Haryana approves 7th Pay Commission scales to universities, colleges staff

Chandigarh August 3, 2018:

Haryana Government has accorded approval for giving pay scales to the teaching and non-teaching staff of seven government universities, government colleges and government aided colleges from January 1, 2016 as per the recommendations of the 7th Pay Commission.

This would put an additional burden of Rs 230.6 crore annually on the State exchequer.

Finance Minister, Capt. Abhimanyu said that with this decision, teaching and non-teaching staff working on 2853 posts in various Universities and Colleges in the State would be benefited.

The Finance Minister said that with the implementation of 7th pay commission, Assistant Professors of Universities and Colleges would get Rs 57,700 to 79,800 whereas, Associate Professors would get Rs 1, 31,400 and Professors would get Rs 1,44,200 to Rs 1, 82,200. Similarly, Assistant Librarian of Universities and Colleges would get Rs 57,700 to Rs 68,900 and Deputy Librarian would get Rs 79,800 to Rs 1,31,400 and Librarian would get Rs 1, 44,200.

He said that while Lecturers, Physical Education in Universities and Colleges and Assistant Director of Sports Department would get Rs 57,700 to Rs 68,900, Deputy Director would get Rs 79,800 to Rs 1,31,400 and Director would get Rs 1,44,200. He said that now, the Registrar and Controller of Examination would get Rs 1,44,200, Sub Registrar and Sub Controller of Examination would get Rs 79,800 and Assistant Registrar and Assistant Controller of Examination would get Rs 56,100. Apart from this, Pro-Vice Chancellor and Vice Chancellor would also get pay scale as per the 7th pay commission, he added.

The Finance Minister said that the number of  teaching and non-teaching employees which would be benefited from the enhanced salary included 1990 in government colleges, 2956 in government aided colleges, 332 in Kurukshetra University, Kurukshetra, 287 in Maharshi Dayanand University, Rohtak, 64 in Ch. Devi Lal University, Sirsa,  12 in Ch. Bansi Lal University, Bhiwani, 18 in Ch, Ranbir Singh University, Jind, 116 in Bhagat Phool Singh Women University, Khanpur Kalan, Sonipat and 34 in Indira Gandhi University, Rewari.

आज का पांचांग

🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷
04 अगस्त 2018, शनिवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – वर्षा
मास – श्रावण
पक्ष – कृष्ण
तिथि – सप्तमी
नक्षत्र – अश्वनी
योग – शूल
करण – वब

राहुकाल –
9:00 AM – 10:30 AM

🌞सूर्योदय – 05:46 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 19:11 (चण्डीगढ)
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चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
शुभ. 07:25 09:06 शुभ
लाभ 14:08 15:49 शुभ
अमृत 15:49 17:29 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 19:10 20:29 शुभ
शुभ 21:48 23:07 शुभ
अमृत 23:07 00:28 शुभ
लाभ 04:25 05:44 शुभ

दैनिक राशिफल

टिप्स फॉर 04-08-2018 शनिवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे *सबका मंगल हो

*आज रवि योग – सौम्या योग – शुला योग – गंड मुला – तिथि कृष्ण सप्तमी और अश्वनी नक्षत्र

आज के योग के अनुसार आज शाम के समय श्री दशरथ कृत शनी स्तोत्र का पाठ जरुर करे और रात्रि में दश बजे बाद ॐ हम हनुमंते नमः यह मंत्र की एक या तिन माला जप जरुर करे …

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ शं शंकराय नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ शं शंकराय नमः यह मंत्र २१ बार लिख (
हो शके तो 108 बार लिखे )में दश बजे बाद ॐ हम हनुमंते नमः यह मंत्र
iकी एक या तिन माला जप जरुर करे ….वाहन की मरमत के लिए शुभ दिवस, लीगल कामो के लिए शुभ दिवस…

आज क्या ना करे – शादी ना करे आज, ज्यादा भावुक ना हो आज, स्त्री संग से दूर ही रहे आज …

आज कहा जाना शुभ रहेगा – बोटनीकल गार्डन – हॉस्पिटल – प्रायमरी स्कुल – रेसकोर्स की मुलाक़ात के लिए शुभ दिवस …

आज सुबह 09 बजे से 11 30 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज भोजन में केवल हल्का आहार ही ले …

दान पुण्य उपाय – आज श्रम दान करे

वस्त्र उपाय – आज ओरेंज रंग के वस्त्र धारण करे …

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें शिर दर्द रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

04 अगस्त जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज अपने ईस्ट देव के दर्शन जरुर करे और हो शके तो आज किसी भी धर्म स्थान में श्रम दान करे ..

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।

🐏मेष
रोजगार में वृद्धि होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। गर्व-अहंकार को दूर करें। राजनीतिक व्यक्तियों से लाभकारी योग बनेंगे। मनोबल बढ़ने से तनाव कम होगा। साझेदारी में नवीन प्रस्ताव प्राप्त हो सकेंगे।

🐂वृष
फालतू खर्च होगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यावसायिक योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाएगा। परिवार की चिंता रहेगी। आय से व्यय अधिक होंगे। अजनबियों पर विश्वास से हानि हो सकती है।

👫मिथुन
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। जोखिम न लें। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखें। पत्नी के बतलाए रास्ते पर चलने से लाभ की संभावना बनती है। यात्रा से लाभ। वाहन-मशीनरी खरीदी के योग हैं। व्यवसाय में अड़चनें आएंगी।

🦀कर्क
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। नेत्र पीड़ा हो सकती है। अधिकारी वर्ग विशेष सहयोग नहीं करेंगे। ऋण लेना पड़ सकता है। यात्रा आज नहीं करें। परिवार के कार्यों को प्राथमिकता दें। आपकी बुद्धिमत्ता सामाजिक सम्मान दिलाएगी।

🐅सिंह
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बचें। कार्य-व्यवसाय में लाभ होने की संभावना है। दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहेगी। सामाजिक समारोहों में भाग लेंगे। सुकर्मों के लाभकारी परिणाम मिलेंगे।

🙎‍♀कन्या
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। मितव्ययिता को ध्यान में रखें। कुटुंबियों से संबंध सुधरेंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। खर्चों में कमी करें। सश्रम किए गए कार्य पूर्ण होंगे।

तुला
भ्रम की स्थिति बन सकती है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्या हल हो सकेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। रुका धन मिलेगा।

🦂वृश्चिक
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। अर्थ संबंधी कार्यों में सफलता से हर्ष होगा। सुखद भविष्य का स्वप्न साकार होगा। विचारों से सकारात्मकता बढ़ेगी। दुस्साहस न करें। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

🏹धनु
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अच्छे लोगों से भेंट होगी जो आपके हितचिंतक रहेंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी। नौकरी में पदोन्नाति के योग हैं। आलस्य से बचकर रहें। परिवार की मदद मिलेगी।

🐊मकर
कष्ट, भय, चिंता व बेचैनी का माहौल बन सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। किसी के भरोसे न रहकर अपना कार्य स्वयं करें। महत्वपूर्ण कार्यों में हस्तक्षेप से नुकसान की आशंका है। परिवार में तनाव रहेगा। व्यापार-व्यवसाय मध्यम रहेगा।

🍯कुंभ
पुराना रोग उभर सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा का शुभ योग होने के साथ ही कठिन कार्य में भी सफलता मिल सकेगी। रिश्तेदारों से संपत्ति संबंधी विवाद हो सकता है। व्यापार-नौकरी में लाभ होगा।

🐟मीन
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। मन में उत्साह रहेगा, जिससे कार्य की गति बढ़ेगी। आपके कार्यों को समाज में प्रशंसा मिलेगी। भागीदारी में आपके द्वारा लिए गए निर्णयों से लाभ होगा।

Daily Bulletin 4 August

Here’s what is expected to make the news on Saturday:

Muzaffarpur shelter home rape case: Even though Bihar chief minister Nitish Kumar said on Friday that no leniency will be shown to those involved in the Muzaffarpur shelter home rape case, Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav will launch a protest against the Nitish Kumar government at Delhi’s Jantar Mantar on Saturday evening. Congress president Rahul Gandhi and Delhi chief minister Arvind Kejriwal are expected to join the stir.

Congress Working Committee Meeting: The core committee of the main Opposition party will meet once again today to chalk out its plan for 2019 Lok Sabha Election. Sources in Congress have indicated that the party may announce Priyanka Gandhi’s candidacy from Rae Bareli in the 2019 polls.

File image of Tejashwi Yadav

Congress-JD(S) to fight separately in local body elections: Congress and JD(S) have decided to separately contest the local bodies elections in Karnataka, which will be held on 29 August. Even though they have put up a united front at the Vidhan Soudha and for the upcoming Lok Sabha election, both parties are likely to be seen contesting and criticising each other in the local bodies election. Polling will be held in 29 municipal corporations, 53 town municipalities and 23 town panchayats. Has the rift widened between the alliance partners? It may be a too early to say that, but Congress leaders have left it up to the local leaders to decide whether they want to tie-up or fight individually.

Article 35-A in Jammu and Kashmir: The ongoing debate over the validity of Article 35-A in Jammu and Kashmir is likely to heat up with National Conference holding a protest march today against tampering in Article 35A today at 11 am from Nawa-e-Subah complex in Srinagar. Meanwhile, the Jammu and Kashmir High Court Bar Association has termed the provision an aberration and is planning to file petition challenging the validity of Article 35-A before the Supreme Court.

29th GST Council Meet: Finance Minister Piyush Goyal will chair the meeting today at Vigyan Bhawan, New Delhi. The council meeting is convened mainly to discuss issues, concerns and suggestions of the Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) in the GST regime among others.

UIDAI Number: The morning of 3 August saw many Indians confused and angry, as the UIDAI toll-free number had mysteriously slithered into their phone-books. The issue came to light when the French hacker by the pseudonym Elliot Anderson took to Twitter about the UIDAI contact listed on his phone. UIDAI had denied responsibility for the same and there is no information about who made this happen. Who put the number? How do they have access to our contacts? Besides adding, does it also mean that they can collect information from it? These are some of the questions that will be answered hopefully in the days that follow.

XiaomI Qin AI: Chinese smartphone maker Xiomi just launched its first feature fone series, called the Qin AI. Two Android-powered phones, the Qin 1 and the Qin 1s have been launched at CNY 199 (about Rs 1,990) and CNY 299 (about Rs 2,990). They also feature real-time translation for 17 international languages. The only difference is that the Qin 1 is a 2G only phone, and the Qin 1s has 4G LTE and VOLTE support. If launched in India, the phones could be the most affordable feature phones with AI capabilities.

India vs England, 1st Test, 4th Day: The equation is fairly simple — India need 84 runs to clinch victory in the first Test, whereas England need five wickets. Virat Kohli, fresh from his heroic knock in the first innings, is still at the crease batting on 43 with Dinesh Karthik for company. With the match in the balance, these two will have to grind out a victory for the visitors.

World Badminton Championships: With some of India’s best shuttlers like Saina Nehwal and Kidambi Srikanth eliminated, there’s only PV Sindhu left standing as the semi-finals stage commences on Saturday. Sindhu will be in a buoyant mood, having beaten Nozomi Okuhara — who had so cruelly defeated the Indian in the World Final last year — in the quarters on Friday. Sindhu will face Akane Yamaguchi on Saturday.

सांगली और जलगांव दोनों महानगरपालिकाओं में बीजेपी का झंडा फहराने में कामयाब रहे देवेंद्र फडनवीस

मराठा आरक्षण पर हिंसक आंदोलन के कारण प्रचार पर नहीं जाने के बावजूद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस सांगली और जलगांव दोनों महानगरपालिकाओं में बीजेपी का झंडा फहराने में कामयाब रहे. दोनों जगह बीजेपी ने करीब 35 साल बाद जीत हासिल की है. इससे फडणवीस को खुद को मजबूत करने में बड़ी मदद मिलेगी.

इस जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ता जमकर जश्न मानते नजर आए. सांगली और जलगांव की जीत बीजेपी और सीएम फडणवीस के लिए बड़े मायने रखती है. दोनों ही महानगरपालिका बीजेपी ने बरसों बाद जीती है, वो भी तब जब मराठा बहुल इलाकों में मराठा आंदोलन की लहर चल रही है. साफ है बीजेपी का जलवा कायम है. जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि कई सालों बाद मिली यह जीत बीजेपी के लिए बहुत मायने रखती है.

जलगांव में बीजेपी 36 साल बाद खुद के दम पर जीती है. अब तक वहां सुरेश दादा जैन की खानदेश विकास पार्टी का कब्जा रहा है. लेकिन बीजेपी वहां 75 में से 57 सीटों के साथ बहुमत में आ गई. वहां पर बीजेपी से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे घर से निकले तक नहीं, फिर भी बीजेपी जीत गई. यहां बीजेपी से अलग होकर जैन के साथ चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को बस 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस-एनसीपी का तो खाता भी नहीं खुला.

वहीं, बीजेपी दिवंगत पूर्व मंत्री पतंगराव का किला सांगली भी छीनने में कामयाब रही. सांगली में 78 सीटों में से बीजेपी को 41 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 35 सीट मिली. अन्य के खाते में दो सीटें आईं और शिवसेना का खाता भी नहीं खुला.

इन चुनावों का संदेश साफ है कि बीजेपी का परचम लहरा रहा है. शिवसेना अलग होकर भी कुछ खास नहीं कर पाई. एनसीपी कांग्रेस की हालत खराब है. इन चुनावोंं के बाद अब बीजेपी अपने शतप्रतिशत लक्ष्‍य के और करीब पहुंचती जा रही है. जाहिर है शिवसेना को भी इससे बड़ा सबक मिला है.

महागठबंधन के प्रधानमंत्री पद के बारे में निर्णय चुनाव नतीजे आने के बाद होगा: कांग्रेस


कांग्रेस ने दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो गया तो बीजेपी सत्ता में नहीं लौटने वाली है लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना से गठबंधन की संभावना से पर कहा कि विचारधारा अलग होने की वजह से शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं हो सकता

‘उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में सही से गठबंधन हो गया तो बीजेपी की 120 सीटें अपने आप कम हो जाएंगी और उत्तर प्रदेश में तो सत्तारूढ़ पार्टी पांच सीटों पर सिमट जाएगी.’


लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयास के बीच कांग्रेस ने तय किया है कि फिलहाल पूरा ध्यान विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर नरेंद्र मोदी को हराने पर लगाया जाएगा और प्रधानमंत्री पद के बारे में निर्णय चुनाव नतीजे आने के बाद होगा.

पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए एसपी, बीएसपी और अन्य बीजेपी विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है.

उन्होंने दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो गया तो बीजेपी सत्ता में नहीं लौटने वाली है.

लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है. पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी को हराने का है. दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी.

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर चुनाव से पहले बातचीत करना ‘विभाजनकारी’ होगा.

उन्होंने कहा कि सारे विपक्षी दलों में यह व्यापक सहमति बन चुकी है कि सभी को मिलकर बीजेपी और आरएसएस को हराना है.

उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के सवाल पर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा, ‘बातचीत चल रही है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि गठबंधन को लेकर रणनीतिक सहमति बन गई है.’

क्या है कांग्रेस का दावा?

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में सही से गठबंधन हो गया तो बीजेपी की 120 सीटें अपने आप कम हो जाएंगी और उत्तर प्रदेश में तो सत्तारूढ़ पार्टी पांच सीटों पर सिमट जाएगी.’

कांग्रेस सूत्रों ने यह भी दावा कि आगामी लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में पार्टी की लोकसभा सीटों में काफी इजाफा होगा.

शिवसेना के साथ तालमेल की संभावना के सवाल पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि हमारा गठबंधन समान विचाराधारा वाले दलों के साथ हो सकता है और शिवसेना और कांग्रेस की विचाराधारा अलग है, इसलिए उसके साथ गठबंधन नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के बीच पुराना गठबंधन है और वह आगे भी जारी रहेगा.

कांग्रेस एक राष्ट्र एक चुनाव का ‘पुरजोर’ विरोध करती है क्योंकि यह भारतीय संघवाद के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है


पिछले महीने अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि एक राष्ट्र एक चुनाव में कोई दम नहीं है, यह सिर्फ जुमला है, इसका मकसद लोगों को बरगलाना और मूर्ख बनाना है


कांग्रेस ने शुक्रवार को लॉ कमीशन से कहा कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जाने के विचार का ‘पुरजोर’ विरोध करती है क्योंकि यह भारतीय संघवाद के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है. कांग्रेस शिष्टमंडल ने लॉ कमीशन के प्रमुख से मुलाकात की और पार्टी के रुख से उनको अवगत कराया.

इस शिष्टमंडल में मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, आनंद शर्मा और जेडी सेलम शामिल थे. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस शिष्टमंडल ने कहा कि पार्टी एकसाथ चुनाव कराने का ‘पुरजोर ढंग’ से विरोध करती है.

पिछले महीने अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि एक राष्ट्र एक चुनाव में कोई दम नहीं है. यह सिर्फ जुमला है. इसका मकसद लोगों को बरगलाना और मूर्ख बनाना है. एक साथ चुनाव की बात सुनने में अच्छी लगती है. इस विचार के पीछे इरादा अच्छा नहीं है. यह प्रस्ताव लोकतंत्र की बुनियाद पर कुठाराघात हैं. यह जनता की इच्छा के विरुद्ध है. इसके पीछे अधिनायकवादी रवैया है.

कांग्रेस समेत अन्य दल पहले भी कर चुके हैं इसका विरोध

इस साल जनवरी में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सामने कांग्रेस, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएम मोदी के वन नेशन-वन इलेक्शन के विचार का विरोध किया था.

एकसाथ चुनाव के लिए लॉ कमीशन ने एक दस्तावेज तैयार किया है. दस्तावेज में कमीशन ने 1951 के जनप्रतिनिधि कानून में कई संवैधानिक और अन्य संशोधन सुझाने के साथ ‘एक देश-एक चुनाव’ के नियम और प्रकिया बताई है. कमीशन ने एकसाथ चुनाव के लिए दो चरणों में चुनाव का प्रस्ताव रखा है.

पश्चिमी लेखकों द्वारा जातिप्रथा और ब्राह्मणों पर हमला क्यों? Written by:- मारिया विर्थ


जर्मनी की लेखिका हैं मारिया विर्थ, जिन्होंने बड़ी ख़ूबसूरती से पश्चिम और भारत के “कथित विद्वानों” द्वारा भारत की जातिप्रथा और ब्राह्मणों के खिलाफ चल रहे दुष्प्रचार को बेनकाब किया है…


पश्चिमी विचारक मारिया विर्थ का यह लेख भारत के कई क्षेत्रों में पसन्द और कई में नापसन्द किया जाएगा, क्योंकि इसमें उन्होंने भारत की जाति-व्यवस्था को तोड़ने तथा ब्राह्मणों पर आए दिन होने वाले वैचारिक हमलों की पूरी पोल खोल दी है।

मारिया विर्थ, जो कि पश्चिमी बुद्धिजीवियों के षड्यन्त्रों को अच्छे से समझती हैं, उनका कहना है कि वास्तविकता यह है कि पश्चिम के लोगों को भारत के बारे में बहुत ही कम जानकारी है। लगातार (कु)प्रचार के कारण उन्हें केवल इतना ही पता है कि भारत में जाति-व्यवस्था है, यह जाति-व्यवस्था अमानुष किस्म की है। कुछ पश्चिमी विद्वान केवल इतना भर जानते हैं कि कि जाति-व्यवस्था हिन्दू धर्म का महत्त्वपूर्ण अंग है, और ऊँची जाति वाले लोग नीची जातियों के साथ रोटी-बेटी का सम्बन्ध नहीं रखते। उन्होंने ऐसा भी सुना हुआ है कि ऊँची जाति के लोग नीची जाति वालों लगातार मारते रहते हैं। अपने इसी आधे-अधूरे और अधकचरे ज्ञान के सहारे वे भारत के बारे इधर-उधर अनर्गल लिखते रहते हैं।

मारिया आगे लिखती हैं, कि भारत की जाति व्यवस्था के बारे में मुझे बचपन से ही जानकारी थी, लेकिन जर्मनी में नाजियों द्वारा जो अत्याचार किए गए उसके बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता था। इसके अलावा अमेरिका में गुलाम-प्रथा और उनकी बस्तियों पर गोरे अमेरिकियों द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों के बारे में भी मुझे स्कूल में कुछ नहीं पढ़ाया गया। 1960 के आरम्भ से ही मैं पश्चिमी किताबों को देख रही हूँ और उन किताबों में “भारत के ब्राह्मण अत्यन्त दुष्ट किस्म के हैं” यह पढ़ाया गया… और यह आज भी जारी है। कुछ दिनों पूर्व भारत के ऋषिकेश में मुझे तीन जर्मन युवक मिले, मैंने उनसे पूछा कि भारत में उन्हें क्या विशेषता दिखाई दी? उनका उत्तर था “जाति-व्यवस्था”। क्योंकि उन्होंने अपने बचपन से ही इस प्रकार की कहानियाँ अपने पाठ्यक्रम में पढ़ रखी थीं। मारिया विर्थ का कहना है कि, “इस बात पर विचार करना जरूरी है, कि भारत की जाति-व्यवस्था खराब है, यहाँ के ब्राह्मण दुष्ट और अत्याचारी हैं…”- इस प्रकार का माहौल बनाने के पीछे एक सुनियोजित षड्यन्त्र कौन और क्यों चला रहा है? और वह भी इतने वर्षों से लगातार?

मारिया कहती हैं कि मैं मानती हूँ कि भारत में जाति-व्यवस्था है, अस्पृश्यता भी कहीं-कहीं बरकरार है, लेकिन ऐसा कहाँ नहीं है?? विश्व के कई देशों में यह मौजूद है. प्राचीन काल में भारत में जाति नहीं होती थी, केवल “वर्ण” होते थे। यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र, इन्हीं चारों वर्णों की जानकारी है और यह चारों समाज के अविभाज्य अंग हैं। जिस प्रकार मानव शरीर में मस्तक, हाथ, पेट और पैर होते हैं, उसी प्रकार ये चारों वर्ण हुआ करते थे. शरीर का कोई भी अंग कम महत्त्वपूर्ण नहीं है, इसका सन्देश यही था। अगर पैर नहीं होंगे तो कोई चल नहीं सकेगा और पेट गडबड़ी करेगा तो भी शरीर बिगड़ेगा। समाज में किसान, मजदूर, व्यापारी, शिक्षक सभी तो चाहिए, किसी एक के न होने से समाज ठहर जाएगा। वर्ण व्यवस्था इसी के अनुसार बनाई गई थी।

वर्ण व्यवस्था में यह मान्य किया गया था कि इन लोगों के कार्यों में अदलाबदली हो सकती है। हो सकता है कि कोई किसान, शिक्षक बन जाए या कोई व्यापारी मजदूर बन जाए। इसीलिए वर्ण व्यवस्था “अनुवांशिक” नहीं, बल्कि कर्म आधारित थी। प्रत्येक व्यक्ति के गुणों के अनुसार उसे उस वर्ण में रखा जाता था. यदि व्यक्ति पठन-पाठन और स्मरण रखने में उत्तम होता था, तो उसे ब्राह्मण वर्ण में रखा जाता था। इसी प्रकार बलशाली और युद्ध गुणों से युक्त व्यक्ति को क्षत्रिय वर्ण में रखा जाता। ब्राह्मणों का काम वेदों का पठन करके, उन्हें स्मरण रखना और उसे उसी रूप में अचूक अगली पीढ़ी तक पहुँचाना.म। इसीलिए ब्राह्मणों को अपना सत्वगुण, शुद्धता एवं शुचिता बनाए रखना आवश्यक होता था। शुद्धता का पालन, नियमों का पालन अत्यधिक कठोरता से करना भी उन्हीं की जिम्मेदारी थी।
वेदों की शुद्धता बनाए रखना ब्राह्मणों का कर्तव्य था। इसीलिए मृत प्राणियों को ठिकाने लगाने वाले, अथवा नाली सफाई करने वाले कर्मचारियों से उनका स्पर्श न हो इसका भी ध्यान रखना पड़ता था। पश्चिमी देशों में भी एक बड़े कालखण्ड में निचले दर्जे का काम करने वालों को हीन मानने की प्रथाएँ थीं। आज भी कई पश्चिमी देशों में कुछ-कुछ प्रथाएँ मौजूद हैं। लेकिन कालान्तर में भारत की इस उत्तम “वर्ण व्यवस्था” को भ्रष्ट कर दिया गया और इसे अनुवांशिक रूप दे दिया गया, जो कि गलत हुआ। जन्म के आधार पर कोई भी अपने-आप ब्राह्मण नहीं कहा जा सकता, ब्राह्मण बनने के लिए वैसा कर्म भी करना पड़ेगा यह बात भुला दी गई और धीरे-धीरे “वर्ण” से हटकर जाति व्यवस्था का निर्माण हो गया। लेकिन लेख का मूल सवाल तो यह है कि आखिर पश्चिमी कथित विद्वान भारत की जाति व्यवस्था और ब्राह्मणों को ही क्यों कोसते हुए पाए जाते हैं?

जब अंग्रेजी शासन के दौरान, कर्नाटक के मदिकेरी क्लब में अंग्रेज लोग केवल गोरों को ही प्रवेश देते थे, उस समय किसी को तकलीफ नहीं होती थी। उन्हीं दिनों कई अन्य क्लबों में “कुत्तों और भारतीयों का प्रवेश वर्जित है” ऐसे बोर्ड खुलेआम लगाए जाते थे, तब पश्चिमी विद्वान कहाँ थे? अंग्रेजों द्वारा भारतीय कृषि की लूट एवं गलत नीतियों के कारण बंगाल सहित देश के अन्य भागों में ढाई करोड़ भारतीय भूख से मर गए तब पश्चिमी विद्वान कभी बेचैन नहीं हुए? समूचे विश्व में गुलामी की प्रथा शुरू करने वाले अंग्रेज, अमेरिकन भारत से जहाज भर-भरकर वेस्टइंडीज, फिजी जैसे देशों में ले जाते थे, तब कोई पश्चिमी विद्वान क्यों नहीं रोया? मुगल आक्रान्ताओं ने भारत को लूटा, हत्याएँ कीं, बलात्कार किए, अत्यधिक क्रूरता दिखाई… क्या कभी वेटिकन पोषित विद्वानों ने इस बारे में चिंता व्यक्त की? राजस्थान में हजारों स्त्रियों ने “जौहर” (जलते कुंड में कूदकर आत्महत्या) किया, किसी पश्चिमी विद्वान ने उस पर नहीं लिखा। ब्रिटेन के सांसदों को भारत की जाति-व्यवस्था की चिंता है, लेकिन कभी ISIS द्वारा गर्दनें काटने को लेकर इतनी चिंता नहीं हुई? यदि कुछ देर के लिए झूठ ही सही, मान भी लें कि ब्राह्मणों ने अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए अत्याचार किए, तो भी ये अत्याचार ईसाईयों, कम्युनिस्टों और मुसलमानों द्वारा समूचे विश्व में किए गए अत्याचारों, के मुकाबले नगण्य ही है।

तो फिर ऐसा क्यों है कि भारत और पश्चिम के जो “तथाकथित विद्वान” हैं (जिनका कहीं न कहीं चर्च से भी सम्बन्ध है), वे ब्राह्मणों और जाति को लेकर इतना हंगामा मचाए हुए रहते हैं? क्योंकि उन्हें स्वयं द्वारा किए गए अपराधों को छिपाना होता है। दुनिया को यह पता न चले कि वे खुद इतिहास में कितने क्रूर और हत्यारे थे, इसलिए जानबूझकर दुनिया का ध्यान भारत की जाति व्यवस्था एवं ब्राह्मणों की तरफ करने के सतत प्रयास जारी रहते हैं। ये कथित विद्वान केवल और केवल अत्याचारों की ही बात करते हैं, जबकि भारत न जाने कितना बदल चुका है। इन कथित विद्वानों को आरक्षण के लाभ, अल्पसंख्यकों के फायदे के लिए सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ वगैरह दिखाई नहीं देते। उन्हें केवल ब्राह्मणों को कोसना है और जाति के नाम पर दलितों को भड़काना है।
दुनिया भर में भारत की जाति-व्यवस्था और ब्राह्मणों को कोसने-गरियाने के पीछे एक कारण और है. ये बुद्धिजीवी चाहते हैं कि भारत के ब्राह्मण स्वयं को अपमानित और दीन-हीन महसूस करें, ब्राह्मणों को अपने पूर्वजों के कृत्यों पर शर्म आए तथा ब्राह्मण भारत के वेदों का अभ्यास छोड़कर अपने विद्यार्थियों को इसकी शिक्षा देना बन्द कर दें। इसलिए इस दिशा में लगातार संगठित प्रयास जारी हैं। ब्राह्मणों के वैदिक ज्ञान के कारण ईसाईयत एवं इस्लामिक जगत में खलबली है, उन्हें इस बात का पूर्ण अहसास है कि जिस प्रपोगण्डा को वे फैलाना चाहते हैं (या फैला रहे हैं), उसकी वैचारिक काट सिर्फ वेदों में है. वे जिस कथित सत्य की बात करते हैं, सनातन धर्म और वेदों में उसका खंडन दो मिनट में किया जा सकता है। स्वाभाविक है कि भारतीय वेद परम्परा ही दुनिया में इस्लाम और ईसाईयत के प्रसार को रोकने की क्षमता रखती है। दुर्भाग्य से भारत के मूल वैदिक ज्ञान का एक बड़ा हिस्सा लुप्त हो चुका है। कांचीपुरम के शंकराचार्य श्री चंद्रशेखराननाद सरस्वती अपनी पुस्तक में लिखते हैं कि वेदव्यास ने पाँच हजार वर्षों पूर्व 1180 शाखाओं के चार भाग किए, आज की तारीख में उनमें से केवल आठ श्लोक ही उपलब्ध हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है, कि इस अनमोल वैदिक ज्ञान की कई प्रतियाँ टुकड़ों-टुकड़ों में इंग्लैण्ड, जर्मनी जैसे देशों के संग्रहालयों में मिल सकती है। वास्तव में देखा जाए तो ISIS या इस्लामिक आतंकवाद के मुकाबले भारत के ब्राह्मणों एवं जाति-व्यवस्था से दुनिया को रत्ती भर का भी खतरा नहीं है। परन्तु “प्रायोजित विरोध” करने वाले बुद्धिजीवी इस बात को समझने के लिए तैयार नहीं।

मारिया विर्थ लिखती हैं कि कुछ दिनों पहले मैं दक्षिण भारत के एक मंदिर में गई थी, जहाँ प्रसाद लेने के लिए एक बेहद दुबले-पतले, चेहरे से ही गरीब और भूखे दिखाई देने वाले ब्राह्मण दम्पति को देखा। मेरे देखते ही देखते वे दूसरी बार फिर से प्रसाद लेने के लिए पंक्ति में खड़े हो गए… निश्चित सी बात है कि ब्राह्मण दम्पति अत्यधिक भूखा होगा। स्थिति यही है कि भारत में गरीब ब्राह्मणों की संख्या भी बढ़ रही है, उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता न ही आरक्षण मिलता है। लेकिन फिर भी मैं यही कहूँगी कि ब्राह्मणों द्वारा कभी भी स्वयं को दोष नहीं देना चाहिए, न ही अपराधबोध की भावना से ग्रस्त होना चाहिए (क्योंकि पश्चिम का षड्यंत्र यही है)। आज जो भी वैदिक ज्ञान भारत में बचा है इन्हीं ब्राह्मणों के कारण बचा हुआ है। यह अनमोल ज्ञान ऐसे ही अगली पीढ़ियों तक हस्तान्तरित होते रहना चाहिए। यदि शर्म करनी ही है, तो उन सनातन विरोधियों को करनी चाहिए, जो लगातार ब्राह्मणों की खिल्ली उड़ा रहे हैं, हिन्दू धर्म को गालियाँ दे रहे हैं। मैं एक ईसाई हूँ, लेकिन फिर भी हिन्दू धर्म और ब्राह्मणों के खिलाफ जारी इस विषवमन का कतई समर्थन नहीं करती… दुनिया में ईसाईयों, मुस्लिमों और वामपंथियों ने जो दुष्कृत्य किए हैं, उसे देखते हुए शर्मिंदा तो उन्हें होना चाहिए, ब्राह्मणों को नहीं… वैदिक ज्ञान को सहेजने वाले ब्राह्मणों और जाति के विरुद्ध यह विषवमन इसीलिए किया जा रहा है, ताकि विश्व भर में दूसरों द्वारा किए गए कुकर्मों पर पर्दा डाला जा सके।
— मूल लेख :- जर्मनी की लेखिका मारिया विर्थ।

मुख्यमंत्री मनेाहर लाल को अपने स्वास्थ्यमंत्री का ईलाज करवाना चाहिए : नवीन जयहिंद

चित्र: राकेश शाह


आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्य्क्ष नवीन जयहिंद द्वारा प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई …
500 किलोमीटर “भाई चारा कांवड़ यात्रा “की जाएगी……
सरकार को उनके द्वारा दिये गए मेनिफेस्टो को याद कराया
जाएगा…
सभी मंत्रियो तक गंगाजल भिजवाया जाएगा ताकि सभी का मन पवित्र हो सके


पंचकूला,3 अगस्त:

अजय कुमार

आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनेाहर लाल को अपने स्वास्थ्यमंत्री का ईलाज करवाना चाहिए। यहां अगर कोई अस्पताल में बढिय़ा न होता हो तो फिर उन्हें इस मंत्री को आगरा भेजना चाहिए,क्योंकि उन्हें इस समय इसकी सबसे ज्यादा आवश्यक्ता है। उ नकी दिमागी हालत ठीक नहीं लग रही। वैसे वह उनके मन व दिमाग की शुद्धि के लिए उन्हें हरिद्वार से लाया हुआ गंगा जल भी देंगे जोकि वह और उनके साथी हरियाणा के सभी विधायकों व सांसदों को दे ही रहे हैं।

जयहिंद आज यहां भाईचारा कांवड़ यात्रा कार्यक्रम के तहत अपने पंचकूला प्रवास के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। पंचकूला के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा के साथ पत्रकारों से बात करते हुए एक सावाल के जबाव में उन्होंने कहा कि यह अनिल विज या भाजपा के नेता ही हैं जोकि लोगों के  डूबने की बात करते हुए प्रदेश के लोगों को डुबोने का काम करते हैं। जबकि आप पार्टी प्रदेश के लोगों को आपस में जोडऩे का काम करती है और सबके भविष्य की मंगल कामना करती है। उनका कहना है कि हम किसी का बुरा सपने में भी नहीं सोच सकते और हमारी सोच तो प्रदेश व प्रदेशवासियों के कल्याण की रही है।

नवीन जयहिंद ने आगे कहा कि वैसे आप प्रदेश का भाईचारा बने रहा इसी प्रयास के तहत यह कांवड़ यात्रा की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के सभी विधायकों एवं सांसदों के लिए गंगा जल लेकर आएं हैं और वह या उनके साथी उन्हें भेंट कर उन्हें इस बात की याद दिलांएगे कि वे प्रदेश की जनता से किए अपने वायदों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि उनकी यह कांवड़ यात्रा पूरे पांच सौ किलोमीटर का सफर तय कर रेाहतक में समाप्त होगी और वहीं एमडीयू में शहीदस्मारक वह जलाभिषेक करेंगे।

चित्र राकेश शाह

इस अवसर पर उनके साथ पंचकूला के आप प्रधान सुशील मैहता,संगठन मंत्री सुरेेंद्र राठी,विजय पैतेका, संजू, कालका विध्ािानसभा हल्के के प्रधान ईश्वर सिंह आदि भी थे।


मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करें विज: योगेश्वर शर्मा

आप के जिला पंचकूला के प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा है कि अनिल विज हरियाणा के एक वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं। उन्हें अपनी आयु और अपने राजनीतिक अनुभव को ध्यान में रखते हुए भाषा को मर्यादित करना चाहिए। योगेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि माना कि उनकी अपनी ही सरकार में नहीं चलती और उनके द्वारा कहे गये काम नहीं हो रहे, इसका मतलब यह नहीं कि वह इसकी भड़ास विपक्ष के नेताओं पर निकालें। उन्होंने कहा कि विज को विपक्ष पर कटाक्ष करने से पहले अपने विभाग की ओर ध्यान देना चाहिए जिसमें रेाजना लेागों की शिकायतें सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा भर में कहीं तो अस्पताल में डाक्टरों की कमी की शिकायत है तो कहीं पर दवाएं ही पूरी नहीं मिल रही। इतना ही नहीं उनके ही विभाग में गड़बडिय़ों का जिक्र भी आए दिन सामने आता रहता है।


 

Seventeen Opposition parties demanding use of ballot papers in 2019 Loksabha elections

New Delhi: Seventeen Opposition parties, including the Trinamool Congress, are planning to approach the Election Commission, demanding that ballot papers be used to conduct the 2019 Lok Sabha election.

The 17 parties would meet next week to discuss the plan.

“This is a matter on which all Opposition parties agreed. We are planning to meet next week. We plan to go to Election Commission and demand that the EC conduct the coming Lok Sabha elections using ballot papers,” TMC leader Derek O’Brien told reporters.

The initiative to solicit the support of all Opposition parties on the matter was taken by TMC chief Mamata Banerjee on Wednesday, when she visited Parliament to meet Opposition leaders and invite them for her planned rally in Kolkata on 19 January.

Banerjee was heard appealing to opposition party leaders who visited her in the TMC office in Parliament, to send a joint delegation to the Election Commission over reports of EVM tampering and to demand that the 2019 general election be held on ballots.

“All opposition parties should go to EC on this matter. There should be a joint delegation of opposition parties to EC,” Banerjee was heard telling opposition party leaders, including from the Congress.

The TMC had staged protests outside Parliament, questioning the neutrality of electronic voting machines, and demanded that ballot papers be brought back for the 2019 Lok Sabha election. The ruling party in West Bengal said it is a “common programme” that will unite all opposition parties.

Interestingly, Banerjee had also urged the Shiv Sena, a BJP ally, to be a part of the delegation.

Sena chief Uddhav Thackeray previously demanded that the 2019 Lok Sabha election be conducted using ballot papers instead of EVMs.