Haryana Police gets FICCI award

Haryana Police has bagged maiden Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI) award in the category of ‘Standards and Guidelines for Training’ in recognition of best practices for Private Security Agencies Regulation Act (PSARA) enforcement in the country.

While stating this on Wednesday, Director General of Police (ADGP), BS Sandhu said that it is proud moment for the entire police force as it has got recognition at national level.

Haryana Police has bestowed with the honor under the classification of licenses issuance process, PSARA verification process and timelines for granting the licenses.

He said that the award was presented by Union minister for skill development and entrepreneurship, Dharmendra Pradhan in the Private Security Industry Conclave- 2018 recently held in Delhi.

On behalf of Haryana Police, additional DGP (law and order) Mohd Akil, who is also controlling authority for enforcement of PSARA, received the award from Union minister.

While appreciating ADGP Mohd Akil and his entire team for this remarkable achievement, the DGP said that FICCI has for first time instituted the PSARA Enforcement Awards for the State Controlling Authorities, with the objective to showcase the practises adopted by them for the proper enforcement and implementation of PSARA in the state.

Akil said that Haryana Police has framed guidelines for effective training of private security guards or security supervisors as per norms under the PSARA.

India and Myanmar jointly open the entery-exit gates giving a major boost to India’s ‘Act East Policy’


The move comes after India and Myanmar jointly carried out a routine survey


The landmark land border crossing agreement between India and Myanmar came into effect on Wednesday with the simultaneous opening of international entry-exit checkpoints between the two countries, giving a major boost to India’s ‘Act East Policy’.

“August 8 is an important date in the history of Myanmar. Today, it will also become an important date in the history of India-Myanmar bilateral relations. This morning, international entry-exit checkpoints have been opened simultaneously on the Tamu- Moreh Border between Manipur and Sagaing Division and the Rihkhawdar-Zokhawthar border between Mizoram and Chin State,” said Indian Ambassador to Myanmar Vikram Misri.

“People will now be able to cross the land border between India and Myanmar holding passports and visas and will be able to travel for tourism, business and education purposes. This will bring our two peoples and two countries closer together and connect our North-East much more strongly with Myanmar as well as the broader ASEAN region. This indeed is Act East (Policy) in action,” he added.

The move comes after India and Myanmar jointly carried out a routine survey following several media reports claiming that unrest erupted in some areas in Moreh sub-division of Manipur over the rumours of alleged shifting of an India-Myanmar border pillar into the Indian Territory.

During the survey, work on the construction of subsidiary pillars between already settled main boundary pillars 81 and 82 along the zero line was agreed and settled international boundary was also undertaken.

Only Indian residents(citzens) not NRIs can enjoy RTI : GOI

 

 

Non-Resident Indians cannot file Right to Information(RTI) applications to seek governance-related information from the Central government departments, the Lok Sabha was informed on Wednesday.

“Only citizens of India have the right to seek information under the provisions of Right to Information Act, 2005. Non-Resident Indians are not eligible to file RTI applications,” Minister of State for Personnel Jitendra Singh said in a written reply.

He said subject to the provisions of the Act, the citizens of India could file online application under the Right to Information Act, 2005.

“Currently, systems of 2,200 public authorities have been aligned to receive, process and reply to online RTIs from the applicants,” the Minister said.

Any applicant could visit the portal — www.rtionline.gov.in — and select the desired Ministry or department under the Central government and file an online RTI application. A detailed user manual and Frequently Asked Questions were available on the website to help in filing the application.

“Applicant can pay the requisite fee through online payment in this portal and submit the RTI application,” the Minister said.

काल्का शताब्दी हादसे में कट मरीं 20 गायें

नई दिल्ली:

दिल्ली में बुधवार शाम एक बेहद दर्दनाक हादसे में कालका शताब्दी एक्सप्रेस से कटकर 20 गाय की मौत हो गई| ये हादसा उस वक्त हुआ जब कालका शताब्दी होलंबी कलां स्टेशन से नरेला की ओर जा रही थी| इसी समय गायों का एक झुंड रेल ट्रेक पर आ गया|

रिपोर्ट के अनुसार ट्रेन ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन चूंकि ट्रेन अपनी फुल स्पीड में थी, इसलिए उसे इतनी जल्दी रोकना संभव नहीं था| फुल स्पीड में ही ट्रेन गायों के झुंड के ऊपर से गुजर गई| दुर्घटना के बाद रेलवे स्टाफ मौके पर पहुंचा और उन्होंने ट्रैक को साफ कराया| यह दुर्घटना शाम पौने छह बजे के आसपास हुई|

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नितिन चौधरी ने बताया कि ड्राइवर ने गायों को ट्रैक पर देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाई| इसके बावजूद चूंकि ट्रेन फुलस्पीड में थी, इसलिए गायों को बचाया नहीं जा सका| दुर्घटना का दृश्य इतना भयावह था कि इसे देख लोंगो दिल दहल गया|

‘स्टेच्यू आॅफ यूनिटी’ के लिये सरकारी कंपनियों की ओर से सामाजिक कार्पोरेट उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत धनराशि उपलब्ध कराना गलत : सीएजी

नयी दिल्ली :

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने गुजरात में नर्मदा के मुहाने पर स्थापित की जा रही सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 फुट ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू आॅफ यूनिटी’ के लिये सरकारी कंपनियों की ओर से सामाजिक कार्पोरेट उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत धनराशि उपलब्ध कराने को गलत बताया है तथा इसे निर्धारित प्रावधानों का उल्लंघन करार दिया है।

कैग की संसद में पेश एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में प्रतिमा और संबंधित स्थल का निर्माण करने के लिए पांच केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने 146.83 करोड़ रुपए की धन राशि सीएसआर के तहत उपलब्ध कराई है। इनमें से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम ने 50 करोड रुपए, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम निगम लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपए, भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपए, इंडियन आॅयल निगम लिमिटेड ने 21.83 करोड़ रुपए, और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपए की राशि दी है।

रिपोर्ट के अनुसार सभी कंपनियों ने इस सीएसआर राशि को ‘राष्ट्रीय ऐतिहासिक परिसंपत्तियों, कला तथा संस्कृति का संरक्षण’ के तहत दर्शाया है। कैग का कहना है कि इस परियोजना में कंपनियों के योगदान को कंपनी अधिनियम 2013 की सातवीं अनुसूची के अनुसार सीएसआर नहीं माना जा सकता क्योंकि यह ऐतिहासिक परिसंपत्ति नहीं है।

गुजरात सरकार ने सरदार पटेल की याद में प्रतिमा बनाने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट संगठन की स्थापना की है। इस संगठन ने ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ परियोजना की शुरुआत की। अक्टूबर 2018 तक पूर्ण होने के लक्ष्य के साथ 2989 करोड़ रुपए की इस परियोजना का ठेका अक्टूबर 2014 में लार्सन एंड टूब्रो को दिया गया।

चुनाव से 1 घंटा पहिले नितीश ने केजरीवाल से मांगा सहयोग


राज्य सभा में उप-सभापित पद के होने वाले चुनाव से कुछ घंटे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की देर रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात की और पार्टी उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह के लिए आम आदमी पार्टी का समर्थन मांगा।


नई दिल्ली: 

‘आप’ नेता एवं राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल को फोन किया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार के लिए ‘आप’ का समर्थन मांगा।

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ‘आप’ का समर्थन नहीं लेना चाहती हैं, तो ‘आप’ राज्य सभा में उप-सभापति पद के लिए होने वाले मतदान का बहिष्कार करेगी।

उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी को उनके उम्मीदवार के लिए हमारे समर्थन की जरुरत नहीं हो, तो आम आदमी पार्टी के पास मतदान का बहिष्कार करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सभा में उप-सभापति पद के लिए आज सुबह 11 बजे मतदान होगा और ‘आप’ ने राजग उम्मीदवार को वोट नहीं देने की घोषणा की है

सुधांशु जैन: और आशीष तिवाड़ी को जूस पीला कर अनशन तुड़वाया


केईडीएल कम्पनी और सरकार की मिलीभगत के कारण की जा रही गड़बड़ियों में सुधार किए जाने की मांग को लेकर बीते चार दिन से अनशन कर रहे कार्यकर्ताओं को भारत वाहिनी की युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु जैन और प्रदेश पदाधिकारी आशीष तिवाड़ी ने ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।


कोटा:

युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु जैन ने बताया कि कोटा शहर अध्यक्ष मनीष शर्मा और युवा वाहिनी अध्यक्ष अभिनव शर्मा दोनों पदाधिकारी पिछले 4 दिनों से केईडीएल कम्पनी और सरकार की मिलीभगत के कारण की जा रही गड़बड़ियों में सुधार किए जाने की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे। दोनों को ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।

वाहिनी के प्रदेश पदाधिकारी आशीष तिवाड़ी ने कहा कि इस सरकार में कोई भी सुनने वाला नहीं है। आदरणीय घनश्याम तिवारी अपने कार्यकर्ताओं की बहुत चिंता करते हैं। इसलिए उन्होंने आदेश दिया है कि अनशन को समाप्त करके जन-जन तक इस मुद्दे को लेकर जाएं।

चुनाव में ही जनता इस सरकार को जवाब देगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत वाहिनी पार्टी राजस्थान में ऊर्जा स्वाधीनता का कार्य करेगी, जिसमें किसानों और घरेलू बिजली को शुल्क मुक्त किया जाएगा।

युवा वाहिनी के प्रदेश संगठन महामंत्री अंकित शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार आजादी से पहले भगत सिंह, राजगुरु और अन्य क्रांतिकारियों ने जेल में अनशन किया था। आज वैसी ही तानाशाही सरकार, राजस्थान के अंदर बनी हुई है। इसके लिए 4 दिन से दो कार्यकर्ता अनशन पर बैठे लेकिन इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

इस दौरान युवा वाहिनी के प्रदेश प्रवक्ता कविराज सेठी, मनीष सिंघानिया, सुनीश शशि, अजय भट्ट और वाहिद मुलतानी समेत अनेक कार्यकर्ता अनशन स्थल पर मौजूद थे।

घनश्याम तिवाडी को लेकर बीजेपी प्रदेश में पैदा कर रही है भ्रम की स्थिति

जयपुर। भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बुद्धि प्रकाश बैरवा ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काले कारनामे से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़ने से न केवल विधानसभा चुनाव बल्कि लोकसभा चुनाव में भी हार सुनिश्चित है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि वसुंधरा राजे केंद्रीय नेतृत्व के पुराने काले कारनामे उजागर कर सकती है, इसी कारण वो वसुंधरा राजे पर कार्यवाही करने से डर रहे हैं।

डॉ बुद्धि प्रकाश बैरवा ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी भाजपा से त्यागपत्र दे चुके हैं और भाजपा आलाकमान के पास राजस्थान में वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर घनश्याम तिवाड़ी के अलावा कोई नेता नहीं है। अत: केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि राजपूत-एससी समाज की नाराजगी के बाद कहीं ब्राह्मण समाज भी पार्टी से नाराज हो जाए ओर पार्टी का मूल वोट बैंक खिसक जाये।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ बैरवा ने कहा कि प्रदेश की जनता में भाजपा भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है कि घनश्याम तिवाड़ी अब भी भाजपा में ही हैं। जबकि उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि नई पार्टी बनाकर उसकी सदस्यता ग्रहण करते ही पुरानी पार्टी की सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती है। आम जनता भाजपा के ये नापाक मंसूबे जान चुकी है और अब भारत वाहिनी पार्टी व घनश्याम तिवाड़ी को समर्थन देने का मन बना लिया है।

चालक ही नहीं सवार भी होगा मुआवजे का हकदार, दिलाये 17 लाख : कलकत्ता हाइ कोर्ट

मोटर साइकिल के पीछे बैठने वाले यात्री की दुर्घटना में मौत होने पर मुआवजा नहीं मिलेगा। बीमा कंपनी के इस दावे को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायधीश दीपंकर दत्त और प्रतीक प्रकाश बंदोपाध्याय की खंडपीठ ने खारिज करते हुए कहा कि यह तर्क मानने पर थर्ड पार्टी इंशोरेंस व्यवस्था को ही नकारा जाएगा। उस यात्री को किसी भी हालत में बीमा कंपनी की ओर से दिए गए तर्क बगैर पैसे के यात्री मानने से अदालत ने इंकार कर दिया। इस मामले में एतिहासिक फैसला सुनाते हुए अदालत ने यात्री की मौत के लिए और 17 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का निर्देश दिया।

मालूम हो कि मोटरसाइकिल सवार के दुर्घटनाग्रस्त होने और इस दौरान लोगों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे माहौल में अदालत का फैसला अभूतपूर्व माना जा रहा है। 01 अक्टूबर 2006 को 24 वर्षीय कुमार संभव बसु हुगली जिले के शेवड़ाफुली के जीटी रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। एक टाटा 407 ने उनकी मोटर साइकिल को धक्का मार दिया था। श्रीरामपुर के वाल्स अस्पताल में उसे मृत घोषित किया गया। मृतक की मां उमा और पिता सुमन बसु ने मोटर व्हीकल्स क्लेमस ट्राइब्यूनल में कम से कम 15 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति का दावा किया था। लेकिन ट्राइब्यूनल की ओर से सात लाख रुपए से कुछ ज्यादा रकम मंजूर की गई। लेकिन ट्राइब्यूनल और बीमा कंपनी ने अलग-अलग कारणों से इसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया।

अदालत में कहा गया कि मरने वाले की मासिक आय 15 हजार रुपए होने पर भी बीमा संस्था के मुताबिक ट्राइब्यूनल ने उसे आठ हजार रुपए माना है। मरने के भविष्य के बारे में किसी तरह का मुल्यांकन नहीं किया गया। तय रकम पर ब्याज नहीं जोड़ा गया। परिवार की ओर से चालक पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया था। लेकिन बीमा संस्था का कहना था कि अभियुक्त की गाड़ी का सही परमिट नहीं था, चालक का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, मरने वाले का वेतन कम था, यहां तक कि मरने वाला युवक मोटरसाइकिल का बिना पैसे का यात्री था।

हालांकि अदालत की ओर से सारे दावे खारिज करते हुए कहा गया कि कहीं भी यह साबित नहीं हुआ है कि मोटरसाइकिल सवार युवक जबरन मोटर साइकिल पर सवार हुआ था या मोटरसाइकिल चालक से जबरन सुविधा हासिल की थी। थर्ड पार्टी इंशोरेंस के मुताबिक पिलियन राइडर्स को किसी भी तरह बिना पैसे का यात्री नहीं माना जा सकता है। इसलिए अदालत की ओर से मृतक के परिवार वालों को 24 लाख 74 हजार 289 रुपए क्षतिपूर्ति के तहत देने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही अदालत की ओर से कहा गया कि पहले जितने रुपए युवक के परिवार वालों को मिल चुके हैं, उसे घटा कर बाकी 17 लाख 66 हजार 289 रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके साथ ही 15 फरवरी 2007 से बकाया और प्रदान की गई रकम पर 7.5 फीसद की दर से ब्याज भी प्रदान किया जाए।

देश में बुनियादी शिक्षा केवल भारतीय भाषाओं में ही दी जानी चाहिए: उपराष्‍ट्रपति एम• वेंकैया नायडू

 

उपराष्‍ट्रपति एम• वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश में बुनियादी शिक्षा केवल भारतीय भाषाओं में ही दी जानी चाहिए। श्री नायडू मंगलवार 07 अगस्त 2018 को ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के राज्‍यपाल कप्‍तान सिंह सोलंकी, दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय की कार्यवाहक मुख्‍य न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति गीता मित्‍तल तथा अन्‍य गणमान्‍य लोग भी उपस्थित थे।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्‍य सिर्फ बच्‍चों में कौशल विकास और ज्ञान बढ़ाकर उन्‍हें वर्तमान और भविष्‍य की चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम बनाना ही नहीं होना चाहिए बल्‍कि इसके जरिए उनमें मानवीय मूल्‍य, सहनशीलता, नैतिकता और सद्भावना जैसे गुणों का समावेश भी किया जाना चाहिए।

लोगों के जीवन में शिक्षा के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसके जरिए लोगों की प्रतिभाओं को उजागर कर उनके समग्र व्‍यक्तित्‍व का विकास किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि‍ दृढ़ नैतिक मूल्‍यों वाला व्‍यक्ति कभी भी अपनी सत्‍यनिष्‍ठा के साथ समझौता नहीं करेगा। शिक्षा वह मजबूत आधार है जिसपर किसी भी देश और उसके जनता की प्रगति निर्भर करती है।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि शिक्षा प्रणाली के जरिए सिर्फ उत्‍कृष्‍टता के नए मनादंड ही नहीं तय किए जाने चाहिए बल्कि दूसरों के प्रति सद्भाव और साझेदारी का दृष्टिकोण भी विकसित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि‍ शिक्षा एक व्‍यापक सोच का सृजन करती है और प्रकृति के साथ चलने की जरुरत पर बल देती है। उन्‍होंने कहा कि‍ आज के भौतिकतावादी और वैश्‍वीकरण के दौर में ‘हमें ऐसी ही शिक्षा की आवश्‍यकता है’।

श्री नायडू ने कहा कि समय आ गया है कि भारत एक बार फिर से अपनी क्षमताओं को पहचान कर दुनिया में ज्ञान और नवाचार का बड़ा केन्‍द्र बनकर उभरे। उन्‍होंने कहा कि‍ शिक्षा प्रणाली में व्‍यापक सुधार कर ‘हमें अकादमिक उत्‍कृष्‍टता के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना होगा’।

‘2022 एजेंडे’ के अनुसार भारत वर्ष 2022 से पहले भी स्वच्छ ऊर्जा के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है: राजकुमार सिंह

भारत सरकार के विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज कुमार सिंह ने कहा कि भारत के सतत विकास के लिए उद्योग जगत और सरकार को निश्चित रूप से आपस में भागीदारी करनी चाहिए। राज कुमार सिंह नीति आयोग, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा 8 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित सरकार-उद्योग जगत साझेदारी सम्मेलन के दौरान सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर नीति आयोग और सीआईआई की साझेदारी के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए तीन चीजों की सबसे अधिक अहमियत है, जिनमें ऊर्जा, जल और पुनरुत्पादक (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था/हरित उद्योग शामिल हैं। ‘2022 एजेंडे’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि भारत वर्ष 2022 से पहले भी स्वच्छ ऊर्जा के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे पर्यावरण के प्रति सजग एवं जवाबदेह बनें।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में ऐसे समय में भारत में तेज गति से हो रहे शहरीकरण पर प्रकाश डाला, जब कई देश जैसे कि अमेरिका और यूरोप पहले ही इस प्रक्रिया से लगभग पूरी तरह गुजर चुके है। अमिताभ कांत ने देश की आबादी का उल्लेख करते हुए कहा कि सतत रूप से विकास करने का एकमात्र तरीका यही है कि प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग किया जाए। इसके तहत नवीन एवं नवीनकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइड्रोजन कारों, इत्यादि की मांग बढ़ाने के लिए नवाचार करने और विश्व भर के लोगों के लिए विभिन्न समस्याओँ का स्थानीय समाधान ढूंढ़ने पर विशेष जोर दिया गया।

इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक यूरी अफानासीव ने कहा कि भारत की प्रकृति, इतिहास एवं आबादी के स्वरूप को देखते हुए यहां की परिस्थितियां टिकाऊ एवं पुनरुत्पादक अर्थव्यवस्था के लिए ऐसे ठोस समाधान ढूंढ़ने की दृष्टि से अनुकूल हैं जिनकी पुनरावृत्ति पूरी दुनिया कर सकती है।

सीआईआई के अध्यक्ष एवं भारती एंटरप्राइजेज लिमिटेड के उपाध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सीआईआई 2018-19 की वर्तमान थीम ‘भारत का अभ्युदयः उत्तरदायी, समावेशी, सतत’ वास्तव में सतत विकास एजेंडे के अनुरूप है।

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चन्द्रजीत बनर्जी ने कहा कि सीआईआई के 9 उत्कृष्ट केन्द्र काफी हद तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप हैं।

सीआईआई और नीति आयोग ने आपस में तीन वर्षों के लिए साझेदारी की है और इस संबंध में एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इस साझेदारी के तहत विशिष्ट गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है जिनका उद्देश्य इन्हें विकसित करना है-

1. एसडीजी में योगदान हेतु कारोबारियों और उद्योगों के लिए विजन एवं कार्यकलाप एजेंडा

2. वार्षिक स्थिति रिपोर्ट

3. क्षेत्र विशिष्ट सर्वोत्तम प्रथाओं से जुड़े दस्तावेज।

इस अवसर पर नीति आयोग के सलाहकार डॉ• अशोक कुमार जैन ने इस साझेदारी के बारे में विस्तार से बताया और अभिनव पहलों के लिए सीआईआई की सराहना की।

सीआईआई ने ‘एसडीजी की प्राप्ति हेतु पूरी दुनिया के लिए भारतीय समाधान’ नामक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में प्रत्येक एसडीजी और कारोबारी निहितार्थों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए यह बताया गया है कि किस तरह से कंपनियों ने अपनी कारोबारी रणनीति में एसडीजी से जुड़ी रूपरेखा को शामिल किया है और इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कंपनियों ने किस तरह से ठोस प्रयास किए हैं।

सम्मेलन में अनेक प्रतिष्ठित प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, नवीन एवं नवीनकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं गुजरात जैसे अनेक राज्यों के सरकारी प्रतिनिधि शामिल हैं।