पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 18 सितम्बर 2023 :
नोटः आज हरितालिका तीज व्रत है। एवं कंलक चतुर्थी है। आज चंद्र दर्शन निषेध है।
हरितालिका तीज व्रत: वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 सितंबर सुबह 11:08 से प्रारंभ होगी और 18 सितंबर दोपहर 12:39 पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत 18 सितंबर 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा।
कंलक चतुर्थी: देशभर में जहां 19 सितंबर को धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। वहीं, 18 सितंबर को कलंक चतुर्थी भी आ रही है। पौराणिक मान्यता के अनुसार 18 सितंबर की रात अगर कोई व्यक्ति गलती से चंद्रमा के दर्शन कर ले तो उसे झूठे लांछन का आरोप भी सहना पड़ता है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः भाद्रपद,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः तृतीया दोपहर काल 12.40 तक,
वारः सोमवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः चित्रा दोपहर काल 12.08 तक है,
योगः ऐन्द्र रात्रि काल 04.24 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः तुला,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.11, सूर्यास्तः 06.19बजे।