बहुविवाह के खिलाफ PIL दायर करने वाली मुस्लिम महिला को मिली जान से मारने की धमकी


समीना बेगम ने निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. उनका कहना है कि ये लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं है, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी है, जिनके साथ ऐसी घटना हो सकती है


निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथा खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम महिला को रेप और जान से मारने की धमकी मिल रही है. कोर्ट में निकाह हलाला के खिलाफ याचिका दायर करने वाली महिला समीना बेगम का आरोप है कि उनपर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. जिसके लिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है.

समीना के मुताबिक, वह ओखला विहार में किराये पर घर ढूंढ रही थीं, तभी कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी. समीना के मुताबिक, उन लोगों ने धमकी दी कि अगर वह अपनी सलामती चाहती है, तो केस वापस ले ले, वरना नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहे.

सुप्रीम कोर्ट में निकाह और हलाला के विरोध के लिए सरकार तैयार

बता दें कि समीना बेगम की पहली शादी 1999 में हुई थी और उनके दो बेटे हैं. उत्पीड़न की कई घटनाओं की पुलिस में शिकायत करने के बाद उनके पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया. जिसके बाद परिवार ने समीना की जबरन दूसरी शादी करा दी. दूसरा शौहर पहले से शादीशुदा था. जब समीना तीसरी बार प्रेग्नेंट हुई, तब उसके दूसरे पति ने फोन पर ही उन्हें तलाक दे दिया. अब समीना अपने तीन बच्चों के साथ अकेले रहती है.

समीना बेगम ने निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. उनका कहना है कि ये लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं है, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी है, जिनके साथ ऐसी घटना हो सकती है. समीना ने कहा कि वो नहीं चाहती कि जो दर्द उन्होंने झेला, वो कोई और महिला झेले.

समीना ने कोर्ट से गुजारिश की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (शरियत) एप्लीकेशन एक्ट 1937 के सेक्शन 2 को एकतरफा और विवेकाधीन घोषित किया जाए और इसे संविधान के आर्टिकल 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करार दिया जाए. समीना बेगम का दावा है कि बहुविवाह के खिलाफ भी मुहिम चला रही हैं.

वह ‘मिशन तलाक’ के नाम से एक संगठन चला रही हैं. ‘NEWS18’ से बात करते हुए समीना बेगम ने बताया, ‘मुझे रेप और जान की धमकियां मिल रही हैं. पीआईएल वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है.’

समीना ने कहा, ‘मैंने ओखला विहार में किराए पर एक घर देखा था, लेकिन इसके लिए मुझे हर महीने 10 हजार रुपए और 3000 रुपए अलग से ब्रोकरेज देने के लिए कहा गया. मैंने राजी हो गई. दो दिन पहले जब मैं ओखला विहार पहुंची, तो कुछ दबंग किस्म के स्थानीय लोग और मकान मालिक के बेटे ने मुझपर दबाव बनाने की कोशिश की. उनलोगों ने कहा कि मैं केस वापस ले लूं. वर्ना अच्छा नहीं होगा.’

समीना का यह भी आरोप है कि 27 जून की शाम उनपर हमला भी हुआ. उन्होंने बताया, ‘कुछ लोगों ने मेरे साथ बदसलूकी की. मेरी चीजें ऑटो से बाहर फेंक दी. मुझे डराया-धमकाया. उन लोगों ने मेरे कपड़े भी फाड़ दिए और धमकी दी कि अगर मैंने केस वापस नहीं लिया, तो मेरे बच्चों को जिंदा जला देंगे.’ समीना ने पुलिस ने सुरक्षा की मांग की है.

निकाह हलाला प्रथा के तहत अगर किसी मुस्लिम महिला को उसका पति तलाक देता है तो उस महिला को अपने पति से फिर से निकाह करने के लिए किसी अन्य पुरुष से निकाह करना होता. इसके बाद जब महिला का दूसरा पति उसे तलाक देता है तभी वो अपने पहले पति से फिर से निकाह कर सकती है. इस प्रथा को अक्सर इंस्टेंट तीन तलाक वाले मामले में अपनाए जाने का चलन है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दिया है और केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया है.

विश्व आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ी सामूहिक आत्महत्या

 


दिल्ली के बुराड़ी की तरह एक घटना सन् 1978 में गयाना में घटी जिसमें 909 लोग काल के गाल में समा गए. हैरानी की बात यह रही कि इनमें एक तिहाई बच्चे शामिल थे


दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत का मामला अब तक रहस्य बना हुआ है. पुलिस मामले की जांच तो कर रही है लेकिन अब तक किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है. हालांकि उसका ज्यादा जोर सामूहिक खुदकुशी पर है लेकिन मृतक परिवार से जुड़े लोग इसे इसे सिरे से नकार रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में इसे तांत्रिक क्रियाओं के झांसे में आकर खुदकुशी कर लेने का नतीजा बताया गया है.

घर से मिली डायरी में जिस प्रकार की बातें लिखी गई हैं, उससे ज्यादा शक किसी तांत्रिक पर गहरा रहा है जिसने पूरे परिवार को खुदकुशी के लिए मजबूर किया. पूरे देश में मौत के इस मामले पर हाय-तौबा मची है क्योंकि ऐसी घटना देश में शायद पहली बार देखने को मिली है. दूसरी ओर वैश्विक स्तर पर नजर डालें तो तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास से जुड़ी कई घटनाएं इतिहास में दर्ज हैं जो लोगों को हैरत में डालती हैं.

एक ही ऐसी ही घटना सन् 1978 में दक्षिण अमेरिका के गयाना में घटी जिसमें 909 लोग काल के गाल में समा गए. हैरानी की बात यह है कि इसमें एक तिहाई बच्चे शामिल थे. हुआ यूं कि गयाना में पीपल्स टेंपल के संस्थापक जिम जोंस ने 18 नवंबर 1978 को अपने सैकड़ों शिष्यों के साथ खुदकुशी करने की योजना बनाई. जोंस के कई अनुयायियों ने अपनी इच्छा से खुदकुशी की तो कई ऐसे भी रहे जिन्हें बंदूक की नोक पर मौत को गले लगवाया गया.

जिम जोंस एक प्रभावशाली पादरी थे जिन्होंने 1950 में पीपल्स टेंपल की स्थापना की. इनके प्रवचनों का इतना प्रभाव था कि कुछेक साल में ही इन्होंने असंख्य अफ्रीकी अमेरिकियों को अपना शिष्य बना डाला. दुर्भाग्यवश 1971 में इनके चर्च पर मीडिया में कई प्रकार के आरोप लगे. आरोपों में वित्तीय धांधली, शारीरिक उत्पीड़न और बच्चों के साथ बुरा बर्ताव शामिल हैं. इन आरोपों से खपा जोंस ने अपने अनुयायियों के साथ कैलिफोर्निया शहर छोड़कर गयाना जाने का फैसला किया.

जोंस अपने शिष्यों के साथ गयाना तो आ गए लेकिन उन्होंने जो वादे किए थे उसे वे पूरा नहीं कर पाए. जोंस ने गयाना में अपने चर्च को ईश्वरीय स्थान में बदल देने की बात कही थी. दिनोंदिन हालत बिगड़ते गए और शिष्यों पर अत्याचार और अनाचार बढ़ने लगे. जोंस की बात न मानने पर शिष्यों को दंडित किया जाने लगा. जोंस की तबतक दिमागी हालत पस्त होने लगी और इस दौरान किसी ने उनके जेहन में यह बात भर दी कि अमेरिकी सरकार उनके खिलाफ पड़ गई है.

इसी दौरान एक घटना यह हुई कि जोंस के शिष्यों में भितरघात हो गया और कुछ लोग जोंस के खिलाफ बगावत में उतरने लगे. ऐसे में जोंस के पास दूसरा कोई चारा न था कि वे अपने शिष्यों से कहें कि अब कोई ‘क्रांतिकारी काम’ करना होगा. ताज्जुब की बात यह थी कि यह क्रांतिकारी कदम और कुछ नहीं बल्कि सामूहिक स्तर पर खुदकुशी थी जिसे जोंस के शिष्यों को सहर्ष गले लगाना था.

खुदकुशी करने वालों में सबसे पहले कम उम्र के शिष्यों की बारी थी. स्पष्ट है कि इनमें ज्यादातर बच्चे थे जिन्हें मां-बाप और नर्सों ने जूस में सायनाइड मिलाकर दे दिया. अगली बारी युवा-अधेड़-बुजुर्ग शिष्यों की थी जिन्हें बंदूक के साये में जहर मिला पेय दिया गया. देखते-देखते सैकड़ों लोग अंधविश्वास की काल कोठरी में समा गए. अमेरिकी इतिहास में 18 नवंबर की यह घटना काले अक्षरों से उकेरी गई है.

सऊदी अरब 20 लाख बैरल तेल का उत्पादन करने के लिए राजी : ट्रम्प

 

यूएस, ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज(ओपीईसी) का सदस्य नहीं है. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ने सऊदी अरब पर तेल के उत्पादन से जुड़ी नीतियों को संभालने और कीमतों को कम करने के लिए दबाव बनाया है. उन्होंने ट्वीट किया था कि तेल की कीमतें बहुत ज्यादा हैं, यह अच्छा नहीं है.

अमेरिका में बढ़ती तेल की कीमतों की वजह से ट्रंप ने ट्वीट किया था. इस साल अमेरिका कीमतों में औसतन 13 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. 2014 से अप्रैल में पहली बार 3 डॉलर गैलन बढ़े थे. पिछले हफ्ते यूएस में तेल के दाम 8 फीसदी बढ़ गए थे. इस मामले में ट्रंप ने 2011 से अब तक 63 बार ट्वीट किया है जबकि उन्हें ओपीईसी का मुख्य आलोचक माना जाता है.

ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि सऊदी अरब 20 लाख बैरल तेल का उत्पादन करने के लिए राजी हो गया है. इससे वेनेज़ुएला और ईरान की कमी को पूरा किया जा सकेगा.

ओपीईसी 1970 से ही अमेरिकी नेताओं के निशाने पर रहा है. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के भी ओपीईसी के साथ मतभेद रहे हैं. बिल क्लिंटन के कार्यकाल में उनके सचिव बिल रिचर्डसन ने साल 2000 में सऊदी के तेल मंत्री को फोन करके तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा था.

जो अमेरिकन्स ‘हार्ले’ खरीद रहे हैं, वे कभी नहीं चाहेंगे यह दूसरे देश में बने:ट्रम्प


ट्रंप ने कहा कि विस्कांसिन की यह कंपनी अपने उत्पादन कार्य दूसरे देशों में ले जाती है तो उसे अमेरिका को खोना पड़ सकता है


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मोटरसाइकिल कंपनी हार्ले डेविडसन को आगाह किया है कि वह अपना उत्पादन कार्य यदि अमेरिका से बाहर ले जाती है तो उसको बड़ा झटका सहना पड़ेगा. ट्रंप ने कहा कि इस कंपनी ने अपना उत्पादन कार्य अमेरिका से बाहर ले जाने का फैसला ऐसे समय किया है जब ट्रंप ने भारत में इस प्रसिद्ध मोटरसाइकिल पर टैक्स कम कराया है.

ट्रंप ने कहा कि विस्कांसिन की यह कंपनी अपने उत्पादन कार्य दूसरे देशों में ले जाती है तो उसे अमेरिका को खोना पड़ सकता है. ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा, ‘मुझे लगता है कि हार्ले को बड़ा झटका लग सकता है. मेरा मानना है कि यह बहुत अच्छा अमेरिकी उत्पाद है. हमारे लोगों को इस पर बड़ा गर्व है. लोग हार्ले डेविडसन का उपयोग करते हैं. वास्तव में मेरा विश्वास है कि हार्ले डेविडसन झटका खाने की दिशा में बढ़ रही है- जो लोग हार्ले खरीद रहे हैं, वे कभी नहीं चाहेंगे यह दूसरे देश में बने.’

बता दें कि अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर टैक्स लगाने के बाद यूरोपीय संघ समेत अन्य देशों ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैक्स लगाने की घोषणा की थी. यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए जवाबी टैक्स से बचने के लिए हार्ले डेविडसन ने दूसरे देशों में उत्पादन ट्रांसफर करने की घोषणा की थी.

ट्रंप ने हार्ले डेविडसन को उत्पादन ट्रांसफर करने पर चेताते हुए कहा कि मेरा मानना है कि हार्ले एक अमेरिकी मोटरसाइकिल है और इसे देश में ही बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कंपनी पर आरोप लगाया कि वह दूसरे देशों में ज्यादा मोटरसाइकिलों का उत्पादन करने के लिए टैक्स का बहाना बना रही है.

उन्होंने कहा कि हार्ले डेविडसन देश के बाहर जाने पर विचार कर रही है जबकि सभी कंपनियां देश में आ रही हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी का यह फैसला उसके लिए झटका साबित होगा. ट्रंप कई बार भारत द्वारा हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर अधिक टैक्स का मुद्दा उठा चुके हैं , जो कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के लिए जिम्मेदार है.

फरवरी में ट्रंप ने कहा था कि भारत सरकार ने हार्ले डेविडसन पर शुल्क को 75 प्रतिशत से 50 प्रतिशत करने की घोषणा की थी. ट्रंप ने इसे नाकाफी बताते हुए इसे परस्पर बराबर करने के लिए कहा था क्योंकि अमेरिका में मोटरसाइकिलों के आयात पर ‘शून्य टैक्स’ है.

क्या पीडीपी – भाजपा में चल रही है नूर कुश्ती

 

जम्मू कश्मीर की राजनीति में आए भूचाल के बाद सूत्रों के हवाले से बड़ा खुलासा हुआ है. बीजेपी राज्य में दोबारा वापसी के लिए अमरनाथ यात्रा के बाद बड़ा ऐलान कर सकती है. मिली जानकारी के मुताबिक पीडीपी के कई नेता बीजेपी में शामिल होने के लिए तैयार हैं.

सूत्रों का दावा है कि 2016 में जब मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत हुई तब पीडीपी के दो सीनियर नेताओं ने बीजेपी में शामिल होने की बात रखी थी लेकिन तब बीजेपी ने कोई खास टिप्पणी नहीं की थी. इस बड़े राजनीतिक परिवर्तन को अंजाम देने के लिए अमरनाथ यात्रा के पूरे होने का इंतजार किया जा रहा है.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की कुल 89 सीटें हैं. अगर पार्टियों की स्थिति की बात करें तो पीडीपी के पास सबसे ज्यादा 28 सीटें हैं. बीजेपी के पास 25, कांग्रेस के पास 12 और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 सीटें हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 44 सीटों की जरूरत होगी.

बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में मंत्री रह चुके एक नेता ने कहा, ‘तीन साल सरकार में रहने के बाद कोई सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहता, इसलिए हम पूरी तैयारी कर रहे हैं, अमरनाथ यात्रा के बाद अगस्त-सितंबर में पार्टी बड़ा ऐलान करेगी.’

आखिर सज्जाद लोन के घर पर क्या करने गए थे बीजेपी नेता राम माधव

हालांकि पहले इस तरह की खबरें सामने आईं थी कि बीजेपी फिर से सरकार में आ सकती है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के प्रभारी राम माधव को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के संस्थापक सज्जाद लोन के घर पर कुछ विधायकों के साथ देखा गया था. यह मुलाकात बीजेपी के पीडीपी से समर्थन वापस लेने के 10 दिन बाद हुई थी.

सज्जाद लोन का मानना था कि पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर की स्थिति को सुधार सकते हैं. तब से लेकर वह राम माधव के लगातार संपर्क में बने हुए हैं. लोन की पार्टी ने 2 सीटें जीती थीं और राम माधव ने बीजेपी नेताओं के साथ लोन की तस्वीर को ट्विटर पर शेयर किया था.

एक बड़े बीजेपी नेता के दिए बयान के मुताबिक, ‘हमने सरकार बनाने की चर्चा की, सभी सत्ता पाने की कोशिश कर रहे हैं, अमरनाथ यात्रा के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.’ सूत्रों का कहना है कि पीडीपी के कुछ नेता बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के लिए तैयार हैं.

I assure you, sir, not a single ‘lamb’ was sacrificed for the vid, let alone 35!”:Rathore


  • Rajyavardhan Rathore slammed Shashi Tharoor for tweeting a report based on “solid evidence” of hearsay
  • Earlier today, the Congress leader had tweeted a news report claiming that the Union government has spent Rs 35 lakhs on Pm Modi’s fitness video

NEW DELHI: I&B minister Rajyavardhan Rathore on Monday slammed Congress leader  Shashi Tharoor and said that no money was spent on PM Modi’s fitness video.

The Union minister was responding to Tharoor’s tweet which had cited a media report alleging Rs 35 lakh was spent to shoot the video.

The I&B minister took a dig at Tharoor’s mention of “lambs” in the tweet and said, “And I assure you, sir, not a single ‘lamb’ was sacrificed for the vid, let alone 35!”

Earlier today, the Congress leader had tweeted a news report claiming that the Union government has spent Rs 20 crore on advertisements on Yoga Day celebrated on June 21 and Rs 35 lakhs on a fitness video.

On June 13, a week before the Yoga Day, the Prime Minister had tweeted a video of him performing yoga.

“Here are moments from my morning exercises. Apart from Yoga, I walk on a track inspired by the Panchtatvas or 5 elements of nature – Prithvi, Jal, Agni, Vayu, Aakash. This is extremely refreshing and rejuvenating. I also practice breathing exercises. #HumFitTohIndiaFit”, was his post to the exercise video.

Chandigarh would soon house headquarters for Western Command of the BSF

CHANDIGARH:

Chandigarh would soon house headquarters for Western Command of the Border Security Fore(BSF). The new complex, expected to be completed in next three years, would be headed by a special director general (DG) of BSF and would control five frontiers including Kashmir, Jammu,  Punjab, Rajasthan and Gujarat spread over approximately 2,800 km area.

All these frontiers are headed by an inspector general (IG) rank officer, who would report to the office of special DG, BSF based in Chandigarh. BSF DG K K Sharma on Sunday laid the foundation stone for administrative block of headquarters, Special DG (Western Command) BSF near 3-BRD air force station Chandigarh.

The ceremony was attended by all the IGs of five frontiers responsible for guarding India-Pakistan border and the heads of the five premier training institutions of the BSF and other officers of the Western Command.

The operational challenges of Western Command are very diverse. From infiltration by highly indoctrinated militants in Jammu, to the smuggling of drugs in Punjab and Rajasthan and illegal movement on the Indian side of the creek in Gujarat by Pakistani fishermen.

Although the Western Command was created as a distinct administrative unit in 2006, all relevant clearances and permission related to establishment of infrastructure have come in 2018. The new complex is expected to be completely functional in the next three years.

Trolls Threaten to Rape Congress’ Priyanka Chaturvedi’s 10-year-old Daughter, Complaint Filed

 


While referring to the post, the 38-year-old Congress leader said that despite having a picture of Lord Ram as his profile picture, the accused did not hesitate from making such remarks.


Mumbai: Congress spokesperson Priyanka Chaturvedi on Monday filed a complaint with the Mumbai Police after a rape threat directed at her 10-year-old daughter by a troll account on micro-blogging site Twitter.

“I have filed a complaint at the Goregaon police station. Police have assured me of prompt action in the matter,” Chaturvedi told PTI. In the tweet, which was deleted later, a user @GirishK1605 had threatened to rape Chaturvedi’s minor daughter.

“Despite having a picture of Lord Ram as his profile picture, the accused did not hesitate from making such remarks,” Chaturvedi tweeted. “I hope Mumbai Police will take action. They have called me and have initiated action,” she added.

“Many thanks to all those who have called and tweeted in support. Grateful. I am convinced that if there is evil in society there is even greater goodness. PS: If I am a fierce woman, let me assure you I am a fiercer mom and will not let those who target my children get away with threats,” she tweeted.

The incident comes at a time when even senior Union minister Sushma Swaraj has become target of hate messages on social media platforms like Twitter.

After becoming subject of offensive tweets following a passport row involving an interfaith couple, Swaraj had decided to expose such trolls and began re-tweeting some of those tweets.

The external affairs minister also conducted a poll on Twitter asking users whether they “approve” of such trolling to which 43 per cent said yes and 57 per cent no.

On Monday, Home Minister Rajnath Singh became her first cabinet colleague to publicly express his support for Swaraj to denounce such offensive tweets against her and said her trolling is wrong.

NCP leader Supriya Sule also condemned the rape threats to Chaturvedi’s daughter.

“The troller/account holder posting such threats must be booked under the law and needs to be punished immediate,” Sule tweeted while asking Prime Minister Narendra Modi to take serious cognizance of the issue.

आयकर विभाग से हाथों हाथ ले सकेंगे पैन नंबर

 

आयकर विभाग ने सोमवार को आधार कार्ड आधारित पैन नंबर सेवा शुरू की है। इस सेवा के जरिए आप हाथों-हाथ पैन नंबर हासिल कर सकेंगे। आयकर विभाग की यह सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। इसके जरिए वैध आधार कार्ड धारकों को ई-पैन नंबर दिया जाएगा।

इस सेवा की लॉन्चिंग के मौके पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि ई-पैन सेवा के जरिए उन लोगों को तत्काल प्रभाव से पैन नंबर मुहैया कराया जाएगा जिन्हें और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए पैन नंबर की जरूरत है। इस सेवा के जरिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड के लिए ई-पैन नंबर जारी किया जाएगा।

ध्यान रहे कि आपके आधार कार्ड में मोबाइल नंबर, पता, जन्म तिथि और अन्य जानकारियां सही-सही हों, क्योंकि इन्हीं के आधार पर पैन नंबर जारी होगा। पैन नंबर जारी होने के कुछ दिन बार दिए गए पते पर पैन कार्ड भेज दिया जाएगा। आयकर विभाग की यह सेवा सिर्फ व्यक्तिगत है, ना कि किसी संस्था या कंपनी के लिए है। यानी इस सेवा के जरिए किसी कंपनी या संस्था के लिए पैन नंबर जारी नहीं करवा सकते।

AAP had turned into a one-person party : Iliyas Azmi


Ilyas Azmi accused Kejriwal of indulging in caste and community-based politics and of ignoring Muslims and people from backward classes.


A year after senior AAP leaders Prashant Bhushan and Yogendra Yadav broke away from AAP, another founder-member, Ilyas Azmi, resigned Monday alleging that minorities and backward castes were being ignored by the party. He also alleged that the AAP had turned into a one-person party.

Speaking to correspondents Azmi — who is a former AAP National Executive and Political Affairs Committee (PAC) member — said, “The committees that the party was forming were either their people or belonged to the upper castes. I raised this issue in the party several times – caste-based discrimination is a dangerous thing and we need to bring an end to it. I joined the party because of its anti-corruption stand. Prior to the Delhi elections, they formed state units where most leaders belonged to the upper castes. There were half a dozen backward castes or minority leaders. For Delhi elections, all of us put our entire resources behind the party.”

Azmi also accused the party of functioning in an autocratic manner. “After removing Bhushan, Yadav, Anand Kumar and Ajit Jha, I noticed that the party leaders liked those who agreed with them. So, I decided to skip meetings since then. Now, there is hardly anyone who speaks out against the leadership. I tried to tell them that this form of functioning was not good…” he said.

While AAP declined to comment on Azmi’s resignation, party sources claimed he had objected to the rise of AAP MLA Amanatullah Khan and minister Imran Hussain. “He had raised concerns about the importance being given to them,” said a source.