पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 13 सितम्बर 2023 :
नोटः आज मासशिवरात्रि व्रत तथा अघोरा चतुर्दशी व्रत है।
अघोरा चतुर्दशी व्रत : अघोर चतुर्दशी को लेकर कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के गण, भूत-प्रेत आदि को स्वतंत्रता प्राप्त होती है। अघोर चतुर्दशी के अगले दिन कुशाग्रहणी अमावस्या पर सालभर के धार्मिक कार्यों के लिए कुश एकत्र की जाती है। प्रत्येक धार्मिक कार्य के लिए इस कुश का इस्तेमाल किया जाता है। इस दिन भगवान शिव का ध्यान करें।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः भाद्रपद,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः चतुर्दशी रात्रि काल 04.50 तक है,
वारः बुधवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मघा रात्रि काल 02.01 तक है,
योगः सिद्ध रात्रि काल 02.07 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः सिंह, चन्द्र राशिः सिंह,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.09, सूर्यास्तः 06.25 बजे।