पौराणिक इतिहास है रक्षाबंधन के त्यौहार का : बीनू राव

संदीप सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 30 अगस्त :

आज रक्षाबंधन के महत्वपूर्ण पर्व पर पंचकूला की मशहूर शिक्षाविद् बीनू राव ने अपनी अकादमी में बच्चों को राखी के पौराणिक इतिहास के बारे में बताया कि राखी के त्यौहार की शुरुआत भगवान इंद्र की पत्नी शची से हुई, जिन्होंने दुष्ट राजा बाली से अपनी रक्षा के लिए अपने पति को राखी बांधी थी। इसलिए सभी पत्नियां इस शुभ दिन पर अपने पतियों को राखी बांधती थीं। लेकिन, बाद में यह त्योहार भाई-बहन के बीच एकता और प्रेम बनाए रखने के लिए मनाया जाने लगा।

हिंदूओं का मुख्य त्योहार है रक्षाबंधन

यह त्योहार भारत में हिंदुओं और विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। बीनू राव ने बताया की रक्षाबंधन का त्यौहार भारत ही नहीं अपितु नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस आदि देशों के लोग भी इस त्योहार को बहुत समर्पण और सम्मान के साथ मनाते हैं। क्षेत्रों के आधार पर इस त्योहार को अलग-अलग नाम दिया गया है। दक्षिण भारत में इसे अवनि अवतार कहा जाता है और कुछ क्षेत्रों में इसे कजरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। शिक्षाविद् बिनू राव ने कहा की हिंदू धर्म में सभी त्योहारों का ऐतिहासिक महत्व है और सभी आपस में मिलजुल कर रहने की प्रेरणा देते हैं