बेहतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल जरूरी : डॉ आई के पंडित
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 18 दिसम्बर :
डीएवी डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यमुनानगर में कॉलेज के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर आई के पंडित की अध्यक्षता में फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया। इस दौरान बीडीएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्या मंगला एवं समाजसेविका गुरमीत कौर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व डॉ आइके पंडित द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। डॉक्टर पंडित ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डीएवी डेंटल कॉलेज उत्तर भारत का प्रतिष्ठित डेंटल कॉलेज है और यहाँ से शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों ने समाज के अलग अलग क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इस अवसर पर डॉक्टर दिव्या मंगला ने कॉलेज के विद्यार्थियों को मानसिक रोगों एवं तनाव से दूर रहने के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्तित्व के लिए एक स्वस्थ मानसिकता का प्रमुख माना जाता है। डॉ मंगला ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी तनाव से ग्रसित है और यह सब आधुनिक जीवन शैली में स्वाभाविक होता है लेकिन इससे बचने के लिए स्वंम को समय देना और मानसिक व शारिरिक योग करना जरूरी होता है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए स्वंम आंतरिक शक्ति को पहचानने की आवश्यकता होती और तनाव से दूर रहने के लिए हमारे सामाजिक सम्बन्धों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
कॉलेज के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ आई के पंडित ने बीडीएस के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को पारिवारिक माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं भी कॉलेज प्रबंधन समिति द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही है। डॉ पंडित ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के मानसिक व शारिरिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है और इसके लिए जीवन मे अनुशासन की आवश्यकता होती है।
डॉ पंडित ने कार्यक्रम आयोजन समिति को भी बधाई दी। मौके पर मिस वेनी ने नए छात्रों का मनोबल बढ़ाने और उनकी मानसिक शक्ति बनाए रखने के लिए अपने सुझाव दिए।
कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में डॉ.श्रुति, डॉ. जरीना, डॉ. आस्था, डॉ. राजीव और डॉ. सुमीत का विशेष योगदान रहा।