पाकिस्तान की श्री कटासराज यात्रा का सुखद अनुभव सदैव स्मरणीय रहेगा : विश्व सिंह बजाज

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर -16 मार्च :

केंद्रीय सनातन धर्म सभा की ओर से महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में श्री कटासराज धाम यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा 6 मार्च से लेकर 12 मार्च तक निर्धारित की गई थी। इस बार केंद्रीय सनातन धर्म सभा के अथक प्रयासों से इस बार वीजा संख्या में भी पहले की अपेक्षा बढ़ोतरी हुई। यात्रा का नेतृत्व केंद्रीय सनातन धर्म सभा के राष्ट्रीय महासचिव विश्व सिंह बजाज द्वारा किया गया। यात्रा के जत्था लीडर विश्व सिंह बजाज ने बताया कि यात्री जत्था के अटारी बॉर्डर से वाघा बॉर्डर में प्रवेश करते ही इवेक्यू बोर्ड पाक के अधिकारियों ने बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ उनका एवं सभी यात्रियों का भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया। जत्था लीडर विश्व सिंह बजाज ने यात्रा वृतांत को शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए मीडिया से विशेष रूप से बात की। बजाज ने बताया कि श्री कटासराज धाम जिला चकवाल पाकिस्तान हिंदुओं की एक पवित्र स्थल की यात्रा हैं, यह यात्रा पिछले 42 वर्षों से निरंतर चली आ रही है। यात्रा को केंद्रीय सनातन धर्म सभा के ब्रह्मलीन बक्शी आश्चर्यज लाल जी के अथक प्रयासों से प्रारंभ किया गया था। इस यात्रा को शुरू करवाने के लिए उन्होंने अपने जीवन के 35 वर्ष तक संघर्ष किया।

1947 से लेकर 1982 तक इसी काम के लिए इस यात्रा के लिए अथक प्रयास करते रहे। उनका उद्देश्य था कि हिंदुओं के लिए भी अपने तीर्थ स्थान के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो सके। इस कार्य को परंपरा के रूप में उनके सुपुत्र शिव प्रताप बजाज द्वारा बढ़ाया गया। शिव प्रताप बजाज केंद्रीय सनातन धर्म सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यात्रा का मार्ग दर्शन करते आ रहे थे। उनके नेतृत्व में यह यात्रा अग्रसर होती रही है। श्री कटास राज जी वही पवित्र स्थान है जिनका उल्लेख हमारे ग्रंथ और शास्त्रों में आता है। जब भगवान शिव जी के नेत्रों से आंसू छलके थे तो वह धरती पर दो जगह पर पर गिरे थे। ऐसी मान्यता है कि शिव के आंसू छलक जाने से पुष्कर राज राजस्थान में और श्री कटास राज जी जिला चकवाल पाकिस्तान में एक जल स्त्रोत का निर्माण हो गया। जिसे आज हम सभी श्री अमरकुंड जी के नाम से जानते हैं। महाभारत काल में भी श्री कटासराज धाम का उल्लेख मिलता है। इसी तीर्थ स्थल पर ही भगवान यक्ष द्वारा युधिष्ठिर से प्रश्नोत्तर किए गए थे।

पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टि से यह बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थान माना जाता है। हर वर्ष की भांति इस बार भी महाशिवरात्रि के उपलक्ष में हिंदुस्तान से श्री कटासराज यात्रा का आयोजन किया गया। विश्व सिंह बजाज ने बताया कि बॉर्डर से लेजाकर यात्रियों को लाहौर में रात्रि विश्राम करवाया गया। अगले दिन सुबह 7 मार्च को सभी यात्री श्री कटास राज धाम के लिए अपनी बसों से रवाना हुए। अगले दिन 8 मार्च महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सभी यात्रियों ने श्री कटासराज धाम में प्रातः से ही भगवान श्री भोलेनाथ जी के मंदिर में शिवलिंग  पर जलाभिषेक किया। सभी श्रद्धालुओं ने दुग्ध धारा और फल फूलों से पूजा अर्चना आरंभ कर दी। इसके उपरांत साढ़े ग्यारह बजे तीर्थ स्थल पर एक हवन यज्ञ भी किया गया,जिसमें  श्रद्धालुओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। विश्व सिंह बजाज ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन ही  संध्या आरती के समय श्री हनुमान चालीसा जी का पाठ सभी यात्रियों ने मिलकर श्रद्धा भाव के साथ किया। धार्मिक आयोजन के उपरांत आतिशबाजी का बहुत ही सुंदर आयोजन हुआ जिसकी यात्रियों द्वारा सराहना की गई। यात्रा के दौरान पाकिस्तान सरकार इवेक्यू बोर्ड के अंडर सेक्रेटरी राणा शाहिद सलीम द्वारा श्री कटास राज यात्रा के जत्थालीडर विश्व सिंह बजाज एवं अन्य यात्रियों को भी सरोपा भेंट करके सम्मानित किया गया। जत्था लीडर विश्व सिंह बजाज ने बताया कि इस यात्रा के दौरान एक नया अध्याय और जुड़ गया जो 1200 साल पुराना भगवान वाल्मीकि मंदिर दर्शन से सम्बंधित रहा। यह मंदिर लाहौर के नीला गुंबद चौक एरिया के नजदीक है। मंदिर की जानकारी मिलते ही विश्व सिंह बजाज ने इवेक्यू बोर्ड के अधिकारियों से बात की और उन्होंने मंदिर में भी पूजा अर्चना करने की इजाजत भी दिलवाई।

मंदिर में भगवान वाल्मीकि जी की पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा इस यात्रा के दौरान श्री कृष्ण मंदिर लाहौर एवं श्री लव जी की समाधि लाहौर के भी दर्शन किए सभी यात्रियों ने मिलकर किए। यात्रा की सफलता को लेकर जत्था लीडर एवं केंद्रीय सनातन धर्म सभा के राष्ट्रीय महासचिव विश्व सिंह बजाज ने भारत सरकार एक्सटर्नल अफेयर्स और पाकिस्तान एंबेसी एवं सभा के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया है।