रूसा के तत्वावधान में वॉल पेंटिंग और म्यूरल मेकिंग वर्कशॉप का भी आयोजन

चण्डीगढ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ 06 जून :

पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर -46 के पर्यावरण अध्ययन विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण सप्ताह मनाया गया। इस दौरान पूरे सप्ताह कर्मचारियों और विद्यार्थियों को “फिट बॉडी और फिट प्लैनेट” का संदेश देते हुए साइकिल से कॉलेज आने के लिए प्रेरित किया गया। सेल्फी विद प्लांट ड्राइव का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने एक पौधा लगाते हुए सेल्फी भेजी। पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए अपने कर्तव्य के प्रति छात्रों को प्रेरित और संवेदनशील बनाने के लिए, पर्यावरण संरक्षण वैकल्पिक सेमेस्टर-2 के छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक और “नो मोर एक्सटिंट” नामक एक स्किट प्रस्तुत किया गया।

रूसा के तत्वावधान में वॉल पेंटिंग और म्यूरल मेकिंग वर्कशॉप का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें “केवल एक ग्रह” की थीम को दर्शाएगा। कार्यशाला का आयोजन पर्यावरण अध्ययन विभाग द्वारा ललित कला विभाग के सहयोग से और रूसा द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। कला का काम न केवल परिसर की सुंदरता को बढ़ाएगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण के संदेश को फैलाने में भी मदद मिलेगी।

कॉलेज की प्राचार्य डॉ आभा सुदर्शन ने छात्रों को संबोधित करते हुए अपने आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे व्यक्तिगत स्तर पर की गई छोटी-छोटी कार्रवाइयाँ प्रकृति को उसके प्राचीन रूप में संरक्षित करने में एक लंबा रास्ता तय कर सकती हैं।

कार्यक्रम का आयोजन श्रीमती अरविंदर कौर, रूसा समन्वयक, डॉ. रितु सरसोहा (एचओडी) और डॉ. अमनप्रीत कौर, पर्यावरण अध्ययन विभाग और डॉ. मंदीप गिल, ललित कला विभाग द्वारा किया गया।

पीजीजीसी-46 ने एनएसएस  विंग ने साइकिल रैली निकाली और क्लीनलीनेस ड्राइव चलाया

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ :

पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-46 में विश्व साइकिल दिवस और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एनएसएस  विंग ने साइकिल रैली निकाली और क्लीनलीनेस ड्राइव चलाया। साइकिल रैली को कालेज के डीन डॉ. राजेश कुमार ने झंडा दिखाकर रवाना किया। कालेज के 30 स्टूडेंट्स ने साइकिल रैली निकालकर, लोगो को अच्छे स्वास्थ्य बेहतर पर्यावरण  का संदेश दिया।

 रैली के बाद एनएसएस के 100 वालेंटियर्स ने कालेज के हर्बल गार्डन और कॉलेज ग्राउंड में सफाई अभियान चलाया। कालेज की प्रिंसिपल डॉ. आभा सुदर्शन ने बच्चों को इस प्रयास के लिए बहुत बधाई दी व साथ ही उन्हें सफाई को अपनी आदत में शामिल करने पर बल दिया। इस पूरे कार्यक्रम में प्रोग्राम अधिकारी डॉ ऋतु सरसोहा, प्रो. पूजा गुप्ता, डॉ. अरविंदर सिंह और प्रवीण चौबे भी उपस्थित थे।

मैंगलोर यूनिवर्सिटी का फैसला, हिजाब पहन कर आने पर क्लास नहीं : दूसरी जगह एडमिशन चाहिए तो मिलेगी मदद

कॉलेज में हिजाब पहनने और न पहनने दोनों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। एक तरफ मुस्लिम छात्राएं अपनी शिकायत लेकर वाइस चांसलर और जिला कलेक्टर के पास पहुंची तो वहीं एबीवीपी ने भी हिजाब पर पूर्ण बैन लगाने की मांग की। मुस्लिम छात्राओं के लगातार हिजाब पहनकर कॉलेज आने को लेकर एबीवीपी समर्थित छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया प्रदर्शन कर गुस्सा दिखाया। इन छात्र-छात्राओं का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आ रही हैं और कॉलेज प्रशासन इस पर कोई ऐतराज नहीं जता रहा है। इस बात से नाराज छात्रों ने ऐलान किया कि ये हरकत बंद नहीं हुई तो हम लोग भी केसरिया साफा पहनकर कॉलेज में इसका विरोध दर्ज कराएंगे।

मंगलौर(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट (कर्नाटक) :  

दक्षिण कन्नड़ जिले के एक कॉलेज के अधिकारियों ने शनिवार को हिजाब पहनकर आई छात्राओं को वापस घर भेज दिया। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश की ओर से यह बयान देने के बाद कि कक्षाओं के अंदर केवल वर्दी पहनने वाले छात्रों को ही अनुमति है, यह फैसला लिया गया है। घटना मंगलौर के यूनिवर्सिटी कॉलेज की है। इससे पहले कॉलेज ने सिंडिकेट के फैसले के तहत हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी। हालांकि अधिकांश मुस्लिम छात्राएं शनिवार को बिना हिजाब के कक्षाओं में शामिल हुईं, लेकिन 12 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंची थीं।

कर्नाटक में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश में मलाली मंदिर मस्जिद विवाद और अब एक बार फिर कक्षाओं में हिजाब पहनने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हिजाब का मुद्दा गुरुवार को एक बार फिर राज्य में तब सामने आया जब मैंगलोर के यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और आरोप लगाते हुए परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कुछ मुस्लिम छात्राएं सिर पर दुपट्टा पहनकर कक्षाओं में भाग ले रही थीं। शनिवार को हिजाब पहनकर कुछ छात्राएं कॉलेज पहुंची लेकिन प्रिंसिपल अनुसूया राय ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद वे लाइब्रेरी की ओर गईं लेकिन वहां भी अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद वे वापस लौट गईं।

कॉलेज प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने परिसर में धरने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना था कि मुस्लिम छात्राओं को कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देखकर कॉलेज प्रशासन कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहा है।

भारी विरोध को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने फैसले को वापस ले लिया और कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का आदेश डिग्री कॉलेजों पर भी लागू होगा और इसलिए धार्मिक पोशाक को कक्षाओं के अंदर अनुमति नहीं दी जाएगी।

कॉलेज के VC प्रोफेसर सुब्रह्मण्य यदपादित्या ने कहा, “हमारा कॉलेज शुरू में लड़कियों को यूनिफॉर्म की रंग से मेल खाते हेडस्कार्फ़ को पहनने की अनुमति दी थी, लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर CDC (कॉलेज विकास परिषद) के अध्यक्ष और मैंगलोर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के विधायक वेदव्यास कामथ और सिंडिकेट के सदस्यों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि कक्षाओं के अंदर धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं होगी।”

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश डिग्री कॉलेजों पर लागू होगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति थी। राज्य सरकार की एडवाइजरी, उच्च शिक्षा परिषद और कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी कॉलेजों को यूनिफॉर्म का पालन करना होगा। इसके बाद आदेश को वापस ले लिया गया। VC ने कहा कि छात्राएँ कैंपस में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन कक्षा में नहीं।

VC यदपादित्य ने हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी मुस्लिम छात्राओं की काउंसलिंग को लेकर कहा, “हमें पता चला है कि लगभग 15 मुस्लिम लड़कियाँ क्लास में हिजाब पहनने को लेकर अड़ी हुई हैं। हम इन लड़कियों को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध परामर्श देने के तैयार हैं। इसके बाद बाद भी वे नहीं मानती हैं तो उन्हें उन शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाने में हम मदद करेंगे, जहाँ हिजाब की अनुमति है या जहाँ कोई यूनिफॉर्म नहीं है।”

राजकीय महाविद्यालय कालका में स्वावलंबी भारत अभियान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का किया आयोजन

पंचकूला, 27 मई- राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या श्रीमती प्रोमिला मालिक के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ द्वारा रोज़गार सृजन एवं आत्मनिर्भर भारत ‘स्वावलंबी भारत अभियान’  विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक ने कहा कि भारत सरकार के  उपक्रम आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत  स्वदेशी जागरण  मंच, स्वरोजगार की संभावनाओं को तलाश कर स्वावलंबी बनने का अवसर  प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह मार्ग दिखाता है कि किस प्रकार  युवाओं को अपनी योग्यता को पहचान कर अपने कर्मक्षेत्र में अग्रसर होना है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री कश्मीरी लाल राष्ट्रीय संगठक  स्वदेशी जागरण मंच रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणादायक  कहानियां  सुनाकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि हममें दृढ़ निश्चय , प्रतिभा और आत्मविश्वास होना चाहिए। उन्होंने मीना बिंद्रा की सफलता की कहानी  सुनाई कि कैसे एक छोटे से उद्मोग से काम शुरू करके बांड बीबा को भारतीय महिलाओं के एथनिक परिधानों में  मार्केट लीडर बना दिया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर अंकेशवर प्रकाश अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। डॉक्टर  अंकेशवर  प्रकाश ने विद्मार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत रोजगार योजना निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था को  सुधारने में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का संचालन 1 अक्टूबर 2020 से किया  जा रहा है।
कार्यशाला  में महाविद्यालय  के उद्ममी विद्मार्थियों ने अपने उत्पादों  की प्रदर्शनी भी लगाई गई। स्टार्टअप इन्कयूबेटर,  सेकटर 1 पंचकूला की अध्यक्षा श्रीमती तनु श्री चंद्रा ने अपने उद्ममी विद्मार्थियों के साथ कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई । एम. काम . द्वितीय की कविता , बी. काम. तृतीय के शिवम् ,एम . काम. द्वितीय के सुभाष और पूर्व विद्मार्थी इशांक और शिवानी वर्मा द्वारा लगाई गई काफी आकर्षक और तथा मन लुभावनी थी।
कार्यक्रम का आयोजन उद्ममिता विकास कलब के प्रभारी  प्रो. सुरेश कुमार , डॉक्टर राजीव , प्रो. नीतु चौधरी , डॉक्टर सरिता और प्रो . शीतल मंगला के दिशानिर्देशन में  किया गया।

बंगाल में अब मुख्य मंत्री होंगी विश्वविद्यालयों की कुलपति

बंगाल में सीएम ममता और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद नया नहीं है। कई मुद्दों पर दोनों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। ममता राज्यपाल पर सीधे केंद्र के आदेश थोपने का आरोप लगाती हैं। वहीं, राज्यपाल कहते हैं कि वह जो भी कार्य करते हैं वह संविधान के मुताबिक होता है। चाहे बात विधानसभा का सत्र बुलाने की हो या किसी नए विधायक को शपथ दिलाने की, बंगाल में तकरीबन हर मामले पर सियासी विवाद पैदा हो जाता है। चुनाव बाद राज्य में में हुई हिंसा को लेकर भी सीएम और राज्यपाल में टकराव हुआ था। 

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद जगजाहिर है, लेकिन अब राज्य सरकार और गवर्नर के बीच विवाद और बढ़ता जा रहा है। अब ममता बनर्जी सरकार ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक और दांव चल दिया है। राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री को राज्यपाल की जगह विश्वविद्यालय का कुलपति बनाए जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

विधानसभा में पेश किया जाएगा बिल

शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपति अब गर्वनर न होकर मुख्यमंत्री होंगी। उन्होंने जल्द ही विधानसभा में कानून में बदलाव करके इसे लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपति राज्यपाल होते थे और वही विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करते थे.

ममता बनर्जी की सरकार का कहना था कि कुलपति की नियुक्तियों के लिए राज्यपाल के पास नाम भेजे जाते हैं लेकिन मंजुरी नहीं मिलती है। अब विधानसभा में एक नया बिल लाया जाएगा। इसके बाद कानून में संशोधन किया जाएगा। इसी तरह का फैसला तमिलनाडु की सरकार ने भी लिया था। तमिलनाडु में विधानसभा में बिल पेश करके राज्यपाल से कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार छीन लिया गया था।

तमिलनाडु के सीएम ने उदाहरण दिया था कि पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल नहीं बल्कि राज्य सरकार करती है। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक सहित अन्य कई राज्यों में भी ऐसा ही होता है। 

योगी 2.0 सरकार का पहला बजट पेश, यूपी में पूरे होंगे चुनावी वादे? 

उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी सरकार की तरफ से आज बजट पेश किया गया। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने लगातार 6वीं बार बजट पेश किया। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022-23 के लिए बजट करीब साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये का रहेगा। छह लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख करोड़ रुपये के इस बजट में सरकार के विभिन्न विभागों की जरूरतों और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए प्रावधान किए। बजट में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है और 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना के साथ 60.20 लाख क्विन्टल बीजों का वितरण भी प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में करने के लिये 30 करोड़ रुपये के प्रावधान का भी प्रस्ताव है।

  • उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य का बजट 2022-23 पेश किया।
  • गुरुवार को हाईटेक विधानसभा में पेपरलेस बजट पेश हुआ।
  • 2021-22 का बजट 5.5 लाख करोड़ रुपये का था।

लखनऊ(ब्यूरो) :  

योगी सरकार 2.0 का पहला बजट गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश हुआ। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए। 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए के बजट में योगी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश के 18 मंडलों में प्रत्येक मंडल में 1-1 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इस हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि कामगारों, श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किये जाने हेतु “उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग ” का गठन किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट पेश होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा, “यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं की भावनाओं के अनुरूप है। इसमें गाँव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएँ, श्रमिक और समाज के प्रत्येक तबके को ध्यान में रखा गया है। यह बजट 05 सालों का एक विजन भी है। जिससे प्रदेश के विकास की रूपरेखा तैयार होगी। यह बजट अगले 5 साल के विकास का लक्ष्‍य दर्शा रहा है। इसे उज्‍ज्‍वल भव‍िष्‍य का ड्राफ्ट बजट कहा जाना चाह‍िए।”

बजट की खास बातें

बजट 2022-23 में युवाओं के लिए खास

  • प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से 25 दिसम्बर 2021 से निःशुल्क टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक लगभग 12 लाख टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण हेतु जनपदों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। वहीं लोक कल्याण संकल्प पत्र , 2022 में आगामी 05 वर्षों में 02 करोड़ स्मार्ट फोन / टैबलेट वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिये 1500 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • युवाओं के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई उप्र स्टार्टअप नीति -2020 के अन्तर्गत 05 वर्ष में प्रत्येक जनपद में कम से कम से एक तथा कुल 100 इन्क्यूबेटर्स एवं 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना का लक्ष्य है। जिसके सापेक्ष अब तक 47 इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं तथा 5600 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।
  • प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के समीप ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा सभी मण्डल मुख्यालयों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का संचालन किया गया है। योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जनपदों में किया जा रहा है और योजना हेतु 30 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 03 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के लिये 10 करोड़ रूपयए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी पदक विजेता खिलाड़ियों की सीधी भर्ती के माध्यम से राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था की गई है।
  • जनपद वाराणसी में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिए भूमि क्रय हेतु 95 करोड़ रूपए प्रस्तावित है।
  • खेल के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने हेतु जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास दिनांक 02 जनवरी, 2022 को प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया जिस पर 700 करोड़ रूपए की धनराशि व्यय होगी। विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपए प्रस्तावित है।
  • भारत सरकार की खेलो इण्डिया एक जनपद- एक खेल योजनान्तर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में खेलों इण्डिया सेन्टर्स की स्थापना प्रस्तावित है। खेल अवस्थापनाओं एवं अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रदेश में 36 अवस्थापनाओं का निर्माण किया जा रहा है तथा 06 अत्याधुनिक जिम विभिन्न जनपदों में स्थापित किए गए हैं।

श्रमिक एवं स्ट्रीट वेण्डर के लिए प्रावधान

  • पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किए जाने हेतु प्रदेश के 18 मण्डलों में प्रत्येक मण्डल में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना कराई जा रही है। इस हेतु 300 करोड रूपए प्रस्तावित है।
  • कामगारों / श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किए जाने हेतु ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग’ का गठन किया गया है।
  • शहरी स्ट्रीट वेण्डर्स को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 08 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेण्डिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है। शहरी बेघरों के लिए आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं।

बजट में सामाजिक सुरक्षा के संकल्प

  • वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है। उपरोक्त योजना हेतु 7053 करोड़ 56 लाख रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपए प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के अन्तर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 4032 करोड़ रूपए की व्यवस्था है।
  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रूपए प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, को बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है। प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना हेतु 1000 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • कुष्ठावस्था विकलांग भरण-पोषण योजना के अन्तर्गत 3000 रूपए प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु 01 करोड़ 50 लाख रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • बुजुर्ग पुजारियों, सन्तों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बोर्ड के गठन हेतु 01 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

इसके आलावा भी बजट में बहुत सी खास बातें हैं

  • पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 7373 करोड़ का बजट
  • कृषि क्षेत्र में 5.1 प्रतिशत विकास दर पाने का लक्ष्य। गन्ना भुगतान के लिए 1 हजार करोड़ का बजट। कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु के लिए 100 करोड़ रुपए।
  • योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार के बजट में कुंभ मेला प्रयागराज के लिए 100 करोड़
  • प्रदेश की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार ने अपने पहले बजट में कुंभ मेला प्रयागराज के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की है। स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिए 1353 करोड़ रुपए। बुंदेलखंड की विशेष योजना के लिए 500 करोड़ रुपए की घोषणा की है।

कल्याण सिंह के नाम पर लाई गई उन्नति योजना

कल्याण सिंह के नाम पर ग्राम उन्नति योजना लाई गई है। योजना के तहत गॉँव में सोलर लाइट लगाएगी सरकार।

अयोध्या में होगा सूर्यकुंड विकास, 140 करोड़ मिले

अयोध्या में सूर्यकुंड विकास 140 करोड़ रुपए से होगा। बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाया जाएगा। कानपुर मेट्रो रेल को 747 करोड़ रुपए म‍िले हैं। आगरा मेट्रो रेल को 597 करोड़ रुपए म‍िले है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को 1306 करोड़ रुपए म‍िले हैं।

काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ रुपए की घोषणा

  • बजट में बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ रुपए और नमामि गंगे में जल जीवन मिशन को 19500 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ रुपए की घोषणा व‍ित्‍त मंत्री ने की है।
  • उत्तर प्रदेश में ग्रीन फील्ड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 500 करोड़ रुपए की घोषणा
  • बजट में मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 695 करोड़ और पीडब्‍लूडी की सड़कों के लिए 18500 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है।
  • यूपी के 14 मेडिकल कॉलेजों को 2100 करोड़ का बजट
  • प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिए 897 करोड़ रुपए
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर के किनारे विकास कार्य होंगे

गौरतलब है कि यह योगी सरकार का छठवाँ और प्रदेश की भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है। बजट के केंद्र में भाजपा का लोक कल्याण संकल्प पत्र है जिसमें किए गए वादों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाकर योगी सरकार वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के लिए पुख्ता जमीन तैयार करने की भी कोशिश की है।

जीजीडीएसडी कॉलेज सेक्टर 32 ने वार्षिक समारोह में नवाजे छात्र और छात्राएं

चंडीगढ़, 20 मई

गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज सेक्टर-32 चंडीगढ़ में आज शुक्रवार को हुए वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में पढ़ाई, खेलकूद और अन्य गतिविधियों में अव्वल रहने वाले स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया।  समारोह में चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों में अपनी जगह बनाने और अपने संस्थान व माता-पिता को गौरवान्वित करने के लिए बधाई दी। इस माकुए पर सम्मानित होने वाले कॉलेज के छात्र और छात्रों में स्नेह, हरमनप्रीत सिंह, रिया, अमित छाबड़ा,सृष्टि संगर, नमन संगर, अनन्या पुरी और गौतम कुमार सहित 77 को समारोह में कॉलेज कलर दिए गए। समारोह में सम्मानित होने वाले सभी छात्र और छात्रों को कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर अजय शर्मा ने बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे ही चहुमुखी प्रदर्शन करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।

पीजीजीसी 46 का 35वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित 700 स्नातकों और स्नातकोत्तरों को डिग्री प्रदान की गईशिक्षित और जिम्मेदार नागरिकों के रूप में विद्यार्थी समाज में बहुलतावादी परिवर्तन ला सकते हैं अमनदीप सिंह भट्टी


चण्डीगढ़ : के सेक्टर-46 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज का 35वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आज यहां आयोजित किया गया। इस अवसर पर चण्डीगढ़ के उच्च शिक्षा निदेशक अमनदीप सिंह भट्टी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत देवी सरस्वती को श्रद्धांजलि के रूप में रस्मी दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुई। प्राचार्य प्रो (डॉ) आभा सुदर्शन ने मुख्य अतिथि और अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने डिग्री धारकों की सराहना की और उनके दृढ़ प्रयासों की सराहना की। कला, वाणिज्य, प्रबंधन और कंप्यूटर अनुप्रयोगों के संकायों में 700 स्नातकों और स्नातकोत्तरों को डिग्री प्रदान की गई, जिसमें कला और वाणिज्य में ऑनर्स की डिग्री शामिल है। मेधावी छात्रों को उनकी शैक्षिक उपलब्धियों के लिए 5 रोल ऑफ ऑनर, 10 कॉलेज कलर्स और 14 मेरिट सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए।
श्री भट्टी ने छात्रों को उनके शैक्षिक सम्मान और उपलब्धियों के लिए बधाई दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ग्रैजुएशन समारोह स्नातकों और उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए गर्व का एक बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने स्नातकों को आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ आगे देखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के शिक्षित और जिम्मेदार नागरिकों के रूप में विद्यार्थी समाज में बहुलतावादी परिवर्तन ला सकते हैं। भट्टी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी नैतिकता और सत्य के मार्ग पर चलना है जो हमें परिभाषित करता है है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने ज्ञान को उत्पादक और नवीन प्रौद्योगिकियों में निवेश करें ताकि राष्ट्र के विकास में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कॉलेज को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कॉलेज की प्राचार्या डॉ आभा सुदर्शन को उनकी दृष्टि, उत्साह और समर्पण के लिए बधाई भी दी। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए कॉलेज के संकाय, छात्रों और अन्य कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। उपस्थित लोगों में ट्राइसिटी के कॉलेजों के प्राचार्य और पूर्व प्राचार्य मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज के डीन डॉ राजेश ने किया।

कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ पंचकूला ने अपनी मांगों को लेकर पंचकूला के तहसीलदार के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

  • डीआईटीएस के सभी कर्मचारियों को सेवा नियम का लाभ प्रदान करना तथा 58 वर्ष तक सेवा सुरक्षा प्रदान करने सहित कई मांगें हैं शामिल

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 12 मई :

कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ पंचकूला द्वारा आज अपनी मांगों को लेकर पंचकूला के नायब तहसीलदार हरदेव मेहरा के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।

ज्ञापन के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि भारतीय मजदूर संघ हरियाणा के प्रतिनिधि मंडल के साथ दिनांक 11.09. 2019 को हरियाणा कर्मचारियों की मांगों बारे मीटिंग का आयोजन किया गया था जिसमें जिला सूचना प्रौद्योगिकी समिति डी. आई. टीएस के सेवा नियम बाये-लाज़ जारी करने के निर्देश दिए थे जो पिछले 3 वर्षों बीत जाने के बाद भी आज तक सेवा नियम का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग चंडीगढ़ के पत्र क्रमांक एडमिन/107/3 एस. आई. टी.(17087 दिनांक 21.02. 2022 से सेवा नियम के नाम पर कुछ निर्देश जारी किए गए हैं जिनका लाभ किसी भी कर्मचारी को नहीं हुआ है और ना ही जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृत किए गए हैं कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ मांग पत्र पर निजी तौर पर ध्यान देते हुए सेवा नियम में संशोधित संशोधित करते हुए इसका लाभ (एन.एच.एम /एस.एस. ए.) तर्ज पर सभी कंप्यूटर प्रोफेशनल को लाभ दिलाया जाए।

कंप्यूटर प्रोफशनल संघ पंचकूला की प्रधान विनय शर्मा ने बताया कि उनकी मांगों में Admin/107/3SIT/17087 दिनांक 21 फरवरी 2022 के माध्यम से जारी किए गए सेवा नियम में संशोधन करते हुए विस्तृत सेवा नियम ( एन.एच.एम/एस. एस. ए) की तर्ज पर जारी किए जाना, डीआईटीएस के सभी कर्मचारियों को सेवा नियम का लाभ प्रदान करना, 58 वर्ष तक सेवा सुरक्षा प्रदान करना, डीआईटीएस का केंद्रीयकरण करते हुए बजट का प्रावधान करना, आईटी प्रोफेशनल हरियाणा कौशल रोजगार निगम की बजाएं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग हरियाणा सरकार द्वारा जारी आई. टी. पॉलिसी का लाभ देना शामिल है।

इस अवसर पर जिला कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार, जिला सचिव अंजू बाला, कोषाध्यक्ष अनिल छाबड़ा, प्रदेश से शमशेर तथा जिला कमेटी के सदस्य तथा जिले के कंप्यूटर प्रोफेशनल्स शामिल थे।

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में  खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 के अंतर्गत वलंटियरशिप हेतु विद्यार्थियों का किया साक्षात्कार

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 11 मई :

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रधानाचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक की अध्यक्षता में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 के अंतर्गत वलंटियरशिप हेतु विद्यार्थियों का साक्षात्कार किया गया।  इस कार्यक्रम के प्रभारी राष्ट्रीय सेवा योजना ब्वॉयज़ विंग के इंचार्ज डॉ. प्रदीप कुमार  और राष्ट्रीय सेवा योजना गर्लज़ विंग की इंचार्ज डॉ इंदू रहे।  साक्षात्कार महाविद्यालय के क्रीड़ा क्षेत्र में किया गया। इस अवसर पर लगभग 300 विद्यार्थियों ने साक्षात्कार दिया, जिनमें से 200 विद्यार्थियों का चयन स्वयंसेवक सेवा हेतु किया गया।

महाविद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 में भाग लेने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ‘खेलने-कूदने का लो संकल्प-स्वस्थ रहने का यही विकल्प’। उन्होंने कहा कि खेल व्यक्ति को जीतने की प्रेरणा देता है। हमें पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की ओर भी ध्यान देना चाहिए और खेलों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल न सिर्फ हमें तंदरूस्त रखते हैं बल्कि हमारे चरित्र निर्माण और अनुशासन को बनाये रखने में भी सहायक होते हैं। नियमित रूप से खेल खेलने से मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है। इस अवसर पर प्रो.बिंदू भी उपस्थित थी।