निजामुद्दीन मरकज व तब्लीकी जमात पर लगे पूर्ण प्रतिबन्ध : डॉ सुरेन्द्र जैन

विहिप के संयुक्त महा सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है। संपूर्ण देश तब्लीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित व खिन्न है। ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है.

दिनेश पाठक,अप्रेल 05, 2020 – जयपुर

    तबलीगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज की देश व्यापी करतूतों के कारण सम्पूर्ण भारत आज गम्भीर संकट में है. विश्व हिन्दू परिषद् ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महा-सचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तब्लीकी जमात के आर्थिक श्रोतों का पता लगाकर उसके बेंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलम्ब विराम लगाया जाए.  

     उन्होंने कहा कि 8 दिन के लाकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था। कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गई थी। तभी 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में एक भयंकर विस्फोट हुआ। वहां से 2300 से अधिक तब्लीगियों को निकाला गया जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा। 9 हजार से अधिक तबलीगी  पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं। 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02% हो गई। सारा देश सकते में आ गया। मस्जिदों मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धरपकड़ होने लगी। इनके कारण सामुदायिक संक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई। 14-15 मार्च को मुंबई में 2 से 3 लाख तबलीगीयों का इज्तेमा होना वाला था। विहिप के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया। अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर आने वाले महाराष्ट्र के साथव उसके साथ देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

     डॉ जैन ने कहा कि अपने इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जगह इन संक्रमित मौलवियों को छुपाने के लिए पुलिस-कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को देश की पचासियों बस्तियों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इनकी ही जान बचाने गए डॉक्टरों पर हमले किए गए। क्वॉरेंटाइन किए गए तब्लीगी नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने लगे और डॉक्टरों पर थूकने लगे। नरेला के क्वॉरेंटाइन सेंटर में तो सेना के चिकित्सकों और सैनिकों को ही बुलाना पड़ा।  केवल निजामुद्दीन में ही नहीं, देश भर में मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने वाले भाषण भी दिए। बंगाल के एक मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने तो नमाजियों को भड़काते हुए यहां तक कह दिया कि अल्लाह ऐसा वायरस भेजें जिससे 50 करोड़ हिंदू खत्म हो जाए। 

     विहिप के संयुक्त महा सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है। संपूर्ण देश तब्लीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित व खिन्न है। ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है.  

     1926 में निजामुद्दीन से प्रारंभ तबलीग, हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण की सफलता से उत्साहित होकर आज विश्व के 80 से अधिक देशों में कम से कम 8 करोड़ लोगों को अपनी कुत्सित मानसिकता से संक्रमित कर चुका है। आज इसके निजामुद्दीन मुख्यालय से प्रशिक्षित होकर लाखों तबलीगी संपूर्ण विश्व में कट्टरता व आतंक फैला रहे हैं। विश्व के अधिकांश आतंकी संगठनों को प्रारंभ करने वाले भी तबलीग से जुड़े रहे हैं। अमेरिकी ट्रेड सेंटर के हत्यारों से लेकर गोधरा में 59 हिंदुओं को जिंदा जलाने वालों तक के सम्बन्ध मरकज से रहे हैं।

विहिप की मांग है कि:

  1. भारत में तब्लीगियों और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
  2. निजामुद्दीन मरकज के भवन और इससे जुड़े बैंक खातों को अविलंब सील किया जाए।
  3. इन के आर्थिक स्रोतों का पता लगाकर इन को बंद कर देना चाहिए।
  4. इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की सूची विदेश व गृह मंत्रालय को देकर क्या मरकज ने इसकी स्वीकृति ली थी ?
  5. टूरिस्ट वीजा पर जेहादी प्रशिक्षण व कट्टर इस्लाम का प्रचार करने वाले मौलवीयों पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई ? संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए।

विपक्षी नेताओं से मोदी की वार्ता देती है बड़े कदम के संकेत

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनावायरस से देश में बढ़ते संकट के बीच न केवल अभी तक देशवासियों को कई बार संबोधित कर चुके हैं बल्कि वह समय समय पर देशवासियों, कोरोना पीड़ित मरीज जो ठीक हो कर घर पहुंच चुके हैं उनके साथ-साथ देश के खिलाड़ियों से भी बात की. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति सहित विपक्ष के नेताओं से भी बात की है.

नई दिल्ली. 

कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण देश भर में लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इसे रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) लगातार प्रभावी कदम उठा रहे हैं. वहीं खबर है कि कोरोना वायरस (Covid-19) के खिलाफ लड़ाई में पीएम मोदी कोई बड़ा उठा सकते हैं. दरअसल सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की है. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं से भी बात की, जिसमें सोनिया गांधी से लेकर ममता बनर्जी तक शामिल हैं. बताया कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे हैं.

कई बड़े नेताओं से की बात

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से बातचीत की, जो किसी जमाने में कांग्रेस के संकटमोचक माने जाते थे. इसके अलावा उन्होंने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह को भी कॉल किया. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी बातचीत की. इस सिलसिले में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बातचीत की. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बीजू जनता दल सुप्रीमो और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, डीएमके चीफ एमके स्टालिन और तेलंगाना के सीएम केसीआर से भी फोन पर बात की. उन्होंने अकाली दल के सीनियर नेता प्रकाश सिंह बादल को भी फोन मिलाया.

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने इस गंभीर मसले पर बाकी नेताओं की राय ली और आगे के कदमों के लिए सहयोग मांगा.

बता दें कि पिछले महीने पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था. लेकिन सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया था कि बिना तैयारी के लॉकडाउन को लागू कराया गया है. हालांकि पीएम मोदी और बीजेपी के सारे नेता कह रहे हैं कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उनके पास कोई चारा नहीं था. पीएम मोदी कई बार ये दोहरा चुके हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग ही इस वायरस से बचने का सबसे कारगर तरीका है.

पीएम मोदी ने इससे पहले गुरुवार को देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की थी. उस दौरान उन्होंने लॉकडाउन खत्म होने की सूरत में उन सभी से आगे लोगों को सड़कों पर निकलने से रोकने के लिए रोडमैप मांगा था.

खिलाड़ियों से भी की थी बात

पिछले दिनों शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए पांच एस यानी संकल्प, संयम, सकारात्मकता, सम्मान और सहयोग का मंत्र दिया था. पीएम मोदी के साथ इस वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की सूची में कई प्रमुख क्रिकेटर शामिल हैं. इनमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और विराट कोहली के अलावा विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान, युवराज सिंह और केएल राहुल का नाम भी है.

Thanks to Lockdown, view of Dhouladhaar from Jallandhar amazing

Jallandhar:

With the novel coronavirus outbreak, our lives have changed drastically and so has the global environment. While humans are staying inside their homes, because of the prolonged lockdowns, wildlife is taking over the streets and the air is finally clear. Proofs of this changed scenario have been going viral on the internet.

And something similar took place in the city of Jalandhar, Punjab and it was extremely astounding. Indian Forest Service (IFS) Officer Parveen Kaswan took to Twitter on Friday to share a picture from Jalandhar. Because of the clean air and no pollution, the people in the city witnessed Himachal Pradesh’s Dhauladhar range for the first time ever.

He tweeted the image with the caption, “When people of #Jalandhar saw #Dhauladhar range first time ever. Dhualdhar’s mountain ranges lies at a distance of 213 km from Jalandhar. This is how pollution made us blind.”

According to Kaswan, this was the first time that the city saw the ranges, which lies at a distance of 213 km from the city.

Cricketer Harbhajan Singh also tweeted a picture of the view from his house. Take a look:

After Kaswan shared the tweet, it quickly went viral and managed to garner around 1.3k likes and many retweets. Users took to the comments section to show their excitement and thank the lockdown for this incredible view. Few others shared the pictures they clicked of the ranges.

One person wrote, “I live in jalandhar and the view was really very beautiful. First time we have seen this wonderful view here. Everyone was excited by seeing this.”

लॉकडाउन के दौरान फीस नहीं मांग सकेंगे हरियाणा के स्कूल

चंडीगढ़, 3 अप्रैल:

हरियाणा सरकार ने राज्य में स्थित सभी निजी विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान हालातों में लोकडाऊन होने के कारण विद्यार्थियों के अभिभावकों से फीस जमा करवाने के लिए दबाव न बनाए, स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने की कार्यवाही की जाए। ऐसे में अब सभी प्रकार की फीस जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित निजी विद्यालयों को राज्य सरकार के निर्देशों से अवगत करवाएं। उन्होंने बताया कि निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व बचाव के दृष्टिïगत प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को आगामी आदेशों तक बंद किया गया है। निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों के अभिभावकों को तत्काल शुल्क जमा करवाने हेतु दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील पर पूरे देश में लोडाऊन किया गया है, ऐसी स्थिति में फीस जमा करवाने के लिए दबाव बनाया जाना अनुचित है। अब राज्य सरकार ने सभी प्रकार की फीस जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। स्थिति के सामान्य होने और विद्यालयों के खुलने के पश्चात ही शुल्क लेने की कोई कार्यवाही की जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने उक्त सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सरकार के उक्त आदेशों की दृढ़ता से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

A Narrow Escape at Maharashtra as 45,000 Ddelegates Were to Attend the Meet in Vasai

“It was a team effort, and we could avert a possible calamity. The police, and district administration was alert. It could have gone very wrong had this event taken place,” said Mr. Deshmukh.

Mumbai:

Maharashtra narrowly escaped a super-speader event like the mid-March Tablighi Jamaat event in Delhi’s Nizamuddin area. A much bigger Tablighi Ijtema (congregation), with an estimated attendance of around 45,000 delegates, was to be organised in Vasai, neighbouring Mumbai, on March 14 and 15.

However, the Home Department moved swiftly in the first week of March and convinced the organisers to call off the event. Confirming this, Home Minister Anil Deshmukh, while talking to pressmen, explained how the government realised the inherent danger of such a huge gathering well in time and negotiated with the organisers to cancel the programme.

“The State government was alert to the spread of novel coronavirus in Maharashtra, and we were keeping a close watch on the havoc created by it in the world outside. When we realised that a gathering of over 45,000 people at one place for two days could be a great health risk, not only to them but to others, we decided to take firm action,” Mr. Deshmukh said.

“When Maharashtra Police can cancel the permission, why couldn’t the Delhi Police?” he asked, referring to the Tablighi Jamaat in Delhi, now being seen as one of the hotspots for the spread of the virus. Mr. Deshmukh said the event should not have taken place.

On January 22, one Abdulkayyum Abdulahad Azmi, representing Shamim Education and Welfare Society, applied to the Manikpur police station in Palghar district for permission to hold the Tablighi Ijtema on March 14 and 15.

The local police station, while granting the permission February 5, asked organisers to follow all relevant rules and regulations vis-à-vis noise pollution, traffic, fire fighting equipment, and keeping ambulance on standby.

“The State government had begun preparations to counter corona from the first week of March itself. This event was brought to our notice then,” said the Minister.

On March 6, Manikpur police station cancelled permission for the Ijtema, clearly specifying that the sole reason for cancellation was the spread of coronavirus. “You have informed us in writing that the Ijtema will be attended by over 40,000 to 45,000 people. Such a huge gathering may lead to the spread of coronavirus,” the police said.

Mr. Deshmukh said the organisers initially protested and wanted us to give permission for the event. “They even came to my office to meet me and seek permission. But we were firm that no such event would be permitted,” he said.

“It was a team effort, and we could avert a possible calamity. The police, and district administration was alert. It could have gone very wrong had this event taken place,” said Mr. Deshmukh.

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Media Bulletin on COVID – Haryana

World Health Organization (WHO) has recently declared the Novel Corona virus, COVID-19 as Pandemic. Till now it has affected 206 countries, infecting 8,96,450 people and caused 45,526 deaths. Most severely affected countries are the U.S.A, China, Italy, Iran, South Korea, Spain, Germany and U.K. Till date in India, it has infected 2300 people including 56 deaths.
In order to contain the spread of the virus, Haryana Government has strengthened the surveillance and control measures against the disease.

The Detailed Status of Surveillance Activity for COVID-19 as on 03rd April, 2020 is given below:

 No. of Passengers returned from foreign countries till date 16679
No. of Person in contact with COVID 19 Positive cases 427
Cumulative number of passengers/ persons put on surveillance till date 17106
Total number of passengers/ persons who have completed surveillance period 1039
Total no. of passengers/persons who are currently under surveillance 16067
Total Number of Samples Sent 1325*
Total Number of Samples found Negative 938
Total number of samples found positive 44*
Total active COVID-19 patients 30
Total Number of Samples – Result Awaited 343
Total number of passengers/persons currently hospitalized 383
Total positive COVID-19 patients discharged till date 14
  • Two samples taken at Delhi.
    • Till date 44 confirmed cases of COVID-19 has been reported.
    • One case belongs to Punjab which is reported in Ambala.
    • Three cases belong to Kerala which are reported in Nuh.
    • 15 in Gurugram, 6 in Faridabad, 4 in Panipat, 4 in Palwal, 3 in Sirsa, 3 in Ambala, 3 in Nuh, 2 in Panchkula, and 1 each in Hisar, Sonepat, Karnal & Rohtak. Out of which 9 patients of Gurugram, 2 patients from Panipat and 1 patient each from Faridabad and Palwal and Sonepat are discharged.
    • One death of COVID patient from Ambala at PGI Hospital Chandigarh.

Major Activities undertaken by the State of Haryana to control the spread of COVID-19


• State Helpline no. 8558893911(Panchkula, and Faridabad district), 1075 (other districts) and 108
(Ambulance services) launched which are available for 24*7 days.
• The State Government notified ‘The Haryana Government Epidemic, COVID-19 Regulations,
2020’ under the Epidemic Disease Act 1897 on 11th March 2020.
• MHA GoI has issued orders vide no.: 40-3/2020-DM-I(A) dated: 24.03.2020 to take lockdown
measures to prevent the spread of COVID 19 in the country.
• Two labs, one each at PGIMS, Rohtak and BPS Khanpur Kalan, are already functional for
testing of COVID-19. Five private labs at Gurugram (Modern Diagnostics and Research Lab,
MolQ Lab , SRL, CORE and Strand life Sciences) approved by ICMR for COVID-19 testing.
Establishment of five more Government Labs in District Nuh, Hisar, Karnal, Rohtak and
Panchkula is in process.
• 6 Government/ Aided Medical Colleges namely PGIMS, Rohtak, BPSGMC, Khanpur Kalan,
Sonepat, SHKMGMC, Nalhar, Nuh, KCGMC, Karnal, MAMC, Agroha and 27 Hospitals will
have dedicated exclusive wards/blocks for COVID-19 patients only. ESIC Medical College,
Faridabad is under process for COVID-19 hospital.
• All Government/ Government aided/ Private Medical Colleges in the State have been asked to
reserve at least 25% of the beds.
• Isolation wards and Quarantine facilities are established as given below:
✓ 7344 Isolation beds identified in 373 government and private facilities.
✓ 13,324 Persons Quarantine facility identified in 3389 rooms/dormitories.
• Order issued under Food and Safety Act, 2006 regarding ban on consumption/ sale of Pan
Masala, Gutka, Chewing-Bubble gum etc..
• Instructions issued regarding ban on smoking in public places and ban on consumption of Khaini
etc. at pubic place.
• Advisories issued:
✓ For identification of isolation, quarantine and ventilator facilities.
✓ For Sample collection and patient management, infection prevention, dead body
management.
✓ For Social distancing like to stay at home for children <10 years of age and Senior
Citizens.
✓ For disinfection of offices and work from home for employees.
✓ Elective surgeries including dental procedures postponed
✓ OPD of Dermatology (Skin) Eye, Orthopedics, Surgery, Physiotherapy, Psychiatry and
Dental etc. have been suspended.
• 162 Inter-state border nakas have been placed on inter-state borders to prevent cross border
movement of people.
• DSP Rank officers have been deputed at 15 important inter-state entry points on National/State
Highways in the State from 8:00 AM to 10:00 PM everyday till further orders to sort out various
issues if they so arise regarding lockdown.
• Police Control Rooms in every district is also supporting the fight against COVID.
• Several needy persons who were facing difficulties in reaching the hospitals for treatment were
also got transported by the Police Department to various hospitals in the State and also AIIMS
New Delhi in Police Vehicles to assist them.
• Daily wage earners who are stuck in various parts of the State are being facilitated by police
taking them to shelter homes and providing them with food and other essential items required fortheir daily living.
• Total 4539 no. of violations of lockdown/Curfew have taken place. 948 no. of FIRs have been registered against such violators, 1374 people have been arrested, 5401 vehicles have been seized and a fine of Rs. 6.3 Cr. has been imposed upon them under the M.V. Act.
• Haryana COVID Relief Fund has been set up for providing assistance to all those who are economically affected by the present situation. The fund has invited contributions from all those who are capable of supporting those economically affected.
• All BPL families are being provided their monthly rations for the month of April free of cost. This will include rice or wheat as per their entitlement, mustard oil and 1 kg sugar.
• Financial packages have been given to MMPSY beneficiaries, BPL families, construction workers etc.
• In view of MHA order no. 40-3/2020-DM-I(A) dated 29.03.2020. Adequate arrangements of temporary shelters and provision of foods etc. for the poor and needy people are made. Free food packets are being served.
• The migrant people, who have moved out to reach their home States/ home towns are being kept in nearest shelters after proper screening for a minimum period of 14 days as per standard health protocol. Accordingly, Department of Health is conducting screening of migrated labour.

कोरोना के संबंध में सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप सांझा करने वाले सावधान, अब नपेंगें

सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी प्रमाणिकता को जांच ले। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सोशल मीडिया पर जो कुछ भी साझा करे उसके प्रति जिम्मेदार बने। इस तरह नागरिक न केवल पुलिस की मदद करेंगे बल्कि समाज और राष्ट्र की भी सेवा में भी अहम भूमिका निभाएंगें।

धर्मपाल वर्मा , चंडीगढ़

हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर कोविड-19 से जुड़ी भ्रामक और असत्यापित जानकारी साझा करने वालों चेतावनी देते हुए कहा कि इस संबंध में अफवाह फैलाने वालों को महामारी रोग अधिनियम 1897 की संबंधित धारा के तहत जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) श्री नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि नागरिकों को सोशल मीडिया पर कोविड-19 से संबंधित जानकारी शेयर करने से पहले इसकी प्रमाणिकता के बारे में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से तथ्यात्मक रूप से गलत और असत्यापित जानकारी फैलाने के कई मामले सामने आए हैं। इस तरह की गलत सूचना भ्रम फैलाकर संभावित रूप से आमजन में दहशत पैदा कर सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकृत स्रोतों से पुष्टि के बाद ही इस संबंध में कोई भी जानकारी या सूचना साझा की जानी चाहिए।

विर्क ने कहा कि साइबर पुलिस स्टेशनों / साइबर सेल और पुलिस की आईटी टीमों को इस संबंध में कठोर कार्रवाई के लिए कहा गया गया है। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप पर गतिविधियों की नियमित निगरानी की जा रही है। ग्रुप एडमिन के साथ-साथ ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर फेक या गलत सूचना पोस्ट करते हैं, उन्हें भी जिम्मेदार माना जाएगा। जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ पुलिस कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करेगी।

उन्होने कहा कि लॉकडाउन की मौजूदा स्थिति में कोविड-19 के खतरे के खिलाफ इस जंग में राज्य पुलिस की सभी अधिकारी व जवान अग्रणी होकर कार्य कर रहे हैं। लोगों को शिक्षित किया जा रहा है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी प्रमाणिकता को जांच ले। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सोशल मीडिया पर जो कुछ भी साझा करे उसके प्रति जिम्मेदार बने। इस तरह नागरिक न केवल पुलिस की मदद करेंगे बल्कि समाज और राष्ट्र की भी सेवा में भी अहम भूमिका निभाएंगें।

नहीं तो कभी न पकड़े जाते जमात के कारनामे

निजामुद्दीन में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम से कम से कम 7,600 भारतीय और 1,300 विदेशी लोगों के जुड़े होने की जानकारी सामने आई है. बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में स्थित एक मरकज में 13 मार्च से 15 मार्च तक कई सभाएं हुईं थीं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था. देशभर के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया था. उन सभाओं में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है. इस घटना के सामने आने के बाद देश के अन्य राज्यों में भी मरकज़ के धार्मिक सभा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके सील कर दिया गया है, जिसमें तबलीग-ए-जमात का मुख्यालय और आवास शामिल हैं. इलाके के उन होटलों को भी सील कर दिया गया है जिनमें जमात के लोग ठहरे थे. मरकज़ से लोगों को अस्पतालों और क्वारंटाइन केंद्रों में भेज दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों का पांचवां हिस्सा इसी सभा से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा कुल 53 लोगों की मौत में से कम से कम 15 लोग इस आयोजन से जुड़े हुए थे.

नई दिल्ली: 

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) रोकने में सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरे तबलीगी जमात के बारे में लगातार खबरें आ रही है. राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच 2000 से अधिक लोग तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद ये कहां गायब हो गए? आपके मन में भी सवाल होगा कि आखिर इस बारे में पता कैसे चला?

खुलासे का तेलंगाना कनेक्शन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि तबलीगी जमात के सदस्यों में भंयकर रूप से फैले कोरोना वायरस के बारे में और भी देर हो जाती. लेकिन सौभाग्य से तेलंगाना में कुछ इंडोनेशियाई नागरिक मिले जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे. काफी गहन पूछताछ के बाद जानकारी मिली कि बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के सदस्य हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में मौजूद हैं. लेकिन सटीक जानकारी नहीं होने की वजह से दिल्ली सरकार के स्वास्थ्यकर्मी भवन में दाखिल नहीं हो पाए. इसी बीच तेलंगाना में फिर कुछ और पॉजिटिव मामले सामने आए. इन सभी पॉजिटिव लोगों का दिल्ली के मरकज से कनेक्शन था. इसी के बाद ही पुलिस की मदद से मरकज से लोगों को बाहर निकाला जा सका. 

इस संस्थान ने की सरकार की मदद

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद से ही मरकज भवन में घुसने की कोशिश करते रहे. लेकिन दरवाजे पर ही यह कह कर वापस भेज दिया जाता कि यहां कोई सदस्य नहीं है. इस बीच पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) की भूमिका अहम रही. इस संस्था ने अपने सदस्यों की मदद से सभी संक्रमित लोगों के घरों में फोन कर मरकज में मौजूद लोगों की सटीक जानकारी जुटाई. भवन में भारी संख्या में लोगों के मौजूद होने के पुख्ता जानकारी के बाद ही पुलिस व स्वास्थ्य अधिकारी मरकज के भीतर दाखिल हो पाए.

ये है पूरा घटनाक्रम

  • 18 मार्च को तेलंगाना में 9 इंडोनेशियाई नागरिक जांच में कोरोना वायरस पॉजिटिव मिले
  • तेलंगाना सरकार के NCDC को मरकज का लिंक बताया गया
  • 20 मार्च NCDC के निर्देश पर मरकज में अधिकारी भेजे गए, लेकिन उन्हें घुसने नहीं दिया गया
  • 21 और 22 मार्च को फिर से तेलंगाना में चार कोरोना वायरस संक्रमित मिले, इनका भी मरकज कनेक्शन था
  • दूसरे दिन दिल्ली सरकार की टीम फिर निजामुद्दीन पहुंची, लेकिन भवन में कोई नहीं है कहकर दरवाजा नहीं खोला गया
  • 24 मार्च को फिर तबलीगी जमात के 7 सदस्य तेलंगाना में कोरोना वायरस संक्रमित मिले
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने PHFI से मदद मांगी, संस्था ने फोन के जरिए सदस्यों से मरकज में मौजूद लोगों की अहम जानकारी जुटाई
  • दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस ने मिलकर सभी तबलीगी जमात सदस्यों को मरकज से बाहर निकाला

लॉकडाउन के समय यूपी में रसूका लागू

लॉकडाउन (Lockdown) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ योगी सरकार लगातार सख्त रुख अपना रही है. इसी के तहत सूबे में गुरुवार को 177 एफआईआर दर्ज की गईं. वहीं लॉकडाउन का फायदा उठाकर जमाखोरी और कालाबाजारी करने के मामलों में 72 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं. देश में कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ते हमलों के बाद राज्य सरकारें सख्त रुख अपना रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर में मेडिकल टीम पर हमला करने वालों पर NSA लगा दिया गया है जबकि यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर राज्य में कहीं भी पुलिस पर हमला हुआ तो ऐसे लोगों पर NSA लगाया जाए।

  • यूपी की योगी सरकार ने पुलिसकर्मियों पर हमले करने वालों के खिलाफ जारी किया नया आदेश
  • अगर लॉकडाउन के दौरान यूपी पुलिस पर हमला किया तो होगी एनएसए के तहत कर्रवाई
  • देश के कई हिस्सों में पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हैं हमले
इंदौर में मेडिकल टीम पर हमला
  • देश में कोरोना वायरस के पीड़ित लोगों के मामलों में बढ़ोतरी
  • देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 2,300 के ऊपर पहुंची, 56 लोगों की मौत
  • कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ते हमलों पर राज्य सरकारें हुईं सख्त
  • मध्य प्रदेश ने इंदौर के हमलावर पर लगाया NSA, योगी आदित्यनाथ का भी आदेश

नई दिल्ली

कोरोना के खिलाफ जंग में देश के कोरोना वॉरियर्स को कई जगह मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंदौर में कोरोना से संदिग्ध एक शख्स की जांच करने गई मेडिकल टीम पर पथराव किया गया वहीं, अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव हुआ। ऐसे में जब देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है तब कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे हमले चिंता बढ़ा रहे हैं। हालांकि इन हमलों के बाद राज्य सरकारों ने सख्त ऐक्शन लिया और इंदौर में पथराव की घटना में शामिल 4 लोगों पर NSA(National Security Act) लगा दिया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य में पुलिस पर कहीं भी हमला करने वालों के खिलाफ NSA लगाने का आदेश जारी कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर राज्य सरकारें क्यों इस सख्त कानून को लागू करने के लिए मजबूर हो रही है..

इंदौर में मेडिकल टीम पर हमला

इंदौर के टाटपट्टी बाखल में पहुंची मेडिकल टीम पर बुधवार को स्‍थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था। उस टीम में दो महिला डॉक्‍टर्स शामिल थीं। सब किसी तरह जान बचाकर वहां से भागे थे। घटना के बाद, एफआईआर दर्ज की गई। वीडियो फुटेज के आधार पर हमलावरों में से सात को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिला कलेक्‍टर मनीष कुमार ने चार लोगों पर NSA लगाया है। सभी टाटपट्टी बाखल के ही रहने वाले हैं।

अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि बन्नादेवी में कुछ लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए एकत्र थे। तभी पुलिस वहां पहुंची और उनसे वहां एकत्र होने का कारण पूछा। लेकिन वे पुलिस पर पत्थर फेंकने लगे।

योगी आदित्यनाथ का NSA लगाने का आदेश

पुलिस प्रशासन पर पथराव के बढ़ते मामले को देखते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई हो। यूपी सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में कहीं पर भी अगर पुलिस पर कोई हमला करता है तो उसके खिलाफ NSA लगाया जाए।

आखिर NSA क्यों?

देश इस समय एक बड़ी आपदा से गुजर रहा है। पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। पीएम नरेंद्र मोदी लोगों से घरों में रहने की अपील कर चुके हैं। डॉक्टर और अन्य मेडिकल कोरोना के जानलेवा वायरस से निपटने के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। पुलिस कानून का पालन करवाने के लिए पूरी ताकत से सड़कों पर है। लेकिन कुछ लोग मेडिकल टीम और पुलिस को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या समाज के ऐसे दुश्मनों से केवल NSA लगाकर ही निपटा जा सकता है। दरअसल, यह कानून केंद्र और राज्यों को किसी भी संदिग्ध पर ऐक्शन लेने और उसे हिरासत में लेने की अनुमति देता है।

जानिए, क्या है NSA

-राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-1980 या NSA देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक ताकत देने वाला कानून है। इसके जरिए केंद्र और राज्य सरकारें किसी भी संदिग्ध को हिरासत में ले सकती है।

-सरकार को ऐसा प्रतीत होता है कि कोई शख्स देश की सुरक्षा निश्चित करने वाले काम से रोक रहा है या रोक सकता है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है।

कोरोना: थाली-ताली के बाद मोदी ने अब देश में मांगे 9 मिनटप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम जारी अपने वीडियो मेसेज में देशवासियों से 5 अप्रैल, रविवार को रात नौ बजे घरों सारी बत्तियां बुझाकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने का आग्रह किया।

-इस कानून का प्रयोग जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त कर सकते हैं। यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सही तरीके से चलाने में उके सामने बाधा खड़ी कर रहा है तो उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है।

– NSA के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार को केवल यह सूचित करने की जरूरत होती है कि NSA के तहत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

– NSA के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार को केवल यह सूचित करने की जरूरत होती है कि NSA के तहत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

– NSA के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को उनके खिलाफ आरोप तय किए बिना 10 दिनों के लिए रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति हाई कोर्ट के सलाहकार बोर्ड के सामने अपील कर सकता है लेकिन उसे मुकदमे के दौरान वकील की अनुमति नहीं होती है।

5 अप्रैल रविवार रात 9 बजे 9 मिनट घरों में दीपमाला की जाए: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश की ‘सामूहिक शक्ति’ के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार पांच अप्रैल को देशवासियों से अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की.

चंडीगढ़: 

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संबोधन में देशवासियों से कहा, ‘कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लॉकडाउन के आज 9 दिन हो रहे हैं, इस दौरान आपलोगों ने जिस तरह से अनुशासन का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है. आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो आज सभी देशों के लिए मिसाल बन गया, आज कई देश इसे दोहरा रहे हैं. यह भाव प्रकट हुआ कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है. अब लॉकडाउन के समय में देश की आप सभी के लिए ये सामूहिकता चरितार्थ होती नजर आ रही है.’

पीए मोदी ने कहा, ”साथियों, ये लॉकडाउन का समय जरूर है, लेकिन हममें से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है. इस सामूहिक शक्ति की भव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है. जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है. इस कोरोना संकट से जो अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे हमें दूर करना है. इसे पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है. इसलिए इस रविवार, 5 अप्रैल को कोरोना के अंधकार को चुनौति देनी है. 130 करोड़ देशवासियों की महशक्ति का जागरण करना है. संकल्प की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है. रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं. घर की सभी लाइटें बंद करके घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं. चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दिया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा. उस रोशनी में हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं. कोई भी अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प है. मेरी एक और प्रार्थना है, किसी को भी कहीं भी इकट्ठा नहीं होना है.’

  • एक दिया सीमा प्रहरियों के लिए,
  • एक दिया स्वास्थ्य कर्मियों के लिए,
  • एक सफाई कर्मचारियों के लिए,
  • एक दिया उन स्व्यंसेवकों के लिए जिन्होने अपनी जान की परवाह न करते हुए गरीबों अकेले पड़े वृद्धों इत्यादि की खाद्यापूर्ति के लिए समय निकाला,
  • एक दिया पुलिसवालों एवं सुरक्षा बलों को जिन्होने बड़ी ममता के साथ स्थिति संभाली,
  • एक दिया परिवार के प्रत्येक सदस्य के नाम और
  • एक दिया अपने पड़ोसियों के लिए जो इस कठिनाई की घड़ी में आपके साथ खड़े रहे।

इससे पहले कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते केसों के बीच पीएम मोदी ने सभी राज्यों के सीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान कोरोना के खिलाफ क्या किया जा सकता है, इस पर विस्तृत चर्चा हुई. 

वहीं राज्य सरकारों ने पीएम मोदी से आर्थिक मदद की मांग करते हुए यह भी पूछा कि लॉकडाउन कब खत्म होगा. आर्थिक मदद के रूप में पश्चिम बंगाल सरकार ने 2500 करोड़ मांगे हैं. इसके अलावा ममता सरकार ने पुरानी बकाया राशि के 50 हजार करोड़ की भी मांग की है. वहीं पंजाब ने भी 60 हजार करोड़ की मांग की है.

पीएम मोदी ने अपील की है कि राज्य सरकारें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण स्कीम को लागू करें. पीएम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस बात पर ध्यान दें कि पलायन ना हो और गरीबों को पैसा और राशन मिलता रहे. 

पीएम मोदी के साथ इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में कोरोना की वजह से पैदा हुए हालातों, अलग-अलग जगह फंसे मजदूरों के लिए उठाए जा रहे कदमों और तबलीगी जमात के मामले पर भी चर्चा हुई. 

बैठक के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट कर बैठक के बारे में जानकारी दी और बताया कि पीएम मोदी ने कहा है कि अभी युद्ध शुरू हुआ है. हमें 24 घंटे सतर्क रहना चाहिए और एकजुट होकर लड़ना चाहिए. 

खांडू के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा कि इस लड़ाई को हम सबको लड़ना है. इसे केवल स्वास्थ्य कर्मचारियों, पुलिस या सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता है. हमें एकजुट होकर लड़ना होगा, भले ही हम किसी भी विचारधारा के हों. 

खांडू ने हालांकि इससे पहले एक ट्वीट ये भी किया कि 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाएगा लेकिन आप आवाजाही के लिए सड़कों पर स्वतंत्र नहीं हैं. हालांकि बाद में खांडू ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया और सफाई देते हुए कहा कि उनके स्टाफ ने हिंदी ना समझने के कारण ऐसा ट्वीट कर दिया था.