मर्जर के बाद पीएनबी बना भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक

नई दिल्ली: 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बैंकों के मर्जर का ऐलान किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक को मर्ज किया जा रहा है. मर्जर के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक हो जाएगा, जिसका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ का होगा.

केनरा और सिंडिकेट बैंक का भी मर्जर किया जाएगा. देश में अब सिर्फ 12 सरकारी बैंक होंगे. 4 बड़े सरकारी बैंकों में 6 छोटे बैंकों का मर्जर किया जाएगा. विलय के बाद PNB देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा

कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का मर्जर होगा यह देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेगा. इस बैंक का बिजनेस 15.20 लाख करोड़ का होगा. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का मर्जर होगा. मर्जर के बाद यह देश का पांचवा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक होगा.

इंडियन और इलाहाबाद बैंक का मर्जर होगा यह देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा, जिसकी पूंजी 8.08 लाख करोड़ रुपये होगी. वित्तमंत्री ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक का किसी का मर्जर नहीं किया जाएगा. बैंक ऑफ इंडिया का बिजनेस 9.3 लाख करोड़ और सेंट्रल बैंक का बिजनेस 4.68 लाख करोड़ का होगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें
1. वित्त मंत्री ने कहा कि हम बहुत तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं.
2. 8 सरकारी बैंकों ने रेपो रेट लिंक प्लान लॉन्च किए हैं.
3. NBFCs की राहत के लिए कई कदम उठाए.
4 NBFCs ने लिक्विडिटी के लिए PSBs से करार किया: वित्त मंत्री
5. क्रेडिट ग्रोथ के लिए आज का कदम महत्वपूर्ण: वित्त मंत्री
6. फाइनेंशियल सेक्टर के लिए मजबूत नींव की जरूरत. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकारी बैंकों की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं: इसके अलावा बैंकों ने लोन रिकवरी में रिकॉर्ड बनाया है.

5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के सपने को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 में देश की अर्थव्यवस्था 2.6 ट्रिलियन डॉलर थी. 2024 में हम 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे.बैंकिंग सेक्टर को लेकर उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल जितने फैसले लिए गए हैं उससे NPA में भारी कमी आई है. वित्त वर्ष 2018-19 में लोन रिकवरी 1,21,076 करोड़ था. साथ ही NPA का स्तर 7.90 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. पहले बैंकों पर 8.86 लाख करोड़ के NPA का बोझ था.

NDTV caught breaking the law on the appointment of its Editor, forced to remove Suparna Singh

The latest resignation of NDTV’s CEO Suparna Singh shows that the corrupt TV channel caught laundering money, has no respect for the law in India. Suparna was forced to resign after the Information & Broadcasting Ministry (I&B) found that she was an American Citizen and it is a clear violation. As per the laws and rules, In Television and Print media, all top posts including the post of the Editor should be a resident Indian Citizen.

This rule is well-known. Appointing Suparna Singh as the CEO in December 2017 shows the arrogance this company has towards India and its laws while preaching morals all the time. I&B never approved this and at last, she was forced to resign and NDTV informed the Stock Exchanges on August 22 of the same. The company put out a bland notification to the Stock Exchanges without revealing the exact reason for her resignation. They simply said as she did not get the approval of the I&B Ministry

“Actually, the erring media world was first caught by BJP leader Subramanian Swamy while going to Delhi High Court (HC) in 2012 against ‘The Hindu’ newspaper’s appointment of American citizen Siddharth Varadarajan as the Chief Editor.”

Suparna Singh obtained United States (US) Citizenship during her studies in America in the mid-90s. It is interesting to note that Indian media organizations that talk about the illegality of others are often guilty of the same illegality. Many US, Singapore and British Citizens were illegally appointed by many Newspapers and TV Channels as their Editors and posted in top managerial positions. The rule is crystal clear. Only resident Indian Citizens can by appointed in such posts in India. Even Non-Resident Indians (NRI)s can’t be appointed.

Actually, the erring media world was first caught by BJP leader Subramanian Swamy while going to Delhi High Court (HC) in 2012 against ‘The Hindu’ newspaper’s appointment of American citizen Siddharth Varadarajan as the Chief Editor. Soon after the HC issued notice to Siddharth Varadarajan and ‘The Hindu’ newspaper, the management removed the American editor. As both the newspaper and Siddharth Varadarajan did not respond to Delhi High Court’s notice and Swamy’s case became hostile and the Judgment observed that media organizations would maintain the rules specified. Though Registrar of Newspaper India (RNI) objected to Siddharth Varadarajan’s US Citizenship, the Hindu Management was trying to ignore it and rectified the mistake after Delhi High Court issued notice on Swamy’s petition.

The Hindustan Times in 2016 also violated the norm by appointing American citizen Bobby Ghosh as its Editor. Before the Government clampdown, owner Shobhana Bhartiaremoved her imported Editor and patched up with the Government.

मल्टीलेवल मार्केटिंग घोटाले क्यूनेट में नामचीन कलाकारों को नोटिस, 70 गिरफ्तार

हैदराबाद: बहुस्तरीय (मल्टीलेवल) मार्केटिंग घोटाले क्यूनेट के संबंध में साइबराबाद पुलिस ने 38 मामले दर्ज करते हुए कुल 70 लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सजनार ने मंगलवार को बताया कि ये मामले ग्रेटर हैदराबाद को कवर करने वाले तीन पुलिस आयुक्तों में से एक साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट में आने वाले अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि विहान डायरेक्ट सेलिंग प्राइवेट लिमिटेड (क्यूनेट) और इसके प्रमोटरों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई मामले दर्ज किए गए थे.

अनिल कपूर, बोमन ईरानी सहित शाहरुख खानसमेत कई एक्टरों को नोटिस

पुलिस ने कंपनी के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अभिनेता अनिल कपूर, शाहरुख खान, बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, विवेक ओबेरॉय, पूजा हेगड़े और अल्लू सिरीश को भी नोटिस दिया है. अनिल कपूर, शाहरुख खान और बोमन ईरानी ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से नोटिस का जवाब दिया है. वहीं अन्य बॉलीवुड हस्तियों से जवाब का इंतजार किया जा रहा है. सजनार के कहा कि तीनों बॉलीवुड कलाकारों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जा रहा है. पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘इस योजना के शीर्ष 500 प्रमोटरों को भी नोटिस दिए गए हैं और उनके जवाबों का इंतजार है.’

उन्होंने कहा कि यह भारत के क्यूआई समूह की एक फ्रेंचाइजी विहान की ओर से धोखाधड़ी का मामला है, जो क्यूनेट के नाम से मार्केटिंग करती है. पुलिस के अनुसार, विहान को पहले गोल्ड क्वेस्ट एंड क्वेस्ट नेट के नाम से जाना जाता था. यह क्यूआई समूह के स्वामित्व वाली हांगकांग स्थित एक प्रत्यक्ष बिक्री या बहु-स्तरीय विपणन (मल्टी लेवल मार्केटिंग) कंपनी है. पुलिस के अनुसार, वे सॉफ्टवेयर कर्मचारियों, बेरोजगार युवाओं और गृहणियों को निशाना बना रहे थे.

विहान को बंद करने की प्रक्रिया शुरू

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कहा कि विहान को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं सजनार ने लोगों से अपील की है कि वे क्यूनेट में शामिल न हों और विहान को कोई भुगतान न करें.

उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) बेंगलुरु ने विहान को बंद करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच में याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा कि आरओसी ने कंपनी अधिनियम-2013 के विभिन्न उल्लंघनों के लिए विहान के खिलाफ अभियोग चलाया था. कंपनी से जुड़े 12 लोगों के खिलाफ निदेशक और प्रमोटर के रूप में लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है.

ई-कॉमर्स की आड़ में भारत के बाहर भेजे कए करोड़ों रुपए

फाइनेंशियल फ्रॉड्स विक्टिम्स वेलफेयर एसोसिएशन ने दावा किया कि डायरेक्ट सेलिंग और ई-कॉमर्स की आड़ में कंपनी ने 20 हजार करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे हैं.

इस बीच क्यूनेट ने आरोपों से इनकार किया है. उसने रिपोर्ट को आधारहीन के साथ तथ्यों व व्यापार की समझ के बिना तैयार किया गया बताया. क्यूनेट ने कहा कि उन्होंने न्यायिक फोरम में इस रिपोर्ट को चुनौती दी है.

क्यूनेट एक ई-कॉमर्स आधारित प्रमुख एशियाई डायरेक्ट सेलिंग कंपनी है, जो होम केयर, पर्सनल केयर, स्किन केयर, हेल्थ फूड सप्लीमेंट्स, घड़ियां और हॉलिडे पैकेज की श्रेणियों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की मार्केटिंग करती है. क्यूनेट भारत में अपने सब फ्रेंचाइजी के माध्यम से काम करती है.

राज ठाकरे को IL&FS मामले में ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा

सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे को गुरुवार को ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है.  सूत्रों के मुताबिक एक मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी को पता चला कि कोहिनूर बिल्डिंग का इस्तेमाल पैसों को डाइवर्ट करने के लिए हुआ था. कोहिनूर बिल्डिंग में निवेश और शेयर होल्डिंग राजठाकरे और राजन शिरोडकर ने 421 करोड़ में डील की थी. इस डील के बारे में ईडी को IL&FS स्कैम की जांच के दौरान पता चला था.

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे को गुरुवार को ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है. राज ठाकरे से ईडी कल सुबह 10.30 बजे पूछताछ करेगी. बताया जा रहा है कि कल सिर्फ राज ठाकरे से ही प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगी. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी को कल ईडी पूछताछ के लिए नहीं बुलाएगी. सूत्रों के मुताबिक ईडी ने राज ठाकरे को कोहिनूर बिल्डिंग मामले में पूछताछ के लिए 22 अगस्त को बुलाया है. 

सूत्रों के मुताबिक एक मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी को पता चला कि कोहिनूर बिल्डिंग का इस्तेमाल पैसों को डाइवर्ट करने के लिए हुआ था. कोहिनूर बिल्डिंग में निवेश और शेयर होल्डिंग राजठाकरे और राजन शिरोडकर ने 421 करोड़ में डील की थी. इस डील के बारे में ईडी को IL&FS स्कैम की जांच के दौरान पता चला था.

ईडी अब राजठाकरे और उन्मेष जोशी से पूछताछ करके ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि कोहिनूर बिल्डिंग और IL&FS स्कैम के बीच क्या संबंध है और आखिरकार किस तरीके और रुट से करोड़ों रुपयों को डाइवर्ट किया गया है. शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी और अन्य दो सहयोगियों ने मिलकर एक कंसोर्टियम गठित किया था.

इसमें il&fs ग्रुप ने भी 225 करोड़ रुपए का निवेश किया था. इसके बाद साल 2008 में इसने भारी नुकसान उठाते हुए कंपनी ने अपने शेयर को महज ₹90 करोड़ में सरेंडर कर दिया. अपना शेयर सरेंडर करने के बाद भी il&fs ने कोहिनूर स्क्वॉयर टॉवरों का निर्माण करने वाली कोहिनूर सिटीएनएल को एडवांस लोन दिया जिसे कथित तौर पर कोहिनूर सिटीएनएल चुका नहीं पाया.

इसके बाद साल 2011 में कोहिनूर सिटीएनएल कंपनी ने अपने कुछ संपत्तियां बेचकर ₹500 करोड़ का लोन चुकाने के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया. इस समझौते के बाद il&fs ने कोहिनूर सिटीएनएल को 135 करोड़ रुपए का और लोन दिए जाने का आईडी ने जांच में पाया है. इस मामले में ईडी कोहिनूर सीटीएनएल के एक बड़े अधिकारी का बयान रिकॉर्ड कर चुकी है. 

भारत की बढ़ती आर्थिक व्यवस्था से क्षुब्ध डोनाल्ड ने डबल्यूटीओ को चेताया

डोनाल्‍ड ट्रम्प (Donald Trump) ने पहले भी कई बार WTO पर अमेरिका के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है और उससे हटने की धमकी भी दी है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन को डब्ल्यूटीओ के नियमों को मानने की जरूरत नहीं है
ट्रंप ने कहा कि, भारत और चीन एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं इसलिए अब उन्हें विकासशील नहीं माना जा सकता है

  1. डोनाल्‍ड ट्रम्‍प ने WTO छोड़ने की धमकी दी है
  2. चीन को लेकर ट्रम्‍प WTO से नाराज हैं
  3. ट्रम्‍प ने कहा क‍ि अमेरिका को WTO के नियम मानने की जरूरत नहीं है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने कहा है कि अगर स्थितियां नहीं सुधरीं तो अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (WTO) से हट जाएगा. ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया के एक ‘शेल केमिकल प्लांट’ में मंगलवार को कर्मचारियों से कहा, ”अगर हमें छोड़ना पड़ा तो हम छोड़ देंगे.”

राष्‍ट्रपति ट्रम्‍प ने कहा, ”हमें पता है कि कई सालों से वे हमें नुकसान पहुंचा रहे हैं, ये अब और नहीं होगा.” उन्‍होंने डब्ल्यूटीओ को उसके पिछले कई कदमों का जिक्र करते हुए उस पर निशाना साधा है और अमेरिका को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकालने की धमकी दी है. उन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ अमेरिका के प्रति अनुचित व्यवहार कर रहा है और कहा कि डब्ल्यूटीओ वॉशिंगटन की अनदेखी नहीं कर सकता है.

ट्रम्प ने पहले भी कई बार डब्ल्यूटीओ पर अमेरिका के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है और उससे हटने की धमकी भी दी है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन को डब्ल्यूटीओ के नियमों को मानने की जरूरत नहीं है.

ट्रम्‍प ने कहा कि संगठन में शामिल किए जाने के वक्त चीन को दी गईं शर्तों को लेकर अमेरिका की शिकायत है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी के चीन द्वारा चोरी के बारे में अमेरिका ने शिकायतें दी थीं. लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के पास वास्तव में वैश्विक व्यापारिक संस्था द्वारा मध्यस्थता से विवादों को जीतने का एक सफल रिकॉर्ड है. ट्रंप का दावा है कि संस्थान के नियमों में सुधार के लिए जब भी कहा गया ट्रंप प्रशासन ने प्रभावी रूप से अपने रुख में नरमी बरती है.

बता दें कि चीन ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका का विश्व व्यापार संगठन में चीन का ‘विकासशील राष्ट्र’ का दर्जा उससे वापस लेने की चेतावनी उसके ‘घमंड’ और ‘स्वार्थीपन’ को बताता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पिछले शुक्रवार को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथाइजर को भेजे गए एक निर्देश के बाद चीन ने सोमवार को यह प्रतिक्रिया जाहिर की थी.

इस निर्देश में कहा गया है कि व्यापार नियमों की वैश्विक व्यवस्था का संचालन और विवादों का निपटारा करने वाले डब्ल्यूटीओ द्वारा विकसित और विकासशील देशों के बीच किया जाने वाला विभाजन अब पुराना पड़ गया है. इसका परिणाम यह हो रहा है कि डब्ल्यूटीओ के कुछ सदस्य बेजा फायदा उठा रहे हैं.

माना जा रहा है कि यह निर्देश चीन को ध्यान में रखकर दिया गया है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रंप प्रशासन की यह मांग उसके ‘घमंड’ और ‘स्वार्थीपन’ को बताती है. उन्होंने कहा कि एक या कुछ देशों को यह फैसला करने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि किसी देश को विकासशील देशों की श्रेणी में रखना है और किसे नहीं.

गौरतलब है कि डब्ल्यूटीओ में विकासशील देश का दर्जा मिलने से विश्व व्यापार संगठन संबंधित सरकारों को मुक्त व्यापार प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए लंबी समय-सीमा प्रदान करता है और साथ ही ऐसे देशों को अपने कुछ घरेलू उद्योगों का संरक्षण करने और राजकीय सहायता जारी रखने की अनुमति होती है.

भारत में जल्द ही बिजली से चलने वाले ट्रक मिलेंगे

सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय इस तरह की एक संयुक्‍त परियोजना में काम कर रहे हैं. जिसके तहत, दिल्‍ली से मुंबई के बीच में निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में बिजली से ट्रकों को दौड़ाने का ट्रायल रन शुरू करने की भी योजना है

नई दिल्‍ली: सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय की योजना सफल रही तो जल्‍द ट्रक का डीजल की जगह बिजली से दौड़ते नजर आएंगे. जी हां, सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय इस तरह की एक संयुक्‍त परियोजना में काम कर रहे हैं. जिसके तहत, दिल्‍ली से मुंबई के बीच में निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में बिजली से ट्रकों को दौड़ाने का ट्रायल रन शुरू करने की भी योजना है. मंत्रालय का यह ट्रायल रन सफल रहा तो दिल्‍ली से मुंबई के बीच निर्माणाधीन इस हाईवे में बिजली से चलने वाले ट्रकों के लिए एक अलग कॉरिडोर बनाया जाएगा.  

80 टन क्षमता वाले ट्रक का बिजली से होगा परिचालन 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, दिल्‍ली से मुंबई के बीच निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में भारी उद्योग मंत्रालय की मदद से दस किलोमीटर का एक कॉरिडोर बनाया जाएगा. जिसमें बिजली की तारें लगी होंगी. इन तारों की मदद से 80 टन क्षमता वाले इलेक्ट्रिक ट्रक को पैंटोग्राफ से जोड़ा जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इस कॉरीडोर पर चलने वाले ट्रकों में बैटरी का विकल्‍प भी होगा. पैंटोग्राफ की मदद से कुछ किलोमीटर ट्रक चलेंगे. इस समयावधि में ट्रक की बैटरी चार्ज हो जाएगी. जिसके बाद बैटरी पर ट्रकों को चलाया जा सकेगा. बैटरी डिस्‍चार्ज होने पर ये ट्रक वापस बिजली से चलेंगे. 

A truck with a pantograph drives on the “eHighay” test track in Gross Doelln, eastern Germany, on November 6, 2015. Since 2011 German engineering giant Siemens runs the test track for the development of electric driven freight traffic.

120 किमी कम हो जाएगी दिल्‍ली से मुंबई की दूरी
उन्‍होंने बताया कि यदि यह योजना सफल रहती है तो एक लीटर डीजल में जितनी दूरी एक ट्रक तय करता है, उसकी दूरी को तय करने में महज 12 रुपए का खर्च आएगा. उन्‍होंने संभावना जाहिर की है कि दिल्‍ली से मुंबई के बीच बनने वाला यह ग्री न एक्‍सप्रेस हाईवे अगले ढाई से तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रकों का परीक्षण इस कारिडोर में किया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इस हाईवे के बनने के बाद दिल्‍ली से मुंबई की दूरी करीब 120 किमी कम हो जाएगी और महज 12 घंटे में दिल्‍ली से मुंबई का सफर पूरा किया जा सकेगा. 

इन देशों में सफलतापूर्वक चल रहे हैं इलेक्ट्रिक ट्रक 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, बिजली से चलने वाले ट्रक हमारे देश के लिए भले ही नई बात हों, लेकिन दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जहां पर बिजली से ट्रकों को चलाया जा रहा है. जिन देशों में बिजली से ट्रक चलाए जा रहे हैं, उनमें अमेरिका, सैनफ्रांसिस्को, जर्मनी और स्‍वीडन शामिल हैं. उन्‍होंने बताया कि हाल में उन्‍होंने स्‍वीडन और जर्मनी में बिजली से चलने वाले ट्रकों की परियोजना को देखा है, जिसे जल्‍द ही भारत में लागू किया जाएगा. इस योजना के लागू होने के बाद सामान को एक शहर से दूसरे शहर ले जाने में आने वाली लागत में खासी कमी आएगी. 

जीएसटी बचाने के चार में एफ़आईआर दर्ज़

पंचकूला, 6 जुलाई:

आबकारी एवं कराधान विभाग पंचकूला द्वारा मै. रिसाईकल विद अस नामक पंचकूला की फर्म के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है। यह मुकदमा जीएसटी के नियमों की अवहेलना करने के कारण दर्ज करवाया गया है।
उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त बिक्री कर संजीव राठी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-।। पंचकूला के प्लाट नंबर 329 मै. रिसाईकल विद अस फर्म का जीएसटी नंबर 06 ए.के.एल.पी.जी.4222बी.आई.जैड.आर. है। जांच करने पर पाया गया कि यह फर्म कार्य नहीं कर रही है। फर्म का जीएसटी पंजीकरण स्क्रैप, स्टेशनरी, आॅटो पार्टस और करियाना के सामान के लिए है।
उन्होंने बताया कि यह फर्म केवल कागजों में सामान का आदान-प्रदान कर रही थी जबकि व्यवहारिक तौर पर काम नहीं हो रहा था। इस फर्म एक जुलाई 2017 से 31 मई 2019 तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चण्डीगढ और उत्तराखण्ड में 33 करोड़ 68 लाख 5709 रूपए का कारोबार दिखाया जबकि जीएसटी अदा नहीं की। विभाग द्वारा फर्म की कार्यप्रणाली में जीएसटी अधिनियम की अनियमितताओं को देखते हुए इस फर्म के मालिक आशू गुप्ता पुत्र राम करण गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। विभाग ने 5 जुलाई को इस फर्म का जीएसटी नंबर भी कैंसल कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही जीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधानों के तहत की गई है। 

बढ़ी हुई डीज़ल – पेट्रोल की कीमतों की घोषणा के साथ बाज़ार गिरा

मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट में सरकार ने पेट्रोल, डीजल को लेकर जो ऐलान किए हैं, उसका असर दिखने लगा है। बजट के बाद लोगों को तगड़ा झटका लगा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के बाद शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ गए हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हो गई है। पेट्रोल 2.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.30 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।


नई दिल्‍ली:

बजट के बाद शेयर बाजार धड़ाम….

भारतीय शेयर बाजार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट नहीं पसंद आया है। शेयर बाजार की 40 हजार के स्‍तर पर शुरुआत हुई लेकिन बजट के बाद बाजार ने बढ़त गंवा दी और कारोबार के अंत में दिन के निचले स्तरों पर बंद हुआ। सेंसेक्स 394.67 अंक की गिरावट के साथ 39513.39 के स्तर पर रहा। वहीं निफ्टी 135.60 अंक की कमजोरी के साथ 11,811.15 के स्तर पर बंद हुआ।

बजट में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण पेट्रोल और डीजल पर स्‍पेशल एडिशनल एक्‍साइज ड्यूटी और रोड एंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर से एक-एक रुपये बढ़ाने का ऐलान किया है, जिससे इनकी कीमत में इजाफा होना तय है।

सरकार के इस ऐलान के बाद पेट्रोल व डीजल की कीमत को लेकर स्थिति एक बार फिर वही हो गई है, जो अक्‍टूबर 2018 से पहले थी। तब कई राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनाव से पहले तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने ईंधन पर एक्‍साइज ड्यूटी में 1.50 रुपये तक की कटौती का ऐलान किया था। लेकिन अब मौजूदा वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में पेट्रोल व डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी (उत्‍पाद शुल्‍क) और सेस (उपकर) एक-एक रुपये बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया है, जिससे साफ है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में दो रुपये तक की बढ़ोतरी होगी।

इसे समझने के लिए दिल्‍ली में आज के पेट्रोल की कीमत की बात करें तो यह 70.51 रुपये प्रति लीटर बिक रही है, जिनमें से खरीदार 36.40 रुपये कई तरह के करों और डीलर कमीशन के तौर पर भुगतान करता है। इनमें 17.98 रुपये एक्‍साइज ड्यूटी का होता है तो 3.54 रुपये डीलर कमीशन होता है और 14.98 रुपये वैट होता है। वित्‍त मंत्री के आज के ऐलान के बाद इन करों में दो रुपये तक की बढ़ोतरी होगी।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में साफ कहा कि अतिरिक्‍त संसाधन जुटाने के लिए इसकी आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा, ‘कच्‍चे तेल की कीमत नीचे बनी हुई है। इस स्थिति से मुझे पेट्रोल और डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी और सेस की समीक्षा का अवसर मिला।’ उन्‍होंने कहा, ‘मैं पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये विशेष अतिरिक्‍त उत्‍पाद शुल्‍क और सड़क एवं आधारभूत संरचना उपकर लगाने का प्रस्‍ताव रखती हूं।’ 

Indeed a Very Positive Budget, Sets Indian Economy rolling to new heights

Mazboot Budget for Mazboot Nagrik
“यकीन हो तो रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है”

CA. Keshav R Garg

It is indeed a Mazboot Budget for Mazboot Nagrik. The maiden budget by first full time lady finance minister has set the tone for the growth of Indian Economy for next 5 years. It seems that day is not far when India will see its peak growth under the regime of very talented, humble and grounded finance minister. From village to cities, youth to old, MSME to Large Caps everyone has been touched in this well sought budget of newly elected government.

As far as a common man is concerned a number of initiatives have been introduced. We cannot just talk about tax benefits but those benefits as well which make life of common man easy. The government has introduced the concept of NCMC Transport card which will cater for all transport needs all across the country be it metros, buses, toll tax etc. Not only it will help in transportation but in case of emergencies, one can withdraw cash from ATM as well with the help of this card. Additional Tax benefit of Rs. 1.5 lakh each for purchase of electric vehicle and affordable house has also been granted. PAN Card shall no more be required for filing of ITR, it can simply be done with the help of Aadhaar Number. Both can now be used inter-changeably. Also a pre-filled income tax return form shall be made available for the Salaried class.

There had been special focus on start-ups in this budget. The Finance minister assured that the issue of angel investor and its investment shall now be resolved. There shall be no scrutiny on start-ups in respect of their valuation by the income tax department.Exemption from capital gains have been introduced where a persons sells his house and invests that money in a start-ups. Further aTV channel specifically for start-ups is set to be introduced which will help them hand holding in relation to fund raising and initial hiccups.

For bigger corporate house tax rate has been reduced from 28% to 25% where the annual turnover does not exceed Rs. 400 crores. Faceless E-assessment system shall be introduced from 2019 where the cases for scrutiny shall be selected from central repository without providing the details of officer to the taxpayer. This will be huge measure to reduce corruption. For super-rich an additional surcharge of 3% to 7% has been introduced in align with the government to reduce income gaps. Also a TDS of 2% has been introduced if one withdraws cash more than Rs. 1 crore in a financial year. This is in lieu to curb cash transactions.

Apart from above various measures such as Social Stock exchangeloan against Corporate bonds100% FDIs in various sectors,Government investment in banksInsurance Schemes for small traders/business units are all meant to increase the inflow of funds in the Indian economy. The additional resources of funds will certainly boost the business activities being carried out in every nook and corner of the country. FM dint even forget visually impaired, she announced introduction of special Rupee coins for them. Even for students New Education Policy to promote Study in India set to roll out. 

Government has brought huge changes as far as indirect taxes are concerned. A Sabka Vishwas (Legacy Dispute Resolution Scheme, 2019) has been introduced to square off service tax and central excise matters pending as on 30.06.2019. This is to off-load the burden of Pre-GST litigations from the department as well as from taxpayers. The person can pay 70%/50% of the tax dues where the amount is less than 50 lakhs/more than 50 lakhs respectively. No penalty/late fees shall be charged under this scheme. Further to provide relief to taxpayers and to settle ever going debate, CGST Act 2017 has been amended to provide that interest shall be charged on net cash liability instead of Gross Tax liability under GST. Further GST Act has been changed in order to effect the various taxpayer friendly decisions taken by 35th GST Council Meeting.

We at KRG Legal feel that this budget is really positive. It not only sets the tone for future growth of our country but also towards more transparent and compliant nation. With lesser interaction with tax officials, transparency is set to increase in the interest of taxpayers. The Legacy scheme/one-time settlement was a demand pending since long which has now been fulfilled. On the similar lines, states must also come out with such scheme. We also feel that this budget is achievable and has been prepared keeping in view the ground realities. We congratulate our Lady Finance Minister for her masterstroke and look forward to more such constructive work in future as well.

“Yakin ho to raasta nikalta hai, hawa ki aut lekar bhi chirag jalta hai”

निर्मला सीतारामण ने बजट बही खाते में पेश किया

देश की पूर्णकालिक पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने के दौरान वर्षों पुरानी परंपरा को बदल दिया।
“यह अब वर्षों पुरानी दास भावना से मुक्ति दर्शाता है” कृष्णमूर्ति सुबरमानियन (CEA)

वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश करने के लिए जब अपने मंत्रालय से बाहर आईं तो उनके हाथ में इस मौके पर पहले के वित्त मंत्रियों के हाथ में नजर आने वाला लाल रंग का ब्रीफकेस नहीं बल्कि इसी रंग का अशाेक स्तंभ वाला मखमली कपड़े का एक पैकेट था जिसमें बजट रखा हुआ था।

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मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यन ने ब्रीफकेस की जगह बजट को लाल रंग के कपड़े में लाने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय परंपरा है और पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक। यह बजट नहीं बही-खाता है।

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स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। उस समय बजट को चमड़े के बैग में रखकर लाया गया था।

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