सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस ऑफ साइंस ऑफ साइंस इन इंडिया

एआई के साथ एसपीएसटीआई द्वारा शुरू की गई व्याख्यानों की नई श्रृंखला

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़  06       सितम्बर :

 सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया (एसपीएसटीआई) द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर  आज व्याख्यानों की एक नई श्रृंखला शुरू  की गई, जिसमें अमृत काल (2023-47) में चंडीगढ़ क्षेत्र के सजाए गए शिक्षकों-वैज्ञानिकों द्वारा एक्सपोजरी व्याख्यान शामिल हैं।भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह तीसरी व्याख्यान श्रृंखला, आजादी का अमृत महोत्सव है। हाल ही में संपन्न श्रृंखला, “2047 में India@100 से पहले उत्तर-पश्चिम भारत में संस्थानों के दर्शन”, शिक्षा और नवाचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए सम्मानित शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों को एक साथ ला रही है। इससे पहले, व्याख्यान की पहली श्रृंखला 5 सितंबर, 2021 से 15 अगस्त, 2022 तक आयोजित की गई थी, जिसका शीर्षक था “स्वतंत्र भारत में संस्थान निर्माण और पोषण पहल”। व्याख्यानों की ये दोनों श्रृंखलाएं शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं और राष्ट्र के भविष्य और लोगों की भलाई को आकार देने में उनकी भूमिका पर व्यावहारिक चर्चा के लिए मंच रही हैं।

एसपीएसटीआई ने नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंडिया (एनएएसआई), इंडियन नेशनल यंग एकेडमी ऑफ साइंसेज (आईएनवाईएएस) और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के चंडीगढ़ चैप्टर के साथ-साथ सीआरआईकेसी (चंडीगढ़ रीजनल इनोवेशन एंड नॉलेज क्लस्टर) और फोरम ऑफ रिटायर्ड वाइस चांसलर्स एंड डायरेक्टर्स (एफआरवीसीडी) के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

  इस श्रृंखला का पहला व्याख्यान चैटजीपीटी इन टीचिंग एंड रिसर्च  आज पंजाब विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में आयोजित किया गया, जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय में कार्यरत एक प्रतिष्ठित शिक्षक और प्रसिद्ध बायोकेमिस्ट प्रोफेसर रजत संधीर वक्ता के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर कई सम्मानित हस्तियों ने भागलिया।

एसपीएसटीआई के उपाध्यक्ष प्रोफेसर अरुण के. ग्रोवर ने उद्घाटन भाषण दिया, जिससे दिन की चर्चाओं के लिए दिशा निर्धारित हुई। जय रूप सिंह, संस्थापक कुलपति, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय और जीएनडीयू अमृतसर के पूर्व कुलपति, सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की, दर्शकों को प्रभावित करते हुए कि चैटजीपीटी आजकल प्रचारित किया जा रहा एक अनूठा उपकरण है। उन्होंने यह प्रदर्शित करके गेंद को घुमाया कि कैसे चैट जीपीटी सूरज के नीचे किसी भी चीज को पूरा कर सकता है, यहां तक कि इस घटना की कार्यवाही भी।

संधीर, एक प्रसिद्ध न्यूरोसाइंटिफिक बायोकेमिस्ट, की राय है कि यह एक विघटनकारी तकनीक है और इसका उपयोग सहायक उपकरण के रूप में किया जा सकता है। उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों के उद्भव का  शिक्षा और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। यह छात्रों और शिक्षकों के लिए रोमांचक अवसर प्रदान करता है, जिसमें व्यक्तिगत प्रतिक्रिया, बढ़ी हुई पहुंच, इंटरैक्टिव वार्तालाप, पाठ तैयारी, मूल्यांकन और जटिल अवधारणाओं को पढ़ाने के नए तरीके शामिल हैं। हालांकि, ChatGPT पारंपरिक शिक्षा और अनुसंधान प्रणाली के लिए अलग-अलग खतरे पैदा करता है, जिसमें ऑनलाइन परीक्षाओं पर धोखाधड़ी की संभावना, मानव जैसी पाठ पीढ़ी, महत्वपूर्ण सोच कौशल में कमी और ChatGPT द्वारा उत्पन्न जानकारी का मूल्यांकन करने में कठिनाइयाँ शामिल हैं। इसका उपयोग करते समय ChatGPT की सीमाओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, और इस पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ChatGPT के नैतिक निहितार्थ (जैसे, पूर्वाग्रह और भेदभाव, गोपनीयता और सुरक्षा, प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग, जवाबदेही, पारदर्शिता और सामाजिक प्रभाव) जटिल और बहुमुखी हैं और इन पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए। छात्रों और शिक्षकों के दृष्टिकोण से समग्र शिक्षा के लिए चैटजीपीटी के संभावित अवसरों और खतरों को समझने की आवश्यकता है।

व्याख्यान ने दर्शकों से काफी ध्यान आकर्षित किया और बाद में ज़ूम प्लेटफॉर्म पर दर्शकों से कई इनपुट के साथ एक गहन चर्चा हुई। एसपीएसटीआई के अध्यक्ष आईएएस (सेवानिवृत्त) श्री धरमवीर ने कार्यक्रम को सफल और समृद्ध बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अरुण ग्रोवर, एसपीएसटीआई के उपाध्यक्ष और सचिव प्रोफेसर केया धर्मवीर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर पीयू के कई वरिष्ठ और नवोदित वैज्ञानिक और अन्य विषयों के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। आईएनवाईएएस के सदस्यों डॉ. रोहित शर्मा ने विशिष्ट अतिथि और वक्ता का परिचय कराया।

सरस्वती व जैक एंड जिल में हुआ शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, उकलाना – 05   सितम्बर :

सरस्वती हाई स्कूल व जैक एंड जिल  के प्रांगण में भारत के पहले उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति दार्शनिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन  का जन्मदिन  और कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार  बड़ी धूमधाम से मनाया गया । कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती मां की ज्योत प्रज्वलित करके की गई।इस अवसर पर बच्चों ने  विभिन्न प्रकार के गानों पर नृत्य करके सभी शिक्षकों पर यह दिन समर्पित किया और छोटे-छोटे बच्चों ने राधा कृष्ण की वेशभूषा में अपने नृत्य से सब का मन मोह लिया  दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने डॉ०सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के जन्मदिन पर सभी अध्यापकों के साथ मिलकर केक काटकर अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि आज हम इन्हीं की बदौलत अपने अध्यापकों के साथ शिक्षक दिवस मना रहे हैं। इस अवसर पर अध्यापकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया ।आरडीएम ग्रुप के चेयरमैन डा. के.सी.शर्मा,सरस्वती स्कूल की डायरेक्टर सुनीता शर्मा,मुख्य- अध्यापिका पूनम धीमान ने शिक्षक दिवस और जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक जीवन के आधार स्तंभ हैं शिक्षक न केवल शिक्षा देते हैं बल्कि वह  हमेशा बच्चों को एक नया इंसान बनाने का प्रयास करते रहते हैं  चेयरमैन  ने अध्यापक वर्ग को भी संदेश देते हुए कहा कि एक अच्छा अध्यापक वह होता है जो बच्चों में शिक्षा के प्रति जुनून और ऐसे संस्कार पैदा करें कि जिससे बच्चे में हमेशा  जिज्ञासा  व मेहनत  की ज्योत प्रज्वलित रहे ।इस अवसर श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में श्री कृष्ण के जन्म स्थान मथुरा जेल से लेकर वासुदेव का श्री कृष्ण को यमुना पार करके ले जाना, नटखट गोपाल, पूतना वध, कालिया नाग मर्दन और श्री कृष्ण का गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाने की सुंदर झांकियां  सजाई गई जिसमें नेहरू हाउस प्रथम ,टैगोर हाउस द्वितीय ,नेताजी हाउस तृतीय स्थान पर रहा।बच्चों व सभी अध्यापकों ने भी  वी लव यू टीचर गाना गाकर अपनी शिक्षकों के प्रति मान व सम्मान की भावना अर्पित करते हुए इस कार्यक्रम को समापन किया।

कुलभूषण गोयल ने भवन विद्यालय के शिक्षकों को सम्मानित किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 05 सितम्बर :

भवन विद्यालय सेक्टर 15 पंचकूला में शिक्षक दिवस पर बेहतरीन सेवाएं देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल मुख्य अतिथि रहे। कुलभूषण गोयल ने शिक्षकों को सम्मानित किया। स्कूल की प्रिंसीपल गुलशन कौर ने भवन विद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

कुलभूषण गोयल ने कहा कि अच्छे शिक्षक देश के निर्माता होते हैं जो विद्यार्थियों को तराशते हुए उन्हें राष्ट्र हित का निर्माण करने के लिए दिशा प्रदान करते है।

उन्होंने कहा कि युवा किसी भी देश की रीड़ की हड्डी के समान है और अगर युवा कमजोर होगा तो देश कमजोर होगा। कुलभूषण गोयल ने कहा कि युवाओं को यह संकल्प लेना होगा कि वे नशे से दूर रहेंगे और इसका सेवन नहीं करेंगे। उन्होंने अध्यापकों का आवाहन करते हुए कि वे युवाओं को सही दिशा प्रदान करने का संकल्प यहां से लेकर जाए।

कुलभूषण गोयल ने कहा कि बच्चे के जीवन में उसके माता-पिता से अधिक प्रभाव एक अध्यापक का होता है। एक अच्छा अध्यापक बच्चों में हुनर तराशने के साथ-साथ उन्हें अच्छे संस्कार देता है। उन्होंने कहा कि एक बच्चे के जीवन में अध्यापक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है जो किसी भी विद्यार्थी के लिए प्रेरणा स्रोत होता है।

इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित रहे। 

शिक्षक एक ऐसा दीपक है जो अपने प्रकाश से पूरे समाज में शिक्षा की फैलाता है रोशनी : सुरेश रानी व रेखा

मुनीश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 05  सितम्बर :

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बरवाला इंस्ट्रक्टर सुरेश रानी व रेखा ने शिक्षक दिवस पर बोलते हुए कहा कि शिक्षक एक ऐसा दीपक है जो कि अपने प्रकाश से पूरे समाज में शिक्षा की रोशनी फैलाता है| उसके दिखाए हुए मार्ग पर ही चलकर विद्यार्थी समाज और देश को एक नई दशा और दिशा देता है|

उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है| प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है| जो कि देश के दूसरे राष्ट्रपति श्री सर्वपल्ली राधा कृष्णन का जन्मदिन है| इंस्ट्रक्टर सुरेश रानी व रेखा ने कहा कि शिक्षकों की यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों में शिक्षा की नींव को बहुत ही मजबूती के साथ रखें|

उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर की उत्सुकता को हमें कभी खत्म नहीं करनी चाहिए| शिक्षकों को बच्चों की शिक्षा के प्रति लगन को बनाए रखना चाहिए| प्राइमरी के शिक्षकों को बच्चों को सही और गलत की पहचान जरूर करानी चाहिए| उन्हें बच्चों की समस्या को अलग से हल करने की कोशिश करनी चाहिए| हमें बच्चों को उनकी क्षमता के हिसाब से आगे बढ़ाना चाहिए| बच्चों के अंदर की झिझक को अगर कोई दूर कर सकता है तो वो सिर्फ शिक्षक ही है|

उन्होंने कहा कि शिक्षक को सदैव ही ज्ञान की रोशनी फैलानी चाहिए| हमें शिक्षा को नौकरी समझकर नहीं बल्कि सेवा के रूप में लेना चाहिए|

शिवानन्द चौबे मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आठवें शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 05 सितम्बर :

आज शिक्षक दिवस के अवसर पर शिवानन्द चौबे मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर 46 चंडीगढ़ में आठवें शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया ! शिक्षक दिवस के अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कुमार चौबे और महासचिव सरोज चौबे ने करीब 70 शिक्षकों को सम्मानित किया।

कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ आभा सुदर्शन ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर डॉ. सुदर्शन ने कहा कि शिक्षक अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके छात्र न केवल अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करें , बल्कि प्रबुद्ध नागरिक बनें ! उनके आजीवन प्रयास निश्चित रूप से हमारी कृतज्ञता और मान्यता के लायक हैं। 

अपने संबोधन में संजय कुमार चौबे ने कहा कि हम इस अवसर पर अपने शिक्षकों के प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हैं और ज्ञान के प्रतीक अपने छात्रों के भविष्य को पोषित करने और आकार देने के लिए शिक्षकों को सलाम करते हैं । 

इस अवसर डीन डॉ राजेश कुमार , वाइस प्रिंसिपल डॉ बलजीत सिंह , डॉ मुकेश चौहान , राघवेंद्र यादव , मदन यादव , अरविन्द , डॉ उमा नारंग , डॉ सुरिंदर कौर , डॉ अरविंदर कौर , डॉ पूजा गर्ग , डॉ देशराज , डॉ सिद्धार्थ, डॉ प्रीतिंदर सिंह , डॉ रितु सिरसोहा , डॉ मनीषा गौड़ , डॉ शेफाली अग्रवाल आदि मौजूद थे।

शिप्रा व कनिका को मिला मिस फ्रेशर का खिताब

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 05 सितम्बर :

डीएवी गर्ल्स कॉलेज में मंगलवार को जूनियर स्टूडेंटस के लिए फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया। जिसकी थीम बॉर्बी गर्ल रही। बी कॉम प्रथम वर्ष की शिप्रा व एम कॉम प्रथम वर्ष की कनिका को मिस फ्रेशर के खिताब से नवाजा गया। जबकि मिस थीम का खिताब बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स प्रथम वर्ष की सुजाता व एम ए योगा प्रथम वर्ष की प्रतिभा को दिया गया। मिस स्वीटनेस ओवर लोडिड का खिताब बी कॉम प्रथम वर्ष की प्रियांशी को मिला। मिस एक्सप्रेशन क्वीन का खिताब बीए इंग्लिश ऑनर्स प्रथम वर्ष की मेहर को प्रदान किय गया।

जबकि मिस कॉन्फिडेंस का खिताब बीएससी फैशन डिजाइनिंग प्रथम वर्ष की दक्षिता को प्रदान किया गया। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन ने विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।  छात्राओं ने हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी, वेस्टर्न गीतों पर डांस कर समां बांध दिया। डॉ मीनू गुलाटी व डॉ शिखा ने को-ओडिनेटर की भूमिका अदा की।

डॉ मीनू जैन ने कहा कि कालेज में दाखिला लेने के बाद छात्राओं के नवजीवन की शुरुआत हुई है। छात्राएं जीवन में लक्ष्य को निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए मेहनत करें। समस्याओं से घबराना नहीं बल्कि उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए। जीवन के किसी मुकाम पर छात्राओं को कॉलेज व टीचर्स की जरूरत पडे, तो वे संकोच न करें। कॉलेज व टीचर हमेशा उनके साथ है। उन्होंने छात्राओं से आहवान किया कि अब वे पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाएं। उन्होंने विजेता प्रतिभागियों को बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। छात्राओं ने हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी व वेस्टर्न गीतों पर डांस कर खूब तालियां बटौरी। मिस फ्रेशर व अन्य का चुनाव के लिए पहले राउंड में छात्राओं ने कैटवॉक कर अपना परिचय दिया। दूसरा टैलेंट राउंड रहा। जिसमें उन्होंने गीत, डांस, मिमिक्री इत्यादि की प्रस्तुति दी।

जीवन की हर उलझन को आसान बनाने में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ अंजू बाजपेई 

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 05 सितम्बर :

शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्थान कोशिश ईकाई के   दिव्यांग बच्चों ने  शिक्षक दिवस मनाया। इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों ने यह साबित कर दिया कि हुनर किसी का मोहताज नहीं होता बस एक अच्छे मार्गदर्शक की जरूरत होती है। बच्चे भी शिक्षक बने  और विभिन्न प्रकार  के कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी  का मन मोह लिया। दिव्यांग बच्चों ने इस दिन को और विशेष बना दिया, बच्चों ने अपने अपने अंदाज में शिक्षकों को बधाई दी।कुछ ने लिखकर, स्पीच देकर, म्यूजिक, डांस, स्पोर्ट गेम से शिक्षकों का मन मोह लिया।

उत्थान संस्थान की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में उसके शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। गुरु को  भगवान का दर्जा दिया जाता है।उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों के लिए शिक्षक की भूमिका बहुत अहम भूमिका होती है, क्योंकि बच्चों को सुनने, बोलने, चलने और समझने में कठिनाई ज्यादा होती है, इसलिए ऐसे बच्चों को संभालने में अध्यापकों को ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसी परिस्थितियों को दूर करने के लिए विशेष शिक्षा में डिग्री किए शिक्षक ही दिव्यांग बच्चों को अच्छी तरह से देखभाल और उन्हें आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

उन्होंने  सभी को शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए दो पंक्तियां शिक्षक दिवस पर कही.”गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया जीवन की हर मुश्किल और उलझन को आसान बना दिया।गुरु की कृपा ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया। कोशिश इकाई के प्रिंसिपल रविंद्र मिश्रा कहा की यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजन अपना जीवन स्वतंत्र रूप से और सम्मान के साथ व्यतीत कर सकें। यह सुनिश्चित करना भी हमारा कर्तव्य है कि उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो, वे अपने घरों और समाज में सुरक्षित रहें।

भारतीय संस्कृति और परंपरा में दिव्यांगता को ज्ञान प्राप्ति और उत्कृष्ट बनने में कभी बाधा नहीं माना गया है तथा प्रायः देखा गया है कि दिव्यांगजन दिव्य-गुणों से युक्त होते हैं। दिव्यांगजनों में सामान्य लोगों की तरह ही प्रतिभाएं और क्षमताएं मौजूद होती हैं और कभी-कभी उनसे कहीं ज्यादा होती हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनमें सिर्फ आत्मविश्वास उत्पन्न करने की आवश्यकता है। मौके पर उत्थान संस्थान से स्वाति,हनी तोमर और सुमित सोनी मौजूद रहे।

राजकीय महाविद्यालय रायपुर रानी में राष्ट्रीय सेवा योजना समिति के तत्वाधान में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 05 सितम्बर :

राजकीय महाविद्यालय रायपुर रानी में राष्ट्रीय सेवा योजना समिति के तत्वाधान में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा स्वयंसेवकों को नशा मुक्ति अभियान, Drug Abuse, पर्यावरण सुरक्षा, प्लास्टिक मुक्त हरियाणा जैसे विषयों के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस कार्यक्रम में एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लिया गया।

निर्णायक मंडल में महाविद्यालय के टीचिंग स्टाफ से श्रीमती कविता, श्रीमान सुनील दत्त शर्मा एवं श्रीमती अंजू बूरा ने अहम भूमिका निभाई। इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल द्वारा बीए तृतीय वर्ष से प्रथम स्थान कुनालिका, द्वितीय स्थान मनु कुमारी तथा तृतीय स्थान अनु को प्रदान किया गया। प्रथम तीन चयनित पोस्टरों को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्तरीय पोस्टर चयन कमेटी के पास भेजा गया।

पूरे कार्यक्रम की रुप-रेखा महाविद्यालय के प्राचार्य श्री नरेंद्र आंचल के दिशा निर्देशन में बनाई गई। प्राचार्य द्वारा स्वयंसेवकों को जीवन में नशे से दूर रहने एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया गया। पूरे कार्यक्रम का आयोजन एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर श्रीमती रितू व डाॅ मनदीप चहल की देख-रेख में हुआ।

महाविद्यालय के टीचिंग स्टाफ से श्रीमती मनीषा रंगा, डाॅ रोहित भुल्लर, श्रीमती मनदीप कौर अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य द्वारा स्वयंसेवकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।

जल के बिना असंभव है जीवन की कल्पना : रजनी गोयल

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 05 सितम्बर :

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के सौजन्य साढोरा खंड के पीएम श्री गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सरावां में शिक्षक दिवस के अवसर पर जल संरक्षण पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती मीना गर्ग ने की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो की जिला सलाहकार रजनी गोयल ने शिरकत की और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जल संरक्षण के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती इसलिए समय रहते पानी को बचाना होगा और जरूरत के अनुसार पानी का इस्तेमाल करना होगा।

उन्होंने बताया कि हमारे कृषि, उद्योग-धंधे और दैनिक उपयोग की हर चीज जल पर ही निर्भर है। अतः जल का सदुपयोग करें इसका दुरुपयोग कदापि न करें। इस अवसर पर उन्होंने पानी बचाने के टिप्स भी बताएं।  विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-180- 5678 के बारे में अवगत कराया और बताया कि इस नंबर पर पानी व सीवरेज से संबंधित समस्याओं का निवारण किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि पानी से संबंधित टेस्टिंग के लिए जिला में लैब भी है और आप साडोरा पब्लिक हेल्थ कार्यालय में जाकर आप अपने पानी का सैंपल देकर भी पानी की सैंपल की जांच करवा सकते हैं जो की निशुल्क है।

स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती मीना गर्ग ने कार्यक्रम करने पर जिला सलाहकार रजनी गोयल का धन्यवाद किया। इसके अलावा  प्राइमरी स्कूल में भी स्कूली बच्चों को पानी बचाने बारे जागरूक किया गया।

इस अवसर पर बीआरसी मुनीष कुमार,अध्यापक रणजीत सिंह, हर्ष, राजेंद्र कुमार,नरेश, अंजलि, रीना, मुख्य शिक्षक लालचंद, सुनील कुमार, श्रीमती बलकार कौर एवं पंप ऑपरेटर करमचंद, सतपाल आदि उपस्थित रहे।                                          

खण्ड़ शिक्षा अधिकारी ज्योति सभ्रवाल ने दी अध्यापकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

  • अध्यापक बच्चों/युवाओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ नैतिकता का सबक भी पढाये, मेहनत और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर जिंदगी में आगे बढने का ज्ञान भी दें : ज्योति सभ्रवाल

नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 05 सितम्बर :

    खण्ड़ शिक्षा अधिकारी ज्योति सभ्रवाल ने शिक्षक दिवस की सभी अध्यापकों एवं अन्य लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक ही है जो विद्यार्थी को आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करते है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ उन्हें नैतिकता, इनसानियत का सबक भी पढ़ाते है। हमारे देश की सभ्यता, संस्कृति और धार्मिक ग्रंथो में भी कहा गया है कि गुरू भगवान से भी बढकर होता है। कबीर जी ने एक दोहे में गुरू की महिमा बताते हुए कहा है कि गुरू गोविन्द दोऊ खड़े काके लांगू पायं बलिहारी गुरू आपने जिन गोविन्द दियो बताय। उन्होंने कहा कि देश और समाज को सही राह पर ले जाने में शिक्षकों की भी मुख्य भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि अध्यापक बच्चों/युवाओं को मात्र किताबी ज्ञान या मात्र डिग्री हासिल करवाने की ही न पढाई करवाए, बल्कि नैतिकता का सबक भी पढाये, मेहनत और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर जिंदगी में आगे बढने का ज्ञान भी दें। 

    बता दें कि विश्व के अनेक  देशों में शिक्षकों को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। वैसे तो भारत में अपने गुरु को आदर व् सम्मान देने की एक पवित्र परम्परा प्राचीनकाल से उपलब्ध है फिर भी भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितम्बर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी।   बॉक्स- सहायक प्रोफैसर डॉ. निर्मल सिंह का कहना है कि शिक्षक, विद्यार्थी और शिक्षा में वह कड़ी है जो समाज की अन्य सभी कडिय़ां को जोड़ती हैं। आज जरूरत केवल किताबी ज्ञान की ही नहीं, अपितु नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षा की है। वैसे भी समाज को यह नहीं भूलना चाहिए जन्मदाता से ज्यादा महत्व शिक्षक का होता है। सफलता किसी की भी हो उस नींव में अहम योगदान शिक्षक का ही होता है। बिना शिक्षक न तो कोई व्यक्ति महान बन पाया है न ही बिना गुरु-शिष्य कोई देश महान बनने का सपना देख सकता है।

राजकीय सीनीयर सैकण्डरी स्कूल जटवाड़ की प्रिंसीपल नीलम शर्मा ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक शिक्षक अपने बच्चों को सही शिक्षा, प्रेरणा, सहनशीलता, व्यवहार और सही मार्गदर्शन देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाता है एक आदर्श शिक्षक श्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण होता है।

सहायक प्रोफैसर डॉ. सुमन लता ने कहा कि टैक्नोलॉजी ने शिक्षक के भाव, भूमिका और भविष्य तीनों पर भारी दबाव बना दिया है। टैक्नोलॉजी शिक्षा व्यवस्था का स्थाई घटक बन चुका हैं। गूगल, इंटरनेट का माया जाल, मीडिय़ा और सोशल मीडिय़ा का सूचना संसार जिस तरह की ज्ञान संरचना गढ़ रहा है, वह नई तरह के दबावों के निर्माण  की वजह बन रहा है। बाजार के प्रभावों से उपजी संस्कृति ने शिक्षा और शिक्षक की भूमिका को पूरी तरह बदल दिया।

शिक्षाविद् रजनीश शर्मा ने कहा कि 5 सितंबर को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। विद्यार्थी अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी करते हैं। इस दिन कई स्कूलों में विद्यार्थी खुद शिक्षक बनते हैं। साथ ही वे उन गुरुओं को भी याद करते हैं, जो स्कूल छोड़ चुके होते हैं। 

हिन्दी प्राध्यापक रघुवीर सिंह का कहना है कि हिन्दी भाषा का महत्व इसी बात से पता चल जाता है कि यह आज जन-जन की भाषा बन चुकी है यह सबसे शुद्ध भाषा है जैसे लिखी जाती है वैसे ही बोली जाती है। इसके उच्चारण में कोई भी शब्द साइलेंट नहीं होता। इसका जन्म देव भाषा  संस्कृत से हुआ है इसलिए यह और भी पूज्यनीय बन जाती है।