स्टार्टअप शुरू करने से पहले माॅर्केट रिसर्च जरूरी : दीपांशु राघव
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 27 अक्टूबर :
डीएवी गल्र्स कालेज के अर्थशास्त्र विभाग व एकेडमिक कांउसिल के संयुक्त तत्वावधान में स्किल डवलेपमेंट वर्कशाप का आयोजन किया गया। आईबीएम स्किल्स बिल्ड दिल्ली से आए सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट दीपांशु राघव व एक सोच नई सोच एनजीओ के फाडंडर शशि गुप्ता मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम काॅलेज प्रिंसिपल डाॅ मीनू जैने के निर्देशानुसार हुआ। अध्यक्षता अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष डाॅ अनीता मौदगिल ने की। वर्कशाप में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।
दीपांशु राघव ने कहा कि दो तरह की इंटरप्रोन्योरशिप पर चर्चा की है। जिसमें सोशल इंटरप्रोन्योरशिप व नाॅर्मल इंटरप्रोन्योरशिप शामिल है। सोशल इंटरप्रोन्योरशिप में समाज की भलाई पर भी विचार विमर्श किया जाता है। जबकि इंटरप्रोन्योरशिप में सिर्फ फायदें की बात कही गई है। किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने से पहले माॅर्केट रिसर्च जरूरी होती है। इसके अलावा मैनेजमेंट स्किल, कम्यूनिकेशन स्किल, नेटवर्किंग इत्यादि भी बहुत जरूरी है। उन्होंने व्यवसाय के तीन चरणों के बारे में विस्तार से चर्चा की। स्टार्टअप के पहले चरण में खर्चा होता है। दूसरे चरण में खर्च व कमाई बराबर होती है। तीसरे चरण में व्यवसाय मुनाफा देना शुरू कर देता है। सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक वातारण किस प्रकार से बिजनेस को प्रभावित करता है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। राघव ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में वेबसाइट बनाकर सरकार की योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को सरल भाषा में जानकारी मुहैया करवाने की मुहिम शुरू की। शशि गुप्ता ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए सोशन इंटरप्रोन्योरशिप आगे बढने की सीढी है। उन्होंने छात्राओं को साक्षात्कार के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। साथ ही नौकरियों संबंधी जानकारी के लिए विभिन्न वेबसाइट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महज डिग्री प्राप्त करने से करियर नहीं बनता, हमंे स्किल डवलेपमेंट पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट समाचार पत्र अवश्य पढे। किसी भी आइडिया पर दो साल तक काम अवश्य करें। कार्यक्रम के सफल आयोजन में शैली चैहान, पारिका उप्पल, जसमीत कौर, वृंदा भाटिया व अमनप्रीत कौर ने सहयोग दिया।