पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनाधिकृत वीजा एजेंटों के खिलाफ याचिका स्वीकार की

  • पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनाधिकृत वीजा एजेंटों के खिलाफ याचिका स्वीकार की : 12  दिसम्बर को होगी सुनवाई 
  • अदालत ने केंद्र सरकार के साथ-साथ पंजाब-हरियाणा सरकारों से जवाब तलब किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 04 दिसम्बर  :

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इमीग्रेशन एजेंसी के लिए आहर्ता निर्धारित करने के साथ-साथ अनधिकृत इमीग्रेशन एजेंटों द्वारा युवाओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कानून बनाने एवं अधिकृत वीज़ा एजेंटों की सूची जारी करने की मांग वाली एक जनहित याचिका को स्वीकार कर केंद्र सरकार के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा की सरकारों को नोटिस भेज कर जवाब तलब किया है। करनाल के समाजसेवी अरविंद कुमार द्वारा दायर कि गई याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत ने 12 दिसम्बर की तारीख निश्चित की है। अरविंद कुमार कनाडा  की अधिकृत संस्था से मान्यता प्राप्त परामर्शदाता हैं। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि पंजाब और हरियाणा में उपायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक वीजा एजेंटों को मंजूरी देते रहे हैं जबकि लाइसेंस संबंधित देशों के इमीग्रेशन विभाग या वहां की नियामक संस्था द्वारा दिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, एजेंट या सलाहकार या किसी विशिष्ट देश के लिए वीजा पर काम करने वालों को उस देश के नियामक प्राधिकरण से उसके कानूनों का अनुपालन करते हुए लाइसेंस प्राप्त करना चाहिए। विशेष रूप से, अवैध वीजा एजेंटों के मुद्दे ने वीजा सुविधा प्रक्रियाओं की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता के बारे में चिंता पैदा कर दी हैं। अनधिकृत आव्रजन एजेंटों में वृद्धि के साथ, वीजा चाहने वाले व्यक्तियों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकृत वीजा एजेंटों की सत्यापित सूची की कमी ने आवेदकों के बीच काफी असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे संभावित शोषण और वित्तीय जोखिम हो सकते हैं। विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में ऐसे एजेंटों का प्रसार देखा गया है जो संबंधित देश से उचित मान्यता या अनुमोदन के बिना वीजा प्रक्रियाओं में सहायता करने का दावा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप एक अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है, जहां बिना सोचे-समझे आवेदक धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनके वित्त और विदेश यात्रा की आकांक्षाएं दोनों खतरे में पड़ जाती हैं। उन्होंने अनधिकृत एजेंटों के हाथों युवाओं को प्रताड़ित होने से बचाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी। उनका कहना है कि इमिग्रेशन पॉलिसी के अनुसार जिस देश का वीजा लगवाने के लिए एजेंट काम करता है उसे संबंधित देश ही लाइसेंस दे सकता है। हाईकोर्ट ने एजेंटों के हाथों प्रताड़ित होने वाले युवाओं से जुड़ी जानकारी इस सुनवाई पर सौंपने का याची को आदेश दिया था। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली। संबंधित प्रतिवादी पक्षों से इस संबंध में जवाब मांगा है।