- प्रबन्धों पर काबिज़ परिवार कर रहा था मनमानी
- हर साल चढ़ते करोड़ों के चढ़ावे ने बिगाड़ा खेल
- कोरोना से पहले रोज़ाना होता था हिसाबः संत सतविन्दर हीरा
- प्रबन्धों पर काबिज़ सुरिंदर दास ने भाई-भतीजावाद के आरोपों से किया इन्कार, इसके विपरीत पुरानी कमेटी पर लगाए गए हेरफेर के आरोप
तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 07 सितंबर :
पूरे भारत में प्रसिद्धी प्राप्त सत्गुरू रविदास जी महाराज चरणों से स्पर्श करने वाले इतिहासिक स्थान श्री चरणछोह गंगा खुरालगढ़़ साहिब का प्रबन्ध आजकल विवादों के घेरे में है। चाहे समय समय पर विवादों में रहने के कारण कई बार संगतों को निराशा का सामना करना पड़ा, पर हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई राष्ट्रीय कैशियर रह चुके अमित की चिट्ठी ने हलचल मचा दी है। देश-विदेश तक की संगतों तक पहुंची इस चिट्ठी में अमित की ओर से प्रबन्धक कमेटी से पिछले सालों का हिसाब पूछने तथा कमेटी की ओर से कोई हिसाब पेश न करने का ज़िकर भी किया गया है जिसने संसार स्तर की संगतों के मध्य हिसाब-किताब में हो रहे गबन पर शक को गहरा कर दिया है।
ज़िक्रयोग है कि प्रबन्धों तथा हिसाब किताब को लेकर प्रबन्धकों के बीच में कई बार लड़ाई झगड़ा होने की भी खबरें आई। पिछले कई दहाकों के दौरान गुरू घर में दो गुटों के दरमियान हुये झगड़े में पर्चे भी दर्ज हुये, जमानतें भी हुई और अदालत में केस भी चल रहे हैं। पिछले समय से यहा की प्रबन्धक कमेटी के आपसी विवाद काफी चर्चा में हैं।
राष्ट्रीय कैशियर की वायरल चिट्ठी से विवाद गर्मायाः
श्री चरण छोह गंगा खुरालगढ़ साहिब कमेटी में अब नया विवाद उस समय सामने आया जब आल इण्डिया आदि धर्म मिशन (रजि.) भारत के पूर्व राष्ट्रीय कैशियर अमित कुमार पाल ने एक चिट्ठी प्रबन्धक कमेटी गुरू घर को पालकी साहिब तथा आदि धर्म मिशन का हिसाब पूछने के जवाब में लिखी गई जोकि अमित पाल की ओर से राष्ट्रीय कैशियर के ज़िम्मेवारी निभाते हुये खर्च किये गये पैसे का हिसाब तथा अपनी जेब में से खर्च किये पैसे लेने सम्बन्धी लिखा गया था। जिसके बारे में राष्ट्रीय चेयरपर्सन कमलेश कौर घेड़ा, राष्ट्रीय प्रधान संत सतविन्दर हीरा, पंजाब प्रधान ज्ञान सिंह दीवाली, गुरूघर के प्रधान सुरिन्द्र कुमार, दिल्ली प्रधान ओम प्रकाश, गुरूघर के चेयरमैन अजीत राम खैतान, जनरल सचिव बलवीर धांदरा, सचिव राम किशन पल्ली झिक्की तथा दर्जा बादर्जा सभी पदाधिकारियों को अवगत करवाया। इस वायरल हुई चिट्ठी में अमित ने दोष लगाया कि मुझे पुराना हिसाब देने की बजाये बिना कोई नोटिस दिये केन्द्रीय कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा गया। चिट्ठी के अनुसार 2019 में एक प्रस्ताव पारित करके प्रचार के लिए पालकी साहिब खरीदने तथा इसको तैयार कराने पर लोन तथा अपने नाम करवाने के लिए राष्ट्रीय कैशियर अमित पाल द्वारा ज़िम्मवारी सम्भाली गई। इस प्रस्ताव पर संतविन्दर हीरा, अजीत राम खैतान, सुरिन्द्र कुमार, नाजर राम मान, सरूप चंद, प्रैस सचिव बलविन्दर ने नानोवालिया, बलवीर धांदरा, राम किशन पल्ली, झिक्की, सुरजीत सिंह ललतो, अमरजीत सिंह ललतो, जरनैल सिंह जनरल सचिव भारत, राम रत्न, पी.एल.सूद, गेजा राम सहित बहुत सारे मैंबरों ने सहमति जताई तथा और पत्र में उल्लेख किया है कि वे सही हैं। राष्ट्रीय कैशियर अमित ने आरोप लगाया कि चूंकि लोन मेरे नाम पर होने के कारण पालकी साहिब की लोन की किशत 19,350 रूपये मैं खुद ही जमा कर रहा हूं, गुरू घर कमेटी को बार-बार कहने पर भी किशत नही दी जा रही । रुपये की किस्त जमा कर रहा हूं।राष्ट्रीय कैशियर अमित की चिट्ठी से देश विदेश की संगते उस समय स्तब्ध रह गई जब अमित ने बताया कि 12 अप्रैल 2024 को 13 अप्रैल के वैशाखी के कार्यक्रमों में शामिल होने पर गुरूघर नतमस्तक होने के लिए श्री चरणछोह गंगा खुरालगढ़ साहिब सत्संग घर के साथ लगते कमरों में ठहरे थे। जहां सेवादार प्रीतम दास मल्ल, निरपिंदर कुमार, सुखदेव सिंह नूरमहल तथा एक और साथी भी उपस्थित थे। 13 अप्रैल सुबह समय करीब 6.00 बजे सुखदेव सिंह नूरमहल प्रधान सुरिन्दर के लड़के लाडी से बिजली बन्द होने सम्बन्धी पूछताछ करने के लिये गया तो लाडी ने पूछा कि आपके कमरे में कौन कौन सोया था तो मेरा नाम लेने पर उसने कहा कि उस चोर को उस कमरे में क्यों सुलाया है, वो तो गुरूघर के खाते में से 12 लाख रूपये खा गया है। यहां ही बस नही सुरिन्दर का बड़ा लड़का कहता है कि जून 2023 केा अमित ने गुरूघर के खाते में से तीन लाख रूपये निकलवा कर अपने लड़के को कैनेडा भेजा है। अमित ने इन दोषों को निराधार बताते हुये कहा कि 11 जून 2023 को लुधियाना में हुई आदि धर्म समागम पर 4 लाख से अधिक रूपये खर्च हुये थे। मैने कई बार कहा कि मेरे साथ हिसाब करो। अमित ने बताया कि मैंने सारा हिसाब कमेटी के हवाले किया है पर मेरी 356509 रूपये की राशि ऑल इण्डिया आदि धर्म धर्म मिशन की तरफ बकाया है तथा पालकी साहिब के लिए खर्च किये 192773.60 रूपये लेने हैं। चाहे यह चिट्ठियां सोशल मीडिया पर लाखों गुरू रविदास नामलेवा संगतों ने पढ़ ली हैं पर गुरूघर श्री चरणछोह गंगा खुरालग़ढ़ साहिब में सलाना करो़ड़ों का चढ़ावा है तथा हिसाब सार्वजनिक करने के लिये गुरूघर प्रबन्धक कमेटी तथा ऑल इण्डिया आदि धर्म मिशन (रजि.) दोनों पल्ला झाड़ रहे हैं।
संत सतविन्दर हीरा का पक्षः-
इस सम्बन्धी संपर्क करने पर संत सतविन्दर हीरा राष्ट्रीय प्रधान ऑल इंडिया आदि धर्म मिशन ने कहा कि वायरल हुई चिट्ठी में राष्ट्रीय कैशियर अमित की ओर से बताई गईं बाते काफी हद तक वाजिब हैं। प्रबन्धों की जानकारी देते उन्होंने बताया कि कोरोना शुरू होने तक रोज़ाना हिसाब होता था तथा रोज़ाना बुक में चढ़ता था क्योंकि उस समय मैनेजर, कैशियर तनख्वाह पर रखे हुये थे। जब यह पूछा गया कि हिसाब ठीक है तो राष्ट्रीय कैशियर अमित के साथ बैठकर हिसाब क्यों नही करते तो संत हीरा ने कहा कि यह मौजूदा प्रबन्धक कमेटी का काम है। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त को हुई मीटिंग में संत सुरिन्दर दास ने माना कि हम बकाया रहते पैसे अदा कर देंगे।
पूर्व कैशियर रामपाल लाल विरदी का पक्षः
इस सम्बन्धी गुरूघर के पूर्व कैशियर राम लाल विरदी ने कहा कि वो 2012 से 2016 तक कैशियर रहे तथा उस समय सारा हिसाब रोजाना रजिस्टर पर दर्ज होता था। उन्होंने बताया कि 2016 में गुरूघर की सलाना आमदन करीब एक करोड़ रूपए तक पहुंच चुकी थी तथा मैं सारा हिसाब नव-नियुक्त कैशियर तथा प्रबन्धक कमेटी को सौंप देता था।
क्या कहते हैं संत सुरिन्दर दासः
इस समन्धी चरणछोह गंगा श्री खुरालगढ़ साहिब ने प्रबन्धों पर काबज़ संत सरिंदर दास ने कहा कि उन पर लगाए गए भाई-भतीजावाद के आरोप बिल्कुल निराधार हैं। वायरल हुई चिट्ठी में लगाये दोषो सम्बन्धी उन्होंने बताया कि वो खुद कहते हैं कि राष्ट्रीय सचिव रह चुके अमितपाल को हमारे पास आकर हिसाब देना चाहिये पर वो आने को तैयार नही। उन्होंने उल्टा सवाल किया कि वहां मौजूद कैशियर को आधा-अधूरा हिसाब देकर गया है। हमारे पास बैंकों की पूरी स्टेटमैंट हैं। हम तथ्यों के आधार पर बात करेंगे अगर हमारी तरफ बकाया निकलता है तो हम पूरी तरह देने के उत्तरदायी होंगे।