गोगोई की बिसात पर भाजपा की मात


ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस मुद्दे पर विपक्ष उनके पीछे खड़ा हुआ है


एनआरसी को लेकर हंगामा जारी है. विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना लिया है. संसद में भी इस मसले को लेकर बवाल चल रहा है. दोनों पक्ष इस मसले को तूल दे रहे हैं. विपक्ष की तरफ से लोकसभा में दो स्थगन प्रस्ताव भी दिया गया है. एक कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी की तरफ से दूसरा टीएमसी के सौगत राय की तरफ से. वहीं टीएमसी की अध्यक्ष के दिल्ली दौरे से इस मामले में और भी राजनीतिक उबाल आ गया है. ममता बनर्जी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है, वहीं बीजेपी के दो बागी नेताओं के साथ इस पूरे मसले पर राय मशविरा कर रही हैं, जिसमें यशंवत सिन्हा और राम जेठमलानी शामिल हैं.

टीएमसी के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना भी दिया है. टीएमसी सांसदो का एक दल हालात का जायज़ा लेने के लिए असम जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि एनआरसी का मसला एकबार फिर बीजेपी और टीएमसी के बीच फ्लैश प्वाइंट बनता जा रहा है. टीएमसी उन 40 लाख लोगों को बंगाल में बसाने की पेशकश कर रही है. वहीं बीजेपी बंगाल में एनआरसी जैसी प्रक्रिया अपनाने को लेकर बयानबाज़ी कर रही है. हालांकि इस पूरे राजनीतिक माहौल में कांग्रेस अलग-थलग दिखाई दे रही है. वैसे राज्यसभा में कांग्रेस ने इस मसले को पुरज़ोर ढंग से उठाने का प्रयास किया है.

ममता-माया साथ-साथ

इस पूरे मामले में ममता बनर्जी ने राजनीतिक बाज़ी मार ली है. ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस मुद्दे पर विपक्ष उनके पीछे खड़ा हुआ है. मायावती ने सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. मायावती ने ममता के सुर में सुर मिलाया है. दोनों का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रही है. मायावती ने आरोप लगाया है कि सरकार इसका चुनावी फायदा उठाना चाहती है. बीएसपी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि असम में रह रहे 40 लाख से अधिक धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के नागरिकता को ही समाप्त करके बीजेपी की केंद्र और असम सरकार ने अपनी स्थापना के संकीर्ण और विभाजनकारी राजनीतिक मकसद को हासिल कर लिया है. लेकिन इससे जो नई उन्मादी समस्या पैदा हो रही है उसके दुष्प्रभाव को संभालना मुश्किल होगा. इसलिए सरकार को बैठक बुलाकर इसपर सुरक्षात्मक कार्रवाई करनी चाहिए.

बीजेपी का रूख सख्त

इस मसले को लेकर राज्यसभा में भी काफी हंगामा हुआ है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा है. अमित शाह ने कहा कि एनआरसी कांग्रेस लेकर आई है. ये राजीव गांधी के वक्त असम एकॉर्ड का हिस्सा था. लेकिन इसको लागू नहीं किया गया था. बीजेपी की सरकार आने पर लागू किया गया है, क्योंकि बीजेपी ने हिम्मत दिखाई है.

ज़ाहिर है कि अमित शाह को लग रहा है कि बीजेपी के लिए एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा साबित हो सकता है इसलिए बीजेपी इस मसले पर कांग्रेस को घेर रही है. बीजेपी को चुनाव से पहले इतना बढ़िया मुद्दा नहीं मिल सकता है. बीजेपी लगातार कहती रही है कि असम में अवैध रूप से विदेशी बंग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं, जिससे निजात पाना ज़रूरी है. हालांकि, एनआरसी का ये फाइनल ड्राफ्ट नहीं है लेकिन 40 लाख लोगों की नागरिकता पर सवाल खड़ा हो गया है. बीजेपी ने इस मुद्दे को बढ़ाते हुए बंगाल को भी घेरने की कोशिश की है. बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी को बंगाल की सत्ता हासिल हुई तो राज्य में एनआरसी की व्यवस्था लागू करेगी. ज़ाहिर है कि निशाने पर ममता बनर्जी हैं. बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी अवैध रूप से रह रहे लोगों को भारत में बसाने का प्रयास कर रही है. बंगाल में बीजेपी की जद्दोजहद जारी है. पार्टी अपने विस्तार के लिए मुद्दों की तलाश में है.

राजनैतिक मुद्दे गँवाती कांग्रेस

इस मसले को लेकर कांग्रेस परेशान है. बंगाल में पार्टी की स्थिति और खराब हो सकती है. इसका उदाहरण संसद परिसर में देखने को मिला है. जब केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और कांग्रेस के नेता प्रदीप भट्टाचार्य में तीखी बहस हो गई. इससे पता चलता है कि कांग्रेस के बंगाल के नेता किस तरह दबाव में हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि बंगाल में बचा-खुचा कांग्रेस का मुस्लिम वोट टीएमसी में शिफ्ट कर सकता है.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मनमोहन सिंह ने इसकी शुरूआत की थी. ये असम समझौते का हिस्सा था लेकिन जिस तरह इसको अमली जामा पहनाया गया है, ये सही नहीं है. कांग्रेस ने इस मसले को ज़ोरदार ढंग से उठाया है. लेकिन इसका कांग्रेस को राजनीतिक फायदा होगा ये कहना मुश्किल है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने नपे-तुले शब्दों का इस्तेमाल किया है. गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि एनआरसी को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए, इसका इस्तेमाल वोट बैंक के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए. ये मानवाधिकार का मामला है, हिंदू मुस्लिम का नहीं है. कांग्रेस को लग रहा है ये मसले पार्टी के लिए दोधारी तलवार हैं. अगर बोले तो बीजेपी मुस्लिमपरस्त साबित करने की कोशिश करेगी. अगर नहीं बोले तो पार्टी के धर्मनिरपेक्षता वाली छवि को नुकसान हो सकता है.

गोगोई ने की हिटविकेट 

असम में ज्यादातर लोग इस हंगामे के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार मानते हैं. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बयान से पार्टी की जान सांसत में है. पंद्रह साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई ने कहा कि एनआरसी कांग्रेस लेकर आई थी. हालांकि इस तरह से लोगों के बेदखल करने का विरोध पूर्व मुख्यमंत्री ने किया है. लेकिन कांग्रेस के हाथ से ये मुद्दा निकल गया है. कुल मिलाकर इस मसले पर कांग्रेस फंस गई है. कांग्रेस को नहीं लग रहा था कि इतनी बड़ी तादाद में लोग रजिस्टर से बाहर हो जाएंगे, जो राजनीतिक बिसात बिछाने की कोशिश तरुण गोगई ने की थी, उसका फायदा बीजेपी ने उठा लिया है. कांग्रेस के हाथ में कुछ नहीं आया है.

जानकार कहते हैं कि तरुण गोगोई ने एआईयूडीएफ के विरोध में कांग्रेस को असम में बहुसंख्यक पार्टी बनाने की तैयारी की थी. लेकिन बीजेपी के हिंदुत्व के आगे गोगोई की ये चाल फेल हो गई है. कांग्रेस के पास हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. हालांकि मुस्लिम जमात इस मसले पर अभी सरकार के रुख का इंतज़ार कर रहे हैं. जमीयत उलेमा हिंद के अरशद मदनी ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है. अभी ये फाइनल लिस्ट नहीं है. जमीयत के कार्यकर्ता सभी को अपना नागरिकता साबित करने में मदद करेंगे इसलिए लोग संयम से काम लें. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि ये फाइनल लिस्ट नहीं है.

भाजपा को हराने के लिए उद्धव एनसीपी, कांग्रेस के उम्मीदवार को भी मदद दे सकते हैं


अब शिवसेना को अपने अस्तित्व पर संकट नजर आने लगा है. ऐसे में उद्धव की रणनीति साफ है कि पहले बीजेपी को रोकना जरूरी है क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी उसका वोट नहीं लेते


बीजेपी की रणनीति से उद्धव ठाकरे इतने परेशान हो गए हैं कि अपने विधायकों को यह साफ कर दिया कि शिवसेना भले सत्ता में न आए लेकिन बीजेपी भी नहीं आनी चाहिए. उद्धव ने यह भी साफ कर दिया है कि पार्टी केवल 120 सीटों पर फोकस करेगी, जिसमें 70 से 75 सीट हर हाल में हासिल करनी होगी. जाहिर है बीजेपी के लिए यह अच्छी खबर नहीं है.

शिवसेना के नेताओं के अनुसार बीजेपी ने पिछले बीएमसी चुनाव के बाद से ही संबंध बिगाड़ लिए हैं. अब तक महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले 30 सालों से चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी यहां तक कि शरद पवार सब की सोच यही रही कि मुंबई और ठाणे को शिवसेना के लिए छोड़ दिया जाए, भले ही बाकी राज्य में विस्तार किया जाए. लेकिन बीजेपी ने मुंबई और ठाणे में भी शिवसेना के किले में सेंध लगा दी. 36 में से बीजेपी के 15 विधायक चुनकर आ गए हैं. साथ ही महानगरपालिका में भी शिवसेना के 84 कॉरपोरेटर हैं तो बीजेपी के 82.

क्या है शिवसेना की रणनीति?

जाहिर है अब शिवसेना को अपने अस्तित्व पर संकट नजर आने लगा है. ऐसे में उद्धव की रणनीति साफ है कि पहले बीजेपी को रोकना जरूरी है क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी उसका वोट नहीं लेते. उद्धव ने अपने बेटे आदित्य के साथ मिलकर रणनीति बना ली है कि दिसंबर में सरकार से हाथ खींच लिए जाएंगे ताकि चुनाव अगर लोकसभा के साथ भी हो तो उनकी तैयारी पूरी रहे.

बीजेपी भी अब शिवसेना से बराबरी का रिश्ता चाहती है. सन 2009 तक शिवसेना राज्य की 288 सीटों में से 171 सीटों पर चुनाव लड़ती थी और बीजेपी 117 पर लेकिन 2014 के चुनाव में दोनों अलग-अलग लडे़ क्योंकि बीजेपी आधी-आधी सीट का फॉर्मूला चाह रही थी. मोदी लहर के कारण बीजेपी को कामयाबी मिली और उसकी सबसे ज्यादा 122 सीट आ गई.

शिवसेना क्यों नहीं चाहती बीजेपी का साथ?

अब बीजेपी फिर से आधी सीटों से चुनाव लड़ना चाह रही है, इससे कम पर राजी नहीं है. शिवसेना जानती है कि ऐसा किया तो राज्य की आधी सीटों से उसका जनाधार हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं.

शिवसेना के संगठन मंत्री अनिल देसाई ने कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी और अमित शाह से मुलाकात के बाद भी कह चुके हैं कि अब अकेले लड़ेंगे. ऐसे में वापस जाना संभव नहीं है.

वैसे भी शिवसेना की नजर विधानसभा चुनाव पर है लोकसभा की उसे चिंता नहीं है. पिछली बार मोदी लहर में उसके 18 सांसद चुनकर आए थे लेकिन अलग-अलग लड़ने पर यह संख्या दहाई से नीचे आ सकती है.

अन्य पार्टियों को भी मदद दे सकती है शिवसेना

उद्धव की पहली प्राथमिकता मुंबई और राज्य में शिवसेना को बचाने की है. शिवसेना के रणनीतिज्ञ इस बात के लिए भी तैयार है कि जरूरत पड़ने पर एनसीपी, कांग्रेस के उम्मीदवार को भी मदद दे सकते हैं.

भाजपा को घेरने आए विपक्ष भाजपा से ही घिर गई


राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के मुद्दे को लेकर संसद से सड़क तक संग्राम छिड़ा है.


राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के मुद्दे को लेकर संसद लेकर सड़क तक संग्राम छिड़ा है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में जैसे ही इस मुद्दे पर बोलना शुरू किया, हंगामा तेज हो गया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

आखिर विपक्षी दल एनआरसी के मुद्दे पर इतना हंगामा क्यों कर रहे हैं. विपक्षी दल लगातार बीजेपी पर हमलावर क्यों है. ये चंद सवाल हैं जिसको लेकर गुवाहाटी से लेकर दिल्ली तक की राजनीति गर्म है.

दरअसल, असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी करने के बाद से ही हंगामा तेज हो गया है. इस मसौदे के मुताबिक 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को भारत का वैध नागरिक मान लिया गया है. हालांकि, वैध नागरिकता के लिए 3,29,91,384 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन, इनमें से 40,07,707 लोग यह साबित नहीं कर पाए कि वे भारत के नागरिक हैं.

एनआरएसी के नए ड्राफ्ट के हिसाब से अब चालीस लाख से ज्यादा लोगों को बेघर होना पड़ेगा. इसी के बाद हंगामा तेज हो गया है. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस से लेकर टीएमसी तक और एसपी-बीएसपी तक सबकी तरफ से सरकार पर हमला तेज कर दिया गया है.

विपक्षी दलों ने एनआरएसी के मुद्दे को लेकर सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, जबकि सरकार की तरफ से सफाई यही दी जा रही है कि यह सबकुछ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है.

बात पहले विपक्ष की करें तो इस मुद्दे पर कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि एनआरसी को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए और इसका इस्तेमाल वोट बैंक के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए. ये मानवाधिकार का मामला है, हिंदू-मुस्लिम का नहीं. कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा जा रहा है. सरकार पर ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाया जा रहा है.

उधर, टीएमसी ने भी इस मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया है. टीएमसी ने इस मुद्दे को लेकर संसद परिसर में धरना भी दिया. राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है, लेकिन, अब लोकसभा के भीतर भी टीएमसी इस मुद्दे पर चर्चा चाहती है.

असम में भारतीय नागरिकता साबित करने को लेकर एनआरसी तैयार हो रहा है, लेकिन, इसका असर पश्चिम बंगाल में भी दिख रहा है. पश्चिम बंगाल में भी अवैध रूप से रह-रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद को लेकर सियासत होती रही है. अब जबकि बीजेपी नेताओं की तरफ से असम की ही तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी ऐसा करने की बात कही जा रही है तो फिर टीएमसी इस मुद्दे पर पलटवार कर रही है.

लेकिन, टीएमसी ही नहीं इस मुद्दे पर एसपी, बीएएसपी और आरजेडी जैसे विरोधी दल भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. मायावती ने इसे बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों का परिणाम बताया है. समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने भी सरकार पर एनआरसी के मुद्दे को लेकर हमला बोला है.

लेकिन, विपक्ष के हमले का बीजेपी भी अपने अंदाज में जवाब दे रही है. राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिया वैसे ही सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा कर दिया. अमित शाह ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 14 अगस्त 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसकी आत्मा एनआरसी है. उन्होंने कहा कि अवैध घुसपैठियों की पहचान की बात इसमें की गई थी. अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आपमें हिम्मत नहीं थी इसलिए आप इस पर आगे नहीं बढ़ पाए, लेकिन, हमारे अंदर हिम्मत है तो हम इस पर आगे बढ पा रहे हैं.

बीजेपी अध्यक्ष के संसद के भीतर कांग्रेस को घेरने के बाद कांग्रेसी सांसद राज्यसभा में वेल में आ गए. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. लेकिन, बीजेपी इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की पूरी कोशिश कर रही है. उसे लगता है कि इस मुद्दे पर जितनी चर्चा होगी, विपक्ष उतना ही बैकफुट पर जाएगा. लिहाजा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अलग से प्रेस कांफ्रेस बुलाकर इस मुद्दे पर विपक्ष के रवैये को लेकर सवाल खड़ा कर दिया.

बीजेपी इस मुद्दे पर असम समेत पूरे नॉर्थ-ईस्ट में विपक्ष पर बढ़त लेना चाहती है. भले ही यह सबकुछ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है, लेकिन, अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे को बीजेपी पहले से ही उठाती रही है. एनआरसी के मुद्दे पर भले ही हंगामा कर विपक्ष की तरफ से बीजेपी को घेरने की कोशिश हो रही है, लेकिन,इस मुद्दे पर बीजेपी को सियासी फायदा ही मिलने वाला है, क्योंकि यह उसके मुख्य मुद्दे में से एक रहा है.

असम में ममता बनर्जी पर FIR


असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट जारी हो चुका है. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ आवेदक वैध पाए गए हैं. 40 लाख आवेदकों का नाम ड्राफ्ट से गायब है


असम NRC मुद्दे पर डिब्रुगढ़ जिले के नाहरकटिया पुलिस थाने में ममता बनर्जी के खिलाफ एफआईआर हुआ है. ममता पर प्रदेश की सांप्रदायिक सद्भावना को नुकसान पहुंचाने की कोशिश का आरोप लगाया गया है.

यह एफआईआर जगदीश सिंह, मृदुल कलिता और अमुल्य चेंगलारी नाम के तीन लोगों ने दर्ज करवाई है. ये तीनों बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्य बताए जा रहे हैं. एफआईआर के मुताबिक ममता बनर्जी असम में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और NRC की शांतिपूर्ण प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. ममता बनर्जी ने एनआरसी से 40 लाख लोगों को बाहर रखने पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था.

क्या कहा था ममता ने?

दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाली ही नहीं अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और बिहारियों को भी एनआरसी से बाहर रखा गया है. 40 लाख से ज्यादा लोगो जिन्होंने कल सत्ताधारी पार्टी के लिए वोट किया था आज उन्हें अपने ही देश में रिफ्यूजी बना दिया गया है. ममता ने कहा, ‘वे लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. यह जारी रहा तो देश में खून की नदियां बहेंगी, देश में सिविल वॉर शुरू हो जाएगा.’

ममता बनर्जी ने NRC पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जिन 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी से बाहर किए गए हैं वे नेहरू-लियाकत पैक्ट, इंदिरा पैक्ट के मुताबिक वे भारतीय नागरिक हैं. बिहार, तमिलनाडु और राजस्थान के कई लोगों के नाम वहां नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर बंगाली कहें कि वे बंगाल में नहीं रह सकते, अगर दक्षिण भारतीय कहें कि वे उत्तर भारतीयों को नहीं रहने दे सकते इस देश के हालात कैसे होंगे? अगर हम साथ रह रहे हैं तो यह देश हमारे लिए परिवार की तरह है.

कौन सी गलती करना चाहती हैं ममता?

ममता ने यह भी कहा कि किसी भी अच्छी वजह के लिए लड़ना गलत है तो हम ये गलती करेंगे. उन्होंने नाम न लेते हुए कहा कि सिर्फ एक ही पार्टी के सदस्यों का अधिकार है कि वे देश से प्यार करें.

असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट जारी हो चुका है. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ आवेदक वैध पाए गए हैं. 40 लाख आवेदकों का नाम ड्राफ्ट से गायब है. असम में एनआरसी का पहला ड्राफ्ट पिछले साल दिसंबर के आखिर में जारी हुआ था. पहले ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे.

आज का राशिफल

1 अगस्त 2018 राशिफल: चन्द्र राशि अनुसार आपका पॉजिटिव, नेगेटिव, हैल्थ, करियर, लव, स्टडी रिपोर्ट और उपाय

टिप्स फॉर 01-08-2018 बुधवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे *सबका मंगल हो

*आज अतिगंड योग – पंचक – पद्मा योग – तिथि कृष्ण चतुर्थी और उत्तरा भाद्रापद नक्षत्र …

आज के योग के अनुसार आज सुबह का समय बहोत ही उत्तम हे हो शके तो गणेश जी के समाने अथर्वशीर्ष स्तोत्र का पाठ करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ सोम्याय नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज प्लान्टेशन करने के लिए उत्तम समय हे कृपया लाभ जरुर उठाये

आज क्या करे – केवल शान्ति पूर्ण कार्य ही करे, आज रिसर्च करे, ध्यान योग करे, नए मकान को बनाने की शुरुआत करे, फाय्नान्सियल डीलिंग करे, नए मकान में प्रवेश करे, बच्चे के नाम करन के लिए उत्तम समय, …

आज क्या ना करे – ट्रावेल ना करे, दुश्मन से दूर ही रहे तो अच्छा हे, इन्वेस्टमेंट ना करे आजे, ज्यादा फिजिकल मूवमेंट ना करे, जुआ ना खेले आज …

आज कहा जाना शुभ रहेगा – म्यूजियम जाए, टेम्पल जाए, बुक स्टोर जाए, सोसियल वेल्फेर सेंटर जाए..

आज दोपहर १२ ३० बजे से ०२ ३० बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज मुंग दाल से बनी चीज खाए

दान पुण्य उपाय – आज हरी सब्जी का दाना कर …

वस्त्र उपाय – आज हरे या पिस्ता रंग के वस्त्र धारण करे …

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

01 अगस्त जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज सुबह के समय श्री गणेश जी को मोदक का भोग लगावे और सभी को प्रसाद बांटे …

मेष –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – आपकी आर्थिक स्थिति में कुछ बड़े बदलाव होने की संभावना बन रही है। इन पर आपकी नजरें रहेंगी। बिजनेस या कार्यक्षेत्र संबंधित यात्रा हो सकती है। काम भी बहुत रहेगा। दूर स्थान के लोगों से आपके संबंध अच्छे हो सकते हैं। लोग आपकी मेहनत से कुछ सीखेंगे। निपट चुके काम एक बार चेक कर लें। अच्छा रहेगा।

क्या करें – किन्नरों को इलाइची पाउडर खिलाएं।

वृष –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – ऑफिस या बिजनेस में कोई नई पहल कर सकते हैं। करियर और सामाजिक क्षेत्र में प्रगति हो सकती है। आप जो भी सोचेंगे, जो करेंगे उसमें आपको सफलता मिल सकती है। किए गए कामों का पूरा परिणाम भी आपको मिल सकता है। आज आप सही समय पर सही निवेश कर सकते हैं। आपको साझेदार से फायदा हो सकता है। रोजमर्रा के कामों से भी फायदा मिलने के योग हैं। जमीन-जायदाद का कोई बड़ा काम निपट सकता है, ध्यान रखें। प्रॉपर्टी से जुड़ा फायदा भी होने की संभावना है। पुराने कामों का कोई खास फायदा भी आपको मिल सकता है। कानूनी मामले सुलझ जाएंगे।

मिथुन –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – सोचे हुए पुराने काम शुरू करें। बिल और देनदारियां चुका सकते हैं। धन लाभ के भी योग बन रहे हैं। जिन लोगों से आपको पैसे लेने हैं, उनसे वसूली कर सकते हैं। दिन आपके फेवर में हो सकता है। कार्यक्षेत्र या ऑफिस से जुड़ी योजनाएं पूरी होने के योग बन रहे हैं। ऑफिस और बिजनेस में आपके लिए गए फैसलों से बड़ा फायदा हो सकता है। आज कुछ घटनाएं भी अचानक हो सकती हैं।

कर्क –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – आपके लिए दिन खास रहेगा। कुछ ऐसी बातें सामने आ सकती हैं जो आपको आने वाले दिनों में फायदा देंगी। सितारे आपके सोचे हुए काम पूरे करवा देंगे। अचानक कोई अच्छी खबर या संकेत से आप खुश भी हो सकते हैं। इससे आपको ताकत भी मिलेगी। दिन आपके लिए शुभ रहेगा। कोई बीमारी है, तो वह ठीक भी हो सकती है। किस्मत का साथ और रुका हुआ पैसा आज आपको मिल सकता है।

सिंह –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – आपको कोई खास काम निपटाने पर शांति मिलेगी। कोई पुरस्कार भी मिल सकता है। साथ के कुछ लोगों से सहयोग और प्रोत्साहन मिलेगा। कोई नया काम शुरू करने से पहले उससे संबंधित अनुभवी की सलाह ले लें। अपनी प्लानिंग गुप्त रखें। कहीं सें आपको कुछ निवेश की सलाह भी मिल सकती है।

कन्या –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – अचानक आपके मन में कोई बात आ सकती है। उससे ही आपको अपने सवालों के जवाब मिल सकते हैं। कन्फ्यूजन की स्थिति खत्म हो सकती है। रूटीन कामों से धन लाभ और फायदा होने के योग बन रहे हैं। जिनसे आपको बड़ा फायदा मिल जाएगा। आपको मेहनत करने पर मजा आएगा। जिसके नतीजे भी आपके फेवर में रहेंगे। किसी पुराने काम को निपटाने के बाद आपको फायदा हो सकता है।

तुला –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – आप बहुत मजबूती और धैर्य से काम लेंगे। दिनभर पैसों के बारे में ही सोचते रहेंगे। कहीं कोई निवेश, एक्स्ट्रा इनकम या किसी से बकाया पैसा मिलने के भी योग बन रहे हैं। भूमि और प्रॉपर्टी के कामों से धन लाभ हो सकता है। आज आप जोश में रहेंगे और अपनी बुद्धि भी उपयोग करेंगे। प्रेम के मामलों में आप बहुत भाग्यशाली हो सकते हैं। अविवाहित लोगों को प्रेम प्रस्ताव मिलने के योग हैं। कुछ विवाहित लोग भी साथ मे समय बीताएंगे।

वृश्चिक –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – आप जो भी काम करेंगे उससे आपको कुछ न कुछ फायदा जरूर मिलेगा। काम से आपको पैसा मिल सकता है। ऑफिस में कुछ खास बदलाव होने के भी योग बन रहे हैं। इसका असर आपकी दिनचर्या पर पड़ेगा। इसी के साथ आपको आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। घूमने-फिरने के लिए समय अच्छा है। सोचे हुए काम पूरे होने से खुशी मिलेगी। अचानक धन लाभ भी हो सकता है।

धनु –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – पुरानी चुनौतियों से निपटने के लिए आपको नई बात समझ आ जाएगी। आप कोई ऐसी नई बात सीख सकते हैं, जो आने वाले दिनों में आपको बड़ा फायदा देगी। आज आप अपनी मानसिक अस्थिरता दूर करने की कोशिश करेंगे और बहुत हद तक इसमें सफल भी हो जाएंगे। अपने काम समय पर करने की कोशिश करेंगे।

मकर –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – पुरानी टेंशन आज खत्म हो सकती है। खुद पर ध्यान देंगे। जरूरत की चीजों पर पैसा खर्चा हो सकता है। कामकाज में एक्टिव रहेंगे। समाज व परिवार दोनों क्षेत्रों के काम पूरे होंगे। अचानक यात्रा हो सकती है। दोस्तों से भी सहयोग मिल सकता है। हंसी-मजाक में दिन बीतेगा। नए लोगों से दोस्ती होगी। प्रोफेशनल रिलेशन मजबूत हो सकते हैं। आज आप किसी तरह का नशा छोड़ने का मन भी बना सकते हैं। भागीदारी में आपके लिए गए फैसले फायदेमंद हो सकते हैं।

कुंभ –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – चंद्रमा की अच्छी स्थिति से धन लाभ हो सकता है। आप दिमाग से और मीठा बोलकर लोगों को प्रभावित करेंगे। आज आपको दुश्मनों पर जीत मिल सकती है। आप करियर के मामले में बिल्कुल सही समय पर सही जगह मौजूद रहेंगे। किसी खास काम में पूरी ताकत से जुट जाएंगे और खुद को साबित करके दिखा देंगे। बेरोजगार लोगों के लिए दिन अच्छा रहेगा। किसी खास व्यक्ति से भी मुलाकात हो सकती है।

मीन –
01 अगस्त 2018, बुधवार
पॉजिटिव – आज आपके कुछ जरूरी काम पूरे हो सकते हैं। आज आप कोई उलझा हुआ मामला सुलझा सकते हैं। कामकाज संबंधित अच्छे आइडिया आपको मिल सकते हैं। चंद्रमा आपकी ही राशि में होने से आपके लिए दिन ठीक रहेगा। अपनी व्यवहारकुशलता और सहनशक्ति से काम लें। ज्यादातर चीजें खुद सुलझ जाएंगी।

आज का पांचांग

🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷
01 अगस्त 2018, बुधवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – वर्षा
मास – श्रावण
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी
नक्षत्र – पूर्वा भाद्रपदा
योग – अतिगंड
करण – बालव

राहुकाल:-
12:00 PM- 1:30 PM

🌞सूर्योदय – 05:44 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 19:13 (चण्डीगढ)
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चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 05:42 07:23 शुभ
अमृत 07:23 09:05 शुभ
शुभ 10:46 12:27 शुभ
लाभ 17:31 19:12 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
शुभ 20:31 21:50 शुभ
अमृत 21:50 23:09 शुभ
लाभ 03:05 04:24 शुभ

21वीं सदी में एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने की जरूरत – राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी


राज्यपाल ने अपने उद्घोष में कहा ‘जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगाÓ।
इन्द्री अनाज मंडी में 78वें शहीद उधम सिंह बलिदान दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल सहित मंत्रियों, विधायकों व समाजसेवियों ने दी श्रद्धांजलि, कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने की।


इन्द्री/करनाल 31 जुलाई,

हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि 21वीं सदी में एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने की जरूरत है, हमें देश की एकता, अखंडता, आपसी प्रेम-प्यार, भाईचारा, शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस की याद को जाता करते हुए कहा कि ‘जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगाÓ, शहीद उधम सिंह के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बलिदान की चिंगारी से ही अंग्रेजों को भारत छोडऩे पर विवश होना पड़ा और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने भी उनके बलिदान से पे्ररणा लेकर 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की थी और भारतीयों का आह्वान किया था या तो अंग्रेजों को भगाओ या खुद मर जाओ।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी मंगलवार को इन्द्री की नई अनाज मंडी में हरियाणा काम्बोज महासभा की ओर से आयोजित शहीद उधम सिंह के 78वें बलिदान दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि दी और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, राज्यमंत्री कृष्ण बेदी, नायब सिंह सैनी, घरौंडा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविन्द्र कल्याण, नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, पूर्व विधायक कृष्ण काम्बोज, राकेश काम्बोज, चौ. बंता राम बाल्मीकि, डेरा बाबा बुमनशाह के गद्दीसीन बाबा ब्रह्मदास, हरियाणा काम्बोज महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह व जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह काम्बोज सहित अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद उधम सिंह को श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि भारत का सही व्यक्ति वही है जो ठान लेता है वो करके दिखाता है, उधम सिंह भी ऐसे महान वीर शहीदों में से एक थे। उन्होंने देश की आन-बान-शान की खातिर बचपन में अंग्रेजों से बदला लेने की जो प्रतिज्ञा की थी उसे पूरा करके दिखाया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीद उधम सिंह ने जब लंदन में माइकल ओ-ड्वायर को गोलियों से भूना तो उसे सबसे पहले एक महिला ने पकड़ा और पूछा कि तेरी गन में अभी 3 गोलियां और बाकी हैं ये क्यों नहीं चलाई, मुझे क्यों नहीं मारते तो उधम सिंह ने कहा कि मैं ऐसे भारत देश का वासी हूं जहां निहत्थे लोगों पर वार नहीं करते और महिलाओं की इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी चाहिए कि हम शहीद उधम सिंह के बताए हुए मार्ग पर चलकर अपनी समाज की महिलाओं का सम्मान करें, यही उधम सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल ने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि पुरूषों के साथ महिलाओं की उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि हम भारतीय अपने शहीदों से कितना लगाव रखते हैं। इतनी बड़ी भीड़ की उपस्थिति के लिए मंत्री कर्णदेव काम्बोज वह हरियाणा काम्बोज महासभा के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आज के समय में इस प्रकार के कार्यक्रमों की जरूरत है ताकि शहीदों को याद करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सके। हरियाणा काम्बोज महासभा की मांग पर कुरूक्षेत्र में निर्माणाधीन काम्बोज धर्मशाला के लिए 25 लाख रुपये देने की घोषणा की, तथा महासभा के पदाधिकारियों को सुझाव दिया कि कुरूक्षेत्र की धर्मशाला में यदि शहीद उधम सिंह के जीवन पर आधारित संग्रहालय बनाया जाए तो बेहतर होगा, फिर भी यदि संग्रहालय के लिए केडीबी के पास अलग जगह उपलब्ध होगी तो उसका अध्ययन करवाएंगे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनका खून देश के काम आता है। हमारा इतिहास बलिदानों से भरा पड़ा है। यह आजादी हमें यूं ही नहीं मिली इसके लिए कितनी बहनों ने अपने भाईयों व पतियों को तथा कितनी माताओं ने अपने बेटों व अपने सुहाग को खोया है। आजादी को पाने के लिए असंख्य वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। देश के लिए कुर्बान होने वालों में ऐसे ही महान वीर देशभक्त व क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह भी एक हैं। उन्होंने बताया कि 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में जन्म उधम सिंह जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे। अंग्रेजों द्वारा किए गए भयानक नरसंहार का बदला लेने का प्रण लिया। आखिरकार 13 मार्च, 1940 को वह दिन आया जब लंदन के कैक्स्टन हॉल की बैठक में उन्होंने माइकल ओ-ड्वायर की गोली मारकर विदेश में अपने देश के सम्मान का बदला लिया और अपना प्रण पूरा किया। उन्होंने देशवासियों के समक्ष राष्ट्र भक्ति, त्याग और बलिदान की एक अनूठी मिसाल कायम की जोकि देशवासियों, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
कार्यक्रम में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने शहीद उधम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी देश भक्ति के जज्बे को समूचा राष्ट्र सलाम करता है। शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना से प्रेरित होकर निहत्थे, निर्दोष लोगों की हत्या को देखकर देश की आन-बान-शान के लिए प्रण लिया कि मैं इस नरसंहार का बदला गौरी सरकार से एकदिन जरूर लूंगा। आखिर उन्होंने उस संकल्प को 13 मार्च, 1940 में पूरा करके दिखाया। उन्होंने बताया कि उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था। उन्होंने हरियाणा सरकार को बधाई देेते हुए कहा कि यह पहली सरकार है जिन्होंने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर सरकारी अवकाश घोषित किया है। इतना ही नहीं लोगों की आस्था को देखते हुए देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीद उधम सिंह की अस्थियों को अपने देश में लेकर आने का काम किया।
इस अवसर पर डेरा बाबा बूमनशाह के गद्दीसीन बाबा ब्रह्मदास ने कहा कि हिंदुस्तान महान शूरवीरों की धरती है जिन्होंने भारत माता की आन-बान-शान की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी। ऐसे वीर शहीदों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि शहीदों को यही श्रद्धांजलि होगी कि हमें बुराईयों का डटकर विरोध करना चाहिए क्योंकि जब उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना में हुए अन्याय को देखा तो उनका खून खौल गया था और उन्होंने उस घटना का बदला लेने का प्रण लिया।
हरियाणा काम्बोज महासभा के प्रधान भूपेन्द्र सिंह ने मुख्य अतिथि महामहीम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी व कार्यक्रम के अध्यक्ष मंत्री कर्णदेव काम्बोज सहित सभी विशिष्ट अतिथियों तथा भारी जनसमूह का स्वागत किया और सभा की ओर से सभी को शहीद उधम सिंह का चित्र व शॉल भेंटकर सम्मानित किया और सभा की ओर से मांग पत्र मुख्य अतिथि को सौंपा। सभा की मांग पर काम्बोज धर्मशाला कुरूक्षेत्र के लिए मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने 21 लाख रुपये, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, विधायक सुभाष सुधा ने 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा मंत्री विपुल गोयल ने भी भवन के लिए 11 लाख रुपये की राशि की स्वीकृति सभा को भेजी। कार्यक्रम में मंच का संचालन जयप्रकाश काम्बोज ने किया। इस अवसर पर भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकास काम्बोज, सभा के पूर्व प्रधान गोपीचंद, ज्ञान चंद, इन्द्री ब्लॉक अध्यक्ष सुमेर चंद, सभी पदाधिकारी व सदस्यगण तथा प्रशासन की ओर से उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक एस.एस. भोरिया, एसडीएम ईशा काम्बोज भी उपस्थित थे।

125thAnniversary of Women’s Suffrage in New Zealand

Ranjit Singh Ahluwalia

New Zealand became the first self-governing country in the world to grant all women the right to vote in parliamentary elections 125years ago on 19th September 1893 when Lord Glasgow, signed a new Electoral Act into law.

Thesuccess was attributed to the enormous struggle over a seven year campaign by suffragists like Kate Sheppard who collected 31,872 signatures which culminated in the 1893 petition which was presented to Parliament in a wheelbarrow. At 270mtrs long the petition was unrolled across the chambers of the House with dramatic effect. It was the largest petition ever gathered in Australasia. The Electoral Bill was passed by 20 votes to 18 and 10weeks later women alongside the men casted their votes at their first election.

The petition contains the signatures of many leading suffragists and feminists, including Kate Sheppard, Marion Hatton, Rachel Reynolds, Ada Wells, Tailoresses’ Union leader Harriet Morison, writer Edith Grossman, and sisters Christina and Stella Henderson (whose younger sister, Elizabeth, then too young to sign, would later achieve fame as New Zealand’s first woman MP – under her married name, McCombs).

Today, 29th July 2018 marks 125 years since the presentation of the petition to Parliament, a great milestone worthy of celebrations and most appropriately to gather and listen to “OUR STORIES.”

 

Organiser: Hansa Naran

 

Team: Dianna Aislabie; Maree Allan; Jo Mathews; Jenny Joseph & Rosemary Keay

 

Place: Waiau Pa Hall, McKenzie Road, Waiau Pa 2679

राफेल डील पर सुरजेवाला के सवालों का जवाब दें पीएम मोदी : शत्रुघ्न सिन्हा


राफेल डील पर शत्रुघ्न सिन्हा ने उठाए सवाल, बोले- सुरजेवाला के सवाल तार्किक, ‘खामोश’ क्यों हैं पीएम मोदी


31 जुलाई 2018

नई दिल्ली : अपनी ही पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बागी तेवर रखने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने राफेल डील मामले को लेकर सवाल किए हैं।और कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राफेल डील को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। और उनके आरोपों में दिए गए तथ्य तार्किक लगते हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द जवाब देकर स्थिति साफ करनी चाहिए।

शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सर (पीएम मोदी) हम इस मुश्किल और चिंताजनक स्थिति का मुकाबला करने के लिए अपने दिशानिर्देश और उत्तर का इंतजार कर रहे हैं। हमेशा की तरह आपके ‘खामोश’ रहने से समस्या के समाधान में मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया है कि हमारे कुछ ईमानदार ब्यूरोक्रेट्स संवेदनशील दस्तावेजों, फाइलों, कागजातों को आगे लीक कर रहे हैं।

सिन्हा ने कहा कि क्या हम अपने लोगों और देश पर पकड़ खो रहे हैं? उन्होंने कहा कि ये आरोप वजनदार हैं और इनके जवाब तुरंत देने चाहिए। कांग्रेस के आरोपों की तारीफ करते हुए सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने अत्यंत स्पष्टता, तथ्यों और भरोसे साथ आरोप लगाए हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 60,145 करोड़ रु. की राफेल डील ने साबित कर दिया कि ‘कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज़्म’ यानी 3C मोदी सरकार का डीएनए बन गया है। उन्होंने कहा कि इस डील में भ्रष्टाचार उसी समय उजागर हो गया जब इससे सरकारी कंपनी एचएएल को दरकिनार कर दिया गया और ये कॉन्ट्रैक्ट एक ऐसी कंपनी को दे दिया गया, जिसे इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं था।

विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए केंद्र कर रहा सी बी आई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल : कैप्टन यादव


-हबीबुर्रहमान ने दिखाई अपनी ताकत

-मेवात को कोटला झील, लघु सचिवालय, ईरिगेसन रेस्ट हाउस, जुडिसियल कॉमपेलक्स, हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज, तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलिटेक्रिक तथा आईटीआई का जाल भी कांग्रेस ने मेवात में बिछाया

-कांग्रेस की सरकार बनने पर रेलवे लाईन, युनिवर्सिटी और आईएमटी का निमार्ण करवाया जाएगा

-इनेलो भाजपा के साथ थी, साथ है और साथ ही रहेगी


पुन्हाना।
मोदी सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है और दूसरी तरफ 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे रखी है। विपक्ष की आवाज दबाने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई व अन्य जांच ऐजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने शाहचौखा में पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। वहीं कांग्रेसियों सहित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से जीतते हैं लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है। इनेलो भी भाजपा की बी टीम हैं क्योंकि इनेलो को वोट देना भी इनडारेक्ट रूप में भाजपा को ही वोट देना है। इनेलो भाजपा के साथ थी, साथ है और साथ ही रहेगी। पिछले लोकसभा चुनाव मे जीते 2 सांसदों ने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दिया बल्कि राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार का ही साथ दिया। इसलिए इस बार आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में सिर्फ कांग्रेस को वोट देना है। पुन्हाना विधानसभा से हबीबुर्रहमान को मजबूत करो। ये ईमानदार और बेदाग छवि के हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी जी ने अशोक गेहलोत जी को निर्देष दे दिए हैं कि हबीबुर्रहमान को जल्द से जल्द पार्टी ज्वाईंन करवाई जाए।
श्री यादव ने मेवात की जनता से वादा किया कि उन्होंने सांसद बनाया तो मेवात को मेवात का हक दिलाकर रहूंगा। मेवात में ड्राईविंग लाईसेंस का नवीनीकरण बंद करके यहां के लोगों के ट्रांस्पोर्ट के काम-धंधे को बंद कर दिया है। जिससे हजारों लोगों की आजीविका संकट में पड गई है। हबीबुर्रहमान के विधायक रहते हुए कांग्रेस ने मेवात को कोटला झील, लघु सचिवालय, ईरिगेसन रेस्ट हाउस, जुडिसियल कॉमपेलक्स तो बनवा ही दिया था। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कांग्रेस ने हसन खां मेवाती के नाम पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी की। तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलिटेक्रिक तथा आईटीआई का जाल भी कांग्रेस ने मेवात में बिछाया। मेवात के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए आईएमटी की स्थापना भी की, लेकिन बडे अफसोस की बात है कि भाजपा ने पिछले 4 साल में आईएमटी की एक ईंट भी नही रखी।
कैप्टेन अजय सिंह यादव ने तालियों की गडगडाहट की बीच कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मेवात में रेलवे लाईन और युनिवर्सिटी बनवाई जाएगी और जितने भी काम लंबित पडे हैं उनको पूरा किया जाएगा।
पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक रहते हुए उन्होंने विकास कार्यों में कोई कमी नही छोडी थी बिना किसी भेदभाव के युवाओं को नौकरी मैंने दी। लेकिन मेरे बाद बने विधायकों ने यहां के हिस्से की नौकरी को दूसरे जिले के लोगों को देकर भेदभाव किया। उन्होंने कहा कि इस बार आपने आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजा तो क्षेत्र का रिकार्ड विकास कराने के साथ ही थाने-तेहसील व लूट-खसौट की राजनीति को खत्म करूंगा।
इस मौके पर अमन अहमद, पूर्व चेयरमैन शकुर खान, मुबीर तेड़, मुबारिक मलिक, अब्दुल हई ठेकेदार, शकील अहमद इत्यादि मौजूद रहे।