पंचांग, 23 मार्च 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 23 मार्च 2024
नोटः आज माहेश्वर व्रत है : उमामहेश्वर व्रत, जिसे उमा महेश्वर व्रत के नाम से भी जाना जाता है, स्कंध पुराण में वर्णित पवित्र आस्था महा व्रतों में से एक है। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है और वैवाहिक सुख के लिए रखा जाता है। पारंपरिक कन्नड़ कैलेंडर के अनुसार, उमामहेश्वर व्रत भाद्रपद महीने की पूर्णिमा या पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2080, शक संवत्ः 1946, मासः फाल्गुन, पक्षः शुक्ल, तिथिः त्रयोदशी (तिथि की वृद्धि है जो शनिवार को प्रातः 07.18 तक है), वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी की (वृद्धि है जो कि रविवार को प्रातः काल 07.34 तक है।), योगः शूल सांयः काल 07.34 तक, करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः सिंह,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.25, सूर्यास्तः 06.31 बजे।