दीपा दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि लक्की के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस भवन में किसी न किसी के साथ बदसलूकी हो रही है। इस बात का जिक्र उन्होंने कई बार लक्की से किया लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। दीपा ने कहा कि एक महिला होने के नाते उन्हें अब कांग्रेस भवन में जाने से डर लगने लगा है।
- कांग्रेस भवन में जाने से लगता है डर – दीपा दुबे
- मनीष तिवारी के शहर में पहुंचने पर लगी इस्तीफो की कतार
- मनीष तिवारी को टिकट से चंडीगढ़ कांग्रेस में फूट
- स्वागत में भी गुटबाजी दिखी हावी, नहीं पहुंचे बंसल और दूसरे नेता
- सेक्टर 15 में प्रधान हरमोहिंदर सिंह लक्की के खिलाफ हुई नारेबाज़ी
- पवन बंसल चंडीगढ़ से 8 बार लड़े चुनाव, चार बार जीते
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 15 अप्रैल :
लोकसभा चुनाव के लिए शहर में वोटिंग एक जून को होनी है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इसी कड़ी में दो बार के सांसद और चंडीगढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मनीष तिवारी सेक्टर-35 राजीव गांधी कांग्रेस भवन पहुंचे। तिवारी को टिकट मिलने के बाद से कवायद लगाई जा रही थी कि कांग्रेस में गुटबाजी दिखेगी और सोमवार को हुआ भी ऐसा ही। तिवारी के स्वागत में कार्यकर्ता और नेता तो पहुंचे लेकिन वो नहीं आए जिनकी उम्मीद थी। तिवारी के स्वागत में न तो कांग्रेस भवन में पवन कुमार बंसल आए, न ही कांग्रेस के ज्यादातर पार्षद और न ही महिला कांग्रेस की अध्यक्षा। कुल मिलाकर तिवारी के चंडीगढ़ आगमन पर कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई।
पवन बंसल के समर्थन में प्रदेश सचिव का इस्तीफा
मनीष तिवारी को टिकट मिलने के बाद से नाराज नेताओं की गुस्सा सोमवार को तिवारी के शहर में आने पर निकला। तिवारी के चंडीगढ़ आने से पहले रविवार को प्रदेश सचिव नितिन राय चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी थी। उनका कहना है कि वह पवन बंसल के समर्थन में इस्तीफा दे रहे हैं। उन्हें बाहर का उम्मीदवार मंजूर नहीं है।
इस्तीफा देने में महिला चंडीगढ़ कांग्रेस प्रधान भी शामिल
जिस समय मनीष तिवारी कांग्रेस भवन से चुनाव को लेकर हुंकार भर रहे थे, ठीक उसी समय सेक्टर-15 स्थित चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दूबे के घर एक बैठक हो रही थी। इस बैठक के बाद दीपा सहित करीब 62 लोगों ने कांग्रेस पार्टी के विभिन्न पदों से इस्तीफा दिया। यह इस्तीफा उन्होंने मनीष तिवारी को टिकट दिए जाने के विरोध में दिया है।
कांग्रेस भवन में जाने से लगता है डर – दीपा दुबे
दीपा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि लक्की के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस भवन में किसी न किसी के साथ बदसलूकी हो रही है। इस बात का जिक्र उन्होंने कई बार लक्की से किया लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। दीपा ने कहा कि एक महिला होने के नाते उन्हें अब कांग्रेस भवन में जाने से डर लगने लगा है।
लक्की मुरदाबाद के लगे नारे
दीपा सहित 60 लोगों के इस्तीफे के बाद उनके निवास के बाहर पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने लक्की मुरदाबाद के नारे लगाए। कार्यकर्ताओं ने कहा लक्की हटाओ कांग्रेस बचाओ। उन्होंने कहा कि यह चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रधान एचएस लक्की की साजिश है। उसको पद से हटाया जाना चाहिए। कार्यकर्ता तिवारी को उम्मीदवार बनाए जाने से इतने खफा थे कि सेक्टर-35 में तिवारी के स्वागत में कुछ सौ लोग ही पहुंचे थे।
बंसल मांग रहे थे शहर से लड़ने के लिए टिकट
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पवन बंसल चंडीगढ़ से टिकट मांग रहे थे। टिकट कटने के बाद से वह नाराज चल रहे हैं। पवन बंसल चंडीगढ़ से 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें 4 बार उन्हें जीत हासिल हुई है। इस बात का टीस तिवारी के आने पर साफ देखी गई।
गठबंधन का कोई भी नेता और कार्यकर्ता नहीं पहुंचा
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) मेयर चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कई बड़ी-बड़ी बातें बोल रहे थे लेकिन तिवारी के आने पर गठनबंधन का न तो कोई नेता पहुंचा, न ही कार्यकर्ता और न ही कोई आम आदमी पार्टी का पार्षद। यहां पर गठबंधन में भी दरार साफ देखने को मिली। आलम यह रहा कि कांग्रेस की भीड़ में इजाफा तब हुआ जब आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के समर्थकों की वजह से भीड़ दिखी।
तिवारी लोकल, फिर बाहरी का सवाल कैसे – लक्की
मनीष तिवारी को बाहरी बताया जा रहा है। इस बात पर लक्की ने कहा कि वह चंडीगढ़ के शहीद परिवार से संबंध रखते है, उनका जन्म चंडीगढ़ में हुआ है, यही वो पढ़े लिखे है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ पूरी की। उन्होंने कहा कि टंडन अमृतसर में जन्मे है और वो बाहरी है। मनीष दो बार एमपी बने और टंडन ने एक मोहल्ले का भी चुनाव नही लड़ा और वो तिवारी पर निशाना साध रहे है कि तिवारी बाहरी है।
देश की लोकलाज की लड़ाई:-तिवारी
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि यी लड़ाई देश के लोकराज को बचाने की है, संविधान को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं। हम भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम रखे वो लड़ाई लड़ रहे है, चुनाव देश को बचाने के लिए लड़ा जारहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति में 43 साल हो गए और पार्टी ने उन पर विश्वास जता कर 3 संसद सीट पर उन्हें खड़ा किया।
इंडी गठबंधन नहीं जीता तो देश से लोकतंत्र खत्म
तिवारी ने कहा कि इस समय देश से लोकराज खत्म हो रही है। अगर लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन नहीं जीता तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। उन्होंने लोगों से लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए गठबंधन को वोट करने का आग्रह किया।
नाराज लोगों को मनाते दिखे तिवारी
मनीष को उम्मीदवार घोषित करने के बाद से कई नेता नाराज चल रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए ऐसे नेताओं को भी कहा कि आपसी गिले- शिकवे भूल कर जीतने का समय है। उन्होंने कहा कि जो लोग यहां नही आए है वो इस देश को बचाने की मुहिम में अपना योगदान दे। सब एक साथ मिलकर इस लड़ाई को लड़े।
विचारात्मक लड़ाई न कि व्यक्तिगत
अपने संबोधन में तिवारी ने कहा कि उन्होंने अपने 43 साल के राजनीतिक करियर में कभी भी किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है। यह चुनाव विचारात्मक लड़ाई है व्यक्तिगत नहीं। अगर कोई व्यक्तिगत होगा तो फिर उसका जवाब देना उन्हें आता है। मनीष तिवारी ने कहा कि वो गुरुओं की धरती से तप कर अपनी जन्मभूमि पर आए है, अगर कोई पर्सनल टिप्पणी करेगा तो फिर उसका जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा।
लक्की हटाओ कांग्रेस बचाओ
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया। सभी पदाधिकारियों ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इन नेताओं ने दो टूक बात करते हुए कहा कि लक्की ने जिस तरह से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल के बारे में अपशब्द कहे वो हर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची है।
लक्की ने बंसल के बारे में अपने इंस्टाग्राम की स्टोरी में पोस्टर जारी किया जिसमें लिखा है कि “पवन बंसल के साथ खेल हो गया”।
इसके अलावा लक्की के व्हाट्स एप ग्रुप्स में बंसल को जिद्दी तानाशाह कह कर उनके बारे में अपशब्द कहा जा रहा है।
कांग्रेस के पदों से अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि पिछले 6 महीने से कांग्रेस के कार्यालय में पार्टी के हित की बजाय प्रॉपर्टी डीलिंग की दुकान से खुल गई है। यही नहीं कई घटनाक्रम के दौरान आलाकमान के नेताओं का चरित्र हनन भी किया जाता रहा है। कार्यकर्ताओं से मारपीट की घटनाएं आम सी है। जिसके कारण आम कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय जाना बंद कर दिया।
यह सभी कार्यकर्ता एक आम कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए वफादारी से काम करेंगे आने वाले वक्त में।
इस्तीफा देने में शामिल है दीपा दुबे, हाफिज अनवर उल हक , विनोद शर्मा ,हरफूल कल्याण , नसीब जाखड़ , रवि ठाकुर, ओम प्रकाश सैनी , मुकेश राय, रवि शाह, बंटी नारंग, हाकम सरहदी, अभिषेक शैंकी, परीक्षित राणा, गुरमीत सिंह, अमित लहरिया, सनी मलिक, आशीष , गुरविंदर सिंह, उमेश सेठी, रोहित यादव, यशदीप, सरोज शर्मा, इंदु अग्रवाल, ममता देवी, नितिन राय चौहान, सुनीता देवी, साहिल , मनोज गर्ग, अंकुर ठाकुर, शिव सोनी, आकाशदीप, हितेश राणा, नितिन राणा, रिशु पॉल, विशाल, अश्विनी, मनोज गर्ग, विनायक बंगिया, सुनील, सुखदेव सिंह, दलजीत,गुड्डू, ने कांग्रेस के पदों से इस्तीफा दिया है।
बीजेपी नाराज़ कोंग्रेसी से संपर्क कर रही
वहीं, पूरे घटनाक्रम में बीजेपी क़ी पूरी नज़र बनी हुई है l बीजेपी क़ी और से नाराज़ कोंग्रेसी से सम्पर्क भी साधा जा रहा है l बीजेपी क़ी कोशिश कांग्रेस क़ी सड़क क़ी लड़ाई का फायदा उठाने क़ी जा रही है l कांग्रेस के सीनियर नेता चावला मनाने आएं : वहीं, सूत्र कहते है क़ी पार्टी के सीनियर नेता सुभाष चावला नाराज़ कोंग्रेसी नेताओं से मिलने भी गए l चावला ने मनाने क़ी कोशिश क़ी l उधर, कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत गबी और सचिन गालव के इस्तीफे क़ी चर्चा ने जोर पकड़ा हुआ था l इस बीच गबी और गालव ने इससे इंकार कर दिया l