पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
विक्रमी संवत्ः 2081, शक संवत्ः 1946, मासः ज्येष्ठ पक्षः शुक्ल, तिथिः नवमी रात्रि काल 02.33 तक है, वारः शनिवार, नक्षत्रः उत्तराफाल्गुनी (की वृद्धि है जो कि शनिवार को ) प्रातः काल 08.14 तक है, योगः व्यातिपात रात्रि काल 08.10 तक है। करणः बालव, सूर्य राशिः मिथुन, चन्द्र राशिः कन्या, राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.17 बजे।
नोटः आप पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/11/shanivar-Ka-Panchang-1.jpg903720adminhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngadmin2024-06-15 01:20:022024-06-15 01:26:12पंचांग, 15 जून 2024
भगवान विष्णु की करें आराधना मिलेगी सुख-स्मृद्धि, धन-संपदा में होगी वृद्धिः पंडित जोशी
इस निर्जला एकादशी पर बन रहे काफी शुभ योग
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 14 जून :
निर्जला एकादशी व्रत मंगलवार 18 जून को मनाया जाएगा। सभी एकादशियों में से निर्जला एकादशी काफी खास होने के साथ सबसे कठोर मानी जाती है, क्योंकि इस दिन अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार 18 जून मंगलवार को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी और बड़ी ग्यारस जैसे नामों से भी जाना जाता है। ये जानकारी सनातन धर्म प्रचारक प्रसिद्ध विद्वान ब्रह्मऋषि पंडित पूरन चंद्र जोशी श्री मुक्तसर साहिब वालों ने निर्जला एकादशी व्रत पर प्रकाश डालते हुए दी।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से हर तरह के दुखों से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंडित जोशी के अनुसार इस साल निर्जला एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। अगर आप भी इस बार निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो इन नियमों का जरूर ध्यान रखें। इस साल निर्जला एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं।
शिव योग
ये योग दिन भर रहकर रात 9ः39 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा। इसके साथ ही दोपहर में 3ः56 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5ः 24 मिनट तक त्रिपुष्कर योग है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून सोमवार को सुबह 04ः42 मिनट से आरंभ हो रही है,जो 18 जून मंगववार को सुबह 06ः23 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर निर्जला एकादशी व्रत 18 जून मंगलवार को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन गोदान, जल दान, छाता दान के साथ-साथ जूता आदि का दान देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आप चाहे, तो अपनी योग्यता के अनुसार कुछ चीजों का दान कर सकते हैं।
पीपल को चढ़ाएं जल
पं. जोशी अनुसार निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने के साथ-साथ जल जरूर अर्पित करें। निर्जला एकादशी के दिन पूजन करने के साथ-साथ एकादशी व्रत कथा अवश्य सुननी या फिर पढ़नी चाहिए। इससे आपकी पूजा पूर्ण होती है। इस दिन साधक निर्जला व्रत रखकर किसी को पानी पीने का घड़ा दान करता है, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन पौधे लगाना शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन पीपल, बरगद, नीम आदि के पेड़ अवश्य लगाएं।निर्जला एकादशी के दिन चावल का सेवन करना लाभकारी माना जाता है। निर्जला एकादशी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
मान्यता है कि इस दिन नमक खाने से एकादशी व्रत और गुरुवार के फल नष्ट हो जाते हैं। इस दिन तुलसी को न स्पर्श करना चाहिए और न ही उसमें जल चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस दिन मां तुलसी व्रत रखती हैं। इस दिन तामसिक और मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इस दिन बेड, पलंग आदि में सोने के बजाय जमीन में सोना चाहिए। इस दिन झाड़ू पोछा करने की मनाही है, क्योंकि इससे चींटी सहित कई सूक्ष्म जीवों की हत्या का दोष लग जाता है। एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/06/IMG-20240614-WA0023.jpg891632adminhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngadmin2024-06-14 14:48:452024-06-14 15:12:08निर्जला एकादशी व्रत 18 को
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज रम्भा तृतीया व्रत है। रंभा तृतीया व्रत ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को किया जाता है।इस दिन विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र, बुद्धिमान संतान पाने के लिए यह व्रत रखती है। कुंआरी कन्याएं यह व्रत अच्छे वर की कामना से करती हैं। वर्ष 2024 में यह व्रत 08 जून 2024, शनिवार को मनाया जा रहा है।
रंभा तृतीया की कहानी इस प्रकार है, एक समय की बात है जब एक नगर में एक खुशहाल ब्राह्मण जोड़ा रहता था वे दोनों पति-पत्नी साथ में देवी लक्ष्मी जी की पूजा किया करते थे उनका दांपत्य जीवन बेहद हंसी-खुशी से बीत रहा था, लेकिन एक दिन अचानक उस महिला के पति को किसी कार्य हेतु गांव के बाहर जाना पड़ा पति के घर छोड़ देने के बाद पत्नी बेहद ही निराशा और तनावग्रस्त रहने लगी एक रात जब वह सो रही थी तो उसे स्वप्न आया कि उसके पति के साथ एक दुर्घटना हो गई है तभी वह विलाप करने लगी यह सब देखकर मां लक्ष्मी खुद को रोक न पाई और एक बूढी औरत का वेश धारण करके उसे महिला के पास पहुंची तभी देवी लक्ष्मी उसे महिला से उसका हाल पूछती है और महिला अपनी सारी व्यथा मां लक्ष्मी को बताती हैं यह सब सुनने के बाद वह बूढी औरत यानी की मां लक्ष्मी महिला से रंभा तृतीया के दिन व्रत करने की बात कहती है वह महिला दूसरों की कही गई बातों के अनुसार रंभा तृतीया के दिन व्रत रहने लगे और व्रत के फल स्वरुप कुछ समय पश्चात ही महिला का पति सकुशल घर भी लौट आया ।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः ज्येष्ठ
पक्षः शुक्ल
, तिथिः द्वितीया अपराहन् काल 03.56 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आर्द्रा सांयः काल 07.43 तक है,
योगः अतिगण्ड़ सांय काल 06.57 है,
करणः कौलव
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.14 बजे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/shanidev-1642147722.jpg225400adminhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngadmin2024-06-08 01:28:362024-06-15 01:23:57पंचांग, 08 जून 2024
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 06 जून 2024
06 जून :
प्रभावशाली लोगों का सहयोग आपके उत्साह को दोगुना कर देगा। आज आपको पैसों से जुड़ी कोई समस्या आ सकती है जिसे सुलझाने के लिए आप अपने पिता या पितातुल्य किसी आदमी से सलाह ले सकते हैं। पुरखों की जायदाद की ख़बर पूरे परिवार के लिए ख़ुशी ला सकती है। मुमकिन है कि आपके आँसुओं को पोंछने के लिए कोई ख़ास दोस्त आगे आए। किसी के साथ नयी परियोजना या भागीदारी वाले व्यवसाय को शुरू करने से बचें। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद भी आज आप अपने लिए समय निकालपाने में सक्षम होंगे। खाली वक्त में आज कुछ रचनात्मक कर सकते हैं। अगर आप कोशिश करें तो आप अपने जीवनसाथी के साथ अपने जीवन का सबसे अच्छा दिन आज गुज़ार सकते हैं।
अपनीव्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्या से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
06 जून :
धार्मिक भावनाओं के चलते आप किसी तीर्थस्थल की यात्रा करेंगे और किसी संत से कुछ दैवीय ज्ञान प्राप्त करेंगे। यात्रा आपको थकान और तनाव देगी- लेकिन आर्थिक तौर पर फ़ायदेमंद साबित होगी। बढ़िया दिन है जब आप सबके ध्यान को अपनी तरफ़ खींचेंगे- आपके सामने चुनने के लिए कई चीज़ें होंगी और आपके सामने समस्या यह होगी कि किसे पहले चुना जाए। आज आप अपने प्रिय से अपने जज़्बात का इज़हार करने में मुश्किल महसूस करेंगे। योग्य कर्मियों को पदोन्नति या आर्थिक मुनाफ़ा हो सकता है। आज आपको अपनेे ससुराल पक्ष से कोई बुरी खबर मिल सकती है जिसके कारण आपका मन दुखी हो सकता है और आप काफी समय सोच विचार करने में गंवा सकते हैं। रिश्तेदारों का दख़ल शादीशुदा ज़िन्दगी में परेशानी पैदा कर सकता है।
अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्या से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327