पंचांग, 14 मई 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 14 मई 2024
नोटः आज श्री गंगा जंयती है और ज्येष्ठ संक्रांति है।
श्री गंगा जंयती : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार गंगा सप्तमी 14 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी. गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन मां गंगा को समर्पित है।
ज्येष्ठ संक्रांति : सनातन धर्म में ज्येष्ठ संक्रांति का काफी महत्व है। इस दिन को पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान एवं दान-पुण्य के लिए बड़ा अच्छा माना गया है। पूजन के बाद गुड़, तेल, जल से भरा घड़ा, पंखा, वस्त्र, फल इस विश्वास से दान किए जाते हैं कि अगले जन्म में इन चीजों की कमी न होगा। लोग घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। जरूरतमंद लोगों को दान अवश्य करें। मान्यता है कि पानी में तिल डालकर स्नान करने से बीमारियां दूर और दीर्घायु होती है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः वैशाख
पक्षः शुक्ल,
तिथिः सप्तमी रात्रि काल 04.20 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुष्य दोपहर काल 01.05 तक हैं,
योगः अतिगण्ड प्रातः काल 07.25 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः कर्क,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.35, सूर्यास्तः 07.01 बजे।