उत्तर भारत में पेट्रोल और डीजल कि कीमतों को ले कर मंथन शुरू

फोटो और ख़बर अजय कुमार

पैट्रोल और डीज़ल की कीमतों पर चंडीगढ़ में उत्तर भारत के पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों और अधिकारियों की मंथन बैठक शुरू, बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिशोदिया के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के वित्त विभाग एवं कराधान विभाग के अधिकारी भी मौजूद

Two full time professions will now go hand in hand for Politicians

Courtsey: Bar & Bench :

The Supreme Court today ruled that Members of Parliament and Members of Legislative Assemblies (MPs and MLAs) cannot be barred from practicing law.

The Court made it clear that Rule 49 of the the Bar Council of India Rules is applicable only to full-time salaried employees, and does not cover legislators within its ambit.

The judgment was delivered by a Bench of Chief Justice Dipak Misra and Justices AM Khanwilkar and DY Chandrachud in a petition filed by advocate and BJP Spokesperson Ashwini Kumar Upadhyay.

Upadhyay had filed the petition praying that legislators be debarred from practicing as Advocates (for the period during which they are Members of Parliament or State Assembly), in the spirit of Part-VI of the Bar Council of India Rules.

Senior Advocates Kapil Sibal and Dr. AM Singhvi are Parliamentarians representing the Congress Party.

In the alternative, he had sought for a direction to quash Rule 49 of the Bar Council of India Rules as ultra vires the Constitution and its basic structure, and to permit all Public Servants to practice as Advocates.

The Bar Council of India (BCI) too had issued notice to MPs, MLAs and MLCs who continue to practice law, following Upadhyay’s submission that since the legislators are being paid salary by the government, they cannot be allowed to practice, as per the Advocates Act and BCI Rules.

Interestingly, the Central government through Attorney General KK Venugopalhad opposed the petition,  contending that a Member of Parliament (MP) is an elected representative, and is not a full-time employee of the Government of India, and hence cannot be stopped from practicing law.

“They are doing a public service in their capacity as an MP. You can’t stop a person from practising a profession. It is a fundamental right to carry on a profession”, Venugopal had argued.

Senior Counsel Shekhar Naphade had represented the petitioner.

Questionable verdict. They are treated as public servants in corruption cases against them. There can be conflict of interest when a law which is to be enacted is against the interest of their clients and they vote against it even if it is in public interest.

Advocate/ legal profession is fulltime profession. Public representative viz. M.P./ MLA are bound to duty serve public full time. They can not say that they will serve/ perform their duties for part time either way.
In both position full time duty is badly required. So they should be banned from practising. According  to me, SC must review its Judgment.

When they are urgently required, either at Court or for Public duties, they are not available.
Even there are all possibilities of conflict of timing while dicharging their duties.
MLA-MP are getting undue advantages in profession. They are softly treated in court and they are getting government briefs.

तो क्या अब दाग अच्छे हैं ????


  • अब कानून तोड़ने वालों को होगी कानून बनाने कि आज़ादी

  • 1581 जन प्रतिनिधि आपराधिक मामलों में संलिप्त

  • राजनेताओं पर 3045 आपराधिक मामले दर्ज


25 सितम्बर, सारिका, पुरनूर :

उच्चतम न्यायालय ने अपने हाथ बंधे होने का हवाला देते हुए कहा कि राजनैतिक पार्टियाँ ही अपने दागी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकना चाहें तो रोक सकतीं हैं. इसके लिए नयायपालिका कि कुछ सीमाएं हैं इस लिए विधानपालिका ही इस पर क़ानून बना सकती है.

यह बात नयायपालिका उस समय कह रही है जबकि चुनाव टिकट बाँटने में अब समय नहीं बचा है.

उच्चतम न्यायलय ने ओउप्चारिकता निभाते हुए राजनैतिक नैतिकता पर सिर्फ भाषण दिया और कहा कि राजनैतिक अप्रधिकर्ण एक रिवाज बन गया है जो कि बहुत चिंता जनक है.

राज्य इस राजनैतिक आपराधिक व्यवस्था का शिकार न हों इसके लिए राजनैतिक पार्टियाँ ही तय करें कि क्या वह अपने दागी छवि वाले नेताओं को चुनावी मैदान  में उतारना चाहतीं हैं या नहीं, साथ ही उन्होंने कहा कि राजनैतिक  पार्टियाँ अपे दागी नताओं को और उनके खिलाफ चल रहे मामलों का पूरा ब्यौरा अपनी website पर डालें.

यह फैसला सुप्रीम कोरट के ही २००२ के फैसले का एक्सटेंशन है.

आपको बता दें राजनेताओं के विरूद्ध 1581 आपराधिक मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं. ज़यादा मामले महिलाओं के प्रति अपराध के हैं.

आमतोर पर इन मामलों में केवल 40% मामलों ही में सजा हो पाती है उसी में भी यदि सजा 2 वर्ष से कम है तो उसी समय जमानत भी मिल जाती है. अन्य आपराधिक मामलों में केवल 30% मामलों ही में सज़ा हो पाती है. ऐसी स्थिति में न्याय पालिका कैसे सोच सकती है कि देश को स्वास्थ्य विधानपालिका मिल सकती है.

न्यायपालिका के 5 न्यायाधीशों कि बेंच ने फैसला लिया कि आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाना सही नहीं.

आपको बता दें अब तक दो साल से अधिक कि सज़ा होने पर ही चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान था, इसके अतिरिक्त कुछ ख़ास किस्म के आपराधिक मामलों में दो वर्ष से कम कि सजायाफ्ता नेताओं पर भी रोक लगाए जाने का प्रावधान था.

अब सवाल यह है कि बहुत से सामजिक मामलों में स्वयं संज्ञान लेने और पुराणी परम्पराओं को तोड़ने वाले बड़े फैसले सुनाने वाली न्यायपालिका के हाथ इन मामलों में कैसे बंध जाते हैं. पाने द्वारा ही अपराधी घोषित करने के बावजूद देश को आपराधि के हाथ सोंप देना और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना कहाँ तक तर्कसंगत है?  अपराधी राजनीतिज्ञों के मामलों में अपने बंधे हाथों का हवाला देते हुए न्यायलय ने गेंद संसद के पाले में दाल दी. अब देखना यह है कि संसद इस मामले में क्या करती है, क्योंकि कुछ राज्यों में तो चुनाव आचार संहिता लागो होने वाली है. ऐसे में तो कोई अध्यादेश भी जारी नहीं किया जा सकता है. सबसे बड़ी बात यदि राजनैतिक दल चाहते तो नौबत यहाँ तक आती ही क्यों? उससे भी ऊपर राजनैतिक दल स्वच्छ और स्वास्थ्य छवि वाले नेता कहाँ से लाय्न्गी.

यह मसला विधान पालिके में फैंकने कि बजाय न्यायालय ने अपने विवेक से फैसला देता तो सर्वदा मानी होता क्योंकि क़ानून कि नज़र में अपराधी अब देश कि बागडोर संभालेंगे.

संविधान सरंक्षक के बंधे हाथ हज़म नहीं हो रहे.

उफान पर घग्गर नदी, यहां प्रशासन को लगानी पड़ गई धारा 144

पंचकूला के पिंजौर स्थित घग्गर नदी पर बने कौशल्या डैम के पास नेशनल हाईवे नंबर 22 का हिस्सा टूटा।

कौशल्या डैम का पानी छोड़ने और तेज बारिश आने के कारण पंचकूला के अमरावती के पास नेशनल हाईवे का किनारा टूटा।

एहतियातन पिंजौर से पंचकूला आने वाले नेशनल हाईवे का घग्गर नदी की तरफ वाली लेन को बंद किया गया।

पंचकूला से पिंजौर जाने वाली सिंगल लेन से ट्रैफिक चालू किया गया।

सूरजपुर और अमरावती के पास नेशनल हाईवे के एक लेन से यातायात डाइवर्ट करने के चलते हैवी ट्रैफिक जाम।

कई वाहन जाम में फंसे।

यातायात व्यवस्था प्रभावित।

Protocol Revision: Prez loses ‘majesty’ status, no ‘honourable’ tag for ministers

Chandigarh: September 24, 2018: Department of General Administration, Punjab, has directed all government officers to stop using salutation for the President as “His/Her excellency ” and the ministers as “Honourable”.

From now on, the officers will use “Mahodya” and “Ji” during communications.

The directions have been issued on basis of a letter issued by Joint Secretary, Government of India, Daniel E Richards in which he drew attention to the office memorandum issued by the Home Ministry on January 31, 2013, which cited that official language be put into use instead of the usual salutations.

In the communique sent to officers in Punjab, it has been directed that the in the official communications, Governor should be addressed as “Rajyapal ji” and during public appearances, he/she should be addressed as “Rajyapal Mahodya”.

Similarly, Chief Minister should simply be addressed as “chief minister ji” in the official communications and be addressed as “chief minister Punjab” during public appearances. The President would be simply called “Rashtrapati ji” in official terms and “Rashtrapati Mahodya” during public appearances, functions, gatherings, etc.

As per the official language, the ministers shall be addressed on basis of departments under their jurisdiction. For example, minister of the health department be titled as “health minister”. During any public gatherings, “Ji” would be added to the title, for example, “health minister ji”.

बारिश से हाल बेहाल

 

पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ एडवाईडजर जारी, कहीं छात्रों की बस डूबी, कही मकान बहे, देश दुनिया से मनाली कटा, टे्रनों में पानी भरा, आवाजाही ठप्प

चंडीगढ़। उत्तरी भारत में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व चंडीगढ़ में अलर्ट जारी कर दिया गया है। आई तेज बारिश से कहीं पर स्कूली छात्रों की बस पानी में बह गई है कहीं पर मकान गिरने से कई लोग दब गए है जबकि हिमाचल में कई जगह पहाडिय़ां गिरने से आवाजाही ठप्प हो गई है। जबकि मनाली देश के अन्य भागों से कट गया है। इसी प्रकार घग्गर नदी का जहां जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं पर प्रशासन ने बाढ़ आपदा प्रबंधन को सतर्क कर दिया है। वहीं हरियाणा व पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

इस बार बेहतर पैदावार की उम्मीद में बैठे किसानों के सपने टूट गए हैं। बारिश ने फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। असमय हुई बारिश का धान, कपास और अन्य फसलों पर काफी बुरा असर हुआ है। किसानों ने बारिश सेे खराब हुई फसलों की विशेष गिरदावरी कराकर मुआवजा देने की मांग की है।

हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में जनजीवन अस्तव्यस्त, भूस्खलन के चलते मार्ग हुआ अवरूद्ध…

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीते 48 घंटे में झमाझम बारिश हो रही है। प्रदेश के बारह जिलों में जनजीवन अस्तव्यस्त है। सबसे अधिक बारिश सूबे के चंबा जिले में हुई है। जबकि सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू जिले में हुई है। यहां पर बस और ट्रक के अलावा कई वाहन बह गए हैं। आनी क्षेत्र में भूस्खलन के चलते आनी-शवाड-कराणा मार्ग हुआ अवरुद्ध है। चंडीगढ़-मनाली हाईवे मंडी से लेकर मनाली तक कई जगह से बंद है। मंडी जिले में भी बारिश का कहर देखने को मिला है। ओट के पास चंडीगढ़ मनाली हाईवे पर ब्यास नदी का पानी आने से इस हाईवे को बंद कर दिया गया है। वहीं, मंडी पंडोह और लारजी डैम के गेट खोले गए हैं। मंडी जिले में भी बारिश का कहर देखने को मिला है। ओट के पास चंडीगढ़ मनाली हाईवे पर ब्यास नदी का पानी आने से इस हाईवे को बंद कर दिया गया है। वहीं, मंडी पंडोह और लारजी डैम के गेट खोले गए हैं।

चंबा में रावी नदी पूर उफान पर है। कई संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। भारी बारिश औऱ रावी नदी में बाढ़ के चलते उपायुक्त चंबा ने की इमरजेंसी बैठक की है। नवोदय स्कूल के बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए हैं। बालू पुल पर सब तरह के वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए बन्द किया है। भारी बारिश औऱ रावी नदी में बाढ़ के चलते उपायुक्त चंबा ने की इमरजेंसी बैठक की है। नवोदय स्कूल के बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए हैं। बालू पुल पर सब तरह के वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए बन्द किया है। चम्बा तीसा मार्ग राठ के पास भूस्खलन की वजह से बन्द हो गया है।

कांगड़ा में सल्ली गांव पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में आ गया हैं। 300 लोगों ने आधी रात को घरों से भाग कर अपनी जान बचाई है। भूस्खलन से एक गांव में 300 लोगों को देर रात रेस्क्यू किया गया है. मंत्री सरवीण चौधरीं गज खड्ड का जायजा लेने पहुंचीं हैं। साथ ही कांगड़ा के रजोल जायजा लिया है।सिरमौर जिले में भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। जिला में कई संपर्क में यातायात के लिए पूरी तरह से बाधित हैं। यहां सिरमौर में गिरी नदी में महिला के बहने की खबर है। कई स्थानों पर जान जोखिम में डालकर लोग सफर कर रहे हैं।

शिमला में बारिश की वजह से ठंड बढ़ गई है। यहां पारा लुढ़का है। शिमला के रामपुर, नारकंडा, कुमारसैन, सराहन ननखंडी में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश से जनजीवन सामान्य है। कहीं से किसी नुकसान की खबर नहीं है। एहतियातन के तौर पर सभी स्कूल कालेज बंद हैं।सोलन में बारिश की वजह से नालागढ़ में नुकसान हुआ है। यहां पर रामशहर मार्ग पर भूस्खलन हुआ है। शिलणु पुल के पास सड़क पर पहाड़ी से मलबा गिरा है। यहा मार्ग बीते 10 घंटों से बंद है। लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है।

किन्नौर जिले में भी आसमान से सितम का बरसना जारी है। जिले की पहाडयि़ों में पर बर्फबारी और निचली क्षेत्रों में बारिश हो रही है। कई स्थानों पर एनएच अवरूध है। साथ ही सेब तुडान प्रभावित हुआ है। ऊना में भी जमकर बारिश हो रही है। हालांकि, यहां पर स्कूल और कॉलेज सामान्य दिनों की तरह खुले हुए हैं।बिलासपुर में लगातार भारी वर्षा के चलते सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में 24 सितम्बर को जिलाधीश विवेक भाटिया ने अवकाश घोषित किया है। साथ ही आम जनता को नदियों और नालों के तट पर ना जाने की अपील की है।  लाहौल स्पीति के केलांग में डेढ़ फुट बर्फबारी हुई है। केलांग इस वजह से देश और दुनिया से कट गया है. यहां पर जगह-जगह बिजली के पोल गिरे हैं। इस कारण बिजली सप्लाई बाधित हुई

Due to the openings of Flood gates of Sukhna Traffic department issues an alert

चंडीगढ़ झील का पानी हुआ ओवरफ्लो पंचकूला प्रशासन का अलर्ट जारी। अगर पानी आया तो पंचकूला के सैक्टरो में जलभराव की आशंका।

Due to bad weather flights to various stations were departed delayed

 

Due to bad weather at chandigarh on dtd 24 th sept 2018, following flights were departed delayed form Chandigarh Airport:-

1. G8 382 departed delayed by 5 hrs

2. G8 913 departed delayed by 01 Hrs

3. UK 831 departed delayed by 42 mins

4. 9i 831/832 Departed delayed by 36Min.

5. AI621/813 departed delayed 3 hrs 26 min

6. AI463 / 464 Departed delayed 2 hrs 05 min.

7. IX188 / 187 departed delayed by 3 hrs 6 min.

8. AI814 / 622 departed delayed by 2 hrs 41 min.

9. 9I 807/808 cancelled for today

10 I5 1826/1825 departed delayed by 3 hrs

11. 6e 842 cancelled for today.

12. 6e 376 Departed delayed 05 hrs.

13 6e 491 Departed delayed by 04 hrs

14. SG 2831/2834 cancelled for today

15. 9w 641/648 departed delayed by 30 min

16. 9w 665/197 departed delayed by 30 min

17. 9w 735/3523 departed delayed by 1 hrs 30 min

18. 9w 652 departed delayed by 40 min

19. 9w 646 departed delayed by 10 min

20. 9w 652 departed delayed by 40 min

21. 9w 646 departed delayed by 10 min

23. 9w 642 departed delayed by 35 min

24. 9w 430 departed delayed by 4 hrs

25. 9w 158 departed delayed by 1hrs 15 min

26. 9w 439 departed delayed by 30 min

27. 9w 626 departed delayed by 3 hrs

28. 9w 664 departed delayed by 35 min

28 से 30 सितंबर देश भर में पराक्र्म पर्व का आयोजन होगा

28 सितंबर से 30 सितंबर को देश भर में पराक्र्म दिवस मनाया जाएगा। यह पर्व भारत की सेना द्वारा पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की याद में मनाया जा रहा है। इसी दौरान सेना द्वारा फिल्मायी गयी सर्जिकल स्ट्राइक का वृत्तचित्र भी दिखाया जाएगा।

प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री इंडिया गेट में सेना और राष्ट्र के साथ इसमें उपस्थित रहेंगे।

Administrator, UT, Chandigarh is pleased to appoint the members of the CHB

Chandigarh, 24th September, 2018: In exercise of the powers conferred by sub-section) (4) of the Section 3 of the Haryana Housing Board Act, 1971 (as extended to the Union Territory, Chandigarh), the Administrator, Union Territory, Chandigarh is pleased to appoint the following members of the Chandigarh Housing Board, Chandigarh established under Sub-Section (1) of Section 3 of the aforesaid Act of 1971 namely:

A.  Official Members

1. Finance Secretary or his nominee Chandigarh Administrator.

2. Estate Officer, Union Territory, Chandigarh.

3. Chief Executive Officer, Chandigarh Housing Board.

4.Chief Architect, Department of Urban Planning, Union Territory, Chandigarh.

5.Chief Engineer,  Union Territory, Chandigarh.

B. Non-Official Members

1.Sh. Prem  Kaushik,

H.No. 825, Sector 38A, Chandigarh.

2.Sh. Tarsem Chand Garg,

#1641, Sector 4, Panchkula.

3.Ms. Subeena Bansal,

# 5797 (B), Sector 38 (W), Chandigarh.

The aforesaid Official Members/Non-Official Members shall hold office for a period of three years from the date of issuance of this notification.