसमे  बजरंग गर्ग ने अग्रवाल समाज द्वारा फ़िज़ूल खर्चे एवं हर प्रकार कि झूठी शान दर्शाने को लेके दुःख ज़ाहिर करते हुए कहा कि अग्रवाल समाज अपने घर कि शादियों में बहुत खर्चा करते हैं जब बात सिर्फ शादी के निमंत्रण पत्र की होती है वह उस ही में काफी खर्चा कर देते हैं जैसे कि निमन्त्रण पत्र के साथ एक महंगी मिठाई का डब्बा भी देते जो कि ज्यादा खर्चे को दर्शाता है. इस बैठक का उद्देश्य यह था कि ज्यादा खर्चा करने के बजाये कम खर्चा कर अपने देश कि तरक्की में  योगदान दें. उन्होंने इस समाज कि एक बुरी प्रथा के बारे में भी बात करी के अगर किसी व्यापारी का व्यवसाय बड़ा व् ज्यादा धनवान है तो उसकी इज्ज़त बहुत ज्यादा होगी लेकिन अगर कोई व्यापारी व्यावसायिक मामले में कमजोर है तो उसे उसके समाज वाले नमस्ते तक नही कहेंगे.

ऐसे ही कुछ उदाहारण लेकर आज बजरंग गर्ग ने चर्चा कि.और चर्चा में आगे बढ़ते हुए  बताया कि हमारी राष्ट्रिय अर्थव्यवस्था में अग्ग्र्वाल समाज व व्यपारिक समाज का बहुत बड़ा योगदान है जिसे 57% के आंकड़े से नापा गया है लेकिन व्यापारियों को वह श्रेय अभी तक प्रदान नही किया गया है तो इसलिए उनहोंने अग्रवाल समाज के हक में भी बात की.  चर्चा का अंत करते समय उनहोंने फिर से अग्रवाल समाज द्वारा किये जाने वाले ज्यादा खर्चे वाली बात दोहराई व् कहा कि अगर सब कम खर्चा करेंगे, एक सा खर्चा करेंगे तो समाज में कोई बेईज्ज़त नही होगा सोब को एक सी इज्ज़त मिलेगी.

हिमाचल की तर्ज पर हरियाणा में भी खत्म हो शिक्षा प्रणाली : एनएसयूआई


राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर दीपांशु ने करी मांग,शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन 
खट्टर सरकार एवं प्रशासन छात्रों की कर रहे है अनदेखी


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन,एनएसयूआई के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर व प्रदेश सचिव हरियाणा दीपांशु बंसल ने शिक्षा मंत्री,हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेज कर मांग करी है कि प्रदेश के महाविद्यालयो,विश्वविद्यालयो में सेमेस्टर प्रणाली को बंद करके वार्षिक प्रणाली को हिमाचल की तर्ज पर लागू किया जाए।दीपांशु ने कहा कि भाजपा के शासन में लगातर शिक्षा के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए सैमेस्टर प्रणाली को बंद करने की माँग काफी समय से उठाई जा रही है । एनएसयूआई ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सैमेस्टर प्रणाली शिक्षा को सभी के लिए आसान बनाने के लिए किया गया था लेकिन प्रदेश सरकार की विफलता व कुप्रबंध के चलते इसका उल्टा प्रभाव पड़ा है। शिक्षा का स्तर लगातार गिरा है । दीपांशु ने कहा कि सैमेस्टर प्रणाली से अध्यापक एवं छात्र पढ़ाई करने की जगह बाकी दूसरी चीजों में उलझे रहते है । उन्होंने कहा कि साल में 365 दिन होते है जिसमे से 52 रविवार पड़ते है और 52 शनिवार को कॉलेजो में छात्रों की कमी के कारण क्लास बहुत कम लगती है। साथ ही भारत मे अनेक प्रकार के धर्म है, अनेक त्यौहार आते हैं जिसके चलते 50 से 60 छुट्टियां और हो जाती है । बाकी बचे समय मे से दोनों सैमेस्टर की परीक्षाएं लगभग 60 से 70 दिनों में खत्म होते है । उन्होंने कहा कि 30 से 40 दिन दाखिले प्रक्रिया में भी लग जाते है ।इन सब दिनों को जोड़कर देखा जाए तो छात्रों के पास कुल 60-70 दिन पढ़ाई करने के लिए बचते हैं। ऐसे में छात्रों को पढ़ाई करने में काफी समस्या आती है तथा रिजल्ट भी खराब आता है जिसके चलते समय से पढ़ाई पूरी नही कर पाते है । केंद्र मानव संसाधन मंत्रालय ने भी सेमस्टर प्रणाली को बंद करने का फैसला लिया था।इसके साथ ही छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रमो व खेलो में भी अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित नही करवा पाते।दीपांशु ने सेमस्टर प्रणाली को फेल करार करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर इस प्रणाली का लाभ छात्रो को नही मिल पाता और कुप्रबंध की वजह से नुकसान होता है जिसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन माँग करता हैं कि सैमेस्टर प्रणाली को खत्म करके दुबारा से वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया जाए ताकि शिक्षा का स्तर सुधर सके और छात्रो को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

The British School awarded

 

The British School sector 12 Panchkula soared higher with the Director Principal Ms Geetika Sethi being awarded outstanding leadership best Principal by a National English Daily .
Ms Sethi said it’s s great honour to be given out of 650 Pan-Indian schools.

 


Director Sanjay Sethi and Geetika Sethi have also been honoured as ‘Inspiring Educators of Haryana’
Both Geetika and Sanjay Sethi thanked jury

पुलिस विभाग हरियाणा ने 59 कर्मचारियों को किया नियुक्त/स्थानांतरित

अजय कुमार

चंडीगढ़, 23 अगस्त-

हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से पुलिस विभाग के 59 अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

स्थानांतरण किये गए अधिकारियों/कर्मचारियों में 28 निरीक्षकों, 7 महिला निरीक्षकों, 2 सहायक निरीक्षकों, 1 ईएसआई,1 महिला सहायक उप निरीक्षक, 18 सहायक उप निरीक्षकों तथा 2 ईएएसआई शामिल हैं।

राजेश, निरीक्षक को जिला जींद से जिला सोनीपत, राम निवास, निरीक्षक को जिला रेवाड़ी से जिला फरीदाबाद, बीमल, निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला हिसार, वजीर सिंह, निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला अंबाला, खेम चंद, निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला फरीदाबाद लगाया गया है।

नरेश कुमार, निरीक्षक को हांसी से सीआईडी, कमलदीप, निरीक्षक को राज्य अपराध शाखा से जिला पानीपत, यादविन्द्र, निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला यमुनानगर, संदीप धनखड़, निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला गुरुग्राम, आनंद, निरीक्षक को जिला पलवल से जिला नूहं में लगाया गया है। अजय, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य अपराधा शाखा, सज्जन दलाल, निरीक्षक को गुरुग्राम से राज्य अपराध शाखा, करण सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य अपराध शाखा, विजय आनंद, निरीक्षक को जिला नूंह से राज्य अपराध शाखा, ज्ञान चंद, निरीक्षक को जिला नूंह से राज्य अपराध शाखा में लगाया गया है।

प्रवीण, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, संदीप, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जिला पंचकूला, प्रेम सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, यशवंत, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, जय सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जीआरपी, जयभान त्यागी, निरीक्षक को जिला नूंह से जिला गुरुग्राम, राजेश, निरीक्षक को जिला फरीदाबाद से जिला पलवल, शुक्र पाल, निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला रोहतक, हंस राज, निरीक्षक को  जिला फरीदाबाद से जिला गुरुग्राम, दीपेंद्र, निरीक्षक को जिला कुरुक्षेत्र से राज्य सतर्कता ब्यूरो में नियुक्त किया गया है।

इसी प्रकार, सुनीता, महिला/निरीक्षक को जिला रोहतक से जिला पंचकूला, नेहा, महिला/निरीक्षक को राज्य अपराध शाखा से जिला पंचकूला, कुलबीर कौर, महिला/निरीक्षक को जिला करनाल से जिला कुरुक्षेत्र, सरबजीत, महिला/निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला गुरुग्राम, मंजू, महिला/निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला फरीदाबाद, कविता, महिला/निरीक्षक को जिला हिसार से जिला भिवानी, मीना, महिला/निरीक्षक को जिला पानीपत से जिला नूंह में लगाया गया है।

अनूप सिंह, उप-निरीक्षक, एसटीएफ, भौंडसी, जीजीएम यूनिट, फरीदाबाद को जिला भिवानी, संजय, उप-निरीक्षक को जिला पलवल से जिला रेवाड़ी, अशोक, ईएसआई को जिला भिवानी से जिला रेवाड़ी, सुमन बाला, महिला/सहायक उप-निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला नारनौल में नियुक्त किया गया है। मोहन लाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला करनाल से जिला पानीपत, रामेश्वर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पानीपत से आरटीसी, भौंडसी लगाया गया है।

करमबीर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला पानीपत, रमेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला कैथल से जिला पानीपत, सतीश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला अंबाला, अमरपाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला जींद से जिला सिरसा, जसबीर सिंह, सहायक उप-निरीक्षक को जिला झज्जर से जिला रोहतक, अजय पाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला रोहतक से जिला पंचकूला, हरमेल सिंह, सहायक उप-निरीक्षक को जिला अंबाला से जिला कुरुक्षेत्र, अली हसन, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पलवल से जिला गुरुग्राम, राम भज, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला अंबाला, अरविंद, सहायक उप-निरीक्षक, यू/टी रोहतक से पलवल को जिला पंचकूला में लगाया गया है।

इसी प्रकार, किशोर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला पलवल, अशोक, सहायक उप-निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला पलवल, अनिल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जिला पंचकूला, रविन्द्र, सहायक उप-निरीक्षक को जिला नारनौल से हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन, जय नारायण, सहायक उप-निरीक्षक को जिला करनाल से जिला यमुनानगर, राज कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला जींद से जिला पलवल, राम कुमार, ईएएसआई को जिला पंचकूला से जिला पानीपत और रणबीर, ईएएसआई को हांसी से जिला गुरुग्राम में लगाया गया है।

राम -रहीम की जमानत याचिका खारिज

अजय कुमार
पंचकुला, 23 अगस्त, 2018:
साध्वी यौन शोषण मामले में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम सिंह को एक और मामले में बड़ा झटका लगा है, उसके द्वारा 400 से ज्यादा साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में दायर की गई जमानत याचिका को विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दिया है। बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने हाल में सीबीआई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।

गुरुवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने सुनवाई की और जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हालांकि, इसी मामले में आरोपी डॉ. पंकज गर्ग को जरूर राहत मिल गई है। उन्हें कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति भी मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता हंसराज चौहान की याचिका पर साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में 23 दिसंबर 2014 को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि डेरा में ईश्वर से मिलाने के नाम पर 400 साधुओं के अंडकोष काटकर उन्हें नपुंसक बनाया गया था।

देशभर की नजरों में आए इस मामले में सीबीआई ने मामले की जांच की थी और कुछ समय पहले कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए थे।

“एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” ने हरियाणा के हित में सुझाया नया ‘जल मार्ग’

फोटो: राकेश शाह


हिमाचल के बद्दी से पिंजौर लाया जा सकता है

राजनैतिक दलों पर लगाया हरियाणा व पंजाब के किसानों की बरगलाने का आरोप

एडवोकट जितेंद्र्नाथ के नेतृत्व मे समिति जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर प्रधान मंत्री को सौंपेगी ज्ञापन


चंडीगढ़, 23 अगस्त-

हरियाणा व पंजाब के बीच राजनैतिक फुटबाल बना एसवाईएल का पानी अगर केंद्र सरकार चाहे तो एक साल के भीतर दक्षिणी हरियाणा के सूखे खेतों को सींच कर हारा-भरा कर सकती है बेशर्ते बिना राजनैतिक स्वार्थ के दृढ़ संकल्प होना चाहिए। यह पानी भी ऐसे रास्ते से आएगा की न पंजाब के किसानों को कोई क्षति होगी ओर न हरियाणा को उसके भाग में कमी आएगी।*

यह रास्ता सुझा रहे हैं “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” के अध्यक्ष अडवोकेट जितेंद्र्नाथ। उन्होने आज यहाँ प्रैस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि उन्होने एसवाईएल नहर के पानी को भाखड़ा डैम से हरियाणा तक लाने का शांति व सद्भाव से मार्ग तलाशने के लिए विस्तार से अध्ययन किया। उन्होने जो मार्ग तालाश किया उससे न तो पंजाब के किसानों को कोई एतराज़ होगा ओर न ही हरियाणा के किसानों के हक़ में कोई कटौती होगी। अगर सरकार ने उनके द्वारा सुझाए हुए मार्ग के रास्ते एसवाईएल का पानी लाने के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं कि तो आगामी 28 अगस्त से शुरू करके करीब 4 महीने तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित कि जाएंगी ओर 1 दिसम्बर 2018 को दिल्ली के जंतर मंत्र पर प्रदर्शन करके प्रधान मंत्री को ज्ञापन सोनपा जाएगा।

उन्होने बताया अगर केंद्र की भाजपा सरकार वास्तव में एसवाईएल के पानी कि समस्या का हल चाहती है तो भाखड़ा डैम से हिमाचल के रास्ते बद्दी होते हुए पिंजौर के साथ से पंचकुला के पास टांगरी नदी से पानी जनसुई हैड तक लाया जा सकता है। उन्होने एक डॉक्यूमेंटरी के मधायम से एसवाईएल के वर्तमान हालात व उनके सुझाए गए रस्तों को दिखते हुए बताया कि जनसुई हैड से आगे नहर का काम पूरा हो चुका है।  भोगोलिक दृष्टि से देखें तो भाखड़ा डैम से वाया हिमाचल हरियाणा कि सीमा मात्र 67 किलोमीटर दूऋ पर है जबकि पंजाब के रास्ते हरियाणा सीमा कि दूरी 156 किलोमीटर पड़ती है।

अडवोकेट जातींद्र्नाथ ने बताया कि उनकी “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” ने जो रास्ता सुझाया है उस रास्ते में पड़ने वाली हिमाचल प्रदेश की ज़मीन पहाड़ी व वीरानी है ओर सरकारी भी है जिसको हिमाचल सरकार बड़ी आसानी से दे सकती है। यहाँ उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा डैम का पानी भी तेज़ बहाव से नीचे कि तरफ आता है जिससे बिजली बनाई जाती है। भाखरा डैम से विद्युत उत्पादन के बाद यह पानी सतलुज नदी में गिरता है। हिमाचल में सतलुज नदी 11 किलोमीटर तक बहती है जिसमें कहीं पर भी एसवाईएल को जोड़ कर पानी लाया जा सकता है। समुद्र तल से सतलुज नदी का लेवल वहाँ पर 1203 फीट है, पंचकुला में 1000 फीट  और अंबाला  में 900 फीट व जनसुई हैड तक 823 फीट समुद्र ताल से ऊंचाई है। कहने का भाव यह है कि सतलुज नदी से लेकर जनसुई हैड तक एसवाईएल का पानी सरपट दौड़ता हुआ आएगा।

उन्होने बताया कि कि ऐसे में यदि एसवाईएल का निर्माण पंजाब के बजाए हिमाचल से सीधा करवाते हैं तो प्रदेश सरकार को खर्चा भी अधिक वहन नहीं करना पड़ेगा ओर पुनर्वास कि समस्या भी नहीं आएगी। इस रास्ते से हरियाणा में पानी लाये जाने से 1100 मेगावाट बिजली भी बनाई जा सकती है ओर प्रदेश वासियों को उनके हक का पानी भी मिल जाएगा, दक्षिणी हरियाणा की पानी की कमी से जूझती बंजर होती जा रही भूमि सिंचित हो जाएगी। दक्षिण हरियाणा का किसान पिछले करीब 43 साल से एसवाईएल के पानी का इंतज़ार कर रहा है। वहाँ का भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है, खेत व जोहड़ की बात तो दूर पीने का पानी तक खारा हो गया है। ख़राब भूमिगत पानी पीने से लोगों में कैंसर जैसी भयानक बिमारियाँ फैलने लगीं हैं।

उन्होने हरियाणा के पंजाब से अलग होने पर एसवाईएल के पानी के मुद्दे पर अभी तक सत्ता में आए सभी राजनैतिक दलों द्वारा मात्र राजनीति किए जाने का आरोप लगाया। सर्वोच्च नयायालय के निर्णय के बावजूद राजनैतिक दलों ने ऐसे हालात पैदा कर दिये है कि अगर पंजाब के रास्ते जबरन एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाया जाता है तो पंजाब के भोलेभाले किसान राजनेताओं के बहकावे में आ कर कोई अवांछित कदम उठा सकते हैं। दोनों प्रदेशों के लोगों में रोटी बेटी का नाता है ओर यहाँ के जवानों का राष्ट्र कि सीमा पर और क्षेत्र के किसानों का राष्ट्र के अन्न भंडार में भरपूर योगदान रहा है। ऐसे में “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” चाहती है कि किसी भी कीमत पर हरियाणा व पंजाब के बीच सामाजिक सद्भाव व प्रेम खत्म नहीं होना चाहिए।

फोटो: राकेश शाह

कभी कांग्रेस तो कभी आईएनएलओ ओर भाजपा सरकारें मामले को सर्वोच्च नयायालय में लंबित बता मुद्दे को लटकती आ रहीं हैं॥ पिछले दिनों सर्वोच्च नयायालय ने अपने फैसले में कहा है कि एसवाईएल नहर बनानी चाहिए  ताकि ब्यास नदी का अतिरिक्त पानी दक्षिणी हरियाणा की प्यासी भूमि को मिल सके। यहाँ यह बात उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने यह बिलकुल नहीं कहा कि यह पानी पंजाब के रास्ते ही आना चाहिए, या यह पानी हिमाचल के रास्ते नहीं आना चाहिए।

जितेंद्र्नाथ ने बताया कि उनकी समिति द्वारा तैयार किए गए ‘वैकल्पिक’ जल मार्ग का खाका बना कर उन्होने 8 जनवरी 2017 को हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री, राज्यपाल व हिमाचल प्रदेश की सरकार को दिया था, जिसका अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सरकारों के मंसूबों को भाँप कर सर्वोच्च नयायालय में एक जनहित याचिका दायर की, कि नयायालय केंद्र एवं राज्य सरकारों को समिति द्वारा सुझाए गए जल मार्ग को प्रशस्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सके, इस मांग को नयायालय ने अपने कार्यक्षेत्र के बाहर कि बात कह कर समिति को सरकारों के द्वार खटखटाने के लिए कहा।

जितेंद्र्नाथ ने कहा कि एसवाईएल मामले पर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा उदासीन रवैये के चलते वह अपने वैकल्पिक जल मार्ग का रास्ता जनता के बीच ले कर आए हैं ताकि प्रदेश की जनता को साथ लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इसके लिए उनकी समिति पूरे हरियाणा में 28 अगस्त से जागरूकता अभियान चलाएगी ओर करीब चार महीने तक गाँव, ब्लाक, कालेज व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को एसवाईएल के पानी के महत्व व सरकार द्वारा इस मुद्दे की उपेक्षा के बारे में समझाया जाएगा। बाद में, ‘एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति’ के नेतृत्व में प्रदेश की जनता द्वारा एक दिसंबर 2018 को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर देश के प्रधान मंत्री श्री मोदी को ज्ञापन सौंपा जाएगा जिसमें एसवाईएल का पानी समिति द्वारा सुझाए गए मार्ग से लाने की मांग की जाएगी। इससे पंजाब व हरियाणा के बीच सामाजिक सद्भाव भी बना रहेगा और हरियाणा के किसानों को उनके हक का पानी भी मिल जाएगा।

एडवोकेट जितेंद्र्नाथ ने एसवाईएल नहर के पानी के मुद्दे के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि 29 जनवरी 1955 को पंजाब, राजस्थान व जम्मू कश्मीर के पानी का बटवारा हुआ था। वर्ष 1966 में हरियाणा बनाने के बाद पंजाब के पानी का बंटवारा हुआ था जिसमें हरियाणा को 3.50 मिलियन एकड़ फुट पानी दिया गया था जो एसवाईएल नहर का निर्माण कर दक्षिण हरियाणा कि भूमि को पंहुचना था, उस नहर का निर्माण आज तक नहीं हुआ।इस पर पिछले 43 सालों से पंजाब ओर हरियाणा में विवाद चल रहा है। वर्ष 1990 तक नहर का थोड़ा बहुत निर्माण चलता रहा परंतु 2 जुलाई 1990 को एक मुखी अभियंता, एक अधीक्षक अभियंता व 22 मजदूरों कि गोली मर कर हत्या कर देने के बाद से नहर निर्माण के लिए पंजाब में कोई नहीं गया। वर्ष 1996 में हरियाणा सरकार उच्चतम नयायालय में चली गयी, जिसका फैसला 2002 में आया लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। हम सब जानते हैं कि पंजाब सरकार ने पिछले दिनों नहर कि भूमि के आबंटन रद्द कर नहर कि भूमि किसानों को लौटा दी व पंजाब के किसानों के इंतकाल कार्वा दिये गए।इस हालत में नहर के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन सरकार के पास नहीं है, पंजाब सरकार ने उच्च नयायालय मे शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि पंजाब के पास नहर के पुनर्निर्माण के लिय भूमि नहीं है।

ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों से समिति का अनुरोध है कि दोनों प्रदेशों के भाई चारे व हरियाणा के किसानों के हित को देखते हुए इनके द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक जल मार्ग से एसवाईएल का पानी हरियाणा को दिया जाये