मध्य प्रदेश के प्रिय ‘मामा’ को हटा संघ के प्रिय ‘मोहन’ बने मुख्य मंत्री अब ‘मामा’ के भविष्य पर क्या फैसला होगा।

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया गया है। सोमवार को भोपाल में हुई विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई गई। शिवराज सिंह चौहान अब केंद्र की राजनीति में शिफ्ट होंगे? उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी लोकसभा चुनाव से पहले दी जा सकती है। यह जिम्मेदारी सरकार में होगी। नरेंद्र सिंह तोमर के इस्तीफे के बाद कृषि मंत्रालय खाली है। अटकलें हैं कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में नरेंद्र सिंह तोमर की जगह मिल सकती है। नरेंद्र सिंह तोमर एमपी विधानसभा के अध्यक्ष बन गए हैं। हालांकि सवाल है कि शिवराज सिंह चौहान इसके तैयार होंगे या नहीं?

सारीका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 11 दिसम्बर  :

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बेहद शानदार जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी पर सबसे बड़ा और सबसे मुख्य सवाल यह था की अब इन राज्यों की बागडोर किसके हाथ में सौंपी जाएगी और कौन होगा नया मुख्यमंत्री। इतने दिन के इंतजार और सोच विचार के बाद अब एक एक करके भाजपा अपने पत्ते खोल रही है, और मुख्यमंत्री की घोषणा कर रही है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मोहन यादव के नाम की घोषणा के बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौंप दिया है। इसके बाद उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। अब शिवराज सिंह चौहान क्या करेंगे। उन्हें जब इस बात का अंदेशा हो गया था कि अब वह सीएम नहीं होंगे तो कुछ दिनों पहले कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। अब आलाकमान ने फैसला ले लिया है। इसके बाद उनके भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

हालांकि यह भी अटकलें हैं कि उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बनाकर राजनीतिक पारी को विराम दिया जा सकता है। वहीं, इसके लिए शिवराज सिंह चौहान तैयार होंगे। यह मुश्किल है। शिवराज सिंह चौहान नतीजों के बाद से ही मध्य प्रदेश में एक्टिव हो गए हैं। वह लगातार मिशन-29 के लिए जुट गए हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि मैं मध्य प्रदेश को नहीं छोड़ रहा हूं। मध्य प्रदेश से आगामी विधानसभा चुनाव में 29-29 सीटें जीतकर मोदी जी के गले में डालूंगा।

वहीं, एक चर्चा यह भी है कि उन्हें संगठन में कोई बड़ी भूमिका दी जा सकती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जब उनकी हार हुई थी तो पार्टी ने उन्हें उपाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उन्हें सदस्यता अभियान का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया गया था। उस समय भी शिवराज सिंह चौहान वहां नहीं जाना चाहते थे लेकिन पार्टी के फैसले के खिलाफ भी नहीं जा सके थे।

गौरतलब है कि अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी है कि शिवराज सिंह चौहान के भविष्य पर क्या फैसला होगा। वहीं, भोपाल में अपने लिए उन्होंने सीएम रहते हुए दूसरा घर तैयार करवा लिया था। साथ ही अपनी लाडली बहनों को भी संकेत दे दिए थे कि मैं जब चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा। अब शिवराज सिंह चौहान चले गए हैं और लाडली बहनों को एक सप्ताह पहले सातवीं किस्त की राशि मिली है। ऐसे में उनके अगले कदम पर लोगों की निगाहें टिकी हैं।