मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शुक्रवार को वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि गांव, गरीब और किसान मोदी सरकार के केन्द्र बिन्दु हैं और देश की अर्थव्यवस्था इसी वर्ष 30 खरब डॉलर की हो जाएगी।

नई दिल्ली:

सीतारमण ने 49 वर्षाें के बाद एक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला आम बजट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में देश की अर्थव्यवस्था 1़5़ 8 खरब डॉलर की थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 2़7 खरब डॉलर की हो गई है और इसी वर्ष यह 30 खरब डॉलर की हो जाएगी। अगले कुछ वर्षाें में भारतीय अर्थव्यवस्था के 50 खरब डॉलर के बनने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि 55 वर्षाें में यह 10 खरब डॉलर पर पहुंची थी। पिछले कुछ वर्षाें में अर्थव्यवस्था के विकास में जबरदस्त तेजी आई है।

उन्होंने कहा कि 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का लक्ष्य, बुनियादी ढ़ांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन ,नागरिकों की आशाओं, विश्वास और आकांक्षाओं से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसान इस सरकार की सभी योजनाओं के केन्द्र बिन्दु हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुए की कार्ययोजनाएं बनाई जा रही है।

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उन्होंने हर तरह की कनेक्टिविटी को अपनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि 80,250 करोड़ रुपए की लागत से 1.25 लाख किलोमीटर सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में उन्नत किया जाएगा। 97 प्रतिशत गांवों को बारह-मासी सड़क से जोड़ा गया है, शेष गांवों को इसी साल जोड़ने का लक्ष्य है।

उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अंत्योदय को सरकार का लक्ष्य बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ मकान बने, 2019-20 से 2021-22 के बीच 1.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

वित्त मंत्री ने सत्ता में भाजपा की वापसी को उज्जवल और स्थिर नए भारत की उम्मीद बताते हुए शेर पढ़ा “उम्मीद हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है”। उन्होंने आम चुनाव में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत का उल्लेख करते हुए कहा कि इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत सबसे अधिक रहा, सभी वर्गों के मतदाताओं का साथ मिला। देशवासियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के दो लक्ष्यों पर मुहर लगाई है।

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उन्होंने गैस और जल का राष्ट्रीय ग्रिड तैयार करने का वादा करते हुए कहा कि मेक इन इंडिया के तहत स्वच्छ पेयजल, जल प्रबंधन, स्वच्छ नदियां, ब्लू इकॉनोमी, अतंरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान, चंद्रयान और सेटेलाइट कार्यक्रमों पर खासतौर पर ध्यान दिया गया। भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर जाेर देते हुये उन्होंने कहा कि सिर्फ आधुनिक बैटरी और पंजीकृत इलेक्ट्रिकल वाहनों पर फेम 2 के तहत सरकार की ओर से छूट मिलेगी।

सीतारमण ने देश में हर साल ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट आयोजित करने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि कारोबारियों को प्रतिवर्ष 20 लाख करोड़ रुपए की जरुरत है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्ष 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की आवश्यकता होगी और इसके लिए पीपीपी मॉडल को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि समाज सेवी संस्थान सेबी में पंजीकरण कराकर इक्विटी, डेट और म्युचुअल फंड के जरिये पूंजी जुटा सकेंगे और इनके लिए उन्होंने सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने की भी घोषणा की।

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उन्होंने सरकार की महिला योजनाएं ‘नारी तू नारायणी’ पर आधारित होने का जिक्र करते हुए कहा कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं और बच्चे और नागरिकों की सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया है।

2022 तक हर घर को गैस और बिजली का कनैक्शन दिए जाने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 तक ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन के अगले चरण में हर गांव में ठोस कचरा प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है। हर जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बुनियादी ढ़ांचे को प्रोत्साहन देेने के लिए क्रेडिट गारंटी एन्हांसमेंट कार्पोरेशन की स्थापना की जाएगी। अनिवासी भारतीयों के निवेश को भारत में सुविधाजनक बनाने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो से जोड़ा जाएगा तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए केवाईसी के नियम सरल बनाए जाएंगे।

सीतारमण ने दो करोड़ से पांच करोड़ रुपए की कर योग्य आय पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव किया जिससे प्रभावी कर में करीब तीन प्रतिशत की बढोतरी होगी। इसी तरह से पांच करोड़ रुपए से अधिक की आय पर यह प्रभावी कर सात प्रतिशत तक बढ़ेगा। पेट्रोल और डीजल पर एक रूपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा एक रुपए प्रति लीटर सड़क एवं ढांचागत अभिभार लगेगा। इस प्रकार इनके दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। सोने तथा बेशकीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है।

वित्त मंत्री ने अगले पांच वर्षाें में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 100 लाख करोड़ रुपए निवेश किए जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों में विनिवेश से एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों पर अब 25 प्रतिशत कार्पोरेट कर लगेगा। पहले यह सीमा 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए थी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षाें में प्रत्यक्ष कर संग्रह 78 प्रतिशत बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि किफायती आवास को बढ़ाने के उद्देश्य से हाउसिंग फाइनेंस के नियमन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय आवास बैंक से वापस लेकर रिजर्व बैंक को दी जाएगी। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जारी रखने और वित्तीय संकट में जुझ रहे गैर बैंकिंग फाइनेशियल कंपनियों को राहत देेने का वादा करते हुए कहा कि सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष में 70 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि किफायती आवास के लिए 1.50 लाख रुपए की अतिरिक्त आयकर छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर भी 1.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त आयकर छूट मिलेगी। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहन पर करदाता को 2.5 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।

वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि एक वर्ष में एक करोड़ रुपए की नकद निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस लगेगा। उन्होंने कहा कि कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से भीम, यूपीआई, आधारपे, एनईएफटी और आरटीजीएस को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपए के वार्षिक कारोबार वाले कारोबारियों तथा ग्राहक को अब इनके माध्यम से भुगतान करने पर कोई शुल्क या मर्चेेट डिस्काउंट दर (एमडीआर) नहीं देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक और बैंक इस लागत का वहन करेंगे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस वर्ष दो अक्टूबर को देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जाने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत देश में वर्ष 2014 के बाद पांच लाख 60 हजार से अधिक शैचालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि पांच लाख 60 हजार से अधिक गांव तथा 95 प्रतिशत से अधिक शहर भी खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं।

‘हर घर को जल’ के मंत्र के साथ करेंगे काम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने कहा है कि हर घर को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने और जल संकट से निपटने के लिए गठित जल शक्ति मंत्रालय के तहत प्रत्येक घर को 2024 तक स्वच्छ और पर्याप्त जल उपलब्ध कराया जाएगा।

सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए कहा कि हर घर को स्वच्छ और पर्याप्त पेय जल उपलब्ध कराना सरकार का मूल मंत्र है और इस दिशा में अभियान के रूप काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस मकसद से सरकार ने जल से जुड़े सभी मंत्रालयों को जोडकर जल शक्ति मंत्रालय बनाया है और यह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर हर घर को पर्याप्त जल उपलब्घ कराने के मिशन के साथ काम करेगा।

बजट 2019 मुख्य बातें

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शुक्रवार को वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुये कहा कि गांव, गरीब और किसान मोदी सरकार के केन्द्र बिन्दु हैं और देश की अर्थव्यवस्था इसी वर्ष 30 खरब डॉलर की हो जायेगी।

सीतारमण ने 49 वर्षाें के बाद एक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला आम बजट पेश करते हुये कहा कि वर्ष 2014 में देश की अर्थव्यवस्था 1़5़ 8 खरब डॉलर की थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 2़7 खरब डॉलर की हो गयी है और इसी वर्ष यह 30 खरब डॉलर की हो जायेगी। अगले कुछ वर्षाें में भारतीय अर्थव्यवस्था के 50 खरब डॉलर के बनने की उम्मीद जताते हुये उन्होंने कहा कि 55 वर्षाें में यह 10 खरब डॉलर पर पहुंची थी। पिछले कुछ वर्षाें में अर्थव्यवस्था के विकास में जबरदस्त तेजी आयी है।

उन्होंने कहा कि 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का लक्ष्य, बुनियादी ढ़ांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन ,नागरिकों की आशाओं, विश्वास और आकांक्षाओं से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गांव , गरीब और किसान इस सरकार की सभी योजनाओं के केन्द्र बिन्दु हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुये की कार्ययोजनायें बनायी जा रही है।

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उन्होंने हर तरह की कनेक्टिविटी को अपनाये जाने का हवाला देते हुये कहा कि 80,250 करोड़ रुपये की लागत से 1.25 लाख किलोमीटर सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में उन्नत किया जायेगा। 97 प्रतिशत गाँवों को बारह-मासी सड़क से जोड़ा गया है, शेष गाँवों को इसी साल जोड़ने का लक्ष्य है।

उन्होंने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर अंत्योदय को सरकार का लक्ष्य बताते हुये कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ मकान बने, 2019-20 से 2021-22 के बीच 1.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया हैवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक है। पिछले पांच साल में हमने जो मेगा प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे, उन्हें अब आगे बढ़ाने का वक्त है।

सीतारमण ने दो करोड़ से पांच करोड़ रुपये की कर योग्य आय पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव किया जिससे प्रभावी कर में करीब तीन प्रतिशत की बढोतरी होगी। इसी तरह से पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर यह प्रभावी कर सात प्रतिशततक बढ़ेगा। पेट्रोल और डीजल पर एक रूपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा एक रुपये प्रति लीटर सड़क एवं ढांचागत अभिभार लगेगा। इस प्रकार इनके दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ जायेंगे। सोने तथा बेशकीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है

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वित्त मंत्री ने अगले पांच वर्षाें में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किये जाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों में विनिवेश से एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों पर अब 25 प्रतिशत कार्पोरेट करलगेगा। पहले यह सीमा 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिये थी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षाें में प्रत्यक्ष कर संग्रह 78 प्रतिशत बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि किफायती आवास को बढ़ाने के उद्देश्य से हाउसिंग फाइनेंस के नियमन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय आवास बैंक से वापस लेकर रिजर्व बैंक को दी जायेगी। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जारी रखने और वित्तीय संकट में जुझ रहे गैर बैंकिंग फाइनेशियल कंपनियों को राहत देेने का वादा करते हुये कहा कि सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष में 70 हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि किफायती आवास के लिए 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूटदी जायेगी। इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर भी 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट मिलेगी। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहन पर करदाता को 2.5 लाख रुपये का लाभ मिलेगा

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वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिये जाने का जिक्र करते हुये कहा कि एक वर्ष में एक करोड़ रुपये की नकद निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस लगेगा। उन्होंने कहा कि कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से भीम, यूपीआई, आधारपे, एनईएफटी और आरटीजीएस को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाले कारोबारियों तथा ग्राहक को अब इनके माध्यम से भुगतान करने पर कोई शुल्क या मर्चेेट डिस्काउंट दर (एमडीआर) नहीं देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक और बैंक इस लागत का वहन करेंगे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर इस वर्ष दो अक्टूबर को देश को खुले में शौच से मुक्त घोषितकये जाने की घोषणा करते हुये उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत देश में वर्ष 2014 के बाद पांच लाख 60 हजार से अधिक शैचालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि पांच लाख 60 हजार से अधिक गांव तथा 95 प्रतिशत से अधिक शहर भी खुले में शैच से मुक्त हो गये हैं।

बजट भाषण के कुछ महत्वपूर्ण अंश 

  1. सरकारी जमीनें बेची जाएंगीपीएसयू की जमीनों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग योजना
  2. देश में गैस ग्रिड बना छोटे दुकानदारों को सिर्फ 59 मिनट में कर्ज मिलेगा, रिटेलर्स के लिए पेंशन योजना लाएंगे
  3. रेलवे में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ेगी
  4. इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए छूट मिलेगीनेशनल हाईवे प्रोग्रामवन नेशन वन ग्रिड योजना के लिए ब्लू प्रिंटलाएंगे।
  5. 10 हजार नये कृषि उत्पादक संगठन बनाने की उम्मीद।
  6. अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के लिए कई योजनाएं चलायेंगे।
  7. 2022 तक हर घर बिजली का लक्ष्य 
  8. हर घर जल हर घर नल सरकार का लक्ष्य ,पानी के लिए जन शक्ति मंत्रालय की शुरुआत ।
  9. राष्ट्रीय शोध परिषद् स्थापित किया जायेगासभी मंत्रालय के फंड को इसमें समाहित किया जायेगा
    युवाओं को गांधीवादी मूल्यों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए ‘गांधी पीडिया’ तैयार किया जा रहा है
  10. 2022 तक हमने सभी के लिए आवास का लक्ष्य रखा है। 2019-20 से 2022 तक 1.95 करोड़ मकानों कानिर्माण किया जाएगा।
  11. 2022 तक हर घर में बिजली और घरेलू गैस पहुंच जाएगी।
  12. नई राष्ट्रीय शिक्षा निति बनाई जाएगी।
  13. 400 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों पर अब 25 प्रतिशत कार्पोरेट कर लगेगा।
  14. एक वर्ष में एक करोड़ रुपये की नकद निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस लगेगा
  15. 50 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाले कारोबारियों तथा ग्राहक को अब इनके माध्यम से भुगतान करने पर कोई शुल्क या मर्चेेट डिस्काउंट दर (एमडीआर) नहीं देना पड़ेगा।
  16. किफायती आवास के लिए 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट दी जायेगी।
  17. इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर भी 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट मिलेगी।

49 साल बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। निर्मला सीतारमण को 49 साल बाद बजट पेश करने वाली देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री का गौरव हासिल हुआ है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं लेकिन उस समय उनके पास प्रधानमंत्री पद के साथ वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था। गांधी ने 28 फरवरी 1970 को वित्त मंत्री के रूप में पहला बजट पेश किया था।

सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। पिछली सरकार में अरुण जेटली के पास वित्त मंत्रालय था किंतु उनके अस्वस्थ होने और मंत्रिमंडल में शामिल होने से इंकार करने पर इस बार सीतारमण को वित्त जैसे प्रमुख मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया।

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सीतारमण बजट पेश करने वाली पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री भी बन गई हैं। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं लेकिन उस समय उनके पास प्रधानमंत्री पद के साथ वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था। गांधी ने 28 फरवरी 1970 को वित्त मंत्री के रूप में पहला बजट पेश किया था।

वर्ष 2000 से पहले आम बजट संसद में फरवरी माह के अंतिम कारोबारी दिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था। वर्ष 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में बजट का समय बदला गया और इसे पहली बार दिन में 11 बजे पेश किया गया। यह बजट वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया था।


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स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी 1947-1949 रहे। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मोरारजी देसाई देश के सबसे अधिक समय तक वित्त मंत्री रहे। वह सबसे पहले 1959 से 1964, फिर 1967 से 1970 तक वित्त मंत्री के पद पर रहे।

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इसके बाद 1977 से 1979 के दौरान भी वह इस पद पर रहे। सबसे अधिक बजट पेश करने का श्रेय भी स्वर्गीय मोरारजी देसाई को ही है। उन्होंने कुल दस बजट पेश किए जिसमें आठ पूर्ण और दो अंतरिम बजट थे।

Administrator Allows Operation of Bike Taxis in Chandigarh

Korel, Chandigarh, 3rd July 2019: 

The Administrator, Union Territory, Chandigarh is pleased to allow the operation of Bike Taxis in Chandigarh subject to following conditions as well as fulfilment of the conditions as laid down in Section 74(2) and 84 of the Motor Vehicle Act, 1988;

I)             The applicant of a permit must be an individual, firm registered under the Partnership Act, 1932 or a company registered under the Companies Act, 2013.
II)              The motor cycle, as defined in Section 2(27) of the Motor Vehicle Act, 1988 for which the permit is being granted must be registered as a commercial vehicle, and the Licensing Authority must allow conversion of private to commercial motor cycles within a period of 15 days from the date on which such application is made.
III)            The applicant for a permit shall comply with all applicable rules and regulations prescribed under the Motor Vehicles Act, 1988.
IV)           The applicant for a permit may also own or provide on lease any vehicle or employ any driver.
V)              The word ‘Bike Taxi’/Contract Carriage shall be predominantly written on the vehicle.
VI)           The vehicle shall be fitted with yellow number plate for identification.
VII)        The vehicle shall have a valid insurance certificate.
VIII)     The motor cycle /bike shall carry a first aid box and the driver/rider shall both wear protective helmets of ISI mark.
IX)           The owner of vehicle shall have adequate parking space available with him/her.
X)              Decent standards of comfort and cleanliness shall be maintained.
XI)           The motor cycle permit shall not be transferable as per provisions of sections 82 of the Motor Vehicles Act, 1988.
XII)        The motor cycle and permit shall be issued to new vehicles or a vehicle which not more than 7 years old from the date of purchase.
XIII)     Character/Police verification of driver must be got done. 

मोटापे से लीवर हो सकता है डैमेज: डा. अनुपम गोयल

‘भारत की शहरी आबादी के 70 प्रतिशत लोग मोटापे का शिकार’
मोटापे में भारत विश्वभर में तीसरे स्थान पर: डा. अनुपम गोयल
भारत में शुगर के 60 प्रतिशत मरीजों में मोटापे के लक्षण

लोग लंबे चलने वाले इलाज के डर से अपना इलाज शुरू ही नहीं करवाते, उन्हे बीमारी से ज़्यादा टेस्ट और नतीजों के लंबे इंतज़ार से डर लगता है। मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों की फेरहिस्त बड़ी लंबी है। कई तकनीकी बातें हैं जिनहे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं, ‘जानबूझकर’ फिर वही चीज़ें हमें बहुत तंग करतीं हैं यहाँ तक कि वह जानलेवा साबित हो जातीं हैं । इसीलिए मोटापे पर काबू पाना बहत ज़रूरी है। यह डर नहीं, ज़रूरत है।

पंचकूला, 29 जून:

पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों व माहिरों की टीम ने लोगो में मोटापे तथा इसके नुकसान प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए आज यहां पत्रकारों के साथ बातचीत की। पारस अस्पताल के बेरिएट्रिक व लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के माहिर डा. अनुपम गोयल ने पत्रकारों को संबोधन करते हुए कहा कि हाल ही में हुए एक अध्यन्न से एक बात सामने आई है कि भारत की शहरी आबादी के 70 प्रतिशत लोग मोटापे का शिकार हैं। इसके साथ हमारा देश मोटापे की विकराल समस्या की तरफ बढ़ रहा है।

डा. गोयल ने स्वास्थ्य संबंधी एक मैगजीन लांसे इंडिया में प्रकाशित इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि अमरीका तथा चीन के बाद भारत में सबसे अधिक मोटे लोग रहते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे बालकों की आबादी में 3 करोड़ से अधिक लोग मोटापे की बीमारी का शिकार हैं। डा. गोयल ने कहा कि उन्होंने बताया कि दुनिया भर में मोटापे के कारण 2000 अरब डालर वाॢषक खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में 6 करोड़ 20 लाख शुगर की बीमारी के मरीज या तो बहुत ज्यादा मोटे हैं तथा या उनका वजन जरूरत से ज्यादा है। इन लोगों में चर्बी के कारण मोटापा है तथा बहुत ज्यादा बड़े पेट वाले हैं।

डा. गोयल ने यह भी बताया कि मोटापा शुगर की बीमारी के लिए भी जिम्मेदार है। इसके अलावा मोटापे के कारण हड्डियों खुर्रने की बीमारी, महावारी में बेनियमता, बांझपन तथा हर्निया, कैंसर व दिल का दौरा भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि एक पुराना विचार है कि मोटापा अमीर लोगों की बीमारी है। उन्होंने कहा कि असल में मोटापा सिर्फ ज्यादा खाने से नहीं होता, यह अमीर, गरीब दोनों को हो सकता है।
डा. गोयल ने बताया कि बेरिएट्रिक विधि द्वारा आप्रेशन करके मोटापा घटाया जा सकता है तथा इस तरह की सजर्री के बाद 90-95 प्रतिशत लोगों को शुगर की बीमारी से निजात मिलती है। 
पारस अस्पताल के फैकलिटी डायरेक्टर आशीष चड्ढा ने कहा कि भारत में 60 प्रतिशत शुगर के मरीजों में मोटापे का लक्ष्ण सामने आए है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मोटापे के प्रति जागरूकता पैदा करना बहुत जरूरी है। 

हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड हैफेड के आउटलैट व समितियों के माध्यम से बेचेगा खादी उत्पाद- गार्गी कक्कड़

खादी बोर्ड के पंचकूला मुख्यालय स्थित हर खादी स्टोर पर केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर को मिलेगी दस प्रतिशत छूट

पुरनूर, पंचकूला – 27 जून:

हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती गार्गी कक्कड़ ने कहा कि खादी बोर्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त इकाईयों के निर्मित सामान को हैफेड के आउटलैट और सोसायटियों के माध्यम से बेचा जायेगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा पंचकूला मुख्यालय पर संचालित हरखादी स्टोर से सामान खरीदने वाले सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दस प्रतिशत की विशेष छूट दी जायेगी। 

श्रीमती कक्कड़ आज खादी एवं ग्रामोउद्योग बोर्ड के सेक्टर-2 पंचकूला स्थित मुख्यालय में त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश मे खादी एवं ग्रामोउद्योग बोर्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त इकाईयों द्वारा खादी का सामान तैयार किया जाता है। इन इकाईयों को विपणन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये बोर्ड ने निर्णय लिया है कि हरियाणा में स्थित हैफेड के सभी आउटलैट पर खादी का सामान बेचा जायेगा। इसके अलावा हैफेड के अंतर्गत आने वाली सहकारी विपणन समितियों, प्राइमरी एक्ग्रीकल्चर कापोरेटिव सोसायटियां और फेयर प्राईज शाॅप के माध्यम से भी यह सामान बेचा जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जहंा उत्पादन करने वाली इकाईयों को प्रोत्साहन मिलेगा वहीं जनता को भी खादी के उत्पाद अपने नजदीकी स्थान पर आसानी से उपलब्ध हो सकेगे।

    उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा पंचकूला मुख्यालय को हरखादी स्टोर स्थापित किया गया है। इस स्टोर पर खादी मित्र के नाम से अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा निर्मित सामान बेचने का निर्णय लिया गया हैं। इसके अलावा इस स्टोर  से यदि कोई सरकारी कर्मचारी व पेेंशनर्स सामान खरीदेगा तो उसे दस प्रतिशत की छूट दी जायेगी। बैठक में बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेखर विद्यार्थी, अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह, सदस्य योगेश शर्मा, संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां जयपाल गुप्ता, सदस्य विजय शर्मा, महाबीर कौशिक, मदनलाल शर्मा और पवन कुमार भी उपस्थित रहे। 

पंचकूला में टाउन वेंडर कमेटी के चुनाव करवाये जायेंगे

पंचकूला, 24 जून-

हरियाणा स्ट्रीट वेंडरस नियम 6 के उपनियम (1) के तहत नगर निगम पंचकूला में टाउन वेंडर कमेटी के चुनाव करवाये जायेंगे।

यह चुनाव कमेटी के 8 सदस्यों के लिये होंगे, जिनके लिये अलग-अलग वर्गों को आरक्षण के मुताबिक प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है। इस चुनाव के लिये नामांकन प्रक्रिया 22 जुलाई से 29 जुलाई तक होगी।  नगर निगम पंचकूला के आयुक्त राजेश जोगपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस आठ सदस्यीय समिति में एक पद अनुसूचित जाति महिला, एक पद अनुसूचित जाति, एक पद पिछड़ा वर्ग महिला और एक पद पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित होगा। शेष चार पदों में एक पद सामान्य वर्ग महिला के लिये तथा तीन पद सामान्य वर्ग श्रेणी में रखे गये है।

निगम आयुक्त ने बताया कि इच्छुक प्र्रत्याशी इस कमेटी के लिये 22 जुलाई से 29 जुलाई तक प्रातः 11 से 2 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल कर सकते है। उन्होंने बताया कि प्राप्त होने वाले नामांकन पत्रों की जांच 29 जुलाई को की जायेगी तथा 30 जुलाई सायं 5 बजे तक नामांकन पत्र वापिस लिये जा सकते है। नामांकन वापसी के बाद शेष प्रत्याशियों का चुनाव 3 अगस्त को प्रातः 8 से 4 बजे तक सामुदायिक केंद्र सेक्टर-12ए में होगा।

मतदान के उपरांत इसी दिन मतदान के स्थान पर  ही वोटों की गिनती की जायेगी और नाम घोषित किया जायेगा। 

तेज प्रताप और काँग्रेस ने महागठबंधन की बैठक से बनाई दूरी

पटना: 

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आज महागठबंधन की राबड़ी देवी के आवास पर समीक्षा बैठक हुई लेकिन बैठक से कांग्रेस नेताओं ने दूरी बना ली. राबड़ी आवास पर महागठबंधन के नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि का इंतजार करते रह गए लेकिन बैठक में न तो अध्यक्ष आए और न कोई दूसरा नेता. आखिरकार बिना कांग्रेस के हीं बैठक शुरू हुई बैठक में तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, शरद यादव, उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी मौजूद थे. जीतनराम मांझी भी इस बैठक से दूर रहे. उनके तरफ से उनके बेटे विधान पार्षद संतोष सुमन और प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैसंत्री शामिल हुए. 

इस बैठक में आरजेडी के 80 विधायक में से 20 विधायक नदारद रहे. तेजप्रताप भी इस बैठक से दूर रहे. बैठक में सर्वसहमति से तेजस्वी यादव को नेता चुना गया और तय किया गया कि 2020 का विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. 

लोकसभा चुनाव में आरजेडी का सूपड़ा साफ होने के बाद अपनी हार की समीक्षा कर रही है. आज पार्टी द्वारा दो सत्रों में बैठक बुलाई गई. पहले सत्र में जहां महागठबंधन में शामिल दलों की बैठक हुई तो दूसरे सत्र में आरजेडी विधायक दल की बैठक हुई. इसमें शामिल विधायकों से राय ली गई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के अलावा पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी समेत अन्‍य विधायक पहुंचे  लेकिन जिसकी उम्‍मीद थी तो वही हुआ. बैठक से तेज प्रताप यादव नदारद रहे. साथ ही 20  विधायक भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. 

राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इस बैठक में तेजस्‍वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव के भी पहुंचने की उम्‍मीद थी. इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि लंबे अंतराल के बाद राबड़ी आवास पर तेज प्रताप पहुंचेंगे लेकिन एक बार फिर वे बैठक में नहीं पहुंचे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो टाल गए.

वहीं, बैठक में आरजेडी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आस्था जताई. समीक्षा बैठक में कहा गया कि तेजस्वी बिहार के भविष्य हैं. 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. आरजेडी के अंदर खाने से खबर यह भी है कि आने वाले दिनों में पार्टी में नीचे स्तर से लेकर ऊपर स्तर तक बड़े बदलाव किए जा सकते है लेकिन सवाल यह है कि 2019 में तेजस्वी के नेतृत्व में खता नहीं खोलने वाली आरजेडी 2020 में कितना सफल हो पाएगी, यह आने वाला वक्त बताएगा.

अमेरिका – चीन में व्यापार युद्ध कोई भी झुकने को नहीं तैयार

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे व्यापार युद्ध में उसे ‘कमजोर न समझे’ क्यों की वह यह लड़ाई अंत तक लड़ने में समर्थ है. यह मामला तब आगे बढ़ा जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चेतावनी दी कि अगर चीन ने व्यापार समझौता नहीं किया तो वह बुरी तरह प्रभावित होगा. वहीं अब चीन भी समझौते के मूड में नहीं है, उसने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर बदले में आयात शुल्क लगाने का ऐलान कर दिया है.

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चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे व्यापार युद्ध में उसे ‘कमजोर न समझे’ क्यों की वह यह लड़ाई अंत तक लड़ने में समर्थ है. चीन ने यह रुख ऐसे समय दिखाया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन से आने वाले 200 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया . उन्होंने चीन से आयात होने वाले बाकी सामान पर भी शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है. चीन ने भी जबाव में 50 अरब डॉलर के अमेरिकी सामान पर प्रशुल्क की दरें बढ़ा दी हैं. अमेरिका ने पिछले साल चीन से 539 अरब डॉलर के सामान का आयात किया था जबकि चीन को अमेरिका का निर्यात महज 120 अरब डॉलर ही था.

दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने यह चेतावनी ऐसे समय में दी है जब करीब 200 अमेरिकी कंपनियां अपना प्लांट चीन से हटाकर भारत में लगाने की चर्चा कर रही हैं. ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, ‘मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के अपने अन्य सभी दोस्तों से खुलेआम कहना चाहता हूं कि अगर आपने व्यापार समझौता नहीं किया तो चीन बुरी तरह प्रभावित होगा, क्योंकि कंपनियां चीन को छोड़ अन्य देश में जाने के लिए बाध्य हो जाएंगी.’ 

अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी से बिदके चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा, ‘चीन बार बार कहता आ रहा है कि प्रशुल्क ऊंचा करने से समस्या हल नहीं होगी. व्यापार युद्ध शुरू करने से स्वयं और अन्य के लिए नुकसान ही होता है.’ चीन के प्रवक्ता ने यह भी कहा, ‘चीन व्यापार युद्ध की इच्छा या कामना नहीं करता पर उसे इससे किसी तरह का भय भी नहीं है.

चीन ने सोमवार को कहा कि वह 1 जून से वह 60 अरब डॉलर की वैल्यू के अमेरिकी गुड्स पर शुल्क लगाएगा, चीन के कैबिनेट टैरिफ पॉलिसी कमीशन ऑफ द स्टेट काउंसिल के एक बयान में कहा, ‘चीन अमेरिकी सामानों पर 5 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक शुल्क लगाएगा. चीन 5,140 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाएगा.’

यदि किसी ने हमारे ऊपर युद्ध थोपा तो हम उसको अंत तक लड़ेंगे. हम किसी बाहरी दबाव में झुकने वाले नहीं है. हम अपने न्यायोचित अधिकारों की रक्षा का संकल्प और सामर्थ्य रखते हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध भड़कने के बाद यह चीन की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया है .व्यापार वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा , ‘11वें दौर की वार्ता के बाद मैं समझता हूं कि दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने पर राजी हैं.’

ट्रंप ने अपने ट्वीट में चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया. ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘हम सही हैं, हमें चीन के साथ जहां होना चाहिए हम वहीं हैं. याद रखिए, चीन ने हमारे साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत को तोड़ा है और फिर से बातचीत की कोशिश की.’ 

इससे पहले ट्रंप ने चीन के खिलाफ प्रशुल्क बढ़ाने के लिए कहा था कि हमने शुक्रवार तक शुल्क काफी ऊंचा कर दिया है . 200 अरब डॉलर के सामान पर यह 25 प्रतिशत हो गया है . इस तरह कुल 250 डॉलर पर 25 प्रतिशत शुल्क हो गया है . इसके अलावा हमारे पास 325 अरब डॉलर और बचा है जिस पर हम यदि चाहेंगे तो कार्रवाई कर सकते है.

भगौड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड है: मलल्या

अब जब प्रत्यार्पण रोकने के सारे हथकंडे विफल हो चुके हैं और माल्या लंदन कोर्ट को हर तरह से समझाने में नाकामयाब रहे हैं तब उन्होने मुंबई उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है की वह तो मात्र तंत्र के शिकार हैं। उन्हे तो एक तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। सभी इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं। परंतु जब वह लंदन कोर्ट द्वारा भारतीय जेलों की दशा पुछवा रहे थे तब उन्हे इस बात का एहसास नहीं था। तब उन्होने ज़ोर देकर क्यूँ नहीं कहा की वह निर्दोष हैं और भारत में एक सम्मानित व्यापारी की भांति उन्हे सफाई रखने और सभी विसंगतियों को दूर करने का मौका मिले?

मुंबई: 

संकट का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि विशेष अदालत द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना और उसकी संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देना आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है. माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिए न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ के समक्ष यह बयान दिया. पिछले साल अगस्त में वजूद में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका के दौरान वकील ने यह दलील दी.

माल्या ने अपने वकील के जरिए कहा, ‘‘ऐसे कर्ज पर मेरा ऋण और ब्याज बढ़ रहा है. मेरे पास इन कर्जों को चुकाने के लिए संपत्ति है लेकिन सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए इन संपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी . मेरी संपत्ति पर मेरा नियंत्रण नहीं है.’’ माल्या के वकील ने कहा, ‘‘इस तरह मुझे आर्थिक मृत्युदंड दिया गया है.’’