PUCA celebrated its 7th Foundation Day

 8 March

Punjab Unaided Colleges Association (PUCA) celebrated its 7th Foundation Day. Dr. MP Poonia, Vice Chairman, All India Council of Technical Education (AICTE), NewDelhi; Dr. Buta Singh Sidhu, Vice Chancellor, Maharaja Ranjit Singh Punjab Technical University (MRSPTU), Bathinda & Mr. Yogesh Kochhar, Director, Microsoft Corporation addressed PUCA delegates virtually. Dr. Anshu Kataria, President, PUCA & Chairman, Aryans Group of Colleges presided over the function on the theme “Sustainable Digital Transformation in hybrid way”.

On this occasion  S. Satnam S. Sandhu, Chief Patron, Joint Association of Colleges (JAC); Mr. Amit Sharma, Senior Vice President, PUCA ; Ms Nancy Dhiman, Business & Mr. Kanishk Pandey, Head- Partner Development, Apar Technology were present. The programme commenced with the formal Lamp lighting & Cake Cutting ceremony.

While congratulating PUCA team and Dr. Anshu Kataria, President, PUCA, S. Satnam Singh Sandhu, Chancellor, Chandigarh University;  Sh. Gurvinder Singh Bahra, Bahra University, Dr. Zora Singh, Desh Bhagat University & S. Gurlabh Singh, Gurukashi University said that since last 6 years Dr. Kataria has given outstanding contribution in the field of education. Every colleges & universities from Punjab are with PUCA & will support always support to solve various issues of unaided colleges. Sandhu further urged that soon a technical session on New Education Policy should be organized for much needed deliberations on it. 

Ms. Dhiman & Mr. Pandey discussed various approaches that use advanced technologies & concepts including e- payments, Enterprise Resource Management, Directory services, Online Admission Services, Social Media Marketing, and Student Engagement Program which can be beneficial for education sector in modern era.

Dr. Kataria thanked all the members for their unconditional support to PUCA in the last 6 years. The event was organized in association with APAR & Microsoft.

During celebration, Sh. Tejinder Singh  Sran,  Member PAC-Railway Board, Ministry of Railways, Govt. Of India as special guest & PUCA members including Dr. Gurpreet Singh, Chairman, Universal Group; S. Gurkirat Singh, Gulzar Group; S. Devinder Pal Singh Rimpi, Baba Kundan Singh Law College, Moga; Sh. Vishal Garg, SVIET, Banur; Sh. Mohit Mahajan & Sh. Raghav Mahajan, Golden Group, Gurdaspur Er. Swinder Singh Gill, Sukhjinder Group of Institutes, Gurdaspur & Dunera; Sh. Nalini Chopra, Kay Jay Group, Patiala were present.

Sh. Shimanshu Gupta, President, ITI Assoc.;  Dr. DJ Singh, Vidya Jyoti Group, Lalru; Sh. Vibhav Mittal, Dolphin Group, Chunni kalan, Dr. Naveen Singla & Dr. Navneet Singh, GIMT College, Budhlada; Sh. Rajiv Jindal, Ram Devi Jindal Group, Lalru; Dr Atul Goyal, Ferozpur College of Engineering and Technology, Ferozpur; Sh. Satyam Bhardwaj, SBS Group of Educational Institutions, Patti; Dr Vikrant Sharma & Dr Sameer Verma, GNA University, Phagwara; Dr.Rajwinder Singh Bansal, RIET, Phagwara; S. Prabhdeep Singh, Alpine College, Moga; Dr R K Bansal, Global Polytechnic College, Rakhra; Dr Manjit Dhillon & S. Gurdyal Singh Nursing Training Institutes Assoc. Punjab; Er. Kanwar Tushar Punj, Sri Sai Group Of Institutes, Pathankot; Mr Akal Jot Singh Gill & Mr Gurmeet Singh Sidhu (Canada) were also present.

शिक्षा में करोड़ों की घूस, जातिवाद का दंश; नवीन के पिता ने बताया आखिर क्यों बेटे को पढ़ने यूक्रेन भेजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्ञानगौड़ा को फोन करके अपना शोक जताया। ज्ञानगौड़ा ने कहा कि मोदी ने उन्हें उनके बेटे का शव दो या तीन दिनों के भीतर स्वदेश लाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनके बेटे को 10वीं में 96 प्रतिशत और 12वीं में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे और उसने डॉक्टर बनने का सपना 10वीं कक्षा में देखा था। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा प्रणाली और जातिवाद के कारण उसे सीट नहीं मिल सकी, जबकि वह मेधावी छात्र था। यहां एक मेडिकल सीट हासिल करने के लिए एक करोड़ से दो करोड़ रुपये तक की घूस देनी पड़ती है।

  • भारत में जाति के आधार पर बँटती हैं सीट: मृतक छात्र के पिता
  • एक टैलेंटेड बच्चा था जिसे सिर्फ यहाँ के सिस्टम की वजह से बाहर पढ़ने जाना पड़ा
  • प्राइवेट एड्यूकेशन इंस्टिट्यूट आपकी पहुँच से बाहर होते हैं।

नयी दिल्ली(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :

युद्धग्रस्त यूक्रेन में मारे गये भारतीय छात्र नवीन के पिता ने मंगलवार को दावा किया कि महंगी मेडिकल शिक्षा और जातिवाद कुछ ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से भारतीय विद्यार्थी डॉक्टर बनने का ख्वाब पूरा करने के लिए यूक्रेन जैसे देशों का रुख करते हैं। शोक संतप्त शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा ने कहा कि निजी नियंत्रण वाले कॉलेजों में भी मेडिकल की एक सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं और यही वजह है कि मेडिकल पेशा बहुत ही कठिन विकल्प है।’

नवीन के पिता शेखरप्पा ने कहा, “हमारे कुछ सपने थे जो अब बिखर गए हैं। मेरा बेटा जिसने प्री यूनिवर्सिटी कोर्ट में 97% मार्क्स पाए थे, एक टैलेंटेड बच्चा था जिसे सिर्फ यहाँ के सिस्टम की वजह से बाहर पढ़ने जाना पड़ा, जिसमें प्राइवेट एड्यूकेशन इंस्टिट्यूट आपकी पहुँच से बाहर होते हैं। मैंने पता किया था मुझे किसी भी मेडिकल कॉलेज में उसका एडमिशन करवाने के लिए 85 से 1 करोड़ देने थे। तब मैंने सोचा कि मैं अपने बेटे को यूक्रेन भेजूँगा। लेकिन वो तो मुझे और ज्यादा महंगा पड़ गया।”

नवीन के पिता ने मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील की कि वो लोग इस मामले में देखें। वह कहते हैं, “डोनेशन आदि बहुत बेकार चीजें हैं। इसी के चलते इंटेलीजेंट बच्चे पढ़ने के लिए विदेश जाते हैं। यहाँ जगह पाने के लिए करोड़ों माँगे जाते हैं। ऐसे में विदेश में वही शिक्षा बल्कि अच्छी शिक्षा वो भी बढ़िया उपकरणों के साथ मिलती है। यहाँ भारत में सिर्फ जाति के आधार पर मिलती हैं सीटें। मेरे बेटे के 97 फीसद पीयूसी में आए थे।”

उन्होंने कहा, देश के शिक्षा तंत्र और जातिवाद के चलते इंटेलिजेंट बच्चें सीट नहीं पाते। वह कहते हैं, “मैं हमारे राजनैतिक तंत्र, शिक्षा तंत्र और जातिवाद के कारण उदास हूँ। सब कुछ निजी संस्थानों के हाथ में है।” उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे लेकर नवीन को एबीबीएस पढ़ने यूक्रेन भेजा था। वहाँ वह अपने दोस्तों के साथ अपार्टमेंट में रहता था। जब से जंग शुरू हुई थी वह घर पर कम से कम 5-6 बार कॉल करता था और फ्लैट के नीचे बने बंकर में जाकर रहने लगा था।

नवीन के सीनियर अमित बताते हैं कि उन्होंने बंकर से मार्ट जाने के लिए करीब 6 बजे बंकर छोड़ा था।  7:58 पर उन्होंने एक दोस्त को कुछ पैसे भेजने के लिए मैसेज किया और 8:10 पर हमें खबर आई कि वो अब नहीं हैं। नवीन के सीनियर ने बताया कि वो सारे लोग बिना खाए-पिए 4 दिन से बंकर में रह रहे थे। नवीन के बड़े भाई हर्षा ने बताया कि उनके भाई का इस जून में आठवाँ सेमेस्टर था। उसके बाद वो इंटर्नशिप लेने वाला था। पर अब ये कल्पना करना भी मुश्किल है कि वो हमारे साथ नहीं है।

बता दें कि भारतीय छात्र की मृत्यु की खबर मंगलवार को सुबह आई थी। इसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके इस खबर की पुष्टि की गई। साथ ही विदेश मंत्रालय की ओर से नवीन के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई थी। कुछ खबरों से पता चला था कि जिस समय नवीन पर गोली चलाई गई उस समय वह Lviv के स्टेशन जा रहे थे ताकि वहाँ से पश्चिमी सीमा पहुँच सकें। वहीं अब रिपोर्ट्स आई हैं कि नवीन खाना लेने बंकर से बाहर निकले थे।

बेंगलुरु के कॉलेज ने सिख लड़की को पगड़ी हटाने को कहा

हिजाब विवाद मामले में दिन भर चली सुनवाई के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि चाहे वह डिग्री या स्नातक कॉलेज हो, जहां वर्दी निर्धारित है, वहां उसका पालन किया जाना चाहिए। ’ कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद राज्य के एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की को पगड़ी हटाने के लिए कहा है। … इन लड़कियों ने मांग की कि सिख समुदाय समेत किसी भी धर्म की लड़की को धार्मिक चिह्न धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, लड़की के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटाएगी और वे कानूनी राय ले रहे हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय और सरकार के आदेश में सिख पगड़ी का उल्लेख नहीं है। गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा था कि यदि किसी शिक्षा संस्‍थान ने ड्रेस कोड तय किया है, तो स्‍टूडेंट्स को उसका पालन करना चाहिए।  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, बाइङ्ग्लोरु (ब्यूरो) :

कर्नाटक में बुर्के पर चल रहे विवाद के बीच एक सिख छात्रा को पगड़ी उतारने के लिए कहे जाने का मामला सामने आया है। घटना बेंगलुरु के माउंट कार्मेल पीयू कॉलेज की है। रिपोर्टों के अनुसार कॉलेज प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सिख छात्रा से पहली बार 16 फरवरी 2022 को पगड़ी उतारने को कहा गया था। बताया जा रहा है कि छात्रा के पगड़ी पहनने से कॉलेज प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन हिजाब पहनने वाली छात्राओं के विरोध के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।

कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि 16 फरवरी को जब दोबारा शैक्षणिक संस्थान खुले तो उन्होंने छात्रों को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया। हालांकि, पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा उप निदेशक ने इस सप्ताह के शुरुआत में कॉलेज के अपने दौरे के दौरान, हिजाब में कॉलेज आयी लड़कियों के एक समूह को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया और उनसे इसका पालन करने के लिए कहा। इन लड़कियों ने मांग की कि सिख समुदाय समेत किसी भी धर्म की लड़की को धार्मिक चिह्न धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

जिस सिख छात्रा को पगड़ी उतारने को कहा गया, वह छात्र संगठन की अध्यक्ष भी है। छात्रा के परिवार ने अब कर्नाटक सरकार और हाई कोर्ट से निर्देश जारी करने की माँग की है। छात्रा के पिता का नाम गुरचरण सिंह है जो IT कम्पनी में बड़े अधिकारी हैं। उन्होंने पगड़ी हटाने से साफ मना कर दिया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को अब तक कॉलेज में किसी भी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा है। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब परिस्थितियाँ विषम हैं। कोर्ट के आदेश में कहीं भी सिख पगड़ी का जिक्र नहीं हुआ है। हम इस मामले में सिख समुदाय और वकीलों के सम्पर्क में हैं। हमने कॉलेज प्रशासन से भी बेटी को पगड़ी के साथ पढ़ाई करने की अनुमति देने की माँग की है।”

वहीं कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में छात्रा और उनके परिजनों से मिल कर हाई कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया है। कॉलेज के प्रवक्ता ने बताया, “हमने सभी छात्र-छात्राओं को 16 फरवरी को ही कोर्ट के आदेश से अवगत करवा दिया था। इसके बाद गतिविधियाँ सामान्य रहीं। मंगलवार को प्री-यूनिवर्सिटी एजुकेशन (नॉर्थ) के डिप्टी डायरेक्टर कॉलेज आए थे। वहाँ पर हिजाब पहने लड़कियों का समूह खड़ा था। उन्होंने सभी लड़कियों को ऑफिस में बुला कर उच्च न्यायालय से आदेश से अवगत करवाया।”

कॉलेज प्रवक्ता ने आगे कहा, “हमें सिख पगड़ी पहनने वाली छात्रा से कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन हिजाब वाली लड़कियों ने सिख लड़की के पगड़ी पहनने पर आपत्ति जताई। उन्होंने किसी भी लड़की के किसी भी धार्मिक चिन्ह का विरोध किया। ऐसे में हमने लड़की के पिता से फोन पर बात कर के उन्हें ई मेल भी किया। सिख छात्रा के पिता ने पगड़ी को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया, लेकिन जब दूसरी लड़कियों ने सभी को एक जैसे नियम की बात कही तब हमने उन्हें इससे अवगत करवाया।” डिप्टी डायरेक्टर जी श्रीराम के मुताबिक, “हमें इस मामले को और आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। लड़कियाँ अब मान गईं हैं। किसी को कोई दिक्कत नहीं है।”

चंडीगढ़ मैनेजमेंट एसोसिएशन और एसडी बिजनेस स्कूल ने मनाया नेशनल मैनेजमेंट डे

चंडीगढ़:

             सेक्टर-32 स्थित पीएमएल एसडी बिजनेस स्कूल और चंडीगढ़ मैनेजमेंट एसोसिएशन (सीएमए) की ओर से सोमवार को पीएमएल एसडी बिजनेस स्कूल के सेमिनार हॉल में नेशनल मैनेजमेंट डे मनाया गया। सीएमए के पूर्व प्रेसीडेंट्स, इसके लाइफ मेंबर्स, एसडी बिजनेस स्कूल और एसडी कॉलेज की फैकल्टी व स्टूडेंट्स ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पंजाब यूनिवर्सिटी के डीयूआई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए। कार्यक्रम का थीम ‘मैनेजिंग विद जॉय’ था और इस मौके पर हैपीनेस गुरू पीके खुराना मुख्य वक्ता थे। 

              पीके खुराना ने कहा कि आधुनिक मैनेजमेंट सिस्टम में हमारे पास एक लक्ष्य होना चाहिए, उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए, ठोस मार्केटिंग प्रणाली होनी चाहिए और न सबके साथ एक ऐसी टीम होनी चाहिए जो हमारे विजन का अनुसरण करे। उन्होंने आगे कहा कि हमारा दिमाग खुद सुनी हुई हर बात की अपने तरीके से व्याख्या करता है और कई बार ऐसा होता है कि जो हम सुनते हैं वह कुछ और होता है, लेकिन जो हम समझते हैं वह उससे बिल्कुल अलग हो सकता है। इसलिए कहा जाता है कि किसी को सुनने का भी एक तरीका होता है। सुनना, ध्यान से सुनना, सहानुभूतिपूर्वक सुनना भी एक कला है, एक कौशल है। 

              उन्होंने कहा कि सुनने की कला सभी को सीखनी चाहिए और सामने वाले को प्यार से अपनी बात को समझाना आना चाहिए। ऐसा करने से बहुत सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे और जीवन सुखमय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जीवन के विकास के चार चरण होते हैं। पहला चरण को हम कहते हैं — “जीवन हमारे साथ होता है”। दूसरे चरण को कहा जाता है – “जीवन हमारे लिए होता है”। तीसरा चरण है – “जीवन हमारे अंदर होता है” और चौथा और अंतिम चरण है – “जीवन हमारे द्वारा होता है”।

            चंडीगढ़ मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ.दीपक जिंदल ने कहा कि मैनेजमेंट सभी संगठनों में परम आवश्यक है। चाहे एक व्यावसायिक फर्म हो, सरकार हो,  अस्पताल हो या एक कॉलेज व कोई क्लब हो। मैनेजमेंट एक रचनात्मक शक्ति है जो संसाधनों के सर्वोत्म उपयोग में मदद करती है। और आज का थीम ठीक उसी मिशन से संबंधित है। एसडी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.अजय शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम का थीम दुनिया पर ध्यान केंद्रित करता है और यह आज के समय की जरूरत भी है। इसके निहितार्थ वर्तमान आर्थिक और सामाजिक परिवेश में गेम-चेंजर हैं।

            इस मौके पर पीएमएल एसडी बिजनेस स्कूल के डॉयरेक्टर डॉ.केएल ढींगरा, सीएमए के वाइस प्रेसीडेंट रजनीश मित्तल और महासचिव मनीष कुमार अग्रवाल मौजूद थे।

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका में  मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन

पंचकूला, 21 फरवरी:

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका में प्रधानाचार्य श्रीमती प्रमिला मलिक की अध्यक्षता में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया, जिसका आयोजन राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर श्री सुशील कुमार नोडल ऑफिसर प्रोफेसर सुनीता चौहान द्वारा किया गया।

इस अवसर पर प्राचार्य श्रीमती प्रमिला मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी विद्यार्थी 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर वोटर कार्ड अवश्य बनवाएं। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और मतदान हमारे लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा है। हमें निडर और निष्पक्ष होकर मतदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मतदान एक नागरिक अधिकार है।

इस अवसर पर सुशील कुमार ने विद्यार्थियों को मतदान करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने ‘लोकतंत्र बनता है तभी महान जब हम सब करें मतदान’  का नारा भी दिया।

नोडल ऑफिसर प्रोफेसर सुनीता चौहान ने विद्यार्थियों को मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए प्रेरित किया।  उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में वोटर कार्ड बनवाने के लिए श्री जगबीर सिंह से संपर्क किया जा सकता है।

प्रस्तुत कार्यक्रम जिला निर्वाचन कार्यालय पंचकूला के निर्देशानुसार करवाया गया।

‘एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे’ प्रियंका गांधी वाड्रा

लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रियंका से हिजाब विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे, वह घूंघट लगाना चाहे, वह साड़ी पहनना चाहे या जींस पहनना चाहे। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और ना ही होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘किसी को कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी महिला से कहे कि तुम यह पहनो।’

  • प्रियंका वाड्रा की यही बात क्या स्कूल की लड़कियां भी मानेंगी?
  • क्या सरकार या विद्यालयों कोप अपने परिसरों में किसी भी यूनिफ़ार्म को पक्का करने का अधिकार नहीं है।
  • क्या हिजाब सभी मुस्लिम महिलाओं के लिए ज़रूरी नहीं है?

डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ(ब्यूरो) :

प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करते हुए बिकनी, घूंघट और हिजाब के बारे में ट्वीट करके विवाद खड़ा करने के कुछ घंटों बाद, कांग्रेस नेता कुछ जवाबी हमले के लिए तैयार थीं। जब एक पत्रकार ने पूछा कि कर्नाटक के कॉलेजों में बिकनी पहनने के अधिकार की तुलना कैसे की जा सकती है, तो प्रियंका ने अपना आपा खो दिया और रिपोर्टर पर पलटवार करते हुए कहा कि कोई भी महिलाओं को यह नहीं बता सकता कि क्या पहनना है और कैसे पहनना है। यहां तक कि उसने पत्रकार पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या उसे यह कहने का अधिकार है कि वह अपना दुपट्टा हटा दे। कर्नाटक हिजाब विवाद पर एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, कांग्रेस महासचिव ने कहा, “एक महिला को जो कुछ भी वह चाहती है उसे पहनने का अधिकार है, चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की एक जोड़ी या हिजाब हो। किसी को भी उसे यह नहीं बताना चाहिए कि क्या है। पहनने के लिए।” अधिक

कर्नाटक के हिजाब विवाद का रंग उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर भी चढ़ता दिख रहा है। हिजाब को लेकर जारी विवाद के संदर्भ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को ट्वीट किया कि यह एक महिला का अधिकार है कि वह बिकिनी, जींस या हिजाब पहने या घूंघट निकाले। बाद में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के घोषणापत्र को जारी करने के लिए हुई प्रेसवार्ता में इसे लेकर हुए सवाल पर भी वह बेबाकी से अपने स्टैंड पर कायम रहीं। उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रियंका पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह हिजाब का समर्थन कर महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कर रही हैं।

कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर हुई प्रेसवार्ता में प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल हुआ कि ‘आप कह रही हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए लेकिन आपने बुधवार सुबह हिजाब पर जो ट्वीट किया उससे विकास की धारा कहीं और मुड़ गई है?’ इस पर प्रियंका ने पलट कर सवाल किया कि क्या मैंने हिजाब पर बहस छेड़ी? फिर कहा कि एक महिला को अधिकार है कि वह बिकिनी पहनना चाहे या हिजाब पहनना चाहे या घूंघट काढ़े या साड़ी पहने या जींस। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और न होनी चाहिए।’

इस पर उनसे फिर सवाल हुआ कि स्कूल या शैक्षिक संस्था में बिकिनी कहां से आ गई? जवाब में प्रियंका ने कहा कि आप गोलमोल करके कुछ भी कह सकते हैं। किसी को अधिकार नहीं है कि वह एक महिला से यह कहे कि वह क्या पहने। फिर उन्होंने सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी से तैश में कहा कि मैं आपसे कह रही हूं कि स्कार्फ उतारो। मीडियाकर्मी ने उनसे कहा कि मैं स्कूल में नहीं, प्रेस कान्फ्रेंस में हूं। इस पर प्रियंका ने कहा कि आप जहां भी हों, क्या मुझे आपसे यह कहने का अधिकार है? फिर बोलीं कि मुझे आपसे यह कहने का अधिकार नहीं है।

सत्ताधारी भाजपा की ओर से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया आई। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार कर कहा कि ‘हिजाब का समर्थन करने वाली यह वही प्रियंका हैं जो उत्तर प्रदेश में लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे से यूपी की महिलाओं व बेटियों की आवाज बुलंद करने आई थीं पर यह दुखद है कि आज वह हिजाब का समर्थन कर एक समुदाय विशेष की महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कह रही हैं। महिलाओं की स्वतंत्रता की बात करने वाली प्रियंका ने स्कूल-कालेज में हिजाब का समर्थन करके लोगों को बांटने और नफरत वाली राजनीति का भी समर्थन किया है। स्कूल में न घूंघट चलेगा और न हिजाब।’

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका में तीसरे इंटर कॉलेज स्टेट बेसबॉल टूर्नामेंट का किया जा रहा है आयोजन

पंचकूला, 10 फरवरी :

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्य श्रीमती प्रमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में तीसरे इंटर कॉलेज स्टेट बेसबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। प्रस्तुत टूर्नामेंट के आयोजक प्रोफेसर डॉ कुलदीप बेनीवाल है।
आज टूर्नामेंट के दूसरे दिन खिलाड़ियों में बहुत जोश व उत्साह  देखने को मिला। इस अवसर पर सीआरएम जाट कॉलेज हिसार और जाट कॉलेज रोहतक के बीच मैच खेला गया, जिसमें सीआरएम जाट कॉलेज हिसार 11-7 से विजय रहा। इसके अलावा दूसरा नॉकआउट का मैच अग्रवाल कॉलेज बल्लबगढ़ और एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के बीच खेला गया, जिसमें एसडी पीजी कॉलेज पानीपत ने जीत हासिल की। इसके बाद लीग के मैच स्टार्ट हुए, जिसमें पहला मैच राजकीय महाविद्यालय आदमपुर और राजकीय महाविद्यालय पानीपत के बीच खेला गया। इस मैच में राजकीय महाविद्यालय पानीपत विजय रहा। इसके बाद लीग का ही दूसरा मैच सीआरएम जट कॉलेज हिसार और एमडी और एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के बीच खेला गया जिसमें 12-17 से एसडी पीजी कॉलेज विजय रहा

 पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया एक दिवसीय समावेशन और कल्याण: विकास और मुद्दे’ पर वेबिनार’

Chandigarh February 4, 2022 

Centre for the Study of Social Exclusion and Inclusive Policy (CSSEIP) सामाजिक बहिष्करण और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ द्वारा 4 फरवरी को  ‘एक दिवसीय   वेबिनार” जिसका शीर्षक ‘समावेशन और कल्याण: विकास और मुद्दे’ आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता, डॉ सलिल कुमार, सहायक प्रोफेसर, SGGS कॉलेज, चंडीगढ़, ने जैन धर्म के मतानुसार समावेशन व समावेशी विकास को मानव कल्याण के लिए प्राथमिकता बताकर उसका विश्लेषणात्मक वर्णन किया। स्वागत संबोधन में प्रोफेसर अशोक कुमार, डायरेक्टर, CSSEIP व हिंदी साहित्य की जानी-मानी हस्ती, ने कहा कि धर्म एक व्यापक विचार है, इसको पंथो, सम्प्रदायों की संकीर्णता में नही बाँधना चाहिए। सबको अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा व स्वयं को समाज के लिए सदैव तत्पर बनाकर ही हम समस्याओं का प्रभावी निराकरण कर  सबका कल्याण कर सकते है। वेबिनार का संचालन करते हुए डॉ कंचन चंदन, शिक्षक, CSSEIP, ने कहा कि मानवीय समता, बंधुता व मानवतावादी सोच के साथ ही हम सबका कल्याण कर सकते है और समावेशी समाज बना सकते है।

मुख्यवक्ता डॉ सलिल कुमार ने बताया कि ‘जैन’ क्या? ‘जिन’ शब्द उत्पति हुई है, इसका तात्पर्य है जिसने सब इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली हो। समावेशी समाज के लक्ष्य हम “संयम ही जीवन है”, सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक आचरण/चरित्र को अपने जीवन मे उतारकर प्राप्त कर सकते है। उन्होंने जैन तीर्थंकरों के माध्यम से समावेशन पर बल दिया। उदाहरण के लिए, ऋषभदेव/आदिदेव/आदिनाथ के ‘असि- सुरक्षा, मसि- व्यापार, कृषि – खेती’ को सभ्यता की नींव/ आकार देने वाला बताया। नेमिनाथ ने बलि का विरोध कर अहिंसा को प्रबल किया. महावीर स्वामी ने सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय में पांचवा व्रत ब्रह्मचर्य जोड़ा। जो समाज को स्पष्ट दिशानिर्देश थे कि क्या करना है, क्या छोड़ना है। मुख्यवक्ता ने बताया कि यदि हम जैन मत में शामिल रत्न, व्रत, तप व आचरण को अपने जीवन मे उतारे तो समतामूलक समाज की रचना कर सकते है। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए अनीश्वरवाद व अनेकान्तवाद पर बल दिया।

सभी पंथो, सम्प्रदायों और जातियों को ऊंच-नीच की भावनाओं को त्याग होगा, महिला-पुरूष में भेदभाव समाप्त हो को जैन दर्शन का अभिन्न अंग बताया। विकास व सबके कल्याण के लिए शीलों का पालन व एक-दूसरे के प्रति सदाचरण करना जरूरी है। उन्होंने आडम्बर विहीन व कर्मकांड विहीन समाज की रचना को समावेशी समाज का आधार बताया जिसमे नैतिक मूल्य सर्वोपरि हो। उन्होंने जैन मुनि धर्मप्रज्ञ व भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की पुस्तक ‘सुखी परिवार, समृद्ध राष्ट्र’ के माध्यम से संदेश दिया कि परिवार एक इकाई के रूप में यदि समृद्ध होगा तो हम राष्ट्र को समृद्ध बना सकते है, और नैतिक मूल्यों को जीवन मे अपनाकर ही समृद्ध समाज को यथार्थ कर सकते है, इस सकारत्मक बिंदु पर अपना व्याख्यान समाप्त किया।

प्रोफेसर अशोक कुमार, डायरेक्टर CSSEIP, ने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि हमें जाति-धर्म और लैंगिक भेदभाव को समाप्त कर, धार्मिक संकीर्णताओं को त्यागकर ‘नए भारत’ का सपना साकार कर सकते है। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी प्रोफेसर व CSSEIP के रिसर्च स्कॉलरो ने भी विचारगोष्ठी में भागीदारी की और सामाजिक-आर्थिक व्यवस्थाओं पर ज्ञानवर्द्धन किया व नैतिक मूल्यों को जीवन शैली का अनिवार्य अंग बनाने का दृढ़संकल्प लिया।

डेढ़ साल बाद अब 11 राज्यों में विद्यालय खोलने की गाइड लाइन दी गयी

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही स्कूल, कॉलेज समेत सभी शैक्षाणिक संस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं।  यूनेस्को के अनुसार, दुनियाभर में भारत में सबसे ज्यादा दिन स्कूल बंद रहे हैं। यहां 82 सप्ताह या डेढ़ साल तक स्कूल बंद रहे। यह अवधि मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 के बीच की रही। वहीं इस मामले में युगांडा पहले नंबर पर रहा। यहां स्कूल 83 सप्ताह तक बंद रहे। अब इन 11 राज्यों के विद्यालय खोए जाएँगे। अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, सिक्किम, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा, मणिपुर तथा असम में पूरी तरह से स्कूलों को खोल दिया गया है। पहले इन 16 राज्यों में विद्यालय खोले जाने की अनुमति दी गयी थी। असम, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, मेघालय, केरल, नगालैंड, गुजरात, अंडमान निकोबार, दमन दीव तथा पश्चिम बंगाल में स्कूलों को आंशिक रूप से खोला गया है। 9 राज्यों में स्कूल अब भी बंद हैं, उत्तर प्रदेश, पंजाब, पुडुचेरी, झारखंड, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, बिहार तथा दिल्ली में स्कूल बंद हैं।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुले हैं। वहीं, 16 राज्यों में उच्च कक्षाओं के लिए आंशिक रूप से स्कूल खुले हुए हैं और नौ राज्यों में अभी भी बंद हैं। देश भर के स्कूलों की स्थिति साझा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि सभी राज्यों में कम से कम 95 प्रतिशत शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का टीकाकरण  किया जा चुका है। जबकि कुछ राज्यों ने स्कूलों में सभी कर्मचारियों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए संशोधित दिशानिर्देश भी जारी किया है।

शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसन ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ”व्यापक टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में राज्यों को संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे और माता-पिता की सहमति मांगने का निर्णय राज्यों पर छोड़ दिया गया था।”

विस्तृत चर्चा के बाद केंद्र ने स्कूलों के लिए ये दिशा-निर्देश दिए हैं। दिशा-निर्देशों में स्कूलों को फिर से खोलने और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सीखने की व्यवस्था को डेवलप करने पर जोर दिया गया है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देते हुए कहा कि इन COVID SOP और दिशा-निर्देशों को पालन करने के साथ ही स्वयं के दिशा-निर्देश तैयार करें, जो इन नियमों के अनुकूल हों।

स्कूलों के लिए गाइडलाइंस

  • स्कूल में उचित सफाई और स्वच्छता सुविधाओं को सुनिश्चित करना और निगरानी
  • छात्रों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखना
  • स्टाफ रूम, ऑफिस एरिया, असेंबली हॉल और अन्य कॉमन एरिया में हर समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
  • स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी स्कूल कार्यक्रम न करें जहां सोशल डिस्टेंसिंग संभव न हो
  • सभी छात्रों और कर्मचारियों को फेस कवर/मास्क पहनकर स्कूल आना चाहिए और इसे पूरे दिन पहनना चाहिए
  • मिड-डे मील के वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा जाना चाहिए, क्योंकि छात्रों को अपना मास्क उतारना होगा

वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के मामलों में कमी आई है और एक्टिव केस भी कम हुए हैं। इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट भी घटा है. पिछले 14 दिनों में केस में लगातार कमी आई है। जिसके चलते एक्टिव केस कम हुए हैं. डेली पॉजिटिविटी रेट 21 जनवरी को 17.94% दर्ज किया गया था वो घटकर 10.99% हो गया है।

राजकीय महाविद्यालय कालका में ’वित्तीय जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान का किया गया आयोजन

पंचकूला, 22 जनवरी:

राजकीय महाविद्यालय कालका में कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. डाॅ कुलदीप थिंद की अध्यक्षता में वाणिज्य विभाग की ओर से ’वित्तीय जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुये प्रो. डाॅ. बिंदु ने बताया कि वाणिज्य सोसायटी की प्रभारी डाॅ रागिनी के मार्गदर्शन में वित्तीय जागरूकता और उपभोक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डाॅ मोनिका अग्रवाल (एसोसिएट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-11, चंडीगढ) रही। डाॅ मोनिका अग्रवाल वित्तीय शिक्षा के लिये राष्ट्रीय रणनीति की प्रशिक्षक हैं।  मुख्य वक्त ने आॅनलाईन विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि हमें मनी मैनेजमेंट करना आना चाहिये। पैसे की उपलब्धता अब काफी आसान है। उदाहरण के तौर पर कई स्टार्टअप्स है, जो 10,000 तक की  छोटी राशि भी उधार देते है लेकिन इसके लिये जल्दबाजी न करें। लोन लेने से पहले उसकी पूरी प्रक्रिया को समझे। ब्याज दरों को चैक करें। समय पर लोन चुकाये क्योंकि अब टेक्नोलाॅजी के जरिये ऋणदाता के पास पूरा रिकाॅर्ड होता है।  कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. डाॅ  कुलदीप थिंद ने आॅनलाईन कहा कि वित्तीय जागरूकता हमारी बुनियादी आवश्यकता है और प्रत्येक व्यक्ति के इसका ज्ञान होना चाहिये।