Amendment to CrPC has been proposed for NRI marriage issue: Maneka

Union Women and Child Development (WCD) Minister Maneka Gandhi


The problem of women being abandoned in NRI marriages is a grave issue and the government of India has taken steps to provide coordinated support to women facing problems in their marriage to NRIs


Union Women and Child Development Minister Maneka Gandhi on Friday said that amendment to Code of Criminal Procedure has been proposed for better tackling of issues related to NRI men abandoning wives in India and absconding.

“Amendment to CrPC has also been proposed, wherein in case an erring spouse does not appear after the summons has been uploaded, he will be declared a proclaimed offender,” she tweeted after she attended a seminar on “NRI marriages and trafficking of women and children” here.

“The problem of women being abandoned in NRI marriages is a grave issue. For the first time, the government of India is providing coordinated support to women facing problems in their marriage to NRIs,” she wrote.

Gandhi also said that based on the recommendations by NCW, the Integrated Nodal Agency (INA) has been issuing Look-Out Circulars (LoCs) to absconding husbands in cases of NRI Marriages.

“Till now, 6 LoCs have been issued. MEA has also revoked passports of erring husbands,” she said.

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए खट्टर सरकार अध्यादेश लाये- सुरजेवाला

वार्षिक वेतन बढ़ौतरी, प्रमोशन, एलटीसी, सीसीएल सुविधाएं रोकना कर्मचारी विरोधी मानसिकता
कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ किया जाएगा पूरा न्याय


चंडीगढ़, 28 जुलाई

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश के 4,654 कर्मचारियों की वार्षिक वेतन बढ़ौतरी, प्रमोशन, एलटीसी, सीसीएल सुविधाएं बंद करने के कर्मचारी विरोधी निर्णय को वापस लेते हुए अध्यादेश लाकर और विधानसभा का मॉनसून सत्र में बिल के माध्यम से ऐसे सभी प्रभावित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है।
खट्टर सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए श्री सुरजेवाला ने याद दिलाया की सरकार ने पहले इन कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनको रेगुलर करने के लिए अध्यादेश लाया जाएगा, लेकिन अब वायदे से पलटते हुए सरकार ने इन कर्मचारियों के भत्ते व सुविधाएं रोककर साफ कर दिया है कि यह सरकार झूठ व फरेब की नीति अपना रही है।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के अस्थाई कर्मचारियों का दु:ख दर्द समझती है और दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।यदि भाजपा सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को उनका हक नहीं दिया तो आठ महीने के बाद कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाएगा।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत शुरू से ही ठीक नहीं थी और अपना राजनीतिक उल्लू साधने के लिए कर्मचारियों के भविष्य से खेल रही थी, जिसके कारण 2014 में पहले सरकार ने इस पॉलिसी पर रोक लगाई और बाद में हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल कार्यालय ने भी इन रेगुलाइजेशन पॉलिसियों पर दिए गए अपने लीगल ओपिनियन में गलत तथ्यों का हवाला देकर इन पॉलिसियों को कानून के खिलाफ बताया था। इससे साफ हो जाता है कि इस सरकार का असली मकसद शुरू से ही हजारों अस्थाई कर्मचारियों को रेगुलर होने से वंचित रखना था।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार कर्मचारियों का आश्वासन देती रही कि अध्यादेश व एक्ट लाकर कर्मचारियों की नौकरी बचाई जाएगी, लेकिन अब इसी खट्टर सरकार ने अपने वायदे से पलटते हुए कर्मचारियों की सभी सुविधाएं व भत्ते रद्द कर दिए हैं। सरकार का यह कदम कर्मचारी विरोधी नज़रिये को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मंशा साफ है तो सरकार को तुरंत विधानसभा का सत्र बुलाकर इन कर्मचारियों की नौकरी बचाए तथा अन्य कर्मचारियों को भी रेगुलर करे।

कुमारस्वामी के सत्संग के लिए निगम ने कुमारस्वामी को ही दिया जबरन वसूली का ठेका


अचानक ही पंचकूला की सभी शोरूम मार्केट में रातों रात पेड पार्किंग के बोर्ड लगाकर पेड पार्किंग शुरू कर दी गई है ! हर तरह से जनता का गला घोटने मैं कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही


नगर निगम पंचकूला ने आज पंचकूला की मेन शोरूम मार्केटस् की पार्किंग को पेड बना डाला ! यह सभी पार्किंगस रातों रात पेड बना दी गई ! पिछले कुछ महीने से नगर निगम पंचकूला शहर के नागरिकों के हितों को नजरअंदाज करते हुए अपने कार्य कर रहा है ! शहर में प्रत्येक सेक्टर में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन बनी हुई है ! नगर निगम को शहर के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले शहर के नागरिकों अथवा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनस को विश्वास में लेना चाहिए ! लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा ! पिछले कई महीने से शहर के नागरिक नगर निगम की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं लेकिन कभी कोई सुनवाई नहीं हुई या यूं कहिए कि उनकी आवाज़ को कोई तवज्जो ही नहीं दी गई !


व्यापार मंडल पंचकूला ( रजि.) नगर निगम द्वारा शहर में की गई पेड पार्किंग का विरोध करता है ! इस संबंध में सभी व्यापारियों की एक बैठक बुलाई जाएगी और नगर निगम से आग्रह किया जाएगा कि इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और इस निर्णय को खारिज करें !

Kuldeep Chitkara, President


आज एक बार फिर पेड पार्किंग का जो निर्णय जनता पर थोप दिया गया है वह निर्णय अत्यंत अनुचित है ! शहर के नागरिकों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को विश्वास में लिए बगैर ऐसा निर्णय किया गया है ! इस वक्त मार्केट में जाने वाले सभी नागरिक पार्किंग फीस देने को मजबूर हो रहे हैं ! उनसे पार्किंग फीस वसूलने के लिए धक्केशाही की जा रही है ! नगर निगम के इस कदम का विरोध करने के लिए और इस पर विचार करने के लिए आज दोपहर 3:00 बजे रेड बिशप पंचकूला में मीटिंग बुलाई जा रही है ! शहर के सभी प्रबुद्ध वर्ग से एवं वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से अनुरोध है कि वह इस मीटिंग में आएं और अपने विचार रखें ताकि आगे की रूपरेखा बनाई जा सके !
सीमा भारद्वाज पंचकुला


बाबा कुमार स्वामी के दो दिन के सत्संग के लिए बिना कोई टेंडर निकाले, बिना शहर की जनता को बताए बेच डाली सैक्टर की पार्किंग….. बाबा के नुमाइंदे दो दिन लेंगे पार्किंग फीस… शोरूम में बैठे दुकानदारों भी हो रहे इस गुंडा गर्दी का शिकार…. ज़बरन उनके वाहन की फीस रहे वसूल


 

एनएसयूआई हरियाणा का आज “जवाब दो हिसाब दो” अभियान

“जवाब दो हिसाब दो” अभियान के तहत पंचकूला से चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए किया कूच।

इस अभियान में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फीरोज़ खान, गीता भुक्कल, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु
बुद्धिराजा मौजूद।

भाजपा सरकार से घोषणा पत्र का जवाब व वायदों का हिसाब लेने के लिए , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन , एनएसयूआई हरियाणा ने पंचकूला के सेक्टर 8-18 के चोंक से लगभग प्रातः 12 बजे सीएम से प्रश्नों का जवाब लेने के लिए सीएम आवास के घेराव का विशाल आंदोलन आयोजित किया।एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा द्वारा किया गया था जिसमे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करी और झज्जर से विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन कुंडू , एनएसयूआई हरियाणा के प्रभारी व राष्ट्रीय सचिव बिट्ठल शर्मा आदि ने विशेष तौर पर पहुंचकर छात्रो को सम्भोधित किया और आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए सीएम आवास घेराव के लिए कूच किया।एनएसयूआई हरियाणा के जवाब दो हिसाब दो , सीएम आवास घेराव आंदोलन में प्रदेश के लगभग 2 हजार युवाओ व छात्रो ने हिस्सा लिया जिसमे एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष,प्रदेश पदाधिकारी आदि ने भारी संख्या में हिस्सा लिया।इसके साथ ही दीपांशु ने बताया कि एनएसयूआई हरियाणा द्वारा छात्र-जनविरोधी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर , शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का प्रदेश के छात्रो-युवाओ के प्रति भेदभावपूर्ण रवैए के विरोध में शव यात्रा निकाल ,पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया गया।भाजपा ने 2014 के चुनावों के समय छात्रो व युवाओ को आश्वस्त किया था कि छात्रो के लोकतांत्रिक हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएगे परन्तु चार वर्ष बीतने के बाद सरकार ने न तो तिथि निश्चित करी व नाही बजट आवंटित किया जोकि सरकार की मंशा को दर्शाता है, इसके साथ ही भाजपा ने अपने किसी वायदे को पूरा नही किया क्योंकि न तो प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ नौकरियों दी गई, न ही प्रदेश के बेरोजगारों को 6000-9000 बेरोजगारी भत्ता दिया गया , न ही प्रदेश में एम्स स्तरीय मेडिकल संस्थान का निर्माण हुआ, न ही पंचकूला/अम्बाला में विश्वविद्यालय खोला गया,न ही उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए विदेश में शिक्षा प्राप्त करने हेतु व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संस्थान का निर्माण नही किया गया,न ही बजट में आवंटन कर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाया गया।,न ही प्रदेश के सरकारी कालेजो-विद्यालयों का स्तर प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर बनाया गया आदि अनेको मुद्दों को लेकर एनएसयूआई ने जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल,प्रदेश महासचिव साहिल शर्मा,प्रदेश सचिव कृष्ण अत्रि,जग्गा खेरा अम्बाला,एनएसयूआई पंजाब अध्यक्ष अक्षय शर्मा,एनएसयूआई चंडीगढ़ अध्यक्ष गुरजोत संधू,अमन पन्नू करनाल अध्यक्ष, ईशान शर्मा कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष, अभिमन्यु भाटी, कवींद्र सिंह, महेश शर्मा, आशीष लाम्बा, हार्दिक नैन, राहुल खटकड़ आदि हजारो एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने भाग लिया ।

Amardeep Singh Cheema Appointed Chairman Punjab Health Systems Corporation.

Chandigarh, July 28, 2018 :

Amardeep Singh Cheema ,Senior Youth leader and Former National Vice Chairman of Nehru Yuva Kendra Sangathan(Govt. of India) for two terms has been appointed Chairman of prestigious  Punjab Health Systems Corporation.

Mr.Cheema who is Member of Chief Minister Punjab Chaired Punjab State Board for Drugs De-addiction & Rehabilitation and Member of National Committee for Promotion of Social & Economic Welfare(NCPSEW) Govt. of India has served in many Prestigious Official & Non Official position of State and Govt. of India including Youngest Director on the Board of Worlds largest PSU Insurance Company LIC of India.

His appointment is seen in connection with Anti Drugs Drive started by Captain Amarinder Singh Chief Minister Punjab as Mr.Cheema introduced country first Anti Alcohol & Substances drive funded by Govt. of India In UPA-2 in Punjab & Manipur covering 10 Districts and 3000 Villages in first phase, this campaign was awarded by President of India Sh.Pranab Mukherjee in a special program in Vigyan Bhawan in 2013 on International Anti Drugs Day as Best Campaign in the country.

Mr.cheema belonging to a celebrated Freedom Fighters family of Village Cheema Khuddi (Batala) in District Gurdaspur is son of Veteran Trade Unionist and Permanent Invitee PPCC Mr.M.M.Singh Cheema.

Mr.Cheema introduced women empowerment and Self Employment in Youth when he was serving as Member-GB of Indian Council of Agricultural Research.

Mr.Cheema led various international delegations of Govt. of India to United Nations ,China & Malaysia etc. and various other international forums apart from being part of Captain Amarinder Singh led Govt. of Punjab Delegation to Canada and participated in program conducted on the invitation of Prince Charles of United Kingdom.

इमरान के प्रधान मंत्री घोषित होते ही जैश का 15 एकड़ में फैला जिहादी सेंटर सुर्खियों में


सेंटर में हजारों बच्‍चों को जिहाद के लिए कुर्बानी देने की ट्रेनिंग दी जाएगी. पंजाब सूबे के बहावलपुर के बाहरी इलाके में बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही है.

जब यह सर्वमान्य है कि आईएसआई ओर सेना ने मिल कर इमरान खान को एक कठपुतली प्रधान मंत्री बनाया है वहीं एक ओर यह भी सबको मालूम हो कि जैश ने इमरान की पख्तूनवा में बहुत मदद की ओर आईएसआई के साथ मिल कर नवाज़ को देश ओर इस्लाम का द्रोही तक करार दे दिया। अब इमरान के इन एहसानों का मूल्य चुकाने की बारी है।

यह आईएसआई ही है जो इस समय sikh referendum 2020 के पीछे है। आईएसआई के 12 मोड्युल्स इंग्लैंड मे स्क्रिय हो कर इस referendum 2020 के लिए काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसी referendum के बहाने आईएसआई पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद को हवा दे रही है।

इमरान खान पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

नवाज़ में इच्छाशक्ति तो थी यहाँ तो धारा ही उल्टी बह रही है।


आतंकी संगठन जैश ए मोहम्‍मद पाकिस्‍तान के बहावलपुर में 15 एकड़ में गुपचुप ट्रेनिंग सेंटर बना रहा है. इस सेंटर में हजारों बच्‍चों को जिहाद के लिए कुर्बानी देने की ट्रेनिंग दी जाएगी. पंजाब सूबे के बहावलपुर के बाहरी इलाके में बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही है. तस्‍वीरों से पता चलता है कि नई बिल्डिंग जैश के वर्तमान मुख्‍यालय से पांच गुना बड़ी होगी. तीन महीनों से इसका निर्माण कार्य चल रहा है.

देश में इमरान खान के उभरने और बाद में उनके चुनाव जीतने के समय में इस बिल्डिंग को बनाया जाना केवल एक संयोग नहीं हो सकता. जैश ने चुनावों में इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ को समर्थन दिया और नवाज शरीफ के खिलाफ जमकर प्रचार किया था. जैश ने शरीफ को पाकिस्‍तान व इस्‍लाम का गद्दार करार दिया था. सरकारी दस्‍तावेजों के अनुसार, बहावलपुर कॉम्‍प्‍लैक्‍स के लिए सीधे मसूद अजहर ने जमीन खरीदी है. जिस जगह जमीन खरीदी गई है वहां 80 से 90 लाख प्रति एकड़ के भाव हैं.

इस जगह को देखने वाले सूत्रों ने बताया कि इसमें रसोई, मेडिकल सुविधाएं और कमरे और जमीन के नीचे भी निर्माण किया जा रहा है. माना जा रहा है कि यहां पर इंडोर फायरिंग रेंज भी बनाई जाएगी. स्विमिंग पूल, तीरंदाजी रेंज और खेल का मैदान भी तैयार किया जाएगा.

कॉम्‍प्‍लैक्‍स बनाने के लिए हज जाने वाले यात्रियों से नकद पैसे लिए गए. 2017 में जमीन मालिकों से उशर के सहारे भी मदद ली गई. उशर फसल उत्‍पादन पर लगने वाला सरचार्ज होता है जो शहीदों, धार्मिक लड़ाकों की मदद के लिए लिया जाता है. अल रहमत नाम के ट्रस्‍ट के जरिए उशर देने का आह्वान किया गया था.

जैश के स्‍थानीय नेताओं ने पंजाब में मस्जिदों के लिए पैसे उगाहे. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पैतृक शहर रायविंड के पास पट्टोकी में रूक-ए-आजम मस्जिद में मौलाना अमार नाम के एक जैश नेता ने लोगों से पैसों की मदद करने का आ‍ह्वान करते हुए कहा था, ‘जिहाद शरिया का आदेश है.’

बता दें कि जैश ए मोहम्‍मद का सरगना मसूद अजहर भारत की मोस्‍ट वांटेड लिस्‍ट में शामिल है. वह 2001 संसद हमले और 2016 पठानकोट हमले का मास्‍टमाइंड है. भारत उसे वैश्विक आतंकी बनाने के लिए कोशिशें कर रहा है लेकिन चीन इसमें रोड़े अटका रहा है. नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री रहते हुए अजहर को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे. सूत्रों का कहना है कि अब सरकार बदलने के बाद जैश पहले से ज्‍यादा सक्रिय हो सकता है.

प्रदेश सरकार पत्रकारों के लिए हाउसिंग स्कीम बना रही है: राजीव जैन

चण्डीगढ़, 27 जुलाई :

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार पत्रकारों के लिए हाउसिंग स्कीम बना रही है ताकि हर पत्रकार का अपना घर हो सके।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि प्रत्येक पत्रकार को आवास सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और इस संबंध में हाउसिंग पॉलिसी बनाई जा रही है। इसके लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकारों द्वारा बनाई गई पॉलिसी मंगवाई गई हैं जिनका अध्ययन किया जा रहा है। इन दोनों राज्यों की पॉलिसी के आधार पर जो श्रेष्ठ होगा वह हरियाणा की पॉलिसी में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पत्रकारों की मृत्यु पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी करने पर भी गंभीर प्रयास कर रही है जिसके संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पत्रकारों के हित में अगस्त माह से कैशलेस मेडिकल सुविधा शुरू होने की पूरी संभावना है। इसी प्रकार पत्रकारों के लिए एक्रीडेशन सुविधा को और अधिक आसान बनाने के लिए सरकार ने एक्रीडेशन कमेटी का पुनर्गठन कर दिया है। अगले एक सप्ताह में इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा जिसके बाद कमेटी द्वारा एक्रीडेशन की नई नीति व नियमों को घोषित किया जा सकेगा।
श्री जैन ने कहा कि मैंने लंबे समय तक पत्रकारिता भी की है और कई सरकारों के साथ काम भी किया है लेकिन पत्रकारों की समस्याओं के समाधान तथा उन्हें सुविधाएं देने के मामले में जो कदम इस सरकार ने उठाए हैं, वह पहले किसी सरकार द्वारा नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा कि मैं पत्रकारों की समस्याओं से भली-भांति परिचित हूं और 1992 में जब मैं खुद पत्रकार यूनियन का महासचिव था तब हमने प्रयास करके पहली बार पत्रकारों के लिए बीमा पॉलिसी शुरू करवाई थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल घोषणाओं पर कम और काम में ज्यादा विश्वास करते हैं। पत्रकारों की एक आवाज पर उन्होंने पत्रकारों के लिए 10 हजार रुपये मासिक पेंशन शुरू करने के अलावा उनकी सुविधा के लिए हर जिले में मीडिया सेंटर खुलवाए हैं। पत्रकारों की अधिकतर मांगें इस सरकार के कार्यकाल में पूरी की जा चुकी हैं और उनके द्वारा की जा रही एकाध शेष मांगों के अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण और लाभकारी योजनाओं की सौगातें पत्रकारों को देने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न पत्रकार यूनियनों द्वारा दी गई मांगों का संयुक्त मांग पत्र प्रदेश सरकार को दिया गया है जिन्हें पूरा करवाने के लिए वे विशेष प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्य के दौरान यदि किसी पत्रकार के कैमरे या अन्य उपकरण को नुकसान होता है तो उसकी भरपाई भी सरकार द्वारा नियमित रूप से की जाती है, क्योंकि सरकार का मानना है कि पत्रकार की कलम न रुकनी चाहिए, न झुकनी चाहिए, न अटकनी चाहिए और न भटकनी चाहिए।
राजीव जैन आज आयोजित एक कार्यक्रम के उपरांत यह जानकारी दे रहे थे। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 200 से अधिक पत्रकारों को बीमा पॉलिसी वितरित की गईं।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष आरपी वशिष्ठ ने कहा कि प्रदेश में अब तक 1750 पत्रकारों को बीमा पॉलिसियां वितरित की जा चुकी हैं और पत्रकारों की समस्याओं के समाधान व मांगों को पूरा करने की दिशा में सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने पत्रकारों से वादे तो किए लेकिन मांगें पूरी कभी नहीं की। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों के एक कार्यक्रम में पत्रकारों के लिए 5 हजार रुपये मासिक पेंशन शुरू करने का वादा किया था लेकिन उसे कभी पूरा नहीं किया। वर्तमान सरकार ने आते ही इस मांग को पूरा करते हुए पत्रकारों के लिए 10 हजार रुपये पेंशन शुरू की है। उन्होंने बताया कि पत्रकार यूनियन द्वारा की गई 10 में से 7 मांगें वर्तमान सरकार पूरी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने संतों, गायों और पत्रकारों की सबसे अधिक सुध ली है।

हरियाणा में पशुगणना का कार्य टैब्लैटस के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिकली किया जाएगा

चित्र केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़, 27 जुलाई-देश भर में चलाए जा रहे डिजिटल इण्डिया अभियान को और सफल बनाने के लिए हरियाणा में पशुगणना का कार्य टैब्लैटस के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिकली किया जाएगा।
पशु पालन एवं डेयरी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पशुगणकों को इलैक्ट्रॉनिक्स माध्यम से पशुगणना की जानकारी प्रदान करने के लिए आज पंचकुला एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया जिसमें विभाग के सभी जिला अधिकारियों और प्रत्येक जिले से दो मास्टर ट्रेनर्स पशु चिकित्सकों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को केन्द्र सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में विकसित किए गए साफ्टवेयर का आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें टैब्लैटस में डाटा दर्ज करने के अतिरिक्त निरीक्षक व पशुगणक की नियुक्ति और उनके गणना क्षेत्र को निर्धारित करने बारे जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि पशुगणना एक महत्वपूर्ण कार्य है और इस गणना के आधार पर ही पशुपालकों के उत्थान सम्बन्धित विभिन्न योजनाएं तैयार की जाती है। पशुगणना पशुओं के विकास एवं उनके लिए सुविधाएं मुहैया करवाने का आधार है।
उन्होंने बताया कि पशुगणना कार्य के सुचारु संचालन के लिए देश के सभी राज्यों में टैब्लैटस की व्यवस्था की गई है ताकि पशुगणक गणना के दौरान ही डाटा अपलोड कर सकें।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की स्थानांतरण नीति संशोधित

चित्र केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़, 27 जुलाई:

हरियाणा सरकार ने प्रशिक्षुओं के हित में सभी क्षेत्रों और संस्थानों में कर्मचारियों को उचित और समान रूप से नियुक्त करने के लिए कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की स्थानांतरण नीति में संशोधन किए है।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि संशोधित स्थानांतरण नीति तुरन्त प्रभाव से ऑनलाइन लागू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को सार्वजनिक सेवा या विभाग या दोनों की आवश्यकताओं के अनुसार, किसी भी समय, कितनी भी अवधि के लिए, राज्य में कहीं भी स्थानांतरित और नियुक्त किया जा सकता है। स्थानान्तरण एवं नियुक्त का अधिकार विभाग के पास होगा और सभी स्थानांतरण एवं नियुक्तियां कर्मचारियों द्वारा दिए गए विकल्पों के आधार पर ऑनलाइन प्रफ्यि के माध्यम से की जाएगीं।
स्थानांतरण नीति शिक्षण काडर के साथ-साथ लिपिकीय काडर, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों/औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (महिला) (प्रिंसिपल, ग्रुप प्रशिक्षकों, ग्रुप प्रशिक्षक प्रभारी (महिलाएं), टीटीसी के लिए ग्रुप प्रशिक्षक ( महिलाएं), प्रशिक्षक, अधीक्षक, उप अधीक्षक, स्टोर कीपर, सहायक, पुस्तकालय लिपिक, सेवादार-सह-चौकदार और कार्यशाला परिचायक के लिए)के ग्रुप-4 पदों के लिए लागू होगी। प्रारंभ में, यह नीति 500 या अधिक काडर पदों के लिए लागू होगी।
कर्मचारी के अनुरोध पर या यदि उसे अपनी पसंद के स्थान पर स्थानांतरित किए जाने पर कोई टीए / डीए नहीं दिया जाएगा। अधिमानत: स्थानान्तरण जुलाई मास में किया जाएगा। फाइल पर दर्ज होने के कारणों को छोड़कर कोई मध्य-अवधि स्थानांतरण नहीं किया जाएगा
पोस्टिंग के किसी भी स्थान पर किसी कर्मचारी का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष होगा। हालांकि, एक कर्मचारी जिसने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है वह रिक्ति या पारस्परिक स्थानांतरण के आधार पर स्थानांतरण मांगने के लिए पात्र होगा। कोई भी कर्मचारी ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए आवेदन कर सकता है। अगले एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों को प्रशासनिक आवश्यकता या अपने अनुरोध पर छोड़कर, सामान्य रूप से स्थानांतरित करने पर विचार नहीं किया जाएगा।
कर्मचारी पति/पत्नी (केंद्र सरकार कर्मचारी सहित) का जहां तक व्यावहारिक है, एक ही स्टेशन या पास के स्टेशन पर स्थानांतरण करने पर विचार किया जाएगा। कर्मचारियों की एक ही श्रेणी में टाई होने की स्थिति में, महिला कर्मचारी को पुरुष कर्मचारी पर वरीयता दी जाएगी।
यदि कोई कर्मचारी, जो प्रारंभिक नियुक्ति के समय या बाद में, मेवात जिले का निवासी नहीं है और वह रिक्ति के विरुद्घ मेवात जिले का चयन करता है या अगर ऐसा कर्मचारी ‘राज्य में कहीं भी’ का विकल्प चुनता है और विभाग मेवात में उसका स्थानांतरण करता है तो उसे मूल वेतन + डीए के अतिरिक्त 10 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा।
सामान्य स्थानांतरण साल में केवल एक बार किया जाएगा। हालांकि, सरकार द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता, पति/पत्नी की आकस्मिक मृत्यु या पति/पत्नी की पुरानी बीमारी/ स्थायी अक्षमता, सरकार के विभागों/संगठनों के कर्मचारियों के पति/पत्नी के स्थानांतरण के मामले में और महिलाओं, विधवाओं, विधवाओं, अलग-अलग लोगों, गंभीर बीमारियों जैसी विशेष श्रेणियों के लिए वर्ष के दौरान किसी भी समय स्थानांतरण किया जा सकता है। इन आधारों के तहत स्थानान्तरण के कारण फाइल पर दर्ज किए जाएंगे।
वास्तविक रिक्तियों और डिम्ड रिक्तियों को 1मई से 31 मई तक अधिसूचित किया जाएगा। पात्र प्रशिक्षु प्रति वर्ष 1 जून से 15 जून तक संस्थानों की अपनी पसंद ऑनलाइन जमा करेंगे। कर्मचारियों द्वारा दावों और आपत्तियों के लिए मसौदा सूची और अंक का प्रदर्शन 16 जून से 30 जून। स्थानांतरण आदेश हर साल 15 जुलाई तक ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। रिक्ति के लिए आवंटन का निर्णय कर्मचारी द्वारा अर्जित अंकों के कुल जोड़ पर आधारित होगा। उच्चतम अंक अर्जित करने वाले कर्मचारी एक विशेष रिक्ति के खिलाफ स्थानांतरण के हकदार होंगे। रिक्ति के खिलाफ कर्मचारी के दावे का निर्णय लेने के लिए उम्र प्रमुख कारक होगी क्योंकि इसमें 60 अंकों का वेटेज होगा। महिलाओं, विधवाओं, विधुरों, निशक्त व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों और परिणामों में सुधार दिखाने वाले प्रशिक्षकों जैसी श्रेणियों को अधिकतम 20 अंकों का विशेषाधिकार प्रदान किया जा सकता है।
दो प्रकार की रिक्तियों होंगी, वास्तविक रिक्ति और डिम्ड रिक्त। पद जिस पर किसी भी कर्मचारी द्वारा कब्जा नहीं किया गया है अर्थात जो, सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या अन्यथा योग्यता की तिथि को खाली हो जाएगा, को । वास्तविक रिक्ति कहा जाएगा। इसी प्रकार, योग्यता तिथि को पांच वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कर्मचारी द्वारा एक पद पर कब्जा कर लिया गया या एक कर्मचारी द्वारा तीन साल तक एक पद पर कब्जा कर लिया गया है और जिसने स्थानांतरण के लिए विकल्प दिया है, को डिम्ड रिक्त माना जाएगा। जिन पदों पर संविदात्मक कर्मचारियों तैनात है उस पद को खाली नहीं माना जाएगा। कर्मचारियों की सभी श्रेणियों की कुछ रिक्तियों को कुछ समय तक खाली रखा जा सकता है। संस्थानों में ऐसी रिक्तियों की अधिकता से बचने के लिए ऐसी रिक्तियों का प्रतिशत सभी संस्थानों के बीच आनुपातिक रूप से, श्रेणीवार बनाए रखा जाएगा, जिसे सरकार द्वारा तय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार की पूर्व अनुमति से प्रशासनिक आधार पर किसी भी कर्मचारी को किसी भी समय स्थानांतरित किया जा सकता है। हालांकि, विशिष्ट प्रशासनिक आधार जिसके लिए एक कर्मचारी को स्थानांतरित करने की मांग की जाती है उसे लिखित में दर्ज किया जाएगा। आमतौर पर, कर्मचारी के स्थानांतरण के लिए एक प्रशासनिक आधार यह होगा कि यदि सांसदों / विधायकों / अध्यक्ष एमसी / अध्यक्ष जिला परिषद / आईटीआई के प्रधानाचार्य के माध्यम से कोई विशिष्ट लिखित शिकायत प्राप्त की जाती है, तो ऐसे मामलों में, स्थानांतरण प्रारंभिक जांच के बाद लागू किया जाएगा। खराब नतीजे भी आधार हो सकते है अर्थात यानि पास प्रतिशतता 75 प्रतिशत से कम है या जिनके शिक्षण प्रदर्शन को ‘पुअर’ रेट किया गया है। एनसीवीटी निर्देशों या समय-समय पर अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों के अनुसार रिकॉर्ड रखरखाव के संबंध में निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन करने में विफलता तथा रिश्वत, भ्रष्टाचार या आधिकारिक दुर्व्यवहार/दुर्व्यवहार के मामलों में न्यायिक/विभागीय कार्यवाही और दुर्व्यवहार के सिद्ध मामलों को भी आधार माना जा सकता है।
स्थानांतरण के लिए कर्मचारी किसी से सिफारिश नहीं करवाएंगे। यदि ऐसी कोई सिफारिश आती है तो उसे कर्मचारी द्वारा करवाया गया माना जाएगा। ऐसे कर्मचारी के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। ऐसे कर्मचारी के खिलाफ प्रासंगिक सेवा नियमों/कर्मचारियों के आचरण नियमों के तहत कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।