सर्बिया को जिताया कप्तान एलेक्जेंडर कोलारोव के फ्री किक ने

 

आठ साल बाद विश्व कप में कदम रख रही सर्बिया की टीम ने कप्तान एलेक्जेंडर कोलारोव द्वारा फ्रीकिक पर किए गए गोल के दम पर रविवार को समारा स्टेडियम में खेले गए मैच में कोस्टा रिका को 1-0 से मात देकर टूर्नामेंट का विजयी आगाज किया।

ग्रुप-ई के इस मैच में कोस्टा रिका को सर्बिया की टीम के सामने दबाव में देखा गया। वह सर्बिया को डिफेंस को भेदने में नाकाम रही और इसी कारण अपने एक भी अवसर को गोल में तब्दील नहीं कर पाई।

मैच की शुरुआत में ही दोनों टीमें एक-दूसरे को अच्छी टक्कर दे रही थीं। 11वें मिनट में कोस्टा रिका को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और गुजमान ने फुटबाल पर किक मारा और गोंजालेज ने हेडर से मारकर उसे सर्बिया गोल पोस्ट कर पहुंचाना चाहा, लेकिन फुटबाल नेट के ऊपर से निकल गई।

इसके बाद, 13वें मिनट में सर्बिया के खिलाड़ी मित्रोविक ने बड़ा शॉट मारकर कोस्टा रिका के गोल पोस्ट तक फुटबाल को भेजने की कोशिश की, लेकिन के. नवास ने शानदार सेव करते हुए इसे असफल कर दिया।

रेफरी ने इस बीच, कोस्टा रिका के खिलाड़ी फ्रांसिस्को जेवियर काल्वो क्वेसाडा को पीला कार्ड दिखाया। दोनों टीमों का अच्छा डिफेंस था, लेकिन आक्रामक पंक्ति कमाल नहीं कर पा रही थी।

सर्बिया टीम के फारवर्ड में अनुभव की कमी साफ नजर आ रही थी। वह कोस्टा रिका के गोल पोस्ट तक तो पहुंच रहे थे, लेकिन गोल नहीं कर पा रहे थे। 26वें मिनट में सर्बिया को एक बार फिर गोल करने का अवसर मिला था, मिलिनोविक ने फुटबाल को अपने पास लेकर प्रतिद्वंद्वी टीम के गोल पोस्ट तक पहुंचाना चाहा, लेकिन कोस्टा रिका के गोलकीपर नवास ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया।

औरंगजेब के पिता की बात से घाटी में बदलते हालात

जम्मू एंड कश्मीर में सेना के जवान औरंगजेब की शहादत के बाद हालात काफी अलग हैं. इस घटना के बाद आतंकियों के खिलाफ लोगों के मन में गुस्सा बढ़ गया है. खासकर औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ की सरकार से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपील ने इस असर को और गहरा किया है. औरंगजेब के परिवार के कई सदस्य सेना में हैं या रह चुके हैं. मोहम्मद हनीफ ने आतंकवाद को उखाड़ने के लिए खुद खड़े होने का दावा किया है. जाहिर है ऐसे तेवरों का असर आम कश्मीरी के मन पर भी पड़ रहा है.

आम जन का आतंकियों के खिलाफ रोष बढ़ रहा है. पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों ने लोगों के मन में डर बिठाने के लिए जो नापाक चाल चलकर शहीद औरंगजेब की हत्या की, उसका उल्टा असर हुआ है. खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर है कि औरंगजेब की हत्या के बाद आईएसआई कश्मीर के बदले हालात पर नजर बनाए हुए है.

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि औरंगजेब की हत्या से कश्मीर के लोगों में है गुस्सा बढ़ा है. इसके साथ ही भारतीय सेना के लिए कश्मीर में जो सपोर्ट मिल रहा है उसे लेकर आईएसआई और उसके हुक्मरान काफी परेशान हैं. अगर ऐसे ही हालात आगे रहे तो आतंकियों का घाटी में रहना मुश्किल हो जाएगा.

खुफिया सूत्रों के अनुसार, आईएसआई ने लश्कर ऐ तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी गुटों से कहा कि वो औरंगजेब की हत्या की जिम्मेदारी न लें. ये पहला मौका नहीं है. इससे पहले कश्मीर में लेफ्टिनेंट उमर फयाज की भी हत्या हुई थी. अब आतंकियों ने औरंगजेब को निशाना बनाया है. लेकिन जिस तरह से औरंगजेब के पिता ने आतंकियों को जवाब दिया है, उससे पाकिस्तान में मौजूद आतंकी और उनके आकाओं की नींद उड़ी हुई है.

मुसलमानों के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है: मुख़्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले 70 वर्ष से मुसलमानों के जेहन में जो विष भरा गया है, वह काफी हद तक कम तो हुआ है लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिये बहुत कुछ करना होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिना भेदभाव के, सम्मान के साथ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध है। नकवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार का विकास का मसौदा, वोट का सौदा नहीं है। पिछले चार वर्षो के दौरान हमारी सरकार ने अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध पहल की है जिसका जमीन पर प्रभाव दिख रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा वर्ष 2019 के चुनाव में तीन तलाक के विषय पर अपने प्रयासों को जनता के सामने रखेगी। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण की पहल के कारण ही मुस्लिम बालिकाओं के बीच में ही स्कूल छोड़ने की दर 74 प्रतिशत से घटकर अब 42 प्रतिशत रह गई है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पौने तीन करोड़ बच्चों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इसके कारण बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और रोजगार का मौका मुहैया कराने का काम किया है। इसका गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों को काफी लाभ हुआ है जिसमें काफी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के सभी मंत्रियों द्वारा लगातार सम्पर्क एवं संवाद के माध्यम से समाज के सभी वर्ग के लोगों में विकास एवं विश्वास का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है।उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से मुसलमानों के जेहन में जो विष भरा गया है, वह काफी हद तक खत्म हुआ लेकिन अभी भी इस संदर्भ में बहुत कुछ करना होगा और मोदी सरकार बिना भेदभाव के सम्मान के साथ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय के कार्यों का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के माध्यम से देश के पिछड़े एवं अल्पसंख्यकों की अच्छी खासी आबादी वाले क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, कौशल विकास के लिये आधारभूत ढांचे के विकास का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत नवोदय एवं केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर स्कूलों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भवनों एवं सामुदायिक केंद्रों का निर्माण किया गया । इसके साथ ही समाज में सद्भाव एवं समरसता को बढ़ावा देने के लिये ‘सद्भाव मंडप’ की भी स्थापना की जा रही है।

Sheila Bats For Rahul as PM 2019

Congress president Rahul Gandhi the 2019 general election, Congress veteran Sheila Dixit has said on Sunday.

The three-time Delhi Chief Minister said the country was facing serious challenge of “remaining together” under the Modi government and all the opposition parties must join hands, leaving aside their differences, to dethrone the current dispensation from power.

“Look he is leading the party. Automatically the one who leads the party is chosen for everything. He is the leader of our party and if Congress has to lead the opposition alliance, then Rahul Gandhi automatically becomes its leader,” the 80-year-old Congress leader said.

Buoyed by results of Karnataka Assembly election as well as recent bypolls, the Congress and and other prominent opposition leaders have been talking about the need to form a grand alliance to stop BJP’s electoral juggernaut in 2019 polls but there has been no consensus yet on who will lead such an alliance.

“There is a small movement to bring together all the non-BJP parties is going on. That will require some understandings, some sort of adjustments,” she said
Asked whether the Congress should try to stitch together the coalition, Dikshit said the time has come for such an alliance the party should go for it.

The Congress leader, who was the chief minister of Delhi between 1998 and 2013, said India was going through a “very difficult phase” and that opposition parities must leave aside their differences for the sake of the country’s future.

“As a country, the biggest struggle for us is to remain together. We are a nation which has got every religion here. Some may be bigger, some may be smaller. The basic philosophy of the country is to carry everybody together and make everybody feel that he is an Indian first. The Congress gave the feeling to everybody,” she said.

Dikshit said Gandhi has emerged as a capable leader and there was no reason why he should not lead the opposition alliance.

Asked about Sonia Gandhi role in the party, Dikshit said she remains the guiding force of the party and will remain so.

“Sonia Gandhi has been the leader of the party for over two decades. She knows the party more than anybody else does and I do not think she will run away from responsibilities. She built up Congress when everybody felt the party is finished,” Dikshit said.

Asked about Pranab Mukherjee recent visit to RSS headquarters in Nagpur, Dikshit said his speech there was good “but no body in Congress is being able to understand why he had to go there. There is a big why?”

“There is disappointment in Congress. He spoke well there. His speech has been appreciated. But the visit was not expected,” she added.

On whether Mukherjee’s visit legitimised the RSS, she said “RSS does not need legitimisation by anybody other then themselves. They have a particular way of dressing, they have a particular way of thinking. I do not think they need any legitimisation.”

 

She observed that the RSS must have “gained” from Mukherjee’s visit. “They will take it as a gain,” she said.

Let us do our work. We are feeling frightened and victimised: IAS officers association

  • The officers were addressing the media after Delhi government alleged that bureaucrats in Delhi have been “hindering” the work of the AAP-led government
  • Let us do our work. We are feeling frightened and victimised, the officers said

Delhi’s IAS association on Sunday held an unprecedented press conference to counterAAP’s claim that its officers are on strike and said that they are being “targeted”and “victimised”.

“I would like to inform that we are not on strike. The information that IAS officers in Delhi are on strike is completely false and baseless. We are attending meetings, all departments are doing their work. We are sometimes also working on holidays,” said Manisha Saxena, IAS Association Delhi.

The officers were addressing the media after Delhi government alleged that bureaucrats in the national capital have been “hindering” the work of the AAP-led government and have alleged that they have been staging a strike for the last four months.

“Let us do our work. We are feeling frightened and victimised. We are being used for completely political reasons,” said bureaucrat Varsha Joshi.

Delhi chief minister Arvind Kejriwal along with his cabinet colleagues has been camping at Lt. Governor Anil Baijal’s house + for almost a week to demand that Baijal issue a directive to civil servants who the AAP leader says are on de facto strike.

PM Invite “Widespread Debate” on Simultaneous Elections

 

Prime Minister Narendra Modi today called for “widespread” debate on holding simultaneous elections to the Lok Sabha and state assemblies saying that it will result in financial savings.

Modi was addressing the fourth meeting of the Governing Council of NITI Aayog that was attended by chief ministers of almost all states.

The central government has been toying with the idea of holding simultaneous elections for quite sometime now.

“The Prime Minister called for widespread debate and consultations on simultaneous elections for Lok Sabha and Vidhan Sabhas, keeping in view various aspects such as the resulting financial savings and consequent better utilisation of resources,” an official release said.

Niti Aayog had last year suggested synchronised, two-phase Lok Sabha and assembly polls from 2024 so as to ensure minimum ‘campaign-mode’ disruption to governance.

In his closing remarks at the meet, Modi also said that corporate investment in agriculture is very low in India and urged the state governments to formulate policies to promote industry participation in the farm sector.

Speaking on various aspects of the economy, Modi said that the world expects India to become a five trillion dollar economy soon.

He encouraged states to give fresh ideas to the Finance Commission, for incentivising outcome-based allocations, and expenditure correction.

प्रधान मंत्री ने की मुख्यमंत्रियों की सराहना

नीति आयोग की चौथी गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा दिलाया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों की केंद्र हर संभव मदद करेगा. उन्होंने कहा कि गवर्निंग काउंसिल गवर्नेंस से संबंधित जटिल मुद्दों को हैंडल करता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जीएसटी को लागू किया जाना. मुख्यमंत्रियों के लिए उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल ट्रांजैक्शन और कौशल विकास के मामले में उन्होंने काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

पीएम ने कहा कि 2017-18 के चौथे क्वार्टर में अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.7 फीसदी रही. उन्होंने कहा कि अभी चुनौती ये है कि विकास दर को डबल-डिजिट तक ले जाया जाए. इसके लिए तमाम कदम उठाने पड़ेंगे. उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने, जिलों के विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष और महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर बात की.

पीएम ने कहा कि पूरे देश में ‘आयुष्मान भारत’ के तहत डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं. इससे करीब 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख का हेल्थ इंश्योंरेंस दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए प्रावधान किए जाएंगे.

मुद्रा योजना, जनधन योजना और स्टैंड-अप योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन में इसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मानवीय विकास को बेहतर करने की ज़रूरत है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्कीमों को लागू करने के लिए ग्राम स्वराज अभियान एक नए मॉडल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि इसका प्रसार 45,000 गांवों तक हो चुका है. उज्जवला, सौभाग्य, उजाला, जन धन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और मिशन इंद्रधनुष जैसी सात योजनाओं में यूनिवर्सल कवरेज का प्लान है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं है. वर्तमान में राज्यों को केंद्र से करीब 11 लाख करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं जो कि पिछले साल की तुलना में 6 लाख करोड़ अधिक है. उन्होंने कहा कि ये मीटिंग जनता की उम्मीदों और अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए यहां मौजूद लोगों का भी कर्तव्य है कि वो लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे.

Congress’s Silence Quizzical

Just when the Congress was settling down for a quiet weekend, the drama unfolding in Delhi shook the grand old party out of its calm.

Four non-NDA, non-Congress chief ministers — Mamata Banerjee, Chandrababu Naidu, Pinarayi Vijayan and HD Kumaraswamy — rallied behind Delhi counterpart Arvind Kejriwal, who has been sitting on a dharna at L-G Anil Baijal’s office for a week now.

For the Congress, this show of unity by the ‘federal front’ players is a worrisome prospect. As the race for 2019 heats up, the party seems to be at the tail end.

The first tell-tale sign was visible at JD(S) leader HD Kumaraswamy’s swearing-in as Karnataka chief minister. The opposition put up a grand show of strength at the event, but it was Mamata Banerjee who emerged as the glue and catalyst for this unity.

Even though it was a JD(S)-Congress alliance that was taking power, it was clear that other parties were calling the shots. For once, the Congress swallowed it pride and accepted playing second-fiddle. As speculation mounted that it would have to play a similar role in other states with powerful regional satraps, the Congress saw an opportunity in Delhi to assert itself.

A long-term plan was drawn up and it was decided that Ajay Maken and Sheila Dikshit must bury their hatchet and join forces. This was almost as unthinkable as CPI(M)’s Pinarayi Vijayan and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee sharing space. But just as Vijayan and Mamata shared a podium on Saturday, Maken and Dikshit came together last week.

The Congress had hoped that Kejriwal’s dharna would alienate him further and the Congress could benefit in the national capital. This is perhaps why when opposition parties spoke up in Kejriwal’s support, the Congress kept mum.

“If we could forgive the DMK in 2004 and go with the Samajwadi Party in Uttar Pradesh, what stopped us from showing support to Kejriwal? The problem is that the Congress failed to choose who was their bigger enemy, the BJP or AAP. They chose AAP as the bigger enemy,” says a senior Congress leader.

While the drama was unfolding in Delhi, a senior Congress leader called someone close to Rahul Gandhi’s office and suggested that a statement be issued. The person on the other end said he would discuss and call back. The call, however, never came and the message was clear — the AAP was not to be shown any sympathy.

The irony is that the Congress is fighting a similar battle in Puducherry, where Chief Minister Narayansamy is at logger heads with Lt Governor Kiran Bedi.

L-G not present at Niti Aayog meet, Amitabh Kant tells CM Arvind Kejriwal

NITI Aayog’s Meeting

Niti Aayog CEO Amitabh Kant responded to Delhi chief minister’s Twitter post questioning who had given Lieutenant Governor Anil Baijal the power to replace the CM at the council meeting.

Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal today said he has not “authorised” LG Anil Baijal to attend the NITI Aayog meeting in his place after a report claimed the presence of the Constitutional head at the meeting.

However, NITI Aayog Chief Executive Officer Amitabh Kant described the report as “totally incorrect”.

“Under which provision of the Constitution does LG have powers to replace the Chief Minister? I have not authorised him to go in my place,” Kejriwal tweeted.

Kejriwal was responding to a Twitter user’s claim that LG Baijal “chose” to represent Delhi at the Niti Aayog meeting and had reached the meeting venue.

Responding to the report, Kant said, “This is totally incorrect. Lt. Governor of Delhi is not present at the Fourth Meeting of the Govening Council of NITI Aayog.” Kejriwal accompanied by his deputy Manish Sisodia and ministers

Satyendar Jain and Gopal Rai is staging a dharna at Baijal’s office for the last one week, demanding that IAS officers end their “strike” and approve doorstep ration delivery scheme of his government.

Kejriwal and his Cabinet colleagues are sitting at the office of Lt Governor Anil Baijal demanding his direction to the IAS officers to end their “strike” and approve doorstep ration delivery scheme, since last Monday.

Prime Minister Narendra Modi chaired the fourth meeting of the Governing Council of NITI Aayog at Rashtrapati Bhawan which is underway right now.

The Council is likely to discuss important issues such as measures taken to double farmers’ income; progress of flagship schemes such as Ayushman Bharat, National Nutrition Mission, and Mission Indradhanush; development of aspirational districts and celebration of the 150th birth anniversary of Mahatma Gandhi.

The Governing Council will also review the work done during the previous year and deliberates upon the future developmental priorities.

The day-long meeting will be attended by Union Ministers, Chief Ministers from the States, Lieutenant Governors of Union Territories and senior officials from the Government of India.

The Governing Council of NITI Aayog is the premier body tasked with evolving a shared vision of national development priorities, sectors, and strategies with the active involvement of States in shaping the development narrative.

The bureaucrats in Delhi are not meeting Delhi ministers as part of their protest against an alleged assault on Chief Secretary Anshu Prakash in February.

They are demanding an apology from Kejriwal for the incident.

अब अरविन्द ने प्रधान मंत्री को लिया आड़े हाथ

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने कुछ खास सहयोगियों के साथ धरने पर हैं। लेकिन ये धरना उनके पिछले धरनों से अलग है। इस दफा वो खुले मैदान से हटकर एलजी दफ्तर के एसी कमरे में न्याय की गुहार लगा रहे है। अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल के इशारे पर आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं। तो वहीँ आईएस अधिकारीयों का कहना है कि दिल्ली काम कर रही है और कहीं भी कोई हड़ताल नहीं है. अधिकारी और कुछ भी कहने से बचते रहे.

अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि यदि उपराज्यपाल चाहते तो सभी आईएएस अधिकारी काम पर लौट आते। लेकिन उनके अड़ियल रुख की वजह से दिल्ली की व्यवस्था चरमरा गई है। अधिकारियों की हड़ताल, दिल्ली में जल संकट और पीएम मोदी के मुद्दे पर उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से तफ्सील से बात की। एकतरफ उनका दर्द छलका और दूसरी तरफ गुस्सा। इन सबके बीच केजरीवाल का धरना सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है।

आप सरकार के मुखिया  ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सरकार बनने के तुरंत बाद से ही दिक्कतें शुरू हो गईं। केंद्र सरकार के इशारे पर आईएएस अधिकारी जितनी दिक्कतें पैदा कर सकते थे उसमें कोरकसर नहीं छोड़ी। अब तो हालात ये है कि अधिकारी न तो बैठकों में आते हैं। न ही फील्ड का दौरा करते हैं। दिल्ली सरकार शक्तिविहीन हो चुकी है। ​

आईएएस अधिकारियों और एलजी अनिल बैजल के रुख पर केजरीवाल ने कहा कि अधिकारियों की हड़ताल प्रायोजित है। उन्हें भड़काया गया है। इन सब मुश्किलों के बीच आप सरकार बेहतर कर रही है। दिल्ली में मुफ्त शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने के बाद लोग सवाल पूछते हैं कि मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है। इन सवालों से बीजेपी परेशान है और आप सरकार की राह में कांटे बिछा रही है। लेकिन वो भी तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक आईएएस अधिकारी हड़ताल वापस नहीं ले लेते।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर पीएम चाहें तो एक मिनट के अंदर हड़ताल खत्म हो जाएगी। वो पीएम से अपील भी करते हैं कि हड़ताल को खत्म कराने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए। वो बहुत सी बैठकों में शिरकत कर चुके हैं। लेकिन पीएम न तो उनसे बोलते हैं न ही उनकी तरफ देखते हैं। इससे भी बड़ी बात ये है कि बैठकों में दिल्ली के नुमाइंदों को बोलने का मौका नहीं मिलता है।