Police Files, Jalandhar – 01 February, 2024

कमिश्नरेट पुलिस ने 5 किलो अफीम के साथ 3 महिलाओं समेत 5 तस्करों को किया गिरफ्तार

संदीप वर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर, 01 फरवरी

कमिश्नरेट पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 5 किलो अफीम के साथ तीन महिलाओं सहित पांच प्रवासी ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है।जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि शहर में तस्करों का एक गिरोह सक्रिय है। उन्होंने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस पार्टी ने बुधवार को बाबा बुड्ढा फ्लाईओवर पर जाल बिछाया। स्वपन शर्मा ने बताया कि पुलिस पार्टी ने कपूरथला रोड की तरफ से तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को आते देखा।बताया कि जब पुलिस पार्टी ने उक्त व्यक्तियों की गहनता से जांच की तो दोनों व्यक्तियों के पास से 2 किलोग्राम अफीम (1 किलोग्राम प्रति व्यक्ति) बरामद हुई।  स्वपन शर्मा ने बताया कि महिलाओं के बैग की तलाशी के दौरान तीन किलोग्राम (एक-एक किलोग्राम) तथा पांचों तस्करों के पास से कुल 5 किलोग्राम अफीम बरामद की गयी।पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जो झारखंड राज्य के निवासी हैं और उनकी पहचान बब्लू कुमार विश्कर्मा पुत्र केदार मिस्त्री निवासी ग्राम जिला चतरा झारखंड, प्रदीप विश्कर्मा पुत्र स्वर्गीय उपेन्द्र विश्कर्मा निवासी जिला चतरा झारखंड, फुलवती देवी निवासी जिला चतरा झारखंड, प्रतिमा देवी निवासी जिला पलामू झारखंड और आरती देवी निवासी जिला चतरा झारखंड के रूप में हुई है।

कमिश्नरेट पुलिस ने 2.5 क्विंटल नशीले पदार्थ को किया नष्ट

संदीप वर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर, 01 फरवरी

पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के नेतृत्व में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने बुधवार को तस्करों से जब्त की गई बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं को नष्ट कर दिया। जानकारी देते हुए पुलिस आयुक्त ने बताया कि नशे के खिलाफ वित्तीय युद्ध के दौरान पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ विभिन्न मामले दर्ज कर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किए है। उन्होंने कहा कि एन.डी.पी.एस  अधिनियम की धारा 52ए के तहत औषधि निपटान समिति द्वारा केस संपत्ति को नष्ट कर दिया जाता है।  स्वप्न शर्मा ने बताया कि डीसीपी अंकुर गुप्ता, एडीसीपी आदित्य वारियर और संजय कुमार के नेतृत्व में ड्रग डिस्पोजल कमेटी ने नशीली दवाओं को नष्ट किया।पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आज नष्ट किए गए नशीले पदार्थों में 261 किलो पोस्त, 2.9 किलो हेरोइन, 4.5 किलो गांजा और 740 ग्राम नशीला पाउडर शामिल है। जिले से नशाखोरी को खत्म करने के लिए कमिश्नरेट पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस इस जघन्य अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। स्वपन शर्मा ने कहा कि मानवता के खिलाफ इस अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कमिश्नरेट पुलिस द्वारा बख्शा नहीं जाएगा।पुलिस आयुक्त ने कहा कि एक तरफ नशे की सप्लाई को रोकने और दूसरी तरफ इसे जड़ से खत्म करने के लिए कमिश्नरेट पुलिस द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य जोर जालंधर को नशे से मुक्ति सुनिश्चित करने पर है और इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और इस संकट को खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। स्वपन शर्मा ने नशे के खिलाफ वित्तीय युद्ध में आम लोगों से पूर्ण समर्थन और सहयोग मांगा और कहा कि जालंधर को नशा मुक्त जिला बनाने का मिशन उनके सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है।

डिप्टी कमिश्नर ने सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायजा

संदीप वर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर, 01 फरवरी

डिप्टी कमिश्नर जालंधर विशेष सारंगल ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के अनुसार, सिविल सर्जन, एस.एम.ओ. और मैडीकल सुपरीडैंट यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी मरीज को सरकारी अस्पताल के बाहर से दवा न लेनी पड़े क्योंकि मरीजों को सभी आवश्यक दवाएं मुफ्त देने के लिए जिला प्रशासन ने सभी सरकारी अस्पतालों को आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवा दी है।इस दौरान डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने आज सिविल अस्पताल का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया।उन्होंने सिविल अस्पताल में दवाओं के स्टॉक, मैडीकल सुविधाओं का जायजा लिया और मरीजों से बातचीत कर आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तुरंत समाधान करने के आदेश दिए।उन्होंने सिविल सर्जन और एस.एम.ओज. को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा निर्देश है कि किसी भी मरीज को सरकारी अस्पताल से बाहर दवा खरीदने के लिए न जाना पडे, इसलिए सभी एस.एम.ओ. यह सुनिश्चित करे कि डाक्टर मरीजों को सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध दवाएं ही लिखें क्योंकि अस्पतालों में सभी आवश्यक दवाएं पहले से ही उपलब्ध है।डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा कि यदि कोई दवा अस्पताल के स्टॉक में उपलब्ध नहीं है, तो उसकी खरीद के लिए एस.एम.ओ. को फंड जारी कर दिए गए है, ताकि जरूरत अनुसार दवा खरीद कर मरीज को दी जा सके।उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी उपलब्ध करवायी जाए। इसके अलावा एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउंड के लिए 43 निजी संस्थानों को भी अधिकृत किया गया है, जहां मरीज सरकारी दर अनुसार एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउंड करवा सकते है।इसके लिए निर्धारित फीस केवल सरकारी अस्पताल में ही जमा की जाएगी तथा निजी संस्थान में किसी भी प्रकार की फीस देने की आवश्यकता नहीं होगी। इन 43 संस्थाओं में से 21 संस्थाओं ने काम शुरू कर दिया है जबकि बाकी संस्थाएं भी अगले कुछ दिनों में काम शुरू कर देंगी।इसके अलावा उन्होंने सिविल सर्जन और एसएमओ को पी.एच.सी., सी.एच.सी. का निजी तौर पर दौरा कर मैडीकल सुविधाओं की उपलब्धता जांचने को भी कहा।इससे पहले डिप्टी कमिश्नर ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) मेजर डा. अमित महाजन, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) जसबीर सिंह, सिविल सर्जन और सभी एस.एम.ओ के साथ भी बैठक की।