11th Chandigarh National Crafts Mela from 15th-24th Nov at Kalagram

Chandigarh: 13th November 2019: The Chandigarh National Crafts Mela will make a comeback with its 11th edition from November 15 to 24 at Kalagram, Chandigarh. The event has been organized by North Zone Cultural Centre (NZCC), Patiala (Ministry of Culture, Govt. of India) and U.T. Administration, Chandigarh. 

National Crafts Mela is a unique event that showcases the diversity of handicrafts, handlooms, folk dances and music. It reflects the cultural diversity of the country. Folk artists and cultural groups from all over the country will perform live during the ten-day event. The theme this year is “West to East” (W.E.) featuring handicrafts and foods from Rajasthan, Gujarat to Bihar and Odisha.

This year 200 stalls have been constructed at the site to display spectacular work of artisans and craftsmen of different states including Chandigarh. The products would vary from clothes to jewellery and footwear to carpets, furniture and home decor.

The tribal art groups will be given a platform to showcase and sell their work. The venue would have a food court focusing on the theme serving specialty and street foods from various states. The food court has remained the most popular venue at the event.

Chandigarh Lalit Kala Akademi will display ‘Rhythmic Past” installation during the said Mela.

Cultural evenings have always been an important part of the fair. The folk performers like Been jogis, Baazigars, Nagada, Behrupias etc. would perform live during the Mela. Folk dancers from across the country will entertain the visitors with the all-day stage performances. 

Renowned celebrities of the Punjabi and Hindi industry like Gurdas Maan, Daler Mehendi, Kailash Kher, Jasbir Jassi, Roop Kumar Rathod and Sunali Rathod, Manmohan Waris, Jassie Gill, Babbal Rai, Womenia Band, Kamal Heer, Kanwar Grewal and others will perform during the evening.

The amusement area would offer different rides and swings for the visitors of all ages. One can also enjoy camel rides while watching folk performances.

अब फिल्म शूटिंग की मंजूरी मिलना होगा आसानऑनलाइन आवेदन के बाद सात दिन में मिल जाएगी मंजूरी

हरियाणा में फिल्म पॉलिसी के संबंध में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक ने की राज्य के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंगअब फिल्म शूटिंग की मंजूरी मिलना होगा आसानऑनलाइन आवेदन के बाद सात दिन में मिल जाएगी मंजूरी

कोरल,पंचकूला, 8 नवम्बर

हरियाणा में फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने फिल्म शूटिंग की मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेंट्रल पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल पर आवेदन के बाद सात कार्यदिवस के अंदर-अंदर फिल्म की मंजूरी प्रदान की जाएगी। इसी संबंध में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीरपाल सरों ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी नगराधीश, डीआईपीआरओ तथा डीआईओ को दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि इसके लिए जिलो में नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है तथा डीआईपीआरओ सदस्य सचिव होंगे। सभी को जल्द की यूजर आईडी दी जाएगी जिसके माध्यम से उन्हें इस प्रक्रिया को पूरा करना है।

सरों ने स्पष्ट किया कि आवेदन करने वाले को कहीं भी व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं होना है। उसे केवल ऑनलाइन पीआर हरियाणा की वेबसाइट पर फिल्म सैल पर जाकर आवेदन करना है। आवेदन के सात दिन के बाद मंजूरी पत्र भी उसे ऑनलाइन ही उपलब्ध हो जाएगा।उन्होंने बताया कि आवेदन में संबंधित 18 विभागों को अपने-अपने स्तर पर ऑनलाइन ही सारी कार्यवाही करनी है। अगर कहीं मंजूरी नहीं दी जा सकती तो उसका कारण बताकर उसे रद्द किया जा सकता है लेकिन बिना कारण कोई भी आवेदन रद्द नहीं किया जा सकता।

निर्माता को मिल सकती है 1 से 3 करोड़ तक की प्रोत्साहन राशिपंचकूला। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीरपाल सरो ने बताया कि कोई फिल्म निर्माता हरियाणा की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाता है या हरियाणा के युवाओं को कलाकार के तौर रखता है अथवा अन्य तकनीकी स्टाफ के तौर पर उनसे काम लेता है तो उसे प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए भी इसी साइट पर आवेदन करना होगा। यह राशि एक करोड़ से लेकर तीन करोड़ तक हो सकती है।

इस संबंध में पीआर हरियाणा की वेबसाइट पर फिल्म पॉलिसी दी गई है। उसमें हर प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर 2018 को हरियाणा फिल्म पॉलिसी को कैबिनेट से मंजूरी के बाद गुरुग्राम से लांच किया गया था। इसमें कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे फिल्म निर्माताओं को हरियाणा में फिल्म बनाने के लिए आकर्षित किया जा सके। राज्य में हरियाणा फिल्म प्रमोशन बोर्ड बनाया गया है। इस बोर्ड के चेयरमैन हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के निवासी मशहूर फिल्म निर्माता सतीश कौशिक हैं।

पिंजोर-कालका और पंचकूला में हैं कई अच्छी लोकेशन

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीरपाल सरो ने बताया कि फिल्म निर्माताओं के लिए हरियाणा राज्य में लगभग 40 स्थान ऐसे हैं जो फिल्म के लिहाज से बहुत ही आकर्षक हैं। इन क्षेत्रों में पंचकूला जिले में फिल्माकन के लिए मनोरम स्थानों की भरमार है। मोरनी और टीकर ताल की छटा देखते ही बनती है। मोरनी स्थित ऐतिहासिक नाहन के राजा के किले का सुदंर जीर्णोधार किया गया है। किले से सुदूर फैली घाटियां बहुत ही सुदंर लगती है। और कश्मीर सा नजार प्रस्तुत करती हैं। टीकर ताल भी डल झील जैसा सुदंर लगता है। यहाँ पर म्यूज्यिम से लेकर मनोंरंजन तक के सभी साधन उपलब्ध है। पिंजोर के बाग की छटा में कई लेयर की चटानों से इस बाग का सांैर्दय अप्रतिम नजर आता है। सुदंर पिंजोर से लेकर नारनौल तक ऐतिाहासिक धरोहरों से लेकर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले इस प्रदेश की तरफ आने वाले समय में फिल्म उद्योग बहुत अधिक संख्या में युवाओं के रोजगार के अवसर पर उपलब्ध कराएगा। 

मल्टीलेवल मार्केटिंग घोटाले क्यूनेट में नामचीन कलाकारों को नोटिस, 70 गिरफ्तार

हैदराबाद: बहुस्तरीय (मल्टीलेवल) मार्केटिंग घोटाले क्यूनेट के संबंध में साइबराबाद पुलिस ने 38 मामले दर्ज करते हुए कुल 70 लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सजनार ने मंगलवार को बताया कि ये मामले ग्रेटर हैदराबाद को कवर करने वाले तीन पुलिस आयुक्तों में से एक साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट में आने वाले अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि विहान डायरेक्ट सेलिंग प्राइवेट लिमिटेड (क्यूनेट) और इसके प्रमोटरों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई मामले दर्ज किए गए थे.

अनिल कपूर, बोमन ईरानी सहित शाहरुख खानसमेत कई एक्टरों को नोटिस

पुलिस ने कंपनी के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अभिनेता अनिल कपूर, शाहरुख खान, बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, विवेक ओबेरॉय, पूजा हेगड़े और अल्लू सिरीश को भी नोटिस दिया है. अनिल कपूर, शाहरुख खान और बोमन ईरानी ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से नोटिस का जवाब दिया है. वहीं अन्य बॉलीवुड हस्तियों से जवाब का इंतजार किया जा रहा है. सजनार के कहा कि तीनों बॉलीवुड कलाकारों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जा रहा है. पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘इस योजना के शीर्ष 500 प्रमोटरों को भी नोटिस दिए गए हैं और उनके जवाबों का इंतजार है.’

उन्होंने कहा कि यह भारत के क्यूआई समूह की एक फ्रेंचाइजी विहान की ओर से धोखाधड़ी का मामला है, जो क्यूनेट के नाम से मार्केटिंग करती है. पुलिस के अनुसार, विहान को पहले गोल्ड क्वेस्ट एंड क्वेस्ट नेट के नाम से जाना जाता था. यह क्यूआई समूह के स्वामित्व वाली हांगकांग स्थित एक प्रत्यक्ष बिक्री या बहु-स्तरीय विपणन (मल्टी लेवल मार्केटिंग) कंपनी है. पुलिस के अनुसार, वे सॉफ्टवेयर कर्मचारियों, बेरोजगार युवाओं और गृहणियों को निशाना बना रहे थे.

विहान को बंद करने की प्रक्रिया शुरू

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कहा कि विहान को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं सजनार ने लोगों से अपील की है कि वे क्यूनेट में शामिल न हों और विहान को कोई भुगतान न करें.

उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) बेंगलुरु ने विहान को बंद करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच में याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा कि आरओसी ने कंपनी अधिनियम-2013 के विभिन्न उल्लंघनों के लिए विहान के खिलाफ अभियोग चलाया था. कंपनी से जुड़े 12 लोगों के खिलाफ निदेशक और प्रमोटर के रूप में लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है.

ई-कॉमर्स की आड़ में भारत के बाहर भेजे कए करोड़ों रुपए

फाइनेंशियल फ्रॉड्स विक्टिम्स वेलफेयर एसोसिएशन ने दावा किया कि डायरेक्ट सेलिंग और ई-कॉमर्स की आड़ में कंपनी ने 20 हजार करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे हैं.

इस बीच क्यूनेट ने आरोपों से इनकार किया है. उसने रिपोर्ट को आधारहीन के साथ तथ्यों व व्यापार की समझ के बिना तैयार किया गया बताया. क्यूनेट ने कहा कि उन्होंने न्यायिक फोरम में इस रिपोर्ट को चुनौती दी है.

क्यूनेट एक ई-कॉमर्स आधारित प्रमुख एशियाई डायरेक्ट सेलिंग कंपनी है, जो होम केयर, पर्सनल केयर, स्किन केयर, हेल्थ फूड सप्लीमेंट्स, घड़ियां और हॉलिडे पैकेज की श्रेणियों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की मार्केटिंग करती है. क्यूनेट भारत में अपने सब फ्रेंचाइजी के माध्यम से काम करती है.

23 और 24 अगस्त को दो दिन मनाई जाएगी ‘जन्माष्टमी’

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी में इस बार 23 और 24 अगस्त को दो दिन मनाई जाएगी। जन्माष्टमी का पर्व हिन्दु पंचाग के अनुसार, भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस बार यह अष्टमी 23 और 24 तारीख दो दिन है। विशेष उपासक 23 को जन्माष्टमी मनाएंगे जबिक आम लोग 24 अगस्त को जन्माष्टमी मना सकते हैं। क्योंकि उदया तिथि अष्टमी की बात करें तो यह 24 अगस्त को है। हालांकि भगवान कृष्ण के जन्म के वक्त आधी रात को अष्टमी तिथि को देखें तो 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था। भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र का संयोग होना शुभ माना गया है। रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि के साथ सूर्य और चन्द्रमा ग्रह भी उच्च राशि में है। रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी के साथ सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में होगा। द्वापर काल के अद्भुत संयोग में इस बार कान्हा जन्म लेंगे। घर-घर उत्सव होगा। लड्डू गोपाल की छठी तक धूम रहेगी। इस योग पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। 


अष्टमी तिथि : 
अष्टमी 23 अगस्त 2019 शुक्रवार को सुबह 8:09 बजे लगेगी।

अगस्त 24, 2019 को 08:32 बजे अष्टमी समाप्त होगी। जन्मोत्सव तीसरे दिन तक मनाया जाएगा।

रोहिणी नक्षत्र 23 अगस्त 2019 को दोपहर  12:55 बजे लगेगा। 
रोहिणी नक्षत्र 25 अगस्त 2019 को रात 12:17 बजे तक रहेगा।


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व –
मान्यता है कि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। क्योंकि भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। इसके अलावा भगवान कृष्ण का ध्यान, व्रत और पूजा  करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्ति होती है। भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम या बलदाऊ जी का पालन पोषण भी नंदबाबा के घर में हुआ। वासुदेव जी की एक पत्नी थीं रोहिणी जिनके पुत्र बलदाऊ जी महाराज थे। कंस ने देवकी को वासुदेव के साथ जेल में डाला तो रोहिणी को नंद बाबा के यहां भेज दिया गया। वैष्णव पंथ को मानने वाले हिन्दु धर्म के उपासक भगवान कृष्ण को अपना आराध्य मानते हैं ऐसे में आराध्य को याद करने लिए भी प्रित वर्ष लोग उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।

भोग में चढ़ाएं दूध-धी और मेवा-
त्व देवां वस्तु गोविंद तुभ्यमेव समर्पयेति!! मंत्र के साथ भगवान कृष्ण का भोग लगाना चाहिए। भोग के लिए माखन मिश्री, दूध, घी, दही और मेवा काफी महत्व पूर्ण माना गया है। पूजा में पांच फलों का भी भोग लगा सकते हैं। चूंकि भगवान कृष्ण को दूध-दही बहुत पसंद था ऐसे में उनके भोग में दूध, दही और माखन जरूर सम्मिलित करना चाहिए।

पूजन विधान-
जन्माष्टमी के दिन व्रती सुबह में स्नानादि कर ब्रह्मा आदि पंच देवों को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर मुख होकर आसन ग्रहण करें। हाथ में जल, गंध, पुष्प लेकर व्रत का संकल्प इस मंत्र का उच्चारण करते हुए लें- ‘मम अखिल पापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत करिष्ये।’ इसके बाद बाल रूप श्रीकृष्ण की पूजा करें। गृहस्थों को श्रीकृष्ण का शृंगार कर विधिवत पूजा करनी चाहिए। बाल गोपाल को झूले में झुलाएं। प्रात: पूजन के बाद दोपहर को राहु, केतु, क्रूर ग्रहों की शांति के लिए काले तिल मिश्रित जल से स्नान करें। इससे उनका कुप्रभाव कम होता है।

इस मंत्र का करें जाप-
सायंकाल भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें-
‘धर्माय धर्मपतये धर्मेश्वराय धर्मसम्भवाय श्री गोविन्दाय नमो नम:।’
इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर दूध मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें- ‘ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपते:! नमस्ते रोहिणिकांतं अघ्र्यं मे प्रतिग्रह्यताम!’ रात्रि में कृष्ण जन्म से पूर्व कृष्ण स्तोत्र, भजन, मंत्र- ‘ऊं क्रीं कृष्णाय नम:’ का जप आदि कर प्रसन्नतापूर्वक आरती करें। 

छोटा त्रिलोपुर में फीचर फिल्म ‘सांवरी’ का मुहूर्त शॉट

फिल्म सांवरी का मुहूर्त शॉर्ट हुआ शूट हरियाणा के छोटा त्रिलोकपुर में हरियाणवी फीचर फिल्म सांवरी का मुहूर्त शॉर्ट लिया गया।

टुंडवाल प्राेडक्शन के बैनर तले बनने वाली इस फिल्म की कहानी के लोक नृतकी की प्रेम कहानी पर आधारित है। कहानी में कई सामाजिक विषयों को शामिल किया गया है। खेलों को भी इस फिल्म की कहानी का हिस्सा बनाया गया है।

इसके अलावा इसमें सिचुएशनल कॉमेडी भी भरपूर है। आने वाले दिनों में पंचकूला और चंडीगढ़ के अलावा आसपास के क्षेत्रों में फिल्म की शूटिंग की जाएगी। इसके दिसंबर महीने तक रिलीज होने की संभावना है। दिनेश टुंडवाल इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक हैं।

हीरो की भूमिका में नवजीत और हीरोइन की भूमिका में नैंसी नजर आएंगी। मुख्य कलाकारों में लीला सैनी, अनूप लाठर, सुनीता डाबर, प्रशांत शुक्ला, गुलशन वर्मा, मोनिका खटकड़, जोगिंद्र कुंडु व शिव कुमार शामिल हैं। शुक्रवार को फिल्म का मुहूर्त शॉर्ट लीला सैनी, मोनिका खटकड़ व नैंसी पर फिल्माया गया।

“कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व, दूरदृष्टि, अच्छे प्रदर्शन के अभाव में कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया” आबिद रसूल

यदि काँग्रेस की बात करें तो एक बात साफ होती जा रही है, ‘बिखराव जारी है’, “कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व, दूरदृष्टि, अच्छे प्रदर्शन के अभाव में कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया” आबिद रसूल। वहीं कुछ अन्य का तर्क है कि विपक्ष संख्याबल में कम हो सकता है लेकिन उसकी ताकत पहले की तरह मजबूत है.

हैदराबाद: तेलंगाना में कुछ लोगों का मानना है कि कांग्रेस के दो तिहाई विधायकों के सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल होने से एक तरह से विपक्ष मुक्त विधानसभा की स्थिति बन गई है. कुछ अन्य का तर्क है कि विपक्ष संख्याबल में कम हो सकता है लेकिन उसकी ताकत पहले की तरह मजबूत है.

टीआरएस ने गत दिसंबर में हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में 88 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस ने 19 और एआईएमआईएम ने सात, टीडीपी ने दो और बीजेपी ने एक सीट जीती थी. एक निर्दलीय विधायक, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर विजयी एक उम्मीदवार और तेदेपा सांसद टीआरएस में शामिल हो गए थे.

12 कांग्रेस विधायकों ने छोड़ी पार्टी 

इसके बाद मार्च की शुरुआत में कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ और गत सप्ताह उसके 12वें विधायक ने पार्टी छोड़ दी. अध्यक्ष ने 12 विधायकों के टीआरएस में शामिल होने के अनुरोध को मंजूर कर लिया.

इसके साथ ही सदन में टीआरएस सदस्य की संख्या 103 हो गई. सदन में सदस्यों की संख्या भी 118 रह गई क्योंकि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख एन उत्तम कुमार रेड्डी ने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया.

विपक्ष के नेता पद के लिए दावा पेश करेंगे:एआईएमआईएम

कांग्रेस के विधायकों की संख्या छह तक सिमटने के बाद एआईएमआईएम ने कहा कि वह विपक्ष के नेता पद के लिए दावा पेश करेगी क्योंकि उसके पास सात विधायक हैं.लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या एआईएमआईएम सही मायने में विपक्षी दल है?  टीआरएस और एमआईएमआईएम अपने आप को मित्र बताती हैं और उन्होंने विधानसभा तथा लोकसभा दोनों में आपसी सहमति से चुनाव लड़ा था.

टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) के प्रवक्ता आबिद रसूल खान ने कहा,‘हम शुरुआत से कह रहे हैं कि हम किसी विपक्ष मुक्त विधानसभा के लिए काम नहीं कर रहे हैं.’ उन्होंने दावा किया कि इन विधायकों ने ‘‘नेतृत्व, दूरदृष्टि, अच्छे प्रदर्शन के अभाव’’ में कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ कुछ भी नहीं कर रहे हैं. अगर वे (कांग्रेस) खुद अलग हो रहे है तो हम पार्टी को खड़ा नहीं कर सकते.’’ 

कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के प्रमुख प्रो. एम कोडंडरम ने इससे असहमति जताई. उन्होंने दावा किया, ‘‘इस दल-बदल का परिणाम निरंकुशता और एक पार्टी का प्रभुत्व होगा जो लोगों के हितों के खिलाफ है. लोग नाखुश हैं. दल-बदल के खिलाफ काफी नाराजगी है.’’ 

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के तेलंगाना के प्रभारी आर सी खुंटिया ने कहा कि जब सत्तारूढ़ पार्टी के पास आसान बहुमत है तो उसे दूसरी पार्टियों से विधायक ‘‘खरीदने’’ की जरुरत नहीं है.

Theatre workshop by Sanskar Bharti held

Theatre workshop by Sanskar Bharti, Panchkula in association with Art Fitoor Film & Theater Academy started Theater Workshop from 27th may to 2nd of June 2019 at Bharat Vikas Parishad Bhavan, Sector 12 A. PANCHKULA. Each day new topics and new LEARNING were taught. And last day was Parents Session, in which not only a presentation was shown to them but theater exercises were done with them to decrease the invisible Gap between parents and children which has developed in this mordern era. Basic motive of this workshop was not only to inculcate in student the Theater as an Art Form but also to use Theater as a tool to work on them. As a Theater-in-Education practitioner Process was more important for me than product.

Twenty boys & girls from various tricity school attended this workshop. Workshop was conducted by Malvika Bhaskar, Navpreet Moti (both NSD Alumni) and Mrs. Arpana Gupta (Bhavan Vidyalaya). Mr Satish Awasthi, Secretary & Mr Bal Krishan Kansal, Deputy Secretary of Sanskar Bharti. Panchkula were also present.

प्रोफेसर मुसलगांवकर ने मोदी सरकार पर एक और बड़ा दावा

लोकसभा चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश के विक्रम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने फेसबुक पर एक भविष्यवाणी की थी। उन्होने लिखा था की इस बार भाजपा को 300 से आधी सीटें मिलेंगी। उसे बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हे निलंबित आर दिया था। निलंबन का दंश झेल रहे प्रोफेसर मुसलगांवकर ने मोदी सरकार पर एक ओर बड़ा दावा किया

उज्जैनः लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजो से पहले बीजेपी को 300 से अधिक सीट की भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर डॉ. राजू मुसलगांवकर ने निलम्बन के बाद भी की एक और भविष्यवाणी की है. डॉ राजू मुसलगांवकर के मुताबिक आने वाले पांच सालों में मोदी सरकार नए कीर्तिमान स्थापित करेगी. आने वाले पांच सालों में देश में असुरक्षा का भाव दूर होगा और शांति और सुरक्षा का माहौल रहेगा. ज्योतिर्विज्ञान के प्रोफेसर डॉ मुसलगांकर की मानें तो 2019 के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भाजपा सरकार देश की सबसे विश्वसनीय सरकार में से एक होगी.

बता दें कि चुनाव परिणाम के पूर्व डॉ.मुलसगांवकर ने फेसबुक पर भाजपा सरकार 300 के पास और एनडीए 300 के पार की पोस्ट डाली थी. जिसके चलते विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित कर दिया था. उज्जैन 17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे बेहद रोचक और चौकानें वाले रहे. 23 मई को चुनाव नतीजे आने के पहले ज्योतिष विज्ञान का केंद्र और बाबा महाकाल की नगरी के ज्योतिषाचार्यों ने चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी की थी. जो सटीक रही. इनमें से एक विक्रम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राजू मुलसगांवकर ने फेसबुक पर चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी पोस्ट की थी.

जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था, लेकिन निलंबित प्रोफेसर द्वारा की गई भविष्यवाणी एकदम सटिक रही. प्रोफेसर ने फेसबुक पर “भाजपा 300 के पास और एनडीए 300 के पार” की  भविष्यवाणी पोस्ट की थी. इस पोस्ट की कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी जिसके चलते चुनाव आयोग ने प्रोफेसर डॉ. मुसलगांवकर को निलंबित कर दिया था. मुसलगांवकर के अनुसार केंद्र में मोदी सरकार 5 सालों में नए किर्तीमान स्थापित करेगी. इस सरकार के काल में अब देश शांति बनी रहेगी और यह सरकार अब तक सबसे विश्वसनीय सरकार साबित होगी.

बता दें उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय में ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला के प्रमुख को लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. ज्योतिष शास्त्र के इस प्राध्यापक ने चुनावी बेला में अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये कथित तौर पर भविष्यवाणी की थी कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की तकरीबन 300 सीटें अपने दम पर जीतेगी, जबकि समूचे एनडीए गठबंधन के खाते में 300 से ज्यादा सीटें आयेंगी.

‘बुढ़ापे में अक्सर लोग सठिया जाते हैं’: पायल रोहतगी

बिग बॉस एक्स कंटेस्टेंट और एक्ट्रेस पायल रोहतगी का विवादों में रहना कोई नई बात नहीं है। वह अक्सर अपने ट्वीट्स को लेकर खबरों में रहती हैं। कभी गौहर खान से कहासुनी कभी उर्मिला मातोंडकर के धर्म पर सवाल तो कभी सोनी राजदान को देश छोड़ने के लिए कहना। अब स्वरा भास्कर के बाद पायल रोहतगी के निशाने पर आये हैं कमल हस्सन। कमल हासन के पहला आतंकवादी ‘हिंदू’ था वाले बयान पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है. इसी कड़ी में पायल रोहतगी ने भी कमल हासन को बुड्ढा बताते हुए कहा है कि साठ साल के बाद इंसान का दिमाग काम करना बंद कर देता है. 

नई दिल्ली : पायल रोहतगी का बॉलीवुड करियर तो ज्यादा चला नहीं लेकिन सोशल मीडिया पर पायल इन दिनों काफी एक्टिव हैं. पिछले दिनों से पायल अपनी बयानबाजी को लेकर खबरों में बनी हुई हैं. मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन(Kamal Haasan) के पहला आतंकवादी ‘हिंदू’ था वाले बयान पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है. इसी कड़ी में पायल रोहतगी ने भी कमल हासन को बुड्ढा बताते हुए कहा है कि साठ साल के बाद इंसान का दिमाग काम करना बंद कर देता है. 

पायल रोहतगी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एक हिंदू ने दूसरे हिंदू को मारा. इसे आप क़त्ल कह सकते हैं, आतंकवाद कैसे? आतंकवादी वो होते हैं जो अपने से अलग धर्म के लोगों को मारते हैं क्योंकि उनको वो दूसरे धर्म से नफ़रत होती है. बुढ़ापे में अक्सर लोग सठिया जाते हैं. कमल हासन अपना राजनीति करियर शुरू करने के लिए नाथूराम गोडसे को को भारत का पहला आतंकवादी कहते हैं. 

बता दें कि कमल हासन के अलावा पायल कई बॉलीवुड सेलेब्स को भी अपने निशाने पर लिए हुए हैं. पायल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘स्वरा आंटी खुद को फेमिनिज्म की समर्थक कहती हैं. साथ ही कांग्रेस, AAP और CPI उम्मीदवार कन्हैया कुमार को सपोर्ट कर रही हैं. गजब का समर्थन है. पायल ट्विटर पर खुलकर बीजेपी को सपोर्ट करती हैं और कांग्रेस पर हमले करने से पीछे भी नहीं हटती हैं. 

हिंदू विरोध से जीत के दिवास्वप्न दखने वाले एक और नेता कमल हस्सन

कई राष्ट्रिय पुरसकारों से सम्मानित एक दिग्गज अभिनेता कमाल हस्सन ने एक मंच से अपने सालों से अर्जित ज्ञान को बघारा। विस्मय है कि इतने सूझवान नेता को हत्या और आतंक में भेद करने लायक सामर्थ्य नहीं है। यह उनकी राजनैतिक विवशता थी क्योंकि वह मुस्लिम बहुल इलाके में चुनावी रेल कर रहे थे ओर सामने गांधी कि प्रतिमा भी थी। बाद में उन्होने इसी बात का बहुत भोथरा स्पष्टीकरण देने का भी प्रयास किया जिससे उनकी मनो:स्थिति का पता चलता है। मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला ‘‘आतंकवादी हिन्दू’’ था. वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे. हस्सन मोदी विरोध कि राजनीति करने मैदान में उतरे हैं और उन्हे लगता है मोदि विरोध ही उनकी चुनावी वैतरणी पार लगायेगा।

सनद रहे नाथुराम गोडसे ने महात्मा गांधी कि हत्या कि थी, नाथुराम को इतिहास एक हत्यारे के रूप में जानता है न कि एक आतंकी के रूप में आज कमल हस्सन स्वयं को इतिहास आरों ओर अदालतों से अधिक श्रेष्ठ जताने कि चेष्टा कर रहे हैं। वह यह बताते दिख रहे हैं कि उस समय के लोगों को हत्या ओर आतंक के बीच ठीक उसी तरह फर्क नहीं पता था जैसे आज काँग्रेस को हत्या ओर शहादत के बीच फर्क नहीं मालूम

अरवाकुरिचि (तमिलनाडु): मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला ‘‘आतंकवादी हिन्दू’’ था. वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे. रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं. आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है. वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई.’’ महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं.

Kamal Haasan during campaigning in Aravakurichi assembly constituency, Tamil Nadu, yesterday: “I am not saying this because many Muslims are here. I’m saying this in front of Mahatma Gandhi’s statue. First terrorist in independent India is a Hindu, his name is Nathuram Godse.” pic.twitter.com/LSDaNfOVK01,70210:13 AM – May 13, 2019Twitter Ads info and privacy1,697 people are talking about this

कमल हासन इससे पहले भी दक्षिणपंथी चरमपंथ पर निशाना साध चुके हैं. करीब डेढ़ साल पहले इस संबंध में उन्‍होंने एक विवादित लेख भी इस विषय पर लिखा था. उसमें उन्‍होंने लिखा था कि दक्षिणपंथी समूहों ने हिंसा का दामन इसलिये थामा क्योंकि उनकी पुरानी ”रणनीति” ने काम करना बंद कर दिया है. हसन ने तमिल पत्रिका ‘आनंद विकटन’ के अंक में अपने स्तंभ में आरोप लगाया था कि दक्षिणपंथी संगठनों ने अपने रुख में बदलाव किया है, हालांकि उन्होंने इसमें किसी का नाम नहीं लिया है.

कमाल हसन के इस वक्तव्य का विवेक ओबेरॉय ने खुल कर विरोध जताया है।