ब्रह्माकुमारी के सहयोग से दिल्ली-एनसीआर के लिए नशा मुक्त भारत अभियान रवाना

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ब्रह्माकुमारी के सहयोग से दिल्ली-एनसीआर के लिए नशा मुक्त भारत अभियान वाहन रवाना किया

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 15 फरवरी

सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए  डीएआईसी,नई दिल्ली से एनएमबीए को समर्पित एक वाहन को हरी झंडी दिखाई। इस तरह के प्रदर्शनी से युक्त और गतिशील मॉडल भीड़ को आकर्षित करते हैं (चाहे वे युवा हों, स्कूलों में बच्चे हों, बाहरी स्थानों जैसे बाजार स्थानों, ट्रेन स्टेशनों आदि पर मौजूद जनता हो) और वे एनएमबीए जागरूकता संदेश सुनते और देखते हैं। साथ ही, वाहन के चारों तरफ नशामुक्ति से संबंधित प्रदर्शनी भी नजर आ रही है।

सचिव, एसजेई ने एनएमबीए वाहन लॉन्च किए जाने और नशा मुक्त भारत अभियान के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक संचालन के लिए ब्रह्माकुमारी को बधाई दी।इसके अलावा, प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रेरक बहन बी के शिवानी द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान और व्यसन पर दिए गए एक व्याख्यान ने सभी को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमें खुद को सशक्त बनाना होगा, तभी हम देश के नागरिकों के बीच नशा मुक्त भारत अभियान का संदेश फैला सकते हैं।ओम शांति रिट्रीट सेंटर, मानेसर की प्रबंधन समिति सदस्य और निदेशक राजयोगिनी बी के आशा दीदी ने नशे के कारणों के बारे में बात की और इस अवसर पर अपना आशीर्वाद दिया। उन्होंने इच्छा शक्ति बढ़ाने का भी संदेश दिया।

मादक द्रव्य सेवन का विकार एक ऐसा मुद्दा है जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि उनके परिवारों और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। विभिन्न साइकोएक्टिव (मनो-सक्रिय) पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की इस पर निर्भरता बढ़ती है।कुछ पदार्थों के मिश्रण से न्यूरो-मनोरोग संबंधी विकार, हृदय संबंधी रोग, साथ ही दुर्घटनाएं, आत्महत्याएं और हिंसा हो सकती है। इसलिए, मादक द्रव्यों के सेवन और इन पर निर्भरता को एक मनो-सामाजिक-चिकित्सीय समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।नशीली दवाओं की मांग के खतरे को रोकने के लिए, भारत सरकार का सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई), नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) लागू कर रहा है। इसके तहत निवारक शिक्षा और जागरूकता सृजन, क्षमता निर्माण, कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण, नशीली दवाओं के आदी रह चुके लोगों को आजीविका सहायता के लिए राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही, नशे के आदियों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र (एलआरसीए) चलाने और रखरखाव के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता और व्यसनों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र (एलआरसीए), किशोरों में शुरुआती स्तर पर नशीली दवाओं के उपयोग की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित सहकर्मी हस्तक्षेप (सीपीएलआई) और सरकारी अस्पतालों में आउटरीच और ड्रॉप इन सेंटर (ओडीआईसी) व्यसन उपचार सुविधाएं (एटीएफ) चलाने और रखरखाव के लिए गैर सरकारी संगठन/वीओ को और कमी वाले चिह्नित जिलों में जिला नशामुक्ति केंद्र (डीडीएसी) खोलने के लिए सहायता दी जाती है।

इसके अलावा मंत्रालय ने महत्वाकांक्षी नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है जो वर्तमान में देश के 372 जिलों में चल रहा है। इसका उद्देश्य युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, जिसमें उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों पर विशेष जोर के साथ समुदाय तक पहुंचना और अभियान में सामुदायिक भागीदारी और जिम्मेदारी लाने पर ध्यान देना शामिल है। एनएमबीए की उपलब्धियां इस प्रकार हैं।अब तक जमीनी स्तर पर की गई विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 10.73 करोड़ से अधिक लोगों से संपर्क किया जा चुका है।372 चिह्नित जिलों में अभियान से संबंधित गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए 8,000 मास्टर स्वयंसेवकों का चयन और प्रशिक्षण किया गया है।3.39 करोड़ से अधिक युवाओं ने अभियान की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया है और नशीले पदार्थों के उपयोग के खिलाफ संदेश फैलाया है। लगभग 4,000 से अधिक युवामंडल, एनवाईकेएस और एनएसएस स्वयंसेवक, युवा क्लब भी इस अभियान से जुड़े हुए हैं।आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, महिला मंडलों और महिला एसएचजी के माध्यम से बड़े समुदाय तक पहुंचने में 2.27 करोड़ से अधिक महिलाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है।फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हैंडल बनाकर और उन पर दैनिक अपडेट साझा करके अभियान के संदेश को ऑनलाइन फैलाने के लिए प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया है।

जिलों और मास्टर स्वयंसेवकों द्वारा रियल टाइम के आधार पर जमीनी स्तर पर होने वाली गतिविधियों के डेटा को हासिल करने के लिए एक एंड्रॉइड आधारित मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर रखा गया है।जनता की पहुंच को आसान बनाने के लिए सभी नशामुक्ति सुविधाओं को जियो-टैग किया गया है।एनएमबीए के तहत विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने और उसके बैनर के तहत एनएमबीएक के संदेश के प्रसार के लिए धार्मिक/आध्यात्मिक संगठनों के सहयोग से विशेष पहल की गई है,

इस दिशा में एक कदम उठाते हुए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने युवाओं, महिलाओं, छात्रों आदि के बीच नशामुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के संदेश को फैलाने के लिए डॉ. वीरेंद्र कुमार, एचएमएसजेई की उपस्थिति में 4.3.2023 को ब्रह्माकुमारी, माउंट आबू के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार, ब्रह्माकुमारीज ने युवा महिलाओं सहित लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए एनएमबीए के तहत कई कार्यक्रम किए हैं।